|| स्मालकेस क्या है? | Smallcase kya hai | स्मालकेस किस तरह काम करता है? | Smallcase ke kaam karne ka tarika | स्मालकेस के फायदे | Is smallcase good in Hindi | स्मालकेस रीबैलेंसिंग क्या होता है? ||
Smallcase review in Hindi :- क्या आप शेयर बाजार में निवेश करना जानते हैं? अगर आप यह नहीं जानते हैं तो हम आज आपको शेयर बाजार में निवेश करने का एक बहुत अच्छा और बढ़िया तरीका बताने वाले हैं। अगर आप इस तरीके से शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आप डायरेक्ट ही अपना पैसा शेयर बाजार में लगा सकते हैं जिससे आपको बहुत मुनाफा हो सकता है। शेयर बाजार में हमे ऐसे बहुत सारे लोग मिल जायेंगे जो रोज अपना पैसा इसमें खो बैठते (What is smallcase in Hindi) हैं।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि या तो उनको पता नहीं होता कि किस शेयर में कब पैसा लगाना चाहिए या फिर वे शेयर लेने और बेचने में बहुत जल्दबाज़ी करते हैं जिससे उनको नुकसान लग जाता है। अगर आप अपने पोर्टफोलियो को खुद से मैनेज करने में दिक्कत का सामना करते हैं तो आप हमारे आज के बताए हुए तरीके के हिसाब से शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं। अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश नहीं करना चाहते हैं तो आज हम आपके लिए पैसा कमाने का एक अन्य तरीका लाये हैं जिससे आप ढेर सारा पैसा कमा सकते (Smallcase ke bare mein jankari) हैं।
आज हम आपको इस आर्टिकल में स्मालकेस के बारे में बतांएगे। स्मालकेस आज कल बहुत चर्चा में है और रोज बहुत सारे लोग इसमें निवेश करने में लगे हुए हैं। अगर आप हमारे बताए हुए तरीके के हिसाब से निवेश करना शुरू करेंगे तो इससे आपका पैसा भी बनता रहेगा और साथ ही आपका समय भी बचेगा। आज हम आपको स्मालकेस के बारे में विस्तार से बताएंगे। हम आपको इसके फायदे और नुकसान के बारे में भी बताएंगे साथ ही इससे जुडी सारी जरुरी जानकारी भी देंगे ताकि आपको पता चल सके कि यह कैसे काम करता (Smallcase means in Hindi) है।
स्मालकेस क्या है? (Smallcase kya hai)
स्मालकेस शेयर बाजार के एक्सपर्ट्स द्वारा बनाया गया एक स्मार्ट पोर्टफोलियो है जो कि कई सारी कम्पनियों का समूह है। अगर आप स्मालकेस के माध्यम से निवेश करते हैं तो आप शेयर बाजार में डायरेक्ट निवेश कर सकते हैं। स्मालकेस में सारे शेयर्स शेयर बाजार के विश्लेषज्ञो के द्वारा रिसर्च करके बनाये गए होते हैं जिससे कि निवेशकों को खूब सारा मुनाफा हो सके और साथ ही उनका अच्छे शेयर चुनने में समय बर्बाद ना हो। अगर आप स्मालकेस में निवेश करते हैं तो आपको इसमें कुछ राशि फीस के तौर पर जमा करवानी होती (What is smallcase in Hindi) है।
यह फीस आपकी कमाई हुई राशि के मुकाबले बहुत कम होती है। अगर आप स्मालकेस के द्वारा शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो इससे आपका खूब मुनाफा होगा। यह पोर्टफोलियो खास उन लोगो के लिए बनाया गया है जो या तो शेयर बाजार की मूवमेंट ट्रैक करने का समय नहीं निकाल पाते या फिर जिनको अभी शेयर बाजार की कम नॉलेज है। यह पोर्टफोलियो उन लोगो के लिए भी मददगार है जो अच्छे स्टॉक्स पिक करने में दिक्कत का सामना करते हैं।
