|| आनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें [how to start online trading], ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है, शेयर ट्रेडिंग कैसे करे, ट्रेडिंग कैसे करते हैं, ट्रेडिंग कंपनी, ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन ट्रेडिंग एप ||
यद्यपि ट्रेडिंग को काफी जोखिम भरा कार्य माना जाता है, किंतु इन दिनों आनलाइन ट्रेडिंग करने वालों की कमी नहीं है। स्टाक मार्केट की बेसिक जानकारी रखने वाले एवं घर बैठे मुनाफा कमाने की इच्छा रखने वालों के लिए यह आय का एक अच्छा स्रोत है। हालांकि आज भी बहुत से लोग अभी आनलाइन ट्रेडिंग के टर्म से परिचित नहीं है।
यह पोस्ट उन्हीं के लिए है। आज इस पोस्ट में हम इस विषय पर प्रकाश डालेंगे कि आनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते हैं। उम्मीद है यह पोस्ट आपको पसंद आएगी-
ट्रेडिंग क्या होती है? (what is trading)
सबसे पहले यह समझ लेते हैं कि ट्रेडिंग क्या है। इसके सरलतम अर्थ पर जाएं तो ट्रेडिंग का अर्थ व्यापार से लगाया जाता है। यह किसी वस्तु अथवा सेवा का व्यापार हो सकता है, जिसके आदान-प्रदान के माध्यम से कोई भी व्यक्ति लाभ अर्जित करता है।
ठीक इसी प्रकार स्टाक मार्केट ट्रेडिंग होती है। यहां कोई भी व्यक्ति वस्तु अथवा सेवा के स्थान पर शेयरों की खरीद-बिक्री करके लाभ कमाता है।
स्टाक मार्केट ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? (How many types of Stock markets are)
स्टाट मार्केट ट्रेडिंग को चार भागों में बांटा गया है। पहली स्कैल्पिंग ट्रेडिंग, दूसरी इंट्राडे ट्रेडिंग, तीसरी स्विंग ट्रेडिंग एवं चौथी पोजीशनल ट्रेडिंग। अब ट्रेडिंग के इन चारों प्रकारों के विषय में विस्तार से समझ लेते हैं –
1. स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (scalping trading) –
जब केवल कुछ मिनट अथवा सेकंड के लिए ट्रेडिंग की जाती है उसे स्कैल्पिंग ट्रेडिंग कहते हैं। यह ट्रेडिंग का सर्वाधिक जोखिम भरा रूप है।
2. इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading) –
एक दिन के लिए किए जाने वाली ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग कहलाती है। इसके तहत ट्रेडर मार्केट खुलने के पश्चात शेयर खरीदते हैं एवं मार्केट बंद होने से पहले शेयर बेच देते हैं। यह स्कैल्पिंग ट्रेडिंग से थोडा कम जोखिम भरा होता है।
3. स्विंग ट्रेडिंग (swing trading) –
जब ट्रेडर्स कुछ समय मसलन एक-दो हफते के लिए शेयर खरीदते हैं एवं फिर बेच देते हैं, इसे स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है। अच्छी बात यह है कि इस ट्रेडिंग के लिए ट्रेडिंग को पूरे दिन चार्ट नहीं देखना होगा।
यह उन लोगों के लिए बेहतर है, जो अपना पूरा दिन ट्रेडिंग को नहीं दे सकते। मसलन नौकरीशुदा ट्रेडर, छात्र-छात्राएं आदि।
4. पोजीशनल ट्रेडिंग (positional training) –
इस ट्रेडिंग में शेयर को कुछ महीने के लिए होल्ड किया जाता है। ऐसा अच्छा मुनाफा कमाने की आस में किया जाता है। इस पर शेयर मार्केट के रोज होने वाले किसी प्रकार के उतार-चढ़ाव का अधिक असर नहीं होता। यह बाकी ट्रेडिंग से कम जोखिम भरा होता है।
आनलाइन ट्रेडिंग क्या होती है? (What is online trading) –
जब स्टाक मार्केट ट्रेडिंग किसी आनलाइन प्लेटफाॅर्म के जरिये की जाती है तो यह आनलाइन ट्रेडिंग कहलाती है। इसे घर बैठे भी आसानी से किया जा सकता है। यही वजह है कि इन दिनों आनलाइन ट्रेडिंग का कांसेप्ट जोर पकड़ रहा है।
स्टाक मार्केट की मामूली समझ रखने वाला व्यक्ति एक स्मार्टफोन एवं इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से आनलाइन ट्रेडिंग को अंजाम दे सकता है।
आनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? (How to start online trading)
यह एक बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न है कि आनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें। इस सवाल का एक बेहद आसान जवाब है- आप स्वयं आनलाइन ट्रेडिंग कर सकते हैं। अथवा यदि आप चाहें तो ब्रोकर के जरिये भी मार्केट में ट्रेडिंग कर सकते हैं।
यह स्टाक ब्रोकर ट्रेडर/इन्वेस्टर्स एवं स्टाक एक्सचेंज के बीच मिडिल मैन अथवा बिचौलिए का काम करता है। स्टाक ब्रोकर इस कार्य के बदले आपसे कुछ ब्रोकरेज फीस लेंगे। इसका कैलकुलेशन अधिकांशतः ट्रेड की मात्रा के आधार पर होता है। आनलाइन ट्रेडिंग शुरू करने की प्रक्रिया निम्नवत है-
आनलाइन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको एक स्टाक ब्रोकर का चुनाव करना होगा। वह आनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफाॅर्म का इस्तेमाल करने के साथ ही खरीदे गए शेयर को स्टोर करने के लिए डीमैट एकाउंट एवं एक ट्रेडिंग एकाउंट की सुविधा देगा।
2. डीमैट एवं ट्रेडिंग एकाउंट खोलें (open trading and demat account)
अब आपको एक डीमैट एवं ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा। यह तो आप जानते ही होंगे कि एक ट्रेडिंग एकाउंट स्टाक मार्केट में शेयरों की खरीद-बिक्री में मदद करता है, वहीं डीमैट एकाउंट में खरीदे गए एक डिजिटल फाॅर्म में स्टोर किए जा सकते हैं। इसका तरीका ब्रोकर टू ब्रोकर अलग होता है। सामान्य प्रक्रिया निम्नवत है-
- किसी एक ब्रोकर का चुनाव करें । आप जीरोधा जैसे ऑनलाइन ब्रोकर प्लेटफॉर्म का चुनाव कर सकते हैं । जीरोधा ऑनलाइन अकाउंट ओपन करने के लिए यहां क्लिक करें ।
- ऑनलाइन ब्रोकिंग की वेबसाइट पर पहुंचकर आपको सेंड बटन पर क्लिक करना होगा । जिसके पश्चात आपको साइन अप का एक आनलाइन फाॅर्म भरना होगा।
- इसमें आपको अपनी बेसिक जानकारी जैसे आपका पैन नंबर, बैंक डिटेल्स, आईडेंटिटी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, डेट आफ बर्थ जैसी जानकारी भरनी होगी।
- वेरिफिकेशन के पश्चात आखिर में आपको एनएसडीएल दस्तावेज (NSDL document) पर अपने ई-साइन (e-sign) करने होंगे, जो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेज दिया जाएगा।
- आवेदन सबमिट करने के पश्चात आपका एकाउंट खुल जाएगा। आपको आपके लाॅगिन डिटेल्स मिल जाएंगे।
3. आनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफाॅर्म की जानकारी लें (know about online trading platform)
ट्रेडिंग एवं डीमैट खाता खुल जाने के पश्चात ट्रेडिंग प्लेटफाॅर्म एक्सप्लोर करने एवं ट्रेड करने के लिए आपको अपने एकाउंट से लाॅगिन करना होगा। इन दिनों ब्रोकर स्टाक मार्केट में ट्रेडिंग के लिए कई तरह के प्लेटफाॅर्म प्रदान करते हैं।
मसलन मोबाइल ट्रेडिंग एप, डाउनेबल साॅफ्टवेयर, डेस्कटाॅप एवं ब्राउजर आधारित साॅफ्टवेयर आदि। आप वह प्लेटफाॅर्म चुनें, जिस पर ट्रेडिंग आपके लिए आसान हो।
4. आनलाइन ट्रेडिंग शुरू करें (start online trading)
अपने लिए बेहतर प्लेटफाॅर्म को खासी रिसर्च के बाद चुनने के पश्चात आप आनलाइन ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। आप देख सकते हैं कि कौन से स्टाक ट्रेंडिंग हैं, उन्हें अपनी लिस्ट में एड करें। शेयर सेलेक्शन के पश्चात अपने खरीद/बिक्री आर्डर दें। आप जो भी ट्रेड करते हैं, ब्रोकर को 24 घंटे के भीतर उसका कांट्रेक्ट नोट रिलीज करना होगा।
जो ब्रोकर ट्रेडिंग वाॅल्यूम पर फीस चार्ज करते हैं, उन्हें फुल ब्रोकर कहते हैं, जबकि जो ब्रोकर मात्रा पर न जाकर फ्लैट फीस चार्ज करते हैं, उन्हें डिस्काउंट ब्रोकर कहा जाता है।
मोबाइल ट्रेडिंग एप से भी आनलाइन ट्रेडिंग कर सकते हैं (online trading can be done on trading app also)
इन दिनों आनलाइन ट्रेडिंग में सहायता के लिए कई मोबाइल एप आ गए हैं। ये दरअसल, एक मोबाइल एप्लिकेशन हैं, जिन पर आप स्टाक खरीद-बेच सकते हैं। साथ ही चाहें तो अन्य संपत्ति में निवेश कर सकते हैं। एक स्मार्टफोन एवं इंटरनेट कनेक्शन की सहायता से आप इनके माध्यम से स्वयं आनलाइन ट्रेडिंग कर सकते हैं।
आपको न तो ब्रोकर खोजने की आवश्यकता है, न ही किसी तरह की कागजी कार्रवाई की। त्वरित ट्रेडिंग ही नहीं, बल्कि आईपीओ, गोल्ड, म्यूचुअल फंड, कमाॅडिटी में निवेश करने के लिए लोग इन एप्स का इस्तेमाल तेजी से कर रहे हैं। इनमें से कुछ एप इस प्रकार से हैं- अपस्टाॅक्स, जेरोधा काइट, एचडीएफसी सिक्योरिटीज मोबाइल, एंजल ब्रोकिंग, 5पैसा आदि।
आनलाइन ट्रेडिंग करते समय इन बातों को ध्यान रखें (take account of these things while online trading)
- सबसे पहले आनलाइन ट्रेडिंग के प्लस-मानइस को समझ लें। इस बाजार की जानकारी हासिल करें एवं संबंधित विशेषज्ञों से बात करें।
- एनएसडीएल एवं सीडीएसएल की आधिकारिक वेबसाइट पर डीमैट एकाउंट प्रदाताओं की लिस्ट देख लें। कन्फर्म कर लें आपका ब्रोकर जेनुइन हो।
- आनलाइन ट्रेडिंग एकाउंट को हैक होने से बचाने के लिए आपको अपना पासवर्ड लगातार बदलना होगा। डबल आथेंटिकेशन (double authentication) करें तो बेहतर।
- अपने डीमैट एकाउंट से आटोमेटिक डेबिट के लिए पावर आफ अटाॅर्नी कराना न भूलें। इस प्रकार आपको प्रत्येक वक्त अपने डीमैट खाते से शेयर बेचते समय डीआईएस यानी डेबिट इंस्ट्रक्शन स्लिप (debit instruction slip) नहीं जमा करनी होगी।
- ट्रेड बुक अपडेट होने पर आपको इसे अपने ई-कांट्रेक्ट नोट (e-contract note) से भी हर दिन क्रास चेक अवश्य करना चाहिए।
- अपने लाभ के ब्योरे को अपने लेजर से भी अवश्य जांचें। यह देख लें कि आपके अकाउंट से जो भी चार्ज डेबिट किए गए हैं, वे किस प्रकार के हैं।
- आपने ट्रेडिंग से जुड़े जो भी दस्तावेज इस्तेमाल किए हैं, उनका आफलाइन रिकाॅर्ड भी रखें। कांट्रेक्ट नोट, प्राॅफिट स्टेटमेंट, कैपिटल गेन स्टेटमेंट आदि का किसी विवाद की स्थिति में अपने पक्ष में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- जालसाजों द्वारा बनाई गई नकली वेबसाइट से बचने के लिए एड्रेस बार में अपने आनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफाॅर्म का वेब एड्रेस मैनुअली दर्ज करें।
- आनलाइन ट्रेडिंग से पूर्व प्राइवेसी पाॅलिसी (privacy policy) अवश्य पढ़ लें। इससे आप कई बार बड़ी समस्या से बच जाते हैं। लोग लंबी शर्तो को देख अक्सर इन्हें पढ़ने की जहमत नहीं उठाते।
- एड्रेस बार में पैडलाॅक (padlock) है तो उचित है। इसका अर्थ है कि संबंधित प्लेटफाॅर्म को सुरक्षित साॅकेट लेयर अथवा एसएसएल सर्टिफिकेशन के माध्यम से सुरक्षित किया गया है।
ऐसा करने से बचें (try not to do these things)-
- अपना ट्रेडिंग एकाउंट पासवर्ड एवं सिक्योरिटी कोड किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा न करें, चाहे वह आपके परिवार का ही कोई सदस्य न हों।
- पासवर्ड ऐसा बनाएं, जिसे कोई आसानी से क्रैक न कर सके। मसलन अपनी डेट आफ बर्थ अथवा मैरिज डेट आदि का पासवर्ड न बनाएं। पासवर्ड में स्पेशल कैरेक्टर, अपर केस, लोअर केस आदि का इस्तेमाल कर अपने पासवर्ड को स्ट्रांग कर लें।
- अपने ट्रेडिंग खाते को जहां तक संभव हो किसी पब्लिक प्लेस से एक्सेस न करें। पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल खतरे से भरा होता है। इन्हें हैकर्स आसानी से हैक कर लेते हैं।
मोबाइल ट्रेडिंग एप से आनलाइन ट्रेडिंग करते हुए इन बातों का ध्यान रखें-
मोबाइल ट्रेडिंग एप से ट्रेडिंग शुरू करने से पहले कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें, जो निम्नवत हैं-
- यदि आप मोबाइल एप से ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो पहले उसकी रिलायएबिलिटी, क्रेडिबिलिटी यानी विश्वसनीयता जांच लें। उसकी सिक्योरिटी के बारे में रिसर्च कर लें। बेहतर रहेगा कि आप उसे डाउनलोड करने से पहले रिव्यूज देख लें।
- चेक कर लें कि आप जिस एप को डाउनलोड कर रहे हैं, उसका इंटरफेस यूजर फ्रेंडली हो, जो आपके लिए ट्रेडिंग को आसान बनाए।
- मोबाइल ट्रेडिंग एप आपके निवेश एवं ट्रेडिंग के लिए अलग अलग चार्ज करता है। आप पहले इसकी फीस के बारे में अच्छी प्रकार से जांच लें। इसके साथ ही मोबाइल एप के फीचर्स पर भी नजर डाल लें कि आपको यहां क्या-क्या सुविधा मिलेगी।
ट्रेडिंग एवं निवेश में क्या फर्क है
स्टाॅक मार्केट अभी भी बहुत सारे लोगों के लिए अबूझ जगह है। ऐसे लोगों की कमी नहीं, जो ट्रेडिंग एवं इन्वेस्टमेंट अर्थात निवेश के मूल अंतर को भी नहीं समझते। इन दिनों में क्या अंतर है, आप इस प्रकार समझ सकते हैं-
- ट्रेडिंग करने वाले को ट्रेडर, जबकि निवेश करने वाले को निवेशक अर्थात इन्वेस्टर पुकारा जाता है।
- ट्रेडिंग में शेयर को कम समय के लिए खरीदा जाता है, वहीं निवेश की स्थिति में लंबे समय के लिए।
- ट्रेडिंग तकनीकी विश्लेषण की जानकारी आवश्यक है। किंतु निवेश की स्थिति में बेसिक विश्लेषण की समझ होनी चाहिए।
- ट्रेडिंग पीरियड एक साल का होता है, जबकि निवेश इससे अधिक अवधि के लिए किया जाता है।
- ट्रेडिंग का लक्ष्य लघु अवधि में लाभ कमाना होता है, जबकि निवेश का लक्ष्य लंबी अवधि में लाभ कमाने पर केंद्रित होता है।
आनलाइन ट्रेडिंग ने ट्रेडिंग को आसान किया, जोखिम को कम नहीं
यदि आप भी आनलाइन टे्रडिंग कर रहे हैं अथवा करना चाहते हैं तो एक बात आप अवश्य अपने दिमाग में बिठा लें कि आनलाइन ट्रेडिंग ने स्टाक मार्केट में ट्रेडिंग को आसान किया है, किंतु ट्रेडिंग को जोखिम को कम नहीं किया है। शेयर मार्केट में आप इंट्रा डे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो इन बातों को अवश्य ध्यान में रखें-
- सर्वप्रथम अपने लक्ष्यों को निर्धारित करें। उसी के अनुरूप ट्रेड करें।
- शेयर मार्केट आपको एक साथ बहुत सारी कमाई का सपना भी दिखाता है। आप किसी लालच में न फंसें।
- जिस स्टाक में आपकी ट्रेड करने की इच्छा है, सबसे पहले उसके बारे में खूब रिसर्च करें। जैसे कि उसका ट्रैक रिकार्ड देखें। वर्तमान परफार्मेंस पर नजर डालें। एक एनालिसिस करें।
- स्टाक में पैसा लगाते वक्त इससे होने वाले जोखिमों को बेहतर होगा कि पहले समझ लें। उतने ही पैसे ट्रेड करें, जितना नुकसान आपको अखरे नहीं।
कई प्लेटफाॅर्म पर इंट्रा डे के लिए आपको डीमैट एकाउंट की आवश्यकता नहीं
इंट्रा डे ट्रेडिंग के बारे में हम पोस्ट में ऊपर प्रकाश डाल चुके हैं। आपको इस ट्रेडिंग के लिए कई प्लेटफाॅर्म पर केवल ट्रेडिंग एकाउंट की आवश्यकता होती है। अलग से डीमैट एकाउंट की आवश्यकता नहीं। आप पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पासबुक एवं कैंसिल चेक के माध्यम से टू-इन-वन एकाउंट भी खोल सकते हैं।
यदि आप आनलाइन ट्रेडिंग की शुरूआत करने जा रहे हैं, तो पहले यह जान लीजिए कि सही स्टाक का चुनाव कैसे करेंगे। इसके लिए आपको निम्न तरीके आजमाने होंगे-
- आपको ऐसे स्टाक्स पर निगाह रखनी होगी, जिनमें एक मार्केट सेशन में तेजी से उतार-चढ़ाव हो। आपको हाई वोलेटाइल स्टाक से दूर रहना होगा। यह अक्सर नुकसान का कारण बनता है।
- केवल पर्याप्त लिक्विटिडी वाले स्टाक को प्राथमिकता दें। यदि आप कोई स्टाक चुनते हैं, जिसकी कोई विशेष लिक्विडिटी नहीं तो आपको मनचाही कीमत पर आर्डर प्लेस करने का अवसर नहीं मिलेगा।
- टेक्निकल एनालिसिस पर ध्यान दें।
- वैसे तो अधिकांश ट्रेडर्स का लक्ष्य कम पर खरीदना एवं अधिक पर बेचना होता है, किंतु जब मार्केट नीचे गिर रहा हो उस वक्त पहले ट्रेडर्स बेचकर बाद में खरीद सकते हैं। इसे शार्टिंग कहते हैं। आप लाभ के लिए इसे भी आजमा सकते हैं।
