पायलट कैसे बने? | योग्यता, पात्रता, वेतन व अप्लाई प्रक्रिया | Pilot kaise bane

|| पायलट कैसे बने? | Pilot kaise bane | Pilot banne ke bare mein puri jankari | Pilot banne ke liye kya kare | पायलट के प्रकार | Pilot types in Hindi | एयरफोर्स पायलट बनने की प्रक्रिया | Airforce pilot kaise bane | पायलट की सैलरी कितनी होती है? (Pilot ki salary kitni hoti hai ||

Pilot kaise bane :– हर कोई अपने जीवन में कुछ ना कुछ करना चाहता है, कोई डॉक्टर बनना चाहता है तो कोई चित्रकार तो कोई फैशन डिज़ाइनर तो कोई कुछ। अब इसी में कुछ लोग पायलट बनने का सपना भी देखते हैं बल्कि यह तो लगभग ज्यादातर लोगों का सपना होता (Pilot kaise bana jata hai) है। आखिरकार आसमान में उड़ान कौन नहीं भरना चाहेगा और जब उस चीज़ के पैसे मिले और वो भी भर भर कर तो इसमें बुराई ही क्या है।

जी हां, सही सुना आपने, यदि कोई व्यक्ति पायलट बन जाता है तो उसकी सैलरी अन्य जॉब्स की तुलना में बहुत ज्यादा होती है और वह महीने का लाखों रूपया कमा रहा होता है। साथ ही उसे सम्मान मिलता है वो अलग। समाज में उसे ज्यादा महत्ता दी जाती है तथा वह एक ही दिन में रंक से राजा बन चुका होता है। यही कारण है कि बहुत से लोग पायलट बनने का सपना देख रहे होते हैं लेकिन उन्हें इसके बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता (Pilot banne ke bare mein puri jankari) है।

यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि पायलट बनना तो बहुत लोग चाहते हैं लेकिन इसके लिए क्या किया जाए और उसकी क्या कुछ प्रक्रिया होती है, इसके अभाव में बहुत लोग पायलट बनने से चूक भी जाते हैं। ऐसे में यदि आप भी पायलट बनने को इच्छुक हैं और इसके बारे में संपूर्ण जानकारी लेने को इस लेख पर आये हैं तो आज हम आपके साथ उसी के बारे में ही बात करने वाले (Airforce pilot kaise bane) हैं।

पायलट कैसे बने? (Pilot kaise bane)

क्या आप वाकई में पायलट बनने के प्रति गंभीर हैं और इस दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं, यदि ऐसा है तो आपका यह कदम स्वागत योग्य है लेकिन उससे पहले आप इसके बारे में समूची जानकारी ले लेंगे तो बेहतर रहेगा। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो अधूरी जानकारी के साथ ही इस दिशा में आगे बढ़ जाते हैं और फिर बाद में चल कर उनका पायलट के रूप में चयन नहीं हो पाता (Pilot banne ke liye kya kare) है।

Pilot kaise bane

ऐसे में यदि आप भी इस अनचाही स्थिति का सामना नहीं करना चाहते हैं और पूरी तैयारी के साथ पायलट बनने की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं तो उसके लिए आपको यह लेख बहुत ही ध्यान के साथ और अंत तक पढ़ना चाहिए। इस लेख को पढ़ कर पायलट बनने की दिशा में आपके जो भी प्रश्न है वह भी हल हो जाएंगे और इसके अलावा आपको कुछ नयी जानकारी भी पढ़ने को मिलेगी। इसलिए आइए जाने पायलट बनने के लिए आप क्या कुछ कर सकते हैं।

पायलट किसे कहते हैं? (Pilot kise kahate hain)

सबसे पहले तो आप यह जान ले कि आखिरकार यह पायलट कहा किसे जाता है और इसके लिए क्या कुछ किया जाना जरुरी होता है। तो आपने सड़क पर दौड़ते वाहन, पटरियों पर दौड़ती रेलगाड़ी, समुंद्र में जाते जहाज तथा आकाश में उड़ते हवाई जहाज से लेकर अन्य तरह के विमान देखे (Pilot kaun hota hai) होंगे। तो आकाश में तरह तरह की चीज़ें उडती है जैसे कि हवाई जहाज, हेलिकॉप्टर, लड़ाकू विमान, इत्यादि। अब जो व्यक्ति इन्हें उड़ा रहा होता है उसे ही पायलट कहा जाता है।

