आरएसएस संगठन क्या है? | आरएसएस का अध्यक्ष, स्थापना दिवस, मुख्यालय व सदस्यों की संख्या | RSS in Hindi

|| आरएसएस संगठन क्या है? | RSS in Hindi | RSS sangathan kya hai | आरएसएस का स्थापना दिवस कब मनाया जाता है? | आरएसएस का इतिहास | RSS ke kitne sadasya hai | आरएसएस कैसे काम करती है? | RSS kaise kaam karta hai | आरएसएस का उद्देश्य | RSS ka uddeshya kya hai | आरएसएस का मुखालय कहां है? | RSS ka mukhyalay kaha hai ||

RSS in Hindi :- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का नाम कौन नही जानता। यह एक ऐसा नाम है जो पूरे भारत वर्ष में प्रसिद्ध है और लेफ्ट विंग इससे सहमा हुआ दिखाई (RSS sangathan kya hai) देता है। इस संघ ने अपना विस्तार केवल भारत देश तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि विश्वभर में फैले हिंदुओं तक अपनी पहुँच बनाई है। यह हिंदुओं का सबसे बड़ा और दुनिया का भी सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है जिसकी तुलना किसी अन्य संगठन से नहीं की जा सकती है।

भारत देश की वर्तमान सत्तारूढ़ सरकार भारतीय जनता पार्टी भी इसी संघ से ही निकली हुई है और यह उसकी विचारधारा का समर्थन करती है। एक तरह से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भाजपा का पैतृक संगठन (RSS sangathan kab bana) है। इसे शोर्ट फॉर्म में संघ या आरएसएस के नाम से भी जाना जाता है। यह दोनों नाम ही इसके सर्वप्रसिद्ध है और लोगों के द्वारा इनका ही इस्तेमाल किया जाता है।

तो यदि आप इस लेख के माध्यम से आरएसएस के बारे में जानने आए हैं तो आज हम आपके समक्ष आरएसएस के बारे में सब कुछ शेयर करने वाले (RSS kya hai) है। आज के इस लेख को पढ़ कर आप यह भलीभांति जान पाएंगे कि आखिरकार यह आरएसएस क्या है और क्या करती है।

आरएसएस संगठन क्या है? (RSS in Hindi)

आरएसएस इस दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है और इसके मुकाबले का कोई दूसरा संगठन है ही नही। इसकी स्थापना भी आज से लगभग 100 वर्ष पहले ही हो गयी थी और तब से लेकर आज तक इसका केवल विस्तार ही हुआ (RSS kya hota hai) है। यह देश का या यूँ कहे कि दुनिया का सबसे बड़ा हिंदूवादी संगठन है जिसकी विचारधारा पूर्ण रूप से हिंदूवादी व भारतीय संस्कृति से जुड़ी हुई है।

आरएसएस संगठन क्या है

आरएसएस एक तरह से अर्धसैनिकों का संगठन है जिसकी शाखाएं भारत के हर राज्य के हर जिले और गाँवों में लगती है। यह शाखाएं सार्वजनिक स्थानों, मैदानों, उद्यानों, आरएसएस के कार्यालय इत्यादि में लगायी जाती है। इसमें देश का कोई भी नागरिक या अन्य किसी देश का नागरिक भाग ले सकता है और आरएसएस से जुड़ सकता है। आरएसएस से जुड़ने का एकमात्र नियम यही है कि उसकी विचारधारा भारतीय संस्कृति, हिंदूवादी या हिंदू धर्म का सम्मान करना, देशभक्ति इत्यादि से भरी हुई होनी चाहिए।

जो भी व्यक्ति आरएसएस से जुड़ा हुआ होता है उसे आरएसएस के द्वारा आयोजित करवाई जाने वाली अपने क्षेत्र की शाखा में भाग लेना होता (RSS kya hai) है। इस शाखा में प्रतिदिन शारीरिक व्यायाम तथा खेलकूद की गतिविधियाँ करवाई जाती है और साथ ही हिंदू धर्म व देश से जुड़ी कथाएं सुनाई जाती और इनकी चर्चा की जाती है। इसी के साथ आरएसएस की प्रार्थना करने के साथ शाखा का समापन कर दिया जाता है।

प्रतिदिन लगने वाली शाखाएं तो हमेशा चलती रहती है किंतु इसके साथ ही समय समय पर आरएसएस के द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है तथा देश के विकास में सहयोग दिया जाता है। इसके अंतर्गत देश के कई अन्य संगठन भी आते हैं जो इसी का ही हिस्सा है। यहाँ तक कि भारत देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी व भारत सरकार की पार्टी भारतीय जनता पार्टी भी इसी का ही एक भाग है।

