SHO Kaise Bane? SHO कैसे बने? थाना प्रभारी कैसे बनें?

SHO kaise bane, बहुत से युवा सेना में या पुलिस में जाने का सपना देखते है। ऐसे में जो युवा सेवा में नही जा पाते या नही जाना चाहते हैं तो वे अपने राज्य की पुलिस (SHO kaise banta hai) में सेवा देना चाहते हैं। ताकि वे अपने ही राज्य में रहकर वहां के लोगों की सेवा कर सके। ऐसे में यदि आप भी पुलिस में जाना चाहते हैं और एसएचओ बनना चाहते हैं तो आज हम आपको इसी के बारे में संपूर्ण रूप से (SHO banne ke liye kya karna chahie) बताएँगे।

दरअसल बहुत से लोग इस बात को लेकर आशंका में आहते हैं कि पुलिस में SHO की पोस्ट क्या होती हैं या SHO बनने के लिए क्या किया जाए या (SHO banne ke liye kya kare) क्या हम सीधे SHO बन सकते हैं या नही इत्यादि। यदि आप भी SHO बनना चाहते हैं और इसके लिए सीरियस हैं तो आज हम आपको SHO बनने के ऊपर पूरी जानकारी देने वाले हैं। आइए जाने SHO बनने के लिया क्या किया जाए।

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SHO कैसे बने? (SHO kaise bane)

यदि आप सच में SHO बनने को लेकर सीरियस हैं और इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको SHO के बारे में जानना आवश्यक (SHO kaise bane in Hindi) हैं।

ऐसा इसलिए क्योंकि जब तक आपको SHO के बारे में ही सही से नही पता होगा या फिर उसके काम क्या होते हैं इत्यादि नही पता होगा तो फिर आप SHO बनने के लिए आगे कैसे बढ़ पाएंगे।

इसलिए SHO बनने से पहले उसके बारे में जान (SHO kaise bante hain) लेना जरुरी हैं। आइए जाने SHO के क्या क्या काम होते हैं व उसकी पोस्ट क्या होती है।

SHO Kaise Bane? SHO कैसे बने? थाना प्रभारी कैसे बनें?

SHO क्या होता है (SHO kya hota hai)

भारत देश की सीमाओं की रक्षा व बाहरी शत्रुओं से रक्षा करने के लिए सेना होती है और सीमा पर जगह जगह सेना की चौकी स्थापित की जाती है। ठीक उसी तरह भारत के अंदरूनी मामले सुलझाने, अपराध पर नियंत्रण रखने व कानून का पालन करवाने के लिए पुलिस होती है।

यह पुलिस जहाँ अपना काम करती है उसे थाना कहा जाता है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि जिस प्रकार सेना के काम करने के लिए एक चौकी का निर्माण किया जाता (SHO kon hota hai) है ठीक वैसे ही पुलिस को अपना काम करने के लिए एक थाना दिया जाता है। अब उस थाने में उस जगह की पुलिस प्रतिदिन आती है, अपने दैनिक काम करती है और ड्यूटी ख़त्म होने पर चली जाती है।

इसी तरह भारत के हर जिले, शहर, नगर, जनपद, गाँव हर जगह थाने बनाये जाते हैं। यह थाने वहां की जनसंख्या व क्षेत्रफल के अनुपात पर निर्भर करते हैं। जैसे कि कोई शहर बड़ा हैं तो वहां 5 से 10 थाने हो सकते हैं तो कोई शहर छोटा होगा जहाँ 2 से 3 थाने ही होंगे तो गाँव इत्यादि में तो एक या दो थाने ही देखने को मिलेंगे।

ऐसे में उस थाने में कई रैंक के पुलिस अधिकारी काम करते हैं जिनमे कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर, SHO इत्यादि आते हैं। अब उस थाने का जो SHO होता हैं वह उस थाने का इंचार्ज या यूँ कहे कि मालिक होता हैं। SHO को एक थाने का नेतृत्व दिया जाता हैं और वह थाना एक SHO के अंतर्गत ही आता हैं।

SHO की फुल फॉर्म क्या है (SHO ka full form)

यदि SHO की फुल फॉर्म की बात की जाए तो वह होगी स्टेशन हेड ऑफिसर या Station Head Officer. इसे हिंदी में थाना इंचार्ज या थाना प्रभारी भी (SHO ka hindi arth) कह देते हैं।

