किरायानामा फॉर्म पीडीएफ | Rent Agreement Kaise Banaye | नियम शर्तें – रेंट एग्रीमेंट इन हिंदी

रेंट एग्रीमेंट इन हिंदी – आजकल अतिरिक्त आमदनी के स्रोतों में किराया सबसे अधिक प्रचलित है। जिन लोगों के पास कोई खाली मकान अथवा प्रॉपर्टी है। तो वह आपने प्रॉपर्टी को किराए पर देकर अपने आय के साधनों में बढ़ोतरी करते हैं। वहीं दूसरी तरफ ऐसे लोगों को जिन्हें मकान आदि की जरूरत होती है। वह किराए पर मकान लेकर अपना काम चला लेते हैं। बढ़ती महंगाई के कारण हर कोई अपना आशियाना नहीं बना सकता है। इसलिए किराए पर मकान लेकर लोग अपना जीवन व्यतीत करते हैं।

किराए पर सामान लेना काफी समय से चला आ रहा है। जब भी कोई व्यक्ति को किसी ऐसी वस्तु की जरूरत होती है। जो उसके पास नहीं है। और वह व्यक्ति उस वस्तु को खरीदने में असमर्थ है। तब ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति ऐसी जरूरी वस्तु को किराए पर लेकर अपना काम चला लेता है।

Rental Agreement In Hindi –

किराए पर कोई वस्तु लेते समय किराए पर देने और लेने वाले व्यक्ति के बीच में कुछ समझौता होता है। पहले यह समझौता जुबानी तौर पर हो जाया करता था। क्योंकि तब लोगों के बीच में काफी ज्यादा मेल भाव होता था। लेकिन आज के आधुनिक युग में लोगों की बढ़ती चालाकी से अब यह सब प्रक्रिया कानूनी तौर पर पूरी की जाती है। जिसे हम रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा के नाम से जानते हैं।

यदि आप भी कोई मकान अथवा प्रॉपर्टी किसी व्यक्ति को किराए पर दे रहे हैं। या किसी व्यक्ति से किराए पर ले रहे हैं। तो आपको कानूनी तौर पर रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा बनवा लेना चाहिए। ताकि आप भविष्य में किसी प्रकार की समस्याओं और विवादों से बचे रहें। और रेंट पर लिए गए मकान और और प्रॉपर्टी का सही तरीके से उपयोग कर सके। अक्सर लोग किराए पर मकान लेते समय रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा तो बनाते हैं।

लेकिन उस में लिखी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। जिसके कारण उन्हें भविष्य में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि आपको रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा बनाते समय कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा क्या है –

रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा बनवाने के बारे में जानने से पहले यह जानना  बेहद आवश्यक है। कि आखिर रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा क्या होता है? बात करें रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा की तो रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा एक ऐसा दस्तावेज है। जो किसी प्रॉपर्टी को किराए पर देने से पहले किराएदार और मकान मालिक के बीच में समझौते के तौर पर बनाया जाता है। इसमें मकान मालिक की सभी शर्तें लिखी जाती हैं। जिस पर मकान मालिक और किराएदार अपनी सहमति देते हुए इस पर अपने दस्तखत करते हैं।

लिखित रूप में सभी नियम और शर्तों पर सहमत होने के पश्चात किराएदार और मकान मालिक के बीच में किसी प्रकार असमंजस नहीं रह जाता है। इसके साथ ही यदि भविष्य में मकान मालिक द्वारा या किराएदार द्वारा किसी प्रकार के बदलाव करने हैं। तो इसके लिए उसे 30 दिन पहले नोटिस देना होता है।

रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा बनाने के लिए आवश्यक दस्तावेज –

रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा बनाने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी –

  • किराएदार मकान मालिक दोनों का आधार कार्ड की फोटो कॉपी एवं ओरिजिनल
  • दो गवाह एवं गवाहों के आइडेंटी प्रूफ के रूप में आधार कार्ड की फोटो कापी एवं ओरिजिनल
  • स्टांप पेपर
  • किराएदार मकान मालिक का पासपोर्ट साइज फोटो
  • मकान का किराया एवं सिक्योरिटी धनराशि

रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा बनाते समय ध्यान देने वाली बातें –

यदि आप किरायेदार हैं। या फिर आप मकान मालिक हैं। तो अपना कोई मकान या प्रॉपर्टी किराए पर देने से पहले रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा जरूर तैयार करा लें। साथ ही रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा बनाते समय नीचे बताई जा रही आवश्यक बातों का ध्यान जरूर रखें –

  • जब भी आप कोई किरायानामा अथवा रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा बनवाए। तो उसे हमेशा ₹100 के स्टांप पेपर पर ही बनवाएं। अक्सर लोग ₹50 के स्टांप पेपर पर रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा तैयार करवा लेते हैं। जो कि मान्य नहीं है।
  • स्टांप पेपर एक्ट के अनुसार किसी भी प्रकार के जनरल एग्रीमेंट को ₹100 के स्टांप पेपर पर ही बनवाना चाहिए।
  • रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा पर यह साफ तौर पर लिखा होना चाहिए। कि कौन सी प्रॉपर्टी आप कितने समय के लिए रेंट पर ले रहे हैं। और किरायानामा आपका किस दिन से किस तारीख को बनाया जा रहा है।
  • स्टांप पेपर पर किराएदार और मकान मालिक दोनों के हस्ताक्षर होना बेहद जरूरी है।
  • इसके साथ ही कोई भी रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा बिना गवाहों के पूरा नहीं माना जाता है। इसलिए इसके साथ दो गवाह भी होने आवश्यक है।
  • किरायानामा पर मकान मालिक और किराएदार दोनों का नाम पता साफ-साफ लिखा होना चाहिए। जोकि आधार कार्ड के अनुसार होना चाहिए।
  • रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा में मकान या प्रॉपर्टी का किराया देने की तारीख या अवधि भी लिखी जानी चाहिए। साथ ही यदि किराया देने में किसी प्रकार की देरी होती है। तो उसके लिए कितनी पेनल्टी होगी। और यह पेनाल्टी कितने समय की देरी के लिए होगी। यह भी साफ तौर पर लिखा होना चाहिए।
  • साथ ही किराएदार द्वारा मकान मालिक को सिक्योरिटी के तौर पर दिए जाने वाली रकम का भी किरायानामा पर स्पष्ट रूप से उल्लेख हो ना चाहिए।
  • बिजली, पानी आदि का भुगतान यह किराए में नहीं है। तो इसका जिक्र भी किरायानामा में अवश्य रूप से करना चाहिए।
  • मकान या प्रॉपर्टी किराए पर देने में मकान मालिक द्वारा कौन-कौन सी सुविधाएं किराएदार को प्रदान की जाएंगी। इसका भी उल्लेख किरायानामा पर होना आवश्यक है। यह सुविधाएं – पंखा, गीजर, लाइट, फिटिंग, पानी और पानी का मोटर आदि हो सकती हैं।
  • मकान मालिक द्वारा घर खाली कराने या किराएदार द्वारा घर छोड़ने से 1 महीने पहले लीगल नोटिस देना भी आवश्यक है। इसलिए किरायानामा पर यह भी लिखा जाना चाहिए। कि कितने समय पहले लीगल नोटिस दिया जाना चाहिए।
  • कितने समय में कितने प्रतिशत किराया बढ़ाया जाएगा। इसका भी उल्लेख रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा में होना आवश्यक है। इसके साथ ही किराया बढ़ाए जाने के लिए कोई शर्तें हैं। तो वह भी किरायानामा पर स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए।
  • इसके साथ ही किरायानामा को आगे बढ़ाने के लिए कितने दिन पहले नोटिस दिया जाए उसका भी उल्लेख किरायानामा पर होना आवश्यक है।

रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा बनाते समय अन्य आवश्यक बातें –

ऊपर बताई गई जानकारी के साथ साथ और भी कई ऐसी बातें हैं। जिनका ध्यान आपको रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा बनवाते समय रखना चाहिए। ये बातें इस प्रकार हैं –

गवाह की पात्रता देखें – रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा बनाते समय जिन 2 लोगों की गवाही लग रही है। वह गवाह शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह सक्षम होना चाहिए। साथ ही गवाहों की उम्र 18 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए। और उन पर किसी भी प्रकार का कोई दवाब नहीं होना चाहिए।

एग्रीमेंट की समयसीमा रजिस्टर करें – यदि आप एग्रीमेंट को सिर्फ नोटरी करवा रहे हैं। तो आप अपना एग्रीमेंट 11 महीने का ही बनाना चाहिए। क्योंकि 11 महीने का एग्रीमेंट सरकार की दृष्टि में अनरजिस्टर्ड होता है। जिसका उपयोग किया जा सकता है।

प्रॉपर्टी पर कोई विवाद है या नहीं – आपको यह भी चेक करना है। जो प्रॉपर्टी आपको किराए पर ले रहे हैं। उस पर किसी प्रकार का कोई विवाद या स्टे तो नहीं है।

मकान किराए पर लेते समय ध्यान देने योग्य बातें –

किसी व्यक्ति को मकान किराए पर देते समय आपको निम्न कार्य करने चाहिए –

पुलिस वेरीफिकेशन – किसी व्यक्ति को आप मकान किराए पर देते हैं। तो उसका पुलिस वेरीफिकेशन जरूर करवा लें। जो कि कानूनी तौर पर भी बेहद जरूरी है। पुलिस वेरिफिकेशन से आपको यह पता चल जाएगा। कि वह व्यक्ति अपराधिक प्रवृत्ति का तो नहीं है। यदि व्यक्ति अपराध प्रवृति का है। तो आपको भविष्य में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

मकान का मैटेनंस – मकान की किसी भी प्रकार की रिपेयरिंग और रंगाई पुताई का दायित्व मकान मालिक का ही होता है। किराएदार को यह अधिकार प्राप्त है। कि वह इसके बारे में मकान मालिक से कह सकता है।

किराए की बढ़ोतरी – रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा 11 महीने तक ही वैध होता है। और नए एग्रीमेंट मकान मालिक 10% तक का किराया वृद्धि कर सकता है। लेकिन यदि कोई मकान मालिक तो 10% से ज्यादा किराया में वृद्धि करता है। तो इस पर किराएदार आपत्ति जता सकता है।

मकान का असली मालिक कौन है – मकान किराए पर लेने से पहले यह जानना भी बेहद आवश्यक है। कि जिस व्यक्ति से आप मकान किराए पर ले रहे हैं। वह व्यक्ति मकान का असली मालिक है या नहीं। यदि वह मकान का असली मालिक नहीं है। तो क्या उसके पास रि – टेनेंसी का अधिकार है। यदि आप यह सावधानी नहीं रखते हैं। तो मकान का असली मालिक बिना किसी नोटिस के मकान खाली करवा सकता है।

रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा से मिलने वाले लाभ –

रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा का उपयोग करके आप निम्नलिखित लाभ प्राप्त कर सकते हैं –

टैक्स में छूट – यदि आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं। तो आप रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा के आधार पर टैक्स में छूट प्राप्त कर सकते हैं। बिना रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा के यदि आप किराए पर रहते हैं। तो आप इसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न में क्लेम नहीं कर सकते हैं।

रेजिडेंसी डॉक्युमेंट्स के रूप में यूज कर सकते हैं – किरायानामा आपका एक वैध रेजिडेंसी प्रूफ है। जिसका उपयोग आप कहीं पर भी रेजिडेंसी डॉक्यूमेंट के रूप में कर सकते हैं। किरायानामा का उपयोग आप गैस कनेक्शन लेने, अपना पहचान प्रमाण पत्र बनवाने, पासपोर्ट, लाइसेंस आदि बनवाने कर सकते हैं।

रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा का प्रारूप –

रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा बनाने के लिए आपको प्रारूप की आवश्यकता होती है। यदि आपके पास रेंट एग्रीमेंट / किरायानामा का प्रारूप नहीं है। तो आप नीचे दिया गया प्रारूप का उपयोग कर सकते हैं –

