सुकन्या समृद्धि योजना के नियम – 2024 | Rules Of Sukanya Samriddhi Yojana

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हमारा देश भारत एक ऐसा देश है, जहां कन्या के जन्म लेते ही माता-पिता को उसके भविष्य की चिंता सताने लगती है। बहुत से लोग तो ऐसे हैं कि कन्या के घर में आते ही उसके लिए बचत योजना अथवा किसी अन्य जगह पैसा निवेश कर देते हैं, ताकि उसके विवाह में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

हालांकि पहले की अपेक्षा अब लोगों की सोच में काफी बदलाव आया है वे कन्या के केवल विवाह के बारे में ही नहीं सोचते, उनके लिए उच्च शिक्षा पर भी विचार करते हैं। लोगों की इसी आवश्यकता को ध्यान रखते हुए भारत की केंद्र सरकार ने सन् 2015 में सुकन्या समृद्धि योजना का आरंभ किया था।

आज इस पोस्ट में हम आपको इसी सुकन्या समृद्धि योजना से संबंधित नियमों के विषय में जानकारी देंगे। उम्मीद करते हैं कि यह पोस्ट आपको पसंद आएगी-

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सुकन्या समृद्धि योजना क्या है?

सबसे पहले हम जान लेते हैं कि सुकन्या समृद्धि योजना (sukanya samriddhi Yojana) अर्थात SSY क्या है? बालिकाओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इस योजना को 22 जनवरी, 2015 को शुरू किया था। इसका उद्देश्य बालिका के माता-पिता को उसके भविष्य की शिक्षा एवं विवाह के खर्चों से निपटने के लिए एक कोष बनाने को प्रेरित करना था।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत इस योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) ने हरियाणा (haryana) के पानीपत (panipat) से किया था। इस योजना के अंतर्गत 10 वर्ष की आयु होने से पूर्व बालिका का खाता खोला जाता है। यह न्यूनतम 250 रूपये से खोला जाता है।

शुरूआत में यह राशि एक हजार रूपये निर्धारित की गई थी, जिसे 2018 में कम कर दिया गया। इसमें अधिकतम राशि डेढ़ लाख रूपये तक जमा की जा सकती है। 15 वर्ष तक खाते में राशि जमा करने की बाध्यता होती है।

इसके पश्चात 21 वर्ष तक यह बिना कोई राशि जमा किए चलता है। इस खाते की मैच्योरिटी अवधि 21 वर्ष निर्धारित की गई है। वर्तमान में इस खाते की जमा पर ब्याज दर 7.6 प्रतिशत वार्षिक प्रदान की जा रही है।

सुकन्या समृद्धि योजना के नियम - 2024 Rules Of Sukanya Samriddhi Yojana

शुरूआती दो महीने में ही खुल गए पौने दो लाख खाते

जिस समय इस योजना का शुभारंभ हुआ, इस योजना को हाथों हाथ लिया गया। सुकन्या समृद्धि योजना (sukanya samriddhi Yojana) के शुरूआती दो महीने में ही 1,80,000 खाते खोल दिए गए।

तमिलनाडु (tamilnadu), कर्नाटक (Karnataka) एवं आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) खाते खोले जाने के मामले में टाॅप पर थे। 2015 के अक्तूबर महीने तक देश भर में खुले खातों की संख्या 76,19,668 पर पहुंच चुकी थी। कुल 28 38 बिलियन की राशि उन खातों में जमा हो चुकी थी।

सुकन्या समृद्धि योजना के नियम इस प्रकार से है

सुकन्या समृद्धि खाते को शुरूआत में न्यूनतम 1,000 रूपये की राशि से खुलवाया जा सकता था। इस नियम को 2018 में बदल दिया गया। अब यह खाता मात्र 250 रूपये की न्यूनतम राशि से भी खुलवाया जा सकता है। वर्तमान में सुकन्या समृद्धि योजना के नियम निम्नवत हैं-

  • सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत बालिका के जन्म लेने के पश्चात एवं उसके 10 वर्ष की आयु पूर्ण करने से पूर्व कभी भी एकाउंट खुलवाया जा सकता है।
  • केवल बालिका के माता-पिता अथवा उसके कानूनी अभिभावक ही उसका सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकते हैं।
  • देश का कोई भी व्यक्ति अपनी दो बालिकाओं के लिए सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकता है। लेकिन यदि कोई बालिका जुड़वां अथवा ट्रिपलेट से पहले पैदा हुई हो अथवा तीन बच्चियां पहले पैदा हुई हों, ऐसे में एक तीसरा एकाउंट भी खुलवाया जा सकता है।
  • सुकन्या समृद्धि खाता किसी भी पोस्ट आफिस अथवा बैंकों की काॅमर्शियल शाखाओं से खुलवाया जा सकता है।
  • यह खाता न्यूनतम 250 रूपये की राशि के साथ खोला जा सकता है।
  • सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक वार्षिक जमा किए जा सकते हैं।
  • सुकन्या समृद्धि खाते की परिपक्वता अवधि 21 वर्ष है। इसका अर्थ यह है कि इस अवधि के पूर्ण होने से पूर्व इस खाते से राशि नहीं निकाली जा सकती। (कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर)।
  • इस खाते में जमा राशि को इन्कम टैक्स एक्ट-1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स से छूट दी गई है।
  • यदि बालिका 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर लेती है तो पोस्ट आफिस अथवा बैंक में आवश्यक केवाईसी कराने के पश्चात वह स्वयं इस खाते का संचालन कर सकती है।
  • सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खोले गए खाते को बालिका के माता-पिता अथवा उसके अभिभावक के देश में कहीं भी ट्रांसफर होने पर आसानी से संबंधित स्थान पर ट्रांसफर किया जा सकता है।
  • यदि किसी व्यक्ति ने अपनी बालिका के 7 वर्ष पूरे होने के पश्चात यह खाता खुलवाया है तो उसे मैच्योरिटी से पहले पैसा निकासी की सुधिा नहीं मिलेगी।

सुकन्या समृद्धि खाता कैसे खोला जा सकता है?

सुकन्या समृद्धि खाता खोलने की प्रक्रिया बेहद आसान है। इसके लिए आवेदक को निम्न कदम उठाने होंगे-

  • सबसे पहले आवेदक को सुकन्या समृद्धि योजना का फाॅर्म भरना होगा। वह किसी भी पोस्ट आफिस, सरकारी, निजी बैंक से यह फाॅर्म ले सकता है। वह चाहे तो इसे आनलाइन बैंक अथवा संबंधित पोस्ट आफिस की वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकता है।
  • फाॅर्म में उसे निम्न जानकारी भरनी होगी-
  • बालिका का नाम।
  • मां-बाप, कानूनी अभिभावक का नाम।
  • बालिका की जन्म तिथि एवं जन्म प्रमाण पत्र की डिटेल्स।
  • डिपाजिट की जाने वाली राशि।
  • चेक/डिमांड ड्राफ्ट नंबर एवं तिथि।
  • अभिभावक की पहचान पत्र की डिटेल्स-जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड आदि।
  • पैन, वोटर आईडी कार्ड आदि की केवाईसी डिटेल्स।
  • मोबाइल नंबर
  • वर्तमान एवं स्थाई पता।
  • फाॅर्म के साथ निर्धारित केवाईसी दस्तावेज जैसे-आधार कार्ड, पासपोर्ट आदि की फोटोकापी लगानी होगी।
  • निर्धारित राशि का चेक/ड्राफ्ट साथ में संलग्न करना होगा।
  • फार्म पर साइन करके आवश्यक दस्तावेजों के साथ इसे बैंक अथवा पोस्ट आफिस में जमा कर देना होगा।
  • वेरिफिकेशन के पश्चात सुकन्या समृद्धि खाता खोल दिया जाएगा।

न्यूनतम राशि जमा न होने पर भी खाता बंद नहीं होता

आम तौर पर बैंक खातों में न्यूनतम राशि जमा न होने पर खाते पर जुर्माना लगता है अथवा उसे बंद कर दिया जाता है। लेकिन सुकन्या समृद्धि योजना की खास बात यह है कि इन खातों के साथ ऐसा नहीं होता। यदि किसी वर्ष खाते में कोई सालाना 250 रूपये न्यूनतम भी जमा नहीं कर पाता तो भी सरकार इन खातों को बंद नहीं करती।