25-40 वर्ष के ट्रेडर्स में आनलाइन ट्रेडिंग का क्रेज
एक सर्वे में पाया गया है कि 25 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक के ट्रेडर्स में आनलाइन ट्रेडिंग का क्रेज है। इन दिनों इंटरनेट का जमाना है। स्टाॅक मार्केट ट्रेडिंग एवं तमाम आनलाइन प्लेटफाॅर्म, ट्रेडिंग एप्स आदि के बारे में जानकारी व्यक्ति के सामने उसके स्मार्टफोन में कैद है। ऐसे में बहुत से युवा, जो नौकरी करते हैं, वे भी एडिशनल कमाई के लिए आनलाइन ट्रेडिंग करते हैं।
कुछ ऐसे हैं, जो अपनी बचत बढ़ाना चाहते हैं अथवा अपने पैसे को मौज-मस्ती में न फूंककर सही जगह ट्रेडिंग से उसे बढ़ाना चाहते हैं, वे भी आनलाइन ट्रेडिंग मार्केट में हाथ आजमा रहे हैं।
विभिन्न ट्रेडिंग एप्स के भी गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करने की सुविधा में उनके काम को बेहद आसान कर दिया है। ऐसे से बहुत से अच्छे युवा ट्रेडर हैं, जो पर्याप्त रिसर्च एवं एनालिसिस की बदौलत ट्रेडिंग से अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं।
ट्रेडिंग क्या है? आनलाइन ट्रेडिंग कैसे होती है?
ट्रेडिंग किसी भी वस्तु अथवा सेवा की खरीद बिक्री होती है, जिससे कोई व्यक्ति मुनाफा कमाता है। आनलाइन टे्रडिंग में कोई ट्रेडर आनलाइन प्लेटफाॅर्म के जरिए स्टाक की खरीद बेच करता है।
आनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते हैं?
एक ट्रेडिंग एवं डीमैट एकाउंट खोलकर आनलाइन ट्रेडिंग शुरू की जा सकती है। ब्रोकर भी एक मामूली फीस के बदले यह सुविधा प्रदान करते हैं।
फुल एवं डिस्काउंट ब्रोकर किसे कहते हैं?
जो ब्रोकर ट्रेडिंग के वाॅल्यूम के आधार पर फीस चार्ज करते हैं, उन्हें फुल ब्रोकर, जबकि वाॅल्यूम पर न जाकर फ्लैट फीस चार्ज करने वालों को डिस्काउंट ब्रोकर कहा जाता है।
स्टाक मार्केट ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?
स्टाक मार्केट ट्रेडिंग चार प्रकार की होती है-स्कैल्पिंग, स्विंग, पोजीशनिंग एवं इंट्रा डे ट्रेडिंग।
सबसे जोखिम भरी ट्रेडिंग कौन सी होती है?
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग सबसे जोखिम भरी होती है। इसमें ट्रेडिंग अर्थात शेयरों की खरीद-बिक्री महज चंद मिनट एवं सेकंड्रस में ही हो जाती है।
जिन लोगों के पास हर दिन ट्रेडिंग का वक्त नहीं होता वे कौन सी ट्रेडिंग प्रीफर करते हैं?
ऐसे लोग स्विंग ट्रेडिंग प्रीफर करते हैं। ऐसे में उन्हें हर दिन खराब करने की आवश्यकता नहीं होती। वे हफ्ते में शेयर की खरीद-बिक्री करते हैं।
इस पोस्ट में हमने आपको आनलाइन ट्रेडिंग शुरू किए जाने के संबंध में जानकारी दी। यदि आपका भी स्टाक मार्केट की ओर रूझान है तथा आप आनलाइन ट्रेडिंग आरंभ करना चाहते हैं तो देर किस बात की। हमारी पोस्ट में दी गई जानकारी को आधार बनाकर इसे आज एवं अभी से शुरू कर सकते हैं। यह पोस्ट आपको कैसी लगी हमें अवश्य बताइएगा। धन्यवाद।
—————————————–