साबुन का बिज़नेस कैसे करे? साबुन बनाने की विधि, लागत और प्रॉफिट | Soap Making Business In Hindi

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साबुन एक ऐसी चीज़ होती हैं जो हर मनुष्य के द्वारा इस्तेमाल की जाती हैं। एक तरह से यदि इसे दैनिक जीवन में काम आने वाली चीज़ कह दिया जाए तो कोई गलत बात नही होगी। व्यक्ति को सुबह उठकर सबसे (Sabun banane ka business) पहले साबुन की ही आवश्यकता होती हैं। अब आप सोच रहे होंगे की कैसे। तो आज हम आपको बता दे कि व्यक्ति सुबह के समय चाहे शौच करने जाए या नहाने, दोनों काम के लिए उसे साबुन की ही (Sabun ka business kaise kare) आवश्यकता होगी।

तो यदि आप साबुन का बिज़नेस शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपका विचार बहुत ही उत्तम विचार माना जाएगा। आज के इस लेख में हम आपको (Sabun ka business kaise shuru kare) साबुन का बिज़नेस शुरू करने के बारे में ही जानकारी देंगे। इसे पढ़कर आप जान पाएंगे कि आखिरकार किस तरीके से आप अपना खुद का साबुन बनाने का बिज़नेस शुरू कर सकते हैं। आइए जाने साबुन का बिज़नेस करने के लिए आपको क्या कुछ करना पड़ेगा।

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साबुन का बिज़नेस कैसे करे? (Soap making business in Hindi)

अब यदि आप साबुन बनाने का बिज़नेस शुरू कर रहे हैं तो यह उत्तम विचार तो कहा जाएगा लेकिन उससे पहले आपको साबुन और उसके प्रकार के बारे में अच्छे से जान लेना चाहिए। इसके साथ ही कई अन्य चीज़े हैं जिनके बारे में आपको आवश्यक रूप से जान लेना चाहिए। जैसे कि आप किस तरह (Soap making business in India in Hindi) की साबुन का निर्माण करने जा रहे हैं, उसको बनाने के लिए आपको किस किस तरह की चीज़ों की आवश्यकता होगी और आप वह कैसे करेंगे।

आप साबुन बना भी लेंगे तो उसको बेचने के लिए आप किस तरह का तरीका अपनाएंगे, आप अपनी साबुन बनाने वाली कंपनी का नाम क्या रखेंगे, उसकी पैकिंग कैसे करेंगे, इत्यादि कारको को भी ध्यान में रखकर चलना होगा। चलिए एक एक करके इन सभी के बारे में जाना जाए।

साबुन का बिज़नेस कैसे करे? साबुन बनाने की विधि, लागत और प्रॉफिट | Soap Making Business In Hindi

साबुन बनाने का बिज़नेस क्या है (Sabun ka business kya hai)

साबुन बनाने से पहले आपको यह जानना होगा कि साबुन बनाने का बिज़नेस होता क्या है। तो साबुन वह चीज़ होती हैं जो व्यक्ति अपने हाथ, शरीर या मुहं को धोने के लिए इस्तेमाल करता है। किंतु इसके साथ ही साबुन को बर्तन या कपड़े धोने के लिए भी बनाया जाता हैं। तो जिस भी कंपनी में साबुन को बनाने का काम किया जा रहा हैं उस बिज़नेस को साबुन बनाने का बिज़नेस कहा जाएगा।

उसके अंतर्गत तरह तरह की साबुन बनाने की विधियाँ बनाई जाएगी और उसी विधि के अंतर्गत ही उस साबुन का निर्माण किया जाएगा। तो आप भी उस बिज़नेस में हाथ आजमा सकते हैं और बहुत जल्द सफल भी हो सकते हैं। किंतु इससे पहले आप यह निश्चित करे कि आप किस तरह की साबुन का निर्माण करेंगे। आइए जाने इसके बारे में भी।

साबुन के प्रकार (Soap types in Hindi)