वह इन्हें डिफाॅल्ट एकाउंट घोषित कर देती है। जब तक खाता मैच्योर नहीं हो जाता, उसमें निर्धारित ब्याज पहुंचता रहता है। यदि कोई इस खाते को रिवाइव कराना चाहता है तो वह खाता खुलने से लेकर 15 साल की अवधि पूरी होने के बीच इसे रिवाइव करा सकता है।

इसके लिए न्यूनतम 250 रूपये के साथ ही आवेदक को प्रत्येक डिफाॅल्ट वर्ष के लिए 50 रूपये जमा करने होते हैं। बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जो निर्धारित समय पर पैसा जमा नहीं कर पाते, एवं इस खाते को बाद में रिवाइव कराते हैं।

किन परिस्थितियों में मैच्योरिटी से पूर्व पैसे निकाले जा सकते हैं-

हमने इस पोस्ट में अभी अभी आपको बताया है कि खाता 21 वर्ष के लिए खोला जाता है। बालिका यदि 18 वर्ष पूरे कर लेती है तो वह इस एकाउंट को स्वयं संचालित कर सकती है।

खाते की मैच्योरिटी अवधि पूरी होने के पश्चात पूरे पैसे एवं ब्याज पर उसी का हक होता है। किंतु कुछ ऐसी परिस्थितियां भी होती हैं, जिनमें इस खाते से मैच्योरिटी से पूर्व भी पैसे निकाले जा सकते हैं। ये परिस्थितियां निम्नवत हैं-

बालिका के 18 वर्ष पूर्ण होने पर के विवाह के लिए-

जिस बालिका के नाम सुकन्या समृद्धि एकाउंट खोला गया है, यदि 18 वर्ष की उम्र पूरी कर लेती है तो उसके विवाह के लिए एकाउंट में मौजूद राशि का 50 प्रतिशत हिस्सा निकाला जा सकता है। यहां यह बात ध्यान रखनी होगी कि यह 50 प्रतिशत हिस्सा पिछले वित्तीय वर्ष के शेश का हो।

इसके अतिरिक्त इस कंडीशन में पैसा निकालने की एक और शर्त है और वो ये कि लड़की के विवाह के एक माह पूर्व से लेकर शादी के तीन माह पश्चात तक ही केवल इस खाते से पैसा निकाला जा सकता है।

इसके अतिरिक्त किसी अन्य अवधि में पैसा निकालने की इजाजत नहीं होगी। इस कार्य के लिए पैसा लेने के लिए संबंधित अभिभावक को इस बात का प्रमाण भी देना होगा कि लड़की की आयु विवाह के रोज 18 वर्ष से कम नहीं है।

बालिका को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए-

यदि बालिका उच्च शिक्षा लेने की इच्छुक है तो इस खाते से 50 प्रतिशत राशि निकाले जाने की सुविधा मिलेगी। इसके लिए भी अभिभावकों को संबंधित प्रूफ देने होंगे। जैसे लड़की ने जिस संस्थान में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश लिया है, वहां की फीस की रसीद अथवा अन्य कोई सुबूत दिखाना होगा।

इस मामले में भी बालिका की आयु 18 वर्ष पूरी होने की बाध्यता है। यह 50 प्रतिशत राशि भी पिछले वित्तीय वर्ष में खाते में मौजूद बैलेंस से ही दी जाएगी। शर्त यह है कि बालिका की उच्च शिक्षा के लिए पैसा एक साल में एक ही बार मिलेगा। इसे कोई भी अभिभावक एकमुश्त अथवा अधिकतम पांच साल तक की किश्तों में प्राप्त कर सकता है।

किन स्थितियों में खाता बीच में ही बंद किया जा सकता है

कई बार ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं कि सुकन्या समृद्धि खाते को बीच में ही बंद करने की नौबत आ जाती है। ये परिस्थितियां निम्नवत हैं-

  • यदि सुकन्या समृद्धि खाताधारक बालिका की आकस्मिक मृत्यु हो जाए। ऐसी स्थिति में खाते का पैसा एवं ब्याज संबंधित बालिका के मां-बाप के सुपुर्द हो जाएगा। वही इस खाते के नाॅमिनी होते हैं। पैसे के लिए बालिका का मृत्यु प्रमाण पत्र अर्थात डेथ सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना होगा।
  • यदि कन्या के मां-बाप की मृत्यु हो जाए। इस स्थिति में भी सुकन्या समृद्धि खाता बीच में ही बंद किया जा सकता है। इसके लिए मां-बाप का मृत्यु प्रमाण पत्र पेश करना होगा। लेकिन इसके लिए शर्त यह है कि खाता खुले पांच वर्ष हो गए हों।
  • यदि बालिका को कोई गंभीर अथवा जानलेवा बीमारी हो। ऐसी स्थिति में उसकी बीमारी संबंधी प्रमाण पेश कर इस खाते को बंद किया जा सकेगा। लेकिन शर्त यह है कि खाता खुले पांच वर्ष हो गए हों।

सुकन्या समृद्धि एकाउंट मैच्योर होने पर पैसा कैसे निकालें?

सुकन्या समृद्धि एकाउंट मैच्योर होने पर बारी पैसा निकालने की आती है। इसकी एक बेहद आसान सी प्रक्रिया निर्धारित की गई है। पैसा निकालने के लिए संबंधित व्यक्ति को मनी विद्ड्राल रिक्वेस्ट फाॅर्म के साथ अपनी पहचान एवं नागरिकता के सुबूत के तौर पर कुछ दस्तावेज लगाने होंगे। जैसे-

आवेदक का आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट आदि। आवेदन के सप्ताह भर के भीतर पैसा प्रोसेस कर दिया जााता है। यदि आप खाते के 21 वर्ष पूरे हो जाने अर्थात उसकी मैच्योरिटी अवधि पूरी होने के बाद भी पैसा नहीं निकालते तो उस पर कोई ब्याज नहीं जुड़ता। अच्छा यही रहता है कि संबंधित व्यक्ति खाता मैच्योर होते ही उसमें जमा राशि निकाल ले।

सुकन्या समृद्धि खाते पर लोन की सुविधा नहीं

बहुत से लोगों को यह भ्रम होता है कि वह सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत खाता खुलवाकर उस पर लोन सुविधा का लाभ ले सकते हैं। लेकिन आपको स्पष्ट कर दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं है।

यह एक बचत योजना है इस पर किसी प्रकार के लोन की सुविधा नहीं है। लोन के लिए आप बैंकों की अन्य योजनाओं में पैसा निवेश कर सकते हैं।

देश के 25 से अधिक बैंकों में खाता खुलवाने की सुविधा

देश भर में लोगों की आवश्यकताओं को देखते हुए 25 से अधिक बैंकों में सुकन्या समृद्धि खाता खोलने की सुविधा प्रदान की गई है। यहां इन खातों की पासबुक को अपडेट भी कराया जा सकता है। योजना के लाभ को देखते हुए लोगों ने बड़ी संख्या में अपनी बालिकाओं के लिए सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाया है।

यह हमने आपको पोस्ट में बताया ही है कि कोई भी व्यक्ति अपनी दो बेटियों के लिए खाता खुलवा सकता है। यदि उसकी जुड़वां बच्चियां हैं तो वह तीन खाते खुलवा सकता है।

आनलाइन ट्रांजेक्शन संभव नहीं, लेकिन बैलेंस चेक कर सकते हैं

बेशक इस खाते में कोई आनलाइन ट्रांजेक्शन संभव नहीं, लेकिन बहुत से बैंकों ने इस खाते का बैलेंस आनलाइन चेक करने की सुविधा दी है। यदि आफलाइन की बात करें तो कोई व्यक्ति चाहे तो अपने पोस्ट आफिस अथवा बैंक जाकर पासबुक अपडेट कराकर आफलाइन इस खाते का बैलेंस जांच सकता है।

अथवा वह करेंट बैंक स्टेटमेंट लेकर इस खाते का शेष जांच सकता है। यदि कोई व्यक्ति इस खाते का बैलेंस आनलाइन चेक करना चाहता है तो वह अपने खाते को ऐसे बैंक में शिफ्ट भी करा सकता है, जहां ऐसी सुविधा दी जा रही है।

सुकन्या समृद्धि योजना कब प्रारंभ हुई?

सुकन्या समृद्धि योजना 22 जनवरी, सन् 2015 में प्रारंभ हुई।

सुकन्या समृद्धि खाते की मैच्योरिटी अवधि क्या है?

सुकन्या समृद्धि खाता की मैच्योरिटी अवधि 21 वर्ष है।

इस खाते को कौन खुलवा सकता है?

