हरियाणा सीड स्कीम रजिस्ट्रेशन एप्लीकेशन फॉर्म | Seed Scheme Haryana

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देश में खेती परंपरागत तरीके से होती है। इस वजह से यहां लागत अधिक और मुनाफा कम होता है। खास तौर पर छोटी जोत के किसानों के लिए खेती बहुत फायदे का सौदा नहीं होती। कई बार तो वह अपनी जरूरत भी पूरी नहीं कर पाते। ऐसे में सरकारें अब किसानों को फसलों के विविधीकरण की ओर प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए उन्हें मुफ्त बीज जैसी सुविधा देने की कोशिश कर रही है।

हरियाणा में वहां की मनोहर लाल खट्टर सरकार गेहूं और धान की फसलों को हतोत्साहित करना चाहती है। धान को पकने के लिए जहां अधिक पानी की आवश्यकता होती है, वहीं गेहूं के पकने के समय गर्मी बढ़ने से पैदावार कम हो रही है, जिससे किसानों को नुकसान है। सरकार खेतों से साल में अधिक फसल लेना चाहती है, साथ ही पानी की बचत करने के साथ किसानों की आय भी बढ़ाना चाहती है। ऐसे में, किसानों को वैकल्पिक फसलों के उत्पादन के प्रति प्रेरित करने की कोशिश की जा रही है। हरियाणा सीड स्कीम एक ऐसी ही योजना है।

जैसा कि नाम से स्पष्ट है, यह योजना बीज से जुड़ी है। आज इस पोस्ट में हम आपको इसी योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश करेंगे। जैसे कि यह हरियाणा सीड स्कीम क्या है? इस येाजना का मकसद क्या है? योजना को लागू करने की रणनीति क्या है? आदि। आइए, शुरू करते हैं-

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हरियाणा सीड स्कीम क्या है?

दोस्तों, आपको बता दें कि हरियाणा सीड स्कीम (haryana seed scheme) की घोषणा 21 मई, 2019 को हरियाणा के बजट में की गई थी। इसके तहत पहचाने गए यानी आईडेंटिफाई (identify) किए गए किसानों को मुफ्त में बीज उपलब्ध कराया जाएगा। जिसकी कीमत लगभग 1200 रूपये से लेकर 2000 रुपए तक है। आपको बता दें कि बीज के अलावा 2000 रूपये प्रति एकड़ के लिए दो चरण में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसमें से दो सौ रूपये पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के वक्त प्रदान किए जाएंगे, जबकि 1800 रूपये बोए गए क्षेत्र के सत्यापन यानी वेरिफिकेशन (verification) के बाद दिए जाएंगे।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 766 रूपये प्रति हेक्टेयर का मक्का फसल बीमा प्रीमियम भी सरकार वहन करेगी। इस तरह देखा जाए तो इस योजना से किसानों को लाभ ही लाभ है। बस जरूरत इस बात की है कि सरकार इस स्कीम को अपनी सोची गई रणनीति (strategy) पर आगे बढ़ा सकें।

हरियाणा सीड स्कीम रजिस्ट्रेशन एप्लीकेशन फॉर्म | Seed Scheme Haryana

हरियाणा सीड स्कीम डिटेल्स –

योजना का नामहरियाणा सीड स्कीम
किस राज्य में शुरू की गयीहरियाणा
किसके द्वारा शुरू की गईहरियाणा के मुख्यमंत्री जी द्वारा
कब शुरू हुईसाल 2019 में
कब हुई27 मई 2019 में
लाभार्थीराज्य के किसान
लाभकिसानो को फ्री बीज तथा आर्थिक सहायता
आर्थिक सहायता कितनी मिलेगीRs 2,000/-

हरियाणा सीड स्कीम का उद्देश्य क्या है?

दोस्तों, आपको बता दें कि इस योजना का उद्देश्य धान की फसल कम करके किसानों को वैकल्पिक फसलों मक्का और अरहर की खेती करने के लिए बढ़ावा देना है। दूसरे शब्दों में कहें तो सरकार फसलों के विविधिकरण पर फोकस कर रही है। इसके लिए किसानों को अन्य उपकरणों के साथ ही मुफ्त बीज और वित्तीय सहायता प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया है।

सरकार इस योजना का प्रचार प्रसार भी बड़े पैमाने पर कर रही है, ताकि अधिक से अधिक किसानों तक उसकी बात पहुंचे और किसान बड़ी संख्या में लाभान्वित हो सकें। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों की ओर से भी इस संबंध में प्रयास किया जा रहा है। वे योजना के अंतर्गत चुने गए जिलों में विभागीय शिविरों के माध्यम से किसानों को इस स्कीम के प्रति जागरूक कर रहे हैं।

सहायता राशि 25 करोड़ तक हो सकती है

दोस्तों, आपको बता दें कि इस हरियाणा सीड स्कीम के तहत सहायता राशि 25 करोड़ तक हो सकती है। किसानों को प्रति एकड़ चार से साढ़े चार हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इसमें नकद के साथ ही बीज और किसानों की फसल का बीमा प्रीमियम (insurance premium) शामिल है।

