|| राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी क्या है? | What is Ration Card portability in Hindi | One Nation One Ration Card Scheme | (Benefits of One Nation One Ration Card | वन नेशन वन राशन कार्ड के फायदे | How many types of ration cards are used in India in Hindi ||
What is Ration Card portability in Hindi :- हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमारे गरीब भाई- बहन को देखते हुए एक योजना शुरू की जिसका नाम है वन नेशन वन राशन कार्ड। इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति किसी भी राज्य के राशन कार्ड से किसी भी राज्य में रह कर राशन को खरीद सकता (What is One Nation One Ration Card Scheme about) है। इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ उन गरीब लोगों को मिलेगा जो अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने और रोजगार के लिए दूसरे राज्य में जाके मेहनत मजदूरी करते हैं व अपने परिवार का लालन पोषण करते हैं।
योजना वन नेशन वन राशन कार्ड के आ जाने से किसी भी व्यक्ति को दूसरे राज्य में या कोई भी केंद्र शासित प्रदेश में जाकर अपने राशन कार्ड को किसी भी तरह से पोर्ट करवाने की कोई आवश्यकता नहीं होती (Benefits of One Nation One Ration Card) है, क्योंकि इस य्प्जना का लाभ उठाने के लिए आपको बस किसी भी इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ़ सेल डिवाइस वाली दुकान पर चले जाना है और आप वहां से उचित मूल्य पर अपने राशन को प्राप्त कर सकते हैं। आप देश के किसी भी हिस्से में जाकर अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के आ जाने से पोर्टेबिलिटी लेनदेन की मात्रा बहुत अधिक बढ़ गई (One nation One rashan card ke laabh) है इससे यह स्पष्ट होता है कि इस योजना के लाभ लेने वाले व्यक्ति अपने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के साथ ही अपने पसंद के एफपीएस सेंटर से प्रधानमंत्री की गरीब कल्याण अन्न योजना से राशन प्राप्त करके पोर्टेबिलिटी का लाभ उठा रहे हैं।
राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी क्या है? (What is Ration Card portability in Hindi)
भारत देश में सबसे ज्यादा वन नेशन वन राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी का लेनदेन देखने वाला राज्य बिहार है जिसमें इस योजना का लाभ लगभग 15.9 करोड़ लोगों ने लिया। बिहार के बाद अगर कोई राज्य है तो वो है आंध्र प्रदेश जिसने 8.6 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन देखा।
आपको इस राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी का लाभ उठाने के लिए अपने एरिए की पीडीएस दुकान पर जाने की आवश्यकता होगी। उसके बाद उस दुकान पर इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल डिवाइस के द्वारा आपकी पहचान का सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए आपके पास अपने राशन कार्ड के साथ साथ आधार कार्ड का होना भी जरुरी है।
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना किस बारे में है? (What is One Nation One Ration Card Scheme about in Hindi)
पूरी दुनियाभर में भारत ही एक ऐसा देश है जो सबसे बड़े खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम का संचालन करता है, भारत देश में हर साल लगभग 81 करोड़ से अधिक लाभ लेने वाले लोगों को 600 लाख टन से अधिक की सब्सिडी वाले अन्न को बांटा जाता है। भारत में यह काम 5 लाख से अधिक राशन की दुकानों से या सही मूल्य पर राशन देने वाली बड़ी दुकानों के नेटवर्क द्वारा किया जाता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के नियमानुसार लाभ लेने वाले हर व्यक्ति को हर महीने पांच किलो सब्सिडी वाला अन्न दिया जाता है, जिसमें उस व्यक्ति को चावल के लिए 3 रुपए /किग्रा, गेहूं के लिए 2 रुपए/किग्रा और मोटे अनाज के लिए 1 रुपए /किग्रा तक का भुगतान करने की आवश्यकता होगी।