आरएसएस एक बहुत ही बड़ा संगठन है जिसके अंतर्गत कई चीज़ों का समावेश किया गया है। इसके बारे में विस्तार से समझने के लिए आपको यह लेख पूरा पढ़ना होगा तभी आपको आरएसएस संगठन के बारे में सब समझ में आएगा। आइए जाने आरएसएस संगठन के बारे में शुरू से लेकर अंत तक संपूर्ण जानकारी।

आरएसएस का इतिहास (RSS history in Hindi)

आरएसएस के बारे में जानने से पहले उसका इतिहास जानना बहुत ही आवश्यक है। इसी से आपको पता चलेगा कि आखिरकार इस संगठन की स्थापना क्यों हुई थी और इसका उद्देश्य आखिरकार क्या था। तो भारत देश व हिंदू धर्म को मानने वाले अपने ऊपर पिछले एक हज़ार वर्षों से जुल्म सह रहे (RSS ki history in hindi) थे। मुस्लिम आक्रांता ने भारत देश के कई टुकड़े कर दिए थे और वहां की हिंदी जनसंख्या का सर्वनाश कर दिया था जैसे कि अफगानिस्तान व उसके आसपास के देश।

इसके अलावा भारत देश में जगह जगह पर मुस्लिमो का प्रकोप व जनसंख्या दोनों ही बढ़ते जा रहे थे। ऊपर से अंग्रेज भी भारत देश का दमन कर रहे थे और हिंदुओं के मंदिर, मठ, घरों इत्यादि से धन लूटा जा रहा (RSS ka itihas in Hindi) था। यह देखते हुए हिंदुओं के एक शक्तिशाली संगठन की आवश्यकता थी जो हिंदुओं का नेतृत्व करने के साथ साथ भारत देश को मजबूत करने का कार्य कर सके।

तो इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर महाराष्ट्र के नागपुर जिले के डॉक्टर केशव बलराम हेडगेवार जी ने आरएसएस संगठन बनाने का निर्णय लिया। इसके लिए दशहरे के दिन का चयन किया गया और वह तिथि थी 27 सितंबर 1925 जिस दिन दशहरे का पावन पर्व मनाया जा रहा था अर्थात बुराई पर अच्छाई का दिवस। तब से लेकर आज तक इस संगठन ने केवल अपना विस्तार ही किया है और कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसका उद्देश्य भी देश व विश्व के सभी हिंदुओं को संगठित करना व भारत देश का पुनरुत्थान करना है।

आरएसएस का स्थापना दिवस कब मनाया जाता है? (RSS ka sthapna divas kab hai)

अब ऊपर आरएसएस के इतिहास में आपने जाना कि आरएसएस की स्थापना वर्ष 1925 में हुई थी और वह तिथि थी 27 सितंबर की। तो उसके अनुसार हर वर्ष 27 सितंबर को ही आरएसएस संगठन अपना स्थापना दिवस मनाता होगा। तो यदि आप ऐसा सोच रहे हैं तो आप गलत है क्योंकि आरएसएस के द्वारा अपना स्थापना दिवस अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नही अपितु हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है।

ऐसे में आपने ऊपर यह भी जाना कि आरएसएस की स्थापना वर्ष 1925 में दशहरे के दिन हुई थी। उसके अनुसार ही आरएसएस अपनी स्थापना दिवस का आयोजन करता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि हर वर्ष दशहरे के पावन अवसर पर ही आरएसएस का स्थापना दिवस मनाया जाता है।

आरएसएस का मुखालय कहां है? (RSS ka mukhyalay kaha hai)

अब यदि हम आरएसएस के मुख्यालय की बात करे तो वह नागपुर में ही है जहाँ से उनके संस्थापक डॉक्टर केशव बलराम हेडगेवार जी ने इसकी शुरुआत की (RSS main office in Hindi) थी। तो आरएसएस का मुख्यालय  डॉक्टर हेडगेवार भवन, संघ भवन मार्ग, नागपुर, महाराष्ट्र में स्थित है। वहीं से पूरे देश में फैले संघ की शाखाओं व कार्यालयों को सभी आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये जाते हैं और संघ की नीतियाँ बनाने का कार्य किया जाता है।

आरएसएस के अध्यक्ष कौन है? (RSS ke adhyaksh kaun hai)

अब यदि हम आरएसएस के अध्यक्ष की बात करें तो उनका नाम श्री मोहन भगवत है। उन्होंने 21 मार्च 2009 को आरएसएस के चीफ का पद ग्रहण किया था और तब से लेकर आज तक वही आरएसएस के मुख्य संचालक है। आरएसएस की स्थापना के बाद से वे आरएसएस के छठे अध्यक्ष है। आरएसएस में अध्यक्ष पद को सरसंघ संचालक के नाम से भी जाना जाता है। मोहन भगवत जी का जन्म 11 सितंबर 1950 को महाराष्ट्र के मुंबई शहर में हुआ था।

आरएसएस के कितने सदस्य है? (RSS ke kitne sadasya hai)

अब हमने आपको यह तो बता दिया कि इस विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन आरएसएस ही है किंतु उसके साथ ही आपके मन में यह जानने की इच्छा उठ रही होगी कि इतने बड़े संगठन के सदस्य कितने (RSS me kitne member hai) हैं। तो यहाँ हम आपको बता दे कि वर्तमान समय में आरएसएस के लगभग 60 लाख से भी ऊपर एक्टिव सदस्य है। ये वे सदस्य है जो आरएसएस से जुड़े हुए है और उनकी शाखाओं में भी जाते हैं जबकि आरएसएस की विचारधारा से समर्थन रखने वाले करोड़ो लोग मौजूद है।

आरएसएस की कितनी शाखाएं हैं? (RSS ki kitni shakha hai)

अब यदि हम देशभर में स्थित आरएसएस की शाखाओं की बात करे तो उनकी संख्या हजारो में हैं। देश में जगह जगह आरएसएस की छोटी से लेकर बड़ी शाखाएं लगती हैं जहाँ पर लोगों को ट्रेन करने का कार्य किया जाता है। तो एक अनुमान के अनुसार देशभर में आरएसएस की लगभग 70 हज़ार से भी ऊपर शाखाएं लगती है और यदि इसमें विदेश में लगने वाली शाखाओं को भी जोड़ दिया जाये तो यह आंकड़ा 75 हज़ार से भी ऊपर चला जाता है।

आरएसएस कैसे काम करती है? (RSS kaise kaam karta hai)

आरएसएस की कार्य प्रणाली बहुत ही सरल है और वह है देश के नागरिकों को भारतीय संस्कृति व सभ्यता के निकट लाना और देश को आगे बढ़ाना। आरएसएस देश के सभी नागरिकों को हिंदू मानता है और उसी दिशा में ही आगे बढ़ता है। उनके अनुसार भारत का रहने वाला हर नागरिक हिंदू है फिर चाहे वह किसी भी धर्म को मानने वाला क्यों ना हो। उसी के अनुसार ही उनके कार्य व अन्य नीतियाँ निर्धारित की जाती है।

अब आरएसएस एकलौता संगठन नहीं है बल्कि उसके अंतर्गत कई तरह के संगठन, संस्थाएं व राजनीतिक पार्टियाँ कार्य करती है। सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी ही है जो देश में सत्ता पर भी आरूढ़ (RSS kaise kam karta hai) है। इसी के साथ आरएसएस की महिला शाखा जिसे हम दुर्गा वाहिनी के नाम से जानते हैं वहां पर महिलाओं को आत्म रक्षा की ट्रेनिंग दी जाती है। इसी के साथ आरएसएस के कई अन्य छोटे संगठन भी है जैसे कि मजदूर संघ, मुस्लिम संघ, छात्र संघ इत्यादि।

इन सभी संगठनों, संस्थाओं व राजनीतिक पार्टी के द्वारा कई तरह के समाज सेवा, विकास, आयोजनों के क्रियान्वयन के कार्य किये जाते हैं। वर्तमान समय में देश की दशा व दिशा का निर्धारण आरएसएस संगठन के द्वारा ही किया जा रहा है क्योंकि भाजपा पर उसका पूरा प्रभाव व नियंत्रण है। वह ही भाजपा की नीतियाँ व नियम निर्धारित करता है और कोई भी बड़ा निर्णय आरएसएस की हामी के बिना नहीं लिया जा सकता है।

आरएसएस पर इंदिरा गाँधी ने लगाया था प्रतिबंध (RSS par pratibandh in Hindi)

यह उस दौर की बात है जब देश की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने अपनी सत्ता जाने के डर से देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी और देश के नागरिकों के अधिकारों को बुरी तरह से कुचल दिया गया था। देश की न्यायिक व्यवस्था, संविधान, अधिकारों इत्यादि को कुचल दिया गया था और देश में दमन की नीति लागू कर दी गयी थी। जगह जगह से समाज सुधारको, विपक्ष के सदस्यों इत्यादि को उठा उठा कर जेल में डाला जाने लगा।

तब इंदिरा गाँधी ने हिंदुओं के संगठन आरएसएस पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया था और इसके सभी पदाधिकारियों को जेल में डाल दिया गया था। उसके बाद जब देश में फिर से चुनाव हुए और इंदिरा गाँधी को सत्ता से निकाल बाहर फेंक दिया गया तब जाकर आरएसएस पर से प्रतिबंध हटाया गया था। इसके बाद आरएसएस और अधिक शक्तिशाली बना और उसने देश की शीर्ष सत्ता से कांग्रेस को हटाने का निर्णय ले लिया।