इस खाते को किसी भी बच्ची के मां-बाप अथवा उसके कानूनी अभिभावक खुलवा सकते हैं।

सुकन्या समृद्धि खाता कब खोला जा सकता है?

बालिका के 10 वर्ष की आयु पूर्ण होने से पहले तक यह खाता खोला जा सकता है।

सुकन्या समृद्धि खाता कितनी राशि से खोला जा सकता है?

सुकन्या समृद्धि खाता न्यूनतम 250 रूपये से खोला जा सकता है।

बालिका इस खाते का संचालन कब कर सकती है?

बालिका 18 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात इस खाते का संचालन कर सकती है।

सुकन्या समृद्धि खाते में कितने वर्ष तक पैसे जमा करना आवश्यक होता है?

सुकन्या समृद्धि खाते में 15 वर्ष तक पैसा जमा करना आवश्यक होता है।

इस खाते में अधिकतम कितनी राशि जमा की जा सकती है?

इस खाते में अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक की राशि जमा की जा सकती है।

क्या मैच्योरिटी से पूर्व इस खाते से पैसा निकाला जा सकता है?

जी हां, विशेष परिस्थितयों जैसे कन्या के विवाह एवं उच्च शिक्षा के लिए इस खाते से मैच्योरिटी से पूर्व पैसा निकाला जा सकता है

वर्तमान में सुकन्या समृद्धि खाते में जमा पैसे पर ब्याज दर क्या है?

वर्तमान में इस खाते में जमा पैसे पर ब्याज दर 7.6 प्रतिशत है।

क्या सुकन्या समृद्धि खाते से मैच्योरिटी से पूर्व भी पैसे निकाले जा सकते हैं?

जी हां, ऐसी कई परिस्थितियां हैं, जिनमें मैच्योरिटी से पूर्व भी पैसे निकाले जा सकते हैं। इनका विस्तृत ब्योरा हमने ऊपर पोस्ट में दिया है।

क्या किसी वर्ष न्यूनतम राशि जमा न करने पर खाता बंद हो जाता है?

जी नहीं, इस खाते को डिफाॅल्ट अकाउंट घोषित कर दिया जाता है।

क्या डिफाॅल्ट खाते को रिवाइव कराया जा सकता है?

जी हां, खाते की अवधि 15 वर्ष होने से पूर्व इसे रिवाइव कराया जा सकता है।

यदि किसी खाताधारक बालिका की मृत्यु हो जाए तो ऐसी स्थिति में पैसा किसे मिलेगा?

यदि किसी खाताधारक बालिका की मृत्यु हो जाए तो ऐसी स्थिति में पैसा उसके माता-पिता अथवा कानूनी अभिभावक को मिलेगा।

यदि बालिका के मां-बाप की मृत्यु हो जाए तो खाता कौन चलाएगा?

ऐसी स्थिति में इस सुकन्या समृद्धि खाते को बंद कर दिया जाएगा।

यदि खातेदार बालिका किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो तो क्या होगा?

ऐसी स्थिति में संबंधित खाते को बंद किया जा सकता है।

हमने आपको इस पोस्ट में सुकन्या समृद्धि योजना के नियम – 2024 | Rules Of Sukanya Samriddhi Yojana खाते से पैसे निकालने के नियमों के बारे में विस्तार से बताया। यदि आप भी अपनी बालिका के लिए यह खाता खुलवाना चाहते हैं तो कतई देर न करें। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आई होगी। हम चाहेंगे कि लोगाें को जागरूक करने के उद्देश्य से आप इस पोस्ट को अधिक से अधिक लोगों को शेयर करें। धन्यवाद।

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मृदुला वर्मा
मृदुला वर्मा
मृदुला हिंदी में स्नातकोत्तर हैं। उसके पास बीएड की डिग्री भी है। वह अध्यापन के पेशे में हैं और जब शैक्षिक विषयों की बात आती है तो उन्हें लिखना अच्छा लगता है। वह वंचितों के लिए शिक्षा की प्रबल समर्थक और सभी के लिए शिक्षा की हिमायती हैं। उनकी रुचि में समाजसेवा, लेखन और लोगों से बात कर उनकी समस्याओं को जानना शामिल था ताकि वे उन्हें हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।
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