सैनिटाइजर क्या होता है? | सैनिटाइजर के प्रकार इसके फायदे व नुकसान | Sanitizer kya hota hai

|| सैनिटाइजर क्या होता है? | Sanitizer kya hota hai | सैनिटाइजर के प्रकार | Sanitizer ka use kab kare | Sanitizer use karne ke fayde | Sanitizer ke bare mein jankari | Sanitizer kaise kaam karta hai | Sabun or sanitizer difference in Hindi | Sanitizer ka use kab nahi karna chahiye | Sanitizer se kya nuksan hota hai ||

Sanitizer kya hota hai :- जब से कोरोना नामक महामारी का इस विश्व में आगमन हुआ है तब से लेकर आज तक एक नाम बहुत ज्यादा सुनने में आ रहा है और वह है सैनिटाइजर। आपने भी इसका नाम सुना होगा और सुना क्या होगा, आपके घर में भी यह सैनिटाइजर होगा और आप भी तब से लेकर आज तक इसका इस्तेमाल करते आ रहे (Sanitizer ka use kab kare) होंगे। अब यह सैनिटाइजर होता क्या है और यह कैसे बनता है, इसका क्या कुछ इस्तेमाल होता है और यह क्या क्या कर सकता है, इत्यादि कई प्रश्न आपके दिमाग में दौड़ रहे होंगे।

ऐसे ही सभी प्रश्नों का उत्तर देने के लिए तो हम यहाँ आये हैं। आज के इस लेख में आपको सैनिटाइजर के बारे में शुरू से लेकर अंत तक पूरी जानकारी मिलने वाली (Sanitizer use karne ke fayde) है। इसी के साथ साथ आपको यह भी जानने को मिलेगा कि आपको किस तरह से सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए और क्या इसका ज्यादा इस्तेमाल हानिकारक भी हो सकता है या नहीं। आइए जाने सैनिटाइजर के बारे में सब कुछ।

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सैनिटाइजर क्या होता है? (Sanitizer kya hota hai)

तो सबसे पहले बात करते हैं इस सैनिटाइजर के बारे में और यह होता क्या है, इसके बारे में। इस सैनिटाइजर से हमारा तात्पर्य एक ऐसे पदार्थ से होता है जिसके इस्तेमाल से हम अपने हाथ या शरीर पर मौजूद कीटाणुओं का सर्वनाश कर पाने में सक्षम होते (Sanitizer kya hai) हैं। यह एल्कोहल तथा ऐसे ही कुछ पदार्थों के मिश्रण से तैयार किया हुआ एक द्रव्य या अर्ध द्रव्य पदार्थ होता है। कहने का मतलब यह हुआ कि यह सैनिटाइजर बिल्कुल लिक्विड फॉर्म में या फिर सेमी लिक्विड फॉर्म में जिसे हम जेली वाला सैनिटाइजर भी कह देते हैं, के रूप में होता है।

सैनिटाइजर क्या होता है सैनिटाइजर के प्रकार इसके फायदे व नुकसान Sanitizer kya hota hai

तो इसे एल्कोहल के द्वारा तो बनाया ही जाता है किंतु कुछ कुछ सैनिटाइजर एल्कोहल फ्री भी होते हैं अर्थात उनमे एल्कोहल की बजाए अन्य पदार्थ मिलाये जाते हैं। तो इस सैनिटाइजर को हम अपने हाथ तथा शरीर के विभिन्न अंगों को साफ करने या उन्हें कीटाणु मुक्त करने में इस्तेमाल कर सकते (Sanitizer ke bare mein jankari) हैं। यह आवश्यक नहीं कि इस सैनिटाइजर के द्वारा केवल शरीर के कीटाणुओं का ही सर्वनाश किया जाए बल्कि इसके द्वारा किसी निर्जीव चीज़ पर भी कीटाणु का नाश किया जा सकता है।

यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि इस सैनिटाइजर का इस्तेमाल मुख्य तौर पर कीटाणुओं का नाश करने में किया जाता है और यह अस्पताल में इस्तेमाल होने वाला प्रमुख उत्पाद होता है। यदि इसका इस्तेमाल ना किया जाए तो गंदगी फैल सकती है तथा संक्रमण के बढ़ने की आशंका भी बढ़ जाती है। तो अब यह सैनिटाइजर किस किस रूप में आता है या इसका किस तरह से इस्तेमाल किया जाता है, इसके बारे में अब हम जान लेते हैं।