इकरारनामा बाबत किराया/किरायानामा –

वार्षिक किराया                                                       रूपये

स्टाम्प                                                                     रूपये

स्टाम्प क्रमांक दिनांक

स्टाम्प की संख्या

किरायानामा आज दिनांक ———————————– को श्री/श्रीमती —————————————-

पत्र/पत्री/धर्मपत्नी/विधवा——————– आय वर्ष ——————– निवासी —————-तहसील ————-

जिला —————– राज्य——————- । (प्रथम पक्ष/मालिक)

श्री/श्रीमती ——————- पुत्र/पत्री/धर्मपत्नी/विधवा—— आयु वर्ष —— निवासी ——तहसील —– जिला —— राज्य——————(द्धितीय पक्ष/ किरायेदार ) के बीच निष्पादित किया गया है/लिखा गया है ।

जो कि प्रथम पक्ष अनुसूची मे दर्शाया गया है, एक मकान/प्लाट/फलेट/दुकान/फैक्टरी /उद्योगिक प्लाट/जिसका प्रथम पक्ष मालिक व काबिज है। जिस पर किसी प्रकार का कोई भार नहीं है । अनुसूची मे दर्शाई गई अचल संपति पर किसी प्रकार का कोई कर्जा, किसी बैंक या सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्था से प्राप्त नही किया हुआ । संबंधित अचल संपति किसी नीलामी व कुर्की आदि मे शामिल नही है । संबंधित अचल संपति को आज से पहले किसी प्रकार से रहन-बैय-हिब्बा व अन्य तरीके पर हस्तान्तरित नही किया गया है । अचल संपति को किराये पर देनेे की बावत किसी प्रकार की कोई रूकावट किसी विभाग या किसी न्यायालय की नहीं है । उक्त अचल संपति पर प्रथम पक्ष का कब्जा दिनांक ————— से बतौर किरायेेदार राशि——————- रू0 प्रति मास पर बतौर किराये के रूप मे देनी स्वीकार की है । जिसकी बावत किरायानामा दिनांक ————– को किया गया है । जिसका किरायानामा निष्पादित करना प्रथम पक्ष व द्धितीय पक्ष उचित समझते है । इसलिए अब प्रथम पक्ष व द्धितीय पक्ष उक्त किरायानामा दिनांक ————— तक के लिये निष्पादित करते है कि प्रथम पक्ष ने अपनी उक्त राशि —————- रू0 प्रति मास किराये पर द्धितीय पक्ष को निम्नलिखित शर्तो पर दी है : –

  1.  यह है कि मौके पर कब्जा द्धितीय पक्ष का दिनांक ————– से दे दिया है और यह किरायानामा दिनांक —————- तक की अवधि तक वैध रहेगा ।
  2. किराया की इस अवधि के दौरान द्धितीय पक्ष किराये के रूप मे प्रथम पक्ष को ————— रू0 प्रति मास के हिसाब से हर मास की ————————————–. तिथि तक अग्रिम रूप मे प्रथम पक्ष को नगद प्रदान कर देगा ।
  3.  यह है कि उक्त अवधि के दौरान सरकारी लगान, पानी एवं बिजली का खर्च द्धितीय पक्ष स्वंय वहन करता रहेगा । जिसके बारे मे प्रथम पक्ष कोई आपत्ति उत्पन्न नही करेगा ।
  4.  यह है कि उक्त अवधि समाप्त होने पर द्धितीय पक्ष, प्रथम पक्ष को वापिस कर देगा ।
  5.  यह है कि उक्त अवधि के दौरान भुगतान की रसीद प्रथम पक्ष्, द्धितीय पक्ष को देगा ।
  6.  यह है कि उक्त अवधि के दौरान प्रथम पक्ष व द्धितीय पक्ष के बीच कोई विवाद होता है तो पंच फैसला दोनो पक्षो को मान्य होगा ।
  7. यह है कि द्धितीय पक्ष ने —————————— रूपये (शब्दो में——————रूपये) केवल नगद प्रथम पक्ष को बतौर जमानत के रूप मे अदा कर दिये है जो कि बिना किसी ब्याज के प्रथम पक्ष द्धितीय पक्ष को सम्बन्धित अचल सम्पति के खाली करने के समय बकाया किराया व अन्य देनदारी आदि काट कर वापिस कर देगा ।
  8. यह है कि उपरोक्त म्यांद के बाद यदि किरायेदारी की म्यांद बढ़ाई जाती है तो प्रत्येक मास——– के बाद —– प्रतिशत की दर से किराये मे वृद्धि होगी तथा किरायेदारी की म्यांद केवल प्रथम पक्ष की सहमति द्वारा ही बढ़ाई जा सकेगी ।
  9.  यह है कि द्धितीय पक्ष सम्बन्धित अचल सम्पति को केवल——— कार्य के लिए इस्तेमाल करेगा ।
  10. यह है कि द्धितीय पक्ष सम्बन्धित अचल सम्पति पर या इसकी किसी भी निर्माण मे किसी भी किस्म की कोई तोडफोड या नया निर्माण नही करेगा तथा किसी अन्य व्यक्ति को किराये पर नही देगा तथा प्रथम पक्ष को हक होगा कि वह किसी भी समय निरीक्षण के लिए आ सकता है जिसका द्धितीय पक्ष को कोई आपत्ति नही होगी तथा द्धितीय पक्ष कोई ऐसा कार्य नही करेगा जो कि कानून की नजरों मे गल्त होगा ।
  11.  यह है कि सम्बन्धित अचल सम्पति मे छोटी मुरम्मत जैसे कि बिजली की तारों मे परेशानी, पानी की लीकेज आदि द्धितीय पक्ष स्वंय करेगा ।
  12.  यह है कि जब भी किसी पक्ष को उपरोक्त अचल सम्पति को खाली करना या कराना हो तो वह दूसरे पक्ष को दो महिने पहले नोटिस देगा ।
  13.  यह है कि उपरोक्त किराया नामा के दोनो पक्ष व उनके वारसान आदि हमेशा पाबन्द रहेगे तथा इसकी शर्तो का पालन करेगें ।

अतः यह किराया नामा लिख दिया है कि बतौर साक्षी प्रमाण रहे ताकि समय पर काम आये ।

दिनांक——————

अनुसूचि ( पहचान के लिये अचल सम्पति का विवरण)

नक्शा सीमा व पैमाईश मकान /प्लाट/फलेट/दुकान/फैक्टरी/उद्योगिक प्लाट के केस में

पूर्व : –   —————————- फुट————————————- इंच————————————।

पश्चिम :-   ————————- फुट————————————– इंच————————————।

उतर :-   —————————फुट————————————– इंच————————————।

दक्षिण :-  ————————–फुट————————————– इंच————————————।

स्थित—————————–

साक्षीगणः                                                                                                     हस्ताक्षर प्रथम पक्ष

1.

2.                                                                                                               हस्ताक्षर द्धितीय पक्ष

किरायानामा फॉर्म पीडीएफ – यदि आपको किरायानामा फॉर्म पीडीऍफ़ फोर्मेट में चाहिए तो आप यहाँ क्लीक करके इस फॉर्म को पीडीऍफ़ फोर्मेट में डाउनलोड कर सकतें हैं।

किरायानामा कैसे बनवाएं –

यदि आप कोई प्रॉपर्टी या मकान किराये पर लेने जा रहें हैं तो आप किरायानामा जरुर बनवा लें। किरायानामा आप किसी वकील के माध्यम से बनवा सकतें हैं। सभी आवश्यक दस्तावेज लेकर आप किसी अच्छे वकील से सम्पर्क करें। और आप अपना किरायानामा बनवा लें। साथ ही किरायानामा बनवाते समय उपर बताई गयी बातों का ध्यान अवश्य रखें।

तो दोस्तों यह थी किरायानामा बनवाने के बारे में आवश्यक जानकारी। यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें। साथ ही यदि आपका किसी प्रकार का कोई सवाल हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करें। हम जल्द ही आपके सवालों का जवाब देंगें।। धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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  1. without stamp agreemrnt
    property broker se agreememt but samay seema ka ullekh nahi. meri property ki rkm ka ka 2 lakh byana dia gya or mokhik rup se 4 month m makan bechkr baki rkm dena decide hua. agreement k 4 mnth bad makan k na bikne pr 4000/- dena ty hua. agreement m investmemt purpose se likha h registry 20 lakh ki kraege esa likha h. vikreta dwra smptti pr loan lia gya h yeh ki vikreta paksh s anumti dekr mkan logo ko dikhane hetu kreta paksh ne chabi li or agreement m kbja word use kia gya h or kreta baki pement nh krra h
    kripya uchit or kanuni slah de or margdrshn kre

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  2. Maine medicine shop ke liye 5 years ke agreement pe dukan Liya tha jiska rent 5% per year barh raha tha lekin dukan ka 6years ho gya hai Maine dubara medicine shop ka liscience renual karba Chuka hue to makan Malik ka Kahana hai ki ab apka 5 years ho gya hai isliye ab rent 30% kyada do nahi to dukal khali kar do . Asp battle mai Kiya karu.

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  3. मेने एक दुकान किराये पर ली थी एक वर्ष का रजिस्टर्ड अग्रीमेंट था दुकान मालिक की 6 माह बाद हत्या हो गई उसकी पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया कुछसमय बाद एग्रीमेन्ट खत्म हो गया फिर उसकी पत्नी जमानत पर आ गई उसने मुझे 5 साल का एग्रीमेन्ट फिर कर दिया।।।वह दुकान दुकान मालिक को बटवारे में मिली थी।।।।अब दुकान को दुकान मालिक व उसकी माँ खाली कराने की कोसिस कर रहे है में क्या करूँ।।।।

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  4. आदरणीय ,
    हमारी पुस्तैनी सम्पति पेट्रोलियम कंपनी को 5 साल के लिए रजिस्टरडलीज पर 1960 से 1965 तक दी गई है , इस के बाद आज तक लीज़ रिन्यू नहीं की गई है ,एवं वर्ष 1984 में लैंड लोड का स्वर्गवास हो गया है ,आज वह लैंड वारिसानो के नाम से राजस्व में दर्ज है एवं कंपनी से कोई लीज़ निष्पादित नहीं की गई है ,कंपनी हमारी जगह को खाली नहीं कर रही है ,हमें उचित उपाय बताया जाय।

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  5. मेरे पिताजी मकान बीस वर्ष के लिये किराये पर दिये है 2014से2034तक का है । पिताजी का मृत्यू हो गया और किराये दार कोहटाकर खुद दुकान करना चाहते है पर बह हटना नही चाहता है कःया करे

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  6. सर, यदि मैं अपनी दुकान किसी को किराये पर देता हूँ और ११ महीने का अग्रीमेंट करता हूँ तो क्या मुझे ११ महीने के बाद फिर से अग्रीमेंट करवाना होगा और क्या ये प्रक्रिया बार बार हर साल करनी होगी?

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  7. May khudha mkan Malik hu mee gana hues thela chalata hu mera khudha ka makan hee patar ke tin ka makan hee meene aaj tak vishavas ke upar hi makan ak room kiray par dete aarahu mene aaj tak kiray nama nahi banaya hee magar aaj muje ak kiraydhar room nahi mialri bola kar tin mahinese room khali nahi kara hee use room kese khali kraye ye bathaye use room dekhar bhi char mahine hore or tin mahinese room khali kar bolare

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  8. न्यूनतम 100/- और अधिकतम 1000/- का। स्टाम्प पेपर को अग्रिम राशि और किराया के आधार पर चयनित किया जाता है। अगर अग्रिम राशि 50000/- या उससे अधिक हो तो स्टाम्प पेपर 1000/- का लगेगा तथा उससे कम का अग्रिम राशि है तो 100-500/- तक का स्टाम्प ले सकते है।

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