|| संचार कौशल को अंग्रेजी में क्या कहते हैं? | Sanchar kaushal in Hindi | Sanchar kaushal ke bare mein vyakhya kijiye | Gair maukhik sanchar kya hota hai | Drishya sanchar kise kahate hain | संचार कौशल के लिए क्या जरुरी है? | कम्युनिकेशन स्किल कितने प्रकार के होते हैं? ||
Sanchar kaushal kya hai :- अब जब दो लोग एक दूसरे से बात करते हैं तो उसे संवाद करना कहा जाता है। अब यदि किसी व्यक्ति के द्वारा प्रभावी ढंग से अपनी बात रखी जाए या उसे कहा जाए तो वह संचार कौशल की श्रेणी के अंतर्गत आता है। आज के समय में तो यह संचार कौशल बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है और इसके लिए स्कूल कॉलेज में अलग से कक्षाएं तक आयोजित की जाती है। यह इसलिए ताकि उनके यहाँ पढ़ रहे छात्र आगे बढ़ (Sanchar kaushal in Hindi) सकें।
कहने का अर्थ यह हुआ कि चाहे आप अपने क्षेत्र में अच्छे हो या आपको अपने विषय की अच्छी जानकारी हो लेकिन यदि आपके अंदर संचार कौशल की कमी है तो इसका अर्थ हुआ कि आप सही से अपने आप को व्यक्त ही नहीं कर पाएंगे। ऐसे में आपका काम कोई और कर देगा या उसे ले जाएगा और आप उससे मात खा जाएंगे। ऐसे में आपके अंदर संचार कौशल का सही होना बहुत ही ज्यादा जरुरी होता (Sanchar kaushal kise kahate hain) है।
आज के इस लेख में हम आपके साथ संचार कौशल के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। यहाँ आप यह भी जान लें कि संचार कौशल केवल बोलना ही नहीं होता है बल्कि इसे अन्य माध्यमो से भी व्यक्त किया जाता है जिनका जानना आपके लिए आवश्यक है। आज हम संचार कौशल क्या है और संचार कौशल का आपके जीवन में क्या कुछ महत्व होता है और उसके कौन कौन से प्रकार हो सकते हैं इत्यादि हर विषय के ऊपर बात करने वाले (Communication skills in Hindi) हैं।
संचार कौशल क्या है? (Sanchar kaushal kya hai)
सबसे पहले हम संचार कौशल के बारे में बात कर लेते हैं और संचार कौशल की परिभाषा के बारे में आपको ज्ञान दे देते हैं। तो संचार कौशल को अपने आपको व्यक्त करने की कला कहा जाता है जो आप किसी भी विषय पर अपनी बात रखने या अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए करते हैं। अब यह भावनाएं या अपनी बात आप बोलकर, लिखकर या कुछ दिखाकर किसी भी माध्यम से व्यक्त कर सकते हैं क्योंकि यह सभी का ही मिश्रित रूप होती (Sanchar kaushal ke bare mein bataiye) है।
बहुत से लोग संचार कौशल को केवल बोलने की कला से ही जोड़ लेते हैं जबकि यह सही नहीं है। हालाँकि बोलकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करना संचार कौशल का एक प्रकार माना जा सकता है जो उसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा भी है लेकिन इसके तहत अन्य हिस्से भी आते हैं जो आपको संचार कौशल के प्रकारों के अंतर्गत जानने को मिलेंगे। यहाँ तो आप बस संचार कौशल के बारे में ही जान लें अर्थात संचार कौशल कहते किसे हैं, इसके बारे में जान (Sanchar kaushal ke bare mein vyakhya kijiye) के।
तो संचार कौशल कुछ और नहीं, बल्कि किसी भी विषय, वस्तु, व्यक्ति, घटना, उपलब्धि इत्यादि पर किसी भी तरह से अपनी भावना, बात, जानकारी, प्रश्नों, उत्तरों इत्यादि को किसी भी माध्यम से व्यक्त करना फिर चाहे वह बोलकर हो, इशारों में हो या लिखकर या दिखाकर इत्यादि इसे ही संचार कौशल कहा जाता है। आशा है कि आपको संचार कौशल के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी तो ही गयी (What is communication skills in Hindi) होगी।
संचार कौशल को अंग्रेजी में क्या कहते हैं? (Sanchar kaushal in English)
अब हम बात करेंगे कि आखिरकार इस संचार कौशल को अंग्रेजी भाषा में क्या कहा जाता है। तो यह शब्द आपने बहुत बार सुन रखा होगा और आम बोलचाल की भाषा में आपने इसका उपयोग भी किया होगा। वह इसलिए क्योंकि वर्तमान समय में ज्यादातर व्यक्ति संचार कौशल शब्द की बजाये इसके अंग्रेजी शब्द को प्राथमिकता देने लगे हैं। ऐसे में आज हम आपको बता दें कि संचार कौशल को इंग्लिश में कम्युनिकेशन स्किल्स के नाम से जाना जाता (Sanchar kaushal ko English mein kya kehte hain) है।
अब जैसे ही आपने इस कम्युनिकेशन स्किल्स शब्द का नाम सुना होगा तो आपको संचार कौशल के बारे में बहुत सी जानकारी हो गयी होगी लेकिन फिर भी आपकी जानकारी अधूरी है। वह इसलिए क्योंकि आपमें से अधिकतर लोगों को ना तो संचार कौशल के सही प्रकार पता होते हैं और ना ही आपको इसका महत्व या लाभ पता होते हैं। इसलिए ही हम आपको यह सब जानकारी देने के लिए यह लेख लिख रहे (Communication skills kya hoti hai) हैं।
संचार कौशल के प्रकार (Sanchar kaushal ke prakar)
जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि केवल बोलने की कला को ही संचार कौशल नहीं माना जा सकता है लेकिन यह संचार कौशल का एक महत्वपूर्ण प्रकार है। ऐसे में संचार कौशल के कौन कौन से प्रकार हो सकते हैं और वह कैसे एक दूसरे से भिन्न है, यह बहुत ही जरुरी प्रश्न हो जाता (Sanchar kaushal ke prakar bataiye) है। आज हम आपको संचार कौशल के विभिन्न प्रकारों के बारे में ही संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
मौखिक संचार (Maukhik sanchar kya hai)
यह संचार कौशल का सबसे महत्वपूर्ण व अभिन्न अंग है जो हम आपको बताने जा रहे हैं। अब आपको किस तरह की भाषा आती है, आपकी उसमे व्याकरण कैसी है, शब्दों पर पकड़ कैसी है, आप बोलते समय किस तरह की वाणी का उपयोग करते हैं, किस स्वर में बोलते हैं, किन शब्दों पर ज्यादा जोर देते हो और बात को किस तरह से खत्म करते हो इत्यादि कई चीजें आती है। एक तरह से व्यक्ति के द्वारा किस तरह से अपने आप को व्यक्त किया जा रहा है और वह भी बोलकर, वह सब कुछ संचार कौशल के मौखिक संचार वाले भाग में आता (Communication skills types in Hindi) है।
अब इसमें केवल बात करना ही नहीं होता है बल्कि बोलना होता है। बात करने में तो आप किसी दूसरे व्यक्ति से या एक से अधिक व्यक्तियों के साथ बातचीत कर रहे होते हैं जबकि बोलने में बहुत सी चीज़ें आ जाती है। उदाहरण के तौर पर भाषण देना, पढ़ाना, प्रेजेंटेशन देना इत्यादि भी मौखिक संचार में ही आता है। एक तरह से किसी व्यक्ति के द्वारा किसी भी चीज़ पर बोला जाना मौखिक संचार का ही एक रूप होता (Maukhik sanchar ka kya aashay hai) है।
