|| RSS se kaise jude, आरएसएस ज्वाइन कैसे करे?, जानिए ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीका, RSS Join कैसे करें, RSS कितना सैलेरी देता है, Rss Join kaise kare, RSS kya hai full detail ||
इस देश का सबसे बड़ा हिंदूवादी संगठन आरएसएस है जिसकी ख्याति देश विदेश में फैली हुई है। इसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या केवल संघ के नाम से भी जाना जाता है। आरएसएस की स्थापना आज से लगभग 97 वर्ष पहले सन 1925 में दशहरे के अवसर पर हुई थी और तब से लेकर इस संगठन ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं (RSS se judne ke liye kya karen) देखा। वर्तमान में संघ की शाखाएं पूरे भारत देश में आयोजित करवाई जाती हैं जिससे लाखों करोड़ो लोग जुड़े हुए हैं।
भारत वर्ष में आरएसएस की लगभग 70 हज़ार से भी अधिक छोटी बड़ी शाखाएं आयोजित करवाई जाती है और उसके तहत देश के नागरिकों को भारतीयता व हिंदू संस्कृति से जोड़ने और उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि संघ की शाखा में जाकर व्यक्ति अपना शाररिक विकास तो करता ही है व साथ ही भारतीय संस्कृति व हिंदू धर्म के बारे में विस्तार से जानता है।
वर्तमान समय में आरएसएस के लगभग 60 लाख से भी अधिक सक्रिय सदस्य है और इसका समर्थन करने वाले लोगों की संख्या करोड़ो में है। उसी का परिणाम है कि आरएसएस के द्वारा निकली राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी आज देश की शीर्ष सत्ता सहित देश के आधे से भी अधिक राज्यों में सत्ता में बनी हुई (RSS sangathan se judne ke liye kya kare) है। तो ऐसे में यदि आप भी आरएसएस से जुड़ना चाहते हैं और यह जानने इस लेख पर आये हैं तो आज हम आपके समक्ष आरएसएस ज्वाइन करने के ऊपर ही चर्चा करने वाले हैं।
आरएसएस क्या है? (RSS kya hai)
सबसे पहले बात करते है आरएसएस संगठन के बारे में और यह क्या है इसके बारे में। तो यहाँ हम आपको स्पष्ट करते हुए यह बता दे कि आरएसएस इस देश का सबसे बड़ा हिंदूवादी संगठन है जिसकी स्थापना 27 सितंबर 1925 को महाराष्ट्र राज्य के नागपुर जिले में हुई (RSS sangathan kya hai) थी। इसके संस्थापक डॉक्टर केशव बलराम हेडगेवार जी है और इसके मुख्यालय का नाम भी उन्ही के नाम पर ही है। आरएसएस का मुख्यालय नागपुर के महाराष्ट्र राज्य में ही स्थित है जिसे डॉक्टर हेडगेवार भवन के नाम से जाना जाता है।
आरएसएस केवल संगठन ही नहीं है बल्कि यहाँ पर देश के नागरिकों को सेना जैसी ट्रेनिंग दी जाती है ताकि समय आने पर देश में बैठे आंतकवादियों का सामना किया जा सके। चूँकि भारत देश केवल बाहरी शत्रुओं से ही नहीं अपितु देश के भीतर बैठे शत्रुओं जो या तो आंतकवादी है या उनके समर्थक है उनसे भी परेशान (RSS kya hota hai) है। तो इसी को ध्यान में रखते हुए देश के भीतर बैठे शत्रुओं का सामना करने और भारत सरकार व सेना की सहायता करने के उद्देश्य से इसके सक्रिय सदस्यों को अर्धसैनिक के सामान प्रशिक्षण दिया जाता है।
संघ की शाखाएं व सदस्य (RSS ki shakha kahan kahan hai)
आरएसएस ज्वाइन करने से पहले आपको यह भी जान लेना चाहिए कि देशभर में आरएसएस से जुड़ी कितनी शाखाएं चल रही है और उनका क्रियान्वयन किस प्रकार किया जाता है। वर्तमान समय में देशभर में आरएसएस की लगभग 70 हज़ार से भी अधिक सक्रिय शाखाएं चल (RSS me kitne log hai) रही है। यह शाखाएं हर राज्य, हर जिले, शहर, कस्बे, तहसील, गाँव इत्यादि में लगती है और जहाँ भी आरएसएस की पहुँच नहीं है या फिर जहाँ आरएसएस की शाखा नहीं है, वहां भी लोगों को आरएसएस से जोड़ने का काम तेजी के साथ चल रहा है।