इसके बाद ही देश में मुख्य विपक्षी पार्टी और एक मजबूत शक्तिशाली राजनीतिक पार्टी भाजपा का उदय हुआ जो आरएसएस से ही निकली थी और फिर अन्तंतः वर्ष 1999 में देश पर भाजपा की NDA द्वारा गठित सरकार को सत्ता मिली जिसके प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमान अटल बिहारी वाजपेयी जी थे। इसके बाद वर्ष 2014 में देश में पहली बार संघ से निकली भाजपा ने अपने अकेले दम पर पूर्ण बहुमत हासिल किया और उसके प्रधानमंत्री यशस्वी श्रीमान नरेंद्र मोदी जी है।

आरएसएस से जुड़े अन्य संगठन 

हमने आपको ऊपर ही बताया कि आरएसएस केवल एकलौता संगठन नहीं है बल्कि उसके साथ कई अन्य संगठन भी जुड़े हुए हैं। वे सभी संगठन, संस्थाएं, पार्टियाँ आरएसएस से ही निकली हुई हैं और आज देश में बहुत अच्छा काम कर रही हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी प्रमुख है जो देश की सरकार भी चला रही है। इसी तरह कई अन्य संगठन भी आरएसएस का ही हिस्सा है और अपना काम कर रहे हैं। ऐसे में आरएसएस से जुड़े हुए सभी तरह के संगठन की सूची इस प्रकार है:

  • भारतीय जनता पार्टी
  • भारतीय मजदूर संघ
  • भारतीय किसान संघ
  • भारतीय युवा सेवा संघ
  • दुर्गा वाहिनी
  • विश्व हिंदू परिषद
  • राष्ट्र सेविका समिति
  • सेवा भारती
  • लघु उद्योग भारती
  • विश्व संवाद केंद्र
  • विवेकानंद केंद्र
  • राष्ट्रीय सिख संगत
  • शिक्षा भारती
  • अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद
  • हिंदू स्वयंसेवक संघ
  • स्वदेशी जागरण मंच
  • विद्या भारती
  • सरस्वती शिशु मंदिर
  • मुस्लिम राष्ट्रीय मंच
  • बजरंग दल
  • वनवासी कल्याण आश्रम
  • भारतीय विचार केंद्र इत्यादि।

इसी तरह आरएसएस से जुड़े हुए कई अन्य संगठन भी है जो देश में काम कर रहे हैं। इनसे हजारो लाखों लोग जुड़े हुए हैं और वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आरएसएस के लिए ही काम करते हैं और उसकी विचारधारा को आगे बढ़ाते हैं।

आरएसएस का उद्देश्य (RSS ka uddeshya kya hai)

अब हम आरएसएस पार्टी या संगठन के उद्देश्य की बात करेंगे। तो इसका उद्देश्य एकदम साफ और सरल है और वह है भारत देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करना, भारत से अलग हुए देशों को पुनः भारत देश में मिलाना और भारत को विश्व गुरु बनाना। इसके लिए आरएसएस विभिन्न संगठन, पार्टी, संस्थाओं के जरिये प्रयास करती रहती है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए ही आरएसएस देशभर के हिंदुओं को संगठित करने का कार्य कर रही हैं ताकि वे एक साथ आकर देश को आगे ले जाने का कार्य कर सके।

इसके लिए आरएसएस के द्वारा कई तरह के कार्य किये गए हैं जिसमे प्रमुख कार्य तो यही है कि उसने देश की सत्ता पर हिंदूवादी विचारधारा वाली पार्टी भाजपा को स्थापित किया है। इसके साथ ही आरएसएस का कार्य बहुत ही सरल हो गया है और वह अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। आने वाले कुछ समय या वर्षों में इसको लेकर कई तरह के कार्य व परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

तो इस तरह आज के इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि आरएसएस क्या है और इसके द्वारा किस तरह के कार्य किये जाते हैं। आरएसएस अपने संगठन में देश के किसी भी नागरिक का स्वागत करती है बस उसके लिए उन्हें आरएसएस की विचारधारा का पालन करना होगा। तो यदि आप भी आरएसएस के सदस्य बनना चाहते हैं तो आरएसएस आपका दिल खोल कर स्वागत करेगी।

आरएसएस संगठन क्या है – Related FAQs

प्रश्न: RSS की स्थापना कब और कहां हुई थी?

उत्तर: RSS की स्थापना वर्ष 1925 में दशहरे के अवसर पर महाराष्ट्र के नागपुर शहर में हुई थी।

प्रश्न: आर एस एस के संस्थापक कौन है?

उत्तर: आर एस एस के संस्थापक डॉक्टर केशव बलराम हेडगेवार जी है।

प्रश्न: आरएसएस के कितने संगठन है?

उत्तर: आरएसएस के 20 से भी अधिक संगठन है।

प्रश्न: भारत में RSS की कितनी संख्या है?

उत्तर: भारत में RSS की 70 हज़ार से भी अधिक संख्या है।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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