घर पर चप्पल बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? चप्पल बनाने की मशीन, लागत, विधि, और प्रॉफिट (Slipper Making Business In Hindi)

Slipper Making Business In Hindi:- क्या आप चप्पल बनाने के बिज़नेस में पैसा कमाना चाहते हैं? दरअसल चप्पल बनाने का बिज़नेस है ही एक ऐसा बिज़नेस जो चलेगा ही चलेगा। यदि आपको लगता हैं कि सभी लोग केवल और केवल ब्रांड की ही चप्पल खरीदते (Chappal banane ka business) हैं तो आप गलत हैं। आज भी करोड़ो लोग बिना किसी ब्रांड की अपने शहर में बनी या आसपास के जगह में बनी चप्पल पहनना पसंद करते हैं।

ऐसे में यदि आप भी चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू करने जा रहे हैं तो बहुत सही जा रहे हैं। किंतु इससे पहले आपको चप्पल बनाने के बिज़नेस के बारे में संपूर्ण जानकारी होना आवश्यक (Slipper making business in India) हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आप चप्पल बनाने के बिज़नेस में आगे बढ़ना चाहते हैं तो उसके लिए (Slipper banane wali machine) पहले से ही पूरी जानकारी ले लेंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा। आइए जाने चप्पल बनाने के बिज़नेस में आपको क्या क्या जानने की आवश्यकता हैं।

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चप्पल बनाने का बिज़नेस कैसे शुरू करें? (Slipper Making Business In Hindi)

अब यदि आप चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू ही करने जा रहे हैं तो इसके बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करके ही आगे बढ़े। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आधी अधूरी जानकारी ना तो आपके लिए अच्छी हैं और ना ही आपके बिज़नेस के लिए। ऐसे में यदि आप पूरी जानकारी लेकर ही आगे बढ़ेंगे तो बेहतर रहेगा।

घर पर चप्पल बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें चप्पल बनाने की मशीन, लागत, विधि, और प्रॉफिट (Slipper Making Business In Hindi)

सबसे पहले तो आपका यह जानना अच्शायक होता हैं कि चप्पल आखिर चीज़ क्या होती हैं और यह किस काम में आती हैं। तो आज आप जान ले कि चप्पल एक वह चीज़ होती (Chappal kaise banate hain) हैं जो पैरों के नीचे पहनी जाती हैं। ऐसा पैसों को गंदा होने से बचाने, गर्म धरती से बचाने तथा साफ सफाई रखने के उद्देश्य से किया जाता हैं। साथ ही चप्पल के कई तरह के डिजाईन भी आते हैं ओरिन्हें उसी के आधार पर बनाया जाता हैं।

चप्पल बनाने के बिज़नेस का प्लान बनाना (Slipper making business plan in Hindi)

अब जब आप चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू करेंगे और उसके बारे में एक प्लान नही बनायेंगे तो यह ना तो आपके बिज़नेस के लिए सही रहेगा और ना ही आपके घर की आर्थिक स्थिति के लिए। कहने का अर्थ यह हुआ कि चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू करने से पहले उसका एक परफेक्ट प्लान बनाना आवश्यक हैं। इसी प्लान के सहारे ही आप आगे बढ़ पाएंगे और कोई निर्णय ले पाएंगे।

चप्पल बनाने के बिज़नेस के ऊपर एक प्लान बनाने में आपको सब चीजों का ध्यान रखना होगा, जैसे कि आप किस तरह की चप्पल बनाने जा रहे हैं, आप उसके लिए कच्चा माल कहां से और किस मात्रा में (Chappal kaise banate hai) खरीदेंगे, आप किस स्तर पर यह बिज़नेस शुरू करने जा रहे हैं, आप इसमें कितने पैसों का निवेश करने वाले हैं, क्या आपको उसके लिए लोन की आवश्यकता हैं इत्यदि। इस तरह से एक बिज़नेस प्लान तैयार करे और उसी के अनुसार ही आगे के निर्णय ले।

चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू करने से पहले मार्किट रिसर्च

अब जब आप चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू करने जा रहे हैं तो उसके लिए आपको मार्किट की जानकारी होना भी बहुत जरुरी हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आप बिना जानकारी के ही अपना बिज़नेस शुरू कर देंगे तो आपके विरोधी बाजी मार जाएंगे। आजकल बाजार में प्रतिस्पर्धा के दौर बहुत ज्यादा हैं। ऐसे में यदि आप किसी चीज़ में पीछे रह गए तो कोई इसमें बाजी मार जाएगा।

इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आपका चप्पल बनाने का बिज़नेस तेज गति से आगे बढ़े तो उसके लिए तैयारी भी वैसी ही करनी पड़ेगी। इसके लिए आप पहले यह देखे कि मार्किट में आजकल किस तरह की चप्पल चल रही हैं या किस तरह की चप्पल की मांग ज्यादा हैं। आपको कुछ अन्य बातो का भी ध्यान रखना होगा ताकि आपका बिज़नेस सिर्फ चले नही बल्कि दौड़े। एक तरह से पूरे मार्किट के बारे में जानकारी ले ले और तभी चप्पल बनाने के बिज़नेस की शुरुआत करे।

चप्पल बनाने के बिज़नेस के लिए जगह (Chappal banane ki factory)

अब जब आप चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू करने जा रहे हैं तो उसके लिए एक जगह भी देखनी होगी। आप यह किसी छोटी जगह पर नही कर सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि चप्पल बनाने के बिज़नेस में कई तरह की मशीन की आवश्यकता पड़ती हैं। इन मशीन को किसी छोटी जगह पर रखकर चप्पल जा निर्माण करना सही नही रहता हैं। ऐसे में इन मशीन से किसी को चोट भी लग सकती हैं।

इसलिए यदि आप चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू करने का सोच रहे हैं तो आपको इसके लिए एक अलग जगह की तलाश करनी होगी। हालाँकि जरुरी नही कि यह जगह शहर से दूर ही हो। कहने का अर्थ यह हुआ कि चप्पल बनाने के लिए (Chappal kaise banae jaate hain) किसी तरह का प्रदूषण नही होता है और ना ही शोर होता है। ऐसे में यह आप अपने शहर में कही भी लगा सकते हैं।

इसलिए आप चप्पल बनाने की फैक्ट्री चप्पल बनाने की श्रेणी के आधार पर तय करे। यदि आप हवाई चप्पल बना रहे हैं तो इसके लिए आप किसी भी जगह का चुनाव कर सकते हैं। तो वही आप चमड़े की चप्पल बना रहे हैं तो इसके लिए शहर से बाहर किसी फैक्ट्री का निर्माण करवाना होगा क्योंकि इसमें प्रदूषण होगा।

चप्पल बनाने के लिए कच्चा माल (Chappal banane ka material)

अब यदि आप चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू करने जा रहे हैं तो उसके लिए कच्चे माल की भी आवश्यकता होगी। यह कच्चा माल आपको चप्पल बनाने की श्रेणी पर ही निर्भर करेगा अर्थात आप किस तरह की चप्पल बनाने जा रहे हैं और उसमे क्या क्या लगा होगा। इसी पर ही आपका कच्चा माल निर्भर करेगा। आइये जाने चप्पल बनाने के लिए आपको किस तरह के कच्चे माल की आवश्यकता होगी।

  • रबर शीट
  • चमड़ा
  • रबर स्ट्रिप्स
  • गोंद
  • पैकिंग का सामान इत्यादि।

इस तरह चप्पल बनाने के लिए आपको कई तरह के कच्चे माल की आवश्यकता पड़ सकती हैं। हालाँकि मुख्य माल वही हैं जिसके बारे में हमने आपको ऊपर बताया।

चप्पल बनाने के लिए मशीन (Chappal banane ki machine)

अब जब आपने चप्पल बनाने के लिए कच्चा माल ले लिया हैं तो अगली (Slipper banane ki machine) बारी आती हैं चप्पल बनाने की मशीन को खरीदने की। दरअसल चप्पल बनाने का काम बिना मशीन के हो नही सकता। हालाँकि यह आप पर निर्भर करता हैं कि आप चप्पल बनाने के लिए पूरी तरह से आटोमेटिक मशीन लेना चाहते हैं या फिर हाथ से चलाई जाने वाली मशीन। आइए जाने चप्पल बनाने वाली मशीन के बारे में।

  • हाथ से चलने वाली सोल कटाई मशीन
  • सोल में सुराख़ करने वाली ड्रिलिंग मशीन
  • ग्राइंडिंग मशीन
  • फिनिशिंग मशीन
  • स्ट्रेप मशीन
  • प्रिंटिंग मशीन
  • अन्य टूल्स

चप्पल बनाने वाली मशीन की कीमत (Chappal banane ki machine price)

अब आपने यह तो जान लिया कि चप्पल बनाने के लिए आपको किस किस तरह की मशीन की जरुरत पड़ेगी। किंतु अब आपको यह भी जानना होगा कि आखिरकार इन मशीन की कितनी कीमत होगी। अर्थात चप्पल बनाने की मशीन कितने में आयेगी।