हालाँकि, पहले इस योजना का लाभ एक समय तक बस एक ही स्थान से जुड़कर प्राप्त करने तक ही सीमित था, जिससे करोड़ों प्रवासी कामगार और परिवार खाद्य लेने से वांछित हो गये थे। इस योजना में प्रत्येक परिवार का राशन कार्ड एक विशिष्ट सही मूल्य पर अन्न प्रदान करने वाली दुकान से जुड़ा होता था और इस योजना का उपयोग केवल उसी दुकान से राशन खरीदने के लिए किया जा सकता था। इस चीज़ को बदलने के लिए पिछले कुछ सालों में, 10 राज्यों ने एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली के नियम को लागू किया, जिसका यह परिणाम है कि लाभ लेने वाला व्यक्ति उसी राज्य के किसी भी राशन देने वाली दुकान से राशन को प्राप्त कर सकता था।
इन सब सबके बाद केंद्र के बहुत अधिक प्रयासों से इसको एक राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी नेटवर्क में विस्तारित कर दिया गया। जिसे ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना का नाम दिया गया। यह योजना जून 2020 तक पूरी तरह से पूरे देश में लागूकर दी गई थी, जिसके बाद कोई भी राशन कार्ड धारक देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान से सब्सिडी वाला अनाज खरीद सकता था।
वन नेशन वन राशन कार्ड के फायदे (Benefits of One Nation One Ration Card in Hindi)
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना की शुरुआत होने से पहले, राशन कार्ड रखने वाले व्यक्तियों को सरकार द्वारा मिलने वाले अपने सब्सिडी वाले खाद्य पदार्थों को प्राप्त करने के लिए केवल अपने रहने वाले इलाके के एफपीएस से ही खरीद सकते थे जो उन्हें उस इलाके में सौंपा गया था।
पहले ऐसा होता था कि ऐसा व्यक्ति जो एनएफएसए से लाभ प्राप्त करता है या राशन कार्ड को रखते अगर वह अपने एफपीएस स्थान से किसी दूसरे स्थान पर या खिन दूर चले गयें है तो उन्हें यह सब्सिडी वाला राशन प्राप्त नही होत था।
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का आरम्भ होने के बाद केवल अपने ही स्थान के एफपीएस से राशन को प्राप्त करने दिशानिर्देशों को हटा दिया गया था और एनएफएसए के लाभ लेने वाले राशन कार्ड रखने वाले व्यक्ति अब देश भर में किसी भी स्थान के एफपीएस से सब्सिडी वाले राशन को बड़ी आसानी के साथ खरीद सकते हैं।
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अंतर्गत एनएफएसए का लाभ लेने वाला व्यक्ति या राशन कार्ड को धारण करने वाले के परिवार के सदस्यों को भी उसी राशन कार्ड से शेष बचा हुआ राशन लेने का हक़ होता है। अपने शहर से और घर परिवार से दूर रहने वाला व्यक्ति भी किसी और स्थान पर अपने राशन को प्राप्त कर सकता है व उसके परिवार के सदस्य अपने मूल स्थान पर ही शेष राशन को प्राप्त कर सकते हैं।
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना में सभी एनएफएसए का लाभ लेने वाला व्यक्ति व राशन कार्ड को रखने वाले व्यक्ति को विशेष तौर पर उन व्यक्तियों को अपने घर से दूर रह रहे हों उनको बायोमेट्रिक या आधार के साथ मौजूदा राशन कार्ड के माध्यम से देश में किसी भी स्थान पर स्थित एफपीएस से पूरे या आंशिक खाद्यान्न का दावा करने की अनुमति देता है।
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के काम करने के लिए क्या जरुरी है (What is required for One Nation One Ration Card scheme to work in Hindi)
