प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना में आवेदन कैसे करें – PM Soil Health Card Scheme

प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना 2024 की जानकारी हिंदी में : दोस्‍तों आज हम आपको केंद्रीय सरकार के द्धारा संचालित एक ऐसी योजना के बारे में जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। जिसका लाभ उठा कर किसान अपनी आमदनी तो बढ़ा ही रहे हैं। साथ ही नया रोजगार भी हासिल कर रहे हैं।

इस योजना का नाम मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना है। इस योजना को पूरे देश में PM Soil Health Card Scheme के नाम से भी जाना जाता है।

प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना 2020 की जानकारी हिंदी में

मृदा स्‍वास्‍थ्‍य प्रबंधन योजना भारतीय किसानों के लिये किसी वरदान से कम नहीं है। एक और जहां Soil Health Scheme के तहत किसानों की आमदनी में कई गुना अधिक मुनाफा दर्ज किया जा रहा है।

वहीं ग्रामीण स्‍तर पर बेरोजगार युवाओं को मृदा परीक्षण लैब बनाने के लिये सरकारी सहायता प्रदान की जा रही है। जो युवा अपने गांव में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला खोलने के इच्‍छुक हैं, उन्‍हें केंद्र सरकार के कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्‍याण विभाग के द्धारा 3.75 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्राप्‍त हो सकती है।

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प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना क्‍या है? PM Soil Health Scheme Kya Hai

PM Soil Health Scheme Kya Hai in Hindi : प्रधानमंत्री मृदा स्‍वास्‍थ्‍य प्रबंधन योजना के तहत देश भर के गांवों में मौजूद कृषि योग्‍य खेतों की मिटटी की जांच की जाती है।

मिटटी की जांच से पता चलता है, कि मिटटी में किन किन पोषक तत्‍वों की कमी है। यदि मिटटी में किसी प्रकार की कोई बीमारी होती है। तो उसकी रिपोर्ट जांच के बाद किसान को मिल जाती है।

जिसके बाद किसान अपने खेत में पोषक तत्‍वों का छिड़काव करके तथा बीमारी दूर करने के लिये दवा आदि का छिड़काव भी कर सकता है।

जिसके बाद किसान के खेत में पोषक तत्‍वों तथा उर्वरकों की कमी पूरी हो जाती है तथा किसान को अच्‍छी उपज का लाभ प्राप्‍त होता है।

योजना का नाम प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना 
लाभ मृदा परीक्षण लैब बनाने के लिए 3.75 लाख रूपये की आर्थिक सहायता
लाभार्थी बेरोजगार युवाओं
पात्रता किसान परिवार से सम्बन्ध
शुरुआत किसने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
विभाग सहकारिता एवं किसान कल्‍याण विभाग
वेबसाइट soilhealth.dac.gov.in
प्रक्रिया ऑनलाइन

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प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना 2024 के लाभ

  • PM Soil Health स्‍कीम के तहत किसानों को बड़े पैमानें पर Soil Health Card बना कर दिये जा रहे हैं। इन हेल्‍थ कार्डों का उपयोग किसान अपने खेत की मिटटी के नमूनों का परीक्षण कराने में करते हैं।
  • इस योजना के तहत गांव के बेरोजगार युवाओं को मृदा परीक्षण लैब खोलने के लिये 3.75 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
  • Pradhanmantri Mrida Swasthaya Prabandhan Yojana लागू हो जाने के बाद किसानों के मुनाफे में 30,000 रूपये तक की बढ़ोत्‍तरी दर्ज की गयी है।
  • मृदा परीक्षण से किसानों को समय से यह पता चल जाता है कि उनके खेत में कौन कौन से पोषक तत्‍वों की कमी हो रही है।
  • मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना के लांच होने के बाद से सूरजमुखी की खेती करने में 25 हजार रूपये प्रति एकड़ आमदनी में इजाफा हुआ है। कपास में प्रति एकड़ 12,000 रूपये तथा मूंगफली की खेती में प्रति एकड़ 10,000 रूपये की बढ़ोत्‍तरी हुई है।
  • मृदा परीक्षण के बाद यह ठीक ठीक पता चल जाता है कि खेत में कौन कौन से उर्वरक कितनी मात्रा में डालने हैं। प्राप्‍त डाटा के अनुसार यूरिया तथा नाइट्रोजन से उर्वरकों की काफी बचत होती है। पहले किसान अंदाज से उर्वरक डालते थे लेकिन अब जांच के बाद निर्धारित मात्रा में ही उर्वरक डालते हैं।
  • मृदा परीक्षण के बाद निर्धारित मात्रा में उर्वरक डालने से फसलों की उत्‍पादकता में भारी वृद्धि दर्ज की जा रही है। धान के उत्‍पादन में 10-20 प्रतिशत, कपास के उत्‍पादन में 10-20 प्रतिशत, दलहन के उत्‍पादन में 10-30 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की जा रही है।
  • पीएम मृदा परीक्षण योजना के तहत हर 2 साल में किसानों को मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड जारी किये जाते हैं।
  • भारत में मृदा परीक्षण के तहत 3.33 करोड़ नमूनों की जांच प्रति वर्ष की जाने लगी है।