फसल विविधीकरण का यह मकसद है

साथियों, जैसा कि हमने आपको बताया कि सरकार फसल विविधिकरण पर जोर दे रही है। इस फसल विविधिकरण का मकसद पानी और बिजली की बचत करने के साथ ही मिट्टी की सेहत (health of soil) सुधारना है। ताकि किसानों के लिए कृषि लाभ का सौदा साबित हो सके। जैसा कि आप जानते हैं कि हरियाणा में किसान अच्छी संख्या में गेहूं और धान बोते हैं। आप जानते ही हैं कि धान की फसल में पानी की काफी जरूरत होती है और यह भी एक तथ्य है कि धान की अधिक फसल लगाने से मिट्टी की उर्वरता में कमी आती है।

सात जिलों में शुरू हुई योजना, सफलता मिली तो राज्य में लागू की जाएगी

साथियों, आपको बता दें कि इस हरियाणा सीड स्कीम को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हरियाणा राज्य के सात जिलों के ब्लाकों में लागू किया गया है। ये ब्लाॅक असंध, पुंडरी, नरवाना, थानेसर, अंबाला-1, रादौर और गणौर हैं। जो इन सात जिलों करनाल, अंबाला, जींद, सोनीपत, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र और कैथल में पड़ते हैं।

इन ब्लाॅकों का चयन इसलिए किया गया है, क्योंकि इनमें गैर बासमती धान का उत्पादन 45 फीसदी है। यानी 87,900 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुआई हो रही है। सरकार बुआई को 50,000 हेक्टेयर क्षेत्र में कम करना चाहती है। इससे जल संरक्षण भी संभव हो सकेगा। पानी की बचत हो सकेगी। आपको बता दें कि बहुत से राज्य ऐसे हैं, जहां पानी की कमी है। यहां सिंचाई के साधन बहुत सीमित होते हैं और इन साधनों को लेकर किसानों के लिए हमेशा मुश्किल खड़ी हो जाती है।

हरियाणा सीड स्कीम का जिम्मा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को

मित्रों, हरियाणा सीड स्कीम के संचालन का जिम्मा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (agriculture and farmers welfare department) को सौंपा गया है। हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि सात जिलों में कामयाब होने के बाद इस योजना को सारे राज्य में लागू किए जाने की तैयारी है। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर (manohar Lal khattar) सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि मक्के की फसल की खरीद सरकारी एजेंसियों की ओर से की जाएगी।

ऐसे में किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी minimum support price (MSP) मिलना तय है। इसके लिए किसानों, फसल उत्पादकों के लिए राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के पोर्टल (portal) पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। इसके बाद ही इस योजना का लाभ लाभार्थी को मिल सकेगा। यदि कोई किसान बगैर रजिस्ट्रेशन इस योजना का लाभ चाहता है तो ऐसा संभव नहीं होगा।

योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक पात्रता/दस्तावेज

साथियों, अब आपको बताते हैं कि इस हरियाणा सीड स्कीम का लाभ लेने के लिए क्या पात्रता है और पात्र लाभार्थी को किन किन दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ेगी। यह इस प्रकार से हैं-

  • आवेदक को हरियाणा प्रदेश का निवासी होना आवश्यक है।
  • आवेदक का आधार कार्ड।
  • निवास प्रमाण पत्र।
  • आवेदक का मोबाइल नंबर।
  • आवेदक के पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ।

दोस्तों, आपके सामने एक बात और साफ कर दें कि किसी भी सरकारी योजना के लिए रजिस्ट्रेशन उसकी आधिकारिक वेबसाइट (official website) पर ही होगा। यदि आपको कोई लिंक (link) भेजकर सरकारी योजना के लिए आवेदन (apply) करने की बात कह रहा है तो समझ जाइए कि वह फर्जीवाड़ा कर रहा है। इस इंटरनेट और online के जमाने में सतर्कता ही बचाव है।

योजना का लाभ लेने के लिए इस तरह करें रजिस्ट्रेशन

दोस्तों, जैसा कि हमने आपको बताया कि हरियाणा सीड स्कीम का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन बेहद जरूरी तो आइए अब आपको बताते हैं कि आप इस योजना का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन किस प्रकार से कर सकते हैं। इसकी एक आसान सी प्रक्रिया है, जो कि इस प्रकार है-

  • सबसे पहले कृषि विभाग एवं किसान कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://saralharyana.gov.in/ पर जाएं।
  • यहां आपके सामने एक पेज खुल जाएगा। इस पर registration now के पर click करें। क्लिक करने के बाद आपके सामने एक registration form खुल जाएगा।
Seed Scheme Haryana form
  • आवेदक को रजिस्ट्रेशन फाॅर्म में मांगी गई सभी जानकारियों जैसे नाम, पता, आधार नंबर, मोबाइल नंबर आदि को भरना होगा।
  • सारी जानकारी सही-सही भरकर और जांच कर करके submit के option पर क्लिक कर दें।
  • रजिस्ट्रेशन के बाद आपके मोबाइल नंबर पर एक पासवर्ड आएगा। इस पासवर्ड के माध्यम से आप लाॅगइन (login) कर सकेंगे।
  • लाॅगइन (login) करने के लिए आपको वेबसाइट (website) के होम पेज (home page) पर जाना होगा। यहां लाॅगइन फाॅर्म में आपको आईडी और पासवर्ड भरना होगा।

तो दोस्तों, आपने देखा कि यह रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया कितनी सरल है। एक बात का ध्यान जरूर रखें।रजिस्ट्रेशन करते वक्त तमाम प्रमाण पत्रों को और योजना के तहत मांगे गए दस्तावेजों को ध्यान से अपलोड करें। कोई दस्तावेज छूटे नहीं, वरना आपका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाएगा।

Seed Scheme Haryana In Hindi

साथियों, यह योजना केवल हरियाणा के लोगों के लिए है। दरअसल गणित यह लगाया जा रहा है कि यदि धान के स्थान पर खेतों में अरहर और मक्का बोई जाती है तो 10 गुना अधिक गेहूं का उत्पादन संभव है। इसकी वजह यह है कि मक्का 90 से लेकर सौ दिनों में यानी करीब तीन माह में परिवक्व हो जाता है। इस तरह अक्तूबर तक खेत खाली हो जाते हैं और गेहूं की बुआई को पर्याप्त समय होगा।

वहीं, धान की फसल को पकने में 130 से 140 दिन यानी करीब पांच माह लगते हैं। ऐसे में खेत नवंबर तक खाली हो पाते हैं। फसल अवशेष की दिक्कत पैदा हो जाती है। उसे मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। कई बार सरप्लस फसल होने से किसान के सामने भंडारण (storage) की समस्या खड़ी होती है और ऐसे में वह उसे औने-पौने दाम पर निकालना चाहता है, ताकि फसल खराब न हो और उसे नुकसान न हो।

हरियाणा सीड स्कीम संबंधित प्रश्न उत्तर

हरियाणा सीड स्कीम क्या हैं?

हरियाणा सीड स्कीम प्रदेश के किसानों के लिए सरकार के द्वारा शुरू की गई एक कल्याणकारी योजना है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के किसानों को महंगे बीज खरीदने के लिए सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।

हरियाणा सीड स्कीम ल लाभ बीज खरीदने के लिए मिलने वाली राशि?

प्रदेश सरकार किसानों के लिए इस योजना के अंतर्गत किसानों को मुफ्त बीज उपलब्ध कराएंगी जिनकी कीमत 1200 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक होंगीं।

क्या हरियाणा सीड स्कीम के अंतर्गत आर्थिक सहायता राशि भी मिलेगी?

जी हैं हरियाणा सीड स्कीम के अंतर्गत किसानों को 2000 रूपये प्रति एकड़ के लिए दो चरण में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। जिसका उपयोग करके वह अपने खेती में खाद पानी समय पर लगा सकेंगे।

हरियाणा सीड स्कीम आर्थिक सहायता राशि कब मिलेगी?

हरियाणा सीड स्कीम के अंतर्गत दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि किसानों को जब वह पोर्टल पर रजिस्टर करेंगे तब ₹200 तथा 1800 रूपये बोए गए क्षेत्र के सत्यापन के बाद किसानों को प्रदान किये जायेंगे।

हरियाणा सीड योजना में रजिस्ट्रेशन कैसे करें

अगर आपके पास ऊपर बताए गए सभी दस्तावेज और पात्रता है तो आप https://saralharyana.gov.in/ पोर्टल वेबसाइट पर जाकर अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। जिसके बारे में ऊपर हमने इसके में बारे स्टेप बाए स्टेप बताया है।

अंतिम शब्द –

आपको बता दें कि परंपरागत (traditional) तरीके से खेती, किसानी करने और नवोन्मेषण की ओर रूख न करने की वजह से खेती, किसानी से किसानों को ज्यादा कुछ मिलता नहीं। दूसरे, पानी की अधिक खपत वाली फसलों की बुआई कम करके सरकार पानी की बचत भी करना चाहती है।

वह इसी परंपरागत खेती को मुनाफे वाली खेती में तब्दील करने की मंशा रखती है और इसे बढ़ावा देने के लिए ही वह यह स्कीम लेकर आई है। अब नजर इस योजना के पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) के कामयाब होने पर टिकी है, यदि ऐसा होता है तो पूरे प्रदेश में इस योजना से किसानों को लाभान्वित करने का प्रयास किया जाएगा।

मित्रों, यह थी हरियाणा सीड स्कीम के संबंध में पूरी जानकारी। उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि आप का इस योजना को लेकर कोई सवाल है या फिर आप किसी अन्य जनहित की योजना के संबंध में हमसे जानकारी लेना चाहते हैं तो आप अपनी बात हम तक नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट करके पहुंचा सकते हैं। आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण होगी। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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