राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना आवेदन प्रक्रिया लाभ, पात्रता, दस्तावेज व सहायता राशि

|| राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना | Rajasthan Indira Gandhi matratva poshan yojana | What is the objective of this yojana | राजस्थान इंदिरा मातृत्व पोषण योजना के लिए पात्रता क्या है? | योजना के लिए आवेदन को आवश्यक दस्तावेज क्या क्या हैं? ||

हमारे देश में बहुत से शिशु मां के गर्भ में ही दम तोड़ देते हैं, क्योंकि उन्हें उचित देखभाल नहीं मिलती। कई मांएं पोषण के अभाव में कुपोषित शिशु को जन्म देती हैं। इसके अलावा भी गर्भवती महिलाएं कई प्रकार की समस्याएं झेलती हैं। गर्भवती महिलाओं एवं गर्भस्थ शिशुओं की देखभाल के लिए राजस्थान सरकार ने खासी संवेदनशीलता दिखाई है। वह उनके लिए राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना (Rajasthan Indira Gandhi matratva poshan yojana) लेकर आई है। यह योजना क्या है? इसके तहत महिलाओं को क्या सुविधा मिलेगी? इसके लिए क्या पात्रता चाहिए? जैसे अनेक प्रश्नों का हल आज आपको इस पोस्ट में मिलेगा। इसे ध्यान से पढ़िएगा। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपको पसंद आएगी-

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राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना क्या है? (What is Rajasthan Indira Gandhi matratva poshan yojana?)

इस योजना का शुभारंभ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) द्वारा हमारे देश की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी (Smt Indira Gandhi) की 103वीं जयंती पर 19 नवंबर, सन् 2020 को किया गया था। इस योजना को चलते हुए दो वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिला एवं उसके बच्चे के पोषण एवं उसकी देख-रेख के लिए 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। याद रखें कि यह सहायता दूसरे बच्चे के प्रसव के दौरान सहायता के लिए प्रदान की जाती है। इस सहायता राशि को लाभार्थी को एकमुश्त न देकर पांच चरणों में प्रदान किया जाता है।

राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना आवेदन प्रक्रिया लाभ, पात्रता, दस्तावेज व सहायता राशि
योजना का नाम इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना
राज्य राजस्थान
साल 2024
लाभार्थी गर्भवती महिलाएं
आर्थिक सहायता6 हजार रुपए पांच चरणों में
लाभार्थियों की संख्या77000
बजट 43 करोड़
आवेदन ऑनलाइन

इस योजना का उद्देश्य क्या है? (What is the objective of this yojana?)

यदि एक लाइन में कहें तो इस राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं में पोषण की कमी को दूर करना है। इसके साथ ही महिलाओं को गर्भ नियोजन के साधन इस्तेमाल करने को प्रेरित करना भी है ताकि, जनसंख्या नियंत्रण को भी संभव किया जा सके। एक नजर में इस योजना के उद्देश्य निम्न प्रकार से हैं-

  • गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं एवं शिशुओं के पोषण तथा स्वास्थ्य में सुधार लाना।
  • बच्चों में जन्म के समय कम वजन एवं अत्यधिक दुबलेपन को दूर करना।
  • मां को पौष्टिक आहार खाने एवं संतान की उचित देखभाल हेतु प्रेरित करना।
  • मां-बच्चे के स्वास्थ्य की उचित देख-रेख संभव बनाना।

राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के संचालन का जिम्मा किसके पास है? (Who has the responsibility to implement Rajasthan Indira Gandhi matratva poshan yojana?)

इस योजना के महत्व का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इसके संचालन का जिम्मा कोई एक-दो नहीं, बल्कि तीन-तीन विभागों के पास है। ये विभाग हैं, खान एवं भूविज्ञान, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग। खान एवं भूविज्ञान विभाग के अधीन जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट खनन प्रभावित क्षेत्रों में महिला एवं बाल विकास के लिए योजना का वित्त पोषण करता है। वहीं, महिला एवं बाल विकास विभाग आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा योजना का कार्यान्वयन सक्षम बनाता है। चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा एएनएम (ANM) एवं आशा (ASHA) लाभार्थियों को उचित पोषण एवं शिशु देखभाल संबंधी टिप्स दिए जाने का जिम्मा सौंपा गया है।

यह योजना राजस्थान के कितने जिलों में लागू की गई है? (In how many districts of Rajasthan state this yojana has been implemented?)