हालाँकि आप इसमें अंतरिक्ष में जाने वाले विमान मत ले लीजियेगा क्योंकि यह तो बहुत ही बड़ा काम होता है और वह इसरो से जुड़े वैज्ञानिक ही करते हैं। जो सामान्य तौर पर पृथ्वी के कक्ष में रह कर एक निश्चित दूरी पर उड़ते हैं उन्हें उड़ाने वाले लोगों को ही पायलट कहा जाता है। अब यह पायलट भी दो तरह के होते हैं और उसके लिए आवेदन प्रक्रिया भी एकदम भिन्न होती (Pilot meaning in hindi) है। इसलिए यदि आपको पायलट बनना है तो इन दोनों में से किसी एक का चुनाव पहले ही कर लेना चाहिए।

पायलट के प्रकार (Pilot types in Hindi)

जैसा कि हमने ऊपर पायलट की परिभाषा में ही बताया कि पायलट दो तरह के होते हैं और उसी के अनुसार ही इन्हें विभाजित किया जाता है और अलग अलग काम दिए जाते हैं। अब इनमे से एक पायलट होते हैं सरकारी पायलट अर्थात भारतीय वायु सेना के अंतर्गत काम करने वाले और दूसरे होते हैं निजी पायलट अर्थात कमर्शियल पायलट जो हवाई कंपनियों के लिए काम कर रहे होते हैं। आइए दोनों के बारे में ही जान लेते हैं।

भारतीय वायु सेना के पायलट (Indian airforce pilot in Hindi)

सबसे पहले आते हैं वह पायलट जो देश की रक्षा का काम कर रहे होते हैं और जिन्हें सामान्य पायलट से ज्यादा दक्षता चाहिए होती है। ऐसा हमने इसलिए कहा क्योंकि जो कमर्शियल पायलट होते हैं उन्हें तो बस सामान्य तौर पर हवाई जहाज या प्राइवेट हेलिकॉप्टर ही उड़ाने होते हैं जबकि जो भारतीय वायु सेना के पायलट होते हैं उन्हें तो लड़ाकू विमान, जेट इत्यादि सब उड़ाना होता है और सामान्य विमान उड़ाना तो उनके लिए दाएं हाथ का खेल होता है।

इसलिए यदि आप भारतीय वायु सेना के अंतर्गत पायलट बनने को इच्छुक हैं तो उसके लिए मेहनत भी ज्यादा करनी होती है। इसके लिए जो मेहनत होती है वह दसवीं कक्षा के बाद से ही शुरू हो जाती है और बारहवीं कक्षा को पास करने के बाद तो आपको NDA की परीक्षा को पास करना होता है। इसमें चयनित होने के बाद ही आप भारतीय वायु सेना में पायलट बनने की दिशा में आगे बढ़ पाते हैं।

DGCA के अंतर्गत कमर्शियल पायलट (DGCA commercial pilot in Hindi)

अब बात करते हैं सामान्य तौर पर या कमर्शियल पायलट बनने के बारे में। तो आप और हम हवाई जहाज या प्लेन में यात्रा तो करते ही हैं और वर्तमान समय में लोगों के द्वारा प्लेन पर यात्रा बढ़ती ही जा रही है। पहले जितने प्लेन एक दिन में उड़ा करते थे वह आज के समय में बढ़ कर पांच गुणा तक हो गए हैं और आने वाले दिनों में इनकी संख्या में बहुत ज्यादा वृद्धि होने वाली है। देखते ही देखते लोगों के पास इतना अधिक पैसा हो जाएगा कि वह प्लेन से ही आना जाना पसंद किया करेंगे।

अब यदि आपको कमर्शियल पायलट बनना है तो उसके लिए बारहवीं को पूरा करने के बाद आपको पायलट बनने की डिग्री लेनी होती है और 3 से 4 वर्ष का कोर्स करना होता है। जब आप अपना यह कोर्स पूरा कर लेते हैं तो आपको DGCA में लाइसेंस लेने के लिए आवेदन करना होता है। इस लाइसेंस को मिलने में एक से दो वर्ष का समय लग जाता है और एक बार जब आपको लाइसेंस मिल जाता है तो आप किसी भी प्राइवेट विमान कंपनी से जुड़ कर उनके लिए पायलट बनने का काम कर सकते हैं।

एयरफोर्स पायलट बनने की प्रक्रिया (Airforce pilot kaise bane)

अब यदि आप भारतीय वायु सेना या एयरफोर्स में पायलट बनने के इच्छुक हैं तो उसके लिए एक निर्धारित मापदंड का पालन करते हुए आगे बढ़ना होता है और उसके बाद ही आप एयरफोर्स में पायलट बन सकते (Air Force pilot selection process in Hindi) हैं।

यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि यदि आप वाकई में एयरफोर्स के अंतर्गत पायलट बनना चाहते हैं और देश सेवा का उत्तम कार्य करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको दसवीं के बाद से ही मेहनत करनी शुरू कर देनी (Air force pilot kaise bane) चाहिए। इसके लिए जिस प्रक्रिया से होकर गुजरना होता है, आइए उसके बारे में चरण दर चरण तरीके से जान लेते हैं।

  • सबसे पहले तो आपको किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल से अपनी दसवीं कक्षा को अच्छे अंकों के साथ पास करना होगा और उसके बाद ही आप आगे की दिशा में बढ़ पाएंगे।
  • अब जब आप दसवीं कक्षा को अच्छे अंकों के साथ पास कर लेते हैं तो 11 वीं की कक्षा में आपको अपनी स्ट्रीम के तौर पर नॉन मेडिकल का चुनाव करना होगा।
  • नॉन मेडिकल में आपको मुख्य ध्यान भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित व अंग्रेजी विषयों पर देना होगा।
  • अब इसी में ही अपनी बारहवीं कक्षा को पास करना होगा लेकिन बारहवीं कक्षा में आपके कुल अंक 50 प्रतिशत या उससे अधिक होने चाहिए।
  • यदि किसी कारणवश आपके 50 प्रतिशत से कम अंक आते हैं तो आप किसी भी स्थिति में भारतीय वायु सेना में पायलट नही बन सकते हैं।
  • अब जब आप अपनी बारहवीं कक्षा को 50 प्रतिशत से अधिक अंकों के साथ पास कर लेते हैं तो आपको NDA का फॉर्म भरना होगा क्योंकि बारहवीं के बाद भारतीय सेना के तीनो अंगों में से किसी भी एक में जाने के लिए NDA की परीक्षा को पास किया जाना आवश्यक होता है।
  • तो अब जब आप NDA का फॉर्म भर देंगे तो उसके कुछ समय बाद NDA की परीक्षा का आयोजन करवाया जाएगा जिसमे आपको बैठना होगा। ना केवल आपको इस परीक्षा में बैठना होगा बल्कि NDA के द्वारा जो कट ऑफ निकाली जाती है उसे पास भी करना होगा और उसके बाद ही आगे बढ़ा जा सकता है।
  • अब यदि आप NDA द्वारा आयोजित परीक्षा को पास कर लेते हैं तो अब आती है परीक्षा की असली घड़ी जो कि हर कोई पास नहीं कर पाता है और जो व्यक्ति इसे पास कर लेता है उसका तो भाग्य ही बदल जाता है।
  • तो यह परीक्षा की घड़ी होती है NDA के द्वारा पांच दिनों तक लिया जाने वाला साक्षात्कार और उसके लिए करवाए जाने वाले अलग अलग टेस्ट। इसमें आपका शारीरिक, मानसिक, बौधिक, आध्यात्मिक इत्यादि हर स्तर पर परिक्षण किया जाएगा और यदि आप इसमें फेल हो जाते हैं तो आपको अगले वर्ष पूरी प्रक्रिया को फिर से दोहराना होगा।
  • साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि यह भारतीय सेना की भर्ती हो रही है तो इसमें आरक्षण को आधार बना कर किसी जाति को महत्ता देने की बजाए लोगों के गुणों, कौशल को महत्ता दी जाती है। इसी कारण भारतीय सेना राजनीति के दलदल से दूर रहती है और देश की रक्षा कर पाने में सक्षम होती है।
  • अब यदि आप NDA के द्वारा आयोजित किये जाने वाले यह 5 दिन के साक्षात्कार सफलतापूर्वक पास कर लेते हैं तो उसके बाद NDA के द्वारा आपके डाक्यूमेंट्स की जांच की जाती है और लोकल पुलिस थाणे से आपका पुराना रिकॉर्ड देखा जाता है।
  • यदि आपके ऊपर पहले कभी पुलिस ने कार्यवाही की है या आप अपराध में सलंग्न थे तो उसी समय आपको बाहर कर दिया जाता है। वहीं आपका पूरी तरह से मेडिकल टेस्ट भी होता है और यदि आप किसी बीमारी से जूझ रहे हैं या आपके अंदर वह शारीरिक व मानसिक क्षमता नहीं है तो भी आपको बाहर कर दिया जाता है।
  • वहीं यदि आपके डाक्यूमेंट्स में किसी तरह की कमी है या आपने गलत डाक्यूमेंट्स दिखाए है या नियमों की अनदेखी की है तो भी आपको भारतीय वायु सेना की चयन परीक्षा से बाहर कर दिया जाएगा।
  • अब यदि ऊपर बताये गए सभी चीज़ों का आप पालन करते हैं और सब कुछ सही पाया जाता है तो आपको NDA के द्वारा भारतीय वायु सेना में पायलट बनने के लिए चुन लिया जाएगा।
  • इसके बाद आपको कुछ नहीं करना है क्योंकि आपको पायलट की डिग्री करवाने, उसकी ट्रेनिंग देने, उसका लाइसेंस देने और अंत में उसके तहत नौकरी देने का कार्य NDA का ही होता है। एक तरह से NDA का यह चरण पूरा करने के बाद आपके जीवन का पूर्ण उत्तरदायित्व भारतीय सेना ही ले लेती है और आप उसी के सरंक्षण में रह कर देश सेवा का कार्य करते हैं।