गैर मौखिक संचार (Gair maukhik sanchar kya hota hai)
अब यह जरुरी तो नहीं है कि हर चीज़ को बोलकर ही समझाया जाए। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप किसी अन्य तरीके से और वो भी बिना बोले, दूसरों को अपनी बात समझा सकते हैं लेकिन कैसे। तो उस चीज़ का नाम है इशारा करना। अब आप सोच रहे होंगे कि यह इशारे तो कुछ भी हो सकते हैं और हर किसी के लिए अलग अलग हो सकते हैं तो आपका कहना एकदम सही (Gair maukhik sanchar ki paribhasha) है।
किसी भी व्यक्ति के द्वारा अपने जानने वाले या अनजान व्यक्ति को भी इशारों में किसी बात को समझा देना, कह देना या समझ लेना, गैर मौखिक संचार का हिस्सा होता है। अब यह संचार कौशल आप नज़रों से कर सकते हैं, हाथों से कर सकते हैं, चेहरे के हावभाव को बदल कर सकते हैं या शरीर के किसी अन्य अंग के माध्यम से भी किया जा सकता है इत्यादि।
दृश्य संचार (Drishya sanchar kise kahate hain)
वो कहते हैं ना कि जो दिखता है वही बिकता है तो वही चीज़ संचार कौशल के इस दृश्य संचार के अंतर्गत आती है। आज के समय में लगभग हर कंपनी या व्यापार अपने बनाये उत्पादों या सेवाओं का प्रचार प्रसार करने के लिए इसी दृश्य संचार पर ही काम कर रही है। तभी आपको सोशल मीडिया, इंटरनेट, समाचार पत्र, सड़क पर लगे होअर्डिंग इत्यादि में कंपनी के प्रोडक्ट्स व सर्विसेज के विज्ञापन दिखते होंगे और आप उन्हें देखकर प्रभावित भी होते होंगे।
तो यह सब दृश्य संचार का ही तो एक हिस्सा होते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि चित्रों, वीडियो, चार्ट इत्यादि के माध्यम से आपको जो दिखाया जा रहा है या जो भी बताया जा रहा है, वह सब दृश्य संचार का ही एक भाग होता है। आज के समय में इस तरह के संचार कौशल का उपयोग प्रोमोशन करने के लिए प्रमुखता के साथ किया जाता है।
लिखित संचार (Likhit sanchar kya hota hai)
अब बोलने की बात हो गयी, इशारों की बात हो गयी और यहाँ तक कि चित्रों और वीडियो की भी बात हो गयी लेकिन वह एक चीज़ जो सदियों से संचार कौशल का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा रही है, वह रह गयी और वह है लेखन। अब बोली हुई बात तो बोलते ही समाप्त हो गयी और इशारे तो बिना देखे ही निष्प्रभावी हो गए और वहीं दृश्य संचार तो बस तकनीक की देन है जबकि लिखित संचार इनसे बिल्कुल अलग है।
अब आप जो इस लेख में पढ़ रहे हैं वह भी तो लिखित संचार का ही एक भाग है। इस तरह से हम जो भी लिखते हैं, वह लिखित संचार का ही भाग होता है। अब वह पत्र भी हो सकते हैं, सोशल मीडिया पर कुछ लिखकर पोस्ट करना, स्टोरी लगाना, ईमेल करना, रिपोर्ट या असाइनमेंट बनाना इत्यादि सब लिखित संचार का ही एक भाग है। एक तरह से शब्दों को लिखना ही इस संचार कौशल का भाग हो जाता है।
संचार कौशल के लिए क्या जरुरी है?
अब यदि आपको अपना संचार कौशल अच्छा करना है तो उसके लिए कुछ चीज़ों पर काम करना बहुत जरुरी हो जाता है। अब बोल तो हर कोई पाता है लेकिन अपनी बात को प्रभावी ढंग से रखना और भी ज्यादा जरुरी होता है जो हर किसी के बस की बात नहीं होती है। ऐसे में संचार कौशल के लिए जिन जिन गुणों का होना जरुरी है, वह इस प्रकार हैं:
- बेहतर संचार कौशल के लिए जो चीज़ सबसे अधिक जरुरी है वह है सुनने की कला। अब यदि आप दूसरों को सुनेंगे ही नहीं तो आप कैसे यह सोच सकते हैं कि वे भी आपकी बातों को सुने। इसलिए बोलने से पहले अच्छे से सुनने का कौशल लाना होगा।
- किसी भी विषय के ऊपर गलत जानकारी ना दें या अधूरी जानकारी होने पर उस पर अपनी अंतिम राय देने से बचें क्योंकि इससे आपको लोग सुनना ही बंद कर देंगे। वहीं यदि आप किसी विषय पर पूरी जानकारी के साथ बोलते हैं तो यह ज्यादा सही रहता है।
- जब भी बात करें तो दूसरे व्यक्ति की आँखों में देखकर बात करें क्योंकि यह आपके अंदर आत्म विश्वास को जागृत करने और सामने वाले व्यक्ति को आप पर भरोसा दिलाने का कार्य करता है।
- अपनी बात को सिद्ध करने के लिए गलत बातों, तथ्यों इत्यादि को ना रखें। यदि आप किसी विषय में गलत हैं या गलत सिद्ध हो जाते हैं तो उस बात को मान लें और झुक जाएं। यह आपको छोटा नहीं बनाता है बल्कि आपके अंदर के बेहतर संचार कौशल को उजागर करता है।
- आमतौर पर उन व्यक्तियों का संचार कौशल अच्छा पाया जाता है जो अपने दिमाग को खुला रखते हैं। यहाँ कहने का अर्थ यह हुआ कि आप नयी चीज़ों, विषयों, विपरीत विचारधारा, तथ्यों, समाज, वस्तुओं इत्यादि के बारे में भी सुनने की आदत डालें।
- बहुत बार यह होता है कि हम जो सुनना चाहते हैं केवल वही सुनते हैं जबकि जो हमारी विचारधारा के विपरीत है, उसे सुनना ही नहीं चाहते हैं और यह गलत बात है। ऐसे में आपकी राय जो भी हो लेकिन आप सामने वाले व्यक्ति को सुने और उसके साथ तर्कसंगत बातचीत करें।
- चाहे आप बोल रहे हो या लिख रहे हो या कुछ और, उसके लिए आप जिस भी भाषा का उपयोग कर रहे हैं फिर चाहे वह हिंदी हो या गुजरती या मलयालम, आपको उस भाषा की व्याकरण का पूरा ज्ञान होना चाहिए।
संचार कौशल का महत्व (Sanchar kaushal ka mahatva)
अब हम बात करते हैं संचार कौशल के महत्व के बारे में जो इसका एक महत्वपूर्ण अंग है। बहुत से लोगों को लगता है कि हमें बस अपने विषय पर ज्ञान होना चाहिए और कम्युनिकेशन स्किल्स चाहे अच्छी हो या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि मान लीजिये कि आप सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं और आप अपने विषय में बहुत ही बुद्धिमान हैं लेकिन यदि आपका संचार कौशल ही अच्छा नहीं है तो फिर कोई भी कंपनी आपको लेने से (Sanchar kaushal ka mahatva bataiye) कतराएगी।
वह इसलिए क्योंकि केवल अपने विषय में ही एक्सपर्ट या विशेषज्ञ होना पर्याप्त नहीं होता है बल्कि उसके लिए आपके अंदर अच्छे संचार कौशल के गुण भी होने चाहिए। अब यदि वह कंपनी आपको नौकरी पर रख भी लेती है लेकिन फिर आप उसमे अपने सीनियर की बात को कैसे समझ पाएंगे, अपनी बात को कैसे रख पाएंगे, अपनी समस्या कैसे सुलझाएंगे, क्लाइंट से कैसे बात करेंगे इत्यादि। ऐसे में यह संचार कौशल बहुत ही ज्यादा महत्व रखता (Communication skills importance in Hindi) है।
- संचार कौशल का सबसे ज्यादा महत्व तो काम पाने या लेने में होता है। अब यदि आपको अच्छी नौकरी चाहिए और जल्दी से नौकरी चाहिए तो उसके लिए आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स का बेहतर होना बहुत ही ज्यादा जरुरी होता है।
- साथ ही इसका एक लाभ यह भी है कि मान लीजिये कि किसी कंपनी में एक ही पद पर जॉब है और उसके लिए 10 लोगों ने आवेदन किया है। अब उसमे से 3 लोग आपसे ज्यादा बुद्धिमान हैं लेकिन आप उन तीनो से संचार कौशल में बेहतर हैं तो इसकी बहुत संभावना है कि उस कंपनी के द्वारा आपको उस पद के लिए चुना जाए।
- केवल नौकरी लेने में ही नहीं अपितु नौकरी लगने के बाद उसमे तेज गति से उन्नति करने और आगे बढ़ने में भी संचार कौशल का अहम योगदान होता है।
- यदि आप व्यापार करते हैं तो बेहतर संचार कौशल के माध्यम से आप अपने ग्राहकों को अपने साथ जोड़ सकते हैं और अपने व्यापार को आगे बढ़ा सकते हैं।
- अक्सर देखा जाता है कि जिन दुकानदारों का संचार कौशल अच्छा होता है, उनके यहाँ ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है और सभी उनसे ही सामान खरीदना पसंद करते हैं।
- संचार कौशल के अच्छे होने से आपके संपर्क भी अच्छे बनते हैं और आप बेहतर दोस्त बना पाते हैं। यही दोस्त व रिश्तेदार सही समय पर आपके काम आ सकते हैं।
- अपनी बात को प्रभावी ढंग से रखने पर आपका काम भी जल्दी बन जाता है और आपको इसके लिए ज्यादा परिश्रम करने की आवश्यकता नहीं होती है।
- कहीं कोई दुविधा हो जाने पर या किसी बात में समस्या आ जाने पर आप अपनी बेहतर कम्युनिकेशन स्किल्स के माध्यम से किसी अन्य की सहायता ले सकते हैं या उसे सुलझा सकते हैं।
इस तरह से संचार कौशल के बहुत से फायदे होते हैं जो आपको अपना जीवन सरल तरीके से जीने में मदद करते हैं। एक तरह से जिस व्यक्ति के पास बोलने का हुनर होता है, वह तेज गति से आगे बढ़ पाता है और जल्दी उन्नति करता है।
संचार कौशल क्या है – Related FAQs
प्रश्न: संचार कौशल से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: संचार कौशल के बारे में संपूर्ण जानकारी को हमने इस लेख के माध्यम से देने का प्रयास किया है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।
प्रश्न: संचार कौशल क्या हैं और इसके प्रकार क्या हैं?
उत्तर: संचार कौशल को आसान शब्दों में अपने आप को व्यक्त करना कहा जाता है और इसके प्रकार मौखिक, गैर मौखिक, लिखित और दृश्य हैं।
प्रश्न: संचार के 3 मुख्य प्रकार क्या हैं?
उत्तर: संचार के 3 मुख्य प्रकार मौखिक, गैर मौखिक और लिखित हैं।
प्रश्न: कम्युनिकेशन स्किल कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: कम्युनिकेशन स्किल के मुख्य तौर पर चार प्रकार होते हैं जिनके बारे में हमने आपको ऊपर के लेख में जानकारी दी है।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने संचार कौशल के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली है। आपने जाना कि संचार कौशल क्या है संचार कौशल के प्रकार क्या हैं संचार कौशल के लिए क्या जरूरी है और अंत में आपने जाना कि संचार कौशल का आखिर क्या कुछ महत्व होता है। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। यदि आपके मन में कोई सवाल है तो नीचे कॉमेंट करके आप हम से पूछ सकते हैं।