सैनिटाइजर के प्रकार (Sanitizer types in Hindi)

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि सैनिटाइजर दो तरह का हो सकता है जिसमे पहला होता है लिक्विड फॉर्म और दूसरा होता है सेमी लिक्विड फॉर्म जिसे हम जेली भी कह सकते हैं। अब इसी में दो अन्य प्रकार भी होते हैं जिन्हें हम एल्कोहल वाला सैनिटाइजर और बिना एल्कोहल वाला सैनिटाइजर कह सकते हैं। तो इस तरह से सैनिटाइजर के 4 प्रकार हो जाते हैं और इनमे दो प्रकार अलग अलग श्रेणी से संबंध रखते हैं।

वह इसलिए क्योंकि लिक्विड सैनिटाइजर में भी एल्कोहल व बिना एल्कोहल वाले दोनों तरह के ही सैनिटाइजर आते हैं और इसी तरह सेमी लिक्विड में भी यही नियम लागू होता है। तो आइए जाने सैनिटाइजर के सभी चारों प्रकारों के बारे में।

लिक्विड सैनिटाइजर (Liquid sanitizer)

इस तरह का सैनिटाइजर पूरी तरह से लिक्विड फॉर्म में या यूँ कहें की पानी टाइप फॉर्म में होता है। इसका इस्तेमाल मुख्य तौर पर अस्पतालों में किया जाता है क्योंकि उन्हें इसकी सहायता से जगह जगह पर छिडकाव करना होता है। तो छिडकाव करने के लिए तो लिक्विड फॉर्म वाला सैनिटाइजर ही इस्तेमाल में आता है। आप भी यदि कभी अस्पताल या किसी अन्य संस्थान में जाएंगे तो वहां पर आपको यही लिक्विड वाला सैनिटाइजर ही इस्तेमाल करने को मिलेगा।

सेमी लिक्विड सैनिटाइजर (Semi liquid sanitizer)

इस तरह का सैनिटाइजर कोरोना नामक महामारी आने के बाद से ज्यादा चलन में आ गया क्योंकि इसका इस्तेमाल मुख्य तौर पर घरों में किसी एक व्यक्ति विशेष के द्वारा किया जाता है। इसे हम अपनी जेब में या पर्स में भी रख सकते हैं और इसमें सभी तरह की छोटी बड़ी शीशियाँ आती है। आपने भी अपने घर पर लाकर इसी तरह का ही सैनिटाइजर रखा होगा और कोरोना के बाद इसी का ही उपयोग कर रहे होंगे।

एल्कोहल सैनिटाइजर (Alcohol sanitizer)

अब जो भी सैनिटाइजर आते हैं उनमे से अधिकांश एल्कोहल वाले ही होते हैं क्योंकि कीटाणुओं का सही से नाश करने के लिए इसी सैनिटाइजर को ही प्रभावी माना जाता है। यही कारण है कि जब कोरोना नामक महामारी आई थी तब सभी एल्कोहल वाली कंपनियां अपने यहाँ सैनिटाइजर का भी निर्माण करने लगी थी क्योंकि इसकी मांग बहुत अधिक बढ़ गयी थी। बाजार में 80 प्रतिशत से अधिक व्यापार इसी एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का ही होता है।

एल्कोहल फ्री सैनिटाइजर (Alcohol free sanitizer)

लोगों की मांग को देखते हुए एल्कोहल फ्री सैनिटाइजर का भी निर्माण किया गया जिसमे एल्कोहल की मात्रा नहीं होती है। इसे कुछ अन्य पदार्थों का इस्तेमाल करते हुए बनाया जाता है और यह एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर से थोड़ा कम प्रभावी होता है। यही कारण है कि बाजार में इनकी उपलब्धता कम देखने को मिलती है लेकिन फिर भी कुछ लोगों के द्वारा इसी तरह के सैनिटाइजर को ही खरीदा जाता है।

कौन सा सैनिटाइजर सही रहता है? (Kon sa sanitizer sehi rehta hai)

आपको बाजार में कई तरह के सैनिटाइजर दिख जाते होंगे और अब तो इनमे और भी बढ़ोत्तरी हो चुकी है। ऐसे में अवश्य ही आपके मन में यह प्रश्न उठता होगा कि आखिरकार आपको किस तरह का सैनिटाइजर खरीदना चाहिए। तो यहाँ हम आपको बता दें कि बाजार में आने वाले केवल वही सैनिटाइजर ही अच्छे रहते हैं जिनके अंदर 60 प्रतिशत से अधिक एल्कोहल का इस्तेमाल किया गया हो। अब जो सैनिटाइजर एल्कोहल बेस्ड बन रहे हैं उनके अंदर 60 प्रतिशत से ज्यादा एल्कोहल तो होना ही (Sabse acha sanitizer kon sa hai) चाहिए।

वहीं जो सैनिटाइजर एल्कोहल फ्री है उनमे से तो आप किसी भी कंपनी का सैनिटाइजर खरीद सकते हैं। साथ ही यदि घर के लिए सैनिटाइजर लेना है तो उसके लिए आप सेमी लिक्विड वाला सैनिटाइजर ले सकते हैं जो जेली फॉर्म में होता है। वहीं यदि आपको किसी समारोह, पार्टी इत्यादि कार्यक्रम के लिए सैनिटाइजर को लेना है तो उसके लिए आप लिक्विड फॉर्म वाले सैनिटाइजर को ले सकते हैं क्योंकि यही उस जगह के लिए ठीक रहता है।

सैनिटाइजर का इस्तेमाल कैसे करें? (Sanitizer ka istemal kaise kare)

अब बहुत से लोग सैनिटाइजर का इस्तेमाल ठीक ढंग से करना नहीं जानते हैं और दूसरों की देखा देखी ही इसका इस्तेमाल करते हैं। यदि आपने भी अभी तक किसी प्रशिक्षक या किसी डॉक्टर के परामर्श के बिना सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है और आप सोच रहे हैं कि इसके द्वारा आप विभिन्न कीटाणुओं इत्यादि से बचे रहेंगे तो आप गलत (Sanitizer ka use kaise kare) हैं। सैनिटाइजर का सही इस्तेमाल ही इसका असर दिखाता है अन्यथा यह यूँ ही व्यर्थ चला जाता है।

तो जब भी आप सैनिटाइजर को अपने हाथ में लें तो इसे ना ही ज्यादा मात्रा में लें और ना ही कम मात्रा में। यह इतना होना चाहिए की यह आपके पूरे हाथ पर अच्छे से लग जाए, जिस प्रकार आप आप अपने हाथ में क्रीम या लोशन का इस्तेमाल करते हैं। अब जब आप इस सैनिटाइजर को अपने हाथ में ले लें तो इसे अच्छे से दोनों हाथों पर मसलें लेकिन इसे ज्यादा ना रगड़ें। कहने का अर्थ यह हुआ कि इसे आपको साबुन की तरह ना रगड़ कर सामान्य रूप से रगड़ना होगा।

इसे केवल हाथ पर ऊपर ऊपर से ही ना लगाएं बल्कि अपनी उँगलियों के बीच में, उसकी ऊपरी सतह पर और नाखूनों पर भी लगाएं क्योंकि कीटाणु कहीं भी हो सकते हैं। एक तरह से यह आपके हाथ के हर एक हिस्से पर लगना चाहिए और हाथ का एक भी हिस्सा अछूता नहीं रहना चाहिए। अब जब आप इसे अपने हाथ पर अच्छे से लगा लें तो उसके बाद हाथ को किसी चीज़ से बिल्कुल भी ना ढकें और इसे हवा के संपर्क में बने रहने दे।

यदि आप इसे ढक लेंगे तो यह गीला ही रहेगा और इसका प्रभाव समाप्त हो जाएगा जबकि इसका सूखना आवश्यक होता है। अब जब आप सैनिटाइजर को लगाते हैं तो वह लिक्विड फॉर्म में या सेमी लिक्विड फॉर्म में होता है और उसे सूखने के लिए कुछ सेकंड का समय चाहिए होता है। तो आप सैनिटाइजर को हाथ पर लगाते ही उसे कुछ देर तक हवा के संपर्क में अवश्य रहने दे और यह 10 से 20 सेकंड में ही सूख जाएगा। इसके बाद यह आपके हाथ के सभी कीटाणुओं को मार देगा।

