|| राइस मिल का बिज़नेस कैसे शुरू करें?, Rice mill ke bare mein jankari, Rice mill lagane ka kharcha, Rice mill ka business kaise kare, Rice mill business machine, राइस मिल खोलने में कितना खर्च आएगा? ||
Rice Business in India in Hindi:- हमारे देश की अधिकांश जनता के द्वारा चावल का सेवन सुबह व शाम किया जाता है। अब गेहूं तो केवल उत्तर भारत में ही ज्यादा प्रसिद्ध है किंतु यदि हम शेष भारत की बात करे तो वहां चावल का ही सेवन भोजन (Rice mill ka business kaise kare) के रूप में किया जाता है। साथ ही उत्तर भारत में भी कई बार चावल का सेवन किया जाता है। तो ऐसे में चावल का उत्पादन देशभर में प्रमुखता के साथ किया जाता है जिसे धान की खेती करना भी कहते है।
अब जब आप बाजार से चावल को खरीदने जाते होंगे तो वहां पर आपको अलग अलग भान्त के चावल दिखते होंगे जो अपनी गुणवत्ता के अनुसार अलग अलग दाम के होते हैं। इसमें (Rice mill ke bare mein jankari) से कोई ज्यादा साफ किया हुआ होता है तो कोई कम और उसी के अनुसार ही इनका दाम भी फिक्स होता है। तो यह काम मुख्य तौर पर राइस मिल पर ही किया जाता है जहाँ पर धान की खेती से चावल को निकालने और उसे शुद्ध करने का काम किया जाता है।
यही कारण हैं कि आपको अपने देश के हर शहर में जगह जगह राइस मिल दिख जाएगी जहाँ पर चावल को refine करने का काम किया जाता है। तो क्यों ना आप भी अपना राइस मिल का बिज़नेस शुरू करके एक सही बिज़नेस की नींव रखे। इसमें आपको बहुत फायदा भी (Rice mill lagane ka kharcha) देखने को मिलेगा और आपको कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना होगा। तो आज के इस लेख में हम आपके साथ राइस मिल का बिज़नेस करने के ऊपर ही चर्चा करने वाले हैं।
राइस मिल का बिज़नेस शुरू करने की जानकारी (Rice Business in India in Hindi)
राइस मिल शुरू करना एक अच्छी बात है लेकिन उसके लिए आपको इस बिज़नेस के बारे में अच्छे से जानकारी होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि आप जहाँ पर राइस मिल शुरू करने का सोच रहे हैं और वहां पर धान से जुड़ी खेती होती ही नही है तो फिर इस तरह के बिज़नेस का क्या ही काम। आपको तो राइस मिल का बिज़नेस वही शुरू करना चाहिए ना जहाँ पर धान की खेती से जुड़ा काम प्रमुखता के साथ किया जाता हो।
तो ऐसे में आपको राइस मिल का बिज़नेस शुरू करने से पहले उसके बारे में सभी आवश्यक जानकारी निकाल लेनी चाहिए और उसी के अनुसार ही अपने बिज़नेस को आगे लेके जाना चाहिए। तो आज के इस लेख को ध्यान से पढ़े और पूरा पढ़े ताकि आप अपना खुद का राइस मिल का बिज़नेस शुरू कर सके और उसके जरिये कुछ ही महीनो में बहुत सारा पैसा कमाना शुरू कर सके।
राइस मिल बाजार की संभावनाएं