ऐसे में इन 70 हज़ार से भी अधिक शाखाओं में आरएसएस के लगभग 60 लाख से अधिक सक्रिय सदस्य है। ये वे सदस्य है जो प्रतिदिन या सप्ताह में 2 से 3 बार संघ की शाखाओं में जाते हैं और उसमे होने वाली गतिविधियों में भाग लेते हैं। रही बात आरएसएस के अंतर्गत आने वाले अन्य संगठन, संस्थाओं व राजनीतिक पार्टी की तो उनके सदस्यों की संख्या मिला दी जाए तो आरएसएस के सदस्यों की संख्या करोड़ो में पहुँच जाती है। वह इसलिए क्योंकि आरएसएस की राजनीतिक पार्टी भाजपा के अकेले 10 करोड़ से अधिक सदस्य है।
आरएसएस से जुड़ने के लिए पात्रता (Eligibility to join RSS in Hindi)
आरएसएस देश का सबसे बड़ा हिंदूवादी संगठन है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि इससे देश के अन्य धर्मो के नागरिक नहीं जुड़ सकते हैं। आप चाहे किसी भी धर्म को मानने वाले हो, आप आरएसएस से कभी भी और किसी भी समय जुड़ सकते हैं फिर चाहे आप जैन, बौद्ध, सिख, पारसी, ईसाई, यहूदी, आदिवासी या अन्य किसी समुदाय से (RSS se judne ke liye kya kare) हो। यदि आप मुस्लिम है तो आप आरएसएस के ही एक अन्य संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से जुड़ सकते हैं क्योंकि मजहबी लोगों को इसी में रखा जाता है।
तो अब यदि आप आरएसएस से जुड़ने के लये योग्यता या पात्रता को देख रहे हैं तो उसके लिए कोई नियम तो नहीं है लेकिन आरएसएस में जाने के लिए आपके अंदर कुछ गुण होने अति आवश्यक है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि आपकी विचारधारा आरएसएस की विचारधारा के समान ही होनी चाहिए तभी आप आरएसएस से जुड़ सकते हैं। तो इसके लिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना पड़ेगा:
- सबसे पहले तो आप भारत देश के नागरिक होने के साथ साथ उस पर गर्व महसूस करते हो और देश को आगे बढ़ाने का सपना देखते हो।
- देश के विरुद्ध जो भी काम कर रहे हैं या जो लोग देश की प्रगति, उन्नति इत्यादि का विरोध करते हैं, आप उनका विरोध करते होने चाहिए।
- आपके मन में हिंदू धर्म के प्रति सम्मान होना भी अति आवश्यक है और आप हिंदू विरोधी किसी भी गतिविधि में सलंग्न नहीं होने चाहिए।
- आपके मन में भारतीय सभ्यता, हिंदू संस्कृति, रीति रिवाज इत्यादि के लिए पूर्ण सम्मान होना चाहिए और उसको आगे बढ़ाने का जज्बा भी होना चाहिए।
- अपनों से बड़ो को सम्मान देना और छोटो को प्यार देने की भावना भी आपके मन में होनी चाहिए। साथ ही हर व्यक्ति के नाम के साथ जी लगाकर कहना भी आपको आना चाहिए।
आरएसएस ज्वाइन कैसे करे? (RSS se kaise jude)
अब यदि आप आरएसएस जैसे संगठन के साथ जुड़ कर देश के काम आना चाहते हैं तो इसकी प्रक्रिया बहुत ही सरल है। दरअसल आरएसएस से जुड़ने के लिए ना तो आपको कोई परीक्षा देनी होती है और ना ही इसके लिए कोई आयु सीमा है और ना ही आपको पैसे देने (RSS join kaise kare) होंगे। इसके लिए बस आपको आरएसएस में जाकर अपना पंजीकरण करवाना होगा और उसके बाद आप आरएसएस से जुड़ जाएंगे।
तो आरएसएस में पंजीकरण करवाने की प्रक्रिया ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह से ही की जा सकती हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आप आरएसएस से जुड़ना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन उनकी वेबसाइट पर जाकर भी अपना पंजीकरण करवा सकते हैं और अपने शहर में स्थित उनके कार्यालय में जाकर भी उसके सदस्य बन सकते हैं। आइए इन दोनों ही तरीको के बारे में जान लेते हैं।
आरएसएस से जुड़ने की ऑनलाइन प्रक्रिया (RSS join online process in Hindi)
