सिग्नेचर बैंक कहां का बैंक है? सिग्नेचर बैंक क्यों धराशाई हुआ?

|| सिग्नेचर बैंक कहां का बैंक है? | सिग्नेचर बैंक क्यों धराशाई हुआ? | सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने से इसका क्या ताल्लुक है? | signature bank KAHAN KA HAI | Why signature Bank was collapsed | What is the attitude of American government towards signature Bank crisis? ||

दुनिया भर में बैंकिंग व्यवस्था को लेकर इस समय हलचल है। अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक के बाद सिग्नेचर बैंक भी डूब गया, जिसके बाद भारतीय स्टॉक मार्केट में भी बड़ा झटका देखने को मिला। सिग्नेचर बैंक कहां का बैंक है? सिग्नेचर बैंक धराशाई क्यों हुआ? सिग्नेचर बैंक के डूबने का सिलिकॉन वैली बैंक से क्या ताल्लुक है? जैसे आपके दिमाग में उठने वाले अनेक सवालों के जवाब आज हम आपको इस पोस्ट के जरिए देंगे। आपको बस शुरू से अंत तक इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ना होगा। आइए शुरू करते हैं-

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सिग्नेचर बैंक कहां का बैंक है? इसकी मुख्य सेवाएं क्या थीं? (Where was signature bank situated what were its main services?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि सिग्नेचर बैंक (signature Bank) अमेरिका (America) का एक मुख्य क्षेत्रीय बैंक था, जो न्यूयॉर्क (newyork) से व्यवसाय संचालन कर रहा था। इसकी स्थापना से करीब 22 साल पहले सन 2001 में हुई थी। इसमें करीब ढाई हजार कर्मचारी काम कर रहे थे यह बैंक 40 क्षेत्रीय कार्यालय की मदद से संचालित हो रहा था। रियल एस्टेट (real estate), वेंचर कैपिटल इन्वेस्टमेंट (venture capital investment), मार्टगेज बैंकिंग (mortgage banking) के साथ ही हाल के समय में सिग्नेचर बैंक का क्रिप्टोकरेंसी (crypto currency) पर अधिक जोर था।

सिग्नेचर बैंक कहां का बैंक है सिग्नेचर बैंक क्यों धराशाई हुआ

दोस्तों, यह तो आप भी जानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कुछ समय पहले निवेशकों (investors) में बहुत क्रेज देखा जा रहा था। आपको बता दें कि सिग्नेचर बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता दी थी तथा उसके पास क्रिप्टोकरेंसी का अच्छा खासा निवेश भी था। बताया जाता है कि सिग्नेचर बैंक के पास वर्ष 2022 के अंत तक करीब 110.36 अरब डॉलर की रकम मौजूद थी।

सिग्नेचर बैंक क्यों धराशाई हुआ? (Why signature Bank was collapsed?)

दोस्तों, यह सवाल आपके दिमाग में भी आ रहा होगा कि आखिर सिग्नेचर बैंक धराशाई क्यों हुआ? दोस्तों, बताया जाता है कि बैंक ने अपनी लोन देने की नीति (loan policy) में बदलाव करते हुए इसमें कमी की थी, जिससे इस बैंक का वित्तीय संतुलन (financial balance) गड़बड़ा गया था। रन ऑन द बैंक (Run On The Bank) से उसके सामने मौजूदा संकट खड़ा हो गया।

दोस्तों, आपको बता दें कि run on the bank उस स्थिति को कहा जाता है, जब खाताधारकों (account holders) को यह डर सताता है कि बैंक अब शायद उनका पैसा ना दे पाए। ऐसे में बैंक के अधिकांश ग्राहक एक साथ बड़ी मात्रा पैसा निकाल लेते हैं। जिससे बैंक के सामने नकदी (cash) का संकट खड़ा हो जाता है। उसे ग्राहकों को भुगतान (payment) करने में संकट का सामना करना पड़ता है।

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यह वो समय है, जब लोगों का बैंक के ऊपर से भरोसा उठ जाता है और डूबने के कगार पर पहुंच जाता है। सिग्नेचर बैंक के इस हालत में पहुंचते ही अमेरिका (America) के बैंक रेगुलेटर )bank regulator) ने बैंक को ताला लगा दिया तथा एफडीआईसी (FDIC) को इसका रिसीवर (receiver) नियुक्त कर दिया। उसने सिग्नेचर ब्रिज बैंक (signature bridge bank) एनए भी बना दिया है। सिग्नेचर बैंक को ताला लगने के साथ ही इस बैंक के ग्राहकों के सामने बाजार (market) में भी वित्तीय संकट (financial crisis) उत्पन्न हो गया है।

सिग्नेचर बैंक के डूबने का सिलिकॉन वैली बैंक से क्या ताल्लुक है? (What is the relation of signature bank’s collapse with silicon valley Bank?)

दोस्तों, सिग्नेचर बैंक के धराशाई होने से ठीक 2 दिन पहले सिलीकान वैली बैंक डूब गया था। उसके लिए भी एफडीआईसी को रिसीवर नियुक्त किया गया था। ताकि बैंक की संपत्ति का आकलन कर जमाकर्ताओं के पैसों को सुरक्षित लौटाया जा सके। सिलीकान वैली बैंक के डूबने के साथ ही पूरे अमेरिका में दहशत फैल गई। लोगों ने घबराकर सिग्नेचर बैंक से पैसा निकालना शुरू कर दिया था, उन्हें यह लग रहा था कि कहीं सिलिकॉन वैली बैंक की तर्ज पर उन्हें भी नुकसान न झेलना पड़े। इससे सिग्नेचर बैंक के सामने रन ऑन द बैंक की स्थिति उत्पन्न हो गईं।

सिग्नेचर बैंक का डूबना अमेरिका के सामने कितना बड़ा वित्तीय संकट रहा? (Signature Bank collapse was how much big financial crisis to America?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि सिग्नेचर बैंक का डूबना अमेरिका के इतिहास का तीसरा सबसे बड़ा बैंकिंग संकट बनकर खड़ा हो गया है। आपको बता दें कि इससे पूर्व सिलिकॉन वैली बैंक धराशाई हुआ था। सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक संकट आने से करीब 15 साल पहले सन् 2008 में अमेरिका में वाशिंगटन म्यूच्युअल (Washington Mutual) नाम का बैंक डूब गया था। आपको बता दें कि वह अभी तक का सबसे बड़ा बैंकिंग संकट था।

सिग्नेचर बैंक संकट को लेकर अमेरिकी सरकार का क्या रुख है? (What is the attitude of American government towards signature Bank crisis?)

मित्रों, बेशक सिलिकॉन वैली बैंक के बाद सिग्नेचर बैंक भी डूब गया, लेकिन अमेरिकी सरकार (amarican bank) अभी तक इस वित्तीय संकट (financial crisis) से बेचैन नजर नहीं आ रही है। यद्यपि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (American president joe biden) द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए एक बयान (statement) जारी किया है, जिसमें उन्होंने अमेरिकी बैंकों (American banks) में पैसा सुरक्षित होने को लेकर जमाकर्ताओं (depositors) को आश्वस्त किया है। यह भी कहा गया है कि सरकार द्वारा इस वित्तीय संकट के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे। बाइडन ने बड़े बैंकों के रेगुलेशन सिस्टम (regulation system) को और मजबूत (strong) बनाने का इरादा दोहराया है।

सिलिकॉन वैली बैंक के बाद सिग्नेचर बैंक के डूबने पर भारत में क्या माहौल है? (What is the scenario in India after signature Bank collapse?)

मित्रों, यदि भारत की बात करें तो आपको बता दें कि सिग्नेचर बैंक द्वारा भारत में भी कई प्रोजेक्ट्स (projects) में निवेश (invest) किया गया है। ऐसे में अब उन प्रोजेक्ट्स पर भी वित्तीय संकट उत्पन्न होने की आशंका जताई जा रही है। अब सभी की नजर इस पर लगी है कि अमेरिका इन बैंकों के वित्तीय संकट से कितनी जल्दी और किस प्रकार से उबरता है।

क्या अमेरिका के 2 बड़े बैंकों का डूबना किसी प्रकार की वैश्विक मंदी की आहट है? (Is collapse of two big American banks, a signal of global slow down?)