अब यदि आप साबुन बनाने का बिज़नेस शुरू करेंगे तो इसके लिए आपको साबुन के प्रकारों के बारे में भी जानना होगा। तभी आप साबुन बनाने के बिज़नेस में जाएंगे तो बढ़िया होगा। अब आप सोच रहे हैं कि साबुन का संबंध केवल व्यक्ति के शरीर से ही होता हैं तो आप गलत हैं। दरअसल कई तरह की साबुन का निर्माण किया जा सकता हैं। उनमे से कुछ मुख्य प्रकार इस प्रकार हैं:

  • शरीर को धोने की साबुन
  • मुहं धोने की स्पेशल साबुन
  • हाथ धोने की साबुन
  • बर्तन धोने की साबुन
  • कपड़े धोने की साबुन
  • अन्य साबुन।

तो अब आपने यह जान लिया कि आप किस किस तरह की साबुन का निर्माण करना शुरू कर सकते हैं। आप चाहे तो एक से अधिक साबुन बनाने का विचार भी कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर आप हाथ धोने की साबुन और मुहं धोने की साबुन बनाने का विचार कर सकते हैं। इसके अलावा आप मुहं धोने की साबुन या अन्य किसी साबुन में अलग अलग फ्लेवर की साबुन या अलग अलग गुणवत्ता की साबुन भी निकाल सकते हैं। यह पूर्ण रूप से आप पर निर्भर करेगा कि आप किस तरह की साबुन का निर्माण करने जा रहे हैं।

साबुन का बिज़नेस करने की प्लानिंग (Soap making business plan in Hindi)

अब जब आप साबुन का बिज़नेस शुरू करेंगे या कोई अन्य बिज़नेस शुरू करेंगे तो उसके लिए एक सही प्लानिंग का होना बहुत ही जरुरी हो जाता हैं। यदि आप बिना प्लानिंग के कोई काम शुरू करेंगे तो आगे चलकर आपको ही तरह तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में आप किस तरीके से बिज़नेस को शुरू करना चाहते हैं, उसे किस स्तर तक लेकर जाना चाहते हैं, उसमे क्या क्या करना चाहते हैं, इसकी एक प्रॉपर प्लानिंग तैयार कर लेंगे तो बेहतर रहेगा।

इसके लिए आप अपने जानने वालों से संपर्क कीजिए। ऑनलाइन सर्च कीजिए, पूरी विधि देखिये, कैसे काम होता हैं यह देखिये और इस लेख को भी अंत तक पढ़िए। इस तरह से आपको अपने बिज़नेस की प्लानिंग करने में बहुत मदद मिलेगी जो आगे चलकर आपके ही काम आएगी।

साबुन का बिज़नेस करने से पहले मार्किट रिसर्च (Soap business market research)

साबुन का बिज़नेस करने से पहले आपको आवश्यक रूप से मार्किट रिसर्च करनी चाहिए। यदि आपको मार्किट के बारे में ही नही पता होगा तो आपको आगे चलकर बहुत बड़ा नुकसान तक हो सकता हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपके क्षेत्र में लोग किस तरह की साबुन का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उन्हें किस तरह का फ्लेवर पसंद हैं, कितने तक की साबुन की मांग ज्यादा रहती हैं इत्यादि।

इसी तरह आपके प्रतिस्पर्धा में कौन कौन हो सकता हैं, उनके द्वारा किस तरह की साबुन का निर्माण किया जा रहा हैं, आप जिस साबुन का निर्माण करेंगे वह उनसे किस तरह से अलग होगी और आप उसमे क्या अलग चीज़ प्रदान करेंगे, इत्यादि सब चीज़ों का मूल्याङ्कन पहले ही करके रख लेंगे तो आपके लिए ही बेहतर रहेगा।

साबुन का बिज़नेस करने के लिए जगह (Soap business location)

साबुन का बिज़नेस करने के लिए या साबुन बनाने के लिए आपको एक जगह की भी जरुरत होगी जहाँ पर आप साबुन बनाने की फैक्ट्री खोल सके। अब यह जगह कहां होगी और कितनी बड़ी होगी यह आप पर ही निर्भर करेगा। सामान्य तौर पर यदि आप साबुन बनाने की फैक्ट्री शुरू करने जा रहे हैं तो आपको कम से कम 500 वर्ग फुट से ज्यादा जगह की ही आवश्यकता होगी। यह तो हमने आपको न्यूनतम जगह बताई। साबुन बनाने की फैक्ट्री खोलने के लिए एक आदर्श जगह का क्षेत्रफल एक हज़ार वर्ग फुट कहा जा सकता हैं।

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आपको उस जगह में कई तरह की मशीन रखनी होगी। वहां पर कई तरह के कर्मचारी काम करेंगे। साबुन की पैकिंग का भी काम होगा और फिर तैयार साबुन को भी कही रखना होगा। तो इसके लिए आपको एक बड़ी जगह की आवश्यकता होगी। साथ ही आपको यह जगह किसी ऐसे स्थान पर लेनी पड़ेगी जहाँ पर जनता ज्यादा ना रहती हो जैसे कि कोई खाली सुनसान जगह या शहर से बाहर।

साबुन का बिज़नेस करने के लिए कच्चा माल (Soap business raw material)

साबुन बनाने का बिज़नेस करने जा रहे हैं तो उसके लिए कच्चा माल भी खरीदना होगा। अब यह कच्चा माल आपकी आवश्यकता के अनुसार हो सकता हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप किस तरह की साबुन का निर्माण करने जा रहे हैं और किस फ्लेवर की साबुन का निर्माण करने जा रहे हैं, उस तरह के कच्चे माल की ही आपको आवश्यकता पड़ेगी। जैसे कि यदि आप मुल्तानी मिट्टी की साबुन बनाने जा रहे हैं तो इसके लिए आपको मुल्तानी मिट्टी मंगवानी पड़ेगी और अगर हल्दी साबुन हैं तो हल्दी मंगवानी पड़ेगी।

इसके अलावा आपको साबुन बनने का अन्य आवश्यक सामान मंगवाना पड़ेगा। जैसे कि घोल बनाने के लिए कढ़ाई, मशीन, करछी, सुखाने के लिए चीज़ इत्यादि। तो आप कच्चे माल की व्यवस्था भी पहले से ही करके रख लेंगे तो बेहतर रहेगा।

साबुन बनाने की मशीन (Soap business machinery)

अब केवल कच्चा माल मंगवा कर ही तो काम नही चल पाएगा ना। आपको इसके लिए मशीनरी की भी जरुरत होगी। तो यह मशीन कहां से आएँगी और इनकी कीमत क्या होगी। यह भी आपको ध्यान रखना होगा। साबुन बनाने के लिए आपको ज्यादा मशीन की आवश्यकता नही होती हैं। यदि आप छोटे स्तर पर शुरुआत कर रहे हैं तो आप यह सब काम हाथ से या छोटी मशीन की सहायता से भी कर सकते हैं।

तो एक तरह से साबुन बनाने के लिए आपको जिस मशीन की आवश्यकता पड़ सकती हैं वे हैं साबुन का सामान मिक्स करने के लिए मशीन, ग्राइंड करने वाली मशीन, साबुन को आकार देने के लिए मशीन और उसकी पैकिंग करवाने वाली मशीन इत्यादि। इसलिए आप अपनी आवश्यकता के अनुसार मशीन का क्रय करेंगे तो बेहतर रहेगा।

साबुन बनाने की प्रक्रिया (Sabun banane ki vidhi in Hindi)

अब जब आपने सब माल मंगवा लिया हैं और आवश्यक मशीन भी खरीद ली हैं तो आप साबुन बनाने की प्रक्रिया को शुरू कर सकते हैं। इसको बनाने का प्रोसेस कोई (Sabun kaise banti hai) ज्यादा मुश्किल नही होता हैं और आपका ज्यादातर काम मशीन की सहायता से ही हो जाएगा। आइए जाने साबुन बनाने की प्रक्रिया के बारे में।

  • सबसे पहले तो आपको सब सामान को ग्राइंडर मशीन में डालना होगा ताकि यह अच्छे से मिक्स हो जाए और बारीक पिस जाए।
  • अब जब सब सामान बारीक पिस जाएगा तब आप इन्हें अलग चीज़ में निकाल ले और उसमे रंग व परफ्यूम डाले। हर साबुन में एक अलग खुशबू आती हैं जो उसे सबसे अलग बनाती हैं। तो आप भी उसे अलग रंग और खुशबू देने के लुए उसमे वह चीज़े मिलाये।
  • अब आप इसे अच्छे से मिक्स करके उसे उस मशीन में डाले जहाँ यह आकार लेगी और सूख जाएगी। इसके लिए आप मशीन को एकदम साफ रखे ताकि साबुन में किसी तरह की गंदगी ना मिलने पाए।
  • अब आकार देने वाली मशीन से उस साबुन को एक परफेक्ट आकार मिलेगा। आप यह साबुन के भार के अनुसार उसे अलग अलग आकार दे सकते हैं।
  • अब जब यह आकार तैयार हो जाए तो आपको अन्य मशीन की सहायता से साबुन पर अपनी कंपनी का नाम प्रिंट करना होगा। आप जो भी साबुन इस्तेमाल करते होंगे उस पर उस कंपनी का नाम हमेशा प्रिंट हुआ देखते होंगे। तो बस उसी तरह आपको भी अपने द्वारा तैयार की गयी साबुन पर अपनी कंपनी का नाम प्रिंट करना होगा।
  • जब यह नाम प्रिंट हो जाए तो आपको साबुन की पैकिंग करनी होगी। यह पैकिंग भी सभी की सामान रूप से होनी चाहिए ताकि कोई भी साबुन एक दूसरे से अलग ना लगे।
  • लो हो गयी आपकी कंपनी के नाम की साबुन तैयार जो अब आप मार्किट में बेच सकते हैं।

साबुन की पैकिंग करना (Sabun ki packing karna)

अब आपने साबुन बनाने की प्रक्रिया में आखिरी चरण के रूप में उसकी पैकिंग करने के बारे में जाना किंतु अब हम इसे विस्तार देंगे। यह पैकिंग सामान्य नही होनी चाहिए। कहने का अर्थ यह हुआ कि आकी साबुन की पैकिंग के ऊपर जो कवर चढ़ेगा वह इस प्रकार का होना चाहिए कि वह आपकी साबुन को सुरक्षित तो रखे ही रखे बल्कि साथ के साथ आपकी कंपनी की भी जानकारी दे।

इसी के साथ उस पर आपकी कंपनी का नाम, साबुन का नाम, साबुन को बनाने के उपयोग हुई चीज़े, उनकी मात्रा, उसका इस्तेमाल, फैक्ट्री का पता, संपर्क नंबर, शिकायत नंबर, कंपनी की अन्य आवश्यक जानकारी इत्यादि सब लिखा हुआ होना चाहिए। इसी के साथ उस साबुन का मूल्य और निर्माण तिथि व अंतिम तिथि भी आवश्यक रूप से लिखी हुई होनी चाहिए। ताकि लोगों को पता चल सके कि इसका निर्माण कब हुआ और कब तक इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

साबुन का मूल्य निर्धारण करना

अब जब आप अपना साबुन बनाने का बिज़नेस शुरू करेंगे तो उसके लिए आपको अपनी साबुन का मूल्य भी निर्धारित करना होगा। तो यह आपको सब खर्चों को मिलाकर देखना होगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि उसके लिए आपने कितना कच्चा माल ख़रीदा, मशीन और व्यक्ति के लिए कितना खर्चा लगा, अन्य क्या क्या खर्चे लगे और एक साबुन आपको असलियत में कितने की पड़ी।