आरएसएस से जुड़ने की ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत आपको उनकी वेबसाइट पर जाना होता है। वहां आपको होम पेज पर ही संघ से जुड़ने का लिंक मिल जाएगा जहाँ पर आपसे कई तरह की निजी जानकारी मांगी (RSS join online form in Hindi) जाएगी। तो सबसे पहले तो आप आरएसएस की वेबसाइट पर जाए जिसका लिंक https://www.rss.org/hindi/ है। इस लिंक पर क्लिक करने के बाद आरएसएस की हिंदी भाषा की वेबसाइट आपके सामने खुल जाएगी जहाँ आपको कई तरह के विकल्प दिखाई देंगे।
इसमें ऊपर ही दिए गए मेन्यू में कई तरह के विकल्प होंगे जैसे कि संघ को समझे, सेवा अभिलेख इत्यादि। इसी में ही एक विकल्प होगा जिस पर “संघ से जुड़े” लिखा हुआ (RSS join online registration in Hindi) होगा। आपको इसी विकल्प पर क्लिक करना होगा और उसके बाद यह आपको एक नए पेज पर ले जाएगा। इस पेज पर आपसे कई तरह की जानकारी भरने को कहा जाएगा जिसे भर कर आपको सबमिट कर देना होगा। तो यह सब जानकारी होगी:
- आपका नाम
- आयु
- प्रोफेशन
- फोन नंबर
- ईमेल आईडी
- वर्तमान पता
- स्थायी पता
यह सब जानकारी ध्यान से भर कर सबमिट कर दें। उसके बाद आरएसएस के अधिकारियों को आपका आवेदन मिल जाएगा और उसकी जानकारी आपके मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी पर आ जाएगी। इसके बाद आपको एक आईडी कार्ड इशू कर दिया जाएगा या फिर एक पंजीकरण संख्या बता दी जाएगी। बस इस सामान्य प्रक्रिया के तहत आप आरएसएस के सदस्य बन जाएंगे।
संघ से जुड़ने के लिए उनके कार्यालय जाकर पंजीकरण करवाना
भारत के लगभग हर राज्य के जिले या शहर में एक कार्यालय तो आरएसएस का होता ही है। जहाँ भी आरएसएस का कार्यालय नहीं है वहां भी उसकी शाखाएं तो लगती ही है। ऐसे में आप उसके कार्यालय जाकर या उसकी शाखा में जाकर आरएसएस से जुड़ सकते हैं। इसके लिए पहले तो आप यह देखें कि आपके शहर में आरएसएस का कार्यालय कहा है और उसके बाद वहां पहुंचे। आरएसएस के कार्यालय का खुलने का समय सामान्य तौर पर सुबह 10 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक का होता है।
तो आरएसएस के कार्यालय में पहुँच कर वहां के पदाधिकारी से बात करें और उन्हें बताये कि आप आरएसएस से जुड़ने के लिए इच्छुक है। इसके बाद वे आपको एक फॉर्म देंगे जिसे भर कर आपको देना होगा। वे अपने रजिस्टर में भी आपकी जानकारी और फोन नंबर को लिख लेंगे। इसके बाद आपको डॉक्टर हेडगेवार व भारत माता की मूर्ति को प्रणाम करने को कहा जाएगा। उसके बाद आप आरएसएस के सदस्य बन जाएंगे। बस संघ से जुड़ने के लिए इसी आसान प्रक्रिया को अपनाया जाता है।
आरएसएस ज्वाइन करने के बाद क्या करें? (RSS join karne ke baad kya kare)
अब जब आप आरएसएस से जुड़ जाते हैं तो आप उसमे कई तरह से अपनी सेवाएं दे सकते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आपके यहाँ पर सुबह सुबह आरएसएस की शाखा आयोजित करवाई जाती है तो आप उसमे भाग लें और प्रतिदिन वहां जाए। इसका संचालन हर दिन प्रातः काल 5 से 6 बजे के बीच किया जाएगा। गर्मियों व सर्दियों के मौसम में इसका समयकाल भिन्न भिन्न अवश्य हो सकता है।
तो आप संघ की शाखा में जाए और वहां जाकर होने वाली गतिविधियों में भाग ले। वहां पर शुरूआती तौर पर आपका शारीरिक व्यायाम करवाया जाएगा जो 15 से 20 मिनट के लिए ही होगा। उसके बाद आप अन्य सदस्यों के साथ शारीरिक खेल खेलंगे जैसे कि एक दूसरे को पकड़ना, उड़न तश्तरी, कबड्डी इत्यादि। इससे आपका शारीरिक स्वास्थय बेहतर बनता है और शरीर में भी फुर्ती देखने को मिलती है।