दोस्तों, बहुत सारे लोगों के दिल यह सोचकर अकुला रहे हैं कि अमेरिका के 2 बड़े बैंकों का डूबना वैश्विक मंदी (global slowdown) की आहट हो सकती है। यद्यपि विशेषज्ञों (specialists) की बात पर भरोसा करें तो यह किसी प्रकार की आर्थिक मंदी (economic slowdown) का दौर नहीं है। दिक्कत अमेरिका के केवल दो तीन बैंकों के साथ है। निवेशक (investors) दुनिया भर के बैंकों में भारी निवेश कर रहे हैं। हिंदुस्तान में भी अर्थव्यवस्था को किसी प्रकार का संकट दिखाई नहीं देता। ऐसे में इससे दुनिया भर में मंदी (slowdown) आएगी ऐसा अभी नहीं माना जा सकता।

क्या बैंकों को लेकर ग्राहकों का भरोसा टूट रहा है? (Is there deficiency of belief regarding banks is increasing?)

मित्रों, बेशक दो बड़े बैंक डूबने की घटनाएं अमेरिका में हुई हैं, लेकिन इस घटनाओं ने भारत में भी बैंकों के प्रति ग्राहकों का भरोसा कम कर दिया है। वे बैंकों में जमा अपने पैसे और निवेश को लेकर खासे चिंतित नजर आ रहे हैं। उन्हें डर लग रहा है कि कहीं अमेरिका जैसी घटनाएं भारत में भी ना घट जाएं और ऐसा न हो कि उन्हें अपनी मेहनत से कमाए गए पैसे से हाथ धोना पड़े।

सिग्नेचर बैंक कहां का बैंक है?

सिग्नेचर बैंक अमेरिका का बैंक है।

सिग्नेचर बैंक की स्थापना कब हुई?

सिग्नेचर बैंक की स्थापना अब से 22 वर्ष पूर्व सन् 2001 में हुई थी।

सिग्नेचर बैंक डूबने की क्या वजह थी?

सिग्नेचर बैंक डूबने की वजह ग्राहकों का इससे बड़ी मात्रा में पैसा निकालना रहा। इसके पास आवश्यक भुगतान को भी पैसा नही बचा। इसे रन ऑन द बैंक भी कहते हैं।

सिग्नेचर बैंक पर ताला लगने के बाद क्या हुआ?

सिग्नेचर बैंक पर ताला लगने के साथ ही एफडीआईसी को इसका रिसीवर नियुक्त किया गया है, ताकि जमा कर्ताओं को उनका पैसा लौटाया जा सके। इसके लिए उसने सिग्नेचर ब्रिज बैंक एनए बना दिया है।

क्या सिग्नेचर बैंक ने क्रिप्टोकरंसी को मान्यता दी थी?

जी हां, सिग्नेचर बैंक ने क्रिप्टोकरंसी को मान्यता दी थी और उसके पास उसका अच्छा खासा निवेश भी था।

क्या सिग्नेचर बैंक के डूबने का सिलिकॉन वैली बैंक से कोई ताल्लुक है?

सिलिकॉन वैली बैंक के धराशाई होने के बाद ही लोगों ने धड़ाधड़ सिग्नेचर बैंक से भी पैसा निकालना शुरू कर दिया। यह ग्राहकों के बीच बैंक डूबने को लेकर फैली उसी दहशत की एक कड़ी मानी जा सकती है।

क्या सिग्नेचर बैंक ने भारत के प्रोजेक्ट में भी पैसे इन्वेस्ट किया हुआ है?

जी हां, सिग्नेचर बैंक ने भारत के कई प्रोजेक्ट्स में भी पैसा इन्वेस्ट किया हुआ है।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में बताया कि सिग्नेचर बैंक क्यों डूबा? इसके अलावा भी सिग्नेचर बैंक से जुड़े तमाम पहलुओं की जानकारी हमने आपको दी। उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। यदि आप इसी प्रकार की जानकारी भरी पोस्ट हमसे चाहते हैं तो उसके लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अपनी बात हम तक पहुंचा सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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