कभी कभी इसे थाने का उच्च अधिकारी भी कह दिया जाता हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि भारत देश में जितने भी थाने हैं, उसमे राज्य सरकार के द्वारा एक-एक SHO की नियुक्ति की जाती हैं।

अब उस थाने के SHO के ऊपर ही वहां का हर उत्तरदायित्व होता हैं। इसमें थाने के संचालन से लेकर बाकि अधिकारियों में समनव्य स्थापित करना, अपराध पर नियंत्रण रखना इत्यादि सम्मिलित होते हैं। हर थाने का एक SHO होता है और वह थाना उसी SHO के अंतर्गत कार्य करता है।

SHO के कार्य (SHO ka kya kam hota hai)

अब बात करते हैं कि SHO के काम क्या क्या होते हैं। अब तक आप यह तो जान ही गए होंगे कि एक SHO के ऊपर ही संपूर्ण थाने का उत्तरदायित्व होता (SHO ka kam) हैं और वहां होने वाली हर घटना का जिम्मा उसी के ऊपर आता हैं। ऐसे में एक SHO के काम को विस्तार से जानने के लिए आइये नीचे लिखे बिंदुओं को पढ़ें।

  • SHO को अपने अंतर्गत आने वाले थाने का संपूर्ण संचालन करना होता हैं। उस थाने में हो रही गतिविधि के लिए वह ही उत्तरदायी होता हैं।
  • हर थाने को एक क्षेत्र दिया जाता हैं अर्थात जहाँ भी वह थाना होगा तो वहां उसके चारों ओर एक निश्चित क्षेत्रफल वहां की सरकार के द्वारा पूर्व निर्धारित किया हुआ होता हैं। ऐसे में अपने थाने के अंतर्गत आने वाले हर अपराध को देखना उसी SHO का कार्य होता हैं।
  • उस थाने में जो भी अन्य अधिकारी या पुलिस के लोग कार्य करते हैं, उनमे काम का वितरण करना, उन्हें आदेश देना या उन्हें कब क्या करना हैं इत्यादि के बारे में बताना SHO का ही कार्य होता है।
  • यदि उस थाने के क्षेत्रफल में कोई अपराध हुआ हैं तो उसकी जांच पड़ताल करना व केस को सुलझाना SHO का ही काम होता हैं।
  • उस थाने में जो भी केस पहले से हैं, उन्हें भी सुलझाने व प्रगति करने का कार्य भी SHO का ही होता है।
  • अपने क्षेत्र में पेट्रोलिंग कर अपराध नियंत्रण का कार्य भी SHO का ही होता है।
  • उस थाने से संबंधित केस पर न्यायिक प्रक्रिया में भाग लेना व न्यायाधीश के समक्ष प्रमाण रखना भी SHO का कार्य होता है।
  • थाने की बिल्डिंग में कोई समस्या है या वहां मरम्मत की आवश्यकता है या कुछ और कार्य करवाना है तो यह भी SHO को ही देखना होता है।
  • अपने अधिकार क्षेत्र में गलत गतिविधियों को रोकना व अपराधियों को गिरफ्तार करने का कार्य भी SHO का ही होगा।
  • किसी दूसरे थाने में या शहर में कोई घटना होती है और वहां के अधिकारी के द्वारा संपर्क किया जाता हैं या कोई जानकारी मांगी जाती हैं तो वह जानकारी उपलब्ध करवाना भी SHO का ही कार्य होता है।
  • अपने से उच्च अधिकारियों अर्थात DSP इत्यादि को रिपोर्ट करना व उन्हें सब काम के बारे में अवगत करने का उत्तरदायित्व भी SHO का ही होता है।
  • अपने क्षेत्रफल में किसी बड़े अधिकारी, मान्यता प्राप्त व्यक्ति, राजनीति के लोगों या अन्य गणमान्य लोगों को सुरक्षा देना, उनके सुरक्षाकर्मियों के साथ सहयोग करना व उनके कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने का उत्तरदायित्व भी SHO का ही होगा।

कुल मिलाकर एक SHO के ऊपर अपने थाने व उस थाने के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रफल की संपूर्ण जिम्मेदारी होगी। उसे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले संपूर्ण एरिया में भारतीय कानून का पालन करवाना होगा व अपराध पर नियंत्रण कर दोषियों पर कठोर कार्यवाही करनी होगी।

