प्रवासी मजदूर क्या होता है? | प्रवासी मजदूर क्यों बनते है? भारत में इनकी संख्या कितनी है? | Migrant workers kya hote hai

|| Pravasi majdur kya hote hai | प्रवासी मजदूर क्या होता है? | Migrant workers kya hote hai | Migrant workers kaise bante hai | माइग्रेंट वर्कर क्या करते हैं? | Migrant workers kya karte hai | भारत में प्रवासी मजदूरों की संख्या | India migrant workers in Hindi | Migrant workers ki kya problems hai ||

Migrant workers kya hote hai :- जब देश में पहली बार कोरोना आया था और उसके बाद भारत सरकार ने संपूर्ण देश में लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया था तब हम सभी को एक शब्द बहुत ही ज्यादा सुनने को मिला था और वह था प्रवासी श्रमिक या फिर जिसे हम सामान्य भाषा में प्रवासी मजदूर या अंग्रेजी में माइग्रेंट वर्कर कह देते (Pravasi majdur kya hote hai) हैं। ऐसे में यह शब्द सुन कर अवश्य ही आपके मन में भी यह विचार आया होगा कि आखिरकार इन प्रवासी मजदूर की परिभाषा क्या होती है और यह कहते किसे हैं।

तो आज का हमारा यह लेख प्रवासी मजदूरों को ही समर्पित है हम उनके बारे में विस्तृत जानकारी इस लेख में देने वाले हैं। इसे पढ़ कर आपकी माइग्रेंट वर्कर को लेकर सभी तरह की शंकाएं दूर हो जाएगी और आपको पता चल जाएगा कि आखिरकार प्रवासी श्रमिक कहा किसे जाता (Pravasi majdur kya hai) है। आइए जाने यह प्रवासी मजदूर होते कौन है और इनका क्या काम होता है।

प्रवासी मजदूर क्या होता है? (Migrant workers kya hote hai)

सबसे पहले बात करते हैं प्रवासी मजदूरों या प्रवासी श्रमिकों की परिभाषा की। तो यहाँ हम आपको बता दें कि केवल अपने देश से दूसरे देश में काम के सिलसिले में जाने वाले लोगों को ही प्रवासी मजदूर नहीं कहा जाता है और इसमें सभी लोग नहीं आते (Migrant worker kya hota hai) हैं। अब जो लोग वाइट कालर जॉब्स कर रहे हैं या फिर जिन्हें हम ऊँचे दर्जे की नौकरी करना कहते हैं उन्हें हम इन माइग्रेंट वर्कर में शामिल नहीं करते हैं। अब यह तो इसके नाम से ही पता चल जाता है कि प्रवासी मजदूर में किस तरह का काम करने वाले लोग आते होंगे। इसके बारे में हम आपको नीचे बतायेंगे।

Migrant workers kya hote hai

अभी हम बात कर रहे हैं कि आखिरकार यह माइग्रेंट वर्कर होते कौन है या यह किसे कहा जाता है। तो यदि कोई व्यक्ति अपने गृह राज्य या देश को छोड़कर किसी अन्य राज्य या देश में जाकर मजदूरी का कार्य करता है तो उसे ही हम प्रवासी मजदूर कहते (Pravasi majdur kya hota hai) हैं। यह जरुरी नहीं होता है कि केवल दूसरे देश में मजदूरी पर जाने वाले श्रमिक को ही प्रवासी श्रमिक कहा जाए, यह एक राज्य से दूसरे राज्य में अपनी आजीविका के लिए जाने वाले श्रमिकों के लिए भी होता है।

उदाहरण के तौर पर आप यदि हरियाणा राज्य में रहते हैं और आपके घर में जो भी काम वाली बाई आती है या आपके यहाँ किसी कंस्ट्रक्शन वाली साईट पर जो भी मजदूर कार्य कर रहे हैं, वह यदि आपके हरियाणा राज्य से ही हैं तो उन्हें केवल मजदूर कहा जाएगा लेकिन वे यदि अन्य किसी भी राज्य या देश से हैं तो उन्हें माइग्रेंट वर्कर की संज्ञा दी जाएगी। अब चाहे वह राज्य पंजाब हो या तमिलनाडु, चाहे वह देश बांग्लादेश हो या अफ्रीका, वे सभी के सभी प्रवासी मजदूर ही कहे जाएंगे।

प्रवासी मजदूर कौन होते हैं? (Migrant workers kaun hote hai)

अब बात करते हैं कि आखिरकार यह प्रवासी मजदूर होते कौन हैं या फिर यह किसे कहा जा सकता है। तो यह हमने आपको ऊपर ही हिंट दे दिया कि यह कोई भी व्यक्ति हो सकता है फिर चाहे वह आपके घर में काम करने वाली बाई हो या किसी कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी का काम करने वाला या आपकी दुकान पर काम करने वाला मुनीम या फिर किसी ऑफिस में साफ सफाई करने वाला व्यक्ति इत्यादि।