इन सभी के बाद अंत में सभी सदस्यों के बीच आपसी संवाद करवाया जाता है और उस शाखा को करवाने वाला पदाधिकारी कुछ वक्तव्य रखता है। वह आपको देश की राजनीतिक परिस्थिति, संघ की कार्य प्रणाली, योजना, कार्यक्रम, नीतियाँ, धर्म व देश से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देता है। अंत में आरएसएस की प्रार्थना करवा कर शाखा को समाप्त कर दिया जाता है। हर दिन इसी तरह की गतिविधि करवाई जाती है जो सभी के लिए बहुत ही लाभदायक रहती है।
इसी के साथ आपको समय समय पर आरएसएस के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेना होगा। यह कार्यक्रम देश सेवा व समाज की भलाई से संबंधित होते हैं जैसे कि गरीबो की सेवा करना, किसी त्रासदी के समय सरकार का सहयोग करना, स्वच्छता अभियान चलाना, समाज को जागरूक करना, हिंदुओं को संगठित करना इत्यादि। इसके द्वारा देशप्रेम व हिंदू जागरूकता के अभियान चलाये जाते हैं और देश को मजबूत करने का कार्य किया जाता है।
आरएसएस से जुड़ने के फायदे (RSS se judne ke fayde)
अब यदि आप सक्रिय रूप से आरएसएस के सदस्य बन जाते हैं तो आपको इसके बहुत लाभ देखने को मिलेंगे। इसका सबसे बड़ा लाभ तो यह होगा कि संघ के द्वारा भारतीय जनता पार्टी को प्रबंधित करने का कार्य किया जाता (RSS join benefits in Hindi) है। भाजपा के सभी बड़े राजनेता, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, अन्य पदाधिकारी इत्यादि आरएसएस से ही निकले हुए है। कहने का अर्थ यह हुआ कि वे पहले आरएसएस में थे और उसके बाद भाजपा के साथ जुड़कर आगे पहुंचे। तो यदि आप भी आरएसएस में कई समय से काम कर रहे हैं और आपका काम उन्हें पसंद आता है तो आपको राजनीति में भी प्रवेश मिल सकता है।
इसी के साथ साथ आरएसएस से जुड़ कर आपको अपना शरीर स्वस्थ रखने में भी सहायता मिलेगी। आप प्रतिदिन सुबह जल्दी उठेंगे और संघ की शाखा में जाकर विभिन्न तरह की शारीरिक गतिविधियों में भाग लेंगे। इससे आपका शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होगा और आप पहले से ज्यादा तरोताजा महसूस करेंगे। आपके बीमार पड़ने की संभावना बहुत ही कम हो जाएगी और शरीर भी ज्यादा कार्य कर पाएगा।
आरएसएस के साथ जुड़ने से आपके समाज के कई प्रतिष्ठित लोगों के साथ संबंध स्थापित होंगे क्योंकि उनका हर जगह लिंक होता है। समाज के सभी गणमान्य, उद्योगपति, प्रसिद्ध व्यक्ति आरएसएस से जुड़े हुए होते हैं या उनका किसी ना किसी तरह से संघ से जुड़ाव होता है। तो यदि आप भी आरएसएस से जुड़ते हैं और इसके सदस्य बन जाते हैं तो फिर आपका भी इनके साथ लिंक बनेगा जो आपके आगे बढ़ने में बहुत काम आएगा।
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आरएसएस से कैसे जुड़े – Related FAQs
प्रश्न: भारत में आरएसएस कौन है?
उत्तर: भारत में आरएसएस एक स्वयंसेवी संगठन है जिसके अंतर्गत कई अन्य संगठन, राजनीतिक पार्टी व संस्थाएं आती है।
प्रश्न: आरएसएस कितने साल का है?
उत्तर: आरएसएस 97 साल का है।
प्रश्न: आरएसएस के नेता कौन है?
उत्तर: आरएसएस के नेता श्री मोहन भगवत जी है।
प्रश्न: आरएसएस कब बना?
उत्तर: आरएसएस 27 सितंबर 1925 को बना था।
इस तरह से आपने इस लेख के माध्यम से आरएसएस से जुड़ने के बारे में शुरू से लेकर अंत तक सब जानकारी ले ली है। आरएसएस से जुड़ने की क्या प्रक्रिया है और उसके लिए आपको क्या कुछ करना होगा तथा उससे जुड़ने के क्या क्या फायदे देखने को मिल सकते हैं, यह सब आपने समझ लिया है। तो अब आप दी गयी प्रक्रिया का पालन करते हुए अभी के अभी संघ से जुड़े और देश व हिंदू धर्म के काम आये।
Munna Kumar