|| सूचना क्रांति क्या है? | Suchna kranti kya hai | Suchna kranti se aap kya samajhte hain | सूचना क्रांति कब आई थी? | सूचना क्रांति का इतिहास क्या है? | सूचना क्रांति से आप क्या समझते हैं? | Suchna kranti kise kahate hain ||
Suchna kranti kya hai :- भारत सहित दुनियाभर में आज तक कई तरह की क्रांतियाँ आयी है जिसने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया है। अब यह निर्भर करता है कि वह क्रान्ति किस तरह की थी, कितनी बड़ी थी और उसका प्रभाव क्षेत्र क्या था। ऐसी ही एक क्रांति आयी थी जिसे आज हम सूचना क्रांति के नाम से जानते हैं। इसने पूरे विश्व की स्थितियों को ही बदल कर रख दिया है और संचार करने के सभी माध्यम बदल डाले (Suchna kranti se aap kya samajhte hain) हैं।
एक तरह से हम पहले जो पत्राचार किया करते थे और एक पत्र को दूसरे पते तक पहुँचाने के लिए महीनो लग जाया करते थे, वह आज के समय में एक क्लिक की दूरी पर घट कर रह गया है। ऐसे में आज का समय सूचना क्रांति का एक नया युग लेकर आ गया है जो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है और आगे बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में आप अवश्य ही इस लेख के माध्यम सूचना क्रांति के बारे में पूरी जानकारी लेने को आये (Suchna kranti in Hindi) होंगे।
तो आज हम आपके साथ इसी सूचना क्रांति के बारे में बात करने वाले हैं और इसके बारे में व्यापक स्तर पर आपको शुरू से लेकर अंत तक हरेक जानकारी देने वाले हैं। इससे आपको यह जानने में सहायता होगी कि सूचना क्रांति के तहत कब क्या हुआ था और किस तरह से इसमें परिवर्तन आता गया और नयी चीज़े जुड़ती चली गयी। आइये जाने सूचना क्रांति के बारे में शुरू से लेकर अंत तक संपूर्ण (Suchna kranti kya hai in Hindi) जानकारी।
सूचना क्रांति क्या है? (Suchna kranti kya hai)
सबसे पहले हम बात करते हैं कि यह सूचना क्रांति होती क्या है और क्यों इसे एक क्रांति का नाम दिया गया है। तो पहले आप यह समझें कि सूचना क्या होती है। सूचना को हम अंग्रेजी भाषा में इनफॉर्मेशन कहते हैं तो अलग अलग भाषाओं में इसके अलग अलग नाम होते हैं। जब हम किसी से बात करते हैं तो उसे बातचीत करना या वार्तालाप करना कहा जाता है, जबकि जब कोई शिक्षक किसी छात्र को पढ़ा रहा होता है तो उसे सीखाना कहा जाता है या ज्ञान देना कहा जाता है जबकि सूचना इससे बिल्कुल भिन्न होती (What is information revolution in Hindi) है।
अब सूचना जो होती है वह बताने का या वार्तालाप करने का या किसी को जानकारी देने का या किसी से जानकारी लेने का एक अलग प्रकार होता है। ऐसे में इसी सूचना के ही कई प्रकार हो सकते हैं और उसे एक क्षेत्र में बाँध कर नहीं रखा जा सकता है। सूचना में हम किसी दूसरे व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह या सार्वजनिक रूप से किसी चीज़ के बारे में उन्हें सूचित करने का काम करते हैं। इसे ही सूचना कहा जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि किसी को भी अपनी ओर से किसी भी चीज़ के बारे में सूचित करने को ही सूचना देना कहा जाता (Suchna kranti ke janak) है।
अब यह सूचना क्रांति क्या चीज़ हो गयी, इसके बारे में भी जानना जरुरी हो जाता है। तो एक समय पहले तक जब इस दुनिया में ना तो इंटरनेट हुआ करता था और ना ही मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तो उस समय सूचना को पहुँचाने का कार्य बहुत ही जटिल होता था। उदाहरण के तौर पर मान लीजिये कि किसी जगह अत्यधिक वर्षा होने वाली है तो वहां पर शासन व्यवस्था के द्वारा लोगों को तुरंत सूचित करना बहुत ही जटिल कार्य होता (Suchna kranti kise kahate hain) था।
ऐसे में 1980 के दशक में इंटरनेट सहित कंप्यूटर के माध्यम से इस क्षेत्र में क्रांति लाने का काम कर दिया गया जब समुंद्र के अंदर कई लाखों गुणा लंबी तारों को बिछाकर एक देश को दूसरे देश से जोड़ने का काम किया गया। इसके बारे में हम बाद में बात करेंगे लेकिन पहले आपको इसी सूचना क्रांति के बारे में अच्छे से जानकारी दे देते हैं। तो सूचना क्रांति एक तरह से ऐसी क्रांति थी जिसके तहत व्यक्ति के द्वारा किसी भी सूचना को बहुत जल्दी ही दूसरे को भेज दिया जाता है और उसका आदान प्रदान संभव हो गया (Suchna kranti ka arth) है।
सूचना क्रांति का इतिहास क्या है?