सैनिटाइजर कैसे काम करता है? (Sanitizer kaise kaam karta hai)

आपको यह भी जानना चाहिए की आखिरकार यह सैनिटाइजर काम कैसे करता है या फिर इसका क्या प्रभाव होता है। तो यहाँ आप जान लें कि सैनिटाइजर जिन जिन भी चीज़ों से मिल कर बना होता है उन चीज़ों में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो किसी भी तरह के जीवाणु या कीटाणु के संपर्क में आकर उसको निष्क्रिय कर देते हैं या फिर उसे मार देते हैं। अब यदि आप अपने हाथ पर या किसी अन्य जगह पर सैनिटाइजर को लगाने जा रहे हैं तो वहां पर जो भी कीटाणु या बैक्टीरिया मौजूद है, वह उससे उसी समय संपर्क करेगा और उसका प्रभाव समाप्त कर देगा।

कभी कभार आपने देखा होगा कि जब किसी के चोट लग जाती है या वहां पर घाव हो जाता है तो वहां सीधे शराब की बोतल भी डाली जाती है या उसका इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसके अंदर बैक्टीरिया को समाप्त करने की शक्ति होती है। बस अब सैनिटाइजर भी तो उसी शराब या एल्कोहल का बना हुआ होता है जो किसी भी जीवित बैक्टीरिया के संपर्क में आने पर उसका प्रभाव शून्य कर देता है या उसे नष्ट कर देता है।

साबुन व सैनिटाइजर में अंतर (Sabun or sanitizer difference in Hindi)

बहुत से लोगों को लगता है कि जो काम साबुन करती है वही काम ही सैनिटाइजर के द्वारा किया जाता है लेकिन यह गलत है। हालाँकि दोनों का अंतिम परिणाम एक सा ही होता है जो होता है आपके हाथों की सफाई करना लेकिन दोनों काम अलग अलग तरीकों से करते (Soap or sanitizer difference in Hindi) हैं। अब साबुन जो होती है वह आपके हाथ को साफ तो करती है लेकिन वह जीवाणु या कीटाणु को मार नहीं पाती है, बल्कि यह उसे आपके हाथ से हटा देती है।

वहीं सैनिटाइजर जो होता है वह आपके हाथ में कीटाणु को मार देता है लेकिन वह कीटाणु वहीं मृत पड़ा रहता है और वह हटता नहीं है। जबकि साबुन के द्वारा उस कीटाणु को मारा नहीं जाता है बस उसे आपके हाथ से हटा दिया जाता है। इसलिए ही सभी को सैनिटाइजर व साबुन दोनों का ही इस्तेमाल करने को कहा जाता है।

सैनिटाइजर का इस्तेमाल कब ना करें? (Sanitizer ka use kab nahi karna chahiye)

अब कई लोग यह भी सोचते हैं कि जहाँ साबुन का इस्तेमाल हो सकता है वहां हम सैनिटाइजर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जो कि सर्वथा अनुचित है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि साबुन व सैनिटाइजर दोनों अलग अलग चीज़ें है और इनके इस्तेमाल भी अलग अलग होते हैं। यदि आपके हाथ जीवाणु या कीटाणु से भरे हुए हैं तो उस समय सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना ठीक रहता है या उस समय साबुन का भी इस्तेमाल किया जा सकता (Sanitizer ka istemal kab na kare) है।

कहने का अर्थ यह हुआ कि जहाँ जहाँ सैनिटाइजर का इस्तेमाल हो सकता है वहां वहां साबुन की भी भूमिका अहम होती है लेकिन जहाँ साबुन का इस्तेमाल होता है, वहां पर सैनिटाइजर भी इस्तेमाल किया जा सके, यह जरुरी नही होता है। अब यदि आपके हाथ गंदे हैं या उन पर मेल लगा हुआ है तो आपको वहां पर अपने हाथ साबुन से ही धोने पड़ेंगे क्योंकि सैनिटाइजर आपके हाथ की गंदगी को नहीं हटा पाएगा।

सैनिटाइजर के फायदे (Sanitizer ke fayde)

