|| भारत में संविधान सभा का पहला अधिवेशन कब हुआ? | Samvidhan sabha ka pratham adhiveshan kab hua | संविधान सभा का पहला अधिवेशन कहाँ हुआ था? | संविधान सभा के पहले अधिवेशन का अध्यक्ष कौन था? | संविधान सभा की पहली बैठक कहां हुई थी? | संविधान सभा के पहले अधिवेशन में क्या हुआ था? ||
Samvidhan sabha ka pratham adhiveshan kab hua :- भारत देश को 15 अगस्त 1947 में स्वतंत्रता मिली थी। हमारे देश ने लगभग 800 वर्षों की गुलामी व भीषण अत्याचार के बाद स्वतंत्रता देखी थी। देश के आखिरी राजा पृथ्वीराज चौहान थे लेकिन दुष्ट आक्रांता मोहम्मद गौरी के द्वारा छल किये जाने और देशद्रोही व कलंक जयचंद के द्वारा उसका साथ दिए जाने के कारण हमारा देश विदेशी आक्रांताओं के अधीन हो गया। उसके बाद समय-समय पर कई विदेशी ताकतों ने हमारे ऊपर राज किया और देश का सर्वनाश कर (Samvidhan sabha ka pahla adhiveshan kab hua) दिया।
अंत में हमारे देश के ऊपर शासन करने वाले अंग्रेज थे जो इंग्लैंड से आये थे। उन्होंने हमारे देश में मार काट तो कम मचाई थी लेकिन देश को लूटने में कोई कमी नहीं छोड़ी थी। इसके बाद अन्तंतः स्वतंत्रता सेनानियों के अथक प्रयास के पश्चात देश को स्वतंत्र करने की नींव रखी जा रही थी। इसी के फलस्वरूप भारत में संविधान सभा का गठन किया गया था ताकि देश की नीति निर्धारित की जा (Samvidhan sabha ka pahla adhiveshan kahan hua tha) सके।
यह संविधान सभा देश के स्वतंत्र होने से पहले ही गठित कर दी गयी थी और उसके सदस्य भी चुन लिए गए थे। इतना ही नहीं देश के स्वतंत्र होने से पहले ही इस संविधान सभा का अधिवेशन भी हो गया था ताकि नीतियों पर चर्चा की जा सके और उस पर एक प्रारूप तैयार किया जा सके। आज हम संविधान सभा का पहला अधिवेशन कब हुआ था और इसके अलावा उससे जुड़ी और क्या क्या जानकारियां है, इसके बारे में आपको (Samvidhan sabha ka pahla adhiveshan kab hua tha in Hindi) बताएँगे।
भारत में संविधान सभा का पहला अधिवेशन कब हुआ? (Samvidhan sabha ka pratham adhiveshan kab hua)
भारत देश को आजाद करने की नींव रखी जा रही थी और उसका अधिकार भारत की एकमात्र राजनीतिक पार्टी कांग्रेस को दिया जा रहा था। कांग्रेस के सदस्यों को ही देश का सांसद बनाया गया था जिसे संविधान सभा का प्रतिनिधि भी कहा जा सकता है। एक तरह से इस संविधान सभा का गठन जुलाई 1946 में ही हो गया था। उसके बाद इसका प्रथम अधिवेशन करने का निर्णय लिया (Bhartiya samvidhan sabha ka pahla adhiveshan kab hua) गया।
तो जुलाई 1946 में संविधान सभा का गठन होने के बाद इसमें सभी सदस्य निर्धारित कर लिए गए या यूँ कहें कि आपस में ही चुन लिए गए। शुरुआत में इसमें 389 सदस्य निर्धारित किये गए थे। अब इन 389 सदस्यों में से 296 सदस्य ब्रिटिश प्रान्त के लिए गए थे जबकि 93 देशी प्रांतों के। अब इसके बाद जो 296 पद ब्रिटिश प्रांतों के लिए रखे गए थे, उनके लिए संविधान सभा के अंदर ही चुनाव संपन्न करवाए गए।
इस चुनाव में कांग्रेस के 208 व देशद्रोही मुस्लिम लीग के 73 तथा अन्य स्वतंत्र दलों के 15 उमीदवार चयनित किये गए। यह चुनाव किये जाने के बाद दिसंबर में संविधान सभा का प्रथम अधिवेशन करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए 9 दिसंबर 1946 की तिथि को अंतिम रूप दिया गया और तब संविधान सभा का पहला अधिवेशन संपन्न हुआ। इस तरह से भारत में संविधान सभा का पहला अधिवेशन 9 दिसंबर 1946 को हुआ था।
संविधान सभा का पहला अधिवेशन कहाँ हुआ था? (Samvidhan sabha ka pahla adhiveshan kahan hua)
