सोवा वायरस क्या है? | सोवा वायरस से कैसे बचा जा सकता है? | What is SOVA Virus

|| सोवा वायरस क्या है?, What is SOVA Virus?, सोवा मालवेयर के कितने अपडेटेड वर्जन आ चुके हैं?, सोवा वायरस के निशाने पर कितने बैंकिंग व क्रिप्टो एप हैं?, सोवा मालवेयर कैसे काम करता है?, यह मालवेयर पहली बार कब डिटेक्ट किया गया?, बैंकों ने ग्राहकों से क्या न करने को कहा है?, सोवा वायरस कैसे बचा जा सकता है? ||

मित्रों, इन दिनों लोग बिल, फीस आदि के पेमेंट आनलाइन ही करना पसंद करते हैं। बैंकिंग आवश्यकताओं के लिए भी वे बजाए बैंक जाने के बैकिंग एप डाउनलोड कर उनका इस्तेमाल करते हैं। लेकिन लोगों की इस आदत ने उन्हें काफी हद तक परेशानी में भी डाला है। कई बार होता यह है कि वे बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या भरोसेमंद सोर्स से एप डाउनलोड नहीं करते। या कई बार वे एप से मिलते जुलते लोगो (logo) के झांसे में आकर नकली बैंकिंग एप डाउनलोड कर लेते हैं। इस तरह वे आनलाइन फ्राड करने वालों के आसान शिकार बन जाते हैं।

यह तो आप जानते ही हैं कि इन दिनों आनलाइन फ्राड (online fraud) बड़ी मात्रा में होते हैं। जैसे लोगों को एक लिंक भेजकर इस पर क्लिक करने को कहा जाता है। कई बार बैंक ग्राहकों के मोबाइल फोन पर एक लिंक (link) भेजकर एप इंस्टाल (app install) करने को कहा जाता है। इधर कस्टमर क्लिक करता है, उधर उसके एकाउंट से पैसा साफ हो जाता है। इसी तरह के एक सोवा वायरस (SOVA Virus) को लेकर इन दिनों बैंकों की ओर से एक अलर्ट (Alert) जारी किया गया है। आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि सोवा वायरस क्या है? (What is SOVA Virus?)

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मालवेयर क्या होता है? (What is malware?)

दोस्तों, इससे पूर्व कि हम आपको सोवा वायरस के बारे में बताएं, आइए पहले जान लेते हैं कि मालवेयर क्या होता है? (What is malware?) मित्रों, यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है, जिसे किसी भी कंप्यूटर या उसमें इंस्टाल किए गए किसी दूसरे सॉफ्टवेयर को हार्म करने के लिए या नुकसान पहुंचाने के लिए निर्मित किया जाता है। आपको जानकारी दे दें दोस्तों कि यह इतना खतरनाक होता है कि संवेदनशील जानकारी जैसे कि क्रेडिट कार्ड के नंबर अथवा आपका पासवर्ड आदि तक चुरा सकता है। यह यूजर की जानकारी के बगैर उसके ईमेल एकाउंट से फर्जी ईमेल भी भेज सकता है।

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सोवा वायरस क्या है? (What is SOVA Virus?)

साथियों, अब आते हैं सोवा वायरस पर। आपको बता दें दोस्तों कि यह भी दरअसल, एक एंड्रायड बैंकिंग ट्राजन मालवेयर (Android banking trozen malware) है। यह केवल बैंकिंग एप्स (banking apps) को ही निशाना बनाता है। ये वे एप होते हैं, जो आधिकारिक एप्स (official apps) की नकल होते हैं। लेकिन इन्हें किसी भरोसेमंद सोर्स (trusted source) से डाउनलोड (download) नहीं किया गया होता। ऐसे में जब आप इस मालवेयर के शिकार (target) बनने के बाद अपने बैंकिंग एप (banking app) में लॉगइन (login) करते हैं तो यह आपकी सारी पर्सनल बैंकिंग इन्फार्मेशन (personal banking information), आपके क्रेडेंशियल (credentials) चुरा लेता है।

