हमारे समाज में शादी एक पवित्र बंधन माना गया है। लेकिन होता यह है कि शादी के कुछ ही दिनों बाद कई केसेज में पति पत्नी के बीच मनमुटाव व झगड़े शुरू हो जाते हैं। कई बार यह झगड़े मारपीट का गंभीर रूप धारण कर लेते हैं। हमारे देश के कानून में पति पत्नी के झगड़े को देखते हुए प्रावधान किया गया है। पति- झगड़े की मुख्य वजहें क्या होती हैं? पति पत्नी के आपसी झगड़े में कौन सी धारा लगती है? जैसे अनेक बिंदुओं पर आज इस पोस्ट में हम आपको इसी संबंध में जानकारी देंगे। आइए शुरू करते हैं-
पति पत्नी के बीच झगड़े की मुख्य वजह क्या-क्या होती हैं? (What are the main reasons of quarrel between husband and wife?)
दोस्तों, आपको बता दें कि पति-पत्नी के बीच झगड़े की कोई एक बड़ी वजह ना होकर अलग-अलग कई वजहें होती हैं, जो उन दोनों के बीच दूरी बढ़ाने का काम करती हैं। यह वजहें इस प्रकार से हैं-
- पति-पत्नी द्वारा एक दूसरे की बात को अनसुना करना।
- पति-पत्नी के घरवालों का उनके जीवन में अनावश्यक हस्तक्षेप। -पति अथवा पत्नी की भविष्य को लेकर अत्यधिक महत्वाकांक्षाएं। -पति- पत्नी का क दूसरे की चाहत और जरूरतों को ना समझना।
- परिवार में पैसों व अन्य संसाधनों की कमी।
- पति अथवा पत्नी का किसी दूसरी जगह अफेयर।
- पति का शराब पीकर अनुचित मांग करना।
- पति अथवा पत्नी द्वारा एक-दूसरे के प्रति हिंसा।
- पति अथवा उसके परिजनों द्वारा दहेज की मांग।
- पति अथवा पत्नी का एक दूसरे पर गलत आरोप लगाना।
दोस्तों, इनके अतिरिक्त भी अन्य बहुत से कारण हैं, जो कि पति-पत्नी के बीच झगड़े की वजह बनते हैं। बहुत से दंपत्ति इन झगड़ों को आपस में बैठकर सुलझा लेते हैं। लेकिन बहुत से ऐसा नहीं कर पाते। ऐसे में उनके बीच की खाई चौड़ी होने लगती है। उनके बीच झगड़े बढ़ने लगते हैं। कई बार थाना-कचहरी तक की नौबत आ जाती है।
क्या पति पत्नी की आपसी मारपीट अपराध है? (Is quarrel between husband and wife is a crime?)
दोस्तों, बेशक आप पति-पत्नी के बीच मार-पीट को उनका आपसी मामला कहें, लेकिन हकीकत यह है कि चाहे पति अपनी पत्नी के साथ मारपीट करें या पत्नी अपने पति के साथ, कानून की नजर में यह अपराध (crime) है। लेकिन जिस तरह पत्नियों के पास पति द्वारा की जाने वाली मारपीट के खिलाफ घरेलू हिंसा (domestic violence) का कानून है, वैसा कानून पतियों के पास नहीं है। यद्यपि भारतीय दंड संहिता (Indian penal code) यानी आईपीसी (IPC) में ऐसे कई प्रावधान (provisions) किए गए हैं, जो पति को भी पत्नी की ज्यादती के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं।
पति-पत्नी के आपसी झगड़े में कौन सी धारा लगती है? (Which section is applicable in case of quarrel between husband and wife?)
यदि पति-पत्नी के बीच आपसी झगड़े के दौरान गालियों का आदान-प्रदान चलता है और कई बार मामला मार-पीट तक भी पहुंच जाता है तो ऐसे में उन पर भारतीय दंड संहिता (indian penal code) यानी आईपीसी (IPC) की धारा (section) 294 एवं धारा 323 के अंतर्गत कार्यवाही (action) होगी। धारा 294 कानून में जहां अश्लील गालियों के लिए प्रावधान (provision) करती है, वही धारा 323 के तहत किसी को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने और थप्पड़ मारने के अपराध में प्रावधान किया गया है।
धारा 323 के तहत 1 साल की जेल एवं जुर्माना अथवा दोनों सजाएं एक साथ हो सकती हैं। यद्यपि पत्नी चाहे तो घरेलू हिंसा कानून (domestic violence law) के तहत भी केस बना सकती है। लेकिन पति को इस मामले में आईपीसी (IPC) का ही सहारा होगा।
पति-पत्नी का आपसी झगड़ा परिवार को किस प्रकार प्रभावित करता है? (How quarrel between husband and wife effect the whole family?)
यदि पति-पत्नी आपस में झगड़ते हैं तो इसका असर केवल उन पर ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार पर पड़ता है। जैसे कि पति-पत्नी के आपसी झगड़े से बच्चों का व्यक्तित्व (children’s personality) भी प्रभावित होता है। कई बार देखने को मिलता है कि उनका व्यवहार (behaviour) भी दूसरे बच्चों के साथ हिंसक (violent) हो जाता है। या कई बार इसका बिल्कुल उल्टा असर (diverse effect) देखने को मिलता है। जैसे कि पति-पत्नी को झगड़ते देख बच्चे एकदम चुप (silent) हो जाते हैं। वे अकेलेपन (loneliness) का अनुभव (experience) करते हैं। दूसरों से घुलना मिलना या किसी से भी अपनी भावनाएं शेयर (feelings share) करना पसंद नहीं करते।
इसके अलावा आपस में लड़ाई झगड़े करने वाले पति पत्नी की प्रतिष्ठा (reputation) भी नकारात्मक (negative) रूप से प्रभावित होती है। इसके अतिरिक्त कई बार आपस में झगड़ा करने वाले पति पत्नी का मामला तलाक (divorce) पर भी पहुंच जाता है। वे एक दूसरे के साथ रहने में सहज नहीं रह जाते। इससे पारिवारिक (family) बिखराव के साथ ही सामाजिक (social) बिखराव को भी बढ़ावा मिलता है।
क्या एकल परिवार के बढ़ने के साथ ही पति-पत्नी के बीच आपसी झगड़े भी बढ़े हैं? (Is there an increase in mutual quarrel between husband and wife with the increase of single family?)
दोस्तों, यह सच है कि एकल परिवारों (single families) के बढ़ने के साथ-साथ ही पति पत्नी के बीच होने वाले आपसी झगड़ों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि पहले संयुक्त परिवार (joint families) होते थे, जहां पति-पत्नी के आपसी मतभेदों (mutual differences) को परिवार के बड़े-बूढ़े बैठकर सुलझा लेते थे।
इसके अलावा बच्चों की परवरिश को लेकर भी मां बाप पर ज्यादा जोर नहीं पड़ता था। ऐसे में बच्चों को लेकर होने वाले झगड़े भी बेहद कम होते थे। बहुत से मनोवैज्ञानिक (psychologists) इस बात को मानते हैं कि जिन बच्चों की परवरिश संयुक्त परिवार में होती है, वे मानसिक रूप से (mentally) अधिक दृढ़ (strong) होते हैं और कम हिंसक (violent) होते हैं। इसके अलावा उनमें दूसरों से समन्वय (co-ordination) बैठाने की क्षमता (ability) भी अधिक होती है।
लेकिन दिक्कत यह है कि इन दिनों रोजगार एवं गांवों से पलायन के चलते संयुक्त परिवार बेहद कम रह गए हैं। पति पत्नी एवं बच्चे ही परिवार का हिस्सा बनकर रह गए हैं। ऐसे में बेशक आप सुविधा को लेकर खुश हो सकते हैं, लेकिन संस्कारों की बात करें तो वह अब बहुत ही विरली वस्तु हो चले हैं।
पति-पत्नी के आपसी झगड़े में काउंसलिंग कितनी मददगार है? (How much helpful is the counseling in the quarrel between husband and wife?)
मित्रों, आपने भी देखा होगा कि कई बार पति पत्नी अपने आप से झगड़ा को दूर करने के लिए काउंसलर या मनोवैज्ञानिक के पास भी जाते हैं। वे झगड़े के लिए जिम्मेदार अपनी जिन गलतियों को देख देख पाने में सक्षम नहीं होते, उसे वह काउंसलर की दृष्टि से देखते हैं एवं अपनी उस कमी को दूर कर एक दूसरे का जीवन सुखमय बनाते हैं। इसलिए यह माना जा सकता है कि झगड़ों को बढ़ाने से बेहतर है कि किसी काउंसलर की मदद ली जाए और उस वजह को दूर किया जाए जिस वजह से पति-पत्नी के आपसी प्रेम में झगड़ारूपी जहर घुल रहा है।
खास तौर पर बड़े शहरों में, जहां पति पत्नी दोनों ही आजीविका के लिए काम करते हैं और बेहद मामूली बात पर एक दूसरे के साथ झगड़े और मारपीट पर उतारू हो जाते हैं, काउंसलिंग ऐसे पति-पत्नी के रिश्तों को नई रोशनी दिखाकर उन्हें स्वस्थ बनाने में मददगार साबित हो सकती है। यह उन्हें अलगाव की राह पर आगे बढ़ने से बचाकर उनके कमजोर हो रहे रिश्तों को नया जीवन दे सकती है
पति-पत्नी के बीच झगड़े की मुख्य वजहें क्या हैं?
पति-पत्नी के बीच झगड़े की मुख्य वजहों की पूरी सूची हमने आपको ऊपर पोस्ट में दी है। आप वहां से देख सकते हैं।
पति पत्नी के बीच आपसी झगड़े में कौन सी धारा लगती है?
पति पत्नी के बीच आपसी झगड़े में भारतीय दंड संहिता की धारा 294 एवं धारा 323 के अंतर्गत कार्यवाही होगी।
क्या पति पत्नी के झगडे़ का असर उनके बच्चों पर भी पड़ता है?
जी हां, बच्चे भी माता-पिता के बीच होने वाले झगड़े से अछूते नहीं रहते।
आपस में झगड़ा करने वाले पति पत्नी की सामाजिक प्रतिष्ठा पर क्या असर होता है?
आपस में झगड़ा करने वाले पति पत्नी की सामाजिक प्रतिष्ठा खराब होती है। इस पर नकारात्मक असर पड़ता है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 294 में क्या प्रावधान किया गया है?
इस धारा में अश्लील गालियां देने के संबंध में प्रावधान किया गया है।
आईपीसी की धारा 323 में क्या प्रावधान है?
आईपीसी की धारा 323 में किसी को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने या थप्पड़ मारने के संबंध में प्रावधान किया गया है।
धारा 323 में कितनी सजा का प्रावधान किया गया है?
धारा 323 के तहत 1 साल तक की जेल अथवा जुर्माना अथवा दोनों सजाएं एक साथ मिल सकती हैं।
दोस्तों, हमने इस पोस्ट (post) में आपको बताया कि पति-पत्नी के आपसी झगड़े में कौन सी धारा लगती है। उम्मीद करते हैं कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई सवाल अथवा सुझाव है तो उसे बेखटके नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हम तक पहुंचा सकते हैं। हमें आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार है। ।।धन्यवाद।।
मेरी पत्नी हमारे माता पिता के लिए खाना नही बनती है और वह मेरे लिए भी नही और बनाती हैं तो फेंक के खाना परोसती हो जाता हैं और वह बोलती है ये पड़ी रोटी खाओ तो खाले और काशायन काटो जाय और बहुत उल्टा सीधा बोलती हैं उसके पिता माता भाई और मध्यस्त भी बोलते है मैं तो केस करुगा
मुझे किया करना चाहिए