|| रास्ते का सुखाधिकार क्या है? | Raste ka sukhadhikar kya hai | रास्ते के सुखाधिकार को बनाए रखने के लिए क्या करें? | रास्ते का सुखाधिकार किस धारा के अंतर्गत आता है? | रास्ता बंद होने पर क्या करें? | Raste ka sukhadhikar ||
Raste ka sukhadhikar :- जब देश अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्र हुआ था तब हमारे देश का सविंधान बनाया गया था। इसी के साथ देश में न्याय व्यवस्था की स्थापना की गयी थी जिसका आधार कानून की विभिन्न धाराएँ थी। इन धाराओं में ही हमारे साथ जुड़े हुए सभी तरह के अधिकार, कर्तव्य, दंड, कारावास इत्यादि के प्रावधान लिखित हैं। ऐसे में कानून की एक धारा हैं जो हमें रास्ते का सुखाधिकार प्रदान करती हैं। आपने शायद इस शब्द को बहुत कम ही सुना होगा लेकिन यह आपका मूलभूत अधिकार हैं को कानून के द्वारा आपको दिया जाता हैं।
ऐसे में आज हम आपको इस लेख के (Easement right of way in India in Hindi) माध्यम से रास्ते का सुखाधिकार के बारे में ही बताएँगे। इससे आप जान पाएंगे कि इस अधिकार के जरिये आपको क्या कुछ मिलता हैं और भारत सरकार आपके लिए क्या सुनिश्चित (Way easement right in Hindi) करती हैं। आइए बात करते हैं रास्ते का सुखाधिकार के कानून की और इसके तहत मिलने वाले अधिकारों की।
रास्ते का सुखाधिकार क्या है? (Raste ka sukhadhikar kya hai)
तो अब आप यहाँ रास्ते का सुखाधिकार के बारे में जानने आये हैं तो हम उसकी परिभाषा के बारे में अच्छे से आपको जानकारी दे देते हैं। दरअसल यह एक ऐसा अधिकार होता हैं जहाँ आपको देश में कहीं भी विचरण करने या रास्ते से जाने की अनुमति होती हैं। हालाँकि यदि वहां आपकी प्रॉपर्टी या जमीन नही हैं तो आपका जाना निषेध हो सकता हैं किंतु यदि वहां आपकी जमीन हैं या आप उस जमीन या प्रॉपर्टी के मालिक हैं तो कोई भी आपका रास्ता अवरुद्ध नही कर सकता हैं।
कहने का अर्थ यह हुआ कि किसी शहर में एक जगह पर आपकी जमीन हैं या वहां आपने जमीन का एक टुकड़ा ख़रीदा हुआ हैं। अब चाहे वह जमीन कमर्शियल उद्देश्य से खरीदी गयी हैं या कृषि की जमीन हैं या फिर घर हैं या दुकान या कुछ और। किंतु यदि कोई व्यक्ति आपको वहां जाने से रोकता हैं या आपका मार्ग अवरुद्ध करता हैं तो वह व्यक्ति सीधे तौर पर आपके रास्ते का सुखाधिकार को प्रभावित कर रहा हैं।
इसके लिए आप संबंधित व्यक्ति पर दीवानी न्यायालय में मामला दर्ज करवा सकते हैं और उस पर कार्यवाही करने के लिए आवेदन दे सकते हैं। कानून भी उस व्यक्ति पर कार्यवाही करेगा और आपको अपनी जमीन तक पहुँचने की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप कानून का सहारा लेकर अपने इस अधिकार का पूर्ण इस्तेमाल कर सकते हैं।
रास्ते का सुखाधिकार को अंग्रेजी में क्या कहते है?