फिर आपको यह भी देखना होगा कि आप उस साबुन को दुकानदार को या होलसेलर को कितने में देंगे। तो अब आप जितने में उसे यह साबुन बेचेंगे तो उससे कुछ मूल्य बढ़ाकर आपको लिखना होगा ताकि वह दुकानदार भी उस साबुन को बेचने में लाभ कमा सके अन्यथा वह दुकानदार आपकी साबुन को क्यों ही बेचेगा। इसी के साथ आप खुद कितना लाभ कमा सकते हैं यह भी आंकलन पहले ही कर लेंगे तो बेहतर रहेगा।

साबुन का मूल्य निर्धारण करते समय आप इस बात का भी ध्यान रखे कि आपके प्रतिस्पर्धियों के द्वारा उसी तरह की जिस साबुन का निर्माण किया जा रहा हैं, उसका मूल्य क्या हैं। यदि आप इसका ध्यान नही रखेंगे तो अवश्य ही मात खा जाएंगे। आपको बाजार में बने रहने के लिए अपने प्रतिस्पर्धियों से मिलते जुलते दाम ही रखने होंगे।

साबुन का बिज़नेस करने के लिए लाइसेंस (Soap business licence process)

अब जब आप किसी चीज़ का निर्माण कर रहे हैं तो उससे पहले आपको भारत सरकार, राज्य सरकार व नगर परिषद से कुछ लाइसेंस आवश्यक रूप से प्राप्त करने होंगे। बिना इसके यदि आप किसी चीज़ का निर्माण करेंगे तो आपके ऊपर दंडात्मक कार्यवाही हो सकती हैं। तो यदि आप चाहते हैं कि आपका साबुन बनाने का बिज़नेस सही से चलता रहे और उसमे किसी तरह की कानूनी अड़चन ना आने पाए तो आपको सभी आवश्यक लाइसेंस पहले ही लेकर रख लेने चाहिए। यह लाइसेंस हैं:

  • नगर पालिका से NOC
  • ट्रेडिंग लाइसेंस
  • फैक्ट्री का लाइसेंस
  • ट्रेड मार्क
  • कंपनी के नाम का पंजीकरण
  • कर्मचारियों की वेतन प्रक्रिया
  • प्रदूषण प्रमाण पत्र इत्यादि।

साबुन बनाने के बिज़नेस में खर्चा (Soap business investment plan)

अब यदि आप साबुन बनाने का बिज़नेस शुरू करेंगे तो उसके लिए आपको कई सारी चीज़े खरीद कर रखनी होगी। इन्हें खरीदने में खर्चा भी आएगा जो आपको वहां करना होगा। ऐसे में यदि आप जानना चाहते हैं कि साबुन बनाने के बिज़नेस में आपका शुरूआती कितना खर्चा आ सकता हैं तो यह पूर्ण रूप से आपके द्वारा शुरू किये गए साबुन बनाने के बिज़नेस के स्तर पर निर्भर करेगा।

सामान्य रूप से साबुन की फैक्ट्री शुरू करने में एक व्यक्ति का एक से लेकर दो लाख का खर्चा हो जाता हैं। इसके बाद आप जितना भी बड़ा बिज़नेस करे यह पूर्ण रूप से आप पर ही निर्भर करेगा। यह खर्चा 4 से 5 लाख भी हो सकता हैं यदि आप दो से तीन तरह की साबुन बनाने का विचार करते हैं तो।

साबुन बनाने के बिज़नेस के लिए लोन (Soap business loan process)

अब यदि आप साबुन बनाने का बिज़नेस शुरू कर रहे हैं और आपने यह जान लिया हैं कि इसमें आपका कम से कम 1 से 2 लाख तो लगेगा ही लगेगा और आप यही सोच कर चिंता में पड़ गए हैं कि आप इतना पैसा कहां से लेकर आएंगे तो चिंता मत कीजिए। दरअसल आज के समय में भारत सरकार द्वारा उद्यमियों को सरकारी बैंकों के द्वारा कम ब्याज में और बहुत ही आसानी से ऋण की सुविधा दी जा रही हैं।