राइस मिल का बाजार बहुत ही बड़ा है क्योंकि चावल इस देश का बिकने वाला प्रमुख अनाज होता है। प्रतिदिन लाखों क्विंटल चावल को बनाया और बेचा जाता है और लोगों के द्वारा इसे चाव के साथ खाया भी जाता है। तो आप इसी से ही यह अनुमान लगा लीजिए कि इस देश में राइस मिल के पास कितना काम होगा और उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से अपने कितने टारगेट पूरे करने होंगे। इसे देखते हुए आप यह सोच लीजिए कि देश में चाहे कितनी ही राइस मिल खोल ली जाए फिर भी उनके पास काम की कभी कमी नही होगी।
तो इसी को देखते हुए ही राइस मिल के बिज़नेस की संभावनाएं अत्यधिक बढ़ जाती है और इसमें लाभ कमाने की संभावना भी। अब ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आप किसी भी राइस मिल पर चले जाए और वहां प्रतिदिन के हिसाब से होने वाली आय का स्रोत जान लीजिए तो आपको अपने आप ही इसका पता चल जाएगा कि उनके द्वारा कितना लाभ कमाया जा रहा है। तो इस तरह से आप अपनी राइस मिल की सहायता से बहुत बड़ा व्यापार कर सकते हैं।
राइस मिल होती क्या है? (Rice mill kya hoti hai)
राइस मिल एक ऐसी फैक्ट्री या उद्योग होता है जहाँ पर धान की खेती से चावल को निकालने और उसे शुद्ध करने का काम किया जाता है। अब गेहूं तो सीधे निकल जाती है और फिर उसे पीसने का काम किया जाता है लेकिन चावल के साथ ऐसा नही होता है। चावल को धान की खेती से इतनी आसानी से नही निकाला जा सकता है और ना ही उसे जल्दी से refine किया जा सकता है। यदि कोई चावल बिना refine किया हुआ बिकता है तो उसकी कीमत बहुत कम होती है।
तो इसी समस्या के समाधान के लिए ही राइस मिल का कांसेप्ट लाया गया जहाँ पर चावल को refine करके उसे खाने लायक बनाया जाता है। इसके लिए तरह तरह की मशीन की सहायता से चावल को शुद्ध करने और उसे खाने लायक बनाने का काम किया जाता है। तो यही सब काम राइस मिल में किया जाता है जिसे राइस मिल का बिज़नेस करना कह दिया जाता है।
राइस मिल का बिज़नेस करने के लिए आवश्यक लाइसेंस (Rice mill business required documents)
अब आप राइस मिल का उद्योग शुरू करने जा रहे हैं तो उसके लिए आपको भारत सरकार से कई तरह के लाइसेंस लेने होंगे जो आपको अपनी राइस मिल शुरू करने के लिए जरुरी होंगे। चूँकि यह बिज़नेस खाने के बिज़नेस से जुड़ा हुआ है तो इसके लिए आपको खाद्य विभाग के साथ तो बात करनी ही होगी बल्कि साथ के साथ भारत के पर्यावरण विभाग से भी लाइसेंस लेना होगा।
वह इसलिए क्योंकि राइस मिल के काम में प्रदूषण भी होता है। तो इसके लिए पर्यावरण विभाग भी अपनी ओर से लाइसेंस जारी करता है जिसके बिना राइस मिल का बिज़नेस नही किया जा सकता है। तो इसके लिए आपको जिन जिन लाइसेंस की जरुरत पड़ सकती हैं, वे हैं:
- स्थानीय नगर निगम से अनुमति लेना
- प्रदूषण प्रमाण पत्र
- GST सर्टिफिकेट
- बिज़नेस का ट्रेड मार्क
- फ़ूड डिपार्टमेंट का लाइसेंस
- उद्योग लाइसेंस
- आयात निर्यात का लाइसेंस इत्यादि।
तो इस तरह से आप यह सभी लाइसेंस लेने के लिए पहले ही आवेदन कर देंगे तो बेहतर रहेगा। इनके अलावा भी आपको कुछ अन्य लाइसेंस लेने की जरुरत पड़ सकती हैं। तो आप बिना देर किये राइस मिल का बिज़नेस करने के लिए जो जो जरुरी लाइसेंस और अनुमतियाँ लेनी है, वह पहले ही ले ले।
इसके बारे में हमने आपको ऊपर ही हिंट दे दिया था कि आपको राइस मिल कहां खोलनी चाहिए या फिर इसके लिए सबसे उपयुक्त जगह कहां हो सकती है। तो यदि आप जहाँ पर राइस मिल खोलने जा रहे हैं वहां पर धान की या चावल से जुड़ी खेती नही होती है तो ऐसी जगह राइस मिल खोलने का कोई औचित्य नही बनता है। तो यदि आपके शहर में धान की खेती होती है तभी आप वहां पर राइस मिल का बिज़नेस शुरू करने का सोचे।
अब आप राइस मिल की फैक्ट्री को शहर के अंदर भी नही खोल सकते हैं क्योंकि इससे प्रदूषण होता है। तो ऐसे में जो भी राइस मिल की फैक्ट्री होती है उन्हें शहर से बाहर किसी निर्जन बस्ती में ही खोला जा सकता है। आप यदि एक शहर से दूसरे शहर में जाते होंगे तो वहां आपको शहर से बाहर कई तरह की फैक्ट्री दिखती होगी तो इनमे से कुछ राइस मिल भी होती है। तो आपको भी किसी ऐसी ही जगह पर अपनी राइस मिल खोलनी होगी। अब यह राइस मिल यदि चावल के खेती के पास है तो बहुत ही बढ़िया बात रहेगी।
राइस मिल के बिज़नेस के लिए कच्चा माल लेना (Rice mill business raw material)
राइस मिल में काम करने के लिए जो भी कच्चा माल होगा वह आपको किसान ही अपने खेत से लाकर देगा। तो आपको अपने आसपास के किसानो से डील करनी होगी और उनसे एक समझौते पर हस्ताक्षर करवाने होंगे। इसके तहत उनके यहाँ जिस भी मौसम में जितनी भी धान की खेती हो रही है, वह उसे तोड़कर आपको लाकर देगा और बदले में आप उसे उसका उचित दाम चुका देंगे।
इस तरह से आपको राइस मिल के बिज़नेस के लिए कच्चे माल की व्यवस्था करनी होगी। एक तरह से वही किसान ही आपका क्लाइंट होगा जिससे आप निश्चित समय पर धान की खेती लिया करेंगे और उसे अपनी राइस मिल की सहायता से खाने लायक चावल में बदल दिया करेंगे।
राइस मिल के काम के लिए आवश्यक मशीनरी (Rice mill business machine)
राइस मिल के काम को करने के लिए आपको अच्छी गुणवत्ता वाली राइस मिल की मशीन को भी तो खरीदना होगा। इसी मशीन की सहायता से ही तो आप सब काम कर पाएंगे। तो अब बाजार में आपको चावल को साफ करने वाली और धान की खेती से चावल को अलग करने वाली कई तरह की मशीन मिल जाएगी। इसमें से आप किस तरह की मशीन को खरीदेंगे यह तो आप पर ही निर्भर करेगा।
तो राइस मिल के बिज़नेस के लिए आपको कई तरह की मशीन को खरीदने की जरुरत पड़ सकती हैं, जिनमे से कुछ प्रमुख मशीन के नाम है:
- राइस क्लीनिंग मशीन
- राइस कलर मशीन
- पैडी सेप्रटर
- राइस स्टोनर मशीन
- पेड़ी सेपरेटर मशीन
- राइस व्हाइटनर मशीन
- राइस पोलिशिंग मशीन
- ग्रेडिंग मशीन
- ग्रैन ड्रायर
- पैकिंग मशीन
- मेजर मशीन इत्यादि।
तो आप अपने बिज़नेस को चलाने के लिए जिस जिस मशीन को खरीदना चाहते हैं उनके भाव बाजार में और ऑनलाइन दोनों तरीको से ही पता कर लेंगे तो बेहतर रहेगा। अब आपको जहाँ से भी यह मशीन सही दाम में मिल रही हैं बस वही से उन्हें खरीद लीजिए।
राइस मिल में काम करने के लिए लोगों को रखना
आपको अपने यहाँ कई तरह के काम करवाने होंगे, जैसे कि चावल को धान से अलग करवाना, उनकी साफ सफाई करना, उनकी पोलिशिंग करना, उन्हें रंग करना इत्यादि। तो यह सब काम करने के लिए आपको कई लोगों को काम पर रखने की जरुरत पड़ेगी। एक अनुमान के अनुसार आपको अपनी राइस मिल के बिज़नेस में काम पर रखने के लिए कम से कम 10 से ज्यादा लोगों की जरुरत पड़ने वाली हैं। अब इनकी संख्या आपके यहाँ काम के अनुसार कम या ज्यादा भी हो सकती हैं।
राइस मिल के बिज़नेस पर काम करने की प्रक्रिया (Rice mill business kaise shuru kare)
इन सभी चीजों को करने के बाद बारी आती है राइस मिल पर काम शुरू करने की। तो इसके लिए जो प्रक्रिया है उसका पालन आपको वैसे ही करना होगा अन्यथा बना बनाया काम बिगड़ सकता है। तो आइए जाने आखिरकार किस प्रक्रिया के तहत आप धान की खेती से चावल का निर्माण कर सकते हैं और उन्हें खाने लायक बनाकर बाजार में बेच सकते हैं।
- पहले चरण में आपको जो भी धान की खेती मिली है, उसमे से आपको जो भी ख़राब धान है या जो सड़ चुका है या जिसमे कोई कीड़े लग चुके है, उन्हें अलग करना होगा।
- अब जब यह काम हो जाए तो आपको उपलब्ध धान में से सभी कंकड़ पत्थर हटाने का काम करना होगा ताकि यह चावल के बीच में ना आने पाए।
- अब जो धान साफ हो चुकी है उसे आपको आंशिक तौर पर उबालने की प्रक्रिया से गुजारना होगा ताकि यह चावल पक जाए और आसानी से अलग हो सके।
- ऊपर वाली प्रक्रिया को करने के बाद इस धान की खेती से छिलका आसानी से उतारा जा सकता हैं अन्यथा इसे उतारने में बहुत दिक्कत आती है।
- छिलका उतारने के बाद भी इसमें बहुत कचरा रह जाता है तो अब उसे अलग करना होगा और केवल चावल के दानो को अलग से निकालना होगा।
- अब जो चावल निकल गए हैं उन्हें आप चाहे तो सीधा बेच सकते हैं लेकिन इनकी कीमत कम होगी। हालाँकि बाजार में सभी तरह के चावल बिकते हैं तो आप इसमें से भी कुछ मात्रा निकाल कर बेचने के लिए अलग रख दे।
- अब बाकि के चावल की पोलिशिंग करने का काम आपको करना होगा। इस तरह की प्रक्रिया में आप चावल को जितना ज्यादा पोलिश करेंगे उतना ही उसके जरिये पैसे कमा पाएंगे।
- जब यह काम हो जाएगा तो अब आप उसकी गुणवत्ता के अनुसार चावल को अलग अलग दाम में बेच सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि जो चावल जितना ज्यादा पोलिश किया हुआ होगा वह उतना ही ज्यादा दाम में बिकेगा।
चावल तैयार करने के बाद उनकी पैकिंग करना
अब जब आपने धान की खेती से इन चावल को अलग करके इनकी पोलिश करके इन्हें अलग अलग कर लिया है तो अब बारी आती है इन्हें पैक करने की। तो अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपने द्वारा साफ किये गए चावल को किस तरह से बेचना चाहते हैं, आप चाहे तो इसे खुले तौर पर भी दुकानों पर बेच सकते हैं तो पैकेट बंद में भी। यह पूर्ण रूप से आपके द्वारा लिया गया निर्णय होगा और यही आपके बिज़नेस को एक नया रूप देगा।
तो इसके लिए निर्णय लेकर अपने द्वारा तैयार किए गए चावल की पैकिंग करना शुरू कर दे। हालाँकि यदि आप इसे खुले तौर पर बेचना चाह रहे हैं तो इसे आपको बड़ी बड़ी बोरियों में भर कर चावल बेचने वाली दुकानों पर पहुँचाना होगा। वही यदि आप इसे पैकेट में बेचना चाहते हैं तो उसमे आपको अलग अलग साइज़ की पैकिंग निकालनी होगी। यह पैकिंग एक किलो से लेकर 20 किलो तक की हो सकती हैं।
चावल के दाम निर्धारित करना
अब जो चावल आपने अपनी राइस मिल पर तैयार किये हैं उनका दाम भी तो निर्धारित करना होगा। तो जो चावल आपने बिना पोलिशिंग किये पहले ही अलग कर लिए थे, उनका दाम सबसे कम होगा जबकि जिन्हें आपने ज्यादा पोलिश किया था, उनका दाम सबसे अधिक होगा। उनका दाम निर्धारित करते समय इस बात का भी ध्यान रखे कि बाजार में जो अन्य राइस मिल के चावल बिक रहे हैं, वह उनसे ना तो ज्यादा कम हो और ना ही ज्यादा ऊँचा हो।
यदि आप ऐसा करेंगे तो आपका राइस मिल का बिज़नेस सही से नही चल पाएगा और बाजार में आपकी छवि भी ख़राब होगी। इसलिए दाम को बाजार के भाव के अनुसार ही रखेंगे तो ज्यादा सही रहेगा। इसके लिए आपको बाजार भाव की स्थिति का आंकलन कर लेना चाहिए और उसके बाद ही अपने बनाए चावल का दाम फिक्स करना चाहिए।
राइस मिल के बिज़नेस में कमाई कितनी होगी? (Rice mill business benefits in Hindi)
राइस मिल का बिज़नेस एक सदाबहार बिज़नेस है और इसमें होने वाली कमाई भी उसी के जैसे सदाबहार है। अब बाकि ज्यादातर बिज़नेस में तो किसी मौसम में तेजी देखने को मिलती है तो किसी में कमी रहती है किंतु चावल के बिज़नेस में ऐसा कुछ नही होगा। राइस मिल का बिज़नेस आपके वर्ष के हर महीने और हर दिन चला करेगा। साथ ही इसमें होने वाली कमाई भी उसी तेजी के साथ आगे बढ़ेगी।
तो यदि हम सामान्य तौर पर राइस मिल के बिज़नेस में होने वाली कमाई का आंकलन करें तो यह आंकड़ा लाखों में चला जाता है। आप एक महीने का 3 से 4 लाख रुपए का व्यापार कर कमाई कर रहे होंगे। आपकी कमाई बहुत हद्द तक इस बात पर भी निर्भर करेगी कि आपके क्षेत्र में चावल को खाने की खपत कितनी है। यदि यह खपत ज्यादा है तो आपकी कमाई भी बढ़ जाएगी और यह कम भी हैं तो आप अन्य शहरों में इसे बेचने की व्यवस्था कर सकते हैं।
राइस मिल का बिज़नेस कैसे करे – Related FAQs
प्रश्न: राइस मिल खोलने में कितना खर्च आएगा?
उत्तर: राइस मिल खोलने में 20 से 30 लाख रुपया का खर्च आता है।
प्रश्न: दुनिया का सबसे महंगा चावल कौन सा है?
उत्तर: दुनिया का सबसे महंगा चावल KINMEMAI PREMIUM है।
प्रश्न: राइस मिल के लिए कितनी जमीन चाहिए?
उत्तर: राइस मिल के लिए एक से दो एकड़ की जमीन चाहिए।
प्रश्न: नंबर वन चावल कौन सा है?
उत्तर: नंबर वन चावल बासमती चावल है।
तो इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने जान लिया कि यदि आपको राइस मिल का बिज़नेस शरू करना है तो उसके लिए आपको क्या कुछ तैयारियां करनी होगी और किन किन चीज़ों को अमली जामा पहनना होगा। यदि आप हमारे द्वारा बताये गए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अपनी राइस मिल खोलेंगे तो निश्चित तौर पर बहुत फायदे में रहेंगे।