अब जब आपने यह जान लिया है कि भारत देश में संविधान सभा का पहला अधिवेशन किस दिन संपन्न हुआ था तो इसी के साथ साथ आपका यह जानना भी जरुरी हो जाता है कि यह अधिवेशन भारत में किस जगह पर हुआ था। तो यहाँ हम आपको बता दें कि संविधान सभा का पहला अधिवेशन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के काउंसिल चैम्बर के पुस्कालय भवन में संपन्न हुआ था।
यह पुस्कालय बहुत बड़ा था और इसमें इतने लोगों के बैठने की पर्याप्त जगह थी और साथ ही यहाँ सुरक्षा के भी पुख्ता इन्तेजाम थे। इसी कारण संविधान सभा के प्रथम अधिवेशन के लिए इसी जगह को चुना गया। इस बैठक में सभी सदस्य देशों ने भाग लिया था लेकिन देशद्रोही मुस्लिम लीग इससे अलग हो गयी थी और मजहब के नाम पर अलग देश की माँग करने लगी थी।
संविधान सभा के पहले अधिवेशन का अध्यक्ष कौन था? (Samvidhan sabha ke pahle adhyaksh)
जब 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा के पहले अधिवेशन की बैठक दिल्ली के काउंसिल चैम्बर के पुस्कालय भवन में रखी गयी तो उस सभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा को उसका अस्थायी अध्यक्ष चुना गया था। कहने का अर्थ यह हुआ कि उस समय तो सिन्हा जी ने उस संविधान सभा की प्रथम बैठक की अध्यक्षता की थी और अपना नाम इतिहास के पन्नो में अमर करवा लिया था लेकिन वह केवल दो दिनों के लिए ही इसके अध्यक्ष रहे थे।
यही कारण है कि सिन्हा जी को संविधान सभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, ना कि स्थायी अध्यक्ष। इसके बाद 11 दिसंबर 1946 को हुई संविधान सभा की दूसरी बैठक में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को इसका अध्यक्ष बना दिया गया जो देश के प्रथम राष्ट्रपति भी बने थे। तो इस तरह से भारत की संविधान सभा की प्रथम बैठक की अध्यक्षता का श्रेय सिन्हा जी को ही जाएगा।
संविधान सभा के पहले अधिवेशन में क्या हुआ था?
संविधान सभा का पहला अधिवेशन मुस्लिम लीग के कारण हंगामे की भेंट चढ़ गया था। मुस्लिम लीग ने देशद्रोह दिखाते हुए भारत माँ के टुकड़े करने की ठान ली और उसके तहत देश को अत्यंत दुखदायी विभाजन देखना पड़ा। जो भारत वर्ष पिछली कई सदियों से अपने टुकड़े होते हुए देख रहा था जिसमे अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका, तिब्बत इत्यादि देश उससे पहले ही अलग हो गए थे, अब वह फिर से उसी त्रासदी को देखने वाला था।
मुस्लिम लीग ने संविधान सभा के पहले अधिवेशन का बहिष्कार कर दिया और पाकिस्तान के रूप में अलग देश व अलग संविधान की माँग कर डाली। इसी के साथ ही हैदराबाद प्रान्त के किसी भी प्रतिनिधि ने इस संविधान सभा की बैठक में हिस्सा नहीं लिया और इससे पूर्णतया खुद को अलग कर लिया। संविधान सभा के अंदर भी जितने सदस्य पहुंचे थे, वे भी इस बात को लेकर चिंतित थे कि आगे क्या किया जाए और क्या नहीं।
हालाँकि इस बैठक में आगे के सदस्यों के लिए चुनाव किया जाना, आरक्षण दिया जाना, विभिन्न वार्ताओं का क्रियान्वयन होना, बैठकों के अगले निर्णय इत्यादि का काम किया गया। इस तरह से संविधान सभा की आगे की रूपरेखा तैयार की गयी ताकि यह चलती रहे।
संविधान सभा की कार्यवाही कब शुरू हुई? (Samvidhan sabha ki karyvahi prarambh hui thi)
वैसे तो संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसंबर को ही हो गयी थी लेकिन उसकी कार्यवाही 13 दिसंबर को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बनने वाले जवाहर लाल नेहरु के उद्देश्य प्रस्ताव से शुरू हुई थी। संविधान सभा की 13 दिसंबर 1946 को हुई बैठक में नेहरु ने उद्देश्य प्रस्ताव रखा था और उसके बाद इस संविधान सभा की औपचारिक कार्यवाही शुरू कर दी गयी थी।