कमर्शियल पायलट कैसे बने? (Commercial pilot kaise bane)

अब जब आपने भारतीय वायु सेना में पायलट बनने के बारे में जानकारी ले ली है तो अवश्य ही आपके मन में यह प्रश्न भी उठ रहा होगा कि आखिरकार कमर्शियल पायलट बनने के लिए क्या कुछ करना पड़ता है और उसकी क्या प्रक्रिया होती (Commercial pilot details in Hindi) है। तो इसके लिए भी एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए आगे बढ़ना होता है लेकिन यह ऊपर बताई गयी प्रक्रिया जितनी मुश्किल नही होती है।

ऐसे में जो भी व्यक्ति कमर्शियल पायलट बनना चाहता है तो उसे DGCA के द्वारा लाइसेंस लिया जाना जरुरी होता (Commercial pilot course in Hindi) है। बिना DGCA के लाइसेंस के वह व्यक्ति किसी भी विमान कंपनी में पायलट बन कर विमान उड़ाने का अधिकार नहीं रखता है। एक तरह से कहा जाए तो जो भी विमान कंपनी होती है वह व्यक्ति का पायलट की डिग्री के साथ साथ उसका DGCA लाइसेंस भी देखती है और उसके बाद ही उसे अपने यहाँ नौकरी पर रखती है। तो आइए जाने इसकी प्रक्रिया के बारे में।

  • भारतीय वायु सेना में पायलट बनने की तरह ही इसमें भी आपको पहले दसवीं कक्षा को अच्छे अंकों के साथ पास करना होगा और उसके बाद 11 वीं कक्षा में स्ट्रीम के तौर पर नॉन मेडिकल का चुनाव करना होगा।
  • अब जब आप 11 वीं में नॉन मेडिकल का चुनाव कर लेते हैं तो बारहवीं भी इसी में ही करनी होगी लेकिन इसमें भी आपको कम से कम 50 प्रतिशत अंक ही लाने होंगे।
  • हालाँकि यदि आप अच्छे कॉलेज में प्रवेश लेना चाहते हैं तो उसके लिए आपको बारहवीं कक्षा में कम से कम 70 प्रतिशत अंक लाने चाहिए तब जाकर कहीं आपको पायलट बनने के लिए एक बढ़िया सा कॉलेज मिल पाएगा।
  • अब जब आपने अपनी बारहवीं कक्षा को सफलतापूर्वक पास कर लिया है तो उसके बाद पायलट बनने की दिशा में किसी ना किसी एक कोर्स में डिग्री लेनी होगी।
  • अब जिस प्रकार लोग इंजीनियर बनने के लिए उसकी डिग्री लेते हैं और डॉक्टर बनने के लिए अलग डिग्री होती है, ठीक उसी तरह पायलट बनने के लिए भी डिग्री लेनी होती है और इसके लिए कॉलेज की महत्ता भी बहुत जरुरी होती है।
  • कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आपने अपना पायलट का कोर्स या डिग्री करने के लिए जो कॉलेज चुना है वह प्रसिद्ध है और अच्छी खासी महत्ता रखता है तो इससे आगे चल कर आपका पायलट बन कर नौकरी करना सरल हो जाएगा।
  • इसके लिए आप जो जो कोर्स या डिग्री कर सकते हैं उनमे से कुछ के नाम है बीएससी इन एविएशन, बीबीए इन एविएशन, बीई इन एविएशन या एयरोनॉटिकल साइंस इत्यादि। इसी तरह के कई कोर्स होते हैं जो आप कर सकते हैं और पायलट बन सकते हैं।
  • अब यदि आपने यह कोर्स पूरा कर लिया है और इसमें डिग्री ले ली है तो उसके बाद आपको DGCA के अंतर्गत उनका लाइसेंस लेने के लिए आवेदन करना होता है।
  • DGCA के द्वारा इसके लिए एक ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाया जाता है जिसमे आपको भाग लेना होता है। इसी के साथ साथ इस ट्रेनिंग कार्यक्रम के ख़त्म होने के बाद DGCA एक टेस्ट का आयोजन करवाती है जिसे आपको पास करना होता है।
  • अब यदि आप इस टेस्ट को पास कर लेते हैं तो उसके बाद DGCA के द्वारा आपको सामान्य पायलट का लाइसेंस दे दिया जाएगा। इस लाइसेंस के साथ आप ट्रेनी पायलट के तौर पर काम करना शुरू कर सकते हैं और मुख्य पायलट के साथ उड़ान भर सकते हैं।
  • अब इसी तरह से आपको आकाश में 250 घंटों की उड़ान को पूरा करना होता है और तब तक आपको ट्रेनी पायलट के तौर पर ही काम करना होता है।
  • अब यदि आप यह घंटे भी पूरे कर लेते हैं तो आपको DGCA के समक्ष कमर्शियल पायलट का लाइसेंस लेने के लिए आवेदन करना होता है।
  • इसके बाद DGCA आपका आंकलन करता है, आपका अनुभव देखता है, आपके गुणों को परखता है और यदि सब कुछ सही पाया जाता है तो आपको कमर्शियल पायलट का लाइसेंस दे दिया जाता है।

पायलट की सैलरी कितनी होती है? (Pilot ki salary kitni hoti hai)

अंत में अवश्य ही आपको यह भी जानना होगा कि जो व्यक्ति पायलट बन जाता है तो वह महीने का कितना तक कमा लेता है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि यदि आप भारतीय वायु सेना में पायलट बनने जा रहे हैं तो आपको वेतन से ज्यादा कुछ मतलब नहीं होना चाहिए क्योंकि यह इतना मिलेगा जिससे आपका और आपके परिवार का अच्छे से भरण पोषण हो सके तथा साथ ही अन्य सुख सुविधाएँ मिलेंगी वो (Pilot salary in Hindi) अलग। भारतीय वायु सेना के द्वारा अपने पायलट को महीने के आधार पर एक लाख से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक का वेतन दिया जाता है जो समय के साथ साथ बढ़ता चला जाता है।

अब यदि आप कमर्शियल पायलट बन कर उसकी सैलरी को जानने को इच्छुक हैं तो अवश्य ही यह ज्यादा रहने वाली (Pilot ki salary kitni hoti hai per month) है। सरकारी नौकरी अपने साथ अलग सुविधाएँ लेकर आती है तो प्राइवेट नौकरी अलग सुविधाएँ। प्राइवेट नौकरी में ज्यादातर सैलरी ही ज्यादा दी जाती है और वही कमर्शियल पायलट की दिशा में देखने को मिलता है। सामान्य तौर पर किसी भी कमर्शियल पायलट को महीने का 2 से 4 लाख रुपए मिल रहा होता (Air Force pilot salary per month) है।

तो इस तरह से इस लेख में आपने पायलट बनने के बारे में सब कुछ जान लिया है। पायलट बनने के लिए क्या कुछ प्रक्रिया होती है और क्या योग्यता होनी जरूरी होती है। साथ ही आपने पायलट की सैलरी भी जान ली है। आशा है कि जो आप इस लेख में जानने को आए थे वह आपने जान लिया है।

पायलट कैसे बने – Related FAQs

प्रश्न: पायलट कैसे बने?

उतर: पायलट बनने के बारे में संपूर्ण जानकारी हमने आपको इस लेख में दी है।

प्रश्न: पायलट बनने के लिए कौन सी परीक्षा देनी पड़ती है?

उतर: पायलट बनने के लिए आपको NDA या DGCA की परीक्षा देनी पड़ती है।

प्रश्न: पायलट के लिए बारहवीं में कौन से विषय होने चाहिए ?

उतर: पायलट के लिए बारहवीं में साइंस स्ट्रीम के विषय होने चाहिए।

प्रश्न: क्या 12वीं के बाद पायलट बन सकते हैं?

उतर: हां, अगर आपने 12वीं में साइंस स्ट्रीम ले रखी होगी तो आप 12वीं के बाद पायलट बन सकते हो।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
[fluentform id="3"]

Leave a Comment