राजस्थान मातृत्व पोषण योजना को पूरे राज्य में लागू न कर प्राथमिक तौर पर पहले फेज (first phase) में प्रदेश के चार जिलों में लागू किया गया है। यह जिले उदयपुर (Udaipur), प्रतापगढ़ (Pratapgarh), बांसवाडा (Banswara) एवं डूंगरपुर (Dungarpur) हैं। यह चारों राज्य के जनजातीय जिले (shedule tribes districts) कहे जाते हैं। इन जिलों में योजना की सफलता के पश्चात इसे पूरे प्रदेश में लागू किए जाने की तैयारी है-

राजस्थान इंदिरा मातृत्व पोषण योजना के लिए पात्रता क्या है? (What is the eligibility for Rajasthan Indira Gandhi matratva poshan yojana?)

  • आवेदक महिला हो।
  • महिला राजस्थान की स्थाई निवासी हो।
  • आवेदक महिला बीपीएल श्रेणी से ताल्लुक रखती हो।
  • आवेदक महिला गर्भवती हो।

योजना के लिए आवेदन को आवश्यक दस्तावेज क्या क्या हैं?

इस योजना का नारा रखा गया है-‘चैंपियन री मां, थोड़ो और खा, थोड़ो बेहतर खा’। यदि आप भी राजस्थान की रहने वाली हैं और इस योजना के लिए आवेदन करना चाहती हैं तो पहले समझ लीजिए कि आवेदन को कौन कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ेगी। ये निम्न प्रकार से हैं-

  • आवेदक महिला का बीपीएल राशन कार्ड।
  • आवेदक महिला का आधार कार्ड।
  • आवेदक के बैंक खाते का ब्योरा।
  • आवेदक का पारिवारिक आय प्रमाण पत्र।
  • आवेदक का निवास प्रमाण पत्र।
  • आवेदक के चार पासपोर्ट साइज फोटो।
  • आवेदक महिला का मोबाइल नंबर।
  • आवेदक महिला के गर्भवती होने का प्रमाण पत्र।
  • आवेदक महिला के किसी सरकारी अस्पताल में प्रसव का प्रमाण।

लाभार्थियों को सहायता राशि का भुगतान कब कब होगा? (When will beneficiaries get the payment of amount?)

यह तो हमने आपको ऊपर बताया ही है कि हैं कि लाभार्थियों को इस योजना के अंतर्गत मिलने वाली सहायता राशि का भुगतान पांच चरणों में होगा। किंतु वे पांच चरण, जिनमें सहायता राशि की किस्त देय होगी, वे कब-कब होंगे, अब आप इसके बारे में जानिए, ये निम्न प्रकार से हैं-

  • पहली किस्त : दूसरी संतान के समय प्रथम गर्भावस्था जांच एवं 120 दिन के भीतर पंजीकरण पर–1,000 रुपए।
  • दूसरी किस्त : गर्भावस्था के छह माह के भीतर दो प्रसव पूर्व जांच पर—-1,000 रुपए।
  • तीसरी किस्त : संस्थागत प्रसव होने पर–1,000 रुपए।
  • चौथी किस्त : बच्चे के जन्म के 105 दिन के भीतर सभी नियमित टीके लगने एवं बच्चे का जन्म पंजीकरण होने पर–2,000 रुपए।
  • पांचवी किस्त : बच्चे के जन्म के तीन माह के भीतर परिवार नियोजन साधन अपनाने/कॉपर टी लगवाने पर–1,000 रुपए।

राजस्थान की कितनी महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा? (How many women of Rajasthan will get benefit of this yojana?)

