प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना | PM Garib Kalyan Anna Yojana Apply

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 जून को एक बार फिर देश की जनता से रूबरू हुए। इसे लेकर बहुत कयास लगाए जा रहे थे। ज्यादातर लोगों का मानना था कि वह इन दिनों चर्चाओं में छाए चीन को लेकर कोई चर्चा करेंगे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, बल्कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान लोगों से लापरवाही न बरतने की अपील तो की ही, इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का भी विस्तार त्योहारों के सीजन जैसे दिवाली और छठ तक विस्तार किया। यह त्योहार नवंबर में पड़ेंगे। ऐसे में यह योजना भी नवंबर अंत तक विस्तारित रहेगी।

दोस्तों, आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसी गरीब कल्याण अन्न योजना के बारे में जानकारी देंगे। आपको बताएंगे कि यह योजना क्या है, यह कब लागू हुई, इसकी शुरुआत किसने की, इससे कितने लोगों को लाभ होगा आदि। आपको बस धीरज के साथ इस पोस्ट को पढ़ते जाना है। आइए शुरू करें –

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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना क्या है? What is Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana?

यह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना 26 मार्च को शुरू हुई थी। इसके तहत तीन महीने का मुफ्त राशन का प्रावधान किया गया था। प्रति माह पांच किलो गेहूं या पांच किलोचावल के साथ प्रोटीन को ध्यान में रखते हुए एक किलो दाल की व्यवस्था की गई। यह योजना 1.70 लाख करोड़ रुपये के प्रधनामंत्री करीब कल्याण पैकेज यानी पीएमजीकेपी की घोषणा का हिस्सा था। यह घोषणा लॉकडाउन के अगले ही दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी। योजना के लाभार्थियों में महिलाएं, बुजुर्ग किसान खास तौर पर शामिल थे।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना | PM Garib Kalyan Anna Yojana Apply

इस योजना की घोषणा से आम लोगों ने राहत की सांस ली थी। ये वह लोग थे, जिन्हें लॉकडाउन की लंबी अवधि के दौरान खाने पीने की विशेष रूप से चिंता हो रही थी। गृह मंत्री अमित शाह ने भी प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम को दूरदर्शी करार दिया। कहा कि इस योजना के चलते ही भारत जैसे विशाल देश में एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोया। यह एक बड़ी कामयाबी है। कहा कि यह प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी का करोड़ों गरीबों के प्रति संवेदनशीलता और कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबदता को दर्शाता है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के सफल क्रियान्वयन का श्रेय भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही देने में कोर कसर नहीं छोड़ी।

योजना का नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
किसने शुरू की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी
लाभार्थीदेश 80 करोड़ लाभार्थी
उद्देश्य गरीब परिवार को राशन प्रदान करना
आवेदन प्रक्रिया

यह साफ भी है कि देश का गृह मंत्री होने और एक ही पार्टी के होने की वजह से वह अपनी सरकार के मुखिया को ही हर योजना का श्रेय देंगे। हालांकि विपक्ष का आरोप था कि केवल लॉकडाउन में राशन मुहैया कराने से लोगों का भला नहीं होने वाला, उनके लिए कोई ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार क्यों, कितने लोगों को होगा फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना को दिवाली और छठ पूजा यानी नवंबर के महीने तक बढ़ा दिया गया है। इसके विस्तार में 90 हजार करोड़ से भी अधिक खर्च होने की संभावना है। इससे 80 करोड़ लोगों को फायदा होगा। उन्हें पांच किलो गेहूं या पांच किलो चावल मुफ्त दिया जाएगा। इसके अलावा हर परिवार को एक किलो चना भी मुफ्त दिया जाएगा। यदि इसमें पिछले तीन माह का खर्च भी जोड़ दिया जाए तो यह राशि डेढ़ लाख करोड़ रुपये हो जाएगी।

इसके विस्तार के पीछे बरसात का सीजन शुरू होने और त्योहार का सीजन होने की वजह से खर्च अधिक होना करार दिया गया है। यानी लोगों के खर्च में कुछ हाथ बंटाने के लिए इस योजना को बढ़ाने का फैसला किया गया। आपको बता दें कि इस प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत महीने में मुफ्त अनाज दिया जाता है। इसमें एक किलो चावल और एक किलो उड़द की दाल मुफ्त मिलती है।

उदाहरण से ऐसे समझिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को

देश के गरीबों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना बेहद लाभकारी साबित हुई है। आप इस योजना को इस तरह भी समझ सकते हैं। यदि आपके राशन कार्ड में मुखिया समेत छह सदस्यों के नाम दर्ज हैं तो उस कार्ड पर 30 किलो चावल और एक किलो दाल मिलेगी। इसकी खास बात यह भी है कि यदि आपके पास राशन कार्ड है तो आप सभी को मुफ्त दाल, चावल मिलेगा। यह कार्ड चाहे अंत्योदय का हो या फिर पात्र गृहस्थी का, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

यह वर्तमान में चलने वाली किसी भी मुफ्त योजना से प्रभावित नहीं होगा। इससे हर वर्ग के लाभार्थियों को इस योजना से लाभ मिलना सुनिश्चित हो गया है। इसे ज्यादातर विशेषज्ञ एक बेहतर कदम करार दे रहे हैं। उनके मुताबिक इससे देश की जनता को कम से कम पेट के बारे में सोचने को मजबूर तो नहीं होना पड़ेगा। लेकिन जो इस तरह के कदमों के विरोध में हैं, उन्होंने इसे एक आर्थिक बोझ मानते हुए ऐसा न किए जाने की वकालत की है। इसकी जगह उन्होंने रोजगार के नए अवसर विकसित किए जाने पर जोर दिया है। खुद नौजवान भी यही चाहते हैं कि उनके रोजगार की कोई स्थायी व्यवस्था हो जाए।

यहां यह भी बता दें कि राज्यों ने प्रवासियों के स्वरोजगार के लिए पोर्टल बनाए हैं, लेकिन उन्हें जानकारी न होने से वह इसके लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करा पा रहे हैं। कई राज्यों में इसके लिए अलग से अफसर बनाकर उन्हें स्वरोजगार के आवेदन फार्म भरवाने का टारगेट भी सौंपा गया है, लेकिन अफसर इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। उनकी ओर से हीला-हवाली चल रही है।

लॉकडाउन में मददगार साबित हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

लॉकडाउन के दौरान देश ने अभूतपूर्व बंदी देखी। उद्योग धंधे ठप हो गए। मजदूरों का हाथ काम छिन गया। बड़ी संख्या में नौकरियों पर कैंची चली। नौजवान बेरोजगार हो गए। केवल खाने-पीने और दवाओं का धंधा फला-फूला। ऐसे में लाखों लोगों के सामने रोज के राशन की दिक्कत खड़ी हो गई। ऐसे में लोगों की मदद को प्रधानमंत्री ने गरीब कल्याण अन्न योजना की घोषणा की थी, जिसके बाद इसे अमली जामा पहनाया गया। आपको बता दें दोस्तों कि लोगों के खाने पीने की दिक्कत दूर करने में इस प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने महती भूमिका अदा की।

जिन लोगों के पास राशन खरीदने को पैसे नहीं थे, वह मुफ्त के दाल, चावल या गेहूं के जरिये कम से कम अपनी रोज की क्षुधा को शांत कर सके। शहरों में अपने काम धंधे बंद हो जाने या रोजगार को तिलांजलि देकर कोरोना संक्रमण को चलते अपने गांवों, शहरों को पहुंचे प्रवासियों के लिए भी यह योजना बेहद काम की साबित हुई है। वह अपने घरों में सुरक्षित रहे, कम से कम खाने पीने से जुड़ी दिक्कत अपने गांव, घर पहुंचकर उन्हें नहीं झेलनी पड़ी।

यह बात अलग है कि अपने गांव, गली तक पहुंचने में ट्रांसपोर्ट की सुविधा न होने से उन्हें बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। वह पैदल सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर अपने गांव पहुंचने में कामयाब हो पाए। कई के परिचितों, रिश्तेदारों ने तो रास्ते में ही हादसों का शिकार होकर अपनी जान गंवा दी।

योजनाओं का लाभ देशभर उठा सके, इसलिए एक ही राशन कार्ड पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के लिए एक ही राशन कार्ड की वकालत की है। अभी तक हर राज्य में अलग तरह के राशन कार्ड बनते हैं। कई स्थानों पर इनके रंग और श्रेणियों यानी वर्गों में भी अंतर है। लेकिन जो सोच है, वह यदि अमल में लाई जाती है तो सभी लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। इससे किसी भी योजना का लाभार्थी किसी भी राज्य का हो, इससे फर्क नहीं पड़ेगा। इसके पीछे सोच अच्छी है।

इसी बात से देखा जा सकता है कि जब बिहार के मजदूर उत्तराखंड में फंसे तो उन्हें विशेष सुविधा दी गई थी कि वह बिहार के राशन कार्ड पर ही उत्तराखंड में भी खाद्यान्न योजना का लाभ ले सकेंगे। केंद्रीयकृत राशन कार्ड होने से यह दिक्कत दूर हो जाएगी। उनका राशन कार्ड किसी भी राज्य में मान्य होगा।

पैकेज को लेकर उठे सवाल, पीएम केयर फंड की राशि के ब्योरे पर भी बवाल

मित्रों, आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन के लिए जो पैकेज की घोषणा की थी, उसकी राशि को लेकर सवाल उठते रहे। बताया गया कि यह राशि विदेशों से मिले सहायता फंड से घोषित की गई है। वहीं, कोरोना महामारी से निपटने के लिए चलाए गए पीएम केयर फंड में जमा की गई धनराशि को लेकर भी बवाल चलता रहा। विपक्ष ने तो यह मामला उठाया ही, सोशल मीडिया पर भी यह मसला छाया रहा। कहा गया कि यह राशि आम आदमी की ओर से फंड में जमा कराई गई है तो इसकी जानकारी देने में सरकार को दिक्कत क्यों है। उनका आरोप था इस फंड की राशि को भाजपा सरकार चुनाव लड़ने में इस्तेमाल करेगी।

बिहार में वर्चुअल रैली के लिए लगाई गईं बड़ी एलसीडी के वक्त भी यह सवाल पूरी शिद्दत से उठा। माना जा रहा था कि सरकार इन पर लाखों रुपये खर्च कर रही है। हालांकि पार्टी प्रवक्ताओं ने अलग अलग मंचों से इस आरोप पर पलटवार किया। यह अलग बात है कि अब तक इस पीएम केयर फंड में लोगों का डोनेशन कायम है। इससे पहले प्रधानमंत्री राहत कोष के स्थान पर पीएम केयर फंड बनाए जाने पर भी सवाल खड़े हुए थे।

इस बीच यह भी सामने आया कि टिकटॉक जैसे कई एप लांच करने वाली कंपनियों ने इस फंड में डोनेशन दिया है। लिहाजा, इस तरह की कंपनियों को कई तरह के आउट ऑफ टर्न लाभ देने के आरोप लगाए जा रहे थे। प्रधानमंत्री और उनके सहयोगी बजाए अपना नाम सामने लाने के तमाम तरह के प्लेटफॉर्म से इन आरोपों का खंडन करने में लगे रहे। लेकिन सीधे जनता के सामने आकर पीएम केयर फंड का ब्योरा देने में उन्होंने किसी तरह की रुचि नहीं दिखाई।

बिहार चुनाव पर भी नजर होने को लेकर पैदा हुई चर्चा

ढेरों लोग ऐसे भी हैं, जो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के विस्तारीकरण का निहितार्थ भी निकाल रहे हैं। कई लोगों का यह भी मानना है कि दिवाली और छठ तक इस योजना को बढ़ाकर दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार की जनता को अपने पक्ष में लेना चाहते हैं। सभी लोग जानते हैं कि छठ बिहार का प्रमुख पर्व है और छठ तक ही इस योजना को बढ़ाए जाने की बात हो रही है। ऐसे में लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री इस घोषणा के माध्यम से बिहार चुनाव के लिए भूमि तैयार कर इसे भुनाना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से जुड़े प्रश्न और उनके जवाब

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा शुरू की गई एक महत्वकांक्षी योजना है इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार इस कोरोनावायरस के गरीब नागरिकों के लिए जून तक मुफ्त राशन प्रदान करेंगीं।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत किसने और कब की है?

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत 26 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा की गई थी। जिसका लाभ राज्य के गरीब नागरिको को दिया जाएगा।

PM Garib Kalyan Anna Yojana का लाभ कैसे मिलेगा?

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ राशन कार्ड में सदस्यों की संख्या के हिसाब से दिया जाएगा। मतलब की प्रति कार्ड धारक व्यक्ति के लिए 5 किलो राशन प्रदान किया जाएगा। जिसे कार्ड धारक व्यक्ति क्षेत्र की सस्ते गल्ले की दुकान से ले सकेंगे।

क्या प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत मिलने वाला राशन फ्री मिलेगा?

जी हां प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत कार्डधारक लाभार्थी को बिल्कुल फ्री गेहूं, चावल, दाल, चना प्रदान किया जाएगा। इसके लिए आपको कोई भी पैसा देने की जरूरत नहीं होगी।

के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत सभी कार्ड धारकों को लाभ मिलेगा?

जी हाँ PM Garib Kalyan Anna Yojana के अंतर्गत राशन कार्ड में जितने परिवार के व्यक्तियों के नाम शामिल होंगे उन सभी व्यक्तियों को प्रति व्यक्ति के हिसाब से 5 किलो राशन मुफ्त दिया जाएगा। जैसे कि अगर आपके परिवार में 4 सदस्य हैं तो प्रति व्यक्ति 5 किलो के हिसाब से आपको भी किलो राशन केंद्र सरकार की तरफ से फ्री उपलब्ध कराया जाएगा।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत राशन लेने के लिए क्या करना होगा?

इस योजना के अंतर्गत फ्री राशन लेने के लिए आपको महीने की एक निर्धारित की दिनांक को गई क्षेत्र की सस्ते गल्ले की दुकान से प्राप्त कर सकते हैं।

तो दोस्तों, यह थी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना | PM Garib Kalyan Anna Yojana Apply के संबंध में संपूर्ण जानकारी। यदि आप इस विषय में और किसी बिंदु पर जानकारी चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं। नीचे दिए गए कमेंट बाक्स पर कमेंट करके आप हमें अपनी बात से अवगत करा सकते हैं। आपकी प्रतिक्रिया और सुझाव हमारे लिए बहुत मायने रखते हैं। कमेंट के जरिये आप इन्हें हम तक पहुंचा सकते हैं। हमें इंतजार रहेगा। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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