तो ऐसा कोई भी व्यक्ति जो पैसा कमाने या अन्य किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपने राज्य को छोड़ देता है और अपने ही देश के किसी अन्य राज्य में जाकर मजदूरी करता है या फिर अपने देश को छोड़ कर अन्य किसी देश में जाकर श्रमिक के तौर पर कार्य करता है तो उस व्यक्ति को ही प्रवासी श्रमिक कह दिया जाता (Pravasi majdur kaun hote hai) है। हालाँकि ऐसा शब्द मुख्य तौर पर देश में ही रह कर अन्य किसी राज्य में काम कर रहे व्यक्ति के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है।

जो लोग विदेश में जाकर मजदूरी का कार्य कर रहे हैं उन्हें माइग्रेंट वर्कर कहने की बजाए फॉरेन वर्कर, विदेशी मजदूर, गेस्ट वर्कर या मेहमान मजदूर कह दिया जाता (Migrant workers ke bare mein jankari) है। हालाँकि सबसे प्रचलित शब्द माइग्रेंट वर्कर ही है और इसी का इस्तेमाल ही दुनियाभर में किया जाता है।

माइग्रेंट वर्कर क्या करते हैं? (Migrant workers kya karte hai)

आपके मन में रह रह कर यह प्रश्न भी उठ रहा होगा कि आखिरकार इन माइग्रेंट वर्कर के द्वारा कौन कौन से कार्य किये जाते हैं तो यहाँ हम आपके प्रश्न का उत्तर देते हुए बता दें कि ऐसे सभी कार्य जिनमे केवल हाथ या पैर का इस्तेमाल करना हो, ना कि दिमाग का, तो उसे ही प्रवासी श्रमिक के कार्य कहा जाता (Pravasi majdur kya karte hai) है। यहाँ हमारे कहने का अर्थ यह हुआ कि उन्हें किसी अन्य के इशारे पर रह कर सब कार्य करने होते हैं और उसमे कुछ बदलना नहीं होता है, बस शारीरिक मेहनत की आवश्यकता होती है।

अब यह कार्य कहीं साफ सफाई करना, स्कूल की घंटी बजाना, चपरासी बनना, चौकीदार, नव निर्माण करना इत्यादि कुछ भी हो सकता (Migrant workers ka kya kaam hota hai) है। एक तरह से जो निम्न श्रेणी की नौकरी या काम होते हैं, उन्हें ही प्रवासी श्रमिक के काम में रखा जाता है या फिर उनका वही काम होता है। सामान्य तौर पर ऐसे लोगों को हर दिन के अनुसार वेतन मिलता है तो कुछ स्थितियों में ये सप्ताह या महीने का वेतन भी लेते हैं।

भारत में प्रवासी मजदूरों की संख्या (India migrant workers in Hindi)

यह सुन कर आप चौक जाएंगे क्योंकि हम आपको यहाँ कुछ ऐसे आंकड़े बताने जा रहे हैं जो शायद आप ना जानना चाहते हों। तो वर्ष 2011 में भारत देश का आखिरी सेंसेक्स बनाया गया था और उसकी रिपोर्ट के अनुसार भारत देश में हर तीसरा व्यक्ति माइग्रेंट वर्कर है। इसके हिसाब से उस समय भारत देश की जनसंख्या 120 करोड़ थी जिसमे से लगभग 45 करोड़ लोग देश में प्रवासी मजदूर के रूप में कार्य कर रहे हैं।

इनमे महिलाओं की संख्या ज्यादा है जो कुल माइग्रेंट वर्कर का 67 प्रतिशत है। वह इसलिए क्योंकि ज्यादातर महिलाओं की शादी दूसरे राज्य में कर दी जाती है और वे वहां पर प्रवासी मजदूर बन कर कार्य करती हैं। सबसे ज्यादा माइग्रेंट वर्कर देश में बिहार राज्य के होते हैं जो अपना गृह राज्य छोड़ कर दूसरे राज्य में काम की तलाश में जाते हैं। यह देश की दुर्गति ही कही जा सकती है कि लोगों को अपना घर छोड़ कर दूसरे राज्यों या देश में काम के सिलसिले में जाना पड़ता है और वहां जाकर कम सुख सुविधाओं में अपना जीवनयापन करना होता है।

विश्व में प्रवासी मजदूरों की संख्या (World migrant workers in Hindi)

अब यदि हम ऐसे माइग्रेंट वर्कर की बात करें जो एक देश से दूसरे देश में जाकर मजदूरी का कार्य कर रहे हैं तो उसमें 4 देश या क्षेत्र टॉप पर आते हैं। इसमें सबसे पहले नंबर पर अमेरिका आता है जहाँ पर लगभग डेढ़ करोड़ विदेशी प्रवासी मजदूर काम कर रहे हैं। इसमें भी अधिकांश संख्या उसके सीमा वाले देश मैक्सिको की है और उसके बाद अन्य देश के प्रवासी मजदूर आते हैं।

अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा माइग्रेंट वर्कर यूरोप के देशों में काम कर रहे हैं जिनकी संख्या 50 लाख के आसपास है। और इतनी ही संख्या में लोग सऊदी अरब में भी प्रवासी मजदूर बन कर कार्य कर रहे हैं जहाँ उन पर बहुत ज्यादा जुल्म किये जाते हैं। इसके बाद जापान का नंबर आता है जहाँ लगभग 5 लाख प्रवासी मजदूर काम कर रहे हैं। यह सभी प्रवासी मजदूर दूसरे देश से आकर काम करने वाले हैं और इनमें उस देश के ही माइग्रेंट वर्कर की संख्या नहीं जोड़ी गयी है।

प्रवासी मजदूर क्यों बनते हैं? (Pravasi majdur kyo bante hai)

इसका कारण शायद आप जानते ही होंगे लेकिन फिर भी हम इसे विस्तृत रूप दे देते हैं और आपको यह बता देते हैं कि इसके पीछे के मूल कारण क्या होते हैं। तो इसके पीछे का पहला मूल कारण होता है लगातार होता जनसंख्या विस्फोट जो किसी भी देश या राज्य के लिए अच्छा नहीं (Migrant workers kaise bante hai)होता है। यदि किसी देश में उसके घनत्व के अनुसार ज्यादा जनसंख्या है तो इससे ना केवल प्रवासी मजदूरों की संख्या में वृद्धि होती है बल्कि तमाम तरह की अन्य दुविधाएं भी होती है।

प्रवासी मजदूर बनने का दूसरा मुख्य कारण होता है अपने राज्य या देश में उपलब्ध सुख सुविधाओं में कमी का (Migrant workers kyo bante hai) होना। एक व्यक्ति अपने राज्य से दूसरे राज्य में या अपने देश से दूसरे देश में प्रवासी मजदूर के तौर पर इसलिए ही जाता है क्योंकि वहां पर उसे काम मिल रहा होता है, अन्य सुख सुविधाएँ मिल रही होती है या बेहतर वेतन मिलता है इत्यादि। तो प्रवासी मजदूर बनने के यही दो मूल कारण होते हैं और इसी कारण ही लोग अपने गृह राज्य से पलायन कर दूसरे राज्य या देश में काम करने चले जाते हैं।

प्रवासी मजदूरों की समस्या (Pravasi majdur ki samasya)

अंत में आपको यह जानकारी भी होनी चाहिए कि आखिरकार इन प्रवासी मजदूरों को किस किस तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसमें से जो प्रवासी मजदूर अपने ही देश में काम कर रहे होते हैं, उन्हें तो फिर भी कम समस्याओं का सामना करना पड़ता है किंतु जो दूसरे देश में मजदूरी करने चले जाते हैं, उन्हें अधिक शोषण का सामना करना पड़ता (Migrant workers problem in Hindi) है। इसमें भी ज्यादातर ऐसे प्रवासी मजदूर जो सऊदी अरब या उसके जैसे देशों में काम कर रहे हैं, उन्हें दुविधा होती है क्योंकि वहां पर उनके साथ पशुओं के जैसे काम करवाया जाता है।

साथ ही अपने देश में तो किसी प्रवासी मजदूर के साथ कोई अन्याय हो रहा है तो उसकी राजनीतिक या न्यायालय या अधिकारी स्तर पर सुनवाई तो हो सकती है किंतु पराये देश में तो उनके सभी अधिकार नगण्य हो जाते (Migrant workers ki kya problems hai) हैं। इसके अलावा सभी तरह के प्रवासी श्रमिकों को मूल सुविधाओं का अभाव, कम वेतन, बच्चों की शिक्षा में भेदभाव इत्यादि कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

प्रवासी मजदूर क्या होते हैं – Related FAQs

प्रश्न: माइग्रेंट वर्कर का हिंदी नाम क्या है?

उत्तर: माइग्रेंट वर्कर का हिंदी नाम प्रवासी श्रमिक होता है।

प्रश्न: क्या दूसरे देश में काम करने वाले मजदूरों को भी प्रवासी मजदूर कहा जाता है?

उत्तर: हां, दूसरे देश में काम करने वाले मजदूरों को भी प्रवासी मजदूर ही कहा जाता है।

प्रश्न: भारत में लगभग कितने प्रवासी मजदूर है?

उत्तर: भारत देश में लगभग 45 करोड़ के आसपास प्रवासी मजदूर काम कर रहे हैं।

प्रश्न: सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर किस देश में है?

उत्तर: सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर अमेरिका में है जिनकी संख्या डेढ़ करोड़ है।

इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने प्रवासी मजदूरों के बारे में समूची जानकारी ले ली है। यहाँ आपने जाना कि यह प्रवासी श्रमिक कौन होते हैं, इनका क्या कार्य होता है, यह क्यों अपने गृह राज्य से पलायन कर जाते हैं, इनकी संख्या कितनी है तथा इन्हें किस किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है इत्यादि।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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