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अनुसार एनएफएसए का लाभ उठाने वाला व्यक्ति और राशन कार्डों के लिए एक केंद्रीय भंडार का निर्माण सबसे पहले आता है, जो राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र द्वारा बनाए गए लोगों के मौजूदा डेटाबेस को एकीकृत करने का काम करेगा। इस योजना के लिए आधार सीडिंग भी एक बहुत महत्वपूर्ण चरण है क्योंकि अद्वितीय बायोमेट्रिक आईडी का उपयोग देश में कहीं भी इस योजना का लाभ उठाने वाले व्यक्ति द्वारा राशन के उपयोग को प्रमाणित करने और ट्रैक करने के लिए किया जाएगा। वर्तमान में सरकार द्वारा ऐसा अनुमान लगाया गया है कि लगभग 85% राशन कार्ड लोगों के आधार संख्या से जुड़े हुए हैं।
इस योजना के काम करने के लिए यह बात बहुत महत्वपूर्ण है कि सभी सही मूल्य पर राशन देने वाली दुकानों पर आवश्यक रूप से इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल मशीनों (ePoS) होनी चाहिए, जो डिजिटल रीयल-टाइम रिकॉर्ड के साथ लेनदेन के मैनुअल रिकॉर्ड कीपिंग की पुरानी पद्धति को बदल रही हैं। बैक-एंड पर, भारतीय खाद्य निगम का डिपो ऑनलाइन सिस्टम लोगों के द्वारा अन्न की खरीद से लेकर दिए गये अन्न की ऑनलाइन जानकारी को एक गोदाम से दूसरे गोदाम तल जोड़ कर रखता है।
भारत में कितने प्रकार के राशन कार्ड का उपयोग लिया जाता है? (How many types of ration cards are used in India in Hindi)
हमारे भारत देश आमतौर पर तीन प्रकार के राशन कार्ड का उपयोग लिया जाता है।
1. गरीबी रेखा से ऊपर वाले लोगों के लिए एपीएल राशन कार्ड
2. गरीबी रेखा से नीचे लोगों के लिए बीपीएल राशन कार्ड
3. अंत्योदय राशन कार्ड
इन अलग अलग राशन कार्डों के आधार पर लोगों को अलग अलग मात्रा में और अलग अलग कीमतों पर राशन को वितरित किया जाता है। इस तीन कार्ड के अलावा भी कुछ राज्य अपने राज्य के लोगों के लिए अलग राशन कार्ड जारी कर सकते हैं।
राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी क्या है – Related FAQs
प्रश्न: क्या भारत में कहीं भी एक ही राशन कार्ड का उपयोग कर सकते हैं?
उत्तर: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत राशन कार्डों की राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी के लिए विभाग द्वारा वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को लागू किया गया है। इसके माध्यम से एनएफएसए के अंतर्गत आने वाले सभी पात्र राशन कार्ड धारक देश में कहीं से भी अपनी पात्रता प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न: क्या राशन कार्ड पूरे भारत के लिए मान्य है?
उत्तर: वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से भारत के भीतर आंतरिक प्रवासियों सहित सभी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधार-आधारित राष्ट्रीय राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी योजना है, जिसके तहत लाभार्थी भारत में कहीं भी सब्सिडी वाला भोजन खरीद सकते हैं।
प्रश्न: भारत में तीन प्रकार के राशन कार्ड कौन से हैं?
उत्तर: एपीएल (गरीबी रेखा से ऊपर) राशन कार्ड – यह कार्ड गरीबी रेखा से ऊपर रहने वाले परिवारों को जारी किया गया था। बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) राशन कार्ड – यह कार्ड गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को जारी किया गया था। अन्नपूर्णा योजना (एवाई) राशन कार्ड – यह कार्ड वृद्ध लोगों को दिया गया था जिनकी आयु 65 वर्ष से अधिक है अथवा वो गरीब हो।
प्रश्न: भारत में राशन व्यवस्था की शुरुआत किसने की?
उत्तर: भारत में अनाज के सार्वजनिक वितरण का विकास द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों द्वारा शुरू की गई ‘राशनिंग’ प्रणाली में हुआ था।