इस जानकारी के बूते यह आपके नेटबैंकिंग एप में जाकर उनमें फर्जी लेयर्स (layers) जोड़ता है। ये लेयर्स मालवेयर को पेमेंट एप (payment app) की कॉपी करने में सहायता करती हैं। इस प्रकार चुराई गई जानकारी के जरिए यह सोवा (SOVA) नाम का मालवेयर आपके एकाउंट पर हाथ साफ कर देता है। जहां तक (SOVA) के अर्थ की बात है तो रूसी भाषा में सोवा का अर्थ उल्लू (OWL) से होता है। हम यह भी कह सकते हैं कि लोगों को उल्लू बनाकर इस मालवेयर के जरिए उनके पैसे पर हाथ साफ करने का कार्य किया जा रहा है।

क्या सोवा एप को मोबाइल से अनइंस्टाल किया जा सकता है? (Can this SOVA app be uninstalled from mobile phone?)

दोस्तों, सोवा वायरस बेहद ख़तरनाक है, यह तो आप जान ही गए हैं। इसके बारे में और भी दिक्कत की बात यह है कि यदि एक बार यह मालवेयर आपके सिस्टम में इंस्टाल हो जाता है तो फिर इसे हटाना फिलहाल नामुमकिन है। दोस्तों, आपको बता दें कि यदि कोई इसे अनइंस्टाल (uninstall) करने की कोशिश करता है तो मालवेयर को हासिल नए अपडेट (new update) की वजह से उसे फोन की स्क्रीन पर This app is secured का मैसेज लिखा नजर आता है।

बैंकों ने किसकी एडवाइजरी के पर इस सोवा वायरस को लेकर चेतावनी जारी की है? (Of whom’s advisory banks have issued alert on SOVA virus?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि इस सोवा वायरस (SOVA virus) के बारे में एसबीआई (SBI), एचडीएफसी (HDFC), आईडीबीआई (IDBI), जैसे बैंकों समेत कई बैंकों ने लोगों को अलर्ट (alert) किया है। बैंकों के आफिशियल एप सोर्स के अतिरिक्त किसी अन्य सोर्स से मोबाइल एप डाउनलोड न करने को कहा है। बैंकों ने यह चेतावनी भारत की फेडरल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी (federal cyber security agency) यानी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-in) के बैंकों को एक एडवायजरी (advisory) जारी करने के बाद जारी की है।

अब तमाम बैंकों ने अपने ग्राहकों को सावधान रहने को कहा है। आपको बता दें दोस्तों कि इससे पूर्व सोवा अमेरिका (America), रूस (Russia) एवं स्पेन (Spain) जैसे देशों पर फोकस कर रहा था, लेकिन अब इसने भारत को भी अपनी टारगेट लिस्ट (target list) में शामिल कर लिया हैं।

सोवा मालवेयर कैसे काम करता है? (How does this SOVA malware work?)

मित्रों, अब आपके मन में यह उत्सुकता अवश्य हो रही होगी कि आखिर यह सोवा मालवेयर कैसे काम करता है? तो आपको बता दें कि इस मालवेयर को किसी भी अन्य एंड्रायड ट्रोजन की ही भांति स्मिशिंग (smishing) यानी फिशिंग एसएमएस phishing (sms) के जरिए इस्तेमाल करने वाले की डिवाइस (device) पर भेजा जाता है।

यह आप जानते ही होंगे कि स्मिशिंग एक ऐसी प्रक्रिया (process) है, जिसके जरिए लोगों को पासवर्ड (password) समेत अपनी अन्य डिटेल शेयर (details share) करने के लिए फर्जी एसएमएस भेजे जाते हैं। एसएमएस के जरिए इस नकली एंड्रायड एप को इंस्टाल करने के बाद यह स्मार्ट फोन पर इंस्टाल अन्य एप की डिटेल सी2 (C2) यानी कमांड एवं कंट्रोल सर्वर (command and control server) को भेजता है।

अब हरेक टारगेटेड एप के लिए सी2 मालवेयर को एक एड्रेस की लिट भेजता है तथा इस पूरी जानकारी को एक एक्सएमएल फाइल (XML file) में स्टोर (store) करता है। इस एप को इसके बाद मालवेयर एवं सी2 के जरिए मैनेज किया जाता है। यदि सरल भाषा में कहें तो यह मालवेयर एक स्मिशिंग एसएमएस के जरिए पहले आपके फोन में इंस्टाल हो जाता है। इसके पश्चात यह ट्रोजन आपके फोन में मौजूद एप की सारी डिटेल हैकर को भेजता है।

अब हैकर इन एप के लिए मालवेयर सी2 की मदद से टारगेटेड एड्रेस (targeted address) की लिस्ट भेजा है। अब जब भी आप इन एप का इस्तेमाल करते हैं, तब मालवेयर आपके डाटा को एक्सएमएल फाइल में स्टोर कर देता है, जिसे हैकर कभी भी एक्सेस कर सकते हैं।

सोवा वायरस क्रेडेंशियल चोरी करने के अलावा और क्या कर सकता है? (What a SOVA virus can do except stealing the credentials of user?)

अभी हमने आपको बताया कि यह वायरस आपके फोन से कई प्रकार का डाटा/क्रेडेंशियल्स चोरी कर सकता है। दोस्तों, इसके अलावा यह की स्ट्रोक्स (key strokes) कलेक्ट कर सकता है, कुकीज (cookies), मल्टी फैक्टर आथेंटिकशन टोकन (multi factor authentication token) तक को भी कॉपी करने की क्षमता रखता हैं। यदि संबंधित हैकर चाहे तो वह इस मालवेयर की सहायता से एंड्राइड एक्सेसिबिलिटी सेवा का (Android accessibility service) इस्तेमाल कर अपने फोन स्क्रीनशाट (screenshot) ले सकता है। वीडियो रिकार्ड (video record) कर सकता है। कुल मिलाकर सोवा वायरस किसी भी व्यक्ति को आर्थिक रूप से परेशानी में डालने में सक्षम है। उम्मीद करते हैं कि इस मालवेयर का शिकार बनने वाले वह व्यक्ति आप न हों।

यह मालवेयर पहली बार कब डिटेक्ट किया गया? (When this malware was first detected?)

साथियों, आपको जानकारी दे दें कि इस मालवेयर को पहली बार सितंबर, 2021 में डिटेक्ट किया गया था। अब आप जान लीजिए कि फिलहाल कितने बैंकिंग एप एवं क्रिप्टो एप (banking and crypto app) इसके निशाने पर हैं? मित्रों, आपको बता दें कि सोवा के नए वर्जन के निशाने पर करीब 200 से भी अधिक मोबाइल बैंकिंग एवं क्रिप्टो एप (mobile banking and crypto app) हैं। हजारों ग्राहक इस प्रकार के एप का इस्तेमाल करते हैं। कुल मिलाकर बैंकिंग ग्राहकों की सुरक्षा पर खतरा बना हुआ है। उनकी सतर्कता ही उन्हें अपनी धनराशि खोने की स्थिति से बचा सकती है।

सोवा वायरस से बचाव कैसे करें? (How to be safe from this SOVA virus?)

मित्रों, आइए, अब हम आपको उन तरीकों की जानकारी देते हैं, जिनका इस्तेमाल कर आप सोवा वायरस से अपने बैंक एकाउंट को सुरक्षित कर सकते हैं और अपने एकाउंट में सेंधमारी से बच सकते हैं। ये तरीके इस प्रकार से हैं-

  • किसी एप को किसी भरोसेमंद सोर्स अथवा गूगल प्रोटेक्टेड गूगल प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें।
  • एप को डाउनलोड करने से पूर्व एप की डिटेल, डाउनलोड संख्या एवं उसके रिव्यू चेक कर लें।
  • किसी भी वायरस के अटैक से बचने के लिए भरोसेमंद एंटी वायरस का उपयोग करें।
  • आप चाहें तो एंड्रायड अपडेट भी डाउनलोड करते रहें।
  • यदि आपके मोबाइल पर कोई अंजान लिंक आया है तो इस पर क्लिक कर एप को इंस्टाल न करें।
  • यदि आप कोई एप इंस्टाल कर रहे हैं तो केवल आवश्यक बातों के लिए ही परमिशन दें।
  • किसी भी अंजान वेबसाइट लिंक पर क्लिक न करें।

साइबर विशेषज्ञों की सोवा को लेकर क्या चिंता है? (What is the worry of cyber experts related to SOVA?)

मित्रों, भारत के साइबर विशेषज्ञों (cyber experts) के लिए चिंताजनक बात यह है कि यह सोवा (SOVA) भारतीय साइबर स्पेस (indian cyber space) में डिटेक्ट होने के बाद अपना पांचवा वर्जन (version) भी अपडेट (update) कर चुका है। लिहाजा, यह अब सभी डाटा को एन्क्रिप्ट (encrypt) भी कर सकता है। इस मालवेयर का लेटेस्ट वर्जन (latest version) फर्जी एंड्राइड एप (fraud Android app) के बीच खुद को छिप लेता है, जो इनके वैधानिक लोगो जैसे ही नजर आते हैं।

ये भी लोकप्रिय एप्स क्रोम (chrome), अमेजन (Amazon), एनएफटी प्लेटफार्म (NFT Platform) जैसे ही दिखते हैं। इनसे यूजर को धोखा हो जाता है और वे इन्हें इंस्टाल (install) कर लेते हैं। जब तक वे अपने साथ हुए इस धोखे को जान पाते हैं, तब तक बहुत देर हो जाती है, वे अपने धन से हाथ धो बैठते हैं। यदि आप भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं, फोन बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं। अपने सारे भुगतान के लिए अपने मोबाइल पर ही निर्भर रहते हैं तो चेत जाएं। एक बात और दोस्तों, यदि तमाम सावधानी बरतने के बावजूद आपके अथवा आपके किसी परिचित के साथ इस तरह की घटना पेश आई है तो तुरंत उन्हें बैंक (Bank) के साथ ही पुलिस (police) को भी सूचित करना चाहिए।

सोवा वायरस क्या है?

यह एक मोबाइल बैंकिंग ट्रोजन मालवेयर है।

यह वायरस क्या करता है?

यह मालवेयर आपके नेट बैंकिंग में लागिन करते वक्त आपके क्रेडेंशियल चुरा सकता है। बाद में इसके सहारे आपका एकाउंट साफ कर सकता है।

यह मालवेयर पहली बार कब डिटेक्ट किया गया?

यह मालवेयर पहली बार सितंबर, 2021 में डिटेक्ट किया गया था।

इस मालवेयर के बारे में किसकी एडवाइजरी पर बैंकों ने अलर्ट जारी किया है?

इस मालवेयर के बारे में इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम की एडवाइजरी के बाद बैंकों ने अलर्ट जारी किया है।

बैंकों ने ग्राहकों से क्या न करने को कहा है?

बैंकों ने अपने ग्राहकों को भरोसेमंद सोर्स से ही एप डाउनलोड करने की सलाह दी है। किसी भी अंजान सोर्स से बैंकिंग एप डाउनलोड न करने को कहा है।

क्या इस मालवेयर को मोबाइल फोन से अनइंस्टाल किया जा सकता है?

जी नहीं, एक बार मोबाइल फोन में इंस्टाल होने के बाद इस मालवेयर को अनइंस्टाल नहीं किया जा सकता।

सोवा मालवेयर के कितने अपडेटेड वर्जन आ चुके हैं?

इस मालवेयर के पांच अपडेटेड वर्जन आ चुके हैं।

यदि यूजर इस मालवेयर को अनइंस्टाल करने की कोशिश करता है तो क्या होगा?

यदि यूजर इस मालवेयर को अनइंस्टाल करने की कोशिश करता है तो उसे स्क्रीन पर this app is secured का मैसेज लिखा दिखाई देता है।

सोवा वायरस के निशाने पर कितने बैंकिंग व क्रिप्टो एप हैं?

200 से भी भी अधिक बैंकिंग व क्रिप्टो एप इस वायरस के निशाने पर हैं।

मित्रों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में सोवा वायरस (SOVA virus) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उम्मीद है कि आप इस मालवेयर से अपने फोन को सुरक्षित रखेंगे। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई सवाल अथवा सुझाव है तो नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके अपनी बात हम तक अवश्य पहुंचाएं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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