PMMSY स्कीम क्या है? | उद्देश्य, लक्ष्य, उपलब्धिया व अप्लाई प्रक्रिया

|| पीएमएमएसवाय स्कीम क्या है? | What is PMMSY scheme in Hindi | Application process to apply for PM Matsya Sampada Yojana Online | (Achievements of Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana | प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया | Application process to apply for PM Matsya Sampada Yojana Online in Hindi ||

What is PMMSY scheme in Hindi :- पीएमएमएसवाय का फुल फॉर्म प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) सितंबर 2020 में देश में मछली पालने वाले किसानों और मछुआरों की आय को बढ़ाने या उसे दोगुना करने के उद्देश्य से शुरू की गई (Application process to apply for PM Matsya Sampada Yojana Online) थी। यह योजना भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए है और आत्मानबीर भारत योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत में यह योजना मत्स्य क्षेत्र के सतत और जिम्मेदार विकास के माध्यम से नीली क्रांति लाने की एक योजना है।

क्लस्टर या क्षेत्र आधारित दृष्टिकोण अपनाकर योजना ने मत्स्य पालन क्लस्टर बनाए। यह योजना का मुख्य उद्देश समुद्री शैवाल और सजावटी मछली की खेती जैसे रोजगारों को पैदा करने की क्षमता वाली गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना (Objectives of Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) है। इस योजना में गुणवत्ता वाले ब्रूड, बीज और फ़ीड और प्रजातियों के विविधीकरण के लिए प्रजनन तकनीक पर भी जोर दिया जाता है। पीएमएमएसवाई वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक 5 वर्षों की अवधि के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की जा रही है।

Contents show

PMMSY स्कीम क्या है? | उद्देश्य, लक्ष्य, उपलब्धिया व अप्लाई प्रक्रिया

सरकार का लक्ष्य इस योजना के कार्यान्वयन के साथ फसल कटाई के बाद नुकसान को 20-25% से घटाकर 10% करना है, मछुआरों और मछली पालने वाले किसानों की आय को बढाना या दोगुना करना है और अतिरिक्त 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नए रोजगार के अवसरों को पैदा करना (Achievements of Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) है। इसका उद्देश्य मूल्य श्रृंखला को आधुनिक बनाना और मजबूत करना, पता लगाने की क्षमता में वृद्धि करना और साथ ही साथ मछुआरों और मछली किसानों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण को सुनिश्चित करते हुए एक मजबूत मत्स्य प्रबंधन ढांचा स्थापित करना है।

PMMSY स्कीम क्या है उद्देश्य, लक्ष्य, उपलब्धिया व अप्लाई प्रक्रिया

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के उद्देश्य (Objectives of Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana in Hindi)

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के कई उद्देश्य हैं जो कि निम्न प्रकार से है।

  • मत्स्य पालन क्षेत्र की क्षमता का दोहन करने के लिए इसमें टिकाऊ, जिम्मेदार, समावेशी और न्यायसंगत तरीकों को अपनाया जाता है। 
  • मछली उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करने के लिए इसमें भूमि और जल के विस्तार के माध्यम से, गहनता, विविधीकरण और उत्पादक का उपयोग किया जाता है।
  • कटाई के बाद के प्रबंधन और गुणवत्ता में सुधार सहित मूल्य श्रृंखला का आधुनिकीकरण और मजबूती को बढाना है।
  • इस योजना का उद्देश्य मछुआरों और मत्स्य पालकों की आय को बढाना और दुगुनी करने और सार्थक रोजगार सृजित करना है।
  • इस योजना की मदद से कृषि जीवीए और निर्यात में मत्स्य क्षेत्र के योगदान को बढ़ावा मिलेगा।
  • मछुआरों और मछली पालकों के लिए सामाजिक, भौतिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
  • एक मजबूत मात्स्यिकी प्रबंधन और नियामक ढांचा तैयार होगा।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की उपलब्धियां (Achievements of Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana in Hindi)

मात्र कुछ ही वर्षों के समय अंतराल में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना है काफी उपलब्धियां हासिल कर ली हैं। जिन उपलब्धियों में से कुछ को यहां नीचे बताया गया है। 

  • इस योजना के बाद हमारे भारत देश के मत्स्य क्षेत्र ने 2019-20 से 2021-22 तक 14.3% की प्रभावशाली वृद्धि दिखाई है ।
  • भारत में मछली उत्पादन के वर्ष 2019-20 के दौरान 141.64 लाख टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया और यह वर्ष 2021-22 के दौरान 161.87 लाख टन तक पहुंच गया।
  • हमारे दश के मत्स्य क्षेत्र ने 57,587 करोड़ रुपए मूल्य के 13.64 लाख टन का सर्वकालिक उच्च निर्यात देखा, जिसमें झींगा के निर्यात का वर्चस्व था।
  • वर्तमान में हमारे देश से मछलियों को चीन, थाईलैंड, जापान, ताइवान, ट्यूनीशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, हांगकांग, कुवैत आदि सहित 123 देशों को निर्यात किया जाता है।
  • पीएमएमएसवाई ने 22 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों से बीमा कवरेज के तहत 31.47 लाख किसानों का समर्थन किया है।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लक्ष्य (Targets of Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana in Hindi)

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के सरकार द्वारा कई लक्ष्य बनाए गये हैं, जिनमें से कुछ लक्ष्य निम्न प्रकार से हैं।

मछली उत्पादन और उत्पादकता (Fish Production and Productivity in Hindi)

  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना ,में सरकार का सबसे बड़ा लक्ष्य यह है कि उन्हें 2018-19 के मछली उत्पादन को 13.75 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2024-25 तक 22 मिलियन मीट्रिक टन तक करना है।
  • वर्तमान में 3 टन के राष्ट्रीय औसत एक्वाकल्चर उत्पादकता को बढ़ाकर 5 टन प्रति हेक्टेयर करना है।
  • देश के घरेलू मछली खपत को 5 किलो से बढ़ाकर 12 किलो प्रति व्यक्ति करना है।

आर्थिक मूल्यवर्धन (Economic Value Addition in Hindi)

  • सरकार का लक्ष्य है कि कृषि जीवीए में मत्स्य क्षेत्र का योगदान 2018-19 में 7.28% था जिसको अब 2024-25 तक लगभग 9% तक बढ़ाना है।
  • देश से निर्यात की गई आय को 2018-19 के 46,589 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2024-25 तक 1,00,000 करोड़ रुपए करने का लक्ष्य है।
  • मत्स्य पालन क्षेत्र में निजी निवेश और उद्यमिता के विकास को सुगम बनाना है।
  • कटाई के बाद के नुकसान को 20-25% से घटाकर लगभग 10% करने का लक्ष्य है।

आय में वृद्धि और रोजगार सृजन (Enhancing Income and Employment Generation in Hindi)

  • मूल्य श्रृंखला के साथ लगभग 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से युवाओं के लिए रोजगारों के अवसरों को पैदा करना है।
  • मछुआरों और मछली पालने वाले किसानों की आय को दोगुना करना है।

पीएम मत्स्य संपदा योजना का फंडिंग पैटर्न (Funding Pattern of PM Matsya Sampada Yojana in Hindi)

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की फंडिंग दो घटकों के अंतर्गत आती है। जिसमें इन घटकों के माध्यम से ही इस योजना के कार्यों को किया जाता है। इसके घटक निम्न प्रकार से हैं।

  1. केंद्रीय क्षेत्र योजना (सीएस) (Central Sector Scheme)
  2. केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) (Centrally Sponsored Scheme)

केंद्रीय क्षेत्र योजना (Central Sector Scheme): 

  • परियोजना का कुल बजट केंद्र सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा। लाभार्थियों को परियोजना के लिए एक पैसा भी भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
  • हालांकि, एनएफडीबी द्वारा लाभार्थी उन्मुख गतिविधियों के मामले में, केंद्र सरकार सामान्य वर्ग और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिलाओं को क्रमशः परियोजना लागत का 40% और 60% तक सहायता प्रदान करेगी। शेष मूल्य लाभार्थी द्वारा स्वयं वहन किया जाएगा।

केंद्र प्रायोजित योजना (Centrally Sponsored Scheme)

  • गैर-लाभार्थी उन्मुख – सीएसएस घटक और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के उप-घटक परियोजना लागत वहन करेंगे। पूरी परियोजना लागत केंद्र और राज्य सरकार के बीच साझा की जाएगी।
  • लाभार्थी उन्मुख – केंद्र और राज्य दोनों सरकारें सामान्य श्रेणी और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / महिलाओं को क्रमशः पूरी परियोजना लागत का 40% और 60% तक वित्तीय सहायता प्रदान करेंगी।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया (Application process to apply for PM Matsya Sampada Yojana Online in Hindi)

पीएमएमएसवाई का लाभ लेने के लिए सभी लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्ति इस योजना के लिए बड़ी ही आसानी के साथ आवेदन कर सकते हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको एनएफडीबी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा। इसके लिए एक डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने के लिए इसकी वेबसाइट पर एक टेम्पलेट उपलब्ध होता है। फॉर्म भरने वाले व्यक्ति को अपनी गाइडलाइन के अनुसार और टेम्पलेट में दिए गए विवरण का पालन करते हुए ही अपनी डीपीआर तैयार करनी होती है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में आवेदन करने के लिए आपको कुछ स्टेप्स को फॉलो करने की आवश्यकता होगी।

  • सबसे पहले आपको एनएफडीबी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा।
  • फिर आपको वहां टेम्पलेट आप्शन दिखाई देगा।
  • जिसमें से आपको मत्स्य पालन परियोजनाओं के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए टेम्पलेट” विकल्प का चयन करना होगा।
  • जैसे ही आप इस टेम्पलेट के आप्शन पर क्लिक करते हैं आपके सामने बहुत से आप्शन आ जाएंगे, जिसमें से आपको किसी एक आप्शन को चुनना होगा।
  • अब आपको प्रदान किए गए प्रारूप के अनुसार आने प्रोजेक्ट की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी होगी और उसमें आपको केवल सही जानकारी ही भरनी होगी।
  • आवेदकों को एनएफडीबी और मत्स्य पालन विभाग को सहायक दस्तावेजों के साथ अपनी डीपीआर जमा करनी होगी।
  • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि डीपीआर की दो प्रतियां एनएफडीबी को जबकि एक प्रति डीओएफ को भेजी जानी होती है।

पीएम मत्स्य संपदा योजना के लिए पात्रता मापदंड (Eligibility Criteria for PM Matsya Sampada Yojana in Hindi)

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को देश के मात्स्यिकी क्षेत्रों को लाभान्वित करने के लिए शुरू किया गया है। इसलिए, इस के लिए इच्छित लाभार्थियों सहित सभी मछुआरे भी आवेदन करने के पात्र हैं। हालांकि, लाभार्थियों की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

इस योजना में उन लोगों के लिए कुछ पात्रता मापदंड हैं जो “सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े, सक्रिय पारंपरिक मछुआरों के लिए आजीविका और पोषण संबंधी सहायता” गतिविधि के तहत मछली पालन/प्रतिबंध अवधि के दौरान मछलियों के संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं।

  • आवेदन करने वाला व्यक्ति एक फुल टाइम मछुआरा होना आवश्यक है।
  • एक कार्यात्मक स्थानीय मछुआरा सहकारी समिति या संघ का एक सक्रिय सदस्य होना चाहिए।
  • आवेदन करने वाले व्यक्ति का बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) की श्रेणी में आना आवश्यक है।
  • आवेदन करने वाले व्यक्ति की आयु 18-60 वर्ष तक होनी चाहिए।
  • मछली पकड़ने के मौसम के 9 महीनों की अवधि में बैंक में बचत के रूप में 1500 रुपए जमा करना होगा।

पीएमएमएसवाय स्कीम क्या है – Related FAQs

प्रश्न: पीएमएमएसवाई के क्या लाभ हैं?

उत्तर: पीएमएमएसवाई का मुख्य उद्देश्य मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्रों का विकास करना है। मछली उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए भूमि और जल संसाधनों का कुशल उपयोग। कटाई के बाद के प्रबंधन और गुणवत्ता में सुधार पर विचार करते हुए मूल्य श्रृंखला का आधुनिकीकरण करें। मत्स्य पालन के क्षेत्र में रोजगार सृजित करें।

प्रश्न: पीएम मत्स्य संपदा योजना की वैधता क्या है?

उत्तर:पीएमएमएसवाई को सभी केंद्र शासित प्रदेशों और भारतीय राज्यों में 2020 से 2025 तक पाँच वर्षों के लिए लागू किया गया है।

प्रश्न: मत्स्य पालन को सब्सिडी क्यों दी जाती है?

उत्तर: एक मत्स्य सब्सिडी एक सरकारी कार्रवाई है जो उपभोक्ताओं या मछली निकालने वालों को उनकी आय के पूरक या उनकी लागत को कम करने के लिए एक लाभ प्रदान करती है।

प्रश्न: नीली क्रांति क्या है?

उत्तर: नीली क्रांति, अपनी बहु-आयामी गतिविधियों के साथ, मुख्य रूप से अंतर्देशीय और समुद्री दोनों जलीय कृषि और मत्स्य संसाधनों से मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर केंद्रित है।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
[fluentform id="3"]

Leave a Comment