इस कार्यवाही के बाद संविधान सभा में तरह तरह के निर्णय लिए गए, समितियां बनायी गयी, वार्ताएं शुरू कर दी गयी, पाकिस्तान को लेकर ब्रिटिश सरकार से बातचीत शुरू हुई। हालाँकि इस संविधान सभा पर मुस्लिम लीग का दबाव हर दिन के साथ बढ़ता ही जा रहा था और वे अपने लिए अलग देश व अलग संविधान सभा की माँग कर रहे थे।
संविधान सभा का पुनर्गठन कब हुआ? (Samvidhan sabha ka punargathan)
26 जुलाई 1947 जो कि भारतीय इतिहास का काला दिन है, उस दिन भारत में मौजूद ब्रिटिश सरकार के गवर्नर जनरल ने भारत के दो टुकड़े करने की घोषणा कर दी और पाकिस्तान के लिए अलग संविधान सभा का गठन करने को कह दिया। इसके बाद देश में जगह जगह त्राहिमाम मच गया लेकिन आखिरकार मजहब के नाम पर देश के दो टुकड़े हो गए। अब 15 अगस्त 1947 को भारत देश को स्वतंत्रता मिल गयी और उसके कुछ समय के बाद संविधान सभा का पुनर्गठन हुआ।
देश के विभाजन के बाद संविधान सभा का पुनर्गठन 31 अक्टूबर 1947 को किया गया। अब इसमें सदस्यों की संख्या घटकर 299 रह गयी थी। इसके बाद भारत के संविधान को बनाने का काम जारी रखा गया और उसके लिए अलग अलग लोगों को अलग अलग काम दिया गया।
संविधान का निर्माण कितने दिन में हुआ? (Samvidhan ka nirman kitne dinon mein hua)
आपको यह भी जानना चाहिए कि जिस संविधान के निर्माण के लिए संविधान सभा का गठन किया गया था, उस संविधान को बनाने में कुल कितना समय लगा था। तो भारत के संविधान का निर्माण करने के लिए संविधान सभा की बैठक को 114 बार आयोजित किया गया था जिसमे सदस्य आपस में बातचीत व बहस करके इसमें परिवर्तन करते (Samvidhan ka nirman kitne din mein hua tha) रहे। इसमें कई तरह के अनुच्छेद, धाराएँ, श्रेणियां इत्यादि जोड़ी गयी और संविधान का निर्माण होता चला गया।
कुल मिलाकर 2 वर्ष, 11 महीने व 18 दिन के अथक प्रयास के बाद संविधान को अंतिम रूप दे दिया गया। इसके लिए अंतिम बैठक 24 जनवरी 1950 को हुई थी और उस बैठक के बाद ही डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को भारत का राष्ट्रपति चुना गया था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान को पूरे देश में लागू कर दिया गया और उसी दिन हम सभी गणतंत्र दिवस मनाते (Samvidhan ka nirman kitne samay mein hua) हैं।
भारत में संविधान सभा का पहला अधिवेशन कब हुआ – Related FAQs
प्रश्न: संविधान सभा में प्रथम अधिवेशन कब हुआ?
उत्तर: संविधान सभा में प्रथम अधिवेशन 9 दिसंबर 1946 को हुआ था।
प्रश्न: संविधान सभा का प्रथम अधिवेशन किसकी अध्यक्षता में हुआ?
उत्तर: संविधान सभा का प्रथम अधिवेशन डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा की अध्यक्षता में हुआ था।
प्रश्न: संविधान सभा की पहली बैठक कहां हुई थी?
उत्तर: संविधान सभा की पहली बैठक दिल्ली के काउंसिल चैम्बर के पुस्कालय भवन में हुई थी।
प्रश्न: संविधान दिवस कब मनाया जाता है और क्यों?
उत्तर: संविधान दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया जाता है जिसे गणतंत्र दिवस के नाम से जानते हैं।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि संविधान सभा का प्रथम अधिवेशन कब और कहां हुआ था, उस अधिवेशन का अध्यक्ष कौन था और उस अधिवेशन में क्या हुआ था। साथ ही हमने आपको बताया कि संविधान सभा का गठन कब हुआ था और वह कितने दिनों में बना था। आशा है कि जो जानकारी लेने आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी।