|| विक्रम संवत और शक संवत क्या होता है? | Shak samvat and vikram samvat in Hindi | विक्रम संवत क्या होता है? | विक्रम संवत की शुरुआत किसने की थी? | विक्रम संवत व अंग्रेजी कैलेंडर के बीच का अंतर | विक्रम संवत और शक संवत में अंतर | शक संवत का दूसरा नाम क्या है? ||
Shak samvat and vikram samvat in Hindi, आप आज के समय में जो कैलेंडर फॉलो करते हैं वह अंग्रेजी कैलेंडर होता है। इसे हम ग्रेगोरियन कैलेंडर भी कह सकते हैं जो ईसाई धर्म से जुड़ा हुआ है। इस तरह के कैलेंडर को संपूर्ण विश्व में मान्यता प्राप्त है और लगभग हर देश इसी कैलेंडर का उपयोग करता है। अब हम जो महीने या तारीख बताते हैं जैसे कि 23 जुलाई तो वह अंग्रेजी कैलेंडर या ग्रेगोरियन कैलेंडर को ध्यान में रखकर ही बताई जाती है। किन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि विश्व में अन्य कोई कैलेंडर ही नहीं (Shak samvat vs vikram samvat in Hindi) है।
हम भारतीय लोगों ने अंग्रेजों से बहुत अधिक और बहुत पहले उन्नति कर ली थी और जो चीज़ें वे अभी बताते हैं, वे हमारे शास्त्रों और धर्म ग्रंन्थों में बहुत पहले से ही लिख दी गयी थी। हालाँकि कैलेंडर को आधुनिक रूप देने और उसे महीने, दिन तथा वर्ष में बांटने का कार्य अंग्रेजी कैलेंडर के आसपास ही शुरू हुआ था। तो हम बात कर रहे हैं विक्रम संवत व शक संवत की। आपने अवश्य ही इन दोनों के नाम सुने होगे और इन दोनों संवत में आने वाले महीनो को भी सुन रखा (Shak samvat or vikram samvat kya hai) होगा।
वह इसलिए क्योंकि हिन्दू धर्म में जो भी त्यौहार या पर्व आते हैं, वे सभी इन्हीं दोनों संवत पर ही आधारित होते हैं। इसी कारण हर वर्ष अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार दीपावली की तिथि बदल जाती है व अन्य त्योहारों की भी। ऐसे में कभी आपके मन में जिज्ञासा नहीं हुई कि आप इन दोनों विक्रम संवत और शक संवत के बारे में अधिक जानने का प्रयास करें। आज का यह लेख इसी विषय को ध्यान में रखकर ही लिखा गया है जहाँ आपको विक्रम संवत और शक संवत के बारे में जानने को (Shak samvat or vikram samvat ke bare mein jankari) मिलेगा।
विक्रम संवत और शक संवत क्या होता है? (Shak samvat and vikram samvat in Hindi)
आज हम बात कर रहे हैं भारत देश में मान्य तथा सबसे ज्यादा प्रचलित विक्रम संवत और शक संवत के बारे में। वैसे तो भारत देश में कई अन्य संवत या कैलेंडर भी माने जाते हैं लेकिन वे कम प्रचलित हैं। जिस कैलेंडर या संवत को भारत में सबसे ज्यादा माना जाता है या जो ज्यादा प्रचलन में है वे विक्रम संवत और शक संवत ही हैं। भारत सरकार भी अंग्रेजी कैलेंडर की बजाये इसी संवत का पालन करती है और संसद भवन भी इसी के अनुसार ही चलता (Shak samvat or vikram samvat kya hota hai) है।
ऐसे में हर किसी के मन में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि आखिरकार यह विक्रम संवत और शक संवत होता क्या है और इसकी गणना किस तरह से की जाती है। आज का यह लेख इसी विषय को समर्पित है जहाँ हम आपको दोनों तरह के संवत के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे ताकि आपके मन की हरेक शंका को दूर किया जा सके। फिर कभी आपसे कोई भारतीय कैलेंडर के बारे में प्रश्न करे तो आप उसे तुरंत व सटीक उत्तर दे पाने में सक्षम हो सकें, आइये जाने विक्रम संवत और शक संवत के बारे में विस्तार (Vikram samvat or Shak samvat in Hindi) से।
विक्रम संवत क्या होता है? (Vikram samvat kya hai)
विक्रम संवत और शक संवत में से जो संवत पुराना माना जाता है वह विक्रम संवत ही है। इसकी शुरुआत अंग्रेजी कैलेंडर से बहुत पहले हो चुकी थी और तब से लेकर आज तक यह विक्रम संवत चलता आ रहा है। तो इसकी शुरुआत करने का श्रेय महान राजा विक्रमादित्य जी को जाता है। आप सभी ने अवश्य ही विक्रमादित्य जी का नाम सुन रखा होगा क्योंकि ये इतिहास के शक्तिशाली व महान राजा रहे हैं जिनका राज अधिकांश भारत भूमि पर हुआ करता था। उस समय तक विश्व में ना तो ईसाई धर्म आया था और ना ही इस्लाम (Vikram samvat kya hota hai) धर्म।
संपूर्ण भारत भूमि में केवल हिन्दू ही रहते थे और उन्हीं हिन्दुओं के बीच अलग पूजा पद्धति लिए जैन व बौद्ध भी रह रहे थे। सिक्ख धर्म तो बहुत बाद में बना था जब भारत पर मुगल आक्रांताओं का शासन था। इसी बीच भारत भूमि के राजा विक्रमादित्य हुए जो बहुत ही पराक्रमी थे। उन्हीं के दरबार में नवरत्न थे जिनका नाम हमने स्कूल की पुस्तकों में पढ़ रखा होगा। उसमे से दो प्रसिद्ध नवरत्न कालिदास व वराहमिहिर (Vikram samvat in Hindi) थे।
तो उस समय राजा विक्रमादित्य जी ने ही विक्रम संवत की शुरुआत की थी। पहले इसे किसी अन्य नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में इसका नाम विक्रम संवत रख दिया गया। वह इसलिए क्योंकि शुरुआत करने वाले विक्रमादित्य थे तो उन्हीं के नाम में से विक्रम लेकर इस संवत का नाम विक्रम संवत रखा (Vikram samvat kisne chalu kiya) गया। इसके बाद यह भारत के गौरवशाली इतिहास में दर्ज हो गया और तब से लेकर आज तक इस संवत का उपयोग किया जाता रहा है।
विक्रम संवत की शुरुआत किसने की थी? (Vikram samvat ki shuruaat kisne aur kab ki)
वैसे तो विक्रम संवत की शुरुआत करने का श्रेय सम्राट विक्रमादित्य जी को जाता है लेकिन उनके लिए यह कार्य किसने किया था, यह जानना महत्वपूर्ण हो जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि महाराज का कार्य तो केवल अनुमति देना होता है लेकिन उस पर काम तो अन्य लोग करते हैं। अब जिस प्रकार भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी तो किसी कार्य पर अपनी सहमति देंगे या उसे निरस्त कर देंगे लेकिन उसकी जांच रिपोर्ट बनाना, विश्लेषण करना इत्यादि कार्य तो आईएस अधिकारी ही (Vikram samvat ki shuruaat kisne ki) करेंगे।
ठीक उसी तरह महाराज विक्रमादित्य के दरबार में जो नवरत्न थे उसमें से एक वराहमिहिर महान खगोलशास्त्री थे। उन्हें अंतरिक्ष, आकाश, ब्रह्माण्ड, तारों, आकाश गंगा, पृथ्वी, सौर मंडल इत्यादि का बहुत ज्ञान था और उन्होंने इसका कई वर्षों तक गहन अध्ययन व विश्लेषण भी किया था। उसी विश्लेषण के आधार पर ही उन्होंने महाराज विक्रमादित्य को संवत प्रणाली शुरू करने का सुझाव दिया था। इसी के साथ ही उन्होंने यह बताया था कि इसे किस तरह से शुरू किया जा सकता है और इसमें दिन, सप्ताह, महीने व वर्ष की गणना किस आधार पर और क्यों की (Vikram samvat kab shuru hua tha) जाएगी।
यह सुनकर ही महाराज विक्रमादित्य ने उस पर काम करने की अनुमति प्रदान की तथा विश्व के कल्याण तथा समय की गणना करने के उद्देश्य से इस विक्रम संवत की शरूआत की। इससे सभी के लिए कार्य करना और व्यवस्थित तरीके से करना बहुत ही सरल हो गया था। यह भारत के इतिहास में एक अद्भुत व क्रांतिकारी निर्णय था जिसका लोहा आज भी हम सभी मानते (Vikram samvat kab start hua tha) हैं।
विक्रम संवत व अंग्रेजी कैलेंडर के बीच का अंतर (Vikram samvat and English calendar in Hindi)
अब बात करते हैं कि किस तरह से विक्रम संवत का कैलेंडर अंग्रेजी कैलेंडर से अलग होता (Vikram samvat kya chal rha hai) है। तो जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि विक्रम संवत की शुरुआत अंग्रेजी कैलेंडर से बहुत पहले ही हो गयी थी लेकिन आपको अभी तक नहीं पता है कि कितना पहले। तो यहाँ हम आपको बता दें कि विक्रम संवत कैलेंडर की शुरुआत अंग्रेजी कैलेंडर से लगभग 57 वर्ष पूर्व हो गयी थी। इसी कारण विक्रम संवत अंग्रेजी कैलेंडर के वर्तमान वर्ष से 57 वर्ष ऊपर का चलता (Aaj vikram samvat tithi kya hai) है।