मृदा स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण प्रयोगशाला खोलने के लिये जरूरी पात्रता

  • भारत के मूल निवासी ही इस योजना के लिये पात्र हैं।
  • बेरोजगार युवक युवतियों का संबंध किसान परिवार से होना आवश्‍यक है।
  • ग्रामीण बेरोजगार युवा पात्रता संबंधी नियमों पर पूरी तरह खरे उतरते हैं।
  • मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना में 18 से 40 वर्ष की आयु के युवा पात्र मानें जाते हैं।

PM Soil Health Card Scheme की मुख्‍य विशेषतायें

  • मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना के तहत किसानों को PM Soil Health Card बना कर दिये जाएंगें। जो 2 साल के लिये वैध होगा।
  • यह योजना देश के सभी राज्‍यों में लागू है तथा देश के सभी किसान इस योजना का लाभ उठा  रहे हैं।
  • इस योजना के तहत मिटटी की जांच करने के बाद किसानों को इस बात की जानकारी दी जाएगी कि उनके खेत में कौन कौन से पोषक तत्‍वों तथा उर्वरकों की कमी है तथा उन्‍हें किस मात्रा में यूरिया / नाइट्रोजन जैसे पोषक तत्‍व अपने खेतों में डालने हैं।
  • इस योजना के लांच होने के बाद से किसानों की उपज बढ़ी है तथा ग्रामीण स्‍तर पर नये रोजगार का सृजन भी हुआ है।

PM Soil Health Card Scheme 2024 के लिये जरूरी दस्‍तावेज

  • आधार कार्ड
  • कृषि विज्ञान में उत्‍तीर्ण अंकतालिका
  • मूल निवास प्रमाण पत्र
  • कृषि भूमि की खसरा खतौनी की नकल
  • मोबाइल नंबर
  • पासपोर्ट साइज फोटो

प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना के तहत खुलने वाली लैब्‍स के लाभ

  • किसान समय पर तथा अपने गांव के भीतर ही मिटटी के नमूनों का परीक्षण करा सकेंगें।
  • मिटटी की जांच होने के बाद किसानों को कमी का पता चल जाएगा। जिसकी पूर्ति करने के बाद वह अच्‍छी पैदावार का लाभ उठा सकेंगें।
  • मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं में रासायनिक प‍द्धति से मिटटी की जांच की जाएगी। जिसके बाद जांच रिपोर्ट भी किसानों को दिये जाने का प्रावधान है।
  • मृदा परीक्षण लैब चलाने वाले युवा मिटटी की जांच करके अच्‍छी कमाई कर सकेंगें। जिससे गांवों से शहरों की ओर होने वाला पलायन रूकेगा।

मृदा परीक्षण प्रयोगशालायें कैसी होंगीं?

ग्राम स्‍तरीय मृदा स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण प्रयोगशालायें किराये अथवा स्‍वयं की पक्‍की दुकानों में स्‍थापित कराई जा सकेंगीं। इसके अलावा यदि ग्रामीण युवा चाहें तो Mobile Soil Testing Van के रूप में Lab स्‍थापित कर सकते हैं। इस प्रकार की प्रयोगशालाओं को सीधे खेतों तक भी ले जाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना के तहत प्रयोगशालायें कौन स्‍थापित कर सकता है?

  • गांव के पढ़े लिखे बेरोजगार युवा
  • विज्ञान वर्ग अथवा कृषि विज्ञान में स्‍नातक युवा
  • स्‍वयं सहायता समूह
  • कृषक समूह
  • कृषक उत्‍पादक संगठन
  • किसान सहकारी समितियां

मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना के तहत प्रयोगशाला खोलने में कितना खर्च आता है?

दोस्‍तों, यदि आप अपने गांव में मृदा परीक्षण के लिये Soil Testing Laboratory खोलना चाहते हैं। तो इस Laboratory को खोलने का कुल खर्च करीब 5 लाख रूपये के आसपास बैठता है। इसमें से केंद्र का कृषि विभाग आपको 3.75 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करता है। बाकी रकम आपको अपने स्रोतों से खर्च करनी पड़ती है।

Soil Testing Laboratory कैसे खोलें?