अब जब भारतीय सविंधान व कानून का निर्माण हो रहा था तो उसमे गुलामी की प्रतीक और विदेशी भाषा अंग्रेजी को बहुत अधिक महत्ता दी गयी थी। तब भारतीय भाषाओँ को दरकिनार करते हुए एक विदेशी भाषा को इतनी ज्यादा महत्ता दी गयी कि वह आज तक चलती आ रही हैं। यही कारण हैं कि देश में न्यायिक व्यवस्था के कार्य आज भी अंग्रेजी भाषा में होते आ रहे है।
अब कहने को तो न्यायिक व्यवस्था का गठन को देश के आखिरी छोर तक बैठे व्यक्ति को न्याय दिलाने के उद्देश्य से किया गया था लेकिन उसकी भाषा का निर्धारण करते समय यह सोच लिया गया कि देश के सभी व्यक्ति अंग्रेजी भाषा में पीएचडी करके बैठे हुए हैं। किंतु जो भी हो, अब आपको रास्ते का सुखाधिकार का अंग्रेजी नाम भी जान लेना चाहिए ताकि आगे चलकर आपको अपने इस अधिकार का लाभ उठाने में किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े।
तो रास्ते का सुखाधिकार को अंग्रेजी भाषा में Easement Right of Way के नाम से जाना जाता हैं जिसका हिंदी में अर्थ वही हैं जो हमने आपको ऊपर बताया। तो यदि आपको कानून में संबंधित कानून के तहत बनाई गयी धारा को देखना हुआ हो तो वह आपको इस नाम से आसानी से मिल जाएगी।
रास्ते का सुखाधिकार किस धारा के अंतर्गत आता है?
अब हम बात करेंगे कि आपको जो यह रास्ते का सुखाधिकार मिला हुआ हैं वह भारतीय कानून के किस धारा के अंतर्गत आता हैं। तो यदि भारतीय कानून की धारा की बात की जाए तो यह The Indian Easements Act, 1882 के अंतर्गत लिखा हुआ हैं। इसमें कई अन्य तरह के सुखाधिकार भी आते हैं जैसे कि जल, वायु इत्यादि। इसी में ही रास्ते का सुखाधिकार का भी वर्णन किया गया हैं जिसकी परिभाषा विस्तार से इसमें मिलती हैं।
तो रास्ते का सुखाधिकार की धारा के अंतर्गत लिखा हुआ हैं कि यदि आप किसी जमीन के मालिक हैं या वह आपके परिवार में किसी सदस्य के नाम पर हैं या वह जमीन आपके पूर्वजों की हैं और यदि कोई व्यक्ति या संस्था या कोई अधिकारी उस जमीन तक पहुँचने के रास्ते का अतिक्रमण कर या उस पर कुछ बनाकर या मार्ग अवरुद्ध करके या किसी अन्य कारण से आपका वहां तक जाने का रास्ता बाधित करता हैं तो उसके विरुद्ध संबंधित धारा के तहत कार्यवाही की जा सकती हैं।
तो इस तरह से भारतीय कानून की यह धारा आपको अपनी जमीन तक पहुँचने का पूर्ण अधिकार प्रदान करती हैं और कोई भी अन्य व्यक्ति या संस्था किसी भी तरह से आपका मार्ग अवरुद्ध नही कर सकती हैं। यदि किसी कारणवश ऐसा किया भी जाता हैं तो आप उसके विरुद्ध न्यायालय में जाकर केस फाइल कर सकते हैं।
रास्ते का सुखाधिकार का हनन कैसे होता है?
अब आपको यह ही जान लेना चाहिए कि आपके रास्ते का सुखाधिकार का हनन किस तरह से किया जा सकता हैं। तभी तो आप संबंधित मामले में न्यायालय का रख कर पाएंगे। तो यह आवश्यक नही कि यह किसी व्यक्ति के द्वारा ही किया जाए, कभी कभार यह स्वयं सरकारी अधिकारी या किसी संस्था या बड़ी कंपनी के द्वारा अपनी निजी स्वार्थ के लिए किया जा सकता हैं।
ऐसे में वे लोगों के रास्ते का सुखाधिकार का उल्लंघन करते हुए तरह तरह के हथकंडे अपनाते हैं। साथ ही लोगों को इसके बारे में पता नही होने के कारण वे कुछ नही कर पाते हैं और चुप होकर बैठ जाते हैं। किंतु यदि आपको पता होगा कि आपके रास्ते का सुखाधिकार का उल्लंघन हो रहा हैं तो आप अवश्य ही उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं। तो ऐसे में आपके रास्ते का सुखाधिकार का हनन कुछ इस तरह से किया जा सकता हैं।
- आपकी जहाँ भी जमीन हैं, वहां के चारों ओर की जमीन किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा खरीद ली गयी हैं और अब वह उस जमीन के चारों ओर एक बाउंड्री बनाकर उसका रास्ता अवरुद्ध करता हैं और आपको वहां जाने से रोकता हैं तो यह सीधे तौर पर आपके रास्ते का सुखाधिकार का उल्लंघन माना जाएगा।