यह तो हमने आपको बता ही दिया है कि राजस्थान की गर्भवती महिलाओं को इस योजना के लाभ के दायरे में रखा गया है। अब संख्या की बात कर लेते हैं। राजस्थान की कोई हजार दो हजार नहीं, बल्कि राजस्थान राज्य की 77 हजार से भी अधिक महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा। यदि यह योजना प्रदेश भर में लागू की गई तब तक इस योजना की लाभार्थियों का दायरा लाख से भी ऊपर पहुंच जाएगा। फिलहाल सरकार का पूरा ध्यान इन चार जिलों में महिलाओं के लिए सशक्तीकरण की स्थिति को और बेहतर करने पर है।

राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के तहत कितने का बजट रखा गया है? (How much budget is set aside for Rajasthan Indira Gandhi matratva poshan yojana?)

राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के लिए राजस्थान राज्य सरकार ने भी खजाने का मुंह खोल दिया है। उसके द्वारा इस योजना के लिए कोई एक दो करोड़ नहीं, बल्कि पूरे 43 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। इस योजना की फंडिंग (funding) माइंस एंड जियोलाजी डिपार्टमेंट (mines and geology department) के स्टेट मिनरल फाउंडेशन (state mineral foundation) द्वारा की जाएगी। साथ ही इस योजना को बिचौलियों से भी मुक्त रखा गया है। सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते (Bank account) में ट्रांसफर (transfer) कर दी जाएगी।

राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के लिए पंजीकरण/आवेदन कैसे करें? (How to register/apply for Rajasthan Indira Gandhi matratva poshan yojana?)

राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना का लाभ कैसे उठाया जा सकता है? इसके लिए पंजीकरण कैसे किया जा सकता है? जैसे अनेकों सवाल गर्भवती के मन में आते हैं, जब वह सहायता राशि प्राप्त करने की सोचती है। उनकी समस्या हल करते हुए हम आपको इस योजना के लिए पंजीकरण करने की प्रक्रिया बताएंगे, जो कि निम्नवत है-

  • सबसे पहले गर्भवती महिला को अपनी नजदीकी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क करना होगा।
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आनलाइन प्रेगनेंसी एंड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम (pregnancy and child tracking) यानी पीसीटीएस (PCTS) पोर्टल पर महिला की एलएमपी (LMP) अर्थात अंतिम माहवारी की तारीख दर्ज कराएगी।
  • इसके पश्चात महिला से जुड़ा सारा ब्योरा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से मय दस्तावेज प्राप्त कर पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा।
  • नियत दिनों के भीतर सारा ब्योरा सत्यापित (verify) कर सहायता राशि महिला के खाते में भेज दी जाएगी।

किन महिलाओं को इस योजना का लाभ प्राप्त नहीं होगा? (Which women will not get the benefit of this yojana?)

ऐसा नहीं है कि राजस्थान की दूसरी संतान की धात्री महिला को इस योजना का लाभ मिलेगा। कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ प्राप्त नहीं होगा। जैसे-जो महिलाएं केंद्र अथवा राज्य सरकार (Central/state government) अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (public sector enterprise) में नियमित रूप से रोजगार में हैं उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अतिरिक्त यदि कोई महिला किसी अन्य योजना जैसे मातृ वंदन योजना आदि के अंतर्गत इसी प्रकार का वित्तीय लाभ (financial benefit) प्राप्त प्राप्त कर रही हैं तो वे भी इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगी। योजना के बारे में पूरी तरह जानकर ही इसके लिए आवेदन करना उचित होगा।

यदि लाभार्थी का गर्भ गिर जाता है अथवा मृत शिशु पैदा होता है तो क्या होगा? (What if the beneficiary women’s child get aborted or she gives birth to a dead child?)

यह एक बड़ा सवाल है। यदि किसी लाभार्थी का गर्भ गिर जाता है अथवा उसके मरा शिशु पैदा होता है तो? आप जान लीजिए कि यदि इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के अंतर्गत पंजीकरण के पश्चात किसी लाभार्थी के गर्भ गिरने/चिकित्सा से गर्भ समाप्ति (MTP) अथवा मृत शिशु के जन्म की स्थिति होती है तो वह लाभार्थी PCTC portal में दर्ज होने की स्थिति में भविष्य में गर्भधारण में लाभ प्राप्त करने की पात्र होगी। चाहे वह योजना के तहत पूर्व की सभी किस्तों का लाभ क्यों न ले चुकी हो।

क्या एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना का लाभ ले सकती है? (Can an anganvadi worker also get benefit of Rajasthan Indira Gandhi matratva poshan yojana?)

यह सवाल कई पाठकों के मन में उठता है। आज हम आपको इस सवाल का जवाब देंगे। जवाब यह है कि इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के अंतर्गत राजस्थान में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, आशा सहयोगिनी, आशा साथिन आदि भी इस योजना की लाभार्थी बन सकती हैं एवं छह हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकती हैं।

यदि राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के संबंध में कोई शिकायत है तो कहां दर्ज कराएं? (Where to register complaint if you have any grievance regarding Rajasthan Indira Gandhi matratva poshan yojana?)

यदि आप भी राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना की लाभार्थी हैं और आपको इस योजना के संबंध में काई शिकायत है तो आप राजस्थान संपर्क पोर्टल http://sampark.rajasthan.gov.in/ पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। यदि आप चाहें तो अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर (registered mobile number) से टोल फ्री नंबर (toll free number) 181 पर कॉल करके भी अपनी शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों तक पहुंचा सकती हैं। यहां शिकायत करने के लिए आपको अपना मोबाइल नंबर, नाम एवं अन्य ब्योरा दर्ज कराना होगा।

इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना किस सरकार की है?

इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना राजस्थान सरकार की है।

इस योजना का शुभारंभ कब और किसने किया?

इस योजना को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 103वीं जयंती पर 19 नवंबर, 2020 को शुरू किया।

इस योजना की लाभार्थी कौन होंगी?

इस योजना की लाभार्थी राजस्थान की दूसरी संतान को जन्म देने वालीं बीपीएल श्रेणी की महिलाएं होंगी।

राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के अंतर्गत कितनी सहायता राशि प्रदान की जाती है?

राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के अंतर्गत 6 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाती है।

योजना के अंतर्गत सहायता राशि कितने चरणों में प्रदान की जाती है?

योजना के अंतर्गत सहायता राशि लाभार्थी महिला को पांच चरणों में प्रदान की जाती है।

योजना की सहायता राशि महिला तक कैसे पहुंचाई जाती है?

इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना की सहायता राशि लाभार्थी महिला के बैंक खाते में डायरेक्ट ट्रांसफर की जाती है।

राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के लिए कितने का बजट निर्धारित किया गया है?

इस योजना के लिए राजस्थान प्रदेश सरकार द्वारा कुल 43 करोड़ रूपए का बजट निर्धारित किया गया है।

प्रदेश में इस योजना की लाभार्थी महिलाओं की संख्या कितनी है?

राजस्थान में इस योजना की लाभार्थी महिलाओं की संख्या 77 हजार है।

पहले फेज में राजस्थान के कितने जिलों में इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना शुरू की गई है?

पहले फेज में राजस्थान राज्य के चार जनजातीय जिलों में इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना प्रारंभ की गई है।

जिन चार जनजातीय जिलों में यह योजना शुरू की गई है, उनके नाम क्या-क्या हैं?

ये जिले हैं-उदयपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा और डूंगरपुर।

हमने आपको इस पोस्ट में राजस्थान इंदिरा गांधी मातृत्व योजना के संबंध में जानकारी दी। गर्भवती माताओं एवं शिशुओं की सहायता के मद्देनजर इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें, ताकि राजस्थान की हर लाभार्थी महिला तक इस योजना की जानकारी पहुंच सके। धन्यवाद।

मृदुला वर्मा
मृदुला वर्मा
मृदुला हिंदी में स्नातकोत्तर हैं। उसके पास बीएड की डिग्री भी है। वह अध्यापन के पेशे में हैं और जब शैक्षिक विषयों की बात आती है तो उन्हें लिखना अच्छा लगता है। वह वंचितों के लिए शिक्षा की प्रबल समर्थक और सभी के लिए शिक्षा की हिमायती हैं। उनकी रुचि में समाजसेवा, लेखन और लोगों से बात कर उनकी समस्याओं को जानना शामिल था ताकि वे उन्हें हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।
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