ग्रामीण स्‍तर पर Soil Testing Laboratory खोलने के लिये जरूरी है कि आपके पास पहले से स्‍वयं की अथवा किराये पर पक्‍की दुकान हो। इसके अलावा यदि आप Mobile Soil Testing Van के रूप में अपनी प्रयोगशाला खोलना चाहत हैं तो आपके पास एक वैन का होना बहुत आवश्‍यक है। वैन तथा दुकान का प्रबंध हो जाने के बाद ही आप Soil Testing Laboratory खोलने के लिये आवेदन कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना में आवेदन कैसे करें?

Pradhan Mantri Mrida Swasthaya Prababdhan Yojana के तहत यदि आप Soil Testing Laboratory खोलना चाहते हैं। तो इसके लिये आपको अपने जिले के उपनिदेशक (कृषि) अथवा संयुक्‍त निदेशक कृषि से उनके कार्यालय में जाकर संपर्क करना होगा।

कृषि विभाग के अधिकारियों के द्धारा ही आपको मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना के तहत Soil Testing Laboratory खोलने के लिये निर्धारित Form उपलब्‍ध कराया जाएगा। जिसे भर कर तथा उसके साथ सभी जरूरी दस्‍तावेजों को संलंग्‍न करने के बाद आप अपने आवेदन पत्र को जिले के कृषि विभाग में जमा कर सकते हैं।

अपने खेत की मिटटी का PM Soil Health Card ऑनलाइन कैसे प्रिंट करें?

यदि आपने अपने मिटटी की जांच कराई है, तो आप अपने खेत की मिटटी का Soil Health Card Online प्रिंट कर सकते हैं।

  • इसके लिये आपको सबसे पहले soilhealth.dac.gov.in की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
  • Soil Health Card का प्रिंट आउट निकालने के लिये आप इस लिंक पर क्लिक करें
  • आप जैसे ही ऊपर दिये गये लिंक पर क्लिक करेंगें वैसे ही आप कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्‍याण वेबसाइट के होम पेज पर पहुंच जाएंगें।
  • यहां आपको दायीं तरफ नीचे की ओर अपनी मिटटी के स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड प्रिंट करें का एक विकल्‍प दिखाई देगा। आपको इस लिंक पर क्लिक करना है।
Soil Testing Report Print Kaise Kare
  • आपके द्धारा लिंक पर क्लिक करते ही Next Page ओपन होता है।
  • अब सबसे पहले आप अपने राज्‍य का चयन करें।
  • जिला चुनें।
  • तहसील चुनें।
  • किसान का नाम डालें
  • ग्राम ग्रिड नंबर भरें।
  • नमूना नंबर डालें।
  • अंत में सर्च बटन पर क्लिक करें।

आपके द्धारा इतना करते ही आपकी मिटटी से संबंधित Soil Health Card सामने आ जाता है। अब आप इसका प्रिंट आउट निकाल सकते हैं।

सॉयल हेल्‍थ कार्ड क्‍या है?

सॉयल हेल्‍थ कार्ड एक प्रकार की प्रिंटेड रिपोर्ट है। जो किसान को सभी जोत के लिये दी जाती है। इस रिपोर्ट में 12 पैरामीटर होते हैं। मुख्‍य पोषक तत्‍व, सल्‍फर, जिंक फेरस, कॉपर, मैग्‍निशियम, बोरॉन तथा भौतिक पैरामीटर मे पीएच, ईसी, ओसी से संबंधित पूरी जानकारी दर्ज होती है। इस हेल्‍थ कार्ड में जांच के उपरांत किसानों को सुझाये गये उपाय भी प्रिंट होते हैं।

मिटटी के नमूने लेने के लिये कौन सी संस्‍था / व्‍यक्ति योग्‍य माना जाएगा?

  • राज्‍य सरकार के कृषि विभाग के कर्मचारी
  • आउटसोर्स एजेंसी के स्‍टॉफ
  • राज्‍य सरकार क्षेत्रीय कृषि महाविद्धालयों अथवा साइंस कॉलेजों के विद्धार्थियों के द्धारा भी नमूनों का संग्रह कराने के लिये स्‍वतंत्र है।
  • मिटटी के नमूनों की जांच कौन करेगा?
  • कृषि विभाग की देखरेख में एसटीएल पर स्‍वयं के विभागीय कर्मचारी
  • कृषि विभाग की देखरेख में एसटीएल पर बाहरी सोर्स ऐजेंसी के स्‍टॉफ के द्धारा
  • बाहरी सोर्स ऐजेंसी स्‍वामित्‍व एसटीएल पर और उनके स्‍टॉफ के द्धारा
  • केवीके व एसएयू सहित आईसीएमआर संस्‍थानों पर
  • किसी प्रोफेसर / वैज्ञानिक की निगरानी में विज्ञान कॉलेज / यूनिवर्सिटियों की प्रयोगशालाओं में छात्र छात्राओं के द्धारा।

