|| हिंदू लड़के एवं मुस्लिम लड़की की शादी के नियम- 2024 | rules of marriage between Hindu boy and muslim girl | विशेष विवाह अधिनियम (special marriage act)-1954 | हमारे देश में कितने प्रकार के विवाह होते हैं? | क्या एक हिंदू युवक पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी कर सकता है? ||
हमारे देश में अब अंतर धार्मिक विवाहों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसका एक बड़ा कारण विभिन्न धर्मों के युवक-युवती के बीच होने वाले प्रेम संबंध हैं। लड़का लड़की दोनों कमाते हैं एवं अपने पैरों पर खड़े हैं, ऐसे में वे परिवार के विरोध की भी परवाह नहीं करते। वे उनकी मर्जी के खिलाफ जाकर दूसरे धर्म के शख्स को जीवनसाथी बनाते हैं। इसमें कानून भी उनकी सहायता करता है। आइए, जान लेते हैं कि हिंदू लड़के एवं मुस्लिम लड़के की शादी के क्या नियम हैं?
विवाह अथवा शादी किसे कहते हैं? (What is the meaning of marriage?)
मित्रों, हम आपको हिंदू लड़के एवं मुस्लिम लड़की के शादी के नियमों की जानकारी दें, उससे पूर्व यह जानना आवश्यक है कि विवाह/शादी किसे कहते हैं? मित्रों, आपको बता दें कि विवाह दो पक्षों के बीच एक शारीरिक (physical), सांस्कृतिक (cultural) एवं कानूनी मान्यता (legal recognition) प्राप्त संबंध है, जो उनके बीच, उनके बच्चों एवं ससुराल वालों के बीच अधिकारों व दायित्वों (rights and liabilities) को स्थापित करता है।
दोस्तों, साधारण शब्दों में बात करें तो शादी दो व्यक्तियों का सामाजिक (social), धार्मिक (religious) एवं कानूनी रूप से (legally) साथ रहने का संबंध है। भारतीय समाज (indian society) में विवाह को दो आत्माओं का पवित्र मिलन करार दिया गया है। विवाह संस्कार भारतीय समाज का एक सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है। हिंदू धर्मा में विवाह को सोलह संस्कारों में एक माना गया है।
हमारे देश में कितने प्रकार के विवाह होते हैं? (How much types of marriages in our country?)
मित्रों, यह तो आप जानते ही हैं कि हमारे देश में हिंदू बहुसंख्यक (Hindu majority) हैं। ऐसे में आपको यह जानकारी होना आवश्यक है कि विवाह कितने प्रकार के होते हैं। आपको बता दें कि हमारे देश में 8 प्रकार के विवाह होते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-
- ब्रह्म विवाह
- देव विवाह।
- आर्ष विवाह।
- प्रजापत्य विवाह।
- असुर विवाह।
- राक्षस विवाह।
- गंधर्व विवाह।
- पिशाच विवाह।
हिंदू लड़के की मुस्लिम लड़की से शादी के नियम-2024 क्या हैं? (What are the rules of marriage between Hindu boy and muslim girl -2023?)
साथियों, हमने आपको हिंदू विवाह की जानकारी दी। आइए एक नजर उन नियमों पर डाल लेते हैं, जिनके तहत एक हिंदू लड़का एक मुस्लिम लड़की को अपना जीवनसाथी या हमसफर बना सकता है। ये इस प्रकार से हैं-
विशेष विवाह अधिनियम (special marriage act)-1954 :
दोस्तों, आपको बता दें कि अंतर धार्मिक विवाह (inter religion marriage) करने वालों की सुविधा के लिए भारत में विशेष विवाह अधिनियम यानी स्पेशल मैरिज एक्ट (special marriage act)-1954 के तहत व्यवस्था की गई है। अच्छी बात यह है कि इसमें दोनों ही पक्षों को अपना धर्म बदलने (religion change) की आवश्यकता नहीं होती। वे कोर्ट (court) के कुछ आवश्यक नियमों का पालन कर आराम से विवाह कर सकते हैं।
इसमें आपत्तियों के लिए भी कोर्ट पर्याप्त समय (enough time) देता है। इसके अतिरिक्त इसमें विवाह करने वालों को कोई अधिक खर्च भी नहीं करना पड़ता। मित्रों, आपको बता दें कि यह अधिनियम भारत के लोगों एवं विदेशो में भी सभी भारतीय नागरिकों के लिए विवाह का अवसर प्रदान करता है। चाहे वे किसी भी धर्म अथवा विश्वास (religion or belief) को मानने वाले क्यों न हों। बस उनमें कानून द्वारा निषिद्ध जन्म संबंध (legally prohibited birth relation) न हों।
हिंदू विवाह अधिनियम (Hindu marriage act)-1955 :
दोस्तों, इस अधिनियम के तहत एक हिंदू लड़के (Hindu boy) की मुस्लिम लड़की (Muslim girl) से शादी हो सकती है, लेकिन इसके लिए लड़की को अपना धर्म बदलना होगा। यद्यपि कुछ विवाहों में लड़की का नामकरण संस्कार करा उसका नाम बदलकर शादी को अंजाम दे दिया जाता है, बहुत से लड़के आर्य समाज में शादी कर लेते हैं, लेकिन यदि आप चाहें तो इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट (supreme court) के एक फैसले को नजीर मान सकते हैं। इसमें एक हिंदू लड़के ने एक मुस्लिम लड़की से मंदिर में विवाह कर लिया था और कोर्ट से सुरक्षा की मांग की थी।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने लड़की के धर्म बदलने तक विवाह को अमान्य घोषित किया था। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट तेलंगाना हाईकोर्ट (Telangana high court) के अगस्त, 2017 के आदेश (order) को चुनौती देने वाली याचिका (plea) पर सुनवाई (hearing) कर रही थी। जस्टिस केएम जोसेफ एवं जस्टिस बीवी नागरत्ना की खंडपीठ ने फैसला दिया कि अंतर धार्मिक जोड़े के बीच विवाह हिंदू विवाह अधिनियम (hindu marriage act)-1955 के तहत नहीं आता। केवल हिंदू ही इस एक्ट के तहत शादी कर सकते हैं।
