पिता की मृत्यु के बाद जमीन अपने नाम कैसे करें? | Pita ki mrityu ke bad jamin apne nam kaise kare

|| पिता की मृत्यु के बाद जमीन अपने नाम कैसे करें? | Pita ki mrityu ke bad jamin apne nam kaise kare | पिता की जमीन अपने नाम करवाने के लिए जरुरी दस्तावेज | नगर परिषद से पिता की जमीन का वारिस बनने का प्रमाण पत्र लें | अपने पिता की संपत्ति कैसे प्राप्त करूं? ||

Pita ki mrityu ke bad jamin apne nam kaise kare :- अपने पिता की मृत्यु हो जाना बहुत ही ज्यादा दुखदायी होता है। बचपन से लेकर बड़े होने तक एक पिता ही अपने बच्चों के लिए दिन रात मेहनत करता है और उन्हें वह हर चीज़ लाकर देता है जो वह लाकर दे सकता है। जिन लोगों के सिर से बहुत जल्दी ही पिता का साया उठ जाता है, उनका दुःख बताए नहीं बताया जा सकता है। हालाँकि पिता की मृत्यु के बाद बच्चों को ही उनका उत्तरदायित्व उठाना होता है और इसमें एक होता है पिता की जमीन अपने नाम पर करवाया (Pita ki mirtyu ke baad jamin apne naam kaise kare) जाना।

यदि आपको लगता है कि आपके पिता की मृत्यु के बाद उनके नाम की जमीन अपने आप ही आपके नाम हो जाएगी तो यह संभव नहीं है। वह इसलिए क्योंकि नगर परिषद और यूआईटी के द्वारा जब तक इस संबंध में आवेदन नहीं किया जाता है तब तक वह जमीन आपके मृत पिता के नाम ही रहती है या फिर आपकी माँ के नाम पर स्थानांतरित हो जाती है यदि वह जीवित है (How can somebody claim the father or paternal property without a will in Hindi) तो।

इस स्थिति में क्या किया जाए, यह बहुत बड़ा प्रश्न होता है। अब यदि पिता ने मरने से पहले ही अपनी वसीयत बनायी होती है और उसमें अपनी जमीन को अपने पुत्र या पुत्री के नाम किया होता है तो फिर तो कोई समस्या वाली बात नहीं है लेकिन यदि वसीयत नहीं बनी है तो उस स्थिति में क्या किया जा सकता (How to transfer property from father to son in Hindi) है, यह सबसे बड़ा प्रश्न उभर कर आता है। तो आइये जाने किस तरह से आप अपने पिता की मृत्यु के बाद जमीन अपने नाम करवा सकते हैं।

पिता की मृत्यु के बाद जमीन अपने नाम कैसे करें? (Pita ki mrityu ke bad jamin apne nam kaise kare)

पिता की मृत्यु हो जाना तो बहुत दुखदायी है लेकिन उससे हमारा जीवन समाप्त नहीं हो जाता है। अब हमें और अधिक जिम्मेदार बनना पड़ता है और पिता की सब जिम्मेदारियां स्वयं उठानी पड़ती है। इसी कड़ी में आता है पिता के नाम की जमीन या किसी भूमि को अपने नाम करवाया जाना। तो इसके लिए यह निर्भर करता है कि वह जमीन शहर में स्थित है या गाँव में। साथ ही वह जमीन सामान्य है या फिर कृषि भूमि क्योंकि हर चीज़ में नियम बदल जाते हैं।

Pita ki mrityu ke bad jamin apne nam kaise kare

यदि आपके पिता मृत्यु से पहले ही अपनी वसीयत बनाकर गये हैं और उसमें अपनी जमीन सहित संपत्ति के कौन कौन वारिस हैं और किसको कितना हिस्सा मिलेगा यह बताया गया है, तो फिर तो विवाद का प्रश्न ही नहीं उठता है क्योंकि उनकी वसीयत के अनुसार ही सभी को अपना अपना हिस्सा (Pita ki mrityu ke bad jamin apne nam kaise kare in Hindi) मिलेगा। यदि उनके द्वारा वसीयत नहीं बनायी गई है तो फिर आपको अपने पिता की जमीन अपने नाम करवाने के लिए कई तरह के सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने होंगे।

