देश में यदि युवा बेरोजगार है तो किसानों की आय भी कम है। ऐसे में राजस्थान सरकार ने किसानों को खेती के साथ ही अन्य रोजगार मुहैया कराने और उनकी आय बढ़ाने के लिए मधुमक्खी पालन अनुदान योजना राजस्थान की शुरुआत की है। इस योजना के तहत उन्हें मधुमक्खी पालन पर अनुदान प्रदान किया जाता है। आज हम आपको इस पोस्ट के जरिए इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे आइए शुरू करते हैं-
लागत का 40% अनुदान दिए जाने का प्रावधान –
दोस्तों, आपको बता दें कि राजस्थान में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया गया है। 8 फ्रेम वाली प्रति कॉलोनी की लागत ₹2000 का 40%अनुदान या 800 रुपए,जो भी कम हो देर होगा। इसी तरह मधुमक्खी पालन बॉक्स की लागत ₹2000 पर लागत का 40% या 800 रुपए, जो भी कम हो, अनुदान मिलता है।
मधुमक्खी पालन अनुदान योजना राजस्थान 25 जिलों में लागू –
दोस्तों आपको बता दें कि यह मधुमक्खी पालन योजना राजस्थान के 25 जिलों और तीन प्रोग्राम एरिया में लागू है। जिन जिलों में यह लागू है उनमें अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कोटा, नागौर, पाली, सिरोही, सवाई माधोपुर, टोंक, उदयपुर, बारां, हनुमानगढ़, करौली जिले शामिल हैं। इनके अलावा मोगरा, जनजातीय, मेवात प्रोग्राम एरिया में इस योजना को लागू किया गया है।
लाभार्थी को अधिकतम 50 कालोनी पर अनुदान देय –
मित्रों, आपको यह भी स्पष्ट कर दें कि एक लाभार्थी को अधिकतम 50 कॉलोनी और 50 मधुमक्खी बॉक्स पर अनुदान देय है। मधुमक्खी प्रजनन के द्वारा उत्पादित मधुमक्खी की श्रेष्ठ कालोनियों के माध्यम से मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दिए जाने की कोशिश की जा रही है।
मधुमक्खी पालन अनुदान योजना का लाभ देने में वरीयता-
दोस्तों, मधुमक्खी पालन योजना राज्य में लागू है, लेकिन सीमांत, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला कृषकों और मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण प्राप्त कृषक मधुमक्खी पलकों को लाभान्वित करने में वरीयता दिए जाने संबंधी निर्देश दिए गए हैं।
मधुमक्खी बाक्स तय specifications में होने चाहिए –
साथियों, हम आपको ऊपर बता चुके हैं वही प्रत्येक लाभार्थी को अधिकतम 50 कॉलोनी तक अनुदान दिया जा सकता है। ऐसे में मधुमक्खी बाक्स के कुछ specifications भी तय किए गए हैं। एक मधुमक्खी कॉलोनी में लकड़ी के बने हुए 8 प्रेम होते हैं। जो एपस मेलीफेरा प्रजाति की मधुमक्खियों के अंडा, लार्वा और एक गर्भित रानी से भरे रहते हैं। इनमें से कम से कम एक फ्रेम में 70 से 80% तक प्यूपा, एक में 70 से 80 प्रतिशत तक अंडा, लार्वा हो तथा शहद भी हो।
एक मधुमक्खी कालोनी में 20 फ्रेम खाली भी होते हैं, जो कि डबल स्टोरी होते है। इसके नीचे के खंड को ब्रॉड और ऊपर के खंड को हनी चेंबर कहते हैं। दोनों में 1010 प्रेम लगे होते हैं। हनी चेंबर के ऊपर ढक्कन लगा होता है। मधुमक्खी पालन बॉक्स के स्पेसिफिकेशन IS 1141, IS 299 और IS 1150 के अनुसार सुनिश्चित किए जाने चाहिए।
कालोनी की व्यवस्था डीएम रजिस्टर्ड सप्लायर से करेंगे
दोस्तों, आपको बता दें कि मधुमक्खी कॉलोनी की व्यवस्था करने के लिए संबंधित जिला अधिकारी रजिस्टर्ड सप्लायर से व्यवस्था करेंगे। वे लघु विज्ञप्ति जारी करेंगे और मधुमक्खी कॉलोनी सप्लायर्स को जिला मुख्यालय पर न्यूनतम दर पर आमंत्रित कर पंजीकृत करेंगे। वे ही जिले के लिए प्राप्त न्यूनतम दर पर अनुदान की गणना करके अनुदान उपलब्ध कराएंगे। किसान किसी भी पंजीकृत सप्लायर से मधुमक्खी कॉलोनी प्राप्त कर सकेगा। लेकिन अनुदान गणना न्यूनतम दर को आधार मानकर की जाएगी।
सप्लायर उपलब्ध नहीं होने पर इस तरह व्यवस्था होगी –
मित्रों, कई बार यह भी होता है कि तमाम प्रक्रिया के बाद भी डीएम सप्लायर की व्यवस्था नहीं हो पाती। आपको यह भी बता दें कि यदि जिले में मधुमक्खी कॉलोनी सप्लायर उपलब्ध नहीं होते या लक्ष्य के अनुरूप सप्लायर्स के पास कॉलोनी उपलब्ध नहीं होती तो ऐसी स्थिति में डीएम सहायक निदेशक, उद्यान भरतपुर को बताएंगे, ताकि वह अपने जिले के अलावा अन्य जिलों के लिए भी मधुमक्खी कॉलोनी उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर सकें।
रजिस्ट्रेशन के लिए एक हजार रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क भी लिया जाएगा –
बी ब्रीडर्स की संख्या बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा सप्लायरों का रजिस्ट्रेशन किए जाने पर जोर दिया गया है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क भी रखा गया है। जो एक हजार रुपए तय किया गया है।
मधुमक्खी पालन अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए ई-मित्र केंद्र से आवेदन कर सकते हैं?