आपको प्रधानमंत्री मुद्रा रोजना के तहत आसानी से ऋण मिल सकता हैं और वह भी बहुत ही कम ब्याज दर पर। इसलिए आप चिंता मत कीजिए और इस योजना के तहत ऋण के लिए आवेदन कर दे और अपना साबुन बनाने का बिज़नेस शुरू कर दे।

साबुन बनाने के बिज़नेस में कमाई (Soap business benefits in Hindi)

अब सबसे अंतिम और मुख्य बात जो हैं कि साबुन बनाने के बिज़नेस में आप कितनी कमाई कर सकते हैं। तो आज हम आपको बता दे कि इस तरह के बिज़नेस में आप दिन रात कमाई कर सकते हैं लेकिन आपको बहुत ही सावधान होकर चलना पड़ेगा। सबसे पहले तो आपकी साबुन बाकि साबुनों से अलग हो और उसका इस्तेमाल करके लोगों को एक अच्छा एहसास हो।

यदि आपकी साबुन सही दाम में मिलेगी और उनसे लोगों को फायदा होगा तो वे अवश्य ही इसे खरीदने लगेंगे। एक बार यदि वे खरीदने लग गए तो वे आपके पक्के ग्राहक बन जाएंगे। फिर उनके द्वारा आपकी कंपनी की बनाई साबुन खरीदने को ही महत्ता दी जाएगी। ऐसे में आपकी कमाई बढ़ती ही चली जाएगी। तो आप इसकी चिंता मत करे कि साबुन बनाने के बिज़नेस में आपकी कितनी कमाई होगी या नही। आप बस अपने काम पर ध्यान दे और फिर देखिये कमाल।

साबुन बनाने के बिज़नेस से Related FAQs

प्रश्न: क्या साबुन बनाना एक अच्छा व्यवसाय है?

उत्तर: हां, साबुन बनाना एक बहुत ही अच्छा व्यवसाय है जिसमें आप देखते ही देखते बहुत उन्नति कर सकते हैं।

प्रश्न: साबुन बनाने की मशीन कितने में आएगी?

उत्तर: साबुन बनाने की मशीन 50 से 60 हज़ार में आएगी।

प्रश्न: साबुन कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: साबुन कई प्रकार के होते हैं जैसे कि मुहं धोने की साबुन, हाथ धोने की साबुन, बर्तन धोने की साबुन, कपड़े धोने की साबुन, शरीर धोने की साबुन इत्यादि।

प्रश्न: साबुन बनाने में कौन कौन सी सामग्री लगती है?

उत्तर: साबुन बनाने में स्टोंस, फ्लेवर, रंग, इत्यादि सामग्री लगती है।

प्रश्न: क्या मैं बिना लाइसेंस के साबुन बेच सकता हूं?

उत्तर: नही, आप बिना लाइसेंस के साबुन नही बेच सकते हैं।

तो इस तरह से आज आपने जाना कि आप साबुन बनाने का बिज़नेस किस तरीके से कर सकते हैं, उसके लिए आपको क्या कुछ करना पड़ेगा और किस प्रक्रिया का पालन करना पड़ेगा, आपको किस किस तरह के कच्चे माल और मशीन की आवश्यकता होगी और उसमे आपका कितना खर्चा हो जाएगा इत्यादि।

शेफाली बंसल
शेफाली बंसल
इनको लिखने में काफी रूचि है। इन्होने महिलाओं की सोशल मीडिया ऐप व वेबसाइट आधारित कंपनी शिरोस में कार्य किया। अभी वह स्वतंत्र रूप में लेखन कार्य कर रहीं हैं। इनके लेख कई दैनिक अख़बार और पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।
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