पीएम किसान एफपीओ योजना आवेदन कैसे करें? 2024 आवेदन, उद्देश्य, लाभ | PM Kisan FPO Yojana Apply

यह बात हर कोई जानता है कि देश में किसानों की माली हालत ठीक नहीं। परंपरागत तरीके से खेती करने के कारण उनकी खेती पर लागत अधिक आती है, जबकि उन्हें मुनाफा बहुत कम होता है। इसी वजह से किसान कभी अपने बेटे को किसान नहीं बनाना चाहता। वह जानता है कि आर्थिक रूप से खेती फायदे का सौदा नहीं है। इसी तरह के किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम किसान एफपीओ योजना की शुरुआत की है।

पीएम किसान एफपीओ योजना के तहत सरकार किसान उत्पादक संगठन यानी एफपीओ बनाकर किसानों को आर्थिक सहायता पहुंचाना चाहती है। दोस्तों, आज इस पोस्ट के जरिये हम आपको इस योजना की खास खास बातों के बारे में बताएंगे। आपको बताएंगे कि योजना के अंतर्गत किसानों को कितनी धनराशि की वित्तीय सहायता दी जाएगी और उसका तरीका क्या होगा। आइए शुरु करते हैं-

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पीएम किसान एफपीओ योजना क्या है? What is PM Kisan FPO Scheme?

केंद्र सरकार की ओर से देश के किसानों को और अधिक आर्थिक राहत पहुंचाने के उद्देश्य से PM Kisan FPO Yojana को शुरू किया गया है। FPO का मतलब है farmer producer organization यानी कि किसान उत्पादक संगठन। आपको स्पष्ट कर दें कि इस योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से किसानों को आर्थिक रूप से मदद दी जाएगी। यह मदद लाखों में होगी। पीएम किसान एफपीओ योजना से देश के किसानों को बहुत लाभ की संभावना जताई जा रही है।

पीएम किसान एफपीओ योजना आवेदन कैसे करें 2024 आवेदन, उद्देश्य, लाभ PM Kisan FPO Yojana Apply

योजना का मॉडल इस तरह तैयार किया गया है कि किसान उत्पादक संगठन एक कंपनी की तरह काम करेंगे। इससे संगठन से जुड़े किसानों को ऐन कारोबार की ही तरह खेती में भी फायदा होगा। सरकार कृषक उत्पादकता को बढ़ावा देने और किसानों की आय को बढ़ाने का काम इन समूहों की मदद से करेगी।

पीएम किसान एफपीओ योजना 2024 डिटेल्स – PM Kisan FPO Scheme 2024 details

योजना का नामपीएम किसान एफपीओ योजना
किसके द्वारा शुरू की गयीकेंद्र सरकार द्वारा
लाभार्थीदेश के किसान उत्पादक संगठन
उद्देश्यआर्थिक सहायता प्रदान करना

किसान समूहों को कितनी धनराशि की सहायता मिलेगी –

ध्यान से सुनिए। किसानों को 15-15 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। जैसा कि हम आपको बता ही चुके हैं कि एफपीओ का अर्थ किसान उत्पादक संगठन है। यह ऐसा समूह है, जो किसानों के हितों के लिए काम करता है। उन्हें आगे बढ़ाने में योगदान देता है। सरकार इन्हीं समूहों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इससे फायदा यह है कि देश के किसान समूहों को उसी प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे, जो किसी कंपनी को मिलते हैं।

दोस्तों, आपको यह भी बता दें कि यह संगठन किसी भी तरह की सियासत से बिल्कुल अलग होंगे। अभी तक किसान सहकार समूहों का चलन था और उन पर सहकारिता अधिनियम यानी कि को-ऑपरेटिव एक्ट लागू होता था। लेकिन किसान उत्पादक संगठनों पर कंपनी की तर्ज पर स्थापित और संचालित किए जाने की वजह से कंपनी एक्ट लागू होगा। इन ऑपरेटिव एक्ट लागू नहीं होगा। यानी कि यह संगठन इस एक्ट के दायरे से बाहर होंगे।

पीएम किसान एफपीओ योजना का लाभ लेने के लिए क्या करना होगा? How to take advantage of PM Kisan FPO Scheme?

