|| एक आदर्श लड़की कैसे बने? | Perfect Girls Qualities in Hindi | Acchi ladki ki pehchan | Sanskari ladki kaise bane | Acchi ladki ke gun | आदर्श लड़की बनने के आसान तरीके ||
Perfect Girls Qualities in Hindi :- आदर्श एक ऐसा शब्द है जो पता तो सभी को है और इसके नियम भी पता है लेकिन इसे अपने जीवन में बहत ही कम उतार पाते हैं। जब किसी लड़की का रिश्ता तय होता है या उसे देखने जाया जाता है तो लड़के के माता पिता उसमे जो चीज़ सबसे पहले देखते है वह यही होता है आदर्श। कहने का अर्थ यह हुआ कि किसी लड़की (Acchi ladki ki pehchan) के अंदर कितना आदर्श है और उसे अपने माता पिता से क्या संस्कार मिले हैं।
ऐसे में आपके मन में कई बार यह प्रश्न आया (Sanskari ladki kaise bane) होगा कि एक आदर्श लड़की की क्या पहचान होती है जिसे दुनिया के हर व्यक्ति पसंद करे और उसका सम्मान करे। तो यदि आप भी एक आदर्श लड़की की पहचान को जानना चाहती है या चाहते हैं तो आज के (Acchi ladki ke gun) इस लेख में हम आपके साथ इसी विषय पर ही चर्चा करने वाले हैं। इस लेख को पढ़ कर आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि एक आदर्श लड़की की क्या पहचान होती है।
एक आदर्श लड़की कैसे बने? (Perfect Girls Qualities in Hindi)
एक आदर्श लड़की ना केवल अपने परिवार का गौरव बढ़ाती है बल्कि वह जिस घर भी जाती है, वहां के मान सम्मान को भी बढ़ा देती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि एक आदर्श लड़की अपने मायके का गर्व होती है तो ससुराल का सम्मान। यदि कोई लड़की आदर्श वादी है तो अवश्य ही उस पर हर कोई गर्व करेगा और उसे हर कोई अपने घर की बहु बनाना चाहेगा (Acchi ladki ke lakshan) जबकि जिस लड़की में आदर्शों की कमी होती है उसे ना केवल धिक्कारा जाता है बल्कि उसे कोई भी अपने घर की बहु नहीं बनाना चाहता है।
तो यदि आपको भी एक आदर्श लड़की बनना है और आप यह जानना चाहते हैं कि एक आदर्श लड़की की क्या पहचान होती है तो आज हम आपके साथ इसी विषय पर ही चर्चा करने वाले हैं। आज के इस लेख को पढ़ कर आप यह जान पाएंगे कि एक आदर्श लड़की की क्या पहचान होती है।
माता पिता का सम्मान
एक आदर्श लड़की का गुण जो सबसे पहले आता है वह होता है अपने माता पिता का सम्मान करना। यदि किसी लड़की के यहाँ उसका रिश्ता भी आता है या उसके बारे में जानने का प्रयास किया जाता है तो उसमे सबसे पहले यही गुण देखा जाता है जिससे उसके आदर्श को परखा जाता है। यदि कोई लड़की अपने माता पिता का ही सम्मान नहीं करती है तो फिर वह अपने ससुराल जाकर सास ससुर का क्या ही सम्मान करेगी।
इसलिए किसी लड़की को यदि आदर्श लड़की बनना है तो उससे पहले अपने माता पिता का सम्मान करना सीखना होगा। एक आदर्श लड़की की यही सबसे बड़ी पहचान होती है जो उसे सबसे ऊपर लाकर खड़ा कर देती है।
बड़ों को आदर देना
केवल माता पिता का ही सम्मान किया जाए और बाकि बड़ो का अनादर किया जाए तो भी यह एक अवगुण ही माना जाएगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आप वाकई में एक आदर्श लड़की बनना चाहती है तो आपको अपनों से बड़ों का सम्मान करना आना चाहिए। इसमे केवल आपके जानने वाले बड़े लोग ही नहीं आते हैं बल्कि जिन्हें आप नहीं भी जानती है और जिनसे कभी कभार आमना सामना होता है, फिर चाहे वह किसी भी पद पर हो या कुछ भी करते हो, उनका सम्मान करना आपको सीखना होगा।
उदाहरण के तौर पर यदि आप कही नौकरी करती है और वहां के चौकीदार अंकल आपसे बड़े हैं और आप उनका सम्मान नहीं करती है तो अवश्य ही यह आपके लिए एक अवगुण माना जाएगा जो आदर्श लड़की बनने की राह में एक बहुत बड़ा रोड़ा होगा।
पढ़ाई लिखाई में होशियार
एक आदर्श लड़की बनने के लिए आपको पढ़ाई लिखाई में भी होशियार होना होगा। अब पढ़ाई लिखाई से हमारा अर्थ यह नहीं है कि आप ग्रेजुएशन की हुई हो या उच्च शिक्षा को ग्रहण किया हुआ हो। पढ़ाई लिखाई का अर्थ होता है कि लड़की अनपढ़ नहीं होनी चाहिए और उसे सामान्य शिक्षा का कम से कम थोड़ा बहुत तो ज्ञान हो।
अब यदि कोई लड़की बिल्कुल ही नहीं पढ़ी हुई है या उसे पढ़ना लिखना आता ही नहीं है तो फिर वह दुनिया के आधे कामो से वंचित रह जाती है। इस कारण ऐसे बहुत से काम होते हैं जिन्हें वह ना तो अच्छे से कर पाती है और ना ही अच्छे से सीख पाती है। इसलिए आदर्श लड़की बनने के लिए पढ़ाई लिखाई में भी होशियार होना जरुरी हो जाता है।
संस्कारों का पालन करना
आदर्श लड़की बनने के गुण में केवल पढ़ाई लिखाई ही नहीं आती है बल्कि आप अपने संस्कारो का कैसे पालन करती है, इस पर भी ध्यान दिया जाता है। यदि आप विदेशी सभ्यता को महत्ता देते हुए अपनी भारतीय संस्कति व धर्म का अपमान करती है या उन्हें नहीं मानती है या उन पर ध्यान नहीं दे पाती है तो इसका मतलब हुआ कि आप कभी भी आदर्श लड़की नहीं बन सकती है। अब जो चीज़ यहाँ मानी जाती है वह पाश्चात्य सभ्यता में नहीं मानी जाती है और उसी तरह जो चीज़ वहां मानी जाती है वह यहाँ नहीं मानी जाती है।
ऐसे में यदि आप पाश्चात्य सभ्यता की आड़ लेकर अपनी संस्कृति का अपमान करेंगी या उन्हें नहीं मानेगी तो यह आदर्श लड़की बनने की राह में रोड़ा बन कर सामने आयेगा। ऐसे में यदि आपको आदर्श लड़की बनना है तो उसके लिए अपनी संस्कृति का ना केवल सम्मान करना सीखना होगा बल्कि उसका पालन भी करना होगा।
काम को समय पर करना
आदर्श लड़की बनने की दिशा में जो अगला काम आता है वह होता है अपने काम को समय से किया जाना। एक आदर्श लड़की को जल्द से जल्द अपना काम करना चाहिए और उसमे किसी तरह की आनाकानी नहीं करनी चाहिए। इतना ही नहीं उसको बोले गए सभी काम समय पर पूरे होने चाहिए और वो भी एकदम बढ़िया तरीके से।
यदि कोई लड़की काम करने में देरी करती है या उसे सही से करके नहीं देती है तो उसे आदर्श लड़की नहीं कहा जा सकता है। आदर्श लड़की बनने के लिए काम को किया जाना ही महत्वपूर्ण नहीं होता है बल्कि उस काम को कैसे किया गया है, यह महत्वपूर्ण होता है। इसलिए अपने काम में मन लगाकर काम करना सीख जाएँगी और वो भी जल्द से जल्द तभी आप आदर्श लड़की की श्रेणी में आ पाएंगी।
सभी के साथ सम्मान से बात करना
कई लड़कियां होती है जो बड़ो का सम्मान तो करती है लेकिन बाकियों के साथ ढंग से बात नहीं करती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि कोई लड़की अपने बराबर वालों या रिश्तेदारों के साथ तू तड़क करके बात करती है या तेज आवाज में बात करती है या शब्दों का चुनाव सही नहीं रखती है तो अवश्य ही यह आदर्श लड़की की पहचान नहीं कहा जाएगा।
एक आदर्श लड़की वह होती है जो सभी को सम्मान देना सीखे। फिर सामने वाला व्यक्ति चाहे कोई भी हो, वह उससे बड़ा हो या बराबर का हो या छोटा हो। उसका बात करने का तरीका भी सौम्यता से भरा हुआ होना चाहिए और वह सभी के साथ उत्तम शब्दों का उपयोग करके बात करती हुई पायी जानी चाहिए।
पति की सही मायनो में साथी बनना
एक लड़की जब उसकी शादी हो जाती है और वह अपना नया जीवन शुरू करती है तो उसके लिए सब कुछ नया होता है। यह बात तो सभी जानते हैं लेकिन यह कोई नहीं जानता है कि पुरुष अपना घर नहीं छोड़ता लेकिन उसके जीवन में भी एक महिला जितने ही परिवर्तन आते हैं। जिस प्रकार एक महिला की पीड़ा को एक महिला ही बेहतर समझ सकती है उसी तरह एक पुरुष के जीवन को पुरुष ही समझ सकता है।
पुरुष से उसका समाज, परिवार, माता पिता इत्यादि सब कुछ बहुत कुछ आशा रखते हैं और वह पुरुष दिन रात उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए परिश्रम करता है। ऐसे में वह अपनी पत्नी या उस लड़की से यह आशा रखता है कि वह उस पर ताना मारने या बाकि परिवार की तरह आशा रखने की बजाए उसके जीवन में उसके लिए साथी बने। इसी कारण ही हिंदू धर्म में उसे जीवनसाथी या अर्धांगिनी का दर्जा दिया गया है जो पति के सुख दुःख में साथ निभाती है।
सज संवर कर रहना
कोई भी महिला जो अपने बालों को सही से नहीं रखती है, प्रतिदिन अपने शरीर की अच्छे से सफाई नहीं करती है, तंग कपड़े या ज्यादा खुले कपड़े पहनती है, कपड़ों की सफाई सही से नहीं रखती है या कुल मिलाकर कहे कि अपने शरीर और वस्त्रों को सही से नहीं रखती है तो उसे कभी भी आदर्श लड़की नहीं माना जा सकता है। फिर चाहे उसमे ऊपर बताये गए सभी गुण ही क्यों ना हो लेकिन यदि वह खुद को अच्छा नहीं रखती है तो वह एक आदर्श लड़की नहीं बन सकती है।
तो यदि आपको आदर्श लड़की बनना है या ऐसी लड़की की पहचान करनी है तो पहले यह देखिए कि वह किस तरह से रहती है। जो लड़की अपने शरीर को सम्मान देती है और उसकी पूरी देखभाल करती है वह अवश्य ही एक आदर्श लड़की की पहचान कही जा सकती है।
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घर को साफ रखना
आदर्श लड़की की पहचान केवल अपने शरीर या वस्त्रों को साफ रखने तक ही सीमित नहीं होती है बल्कि वह जिस घर में रहती है, उसकी स्वच्छता से भी होती है। यदि हम किसी घर में जाएंगे और वहां सामान को अस्त व्यस्त रूप में पाएंगे, या वहां गंदगी होगी तो हमारे मन में पहली यही छवि अंकित होगी कि अवश्य ही उस घर में रहने वाली लड़की या महिला आदर्श गुणों वाली नहीं है जो अपने घर को सही से संभाल कर नहीं रख सकती है।
इसलिए यदि आपको वाकई में आदर्श लड़की बनना है तो आपको अपने घर को अच्छे से साफ सुथरा रखना होगा। यदि कहीं मिट्टी लग गयी है या मकड़ियों ने जाला बना लिया है तो आपको उसे साफ करना होगा। घर का सभी सामान अपनी तय जगह पर अच्छे से व्यवस्थित करके रखा हुआ हो, इसका इन्तेजाम भी आपको ही करना होगा।
खाना बनाने में माहिर
आदर्श लड़की बनने की दिशा में जो अंतिम गुण आता है वह होता है खाना बानाने में माहिर होना। वो कहते है ना कि पुरुष के दिल का रास्ता उसके पेट से होकर जाता है। तो अब यदि आप खाना ही अच्छा नहीं बनाती है या उसमे वैसा स्वाद नहीं है तो कैसे ही अपने पति का दिल जीत सकती है। खाना तो हर कोई बना लेता है लेकिन मायने यह रखता है कि उस बने हुए खाने में कितना स्वाद है।
तो यदि आपको आदर्श लड़की बनना है तो आपको खाना बनाने की विधि तो आनी चाहिए और उसके साथ ही साथ खाना कैसे स्वादिष्ट बनाया जाए, इसकी कला भी आपके अंदर होनी चाहिए। यही एक आदर्श लड़की की मुख्य पहचान मानी जाती है।
आदर्श लड़की कैसे बने – Related FAQs
प्रश्न: लड़कियों में कौन कौन से गुण होने चाहिए?
उत्तर: लड़कियों में खाना बनाने, पति की सेवा करने, माता पिता का सम्मान करने इत्यादि कई तरह के गुण होने चाहिए।
प्रश्न: एक अच्छी लड़की की क्या पहचान होती है?
उत्तर: एक अच्छी लड़की की यही पहचान होती है कि वह दूसरों से किस तरह से बात कर रही है, बड़ो का कितना सम्मान कर रही है और अपने पति का कितना साथ निभा रही है।
प्रश्न: कौन सी लड़की भाग्यशाली होती है?
उत्तर: वही लड़की भाग्यशाली होती है जिसे एक अच्छा पति मिल जाता है।
प्रश्न: बुरी लड़की कौन है?
उत्तर: बुरी लड़की वह होती है जो सभी के साथ गलत तरह से व्यवहार करती है।
इस लेख के माध्यम से आपने एक आदर्श लड़की के सभी महत्वपूर्ण गुणों के बारे में जान लिया है। ऐसे में यदि आप भी एक आदर्श लड़की बनने की दिशा में आगे बढ़ना चाहती है और चाहती है कि आपको सभी पसंद करे तो आपको ऊपर बताये गए हरेक गुण को अपने अंदर आत्मसात करना होगा।
Mom dad love Life