प्रधानमंत्री मृदा स्‍वास्‍थ्‍य प्रबंधन योजना की अधिक जानकारी के लिये कहां संपर्क करें

केंद्र सरकार का संपर्क सूत्र –

अपर आयुक्‍त (आईएनएम) प्रभाग

कृषि एवं सहकारिता विभाग,

कृषि भवन, नई दिल्‍ली

राज्‍य सरकार के संपर्क सूत्र –

राज्‍य कृषि निदेशक कार्यालय व सभी जिलों में मौजूद जिला कृषि अधिकारी।

अंतिम शब्‍द – पीएम सॉयल हेल्‍थ कार्ड व मृदा स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण

यह योजना किसानों के लिये बहुत ही लाभकारी साबित हो रही है। एक ओर जहां किसानों को मिटटी की जांच कराने की सुविधा गांव स्‍तर पर ही प्राप्‍त हो रही है, वहीं ग्रामीण युवाओं को मृदा स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण प्रयोगशालायें स्‍थापित करने के लिये सहायता राशि भी प्रदान की जा रही है। जिससे युवाओं को एकदम नये किस्‍म का रोजगार भी मिल रहा है।

इसके अलावा किसानों को सबसे बड़ा लाभ यह हो रहा है, कि उन्‍हें अपने खेतों में उर्वरक कम मात्रा में डालने पड़ रहे हैं। जिससे उनके पैसों की भारी बचत हो रही है। साथ ही फसल के उत्‍पादन में भी कई गुना वृद्धि दर्ज की जा रही है।

प्रधानमंत्री मृदा स्‍वास्‍थ्‍य प्रबंधन योजना से सम्बन्धित सवाल जवाब

प्रधानमंत्री मृदा स्‍वास्‍थ्‍य प्रबंधन योजना कब लागू हुई?

मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना को 2014-15 में लांच किया गया था। जिसके बाद से यह योजना लगातार प्रभावी रूप से संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत लोगों को मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड बना कर दिये जायेंगे। अब तक पूरे देश में करीब 11.69 करोड़ किसान PM Soil Health Card बनावा चुके हैं।

प्रधानमंत्री मृदा स्‍वास्‍थ्‍य प्रबंधन योजना के तहत नमूना लेने का मानक क्‍या है?

मृदा परीक्षण के तहत मृदा प्रयोगशालाओं के द्धारा सॉयल के नमूने GPS उपकरण तथा रेवेन्‍यू मानचित्रों की सहायता से सिंचित क्षेत्र में 25 हैक्‍टेयर तथा असिंचित क्षेत्र में 10 हैक्‍टेयर के ग्रिड से लिये जाएंगें।

मिटटी का परीक्षण कराने के लिये कितना पैसा देना होता है?

इस योजना के तहत केंद्र सरकार के द्धारा सभी राज्‍य सरकारों प्रत्‍येक नमूने के लिये 190 रूपये का भुगतान करती है। इस रकम में सॉयल सैंपलिंग, जांच, हेल्‍थ कार्ड को बनाया जाना जैसी सभी गतिविधियां शामिल होती हैं

PM Soil Health Scheme लैब कौन खोल सकता है?

PM Soil Health Scheme के तहत देश के पढ़े लिखे ग्रामीण युवाओं को मृदा स्‍वास्‍थ्‍य प्रबंधन प्रयोगशाला खोलने का अवसर प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत लैब खोलने के लिये सरकार की ओर से 3.75 लाख रूपये की आर्थिक सहायता भी दी जाती है। लैब खोल लेने के बाद युवाओं को मिटटी के नमूना लेकर आने वाले किसानों की मिटटी की जांच करनी होती है।

क्‍या किसानों को हर साल और प्रत्‍येक फसल के लिये 1 हेल्‍थ कार्ड मिलेगा?

जी नहीं PM Soil Health Card 3 साल के अंतराल में एक बार प्रदान किया जाता है। जो इस अवधि में किसान की जोत की स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति को दर्शाता है.

PM Soil Health Card Helpline नंबर क्‍या है?

PM Soil Health Card Helpline Number-1800 180 1551 (किसान कॉल सेंटर)

तो दोस्‍तों यह थी हमारी आज की पोस्‍ट प्रधानमंत्री मृदा स्‍वास्‍थ्‍य प्रबंधन योजना में आवेदन कैसे करेंPM Soil Health Card Scheme यदि आप Soil Testing Laboratory से संबंधित कोई अन्‍य प्रश्‍न पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्‍स के जरिये पूछ सकते हैं।

शिवा
शिवा
हिंदी मेरी मूल भाषा है और हिंदी लेखन में काफी रूचि है। लेखन कार्य से काफी लम्बे समय से जुड़े हैं। बच्चों क लिए कहानी लिखना ज्यादा पसंद है और काफी कहानी कई पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं।
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