यह कोई एक दिन में ही हो जाने वाला कार्य नहीं है क्योंकि इसके लिए आपको पूरी मेहनत किये जाने की जरुरत होगी। ऐसे में आपका मुख्य काम अपने यहाँ की नगर परिषद या फिर नगर निगम या तहसील कार्यालय जो भी है, वहां पर पड़ेगा। दूसरा काम आपको अपने यहाँ कि यूआईटी या फिर उससे संबंधित जो भी विभाग या कार्यालय है, वहां पर पड़ने वाला है। हालाँकि इससे पहले आपको कुछ डाक्यूमेंट्स की व्यवस्था करनी होगी और साथ ही साक्षी भी बनाने होंगे। आइये एक एक करके सभी के बारे में जान लेते हैं।

पिता की जमीन अपने नाम करवाने के लिए जरुरी दस्तावेज

सबसे पहले तो आपको सभी तरह के जरुरी डाक्यूमेंट्स की व्यवस्था करनी होगी तभी आप अपने पिता की मृत्यु के बाद उनके नाम की जमीन को अपने नाम पर करवा सकते (Pita ki mirtyu ke baad jamin apne naam kaise kare in Hindi) हैं। अब इन डाक्यूमेंट्स में किस किस तरह के कागज आते हैं, आइये उन पर एक नज़र डाल लेते हैं।

  • पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र: नगर परिषद के द्वारा यह पक्का किया जाएगा कि आपके पिता की मृत्यु हो चुकी है। उसके लिए आपको पहले अपने पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना होगा।
  • स्वयं का जन्म प्रमाण पत्र: अब आप अपने पिता की ही संतान है, इसके लिए आपको अपना जन्म प्रमाण पत्र भी उन्हें दिखाना होगा जिस पर आपका नाम और फोटो सहित पिता का नाम अंकित होगा।
  • जाति प्रमाण पत्र: पिता की जमीन अपने नाम करवाने में आपकी जाति भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए जाति प्रमाण पत्र भी दिखाना होगा।
  • आवास प्रमाण पत्र: आप जहाँ रहते हैं या आपके पिता जहाँ रहते हैं या थे, उस घर का पता भी उन्हें दिखाना होगा और साथ ही उसका एक वैध दस्तावेज भी।
  • जमीन के कागजात: जिस जमीन को आप अपने नाम करवाना चाहते हैं, उस जमीन के सभी कागजात भी आपको नगर परिषद के समक्ष रखने होंगे।
  • सभी उत्तराधिकारियों के दस्तावेज: अब यदि आपके साथ ही आपके भाई बहन भी उस जमीन के उत्तराधिकारी हैं तो आपको उन सभी के दस्तावेज भी परिषद को दिखाने होंगे।
  • पिता के वंश की संपूर्ण सूची: आपके परिवार में कितने सदस्य हैं, आपके पिता के कितने पुत्र व पुत्रियाँ हैं, उनके कितने बच्चे हैं, इत्यादि की जानकारी भी आपको परिषद को देनी होगी।
  • अन्य उत्तराधिकारी के प्रमाण पत्र: यदि आप तीन संतान हैं और बाकि दो संतान उस जमीन पर अधिकार नहीं ले रही है तो आपको उनके अनापत्ति प्रमाण पत्र भी परिषद के समक्ष प्रस्तुत करने होंगे।

इस तरह से आपको इन सभी दस्तावेजों को तो उन्हें दिखाना ही होगा। इसी के साथ ही आपको कुछ अन्य वैध दस्तावेज जैसे कि आपका आधार कार्ड, सरकारी पहचान पत्र, बिजली का बिल इत्यादि भी उन्हें दिखाना पड़ सकता है। इसके बारे में परिषद के कर्मचारी व अधिकारी ही आपकी सहायता कर देंगे।