दोस्तों, मधुमक्खी पालन अनुदान योजना के लिए आवेदन फार्म किसी भी ई-मित्र केंद्र में जाकर भरा जा सकता है।
- इसके लिए आपको ऑफिसियल वेबसाइट से आवेदन फार्म डाउनलोड करना होगा। आप यहाँ क्लीक करके डायरेक्ट फॉर्म भी डाउनलोड कर सकतें हैं।
- आवेदन फार्म में सभी जानकारी जैसे, नाम, पिता का नाम, स्थायी पता, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड संख्या आदि सही सही भरने के बाद उसके साथ मांगे गए दस्तावेजों को नत्थी करना होगा।
- इतना करने के बाद आपको पूर्णरूप से भरे हुए आवेदन फॉर्म को अपने नजदीकी कृषि विभाग या ब्लॉक में जमा करना होगा।
- इसके बाद संबंधित अधिकारियों की ओर से आपके आवेदन की जांच की जाएगी।
- सत्यापन के पश्चात आपको राज्य सरकार के उद्यान विभाग की ओर से मधुमक्खी पालन के लिए अनुदान मिल जाएगा।
मधुमक्खी पालन अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज
आइए, अब आपको बताते हैं कि मधुमक्खी पालन योजना के लिए आवेदन करने को जिन दस्तावेजों की आवश्यकता है, वे इस प्रकार से हैं-
- आवेदक का आधार कार्ड
- आवेदक के पते का प्रमाण पत्र (बिजली का बिल आदि)
- बैंक पासबुक (bank passbook) की प्रति
- जमाबंदी की रसीद
ई-मित्र पर लागिन कर स्वयं भी मधुमक्खी पालन अनुदान योजना आनलाइन आवेदन भर सकते हैं-
मित्रों, आपको बता दें कि यदि आप मधुमक्खी पालन अनुदान योजना आनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो उसके लिए भी ई-मित्र पर लागिन कर सेवा का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए आपको पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा, जिसकी प्रक्रिया इस प्रकार से है-
Total Time: 45 minutes
सबसे पहले आपको को ई मित्र की ऑफिसियल वेबसाइट https://www.emitra.rajasthan.gov.in पर जाना होगा। ऑफिसियल वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने होम पेज खुल जाएगा।
यहां आपको लॉगिन का ऑप्शन दिखाई देगा। आपको इस ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
इसके बाद आप SSO Rajasthan की ऑफिसियल वेबसाइट पर पहुंच जायेगे। इसके बाद होम पेज पर आपको रजिस्ट्रेशन के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
इस विकल्प पर क्लिक करने के बाद आपके सामने आगे का पेज खुल जायेगा। यहां आप अपने आधार कार्ड या भामाशाह कार्ड आदि आईडी से रजिस्ट्रेशन कर सकते है।
एसएसओ आईडी बनाते समय आपको अपने आप ही यूज़र नेम और पासवर्ड भी बनाना होगा। जिसकी सहायता से आप पोर्टल के तहत लॉगिन कर सकेंगे।
जैसे ही आप इन ऑप्शन में से कोई ऑप्शन चुनेगे आपके सामने एक आवेदन फॉर्म खुल जायेगा। आपको इस फार्म में पूछी गयी सभी जानकारी भरनी होगी।
इस तरह आपका पंजीकरण यानी रजिस्ट्रेशन (registration) हो जाएगा। दोस्तों, login करने के लिए आपको फिर से होम पेज पर जाना होगा।
यहां होम पेज पर आपको लॉगिन फॉर्म दिखाई देगा। अब आपको इस फॉर्म में यूज़र नेम और पासवर्ड डालकर लॉगिन कर लेना होगा।
Specifications का सत्यापन भी कराया जाएगा, अनुदान भी सत्यापन के बाद ही मिलेगा
मित्रों, किसानों को मधुमक्खी कॉलोनी और बाक्स उपलब्ध कराते समय यह सत्यापन यानी वेरिफिकेशन (verification) भी किया जाता है कि यह specifications के अनुसार बनी है या नहीं। यह सत्यापन संबंधित कृषि पर्यवेक्षक सौ प्रतिशत करेंगे। इसी प्रकार 65% सहायक कृषि अधिकारी, 40% कृषि अधिकारी तथा 2% वेरिफिकेशन सहायक निदेशक उद्यान करेंगे।
सत्यापन के बाद होगा अनुदान का भुगतान