उदाहरण के रूप में अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अभी वर्ष 2024 चल रहा है तो विक्रम संवत में यह 2080 होगा। क्योंकि यदि हम 2024 में 57 वर्षों को और जोड़ देंगे तो इनका योग 2080 होगा। तो यदि हमसे कोई पूछे कि अभी विक्रम संवत का कौन सा वर्ष चल रहा है तो हमें उसे 2080 बताना है या जो भी अंग्रेजी वर्ष चल रहा है, उसमे 57 वर्षों को जोड़ देना (Difference between vikram samvat and English calendar in Hindi) है।
शक संवत क्या होता है? (Shak samvat kya hota hai)
अभी तक आपने विक्रम संवत के बारे में संपूर्ण जानकारी ले ली है तो अब बारी है शक संवत के बारे में जानने की। तो यह शक संवत क्या होता है और किस तरह से काम करता है, यह सब कुछ समझना बहुत ही सरल है। वह इसलिए क्योंकि विक्रम संवत व शक संवत में कोई ज्यादा अंतर नहीं है क्योंकि दोनों में ही दिन, सप्ताह, महीने व वर्ष की गणना समान रूप से की गयी है, दोनों में ही महीनो के नाम एक जैसे हैं और बाकि सब कुछ भी एक जैसा ही है। हालाँकि दोनों में नया वर्ष शुरू होने की तिथियाँ भिन्न भिन्न होती (Shak samvat kya hai) है।
तो यह शक संवत विक्रम संवत के बाद शुरू हुआ था। यहाँ तक कि यह शक संवत अंग्रेजी कैलेंडर के भी बाद शुरू हुआ था। तो इस तरह से हम शक संवत के कैलेंडर को सबसे आधुनिक कह सकते हैं जो विक्रम संवत के कैलेंडर और अंग्रेजी कैलेंडर के बाद शुरू हुआ माना जाता है। इसे शाक्य वंश के शासकों के द्वारा शुरू किया गया था। उस समय तक विश्व में ईसाई धर्म की शुरुआत हो चुकी थी लेकिन इस्लाम व सिख धर्म नहीं शुरू हुआ (Shak samvat in Hindi) था।
यहाँ तक कि भारत सरकार के द्वारा भी इसी शक संवत के कैलेंडर को ही माना जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि भारत की सरकार दोनों में से जिस संवत को प्राथमिकता देती है वह शक संवत ही है और सरकार के द्वारा विक्रम संवत के कैलेंडर को इतना फॉलो नहीं किया जाता है। किन्तु धर्म में विक्रम संवत की ज्यादा महत्ता है और हमारे सभी त्यौहार व मुख्य पर्व विक्रम संवत की तिथियों के आधार पर ही आयोजित किये जाते (Shak samvat kisne chalu kiya) हैं।
शक संवत की शुरुआत किसने की थी? (Shak samvat ki shuruaat kisne ki thi)
अब यदि आप यह जानना चाहते हैं कि इस शक संवत के कैलेंडर की शुरुआत किसने की थी तो उसका श्रेय शाक्य वंश के राजाओं के नाम है। उन्होंने विक्रम संवत के कैलेंडर में कुछ बदलाव किये और उसी के आधार पर ही अपने वंश के नाम का कैलेंडर या संवत बना दिया और भारत देश को एक नया कैलेंडर (Shak samvat ki shuruaat kab hui thi) दिया।
यहाँ तक कि प्राचीन जो भी शिलालेख मिलते हैं या जो भी प्रमाण पाए जाते हैं, उनमे मुख्य तौर पर शक संवत की तिथियों का ही वर्णन किया गया है। यही कारण है कि इन शिलालेखों को आधार मान कर भारत सरकार भी शक संवत के कैलेंडर को ही मानती है और उसी के आधार पर ही सभी नीतियों व योजनाओं का क्रियानव्यन किया जाता है।
शक संवत व अंग्रेजी कैलेंडर में अंतर (Difference between shak samvat and English calendar in Hindi)
अब यदि हम शक संवत व अंग्रेजी कैलेंडर के बीच के अंतर को जानना चाहें तो यह अंतर बहुत ही स्पष्ट होगा। ऊपर आपने विक्रम संवत व अंग्रेजी कैलेंडर के बीच के अंतर को जाना जिसमे आपने यह पता लगाया कि विक्रम संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 वर्ष आगे है। साथ ही हमने आपको यह भी बता दिया है कि शक संवत ना केवल विक्रम संवत से बल्कि अंग्रेजी कैलेंडर से भी बहुत पीछे है। इसका सीधा सा अर्थ यह हुआ कि शक संवत की शुरुआत विक्रम संवत व अंग्रेजी कैलेंडर के बाद की गयी थी लेकिन कितना, यह जानना अभी बाकि (Shak samvat and English calendar in Hindi) है।
तो आज हम आपको बता दें कि शक संवत की शुरुआत अंग्रेजी कैलेंडर शुरू होने के लगभग 78 वर्षों के बाद की गयी थी। इसका अर्थ यह हुआ कि शक संवत का कैलेंडर अंग्रेजी कैलेंडर से 78 वर्ष पीछे रहता है। अब यदि हम वर्तमान अंग्रेजी कैलेंडर के वर्ष का उदाहरण लेकर शक संवत का वर्ष निकालना चाहें तो वह भी बहुत सरल होगा।
वर्तमान समय में अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2024 चल रहा है। इस अनुसार अभी शक संवत का 1945 वर्ष चल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि हम वर्ष 2024 में से 78 वर्षों को घटाएंगे तो प्राप्त वर्ष 1945 होगा। इस अनुसार अभी के समय में 1945 शक संवत का वर्ष चल रहा है। इसी तरह वर्तमान अंग्रेजी कैलेंडर का जो भी वर्ष चल रहा हो, उसमे से आपको शक संवत का वर्ष निकालने के लिए 78 वर्षों को उसमे से घटाना होगा।
विक्रम संवत और शक संवत में अंतर (Difference between shak samvat or vikram samvat in Hindi)
अंत में आप दोनों तरह के संवत में अंतर को भी पहचान लेंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा। तो ऊपर के लेख में आपने विक्रम संवत और शक संवत का अंग्रेजी कैलेंडर से कितना अंतर है, यह तो जान लिया है लेकिन विक्रम संवत और शक संवत के बीच में क्या अंतर है, यह जानना बाकि रह गया है। तो विक्रम संवत तो अंग्रेजी कैलेंडर से 57 वर्ष आगे है जबकि शक संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 78 वर्ष पीछे है। इस अनुसार विक्रम संवत और शक संवत के बीच का अंतर 135 वर्ष का हो जाता है क्योंकि यदि हम 57 वर्ष व 78 वर्ष को जोड़ेंगे तो प्राप्त संख्या 135 वर्ष (Shak samvat and vikram samvat in Hindi) होगी।
इस अनुसार विक्रम संवत शक संवत से कुल 135 वर्ष आगे होता है। तभी तो अभी के समय शक संवत का वर्ष 1945 चल रहा है जबकि विक्रम संवत का वर्ष 2080 आ पहुंचा है। इसी के साथ ही यदि हम यह देखें कि भारत का संविधान या सरकार किस तरह के कैलेंडर का पालन करती है तो वह शक संवत होगा। वह इसलिए क्योंकि शक संवत के प्रमाण व अन्य जानकारी शिलालेखों में अंकित की गयी है और उसी को आधार मानकर भारत सरकार के द्वारा शक संवत का पालन किया जाता (Difference between shaka samvat and vikram samvat in Hindi) है।
जबकि दूसरी ओर, हिन्दू धर्म में मुख्य तौर पर जिस कैलेंडर का पालन किया जाता है वह विक्रम संवत है। विक्रमादित्य बहुत ही महान राजा थे जिनका शासन लगभग संपूर्ण भारत भूमि पर था। उनके शासन काल में विज्ञान को बहुत प्राथमिकता दी गयी थी और उसी कारण वराहमिहिर जी ने इस संवत की शुरुआत की थी जो बहुत ही ज्यादा सटीक गणना थी। इसी कारण हमारे सभी त्यौहार, पर्व, आयोजन, शुभ मुहूर्त इत्यादि में विक्रम संवत को ही आधार माना गया है।
विक्रम संवत और शक संवत क्या होता है – Related FAQs
प्रश्न: विक्रम एवं शक संवतों में कितना अंतर वर्षों में है?
उत्तर: विक्रम संवत एवं शक संवत में 78 वर्षों का अंतर है।
प्रश्न: शक संवत का दूसरा नाम क्या है?
प्रश्न: विक्रम संवत की शुरुआत कब और किसने की?
उत्तर: शक संवत को शालिवाहन भी कहा जाता है।
उत्तर: विक्रम संवत की शुरआत विक्रमादित्य ने अंग्रेजी कैलेंडर से 57 वर्ष पहले कर दी थी।
प्रश्न: 2024 में कौन सा विक्रम संवत चल रहा है?
उत्तर: 2024 में 2080 विक्रम संवत चल रहा है।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने विक्रम संवत और शक संवत के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली है। आपने जाना कि विक्रम संवत और शक संवत क्या होता है विक्रम संवत और शक संवत की शुरआत किसने की थी विक्रम संवत, शक संवत और अंग्रेजी कैलेंडर में क्या कुछ अंतर है इत्यादि। आशा है कि जो जानने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह जानकारी आपको मिल गई होगी।