- यदि आपके जमीन तक पहुंचने वाले रास्ते पर किसी अन्य व्यक्ति या संस्था के द्वारा अतिक्रमण कर लिया जाता हैं और मार्ग को अवरुद्ध किया जाता हैं। इस कारण आप स्वयं या अपने वाहन को वहां तक नही लेकर जा पाते हैं तो यह भी रास्ते का सुखाधिकार का हनन माना जाएगा।
- यदि किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा आपकी जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया हैं या आपकी जमीन पर ही अधिकार करने का दावा किया जा रहा हैं तो भी यह रास्ते का सुखाधिकार का हनन होगा।
- यदि आपकी जमीन पर कोई कॉलोनी या कुछ अन्य जगह काट ली गयी हैं और आपकी जमीन जहाँ थी वहां के आसपास का सब इलाका उस कॉलोनी में आ गया हैं। अब यदि उस भूखंड का मालिक उस जमीन की बाउंड्री कर वहां कॉलोनी का गेट लगा देता हैं और आपको उसके अंदर प्रवेश करने से रोकता हैं तो भी यह रास्ते का सुखाधिकार का उल्लंघन ही माना जाएगा।
- किसी व्यक्ति के द्वारा आपके जमीन तक जाने वाले रास्ते पर कोई टेंट लगाकर या तम्बू लगाकर रास्ता रोका जाता हैं तो भी यह रास्ते का सुखाधिकार का हनन होगा।
इस तरह यदि कोई भी व्यक्ति या संस्था या कंपनी या अधिकारी आपके जमीन तक पहुँचने के आपके रास्ते को अवरुद्ध करता हैं तो यह पूर्ण रूप से रास्ते का सुखाधिकार का हनन माना जाएगा। ऐसी स्थिति में संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध न्यायिक प्रक्रिया के तहत उचित कार्यवाही की जा सकती हैं।
रास्ते का सुखाधिकार की रिपोर्ट कहां करे?
अब यदि आपको लगता हैं कि आपके रास्ते का सुखाधिकार का हनन हुआ हैं और कोई व्यक्ति समझाने पर भी नही मान रहा हैं तो आप उसके विरुद्ध अपने शहर के न्यायालय में केस कर सकते हैं। पहले तो आप उस व्यक्ति से बात कर मामला सुलझाने का प्रयास करे। यदि फिर भी मामला ना सुलझे तो आप अपने शहर के न्यायालय में जाकर इसकी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
इसके लिए आप एक अधिवक्ता करे और उसे सब बात बताये। वह उसी के अनुसार एक फाइल बनाएगा और संबंधित न्यायालय में केस फाइल कर देगा। उसके बाद न्यायिक प्रक्रिया का पालन करते हुए उस व्यक्ति के ऊपर कार्यवाही की जाएगी। इसी के साथ यह न्यायालय ही होगा जो आपको अपनी जमीन तक पहुँचने का मार्ग उपलब्ध करवाएगा। ऐसे में आप भारतीय कानून पर विश्वास बनाए रखे और उसी के तहत ही आगे बढ़ें।
रास्ते का सुखाधिकार क्या है – Related FAQs
प्रश्न: रास्ते का अधिकार कब मांगा जा सकता है?
उत्तर: रास्ते का अधिकार तब मांगा जा सकता है जब आपकी उस जगह पर जमीन हो या फिर वह जगह आपके किसी रिश्तेदार या पूर्वजों के नाम हो।
प्रश्न: सुखाधिकार क्या होता है?
उत्तर: सुखाधिकार में आपके कुछ मूलभूल सुखाधिकार आते हैं जैसे कि रास्ते का सुखाधिकार या वायु या जल का सुखाधिकार इत्यादि।
प्रश्न: रास्ता बंद होने पर क्या करें?
उत्तर: रास्ता बंद होने पर आप संबंधित न्यायालय में या पुलिस थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं।
प्रश्न: धारा 251 ए क्या है?
उत्तर: धारा 251 ए यदि आपके जमीन के मार्ग में कोई सरकारी भूमि पड़ती हैं तो वहां से निकलने का रास्ता आपको दिया जाएगा।
तो इस तरह से आज आपने जाना की आपका रास्ते का सुखाधिकार क्या होता हैं और उससे आपको किस तरह का अधिकार मिलता हैं। साथ ही आपने यह भी जान लिया कि यदि आपके रास्ते का सुखाधिकार का हनन किया जाता हैं तो आप उस व्यक्ति या संस्था के विरुद्ध किस धारा के तहत कार्यवाही कर सकते हैं। तो अब आगे से अपने इस मूलभूत रास्ते के सुखाधिकार को ध्यान में रखें।