मधुमक्खी की वांछित प्रजाति किसानों को उपलब्ध कराने के लिए समय-समय पर बी ब्रीडर्स और लाभार्थी किसानों का निरीक्षण किया जाएगा। और विभिन्न जिलों से एक वैज्ञानिक को लेकर सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए जिले के सहायक निदेशक उद्यान, और जिले/संभाग में स्थित एटीसी/केवीके/अनुसंधान केंद्र/ संयुक्त निदेशक उद्यान (कीट) में से किसी एक कीट वैज्ञानिक को लेकर सत्यापन किया जाए और सत्यापन के पश्चात ही अनुदान राशि का भुगतान किया जाएगा।
बाक्स से जुड़े किसी भी विवाद की जांच लैब में होगी
मित्रों, आपको बता दें कि पंजीकरण शुल्क (registration fee) के अलावा समुचित बैंक गारंटी और सिक्योरिटी भी मधुमक्खी पालन बॉक्स सप्लायर से जमा कराई जाएगी। यह वित्तीय एवं लेखा नियम के अनुरूप होगी। इसके अलावा बॉक्स का कोई विवाद होने पर उसे जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा। और कहने की आवश्यकता नहीं कि उसकी फीस भी संबंधित आपूर्तिकर्ता से ही वसूली जाएगी।
मधुमक्खी पालन अनुदान योजना हेल्पलाइन नंबर
दोस्तों, इस योजना के संचालन का जिम्मा राजस्थान सरकार के उद्यान विभाग पर है। यानी वही इसका नोडल विभाग है। यदि आपको मधुमक्खी पालन योजना को लेकर किसी तरह की कोई समस्या पेश आती है तो आप इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 18001801551 पर काल कर सकते हैं। यह एक टोल फ्री नंबर है। आप चाहें तो ईमेल आईडी Jdh.css.hort@rajasthan.gov.in पर मेल भेजकर भी योजना को लेकर मस्तिष्क में उठ रहीं सभी जिज्ञासाओं को शांत कर सकते हैं।
मधुमक्खी से अच्छा शहद मिल पाना संभव होता है
साथियों, यह तो आप जानते ही हैं कि आजकल तकरीबन हर खाद्य पदार्थ में मिलावट का बोलबाला रहता है। और कहने की आवश्यकता नहीं है कि शहद भी इससे अछूता नहीं है। खराब शहद खाकर कई बार सेहत को बड़े नुकसान पहुंचते हैं। ऐसे में राजस्थान सरकार की ओर से मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने से लोगों को अच्छे शहद की आपूर्ति अपने नजदीकी स्थान पर ही संभव हो जाती है। इन दिनों शरीर के विभिन्न रोगों के उपचार में शहद का प्रयोग होता है। अच्छा शहद शरीर के लिए बेहद लाभकारी होता है।
मधुमक्खी पालन अनुदान योजना से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब-
मधुमक्खी पालन योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य रोजगार और किसानों की आय में बढ़ोतरी करना है।
राजस्थान में यह योजना कितने जिलों में लागू है?
राजस्थान राज्य में यह योजना 25 जिलों में लागू है।
मधुमक्खी पालन अनुदान योजना के तहत कितने अनुदान का प्रावधान किया गया है?
योजना के अंतर्गत मधुमक्खी कॉलोनी और बाक्स की लागत के 40% तक अनुदान की व्यवस्था की गई है।
एक किसान को कितनी कालोनी और बाक्स पर अनुदान देय है?
एक किसान को 50 कालोनी और इतने ही बाक्स पर अनुदान देय है।
क्या अनुदान से पूर्व कालोनी का सत्यापन होगा?
जी हां, अनुदान संबंधित लाभार्थी को सत्यापन के पश्चात ही मिल सकेगा।
दोस्तों, यह थी मधुमक्खी पालन अनुदान योजना के संबंध में संपूर्ण जानकारी। यदि यह जानकारी आपको उपयोगी लगी है तो हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। यदि ऐसे ही जन एवं किसान उपयोगी किसी अन्य विषय पर आप हमसे जानकारी चाहते हैं तो उसके संबंध में भी हमें अवगत करा सकते हैं आपकी प्रतिक्रियाओं का हमें इंतजार है। ।।धन्यवाद।।
gurdeep
Madhumakhi palan yojana
I want to start madhumakkhi palan
Aap is yojana ke liye apply kar skte hai.
This post is really useful .
Clear language accurate information .
Best article
Thanks with best wishes
Madhumakhi ka aplai kese kare