तो आज हम आपको बता दे कि चप्पल बनाने वाली मुख्य मशीन जो सोल को काटती हैं उसकी कीमत 30 हज़ार से लेकर 1 लाख तक के बीच में होती हैं। इसी तरह ड्रिल मशीन की कीमत 5 से 10 हज़ार होगी। अन्य मशीन भी 50 हज़ार से लेकर 1 लाख तक के बीच में आ जाएगी।

चप्पल बनाने की प्रक्रिया

अब जब आपने चप्पल बनाने के लिए कच्चा माल ले लिया हैं और उसके लिए आवश्यक मशीन भी ले ली है तो अगली बारी हैं चप्पल बनाने की विधि जानने की। यदि आपको इसकी विधि के बारे में ही सही से नही पता होगा तो फिर कैसे ही आप आगे बढ़ पाएंगे और सही चप्पल का निर्माण कर पाएंगे। तो आइए जाने चप्पल बनाने की विधि के बारे में विस्तार से।

  • सबसे पहले तो आपको सोल को चप्पल काटने वाली मशीन में डालना होगा। आपको इस मशीन को इस तरह से फिट करना होगा कि यह सोल को एकदम सही आकर में ही काटे। साथ ही आपको चप्पल के आकार पर भी ध्यान देना होगा अर्थात आप किस साइज़ की चप्पल बना रहे हैं।
  • एक तरह से आपको सभी आकार की ही चप्पल बनानी होगी क्योंकि किसी का साइज़ कुछ होता हैं तो किसी का कुछ। इसलिए आप सोल कटाई मशीन से चप्पल को अलग अलग साइज़ में काट ले।
  • अब फिनिशिंग मशीन से उस चप्पल को एक फिनिशिंग लुक दे। कहने का अर्थ यह हुआ कि चप्पल के किनारे एक दम परफेक्ट हो और वे अलग से उखड़े हुए ना लगे।
  • अब आपको चप्पल में ड्रिल मशीन से से तीन सुराख़ करने होंगे। इन्ही सुराख़ में स्ट्रिप डाली जाती हैं जिससे एक व्यक्ति चप्पल को पकड़ पाता हैं। हालाँकि यह सुराख़ कैसे होंगे और कितने बड़े होंगे, यह आप पर निर्भर करता हैं।
  • चप्पल का नीचे का सोल लगभग एक जैसा ही होता हैं। बस इसकी मोटाई और सोल की गुणवत्ता में ही अंतर देखने को मिलता हैं। चप्पल का डिजाईन मुख्यतया इसके स्ट्रिप पर ही निर्भर करता हैं।
  • कहने का अर्थ यह हुआ कि आप स्ट्रिप को किस तरह से डिजाईन करके उस सुराख़ में घुसायेंगे यह आप पर ही निर्भर करेगा। इसी से ही एक चप्पल का डिजाईन आएगा और उसको बिकने में मदद मिलेगी।
  • इसी के साथ आपको चप्पल को मजबूत बनाने के लिए नीचे अलग सोल को चिपकाना होगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि इससे चप्पल को एक अलग डिजाईन और मजबूत पकड़ मिलेगी। इसी से ही चप्पल को सही आकार मिलेगा।
  • अंत में आपको चप्पल पर अपनी कंपनी का नाम भी प्रिंट करवाना होगा जिसके नाम से यह बिकेगी। इसी के साथ आप चप्पल को रंग भी कर सकते हैं। चप्पल को कई रंगों में निकाला जाता हैं क्योंकि किसी को किसी रंग की चप्पल पसंद आती हैं तो किसी को अन्य रंग की।

इस तरह से एक चप्पल बनकर तैयार हो जाएगी। हालाँकि इस पर छपने वाला डिजाईन, रंग, स्ट्रिप का आकार और साइज़ ही इसे अलग पहचान दिलाएगा। आपको एक ही भान्त की ही चप्पल ना बनाकर कई तरह की चप्पल का निर्माण करना होगा। यह आपको बाजार में भी एक लाग पहचान दिलवाने में मदद करेगा।

चप्पल बनाने का बिज़नेस करने की लागत

अब यदि आप चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू करने जा रहे हैं तो उसके लिए आपको इसकी लागत के बारे में भी जानना आवश्यक हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप यदि अपना बजट बनाकर ही नही चलेंगे तो फिर कमाएंगे कैसे। ऐसे में पहले से ही एक निर्धारित बजट का होना बहुत जरुरी हैं ताकि आगे चलकर किसी तरह की कोई समाया ना हो।

यदि आप सामान्य स्तरपर चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू करने जा रहे हैं तो इसमें आपका कम से कम 2 लाख के आसपास खर्चा अवश्य आएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके लिए आपको चप्पल बनाने की सभी मशीन खरीदनी होगी जो कि थोड़ी महँगी आती हैं। उसके अलावा कच्चा माल तो खरीदना ही होगा।

अब यदि आप बड़े स्तर पर चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू करने जा रहे हैं तो इसमें आपको 15 से 20 लाख तक का खर्चा आ सकता हैं। इसमें आपकी मशीन भी आधुनिक होंगी और आप कई तरह की चप्पल बनाकर उन्हें तैयार कर सकते हैं।

चप्पल बनाने के बिज़नेस का लाइसेंस

अब यदि आप चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू करने ही जा रहे हैं तो आपको उसके लिए लाइसेंस भी अनिवार्य रूप से लेना होगा। यदि आप बिना लाइसेंस के यह काम करेंगे तो आप बहुत बड़ी दुविधा में फंस सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि किसी भी चीज़ का निर्माण करने के लिए भारत सरकार से अनिवार्य रूप से लाइसेंस का लेना अनिवार्य होता हैं अन्यथा आपके ऊपर दंडात्मक कार्यवाही की जा सकती हैं।

ऐसे में चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू करने के लिए आपको इन इन लाइसेंस को लेने की आवश्यकता होगी:

  • कंपनी का ट्रेड मार्क
  • कंपनी के नाम का रजिस्ट्रेशन
  • आपका पैन कार्ड
  • फैक्ट्री या जहाँ पर चप्पल निर्माण हो उसका प्रमाण पत्र
  • चप्पल निर्माण में इस्तेमाल होने वाली मशीन का सर्टिफिकेट
  • प्रदूषण हो तो प्रदूषण बोर्ड से NOC इत्यादि।

इस तरह से आपको इन लाइसेंस को तो लेना ही होगा। वही यदि आप बड़े स्तर पर चप्पल बनाने का बिज़नेस करने जा रहे हैं तो फिर आपको कई अन्य तरह के लाइसेंस भी लेने होंगे। इसलिए आप यह बिज़नेस शुरू करने से पहले संपूर्ण रूप से कानूनी प्रक्रिया का पालन कर लेंगे तो आगे चलकर आपके लिए ही सही रहेगा।

चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू करने के लिए लोन

अब जब आप चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू करने जा रहे हैं और आपने इसके लिए सभी तरह की तैयारी भी कर ली हैं लेकिन आपके पास इतना पैसा नही हैं या पैसा कम पड़ रहा हैं तो आप कही से लोन भी ले सकते हैं। भारत सरकार के द्वारा भारत की सभी सरकारी बैंक की सहायता से उद्यमियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई योजनाओं के अंतर्गत ऋण की सविधा प्रदान की जाती हैं।

इसलिए आप भी इन सरकारी बैंक में लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसी के साथ आप भारत के सभी तरह के प्राइवेट बैंक से भी लोन ले सकते हैं। आप किसी धनी व्यापारी से फाइनेंस पर भी पैसा उठा सकते हैं। इसके बाद आप समय समय पर लोन की किश्त के रूप में संबंधित बैंक या व्यक्ति को उसका पैसा ब्याज सहित चुका सकते हैं।

चप्पल बनाने के बिज़नेस की मार्केटिंग

अब जब आपने चप्पल बनाने का बिज़नेस शुरू कर लिया हैं तो फिर आपको यह भी जानना होगा कि आखिरकार किस तरीके की सहायता से आपकी चप्पल बिके और बिके भी तो बहुतायत में बिके। ताकि आपका बिज़नेस केवल चले नही बल्कि दौड़े। तो यदि आप अपनी बनाई चप्पल को बेचना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सही मार्केटिंग करनी होगी और उसके लिए सही तरीके निकालने होंगे। आइए उनके बारे में जाने।

  • सबसे पहले तो आप अपनी चप्पल बेचने के लिए अपने आसपास के सभी दुकानदार जो चप्पल बेचने का काम करते हैं, उनसे संपर्क करे। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपकी बनाई चप्पल को बिकवाने में वे ही आपकी सहायता करेंगे।
  • उनसे संपर्क कर आप उन्हें अपनी चप्पल सैंपल के रूप में दे। इसी के साथ आप उन्हें ऑफर इत्यादि दे ताकि वे आपकी बनाई चप्पल भी अपनी दुकान पर रखे। आप शुरुआत में उन्हें कम कीमत पर भी अपनी बनाई चप्पल दे सकते हैं ताकि वे ज्यादा मार्जिन कमा सके।
  • इस तरह से ज्यादा मार्जिन कमाने के चक्कर में वह दुकानदार आपकी बनाई चप्पल को ही बेचेगा। एक बार आपकी चप्पल लोगों में बिकने लगी और उन्हें पसंद आ गई तो फिर ग्राहक उसके बारे में ओरो को भी बताएगा। इस तरह से आपकी ग्राहकी बढ़ जाएगी।
  • इसी के साथ आप अपनी बनाई चप्पल का प्रमोशन पोस्टर व बैनर बनवाकर भी कर सकते हैं। इसके लिए अपनी बनाई चप्पल की अच्छी सी फोटोज लेकर उसके लिए सुंदर सा पोस्टर बनवाए और उसे शहर के मुख्य जगह और जहाँ चप्पल ज्यादा बिकती हो वहां लगाए।
  • जैसे ही लोग वह बैनर या पोस्टर देखेंगे तो उनके दिमाग में उस चप्पक की छवि अंकित हो जाएगी। इससे उनके मन में वह चप्पल लेने का विचार अवश्य आएगा। अब उनमे से कुछ लोग तो आपकी बनाई चप्पल को ले ही लेंगे।
  • इसी के साथ आप ऑनलाइन भी अपनी बनाई चप्पल का प्रचार प्रसार कर सकते हैं। इसके लिए आप कई तरह की सोशल मीडिया ऐप्स का सहारा ले सकते हैं। इसके लिए आप सबसे पहले तो फेसबुक, व्हाट्सऐप का सहारा ले क्योंकि यही पर भारत के अधिकांश लोग उपलब्ध हैं।
  • अब आप इन सोशल मीडिया ऐप्स की सहायता से अपनी बनाई चप्पक का प्रचार प्रसार करें। इसी के साथ आप ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर जाकर भी रजिस्टर करें और वहां अपनी बनाई चप्पल को बेचने के लिए डाले। वहां भी आपको अपनी बनाई चप्पल को बेचने में बहुत सहायता मिलेगी।

चप्पल बनाने के बिज़नेस में प्रॉफिट

अब सबसे अंतिम और महत्वपूर्ण बात और वह है कि आखिरकार चप्पल बनाने के बिज़नेस में आपको कितनी कमाई हो सकती हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप कोई भी बिज़नेस यूँ ही तो शुरू करेंगे नही। ऐसे में आप जिस चप्पल का निर्माण कर रहे हैं, उसमे आपका कितना फायदा हो सकता हैं। इसलिए आज आप यह जान ले कि चप्पल बनाने के बिज़नेस में आपकी बहुत ज्यादा कमाई हो सकती हैं.

चप्पल बनाने का बिज़नेस कैसे करे – Related FAQs

प्रश्न: चप्पल बनाने वाली मशीन की कीमत कितनी है?

उत्तर: चप्पल बनाने वाली मशीन की कीमत 30 हज़ार से लेकर 1 लाख तक की है।

प्रश्न: क्या चप्पल बनाने का व्यवसाय लाभदायक है?

उत्तर: चप्पल बनाने का व्यवसाय बहुत ही लाभदायक है क्योंकि इसमें आप अपनी मार्केटिंग के द्वारा हर रोज हजारो लाखों की कमाई कर सकते हैं।

प्रश्न: स्लीपर मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस कैसे शुरू करें

उत्तर: स्लीपर मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस शुरू करने के लिए पहले स्लीपर बनाने की मशीन ले और फिर कच्चा माल खरीद कर उनको बनाने का काम शुरू कर दे।

प्रश्न: चप्पल कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: चप्पल कई प्रकार की हो सकती हैं जैसे कि हवाई चप्पल, फ्लिप फ्लॉप चप्पल, सिंगल स्ट्रेप चप्पल इत्यादि।

आप जो चप्पल 200 रुपए में बनायेंगे उसे आगे आप 250 से लेकर 500 तक में बेच सकते हैं। इसके लिए बस आपको चप्पल में कुछ बदलाव करने होंगे और वही चप्पल के भाव 250 से बढ़कर 500 भी हो जाएंगे। लेकिन आप सभी चप्पल 500 की ही ना रखे और उनमे कुछ ना कुछ बदलाव करते रहे। इस तरह से चप्पल बनाने के बिज़नेस में आप बहुत प्रॉफिट कमा सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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