SIDBI क्या होता है? | SIDBI की फुल फॉर्म, स्थापना, उद्देश्य व फायदे | SIDBI kya hota hai

SIDBI kya hota hai: भारत देश में कई तरह के उद्योग कार्यरत हैं। अब इसमें कुछ बहुत बड़ी कंपनियां है तो कुछ राष्ट्रीय स्तर की कंपनियां है। वहीं हजारों लाखों उद्योग ऐसे हैं जो छोटे या मध्यम आकार के होते हैं। इन्हें सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग के नाम से जाना जाता है जिन्हें अंग्रेजी में Micro, small and medium enterprises के नाम से जाना जाता है। हालाँकि ज्यादातर इसे इसकी शोर्ट फॉर्म जो कि MSME होती है, उसी के नाम से ही जाना जाता है। ऐसे में भारत सरकार इन MSME उद्योगों की सहायता करती है और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बनाती (SIDBI kya hai in Hindi) है।

अब देश में एक नहीं बल्कि लाखों उद्योग हैं जो MSME के अंतर्गत कार्य करते हैं या कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें आगे बढ़ने या विकास करने के लिए समय समय पर पैसों की आवश्यकता पड़ती रहती है। इनमें से बहुत से उद्योगों को पैसा मिलने में समस्या आती है और मिलता भी है तो वह उच्च ब्याज दर पर मिलता है। इस कारण ये उद्योग आगे बढ़ने की बजाये पीछे चले जाते हैं। इसी कारण भारत सरकार ने SIDBI की स्थापना की है जो MSME की सहायता करने के उद्देश्य से बनाया गया (SIDBI bank kya hai) है।

इसकी स्थापना तो लगभग तीन दशक पहले ही हो गयी थी लेकिन आज भी बहुत से लोगों को इसके बारे में सही जानकारी ही नहीं होती है। ऐसे में आज हम आपके सामने SIDBI के बारे में समूची जानकारी रखने जा रहे हैं ताकि आपके मन की हरेक शंका पर पूर्ण विराम लग सके। तो चलिए जानते हैं SIDBI क्या होता है और इसकी फुल फॉर्म क्या (SIDBI ke bare mein) है।

SIDBI क्या होता है? (SIDBI kya hota hai)

यहाँ हम सबसे पहले तो SIDBI के बारे में जान लेते हैं कि आखिरकार SIDBI है क्या। तो यह भारत सरकार के द्वारा स्थापित एक ऐसा बैंक होता है जो भारत देश में हर वह उद्योग जो सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग अर्थात MSME के अंतर्गत पंजीकृत है, उनकी हर तरह से सहायता करने का कार्य करता है। अब वह सहायता चाहे वित्तीय तौर पर हो या अन्य परामर्श लेना हो या उन्हें किसी अन्य चीज़ में सहायता की आवश्यकता (SIDBI kya hai) हो।

SIDBI क्या होता है

इसका मुख्य उद्देश्य तो ऐसे उद्योगों या बिज़नेस को शुरूआती तौर पर ऋण उपलब्ध करवाना या ऋण देने में उनकी सहायता करना होता है। यदि उन्हें किसी अन्य बैंक या संस्था से भी ऋण चाहिए तो भी वे SIDBI की सहायता से वहां आवेदन दे सकते हैं और SIDBI इसमें उनकी पूरी सहायता करता है। इतना ही नहीं, बल्कि यह उनके प्रोजेक्ट में फंडिंग दिलवाने या वर्किंग कैपिटल के लिए भी लोन उपलब्ध करवाता (SIDBI kya hota hai in Hindi) है।

ऐसे में यह भारत सरकार की वह संस्था कहलाती है जो देश के सभी छोटे उद्योगों के लिए पैसों के मामले में एक संजीवनी सिद्ध हुई है। यदि उन्हें कहीं और से लोन नहीं मिलता है तो वे यहाँ से भी उसके लिए आवेदन कर सकते हैं। यहाँ से उन्हें लोन पर सभी तरह की सहूलियत मिलती है और ब्याज दर भी बहुत कम होती है। इससे उनके लिए आगे बढ़ना और विकास करना बहुत ही सरल हो जाता (What is SIDBI in Hindi) है।

SIDBI की फुल फॉर्म क्या है? (SIDBI full form in Hindi)

अब हम बात करते हैं SIDBI की फुल फॉर्म के बारे में। तो यह अंग्रेजी भाषा का एक शब्द है, ऐसे में इसकी फुल फॉर्म भी अंग्रेजी में ही होगी। ऐसे में SIDBI की फुल फॉर्म Small Industries Development Bank of India होती है। इसे अंग्रेजी में स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया के नाम से लिखा जाता है। वहीं यदि हम इसके हिंदी नाम की बात करें तो SIDBI को हिंदी में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक के नाम से जाना जाता है।

अब जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि इसका यह नाम क्यों रखा गया है। पहली बात तो यह भारत के उद्योग के लिए बनाया गया बैंक है, इसलिए इसके नाम में भारतीय रखा गया है। वहीं जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि यह MSME उद्योग को समर्थन करता है, इसलिए इसके नाम में लघु उद्योग शब्द को जोड़ा गया है। वहीं यह एक ऐसा बैंक है जो उन उद्योगों के विकास में सहायता करता है, इसलिए यहाँ विकास शब्द का उल्लेख भी देखने को मिलता है।

अब अंत में इसके नाम में बैंक शब्द को जोड़ा गया है। अब बैंक उसे कहा जाता है जो लोगों का पैसा सुरक्षित रखने का काम तो करता ही है और उसी के साथ साथ जरुरत पड़ने पर उन्हें ब्याज के तौर पर देता भी है। वही काम इस SIDBI के द्वारा किया जा रहा है जो जरूरतमंद MSME उद्योग को समय पड़ने पर लोन देने का काम करता है। इस कारण इसके नाम में ही इसका अर्थ छुपा हुआ है।

SIDBI की स्थापना कब हुई थी? (SIDBI ki sthapna kab hui)

अब यदि आप SIDBI के स्थापना वर्ष के बारे में जानना चाहते हैं तो यह तो हमने आपको पहले ही बता दिया है कि इसकी स्थापना लगभग तीन दशक पहले ही हो गयी थी। ऐसे में SIDBI की स्थापना 2 अप्रैल 1990 में हुई थी अर्थात आज से लगभग 33 वर्ष पहले। तब से ही देशभर में इसकी कई शाखाएं खोली जा चुकी है और हजारों उद्योगों को ऋण व अन्य सेवाएं उपलब्ध करवायी जा चुकी (SIDBI established in Hindi) है।

एक तरह से पिछले 30 वर्षों में SIDBI के द्वारा ऐसे कई उद्योगों को खड़ा किया गया है जो या तो डूब रहे थे या विकास नहीं कर पा रहे थे। सही समय पर SIDBI से मिले लोन के कारण ही आज वे विकसित हैं और कई राज्यों में सफल व्यापार कर रहे हैं। यही कारण है कि SIDBI को देश के MSME उद्योगों के लिए वरदान माना गया (SIDBI was set up in the year in Hindi) है।

SIDBI किसके अंतर्गत आती है?

SIDBI को भारत सरकार के द्वारा स्थापित किया गया था ताकि देश के छोटे उद्योगों को सशक्त करने का काम किया जा सके। अब SIDBI का सब काम पैसों या वित्त से जुड़ा हुआ है तो अवश्य ही आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि यह भारत सरकार के किस मंत्रालय के अंतर्गत आता होगा। तो SIDBI को भारत सरकार का वित्त मंत्रालय संभालता है और उसे वित्त मंत्री व वित्त सचिव को ही अपनी रिपोर्ट भेजनी होती है।

देश में पिछले तीन दशक में तरह तरह की सरकार आयी है और गयी है। ऐसे में जो भी वित्त मंत्री रहता है या जिस भी अधिकारी को वित्त सचिव का कार्यभार मिलता है, उसके द्वारा ही SIDBI की कार्यप्रणाली और प्रबंधन को संभालने का काम किया जाता है। इसी के साथ ही उनके द्वारा SIDBI का चेयरमैन भी नियुक्त किया जाता है।

SIDBI का अध्यक्ष कौन है? (SIDBI ke adhyaksh kaun hai)

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के द्वारा SIDBI के अध्यक्ष की भी नियुक्ति की जाती है। उसे SIDBI का एमडी व चेयरमैन कहा जाता है। वर्तमान समय में SIDBI के अध्यक्ष के पद पर शिवासुब्रमण्यम रमण कार्यरत हैं। हालाँकि इस पद पर नियुक्त करने के लिए वित्त मंत्रालय की अनुमति की आवश्यकता पड़ती (SIDBI ke chairman kaun hai) है। उनकी अनुमति के बाद ही किसी व्यक्ति को SIDBI के अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया जा सकता है, उसका कार्यकाल बढ़ाया या घटाया जा सकता है या उसे पदमुक्त किया जा सकता है।

SIDBI के उद्देश्य (SIDBI ke uddeshya)

SIDBI के बारे में इतना सबकुछ जानने के साथ ही आपको यह भी जान लेना चाहिए कि आखिरकार SIDBI के क्या कुछ उद्देश्य निर्धारित किये गए हैं। इन्हें जानने के बाद ही आपको SIDBI के बारे में अच्छे से जानकारी मिल पायेगी और यह भी पता चल पायेगा कि आखिरकार भारत सरकार के द्वारा इसे शुरू किस द्देश्य के तहत किया गया (SIDBI purpose in Hindi) था। तो आइये जाने SIDBI के क्या कुछ उद्देश्य हैं:

  • SIDBI का मुख्य उद्देश्य तो देश के सभी MSME उद्योगों को वित्तीय तौर पर सहायता राशि उपलब्ध करवाना होता है। इसके माध्यम से वह उन्हें समय समय पर आर्थिक सहायता प्रदान करता है और उन्हें जितने पैसों की जरुरत है, वह उन्हें प्रदान करता है।
  • यह MSME उद्योग के विकास में भी सहयोग करता है और उनका लगातार विकास किया जाना भी इसका एक मुख्य उद्देश्य होता है।
  • देश में कई तरह के बड़े व छोटे उद्योग काम कर रहे हैं। ऐसे में देश के छोटे उद्योगों को देश के बड़े उद्योग की प्रतिस्पर्धा में लाना और उन्हें सक्षम बनाने का उद्देश्य भी SIDBI का ही एक उद्देश्य होता है।
  • इसके माध्यम से देश के लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना और बेरोजगारी को कम करने काम भी किया जाता है। अब यदि देश के छोटे उद्योग आगे बढ़ते हैं तो वे देश के ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देने में सक्षम होते हैं।
  • देश के MSME सेक्टर को लगातार मजबूत बनाना और उन्हें कम ब्याज दर पर पैसे उपलब्ध करवाना भी SIDBI का एक उद्देश्य होता है।

इस तरह से SIDBI का एकमात्र और मुख्य उद्देश्य देश के MSME उद्योगों को लगातार मजबूत करते जाना होता है। यह एक तरह से देश के छोटे उद्योगों को आर्थिक व विकास के रूप में मजबूत बनाने के उद्देश्य से खोला गया ही बैंक है।

SIDBI के फायदे (SIDBI ke fayde)

अब आपको साथ के साथ SIDBI से मिलने वाले फायदों के बारे में भी जान लेना चाहिए। SIDBI के माध्यम से देश व MSME उद्योगों को एक नहीं बल्कि अनेक फायदे देखने को मिलते हैं जो देश की अर्थव्यवस्था को भी आगे ले जाने का काम करते (SIDBI benefits in Hindi) हैं। हम सिलसिलेवार तरीके से आपको बताएँगे कि इससे देश को क्या कुछ लाभ होते हैं। तो आइये जाने SIDBI के माध्यम से क्या कुछ फायदे देखने को मिलते हैं।

  • देश में हजारों लाखों लोग अपने अपने उद्योग खोलकर काम करते हैं। अब वह उद्योग किसी भी क्षेत्र से जुड़ा हुआ हो सकता है। उस उद्योग को चलाने के लिए यह जरुरी नहीं है कि उसके पास पर्याप्त पूँजी हो। ऐसे में उसे किसी ना किसी समय ऋण लेने की आवश्यकता महसूस होती है जो उसे SIDBI से मिल जाती है। इसके माध्यम से वह अपने उद्योग को चालू रख पाता है।
  • अब मान लीजिये कि किसी व्यक्ति के द्वारा अपना उद्योग खोलकर अच्छा काम किया जा रहा है और अब वह इसको और आगे बढ़ाना चाहता है या उसको दूसरे शहर या राज्य में भी बढ़ाना चाहता है लेकिन इसके लिए भी उसे पूँजी की आवश्यकता होती है। तो यह पूँजी भी उसे SIDBI के द्वारा मिल जाती है।
  • इन दोनों ही मामलों में SIDBI ने उस छोटे उद्योग को सक्षम बनाने का काम किया है और इस तरह से उसने उस उद्योग को बंद होने से या उसे वैसा का वैसा रहने से आगे बढ़ाने का काम किया है। इस तरह से वह उद्योग तेज गति से आगे बढ़ता है और बड़े उद्योग के सामने आ खड़ा होता है।
  • अब जैसे ही वह छोटा या मध्यम आकार का उद्योग बड़े उद्योग के सामने आ खड़ा होता है तो इसका मतलब हुआ देश में प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है। इस तरह से बाजार में किसी एक व्यक्ति या एक बड़ी कंपनी या उद्योग का ही सिक्का नहीं चलता है और उसके मुकाबले में अन्य छोटे उद्योग भी आ खड़े होते हैं।
  • प्रतिस्पर्धा के बढ़ने से बाजार में संतुलन बना रहता है और मोनोपॉली को खत्म करने में सहायता मिलती है। इससे ग्राहकों को भी सही दाम पर उच्च गुणवत्ता के उत्पाद व सेवाएं मिलती है। वह कई तरह की कंपनियों के बीच में हो रही प्रतिस्पर्धा का लाभ उठाता है।
  • अब इतने छोटे उद्योग आगे बढ़ रहे हैं तो निश्चित तौर पर ही उन्हें अपना काम करवाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को काम पर रखना होगा। इससे देश में बेरोजगारी की दर कम होती चली जाती है और रोजगार का सृजन होता है। यह देश के लोगों की आय बढ़ाने का काम करती है।
  • अब देश में इतने उद्योग आगे बढ़ रहे हैं तो निश्चित तौर पर ही उसका प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिलेगा। इससे धीरे धीरे देश की अर्थव्यवस्था भी सशक्त होती चली जाती है और उसमें कई नए परिवर्तन देखने को मिलते हैं।

इस तरह से SIDBI के अपने कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं जो ना केवल व्यक्तिगत हैं बल्कि पूरे देश से ही जुड़े हुए हैं। एक तरह से यह व्यक्ति विशेष से लेकर, समाज, राज्य व पूरे देश के लिए ही लाभदायक सिद्ध होते हैं और सभी की उन्नति करवाते हैं।

SIDBI से लोन कैसे लें? (SIDBI se loan kaise le)

अब जब आप SIDBI के बारे में इतना सब कुछ जान चुके हैं और आप भी अपना एक उद्योग चलाते हैं या चलाने का सोच रहे हैं और उसके लिए आपको भी पैसों की जरुरत है तो क्यों ना आप भी SIDBI से लोन के लिए आवेदन कर (SIDBI loan process in Hindi) दें। इसके लिए आपको SIDBI की वेबसाइट पर जाना होगा और वहां जाकर लोन के लिए आवेदन करना होगा। SIDBI की आधिकारिक वेबसाइट का लिंक https://www.sidbi.in/ है।

आपको ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करना है और उसके बाद आप सीधे SIDBI की वेबसाइट पर पहुँच जाएंगे। वहां आपको शुरूआती तौर पर तो सब अंग्रेजी में दिखाई देगा लेकिन आपको ऊपरी दाएं कोने में भाषा का विकल्प दिखाई देगा जिसमें से आप हिंदी को चुन सकते हैं। इसमें हिंदी को चुनने के बाद आपको ऊपर ही लोन लेने का विकल्प मिल जाएगा। इसके लिए आपको अपना ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होगा और उसके बाद ही आप इसमें आगे बढ़ पाएंगे।

इसके लिए आप चाहें तो सीधे इस https://onlineloanappl.sidbi.in/OnlineApplication/ लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं। यहाँ पर आप सबसे पहले अपना पंजीकरण करवाएं और उसके बाद ऋण लेने के लिए आवेदन करें। आपसे आपके उद्योग के सभी तरह के कागजात मांगे जाएंगे और आपकी पहचान से जुड़े दस्तावेज सबमिट करने को कहा जाएगा। उसके बाद आपका ऋण approve हो जाएगा और जल्द ही वह आपके खाते में आ जाएगा।

SIDBI क्या होता है – Related FAQs

प्रश्न: सिडबी क्या है और इसका कार्य क्या है?

उत्तर: यह भारत सरकार के द्वारा स्थापित एक ऐसा बैंक होता है जो भारत देश में हर वह उद्योग जो सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग अर्थात MSME के अंतर्गत पंजीकृत है, उनकी हर तरह से सहायता करने का कार्य करता है।

प्रश्न: सिडबी का मालिक कौन है?

उत्तर: वर्तमान समय में SIDBI के अध्यक्ष के पद पर शिवासुब्रमण्यम रमण कार्यरत हैं।

प्रश्न: सिडबी का मुख्यालय कहाँ स्थित है?

उत्तर: सिडबी का मुख्यालय लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित है।

प्रश्न: सिडबी को कौन नियंत्रित करता है?

उत्तर: भारतीय रिजर्व बैंक सिडबी को नियंत्रित करता है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने SIDBI क्या होता है यह जान लिया है। साथ ही आपने जाना कि SIDBI किसके अंतर्गत आती है इसके उद्देश्य और फायदे क्या हैं और इससे लोन कैसे ले सकते हैं इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई प्रश्न आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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