सैनिटाइजर के क्या कुछ फायदे हो सकते है, यह जानना भी आपके लिए जरुरी है। तो यदि आप कहीं जाते हैं या अस्पताल इत्यादि से आते हैं तो उस समय आपके हाथ में कई तरह के कीटाणु या विषाणु लग सकते हैं जिनका आपको भी नहीं पता होता है। अब यह कोरोना वायरस ही हो यह जरुरी नही होता है, इसके अलावा कई अन्य तरह के वायरस भी होते हैं जो आपको बीमार कर सकते (Sanitizer benefits in Hindi) हैं। ऐसे में इन वायरस को दूर किया जाना जरुरी हो जाता है क्योंकि यही वायरस हमारे हाथ के द्वारा मुहं में प्रवेश कर जाते हैं और हमें बीमार कर देते हैं।

अब हर जगह साबुन लेकर जाना और उससे हाथ धोना संभव नहीं हो पाता है। तो ऐसी स्थिति में अपने साथ यदि सैनिटाइजर ले लिया जाए तो उससे बहुत अंतर देखने को मिल जाता है। इस सैनिटाइजर के द्वारा आप अपने हाथ पर लगे तरह तरह के वायरस को दूर कर सकते हैं और सुरक्षित व स्वस्थ रह सकते हैं। सैनिटाइजर का यही एक प्रमुख फायदा होता है जो आपको सभी तरह के कीटाणुओं से सुरक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा आपके घर में जो चीज़ साफ करनी है तो उसे साबुन की बजाए इस सैनिटाइजर की सहायता से साफ किया जा सकता है।

सैनिटाइजर के नुकसान (Sanitizer ke nuksan)

ऊपर आपने सैनिटाइजर का इस्तेमाल करके होने वाले फायदों के बारे में जानकारी ले ली है लेकिन इसी के साथ साथ उसके नुकसान भी जान लिए जाए तो यह आपके लिए ही बेहतर रहता है। वैसे तो इसके कोई नुकसान नहीं है लेकिन जो लोग इसका अधिकतम या बार बार इस्तेमाल करते हैं, उन्हें इससे कई तरह के नुकसान हो सकते (Sanitizer se kya nuksan hota hai) हैं। अब यदि आप बार बार अपने हाथों पर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करेंगे तो त्वचा बनना बंद हो सकती है या उनके रोमछिद्र पर भी नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।

इसके अलावा सैनिटाइजर का अधिक इस्तेमाल त्वचा पर रेसेज भी ला सकता है या उसे रूखा बना सकता है। इससे त्वचा काली भी पड़ने लग सकती है या गन्दी दिखती है। इस तरह से आपको दिन में एक से दो बार ही सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए, उससे ज्यादा नहीं अन्यथा आपको ऊपर बताई गयी समस्याओं में से किसी एक समस्या का सामना करना पड़ सकता (Sanitizer side effects in Hindi) है।

सैनिटाइजर क्या होता है – Related FAQs

प्रश्न: सैनिटाइजर कैसे बनाया जाता है?

उत्तर: सैनिटाइजर एल्कोहल तथा अन्य संबंधित उत्पादों का इस्तेमाल करके बनाया जाता है।

प्रश्न: क्या हम सैनिटाइजर लगाने के बाद खा सकते हैं?

उत्तर: हां, आप सैनिटाइजर लगाने के बाद खा सकते हैं।

प्रश्न: सैनिटाइजर को इंग्लिश में कैसे लिखते हैं?

उत्तर: सैनिटाइजर को इंग्लिश में Sanitizer लिखते हैं।

प्रश्न: सैनिटाइजर क्या है और उदाहरण?

उत्तर: सैनिटाइजर के बारे में संपूर्ण जानकारी हमने आपको इस लेख के माध्यम से दी है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

आज का यह लेख आपको यह बताने में सक्षम हुआ कि सैनिटाइजर होता क्या है, इसका किस तरह से इस्तेमाल किया जाना चाहिए और कितना इस्तेमाल करना बेहतर रहता है। अब यदि आप सही तरीके से सैनिटाइजर का इस्तेमाल करेंगे तो अवश्य ही यह आपके लिए लाभदायक रहने वाला है अन्यथा यही सुरक्षा प्रदान करने वाली चीज़ आपके लिए हानिकारक भी सिद्ध हो सकती है।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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