पावर टूल्स किसे कहते हैं? | पावर टूल्स के प्रकार | Power tools kise kahte hai

|| पावर टूल्स किसे कहते हैं? | Power tools kise kahte hai | Power tools definition in Hindi | पावर टूल्स के प्रकार | पावर टूल्स क्या काम आते हैं? | पावर टूल्स से आप क्या समझते हैं? ||

Power tools kise kahte hai :- आज के समय में हमारे काम को सरल बनाने के लिए कई तरह के टूल्स व मशीन बन चुकी है। पहले के समय में जो काम हाथ से ही किया जाता था, वह आज के समय में मशीन व तरह तरह के टूल्स की सहायता से होने लगा है। इससे काम जल्दी और सरल तरीके से किया जा सकता है और साथ ही काम की गुणवत्ता भी अच्छी होती है। ऐसे में ही कुछ टूल्स होते हैं जिन्हें हम पावर टूल्स के नाम से जानते (Power tools definition in Hindi) हैं।

आपने अपने दैनिक जीवन से लेकर कई तरह के कामों को करने के लिए इन पावर टूल्स का इस्तेमाल किया होगा या करते हुए देखा होगा किन्तु आपको यह नहीं पता होगा कि इन्हें पावर टूल्स कहा जाता है। ऐसे में आज हम आपके साथ पावर टूल्स क्या होते हैं और पावर टूल्स के क्या कुछ प्रकार होते हैं, के बारे में ही बात करने वाले हैं। आज के इस लेख को पढ़कर आपको पावर टूल्स के बारे में समूची जानकारी हो (Power tools kise kahate hain) जाएगी।

पावर टूल्स किसे कहते हैं? (Power tools kise kahte hai)

वैसे तो कई तरह के टूल्स होते हैं या मशीन होती है जिनकी सहायता से हम अपना काम कर पाने में सक्षम होते हैं किन्तु उन सभी मशीन या टूल्स में से ऐसे उपकरण जो बिजली या विद्युत की सहयता से चलते हैं या काम करते हैं तो उन्हें पावर टूल्स के नाम से जाना जाता है। यहाँ हम यह समझाना चाह रहे हैं कि विद्युत शक्ति पर काम करने वाले हर तरह के टूल्स को ही पावर टूल्स कहा (Power tools meaning in Hindi) जाता है।

पावर टूल्स किसे कहते हैं

अब आपने अपने घर पर कभी काम करवाया हो और उसके लिए मिस्त्री या बिजली वाले को बुलाया हो तो वह अपने साथ कई तरह के पावर टूल्स को लेकर आता है जैसे कि ड्रिल मशीन या अन्य तरह की ऐसी कोई मशीन या उपकरण जो बिजली की सहायता से चलती हो या काम करती हो। एक तरह से सभी तरह के पावर टूल्स को बिजली की जरुरत पड़ती ही है और इसी की सहायता से ही वे काम कर पाने में सक्षम होते हैं। वे इन विद्युत ऊर्जा को यांत्रिकी ऊर्जा में बदल कर काम करते (Power tools kya hai) हैं।

पावर टूल्स एक शारीरिक काम करने वाले उपकरणों को कहते हैं जो विभिन्न कामों को आसानी से करने में मदद करते हैं और ऊर्जा की शक्ति का उपयोग करके काम करते हैं। ये टूल्स बिजली, बैटरी, या इंजन से चलाए जा सकते हैं और विभिन्न कार्यों को सरल और तेजी से पूरा करने में मदद करते हैं। एक तरह से यह जरुरी नहीं है कि उसी समय बिजली का इस्तेमाल किया जाये ताकि पावर टूल्स का इस्तेमाल किया जा सके बल्कि इसकी जगह बैटरी या इंजन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है जिसमें ऊर्जा को पहले से ही स्टोर किया गया होता (Power tools in Hindi) है।

पावर टूल्स के प्रकार (Power tools types in Hindi)