अब हम बात करेंगे सूचना क्रांति के इतिहास के बारे में ताकि आपको इसके बारे में अच्छे से समझने और इसे करीब से जानने का अवसर मिल सके। तो एक समय पहले तक जब इंटरनेट व बिजली ही नहीं हुआ करती थी तो उस समय सूचना का आदान प्रदान बहुत ही मुश्किल था। फिर धीरे धीरे करके इस क्षेत्र में क्रांति आती चली गयी और सूचना का आदान प्रदान सरल होता चला गया।
अब सूचना के क्षेत्र में जो यह क्रांति आयी है इसमें कब क्या योगदान रहा है, इसे हम एक एक पॉइंट में रखकर आपको समझाने का प्रयास करेंगे ताकि कोई भी क्षेत्र रहने ना पाए। आइये जाने सूचना क्रांति का इतिहास कैसा रहा है।
सूचना क्रांति का पहला चरण – बिजली व उपग्रह
- जब देश व दुनिया में ना इंटरनेट हुआ करता था और ना ही बिजली हुआ करती थी तब सूचना का आदान प्रदान केवल और केवल व्यक्तिगत बातचीत, पत्राचार व कबूतर के माध्यम से हुआ करता था। कहने का अर्थ यह हुआ कि तब या तो व्यक्ति को भेज कर या गुप्त समाचार को पत्राचार के माध्यम से या फिर जल्दी भेजने के लिए कबूतर को भेजा जाता था।
- फिर दुनियाभर में बिजली का प्रवेश हो पाया और इससे सूचना के क्षेत्र में पहली क्रांति लाने का काम किया गया। इसी के साथ ही सूचना का आदान प्रदान करने के कई क्षेत्र खोले गए जिसमें सबसे पहला रेडियो था। इसके लिए अंतरिक्ष में मनुष्यों के द्वारा उपग्रह को छोड़ा गया जिसके तहत रेडियो उपकरणों को सिग्नल दिए गए। इससे किसी भी सूचना को इसके तहत दिया जा सकता था।
- फिर एक समय के बाद टेलीफोन का कॉन्सेप्ट आ गया और उसके लिए जगह जगह टेलीफोन की तारों को बिछाया गया ताकि व्यक्तिगत रूप से सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा सके। टेलीफोन पर लोग अपनों से बातचीत कर पाने में सक्षम हुए।
सूचना क्रांति का दूसरा चरण – कंप्यूटर व इंटरनेट
- फिर देखते ही देखते दुनिया में कंप्यूटर और कंप्यूटर के साथ ही इंटरनेट का प्रवेश हो गया। इंटरनेट ने सूचना के क्षेत्र में जो क्रांति लाकर दी वह एक तरह से दूसरी क्रांति थी।
- जिस प्रकार सूचना क्रांति के पहले युग में बिजली व उपग्रह ने क्रांति लाकर दी थी, ठीक उसी तरह सूचना क्रांति के दूसरे युग में इसका श्रेय कंप्यूटर व इंटरनेट को जाता है। यह एक तरह से सूचना के क्षेत्र में ऐसा मोड़ था, जिस पर आगे के दोनों चरण निर्भर करने वाले थे।
- कंप्यूटर आने के बाद से लोगों के पास एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस आ गयी जो चाचा चौधरी से भी ज्यादा तेज थी और जिस पर तरह तरह के सॉफ्टवेयर के माध्यम से कई तरह के कार्य किये जा सकते थे लेकिन यह सूचना क्रांति का एक रूप नहीं था बल्कि उसका एक सहायक था।
- सूचना क्रांति का असली कार्य इंटरनेट ने किया था जिसके माध्यम से कंप्यूटर सुपर कंप्यूटर बन जाता था क्योंकि बिना इंटरनेट के तो आप केवल अपने उस क्षेत्र तक ही सीमित थे जबकि इंटरनेट ने आपको पूरी दुनिया से जोड़ने का काम किया।
- अब आप इस इंटरनेट के माध्यम से सार्वजनिक व व्यक्तिगत के अलावा और भी बहुत सारी रिसर्च कर सकते थे, उसे ढूंढ सकते थे जो व्यक्तिगत से भी बढ़कर था।
सूचना क्रांति का तीसरा चरण – मोबाइल
- यह सूचना क्रांति का तीसरा और अभी वाला चरण है जिसे हम कई वर्षों से देख पा रहे हैं। लगभग दो दशक पहले तक इस दुनिया में मोबाइल का प्रवेश हो चला था लेकिन इंटरनेट स्पीड में अभी पीछे था।
- फिर धीरे धीरे इंटरनेट में भी स्पीड बढ़ी और वह 2 जी से 4 जी हो गया और अब तो 5 जी पर भी जोर शोर से कार्य हो रहा है जो सूचना क्रांति में एक अहम योगदान होगा।
- कंप्यूटर के बाद जो मोबाइल आया और उसमे भी जब स्मार्ट फ़ोन की एंट्री हुई तो वह कंप्यूटर से बहुत अधिक उन्नत व सरल उपकरण था जिस पर हजारों ऐप, वेबसाइट, सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किये जा सकते थे और इसी के साथ ही इसे हर जगह अपने साथ लेकर जाया जा सकता था।
- एक तरह से आप अपने साथ सूचना क्रांति के एक बहुत बड़े उपकरण को लेकर चल रहे होते हैं और इंटरनेट के माध्यम से एक ही क्लिक में पूरी जानकारी आपके मोबाइल स्क्रीन पर उपलब्ध हो जाती है।
सूचना क्रांति का चौथा चरण – डाटा
- यह सूचना क्रांति का एक ऐसा चरण था जिसके बारे में हमें अलग से तो पता नहीं चला लेकिन धीरे धीरे इसके माध्यम से हमारे जीवन में बहुत ज्यादा परिवर्तन जरुर आ गया और जिसे हम अभी अनुभव भी कर रहे हैं।
- एक तरह से इतने वर्षों पहले जो इंटरनेट आया तो तभी से ही यह डाटा वाला काम शुरू हो गया था क्योंकि इंटरनेट में हमारी हरेक चीज़ डाटा का रूप ले रही थी।
- हम सभी ने, सभी कंपनियों, व्यवसाय, सरकारों इत्यादि ने सभी ने अपना सभी तरह का डाटा ऑनलाइन इंटरनेट पर डालना शुरू कर दिया और इसी के साथ ही हम इंटरनेट पर जो भी गतिविधियाँ इतने वर्षों से करते आ रहे हैं, वह भी इंटरनेट पर सेव होता चला गया।
- अब इसी डाटा को ही हम सूचना क्रांति का नेक्स्ट लेवल या अगला स्तर कह सकते हैं जिसमें डाटा के आधार पर ही सब कुछ तय किया जाता है।
- अब किसी कंपनी को कोई नयी चीज़ बनानी है या किसी सरकार को कोई निर्णय लेना है या कुछ भी करना है तो वह पूर्ण रूप से डाटा पर ही निर्भर होते हैं। ऐसे में आज के समय में डाटा को हम इंटरनेट का सोना भी कह सकते हैं।
सूचना क्रांति का पांचवां चरण – आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस
- यह शायद सूचना क्रांति का आखिरी चरण हो सकता है जो हम मनुष्य के जीवन व स्थिति को पूरी तरह से बदल कर रख सकता है। यह एक ऐसा चरण भी हो सकता है जो पूरी दुनिया व मनुष्य जाति के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
- एक तरह से हमारे जीवन में सूचना क्रांति के इस रूप का प्रवेश कुछ उसी तरह से होगा जब दुनिया में पहली बार बिजली आयी थी और सभी का जीवन लगभग परिवर्तित सा होकर रह गया था क्योंकि सूर्य छिपने के बाद अग्नि के अलावा रोशनी का कोई और माध्यम नही हो सकता था।
- अब यह हमारे लिए इसलिए इतनी परिवर्तनशील होगी क्योंकि इसमें हम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस अर्थात कंप्यूटर, मोबाइल इत्यादि को अपने आप सोचने समझने की शक्ति प्रदान कर देंगे। इस तरह से हमें अपना दिमाग कम लगाना होगा या लगाना ही नहीं होगा और सब काम वह उपकरण कर रहे होंगे।
- यह एक तरह से अपना एक असिस्टेंट रखने जैसा होगा जो हमारा लगभग हर तरह का काम कर दिया करेगा। इसी के साथ ही वह सभी तरह की सूचनाओं से युक्त एक स्मार्ट उपकरण होगा जो हमारी क्षमता से अधिक और बढ़िया काम करके देगा।
- अब इसे हमने घातक इसलिए कहा है क्योंकि जरा आप ही सोचिये कि जब हम किसी उपकरण को स्वयं ही सोचने समझने की शक्ति दे देंगे और वह हमसे बहुत ज्यादा स्मार्ट भी होंगे क्योंकि मनुष्य के दिमाग की एक सीमित शक्ति होती है जबकि वह तो उपकरण है तो क्या हम अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी नहीं मार रहे होंगे।
- कहने का अर्थ यह हुआ कि हम कैसे सोच सकते हैं कि अपने से बेहतर एक ऐसा उपकरण बना लिया जाए जिसके अंदर सोचने समझने की भी शक्ति हो और वह एक दिन मनुष्य को ही ना पीछे छोड़ पाए या हम पर प्रभावी ना हो जाए। इसलिए वह दिन दूर नहीं होगा जब हम खुद के ही बनाये रोबोट्स व अन्य उपकरणों के गुलाम बन चुके होंगे।
सूचना क्रांति के फायदे (Information revolution benefits in Hindi)
अब हम बात करते हैं कि आखिरकार इस सूचना क्रांति के क्या कुछ फायदे देखने को मिलते हैं। तो इसका सीधा सा फायदा यही है कि किसी भी सूचना को बहुत ही तेज गति के साथ एक दूसरे तक पहुँचाया जा सकता है और वह भी स्पष्ट व क्रान्तिकारी रूप में। अब तो सभी निर्णय ही सूचना क्रांति के आधार पर ही लिए जाते हैं क्योंकि हमारे पास इतने सटीक आंकड़े व अन्य जानकारी आ गयी है कि उसकी किसी से तुलना ही नहीं की जा सकती है। एक तरह से इसने हमारे जीवन में क्रांति लाकर रख दी है और आगे भी लाती रहेगी।
इसके आधार पर ही नौकरियां बन रही है और जा रही है, सरकार निर्णय ले रही है, घोषणाएं कर रही है, प्रोडक्ट्स लॉन्च हो रहे हैं, सेवाएं दी जा रही है, लोगों से संपर्क किया जा रहा है तथा अन्य सभी काम किये जा रहे हैं। एक तरह से वैश्विक स्तर पर जो भी बड़े काम हो रहे हैं और एक घर में जो भी निर्णय लिए जा रहे हैं, उन सभी को बेहतर बनाने का कार्य यह सूचना क्रांति के कारण ही संभव हो पाया है। तो हम सूचना क्रांति के लाभ को सीधे शब्दो में निर्णय लेने की बेहतर समझ विकसित होना कह सकते हैं।
सूचना क्रांति के नुकसान
अब हमारे धर्म में भगवान शिव की पूजा की जाती है क्योंकि वे संहारक है। किसी चीज़ के निर्माण के लिए किसी चीज़ का नष्ट होना भी जरुरी होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपको किसी भी चीज़ का निर्माण करना है तो उतनी ही मात्रा में किसी अन्य चीज़ को नष्ट करना होगा क्योंकि आप स्वयं से कुछ नहीं बना सकते हैं। तो इसी तरह से सूचना क्रांति के माध्यम से हमारे जीवन में जितने भी सकारात्मक परिवर्तन आये हैं, उतने ही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नकारात्मक परिवर्तन भी देखने को मिले हैं।
आगे चलकर तो इसके बहुत ही ज्यादा घातक परिणाम देखने को मिलेंगे क्योंकि सूचना क्रांति के युग में बहुत बड़ा बदलाव हम देखने जा रहे हैं। सूचना क्रांति ने हम सभी को इंटरनेट व अन्य उपकरणों के माध्यम से एक दूसरे के बहुत पास ला दिया है लेकिन वास्तविकता में हम एक दूसरे से बहुत दूर हो गए हैं। अब रही सही कसर यह आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस दूर कर देगी क्योंकि यह हम सभी को ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा लकर देगी जहाँ हमें सँभलने का अवसर तक नहीं मिलेगा।
सूचना क्रांति क्या है – Related FAQs
प्रश्न: सूचना क्रांति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: सूचना क्रांति के बारे में जानकारी आपको ऊपर का लेख पढ़ कर मिल जायेगी जो आपको पढ़ना चाहिए।
प्रश्न: सूचना क्रांति क्या है जीवन पर इसके प्रभाव को स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: सूचना क्रांति के बारे में आपको इस लेख में जानने को मिल जायेगा जो आपको पढ़ना चाहिए।
प्रश्न: सूचना क्रांति कब आई थी?
उत्तर: सूचना क्रांति 1980 के दशक में आई थी।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने सूचना क्रांति के बारे के जानकारी हासिल कर ली है। आपने जाना कि सूचना क्रांति क्या है सूचना क्रांति का इतिहास क्या रहा है और सूचना क्रांति के फायदे और नुकसान क्या कुछ हैं। आशा है कि सूचना क्रांति के बारे में जो जानकारी लेने आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। यदि आपके मन में कोई प्रश्न शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।