ऐसे बहुत सारे शेयर्स होते हैं जिनका हमे पता नहीं होता कि यह आगे आने वाले समय में अच्छा परफॉर्म कर पाएंगे या फिर नहीं। एक्सपर्टस द्वारा बनाये गए शेयर्स का पोर्टफोलियो हमारे लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। स्मालकेस में हमे अलग अलग थीम के हिसाब से पोर्टफोलियो मिल जाते हैं जिसमे हम अपने मनपसंद थीम के शेयर्स में निवेश कर सकते हैं। ऐसे बहुत सारे ब्रोकिंग ऐप्स है जो अपने निवेशकों को स्मालकेस की सुविधा प्रदान करते हैं।
स्मालकेस किस तरह काम करता है? (Smallcase ke kaam karne ka tarika)
स्मालकेस इन्वेस्टिंग करने का एक अलग और बढ़िया तरीका है जिससे निवेशकों को निवेश करने में आसानी होती है और प्रॉफिट मार्जिन भी बहुत अच्छा होता है। इसमें बहुत सारे लोग हैं जो अपने हिसाब से पोर्टफोलियो बना कर रखते हैं। जो भी लोग स्मालकेस में निवेश करना चाहते हैं वो लोग इसके पेज पर अलग अलग पोर्टफोलियो के रिटर्न देख सकते हैं और उनको आपस में कंपेयर भी कर सकते हैं।
कंपेयर करने से आपको यह फायदा होगा कि आपको पता चलेगा कि कौन सा पोर्टफोलियो कैसा परफॉर्म कर रहा है। इससे आपको यह फैसला लेने में भी आसानी होगी कि आपको कौन से पोर्टफोलियो में निवेश करना चाहिए और किसमे निवेश नहीं करना चाहिए। स्मालकेस के ज़रिये जब आप शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं तब ब्रोकरेज फर्म्स आपसे एक फीस चार्ज करता है जिसको कमिशन भी कह सकते हैं।
स्मालकेस में कैसे निवेश करें? (Smallcase me invest kaise kare)
स्मालकेस में निवेश करने के लिए आपको अलग से अपना डीमैट अकाउंट बनाने की आवकश्यता नहीं है। आप अपने मौजूदा डीमैट अकाउंट की मदद से भी इसमें निवेश कर सकते हैं। अगर आपका पहले से कोई डीमैट अकाउंट नहीं बना हुआ है तो आपको स्मालकेस में निवेश करने के लिए नया डीमैट अकाउंट बनाना होगा। आप अपना अकाउंट ग्रो ऐप, अपस्टॉक्स आदि जैसी ब्रोकिंग ऐप पर ओपन कर सकते (Smallcase investment review in Hindi) हैं।
आकउंट बन जाने के बाद आपको अपने डीमैट अकाउंट को स्मालकेस से लिंक करवाना होगा। जब आप अपना अकाउंट स्मालकेस से लिंक कर लेंगे तब आपको अलग अलग पोर्टफोलियो दिखाई देंगे जिसके माधयम से आप बहुत सारे शेयर्स में निवेश कर सकते हैं। इसमें अगर आप चाहो तो अपने रिस्क और प्राइस के हिसाब से भी फ़िल्टर लगाकर निवेश कर सकते हैं। इससे यह आपको वही पोर्टफोलियो दिखाएगा जो आपके लगाए गए फ़िल्टर से मैच करेंगे।
आप चाहे तो स्मालकेस के पोर्टफोलियो में अपने पसंद के हिसाब से बदलाव भी कर सकते हैं। हमारे कहने का अर्थ यह हुआ कि आप अपने पसंद के हिसाब से अपने पोर्टफोलियो में से कुछ शेयर निकाल सकते हैं और अन्य शेयर इसमें मिला भी सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आपको लगता है कि आगे आने वाले समय में आईटी सेक्टर में पैसा बन सकता है तो आप उस पोर्टफोलियो में पैसा लगाए जिसमे सारे आईटी कंपनियों के शेयर्स हो। इसमें अगर आप चाहो तो शेयर कम ज़्यादा भी कर सकते हो।
अपना मनपसंद पोर्टफोलियो चुनने के बाद आप उसमे निवेश कर सकते हैं। निवेश करने के लिए आपको उसमे पोर्टफोलियो की जितनी राशि है उतनी राशि अपने वॉलेट में डालनी होगी तभी आप उस पोर्टफोलियो में निवेश कर पाएंगे। निवेश करने के बाद वह सारे शेयर्स आपके होल्डिंग्स में आ जायेंगे जो उस पोर्टफोलियो में शामिल होंगे।
स्मालकेस के फायदे (Is smallcase good in Hindi)
स्मालकेस में निवेश करने से लोगो को बहुत मनाफ़ा हुआ है। अगर आप इसके माध्यम से शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो इससे आपको बहुत सारे फायदे होते हैं। आइये हम स्मालकेस के फायदों के बारे में विस्तार से जान लेते (Smallcase is good or bad in Hindi) हैं।
- जिन लोगो को शेयर बाजार की अच्छे से जानकारी नहीं है वो इसके माधयम से शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं। इसमें निवेश करने से उनको मुनाफा तो होगा ही साथ ही उनको यह भी पता चलेगा कि कौन से शेयर्स में निवेश करना चाहिए और कौन से शेयर्स से दूर रहना चाहिए।
- स्मालकेस उनके लिए भी बहुत फायदेमंद है जिनके पास शेयर ट्रैक करने का बहुत कम समय है। यह बात तो हम सब जानते ही हैं कि कोई भी शेयर खरीदने से पहले हमे उसके बारे में पूरी रिसर्च करनी चाहिए उसके बाद ही उसमे निवेश करना चाहिए। इसलिए यह पोर्टफोलियो उन लोगो के लिए बहुत फायदेमंद है जो शेयर बाजार में ज़्यादा समय नहीं दे पाते।
- एक बड़ा फायदा जो हमे स्मालकेस में निवेश करने से मिलता है कि इसके रिटर्न्स म्यूच्यूअल फण्ड के मुकाबले काफी अच्छे होते हैं। अगर हम खर्चे की बात करें तो भी स्मालकेस में म्यूच्यूअल फण्ड के मुकाबले काफी कम खर्चा होता है।
- स्मालकेस में जो पोर्टफ़ोलियो बने होते हैं वो सभी एक्सपर्ट्स द्वारा बनाये गए होते हैं। इन पर आप आंख बंद कर के भी भरोसा कर सकते हैं। आप चाहे तो इन पोर्टफोलियो के रिटर्न्स भी देख सकते हैं जिससे आपको यह पता चलेगा की वह पोर्टफोलियो कैसे काम कर रहा है।
- अगर आप किसी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते हैं तो आप उसमे कुछ बदलाव नहीं कर सकते परन्तु स्मालकेस के पोर्टफोलियो में आप अपने हिसाब से बदलाव कर सकते हैं। इसमे आप अपने हिसाब से शेयर्स को हटा भी सकते हैं और नए शेयर्स जोड़ भी सकते हैं। यह ऑप्शन म्यूच्यूअल फण्ड में नहीं है।
स्मालकेस के नुकसान (Smallcase ke nuksan in Hindi)
अभी तक हमने स्मालकेस में निवेश करने के फायदों के बारे में (Smallcase investment disadvantages in Hindi) जाना। अब हम इसके नुकसान भी आपको बताएंगे।
- अगर आप स्मालकेस के माध्यम से शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो इससे आपका रिस्क तो कम होता ही है साथ ही इसमें आपके रिटर्न्स भी कम हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके कई सारे कम्पनियों के शेयर्स छोटी छोटी मात्रा में होते है इससे आपका प्रॉफिट बंट जाता है।
- स्मालकेस के पोर्टफोलियो में निवेश करने के लिए आपको ज़्यादा फीस भरनी होती है जो कि आपको डायरेक्ट निवेश करने के लिए भी भरनी पड़ती है।
- अगर आप खुद अपनी रिसर्च करके शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो इससे आपकी शेयर बाजार की नॉलेज तेज़ और जल्दी बढ़ती है परन्तु स्मालकेस के पोर्टफोलियो में निवेश करने से आपकी नॉलेज बहुत धीरे बढ़ती है।
स्मालकेस का रीव्यू (Smallcase review in Hindi)
अब तक हमने स्मालकेस क्या होता है यह बताया और साथ ही आपको यह भी बताया कि यह कैसे काम करता है, इसके फायदे और नुकसान भी जाने। अब हम आपको यह बताते हैं कि इसके रीव्यूज कैसे हैं। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि स्मालकेस निवेश करने के लिए एक बहुत अच्छा ऑप्शन है और इससे निवेशकों को बहुत फायदा भी हुआ है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जो लोग म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते हैं उनका अपने शेयर्स पर पूरा कण्ट्रोल नहीं होता है परन्तु इसमें ऐसा नहीं होता है। इसमें आपको अलग अलग ट्रेड करना होता है।
यह बात तो हम सब जानते ही हैं कि अच्छे और बढ़िया शेयर्स की पहचान करना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि इसमें बहुत सारी रीसर्च करनी पड़ती है। स्मालकेस में आप बहुत आसानी से आराम से पैसा कमा सकते हैं। इसमें आप अपने शेयर्स पर पूरा कण्ट्रोल पा सकते हैं और साथ ही अपनी ज़रूरत के हिसाब से अपने पोर्टफोलियो को बदल भी सकते हैं। यह ऑप्शन आपको म्यूच्यूअल फण्ड में कभी भी नहीं मिलेगा। स्मालकेस को बहुत सारे लोगो ने बहुत अच्छी रेटिंग दी है और वो आगे भी इसमें निवेश करना चाहते हैं।
स्मालकेस में निवेश करके आप अलग अलग सेक्टर की कंपनियों में निवेश कर सकते हैं साथ ही लार्ज कैप, मीडियम कैप, स्माल कैप की कम्पनियों में भी निवेश कर सकते हैं। अगर हम इसकी फीस की बात करें तो यह बिल्कुल ही नामात्र होती है। स्मालकेस के माध्यम से निवेश करने में आपको ब्रोकर को बहुत कम पैसा देना पड़ता है जिससे आपके पैसे भी बचते हैं।
स्मालकेस रीबैलेंसिंग क्या होता है? (Smallcase rebalancing kya hota hai in Hindi)
अगर आप स्मालकेस में पहले निवेश कर चुके हैं या फिर निवेश करना चाहते हैं तो आपने रीबैलेंसिंग के बारे में पहले सुना ही होगा। रीबैलेंसिंग का मतलब है कि आप अपने पोर्टफोलियो में अपने पसंद के हिसाब से बदलवाव कर सकते हैं। स्मालकेस आपको अपनी पसंद के हिसाब से पोर्टफोलियो को एडजस्ट करने का मौका देता है जिसको हम रीबैलेंसिंग भी कह सकते (What is smallcase rebalancing in Hindi) हैं।
जब आप कोई शेयर अपने पोर्टफोलियो से हटा देते हैं या फिर इसमें अपनी पसंद के हिसाब से नए शेयर जोड़ते हैं तो यह सब रीबैलेंसिंग के अंदर ही आते हैं। रीबैलेंसिंग करने से आपके प्रॉफिट करने के चान्सेस और भी ज़्यादा हो जाते हैं अगर आप रिसर्च करके शेयर्स ऐड करते हैं।
स्मालकेस का रीव्यू – Related FAQs
प्रश्न: स्मालकेस क्या है?
उत्तर: स्मालकेस शेयर बाजार के एक्सपर्ट्स के द्वारा बनाया गया एक स्मार्ट पोर्टफोलियो है जो कि कई सारी कम्पनियों का समूह है।
प्रश्न: स्मॉलकेस पैसे कैसे कमाता है?
उत्तर: जब आप किसी स्मालकेस में निवेश करते हैं तब आपको एक फीस भरनी होती है जिससे इसकी कमाई होती है।
प्रश्न: क्या स्मॉलकेस निवेश सुरक्षित है?
उत्तर: जी हाँ! स्मालकेस में जो भी पोर्टफोलियो बनाये हुए होते हैं वो सारे ही शेयर बाजार एक्सपर्ट्स द्वारा बनाये गए होते हैं जो कि बहुत सुरक्षित माने जाते हैं।
प्रश्न: स्माल केस कब शुरू हुआ?
उत्तर: स्माल केस को साल 2016 में शुरू किया गया था। इसमें आप एक साथ बहुत सारी कंपनियों के शेयर्स में निवेश कर सकते हैं।
प्रश्न: स्मालकेस कैसा है?
उत्तर: स्मालकेस निवेश करने का एक बहुत अच्छा और बढ़िया विकल्प है। इसके माध्यम से आप डायरेक्ट शेयर बाज़ार में अपना पैसा लगा सकते हैं।
इस लेख को पढ़ कर आपको स्मालकेस के बारे में अच्छी जानकारी हो गयी होगी। इसमें आपने यह जाना कि स्मालकेस क्या होता है, इसमें कैसे निवेश करना है, इसके रीव्यूज और साथ ही इससे आपको क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं। अंत में हमने आपको स्मालकेस रीबैलेंसिंग के बारे में भी बताया। हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा।