SPG Security क्या है? SPG और जेड प्लस में क्या अंतर है? SPG Security In Hindi

SPG Security In Hindi – हमारे देश में जितने भी राजनेता, अभिनेता, नामी हस्तियां या नामी गिरामी लोग हैं, उनमें से ज्यादातर Security के घेरे में रहते हैं। किसी को उसके पद की Importance को देखते Security हासिल है तो कुछ लोग अपने लिए किसी Security agency की services hire करते हैं। Bollywood में सुरक्षा के लिए bouncers रखने, निजी body guard रखने का भी बड़ा चलन है। अब Bollywood हीरो सलमान खान को ही लें, जिनका body guard शेरा बहुत चर्चित रहा है।

SPG Security क्या है? SPG और जेड प्लस में क्या अंतर है? SPG Security In Hindi

अगर नेताओं की बात करें तो यहां पद के अनुसार सरकारी सुरक्षा हासिल है। किसी को SPG तो किसी को जेड पलस, तो किसी को एक्स और वाई लेवल की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। ज्यादातर फिल्म स्आर अपनी पर्सनल सुरक्षा लेकर चलते हैं। प्रधानमंत्री हो या पूर्व प्रधानमंत्री सभी का अपना सुरक्षा घेरा होता है।

हाल ही में केंद्र सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की SPG सुरक्षा हटाए जाने का फैसला लिया है। उन्हें अब जेड प्लस सुरक्षा दी जा रही है। इसके बाद से ही SPG और जेड प्लस चर्चा के केंद्र में है। सरकार का कहना है कि थ्रेट इनपुट यानी खतरे की आशंका का आंकलन करने के बाद यह फैसला लिया गया। दोस्तों, आप जानते हैं कि SPG Security क्या है? SPG और और जेड प्लस में क्या अंतर है? आज हम आपको इसी संबंध में इस post में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश करेंगे।

SPG Security क्या होती है? SPG Suraksha Kya Hai –

SPG का फुल फॉर्म है – Special Protection Group। यानी कि विशेष सुरक्षा समूह या विशेष सुरक्षा दल। SPG Security हमारे देश के प्रधानमंत्री के साथ पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ ही उनके साथ आए अति विशिष्ट अतिथियों की सुरक्षा का जिम्मा भी उठाती है। अभी तक पूर्व प्रधानमंत्रियों, उनके परिजनों और गांधी परिवार की सुरक्षा का जिम्मा भी SPG पर ही था, लेकिन केंद्र सरकार ने समीक्षा के बाद बीते अगस्त महीने में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की SPG Security वापस ले ली थी। वहीं, बीते माह गांधी परिवार यानी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की SPG Security वापस लिए जाने का भी फैसला केंद्र सरकार ने लिया है।

अब उन्हें केवल जेड प्लस सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। इसी पर इन दिनों सियासी उबाल आया हुआ है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस कदम के विरोध में जगह जगह आंदोलन चलाया हुआ है। दोस्तों, आपको बता दें कि SPG Security के तहत 4000 जवानों की सुरक्षा मिलती है, जो उच्च तकनीकी और हथियारों से लैस होते हैं। उच्च तकनीकी से लैस वाहन, जैमर आदि की सुविधा हासिल होती है। SPG Security का बजट 300 करोड़ से अधिक का है।

कब गठित की गई थी एसपीजी –

आपको बता दें कि हमारे देश की संसद ने एक act के जरिये दो जून, 1988 में SPG को गठित किया था। इसके जवानों का चयन police और para military force जैसे कि BSF, CISF, ITBP और CRPF से किया जाता है। यह उच्च तकनीक से लैस अति आधुनिक विशेष सुरक्षा दस्ता माना जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गांधी परिवार से SPG Security वापस लिए जाने के बाद यह Security इस वक्त केवल वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हासिल है। अलबत्ता, विदेश दौरे के वक्त भी गांधी परिवार के लिए इस सुविधा का दायरा बढ़ाया गया था। हालांकि, अब वह केवल जेड प्लस सुरक्षा के भरोसे हैं।

SPG के गठन की वजह क्या थी –

SPG Security के अस्तित्व में आने की एक बड़ी वजह थी। दरअसल, आज से करीब 35 साल पहले सन् 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उन्हीं के अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर चिंता शुरू हुई। काफी विचार विमर्श के बाद यह तय किया गया कि एक खास ग्रुप के पास प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा होना चाहिए। ऐसे में SPG के गठन की प्रक्रिया शुरू हुई।

इसके अगले साल 18 फरवरी, 1985 को गृह मंत्रालय ने बीरबल नाथ समिति की स्थापना की। उसी साल मार्च में इस समिति ने एक Special protection unit यानी SPU के गठन की सिफारिश की। 30 मार्च को भारत के राष्ट्रपति ने कैबिनेट सचिवालय के तहत इस यूनिट के लिए 819 पदों का निर्माण किया। बाद में संसद ने अधिनियम लाकर इसे गठित कर दिया। इसे SPG का नाम दिया गया। साथियों, लगे हाथ आपको यह भी बता दें कि इसका प्रमुख director रैंक का एक IPS अफसर होता है। इसका मुख्यालय पीएम हाउस में ही होता है। जो कि नई दिल्ली में ही है।

खास हथियार से लैस होती है SPG –

जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि SPG Security प्रधानमंत्री की सुरक्षा में संलग्न है तो आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर इस group के पास ऐसे कौन से हथियार हैं, जिनकी मदद से SPG अपनी Duty को अंजाम देता है? तो दोस्तों, आपको बता दें कि SPG कमांडो automatic गन FNF-2000 असाल्ट राइफल से लैस होते हैं। इनके पास ग्लोक 17 नाम की एक pistol होती है। यह एक लाइटवेट बुलेटप्रूफ जैकेट पहनते हैं, ताकि हमले की स्थिति में इन पर गोलियों का असर नहो और यह सुरक्षा कवच बन सकें।

एसपीजी के जवान हाई ग्रेड बुलेटप्रूफ वेस्ट भी पहने होते हैं। यह लेवल 3 केवलर की होती हैं। इसका वजन 2.2 किलो का होता है। इसकी खासियत यह होती है कि यह 10 मीटर दूर से एके 47 से चलाई गई 7.62 कैलिबर की गोली भी झेल सकती है। अपने साथी कमांडो से बातचीत करने के लिए यह कान में लगे ear plugs या वाकी टाकी की मदद लेते हैं।

इनके जूते भी काफी अलग होते हैं। इनका सोल यानी तलवा इस तरह का होता है कि यह किसी भी तरह की जमीन या फर्श पर नहीं फिसलते। यह कमांडो खास तरह के दस्ताने या gloves पहनते हैं। इससे उनका चोट से बचाव होता है। इसके अलावा यह कमांडो एक खास तरह का चश्मा पहनते हैं। इससे उनकी आंख का किसी भी तरह के हमले के वक्त बचाव होता है। यह किसी भी तरह का Distraction नहीं होने देते।

किस Level की होती है SPG Training –

SPG Security को अमेरिकी राष्ट्रपति के सुरक्षा गार्ड के बराबर दर्जा हासिल है। यह खास हथियार और साज ओ सामान से तो लैस होते ही हैं। इन्हें world class training को दी जाती है। इस training की तुलना United States secret service agents को दी जाने वाली trainingसे की जा सकती है। अगर हमला हो जाता है तो सेकंड कार्डन की जिम्मेदारी होती है कि वह प्रधानमंत्री के चारों ओर घेरा बनाकर खडे जवानों को cover दें ताकि प्रधानमंत्री को ऐसी emergency की स्थिति में सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।

क्या क्या होता है SPG के काफिले में –

निश्चित रूप से आपके भीतर यह जानने के लिए आकुलता हो रही होगी कि आखिर SPG के काफिले में क्या क्या शामिल होता है? तो आइए हम आपको बताएं। एसपीजी जवानों के प्रधानमंत्री के काफिले में एक दर्जन गाडियां होती हैं। इसमें BMW 7 series की sedan, 6 BMW एक्स 3 और एक Mercedes Benz होती है। इसके अलावा Mercedes Benz एंबुलेंस, Tata safari जैमर भी इस काफिले में शामिल होती है। इस काफिले को अभेद्य माना जाता है। इस काफिले के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए लोगों में बेहद दिलचस्पी रहती है।

SPG Security और जेड प्लस में अंतर क्या है –

जेड प्लस SPG के बाद जेड प्लस दूसरी top Level की सुरक्षा व्यवस्था है। SPG Security के तहत प्रधानमंत्री को आधुनिक हथियारों और तकनीक से लैस जवानों का सुरक्षा घेरा रहता है, वहीं जेड प्लस Security उप राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट जज, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, अहम केंद्रीय मंत्री, प्रमुख नेता, कलाकार, खिलाडी या देश के किसी अहम नागरिक को प्रदान की जाती है।