SHO कैसे बनते है? (SHO kaise bante hain)

अब जब आपने SHO के बारे में सबकुछ जान लिया हैं और वह क्या क्या कार्य करता हैं, इत्यादि के बारे मे भी विस्तार से जान गए हैं तो आपके मन में भी SHO बनने के सपने आ रहे होंगे। ऐसे में SHO बनने के लिए क्या किया जाए या फिर इसके लिए आपको क्या क्या तैयारी करनी होगी, यह भी जानना होगा। तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

दरअसल सबसे पहले तो आपका यह जानना आवश्यक हैं कि आप किसी भी तरीके से सीधे SHO नही बन सकते हैं फिर चाहे आप भारत के (SHO banne ke liye kya karen) किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में क्यों ना रहते हो।

यदि आपको किसी भी वेबसाइट पर या अन्य किसी व्यक्ति के द्वारा सीधे SHO बनने के बारे में बताया गया है तो वह आपको बस भ्रमित कर रहा हैं। भारत के किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में सीधे SHO बनने की अभी तक कोई भी सुविधा उपलब्ध नही है।

SHO बनने के लिए आवश्यक मापदंड

तो अब आपकी यह शंका दूर हो गयी हैं कि सीधे कभी भी SHO नही बना जा सकता हैं तो चलिए जानते हैं SHO बनने के लिए आपको क्या करना पड़ेगा। इसके लिए आपको पहले कुछ मापदंड पूरे करने होंगे।

किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री

सबसे पहले तो आपको अपनी दसवीं व बारहवीं एक मान्यता प्राप्त विद्यालय से पूरी करनी होगी। हालाँकि इसमें नंबर को लेकर कोई मापदंड नही हैं और आपको बस यह कक्षाएं पास करनी हैं।

इसके बाद आपको किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से एक डिग्री प्राप्त करनी हैं। यह डिग्री आप किसी भी क्षेत्र में प्राप्त कर सकते हैं फिर चाहे वह बीएससी की हो या इंजीनियरिंग की या कुछ और।

शारीरिक रूप से फिट

यदि आप किसी भी तरह की सेना में जाना चाहे फिर चाहे वह पुलिस हो या सीमा सुरक्षा बल या कुछ और, हर किसी में आपका शारीरिक टेस्ट या फिजिकल टेस्ट अनिवार्य रूप से लिया जाएगा। इसलिए अपने आप को फिजिकली एकदम फिट रखें। इसके लिए आप रोजाना कई किलोमीटर की दौड़ लगाए क्योंकि SHO बनने के लिए आपको कई बार अपराधी को पकड़ने में भागना पड़ेगा।

इसके साथ ही अन्य व्यायाम करे या जिम जाए और एक अच्छी बॉडी बनाए। आप दुबले पतले होंगे तो आपको पहले ही रिजेक्ट कर दिया जाएगा। वही आप एक दम हष्ट पुष्ट वाले शरीर के होंगे तो आपकी पर्सनालिटी अलग ही बनेंगी। इसलिए अभी से अपने शरीर पर ध्यान देना शुरू कर दीजिए।

मेडिकल रूप से भी फिट

यदि आपको मेडिकल रूप से कोई समस्या हैं जैसे कि आपको साँस की बीमारी हैं या वह जल्दी फूल जाती है, चक्कर आ जाते हैं या कुछ और तो भी आपको SHO के लिए नही चुना जाएगा। इसलिए अपने आप को मेडिकल रूप से एकदम फिट रखें। इसके लिए आप सही भोजन करने का नियम बनाए।

अपने भोजन में पोषक तत्वों से भरपूर चीज़े रखें जैसे कि हरी सब्जियां, दही, दूध, देसी घी, फल इत्यादि प्रोटीन कैल्शियम से भरपूर भोजन। साथ ही बाहर का भोजन या तला हुआ भोजन करने से बचे। इसके साथ ही प्रतिदिन 1 घंटा योग करने का नियम बनाए।

SHO की भर्ती कैसे होती है (SHO kaise bane in Hindi)

तो आपने ऊपर दिए गए सभी काम सफलतापूर्वक कर लिए हैं तो अब जान लेते हैं कि SHO की भर्ती कैसे होती हैं। जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि SHO की भर्ती सीधे नही होती तो इसके लिए आपको पुलिस में पहले किसी और पोस्ट पर नियुक्त होना पड़ेगा और फिर आपके काम को देखकर एक समय के बाद प्रमोशन के द्वारा आपको SHO बना दिया जाएगा।

अब इसमें भी आप दो तरीके से SHO बन सकते हैं। एक की प्रक्रिया थोड़ी लंबी हैं जिसमें आपको कई सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ेगी तो एक में आपको ज्यादा मेहनत करनी होगी और फिर आप कुछ वर्षों में ही आप SHO बन जाएंगे। आइए दोनों के बारे में जाने।

SI से SHO कैसे बने?

इसके लिए राज्य सरकारों के द्वारा SI के पेपर करवाए जाते हैं। यह परीक्षा हर राज्य के स्तर पर अलग-अलग आयोजित करवाई जाती हैं। इनमे हर राज्य के लिए वहां के निवासियों का स्थायी आरक्षण होता हैं व बाहर के राज्यों के निवासियों के लिए कुछ सीट्स होती हैं।

ऐसे में आप अपने राज्य के एसआई का पेपर दे सकते हैं। इसमें आपकी एक लिखित परीक्षा ली जाएगी जिसमें आपसे गणित, अंग्रेजी, राज्य की स्थानीय भाषा, रीजनिंग, सामान्य ज्ञान, कानून इत्यादि से प्रश्न पूछे जाएंगे।

इसके साथ ही इसमें पास होने के लिए आपका फिजिकल व मेडिकल टेस्ट भी होगा। अंत में आपका इंटरव्यू लिया जाएगा जिसे पास करने के बाद आपको SI की पोस्ट पर चुन लिया जाएगा।

अब आप किसी थाने में SI के पद पर नियुक्त कर दिए जाएंगे। अगले कुछ वर्षों में आपको वहां के SHO के नीचे रहकर कार्य करना होगा। इसमें आपको कंधे पर दो स्टार मिलेंगे व उसके नीचे लाल व नीले रंग की पट्टी होगी। अब आपके उच्च अधिकारियों द्वारा आपके काम को देखकर और SHO के खाली पड़े पद को देखकर आपकी संबंधित थाने में SHO के पद पर नियुक्ति कर दी जाएगी।

तो यह थी एक प्रक्रिया जिसमें आपको सबसे पहले एक डिग्री लेनी होगी और फिर राज्य सरकार द्वारा आयोजित SI की परीक्षा पास करनी होगी। उसके बाद आपको कुछ वर्ष तक SI के पद पर ही कार्यरत रहना पड़ेगा और फिर कुछ वर्षों बाद आपको SHO बना दिया जाएगा।

कांस्टेबल से SHO कैसे बने?

यह थोड़ी लंबी प्रक्रिया हैं लेकिन इसमें SI की तरह ज्यादा पढ़ना नही पढ़ता। साथ ही इसमें ना तो आपको डिग्री करनी होती हैं और ना ही किसी भारी भरकम परीक्षा को पास करना होता हैं। इसके लिए बस आप अपनी बारहवीं कक्षा को पास करे और पुलिस की कांस्टेबल भर्ती की परीक्षा में बैठ जाए। इसमें आपका फिजिकल व मेडिकल टेस्ट लिया जाएगा व कुछ सामान्य प्रश्न पूछे जाएंगे।

इसके पश्चात आपको किसी थाने में कांस्टेबल के पद पर नियुक्त कर दिया जाएगा। उसके बाद साल दर साल आपके काम करने के आधार पर उच्च अधिकारियों के द्वारा आपका प्रमोशन किया जाएगा। इसमें आप कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल बनेंगे फिर कुछ वर्षों में आपको असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (एएसआई) और फिर सब इंस्पेक्टर (एसआई) बना दिया जाएगा।

एसआई बनने के बाद तो SHO बनना बहुत सरल होता हैं। बस इसके लिए आपको अपने SHO के अंतर्गत आकर सही से काम करना होता हैं और उनकी नज़र में SHO के पद के लिए एक बेहतर व्यक्ति बनकर दिखाना होता हैं। इसके बाद आपको आपके काम के आधार पर एक दिन SHO बना दिया जाएगा।