शरीया यानी मुस्लिम कानून के तहत शादी (marriage under muslim law means ‘shariya’) :
दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि इस्लाम मुस्लिम धर्म से बाहर शादी की इजाजत नहीं देता। ऐसे में शादी करने के लिए शरीया के अनुसार भी शादी करने का विकल्प (option) होता है। इसमें हिंदू लड़के को अपना धर्म परिवर्तन करना होगा। इसके पश्चात ही वह मुस्लिम लड़की से विवाह कर सकेगा। इसमें शादी के लिए एक निकाहनामा (nikahnama) तैयार किया जाएगा, जिसमें निकाह की शर्तों का उल्लेख होगा। इसमें ‘इजब’ एवं ‘कुबूल’ किए जाने की रस्म सबसे महत्वपूर्ण होती है।
क्या किसी भी प्रकार के दबाव में आकर रचाई गई शादी मान्य होगी? (Will marriage under any type of pressure be valid?)
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि चाहे हिंदू रीति रिवाज (hindu rituals) से विवाह हो, मुस्लिम कानून (Muslim law) के तहत विवाह हो या फिर विशेष विवाह अधिनियम (special marriage act) के तहत विवाह रचाया गया हो, इन सभी कानूनों में यह साफ है कि यदि विवाह दबाव (pressure) में रचाया गया है तो वह मान्य (valid) नहीं होगा। इसके अतिरिक्त लड़का/लड़की विवाह की सहमति देने के लिए शारीरिक एवं मानसिक रूप से (physically and mentally) योग्य होने चाहिए।
क्या एक हिंदू युवक पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी कर सकता है? (Can a Hindu boy marry second one, if the first wife is alive?)
दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं कि हिंदू विवाह एक पत्नी के जीते दूसरी पत्नी की इजाजत नहीं देता, ऐसे में यदि कोई शादीशुदा व्यक्ति किसी मुस्लिम लड़की से दूसरी शादी करना चाहता है तो ऐसे में उसे हर हाल में मजहब बदलकर शादी करनी होगी। जैसा कि आपने मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र एवं हेमा मालिनी के विवाह के मामले में देखा होगा। धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर जीवित थीं। उन्होंने धर्मेंद्र को तलाक (divorce) भी नहीं दिया था। ऐसे में धर्मेंद्र ने मजहब बदलकर कागजों में अपना नाम दिलावर रखा, इसके बाद उनकी शादी हो सकी।
कौन सी मशहूर हिंदू हस्तियां हैं, जिन्होंने मुस्लिम युवतियों से शादी रचाई? (Which are popular Hindu celebrities who married a Muslim girl?(
साथियों, अब जान लेते हैं कि वे कौन सी मशहूर हिंदू हस्तियां हैं, जिन्होंने मुस्लिम युवतियों से शादी रचाई? बालीवुड (bollywood) के मशहूर स्टार संजय दत्त (Sanjay Dutt) ने एक मुस्लिम दिलरूबा शेख (dilruba Sheikh) से शादी की, जिन्होंने बाद में अपना नाम बदलकर मान्यता (Manyata) रख लिया। इससे पहले उनके पिता सुनील दत्त (Sunil dutt) ने भी अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री नरगिस (nargis) से शादी थी। आपको बता दें कि नरगिस का असली नाम फातिमा रशीद (Fatima Rasheed) था। यहां आपको जानकारी दे दें कि सुनील दत्त भी नाम बदलकर फिल्मों में आए थे।
उनका असल नाम बलराज दत्त (balraaj dutt) था। अब बात करते हैं बालीवुड की मार्लिन मुनरो मानी जाने वाली मधुबाला (Madhu Bala) की। मधुबाला मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखती थीं। उनका नाम मुमताज (Mumtaz) था। उन्होंने बाॅलीवुड के मशहूर सिंगर किशोर कुमार गांगुली (Kishore Kumar Ganguly) से शादी की थी। अब आते हैं बाॅलीवुड में ‘माचो मैन’ की छवि रखने वाले सुनील शेट्टी (Suniel shetty) की। उन्होंने एक मुस्लिम लड़की माना कादरी (mana qadari) को अपना हमसफर बनाया। इसके अतिरिक्त अभिनेत्री और तब्बू (tabbu) की बहन फराह नाज (Farah naaz) ने पहले दारा सिंह के बेटे विंदू दारा सिंह (vindu dara singh) से विवाह किया। इसके पश्चात उन्होंने अब सुमित सहगल (Sumit Sehgal) से शादी की है।
हाल-फिलहाल के हिंदू लड़के के मुस्लिम लड़की से शादी के कौन से चर्चित मामले हैं? (Recently which matters of marriage between Hindu boy and muslim girl have been in news?)