इसके तहत विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा में 36 जवान लगे होते हैं। इसमें 10 से ज्यादा NSG commando के साथ दिल्ली पुलिस, ITBP या CRPF के commando और राज्य के पुलिसकर्मी शामिल होते हैं। जेड प्लस सुरक्षा में लगे NSG commando के पास MP-5 मशीनगन के साथ ही अन्य आधुनिक हथियार और अत्याधुनिक किस्म के संचार उपकरण भी होते हैं।

SPG Security के दायरे में पूर्व प्रधानमंत्री कब शामिल किए गए –

जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि SPG Security का गठन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए किया गया था। आज से 28 साल पहले सन् 1991 में 21 मई के दिन देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एक जनसभा के दौरान पेरंबुदूर में हत्या हो गई थी। जिसके बाद SPG अधिनियम में संशोधन किया गया और SPG Security के दायरे में पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को भी शामिल कर लिया गया।

इसी के तहत गांधी परिवार को SPG Security दे दी गई। हर पांच साल में इस सुरक्षा की समीक्षा का भी प्रावधान किया गया। ताकि इसे जारी रखने को लेकर फैसला किया जाए। साथियों, लगे हाथों आपको यह भी बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या आरोपी नलिनी और उसके साथी अब भी सलाखों के पीछे हैं। नलिनी को एक घरेलू शादी में शिरकत के लिए पेरोल पर घर भेजा गया था। इससे पहले उसे उसकी मां की मौत होने पर अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए कुछ समय के लिए घर जाने का मौका मिला था। इससे पहले राजीव गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी भी नलिनी से मुलाकात करने पहुंची थीं।

क्यों हटाई गई गांधी परिवार की सुरक्षा से SPG –

जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में गांधी परिवार से SPG Security वापस लिए जाने का फैसला लिया है। आपको यह भी बता दें कि ऐसा क्यों किया गया। सरकार ने इसके लिए threat input का हवाला देते हुए कहा है कि गांधी परिवार को अब SPG Security की जरूरत नहीं है।

पूर्व प्रधानमंत्रियों को SPG Security न देने को विधेयक –

दोस्तों, आपको बता दें कि SPG Security के दायरे में पूर्व प्रधानमंत्रियों को न रखे जाने का फैसला केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया है। इसके लिए SPG अधिनियम में संशोधन किया गया है। इस संबंध में विधेयक लोकसभा में अगले सप्ताह तक लाए जाने की तैयारी है। विधेयक दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मुहर लगते ही कानून बन जाएगा। इस तरह केवल प्रधानमंत्री ही इसके दायरे में रह जाएंगे।

दोस्तों, इस तरह आपने जाना कि SPG Security क्या है। जेड प्लस सुरक्षा और SPG Security में क्या अंतर है। साथियों, उम्मीद है कि आपको विस्तार से लिखी गई यह post अवश्य पसंद आई होगी। अगर इस post को पढ़कर आपके दिमाग में भी उठ रहा है कोई भी सवाल तो आप यहां comment box में comment करके पूछ सकते हैं। हम आपको आपके सवालों का बेहतर जवाब देने की कोशिश करेंगे।

SPG Security FAQ

SPG Security क्या हैं?

SPG Security एक सशक्त सेना बल है। मैं सुरक्षा वर्तमान समय में प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार को प्रदान की जाती है।

SPG Security की स्थापना कब की गई थी?

SPG Security की स्थापना इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 2 1988 के बाद एक एक्ट के तहत की गई थीं।

SPG का पूरा नाम क्या है?

SPG का फुलफॉर्म Special Protection Group होती है, जिसे हिंदी में विशेष सुरक्षा दल कहां जाता हैं.

SPG Security कुल कितने जवान होते हैं?

जानकारी मुताबिक SPG Security में 3000 कमांडो मौजूद हैं।

इसके अलावा अगर आपके पास है हमारे लिए को suggestion तो उसका भी है बहुत बहुत स्वागत। वह भी आपको हम तक नीचे दिए comment box में लिख देना है। इसके अलावा अगर आप चाहते हैं किसी खास विषय पर जानकारी तो भी commentके जरिए अपनी बात हम तक पहुंचा सकते हैं।।-धन्यवाद-।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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