अब जब आपने पावर टूल्स की परिभाषा के बारे में जान लिया है तो अब बारी आती है पावर टूल्स के प्रकारों के बारे में जानने की। तो यहाँ हम आपको बता दें कि वैसे तो पावर टूल्स के कई तरह के प्रकार होते हैं और समय के साथ साथ इनमें कई तरह के परिवर्तन और अपग्रेड भी आते जा रहे हैं जो इसे और भी अधिक उन्नत व आधुनिक रूप दे रहे हैं। हालाँकि इनमें से कुछ प्रमुख पावर टूल्स हैं जिनके बारे में हम आपको जानकारी देने वाले (Types of power tools in Hindi) हैं।

अब इसमें से कुछ पावर टूल्स ऐसे होते हैं जिन्हें आप अपने घर पर सामान्य उपयोग के लिए रख सकते हैं तो कुछ पावर टूल्स ऐसे होते हैं जिन्हें एक्सपर्ट की सहायता से ही उपयोग में लाया जा सकता है अन्यथा इससे किसी को चोट तक लग सकती है। ऐसे में आज हम आपके साथ पावर टूल्स के तरह तरह के प्रकारों के बारे में बात करने जा रहे हैं ताकि आप इन्हें अच्छे से समझ सकें।

ड्रिल मशीनें (Drills)

ये उपकरण चीरने और बोर करने के काम में मदद करते हैं। इस तरह की मशीन को आप भी इस्तेमाल में ला सकते हैं। बहुत से लोग ड्रिल मशीन को या इस तरह के पावर टूल्स को खरीद कर अपने घर पर रखते हैं ताकि दीवार इत्यादि में कील ठोकी जा सके या किसी जरुरत वाली जगह पर ड्रिलिंग का काम किया जा सके।

हालाँकि इसमें भी तरह तरह के प्रकार आते हैं जो आने वाले समय में यह और भी आधुनिक होती जा रही है। साथ ही ड्रिल करने के क्षेत्र के हिसाब से इसके छोटे से लेकर बड़े प्रकार की मशीन आती है जिनमें दीवार में छोटे सुराख़ करने से लेकर सड़क पर बड़ा सुराख़ करने वाली ड्रिल मशीन आती है।

ग्राइंडर और पॉलिशर (Grinders and Polishers)

इस तरह की मशीन का उपयोग हम किसी भी धातु या मेटल को चीरने या उसे काटने में करते हैं। एक तरह से कहा जाए तो बाजार में कई तरह की मेटल आती है और उन्हें कई तरह के काम में इस्तेमाल में लाने के लिए उनकी ग्राइंडिंग या पॉलिश की जानी जरुरी होती है।

ऐसे में यदि आपको मेटल की कटाई करनी है या उसे पॉलिश करना है तो उसके लिए ग्राइंडर वाले पावर टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी सहायता से वह सही रूप लेती है और उसे पॉलिश भी किया जा सकता है। इस तरह के पावर टूल्स का इस्तेमाल होते हुए आप किसी भी ग्राइंडिंग शॉप में देख सकते हैं।

सैंडर (Sanders)

इस तरह के पावर टूल्स भी कुछ कुछ ग्राइंडर या पॉलिशर का ही काम कर रहे होते हैं किन्तु इसके माध्यम से मुख्यतया सतह को सही रूप देने का काम किया जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि किसी भी तैयार धातु या मेटल की वस्तु की सतह को ठीक करने या उसे सही रूप देने के लिए सैंडर का इस्तेमाल किया जाता है।

इसी के साथ ही यह उस घातु को पॉलिश करने में भी बहुत सही रहती है। इसकी सहायता से उसे सही रूप में पॉलिश कर इस्तेमाल में लेने लायक बनाया जाता है। आज के समय में सैंडर का इस्तेमाल भी बहुत ही तेजी के साथ बढ़ रहा है।

सॉ (Saws)

सॉ मशीन को तो आपने बहुत बार देखा होगा और इसका शायद इस्तेमाल भी किया हो। जब भी घर पर लकड़ी का काम हो रहा होता है तो मिस्त्री के द्वारा इसी तरह के पावर टूल्स का इस्तेमाल ही किया जाता है और इसकी सहायता से लकड़ियों को काटना और उसे सही रूप देने वाला काम किया जाता है।

यह एक तरह से ऐसी पावर टूल्स होती है जिसकी सहायता से धातु या लकड़ी को एक शेप में काटा जाता है और उसे जोड़कर अन्य रूप दिया जाता है ताकि उसका सही से इस्तेमाल किया जा सके। अब इसकी सहायता से ना केवल सोफे, बेड इत्यादि का निर्माण किया जाता है बल्कि दरवाजे, खिड़कियाँ इत्यादि भी इसी सॉ मशीन से ही बनायी जाती है।

इलेक्ट्रिक प्लैनर (Electric Planers)

इसकी सहायता से धातु या मेटल को एक समतल जगह देने और उसे प्लेन करने का काम किया जाता है। तभी इसके नाम में प्लैनर जुड़ा हुआ है जिसका अर्थ हुआ किसी भी धातु या लकड़ी को समतल या प्लेन रूप देना। इस तरह के पावर टूल्स का इस्तेमाल होते हुए भी आपने अपने आसपास बहुत बार देखा होगा और शायद खुद भी उसका इस्तेमाल किया हुआ हो।

इस तरह के पावर टूल्स में हाथ का इस्तेमाल बहुत ही कम होता है और सारा काम मशीन की सहायता से ही अपने आप हो जाता है। तभी इसमें इलेक्ट्रिक शब्द जोड़ा गया है अर्थात बिजली की सहायता से सारा काम अपने आप हो जाना।

वेल्डिंग मशीनें (Welding Machines)

अब यदि आप साइकिल चलाते थे या ऐसी ही किसी चीज़ का इस्तेमाल करते थे जिसमें धातुओं का उपयोग हुआ हो और वह टूट जाए तो उसे फिर से जोड़ने के लिए इसी वेल्डिंग मशीन का ही इस्तेमाल किया जाता है। अभी तक आपने भी इसी वेल्डिंग मशीन का कई बार उपयोग किया होगा और इसे देखा भी होगा। हालाँकि इसका खुद से इस्तेमाल किया जाना हानिकारक सिद्ध हो सकता है।

इसे केवल प्रशिक्षित व्यक्ति ही इस्तेमाल करता है क्योंकि धातुओं को वेल्ड करते समय बहुत ज्यादा मात्रा में ऊर्जा निकलती है और वह धातु बहुत गर्म भी हो जाती है। ऐसे में यदि आप सावधानीपूर्वक इसका उपयोग नहीं करेंगे तो आपको बहुत ज्यादा चोट लग सकती है।

इम्पैक्ट ड्राइवर्स (Impact Drivers)

इस तरह के पावर टूल्स का उपयोग नट ब बोल्ट को निकालने या उसे जोड़ने में किया जाता है। एक तरह से बहुत सी चीजों को एक दूसरे से जोड़ने या अलग करने के लिए नट व बोल्ट का इस्तेमाल किया जाता है और उन्हें बहुत कसकर बंद किया गया होता है। बहुत सारी मशीनों में तो इन्हें सिंपल तरीके से खोला जाना संभव नहीं होता है और उस स्थिति में इसी तरह के पावर टूल्स का ही इस्तेमाल किया जाता है।

यह पावर टूल उस नट व बोल्ट को आसानी से खोलने या उसे बंद करने में सक्षम होता है। ऐसे में यह पावर टूल भी बहुत काम का होता है जिसका इस्तेमाल बहुत ही ज्यादा आम हो गया है।

गन और स्टेपलर्स (Nail and Staple Guns)

इस तरह के पावर टूल्स का इस्तेमाल मुख्य रूप से डाकघरों व निर्माण कार्यों में देखने को मिलता है। अब इसमें गन का अर्थ किसी को मारने वाली बंदूक से नहीं है बल्कि यह किसी चीज़ पर प्रिंट करने वाली गन से होता है। इसकी सहायता से हम उस चीज़ पर किसी चीज़ की छाप छोड़ते हैं और वह आगे के काम के लिए उपयोग में लायी जाती है।

वहीं स्टेपलर्स का इस्तेमाल तो बहुत जगह होता है और यह सामान्य तौर पर घरों में भी काम में लिए जाते रहते हैं। वैसे आज के समय में बिजली से चलने वाले ऊर्जा वाले स्टेपलर्स भी बहुत काम में आने लगे हैं जिनका उपयोग तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। 

जनरेटर्स (Generators)

जब भी आप किसी बड़ी जगह जाते हैं तो वहां बिजली जाने पर भी कोई अंतर नहीं पड़ता है क्योंकि वहां इसके लिए बड़े बड़े जनरेटर लगाये गए होते हैं जो निर्बाध रूप से बिजली की सप्लाई करने का काम कर रहे होते हैं। अब घरों में तो इन्वर्टर लगाये गए होते हैं जो पावर टूल्स का ही एक रूप है और उसी में ही जनरेटर बड़ा रूप है जो तेजी के साथ बिजली की माँग को पूरा करता है।

इस तरह से यह एक ऐसा पावर टूल होता है जो बिजली से ही चलता है और बिजली का ही निर्माण कर रहा होता है। एक तरह से यह बिजली को निर्मित करने वाला पावर टूल कहा जाता है जो सबसे भिन्न व अद्भुत होता है।

अन्य पावर टूल्स (Other Power Tools)

इसमें वूड लेथ, वॉटर जेट कटिंग मशीन, डेमोलिशन हैमर्स जैसे कई उपकरण शामिल होते हैं जिन्हें पावर टूल्स ही कहा जाता है। यह तो हमने आपको ऊपर ही बताया है कि बढ़ते ज़माने के साथ पावर टूल्स में भी कई तरह के प्रकार देखने को मिल रहे हैं और उनमें तरह तरह की चीज़ों का इस्तेमाल भी किया जाता रहता है।

ऐसे में आपको हर दिन के साथ पहले के पावर टूल्स में तरह तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे और इसी के साथ ही नये नए तरह के पावर टूल्स भी देखने को मिलेंगे जो मनुष्य के जीवन को सरल बनाने का काम कर रहे होंगे। इसमें लगभग हर तरह के वे टूल्स आयेंगे जो बिजली की सहायता से चलते हैं और मनुष्य का काम करके देते हैं।

पावर टूल्स किसे कहते हैं – Related FAQs 

प्रश्न: पावर टूल्स का मतलब क्या होता है?

उत्तर: ऐसे उपकरण जो बिजली या विद्युत की सहयता से चलते हैं या काम करते हैं तो उन्हें पावर टूल्स के नाम से जाना जाता है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलते हैं।

प्रश्न: पावर टूल्स किसे कहते हैं?

उत्तर: ऐसे उपकरण जो बिजली या विद्युत की सहयता से चलते हैं या काम करते हैं तो उन्हें पावर टूल्स के नाम से जाना जाता है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलते हैं।

प्रश्न: पावर टूल्स के कितने प्रकार हैं?

उत्तर: पावर टूल्स के कुछ प्रकारों के बारे में जानकारी हमने आपको ऊपर के लेख में दी है जो आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: पावर टूल्स से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: पावर टूल्स ऐसे उपकरण होते हैं जो बिजली से चलते हैं और विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदल कर काम करके देते हैं।

प्रश्न: पावर टूल्स क्या काम आते हैं?

उत्तर: पावर टूल्स के बारे आप ऊपर का लेख पढ़ कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने पावर टूल्स के बारे में जानकारी हासिल कर ली है। आपने जाना कि पावर टूल्स किसे कहते हैं और पावर टूल्स के क्या कुछ प्रकार हैं। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। यदि कोई शंका आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं। 

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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