अब हम आपको बताएंगे कि पीएम किसान एफपीओ योजना का लाभ लेने के लिए क्या करना होगा। जान लीजिए यह लाभ लेने के लिए कम से कम 11 किसानों को संगठित होकर अपनी खेती से जुड़ी कंपनी या संगठन बनाना होगा। जाहिर है कि कंपनी को कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड भी कराया जाएगा। एफपीओ बन जाने से बहुत सारी समस्याओं का समाधान होगा।

जैसे कि छोटे किसान समूह का सदस्य बनकर लाभ अर्जित कर सकेंगे। होता यह है कि किसानों को भूमिहीन होने की वजह से जो दिक्कतें सामने आती हैं, या खेती की वजह से जो समस्या आती हैं, वह किसान एफपीओ में जुड़ने के बाद सामने नहीं आएंगी। उनको उनके कार्य का इच्छित प्रतिफल मिलेगा। समूह में खेती करने से यह पहले भी देखने में आया है कि खेती की लागत में कमी आ जाती है। ऐसे में यह लाभ का ही मॉडल साबित होगा, ऐसी संभावना जताई जा रही है।

सरकार पहले से ही 2024 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। अभी कोरोना संक्रमण के चलते हिस्सों हिस्सों में लॉकडाउन लगाया जा रहा है। ऐसे में यह लक्ष्य समय तक पूरा होगा या नहीं यह समय के गर्भ में है, लेकिन सरकार की योजनाओं और लक्ष्यों को देखते हुए यह जरूर साफ है कि किसानों की आय बढ़ाने और उनका जीवन स्तर ऊपर उठाने की तैयारी जरूर की जा रही है। पीएम किसान एफपीओ योजना का क्रियान्वयन जिन एजेंसियों को सौंपा गया है, उनकी परफॉर्मेंस पर भी यह बात काफी हद तक निर्भर करेगी।

कितने किसान समूह बनाए जाने की योजना है? How many farmer groups are planned to be formed?

दोस्तों, आपको बता दें कि फिलहाल देश में 10 हजार नए एफपीओ यानी किसान उत्पाद समूह बनाए जाने की योजना है। यह हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि यह कंपनी की तरह काम करेंगे। लिहाजा, इन्हें कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर किया जाएगा। यानी कि यह समूह एक कंपनी की तरह काम करेंगे। इनके संचालन के नियम भी कंपनी एक्ट से ही तय होंगे। एक बोर्ड होगो, जो इन समूहों का संचालन करेगा।

अभी तक कृषि समूहों के काम करने के कोई एक्ट ब, नियम न होने के चलते इन समूहों से किसानों को अधिक लाभ नहीं मिल पाता। उनके खिलाफ किसी तरह की गड़बड़ी के मामले में त्वरित कार्रवाई की भी व्यवस्था भी नहीं हो पाती। यह भी आपको बता दें कि इस योजना के तहत लाभ लेने वाले की इच्छा रखने वाले संगठनों का काम नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज देखेगी। वही उनके काम के आधार पर उनकी रैंकिंग भी करेगी। यह एक महत्वपूर्ण कार्य होगा। रेटिंग के साथ ही कुछ अन्य शर्तों के आधार पर समूहों को कंपनी की शक्ल दी जाएगी और उन्हें किसानों की उत्पादकता में बढ़ावा देने और उन्हें आगे बढ़ाने का जिम्मा सौंपा जाएगा।

तीन साल में दी जाएगी पूरी मदद

दोस्तों, आपको यह भी बता दें कि किसान उत्पादक समूहों को जो 15 लाख रुपये दिए जाने की योजना बनाई गई है, यह धनराशि उन्हें कोई एक महीने या साल में प्रदान नहीं की जाएगी। इसके लिए कुछ चरतिय किए गए हैं। आपको बता दें कि पीएम किसान एफपीओ योजना के तहत किसान उत्पादक समूहों को दी जाने वाली राशि तीन सालों के लिए दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इनकी प्रगति की भी मॉनिटरिंग की जाएगी। बेहतर नतीजा देने वाले समूहों को ही आगे बढ़ाए जाने का प्रावधान होगा। दोस्तों, जैसा कि हम पहले ही आपको बता चुके हैं कि नाबार्ड को इसी काम के लिए जिम्मा भी सौंपा गया है।

पीएम किसान एफपीओ योजना में सरकार कितनी धनराशि खर्च करेगी – How much will the government spend in PM Kisan FPO scheme

मित्रों, आपको बता दें कि इस योजना पर सरकार एक बड़ी धनराशि खर्च करने जा रही है। औपचारिक घोषणा की बात करें तो इस योजना के तहत सरकार कुल 4,496 करोड़ रुपये खर्च करेगी। देश में किसानों की संख्या करोड़ों में हैं। ऐसे में उनकी मदद के लिए आगे आने वाले किसान उत्पादक संगठनों की संख्या पर इस धनराशि का आवंटन निर्भर करेगा। आवेदन के वक्त भी इसका काफी हद तक खुलासा हो जाएगा।