हालाँकि कांस्टेबल से SHO बनने की प्रक्रिया बहुत लंबी होती हैं और कई कई को तो इसमें 15 से 20 साल भी लग जाते हैं। कुछ कुछ तो इस पद के पास तक पहुँच जाते हैं लेकिन इतने में ही उनकी रिटायर होने की उम्र हो जाती हैं। इसलिए यदि आप SHO बनने के इच्छुक हैं तो SI का पेपर क्लियर करें।

SHO का रैंक क्या होता है (SHO ki power kya hoti hai)

अब जब आप SHO बन जाएंगे तब आपको इसके रैंक के बारे में भी जानना होगा। दरअसल एक SHO के कंधे पर तीन स्टार होते हैं जिससे उसकी अहमियत (SHO ki post) पता चलती हैं। साथ ही उन तीन स्टार के नीचे लाल व नीले रंग की पट्टी होती हैं। वह उस थाने का इंचार्ज कहलाता हैं तथा कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, एएसआई, एसआई इत्यादि उसके नीचे आते हैं।

यदि बात SHO के ऊपर आने वाले अधिकारियों की की जाए तो उन्हें आईपीएस कहा जाता हैं जिनमे एएसपी, डीएसपी, एसपी, डीआईजी, आईजीपी, डीजीपी इत्यादि आते हैं। यह सभी अधिकारी SHO के ऊपर आते हैं लेकिन एक SHO को अपने एएसपी को रिपोर्ट करना होता है।

SHO का वेतन (SHO ki salary)

अब सबसे महत्वपूर्ण बात जो हैं SHO को मिलने वाले वेतन की है। दरअसल पुलिस में हर किसी को उसके पद या रैंक के अनुसार ही वेतन मिलता है। जैसे जैसे पद बड़ा होता जाता है वैसे वैसे ही उसका वेतन भी बढ़ता जाता है। एक SI के तौर पर वह 45 से 60 हज़ार का वेतन सरकार से लेता (SHO ki salary kitni hoti hai) है लेकिन SHO बनते ही उसका वेतन 60 से 75 हज़ार के बीच हो जाता है।

यह वेतन हर राज्य सरकार व केंद्र शासित प्रदेशों में भिन्न भिन्न होता है। हालाँकि केंद्र सरकार के द्वारा राज्य सरकार की तुलना में अपने SHO को ज्यादा वेतन दिया जाता है।

SHO कैसे बनें – Related FAQs

प्रश्न: SHO बनने के लिए क्या करना पड़ता है?

उत्तर: SHO बनने के लिए सीधी भर्ती नही होती हैं और इसके लिए आपको पहले पुलिस में एसआई बनना पड़ता है।

प्रश्न: एस एच ओ के कितने स्टार होते हैं?

उत्तर: एस एच ओ के तीन स्टार होते है।

प्रश्न: थानेदार और इंस्पेक्टर में क्या अंतर है?

उत्तर: थानेदार या इन्पेक्टोर एक ही होते हैं या फिर कभी कभी बड़े थाने में इंस्पेक्टर को थानेदार के नीचे लगाया जाता है।

प्रश्न: SI बनने के लिए कितनी पढ़ाई चाहिए?

उत्तर: SI बनने के लिए आपके पास किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।

प्रश्न: थानेदार की सैलरी कितनी होती है?

उत्तर: थानेदार की सैलरी 50 हज़ार से लेकर एक लाख तक हो सकती है।

प्रश्न: एक थाने में कितने इंस्पेक्टर होते हैं?

उत्तर:एक थाने में इंस्पेक्टर की संख्या उस थाने के आकर पर निर्भर करती है। किसी थाने में एक इंस्पेक्टर होता है तो किसी में 4 से 5 भी।

प्रश्न: एसएचओ किसे कहते हैं

उत्तर: एसएचओ एक थाने के इंचार्ज को कहते है जो उस थाने के प्रमुख होता है।

तो आज आपने जाना कि एक SHO का क्या करता होता है, SHO का मतलब क्या होता है, SHO करता क्या है, SHO कैसे बना जाता है, SHO बनने के लिए क्या करना पड़ता है, इत्यादि। तो अभी भी आपके मन में SHO बनने को लेकर कोई शंका रह गयी हैं तो नीचे कमेंट करके हमें बताएं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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