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि हाल ही में हिंदू युवकों के मुस्लिम लड़कियों से विवाह के कुछ मामले बहुत चर्चित रहे हैं। जैसे- बरेली की सबा ने हिंदू धर्म अपनाकर अपना नाम सोनी रखा और स्थानीय हिंदू युवक अंकुर से विवाह किया। उसका कहना था कि वह बालिग है, इस नाते उसे अपना जीवनसाथी अपनी मर्जी से चुनने का कानूनन पूरा अधिकार है। आपको बता दें दोस्तों कि इससे पूर्व इलमा (ilma) का मामला बेहद चर्चित रहा था। इलमा ने हिंदू धर्म अपनाकर अपन नाम सौम्या रख लिया और बरेली के सोमेश से शादी की। इसी प्रकार के हाल फिलहाल कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें मुस्लिम युवती ने हिंदू धर्म अपनाकर एक हिंदू लड़के से विवाह कर लिया।
हमारे देश में कितने प्रकार के विवाह हैं?
हमारे देश में 8 प्रकार के विवाह माने गए है। यद्यपि अब इनमें से अधिकांश प्रचलित नहीं हैं।
हिंदू लड़के की मुस्लिम लड़की से शादी के नियम क्या हैं?
इन नियमों के बारे में हमने आपको ऊपर स्पष्ट तौर पर बताया है, आप वहां से देख सकते हैं।
क्या विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के लिए हिंदू एवं मुस्लिम युवक-युवती को धर्म बदलना होगा?
जी नहीं, इस अधिनियम के अंतर्गत उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है।
क्या एक हिंदू युवक एक पत्नी के रहते दूसरी शादी कर सकता है?
एक युवक एक पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं कर सकता, जब तक कि उसका तलाक न हुआ हो अथवा पत्नी की मृत्यु न हो गई हो।
एक मुस्लिम लड़की को हिंदू युवक से शादी करने के लिए क्या धर्म बदलना होगा?
जी हां, शादी को मान्य करने के लिए उसे ऐसा करना होगा। यद्यपि बहुत से लोग केवल नाम बदलवाकर मुस्लिम लड़की से आर्य समाज मंदिर में जाकर शादी कर लेते हैं।
मुस्लिम कानून के अनुसार विवाह के लिए हिंदू लड़के को क्या करना होगा?
ऐसे में हिंदू युवक को अपना धर्म बदलकर मुस्लिम धर्म में कन्वर्ट होना होगा।
हिंदू धर्म की ऐसी कौन सी मशहूर हस्तियां हैं, जिन्होंने एक मुस्लिम युवती से शादी रचाई?
बालीवुड सिंगर किशोर कुमार, अभिनेता सुनील दत्त, संजय दत्त, सुनील शेट्टी आदि ने हिंदू धर्म से ताल्लुक होते हुए भी मुस्लिम युवती से शादी की है।
दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको हिंदू लड़के के मुस्लिम लड़की से विवाह के नियम-2024 के बारे में जानकारी दी। यदि आप इसी प्रकार की जानकारीपरक पोस्ट हमसे चाहे हैं तो नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमें बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।
Mene musalman ladaki se shadi ki h usane Hindu dharm apnaya h usake baad 3 bache hone ke baad mere pe dabaw banaya gaya ki me musalman ban jau jab mene musalman banane se mana kar diya to o mere ko chhod k chali gayi hai sab unki colony k musalman milakar mujhe marana chahate h to me kya karu me akela hu mere spot me koi nahi h yaha tak mere Ghar Wale bhi nahi shath de rahe h yahi bol rahe h tumne apni mrji se shadi ki h tum bhugato me kya karu please bataye please 🙏🙏🙏🙏
आप इस मामलों में पुलिस की सहायता ले सकते हैं.