मैदानी और पहाड़ी क्षेत्र के संगठनों के लिए अलग शर्तें – Separate conditions for field and hilly area organizations

आपको यह भी जानकारी दे दें कि मैदानी क्षेत्र और पहाड़ी क्षेत्र में काम कर रहे संगठनों के लिए अलग अलग प्रावधान तय किए गए हैं। इसके तहत यदि संगठन मैदानी क्षेत्र में काम करता है तो शर्त यह है कि उसके साथ कम से कम 300 किसान जुड़े होने चाहिए। वहीं, यदि किसान संगठन पहाड़ी क्षेत्र में काम करता है तो उसके साथ कम से कम 100 किसान जुड़े होने चाहिए। जो इस शर्त को पूरा करेंगे, केवल वही किसान इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।

साथियों, आपको बता दें कि पीएम किसान एफपीओ योजना का लाभ उठाने के लिए भी किसानों को अन्य तमाम सरकारी योजनाओं की तरह आवेदन करना होगा। पहाड़ों के किसानों के लिए संख्या इसलिए कम रखी गई है, क्योंकि वहां की भौगोलिक परिस्थितियां बहुत विकट हैं। दूसरे वहां गांवों से बड़ी संख्या से पलायन भी हुए हैं। यह अलग बात है कि लॉकडाउन के दौरान ढेरों किसानों ने एक बार फिर अपने गांव, घरों का रुख किया है। वहां वह अपने बंजर पड़े खेतों को आबाद कर रहे हैं।

उत्तराखंड की ही बात लें तो वहां ढेरों प्रवासी ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी फुलवारी, अपने खेतों को नया जीवन देने का काम किया है। कई ऐसे भी हैं, जो अभी भी बाहर के शहरों या देशों में फंसे प्रवासियों से मोबाइल फोन पर इजाजत लेकर उनके बंजर खेतों को उपजाऊ बनाने और उन पर सब्जी उगाने का काम कर रहे हैं। इससे फायदा उन युवाओं को ज्यादा हो रहा है, जिन्हें बड़े शहरों में अपनी नौकरी छोड़कर गांव लौटना पड़ा और उनके पास अच्छी-खासी जमीन नहीं है। यह लोग अन्य युवाओं को रोजगार मुहैया कराने का भी काम कर रहे हैं। इनकी पहल की हर ओर सराहना हो रही है।

पीएम किसान एफपीओ योजना से किसानों को खास-खास क्या लाभ होंगे – What are the special benefits to farmers from PM Kisan FPO scheme

दोस्तों, आपको बता दें कि पीएम किसान एफपीओ योजना का अहम उद्देश्य देश में कृषि सेक्टर को आगे बढ़ाना है। इस योजना के तहत एक बड़ा उद्देश्य किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करना है। इसके साथ ही किसानों के हितों को तवज्जो दिए जाने का भी काम किया जाएगा। इस योजना से किसानों को क्या क्या खास लाभ होंगे, आइए आपको इनकी जानकारी दें। यह इस प्रकार से हैं-

  • इस योजना का सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि किसान बिचौलियों से मुक्त रहेगा। इससे कमीशनखोरी रुक जाएगी और किसान को लाभ मिलेगा।
  • किसानों को अपनी उपज के लिए तैयार बाजार मिलेगा। उसे अधिक जद्दोजहद नहीं करनी होगी। उपज को लेकर अकेले जाकर मंडियों का रुख नहीं करना होगा।
  • उनके लिए खाद, बीज, दवा और कृषि उपकरण खरीदना बेहद आसान होगा। इन्हें समूह मुहैया कराएगा। इस काम में इनकी मदद सरकार करेगी।
  • किसानों को अपनी फसल का अच्छा दाम मिलेगा। जैसा कि हम आपको बता ही चुके हैं कि बिचौलियों की परंपरा समाप्त हो जाएगी।
  • किसान के जीवन स्तर में सुधार आएगा। ऐसा किसानों को उनकी फसल का अच्छा दाम मिलने से संभव होगा।
  • किसान प्रगतिशील और वैज्ञानिक तरीके से खेती के लिए अग्रसर होंगे।
  • छोटे किसानों को सबसे अधिक लाभ होगा, आर्थिक हालत ठीक न होने से पिछड़ना नहीं पड़ेगा।