पिता की जमीन अपने नाम करवाने के दो साक्षी

अब यदि आप सोच रहे हैं कि आप अपने पिता की मृत्यु के बाद जमीन अपने नाम करवाने के लिए केवल दस्तावेजों का ही सहारा ले लेंगे तो आप गलत हैं। दरअसल इसके लिए आपको दो लोगों को भी उसका साक्षी बनाना होगा जो आपके परिवार के ही सदस्य होंगे। ऐसे में जब आप इन सभी डाक्यूमेंट्स को लेकर नगर परिषद जमा करवाने जाएंगे तो वहां आपके साथ ही दो और लोगों के भी सामान्य दस्तावेज लगेंगे जो इस प्रक्रिया के साक्षी होंगे।

अब वह दो लोग आपकी माँ, बहन, ताऊ, चाचा इत्यादि कोई भी रिश्तेदार या परिवार के सदस्य हो सकते हैं। आपको इनके आधार कार्ड और आवास प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी इस फॉर्म के साथ लगानी होगी और साथ ही उनके हस्ताक्षर व फोटो लेनी होगी। इसी के बाद ही आप नगर परिषद जाकर अपने पिता का वारिस बनने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ सकते हैं।

पिता की जमीन अपने नाम करवाने का फॉर्म भरें

अब जब आप इन सभी डाक्यूमेंट्स और साक्षी का प्रबंध कर लेते हैं तो अब बारी आती है पिता की जमीन अपने नाम करवाने से संबंधित फॉर्म को भरे जाने के बारे में। इसके लिए फॉर्म आपको नगर परिषद या किसी पास वाली फोटोस्टेट या स्टाम्प वाली दुकान से ही मिल जाएगा। ऐसे में आप उनसे वह फॉर्म ले लें और उसके बाद उसे किसी पेशेवर की सहायता से ध्यान से भर (Pita ki jamin apne nam kaise kare in Hindi) दें।

अब यदि आपको सरकारी कामकाज की जानकारी है तो आप इसे स्वयं भर सकते हैं लेकिन हम आपको यही परामर्श देंगे कि आप किसी कर्मचारी की सहायता से ही इसे भरें। वहां कई तरह के व्यक्ति बैठे होते हैं जो परिषद के ही कर्मचारी होते हैं, वे कुछ रुपयों के बदले में इस प्रक्रिया में आपकी सहायता कर सकते हैं। ऐसे में आप उनकी सहायता से पिता की जमीन का वारिस बनने वाला फॉर्म भर दें और उसके साथ ही सभी तरह के डाक्यूमेंट्स को जोड़ दें।

नगर परिषद से पिता की जमीन का वारिस बनने का प्रमाण पत्र लें

अब जब आपने उक्त फॉर्म को अच्छे से भर दिया है और सभी तरह के डाक्यूमेंट्स व साक्षी का भी प्रबंध कर लिया है तो आपको अपना नंबर नगर परिषद में लगवाना होता है। इसके लिए आपको एक तिथि व समय दे दिया जाएगा और उस समय से पहले तक आपको नगर परिषद पहुँच जाना होगा। वहां पर जब आपका नंबर आएगा तो आपको अधिकारी के द्वारा बुलाया (Pita ki mrityu ke bad jamin apne nam kaise kare in Hindi) जाएगा।

वह आपसे आपकी पहचान पूछेगा, कुछ जगह हस्ताक्षर करने को कहेगा और इसी के साथ ही आपकी ऑनलाइन कंप्यूटर की सहायता से फोटो लेगा। इसी के साथ ही जो आपके साथ अन्य साक्षी हैं, उनकी फोटो व हस्ताक्षर भी लिए जाएंगे। वहां आपको उक्त प्रक्रिया से गुजरना होगा जो हर राज्य के अनुसार भिन्न भिन्न हो सकती है। ऐसे में उस राज्य में पिता की जमीन संतान के नाम करने के लिए जो नियम बनाये गए हैं, उसी के अनुसार ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।

इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है और फिर जब सब कुछ सत्यापित हो जाएगा तो आपको एक नंबर देकर भेज दिया जाएगा। इसके कुछ दिनों के बाद आपको फिर से नगर परिषद बुलाया जाएगा और वहां से आपको अपने पिता की जमीन का वारिस घोषित करने का प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा। अब यह प्रमाण पत्र मिलने के बाद आप यह मत सोचिये कि आप अभी से ही उस जमीन के मालिक बन गए हैं बल्कि अभी आपको एक और सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने होंगे जिसका नाम यूआईटी है, आइये जाने।

यूआईटी से पिता की जमीन अपने नाम करवाएं

अब जब आपको अपने यहाँ की नगर परिषद से पिता की जमीन अपने नाम होने के लिए वारिस प्रमाण पत्र मिल गया है तो समझ जाइये कि आपका काम लगभग पूरा सा ही हो चुका है। अब आपको उस प्रमाण पत्र को लेकर अपने शहर की यूआईटी में जाना होगा और वहां इस प्रमाण पत्र को दिखाना होगा। इसी के साथ ही उक्त जमीन के पूरे कागजात भी वहां दिखाने होंगे और बाकि जो भी कागज आपसे मांगे जाएं, उन्हें भी संबंधित अधिकारियों के समक्ष रखना होगा।

इन्हें रखने के बाद यूआईटी के अधिकारी उसकी जांच पड़ताल करेंगे और आपके यहाँ कि नगर परिषद से भी संपर्क करेंगे। इस प्रक्रिया में भी कुछ समय लग सकता है जो कुछ दिनों का होता है। आपको यहाँ ज्यादा कुछ नहीं करना है, बस अपने सभी डाक्यूमेंट्स और वारिस प्रमाण पत्र जमा करवाना है। उसके बाद उक्त प्रक्रिया के तहत आपको उस जमीन का उत्तराधिकारी या मालिक घोषित कर दिया जाएगा। इस तरह से आप अंतिम चरण में यूआईटी से अपने मृत पिता की जमीन को अपने नाम करवा सकते हैं।

पिता की मृत्यु के बाद जमीन अपने नाम कैसे करें – Related FAQs 

प्रश्न: पिता की मृत्यु के बाद घर अपने नाम कैसे करें?

उत्तर: पिता की मृत्यु के बाद घर अपने नाम करना है तो इसकी पूरी जानकारी हमने ऊपर के लेख में विस्तार से दी है जो आप पढ़ सकते हो।

प्रश्न: माता पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति कैसे ट्रांसफर करें?

उत्तर: माता पिता की मृत्यु के बाद अगर संपत्ति अपने नाम ट्रांसफर करवानी है तो उसकी पूरी प्रक्रिया को ऊपर के लेख के माध्यम से बताया गया है।

प्रश्न: क्या मैं अपने पिता की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति पर दावा कर सकता हूं?

उत्तर: हां, आप अपने पिता की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति पर दावा कर सकते हो लेकिन अगर आपका कोई भाई या बहन है तो उनका भी उस जमीन में समान अधिकार होगा।

प्रश्न: मैं अपने पिता की संपत्ति कैसे प्राप्त करूं?

उत्तर: पिता की संपत्ति प्राप्त करनी है तो ऊपर का लेख पढ़ कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि पिता की मृत्यु के बाद आप जमीन अपने नाम पर कैसे करवा सकते हैं उसकी प्रक्रिया क्या है। साथ ही हमने आपको बताया कि पिता की जमीन अपने नाम करवाने के लिए जरूरी दस्तावेज क्या लगेंगे और पिता की जमीन अपने नाम करवाने के क्या कुछ नियम हैं इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई प्रश्न आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
[fluentform id="3"]

Leave a Comment