लॉकडाउन में और खराब हुई किसानों की हालत-

साथियों, यह तो आप जानते ही हैं कि कोरोना संक्रमण की वजह से लगाए गए लॉकडाउन का असर केवल नौकरीशुदा और अपना काम धंधा जमाए लोगों पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि इसकी वजह से किसानों की हालत भी खराब हो गई है। ढेरों ऐसे फूलों की खेती करने वाले किसान थे, जो मार्च में ट्रांसपोर्ट बंद होने की वजह से अपने फूलों की सप्लाई नहीं कर सके। उनके फूल खराब हो गए। यही हाल टमाटर और गोभी आदि की खेती करने वाले किसानों का भी हुआ। उन्हें बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ा। इसकी भरपाई के लिए सरकारों ने किसानों के खातों में कुछ राशि भेजने की भी पहल की, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर साबित हुई।

लाखों करोड़ रुपये का जो पैकेज घोषित किया गया, उसमें भी किसानों के लिए किसी ठोस कदम की व्यवस्था का सर्वथा अभाव रहा। सरकार की प्राथमिकता लोगों को भोजन-पानी, राशन उपलब्ध कराने वाली योजनाओं पर बनी रही, ताकि लॉकडाउन की अनिश्चितता के समय में वह कम से कम जीवन यापन के लिए, भूखे पेट के लिए किसी का मुंह न देखें। जैसे बिहार में हाल ही में पांच किलो, गेहूं, चावल और एक किलो चना की व्यवस्था दी गई है। उसका मानना यह है कि इस आधारभूत व्यवस्था से कम से कम वह मजदूर जिनके काम धंधे बंद हो गए हैं और खेतों में मेहनत करने वाला किसान कम से कम अपना पेट तो भर ही सकेगा।

पीएम किसान एफपीओ योजना में आवेदन कैसे करें? अभी आवेदन को करना होगा इंतजार-

यदि आप इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आपको थोड़ा धीरज रखिए। इसके लिए अभी आपको कुछ इंतजार करना पड़ेगा। ऑनलाइन आवेदन के लिए सरकार की ओर से अभी कोई जीओ यानी अधिसूचना जारी नहीं की गई है। जैसे ही इसके लिए अधिसूचना जारी होगी और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी, वैसे ही हम आपको आवेदन प्रक्रिया के संबंध में अवगत कराएंगे। इसके लिए आवश्यक पात्रता और दस्तावेजों से जुड़ी जानकारी भी आपको देंगे। ताकि आपको सारी जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर मिल सकें। आप बस हमारी वेबसाइट और संबंधित पोस्ट पर नजर बनाए रहिए। यहीं पर आपको आपके काम की सारी जानकारी मिलेगी।

पीएम किसान एफपीओ योजना संबंधित प्रश्न उत्तर

पीएम किसान एफपीओ योजना क्या हैं?

पीएम किसान एफपीओ योजना प्रधानमंत्री जी के द्वारा किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना हैं। इस योजना के अंतर्गत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए सरकार किसान उत्पादक संगठन यानी एफपीओसमूह बनाएंगी।

पीएम किसान एफपीओ योजना में एफपीओ किसे बनाया जाएगा?

पीएम किसान एफपीओ योजना के अंतर्गत मैदानी क्षेत्रों में 300 से ज्यादा किसानों के संगठन से किसान एफपीओ बनाया जाएगा।

पीएम किसान एफपीओ का मतलब क्या हैं?

एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) एक ऐसा समूह जो किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिया बनाया जाएगा।

क्या पीएम किसान एफपीओ के अंतर्गत आर्थिक सहायता भी मिलेगी?

जी पीएम किसान एफपीओ जो किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शुरु किया गया हैं। इसलिए इसके अंतर्गत किसानों को 15-15 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।

पीएम किसान एफपीओ का लाभ लेने के लिए क्या करना होगा?

पीएम किसान एफपीओ का लाभ लेने के लिए क्या करना होगा इसकी पूरी जानकारी ऊपर दी गयी हैं। जहां से आप इसका लाभ लेने के लिए जानाकरी प्राप्त कर सकते हैं।

तो दोस्तों, यह थी पीएम किसान एफपीओ योजना 2020 आवेदन, उद्देश्य, लाभ | PM Kisan FPO Yojana Apply से जुड़ी सारी जानकारी। यदि आप ऐसी ही किसी कृषि या कृषक हित से जुड़ी योजना के संबंध में जानकारी चाहते हैं तो अपनी इच्छा से हमें नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट के जरिये अवगत करा सकते हैं। यदि आप कोई सुझाव या प्रतिक्रिया हमें देना चाहते हैं तो भी कमेंट के जरिये अपनी बात हम तक पहुंचा सकते हैं। हमें आपकी प्रतिक्रियाओं, आपके सुझावों का इंतजार है। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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