|| सूर्य मित्र योजना क्या है | What is Surya Mitra Yojana in Hindi | Objectives of Surya Mitra Kaushal Vikas Yojana and its working method | सूर्य मित्र कौशल विकास कार्यक्रम के लिए आवेदन और प्रवेश प्रक्रिया | सूर्य मित्र कौशल विकास योजना की फीस संरचना ||
What is Surya Mitra Yojana in Hindi :- राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (NISE) नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का एक ऑटोनोमस संस्थान है जो सौर ऊर्जा के क्षेत्र में शीर्ष राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान मे से एक है। एनआईएसई देश भर में अलग अलग स्थानों पर राज्य नोडल एजेंसियों के सहयोग से “सूर्य मित्र” कौशल विकास कार्यक्रम को आयोजित करवाता (Application and Admission Process of Surya mitra Skill Development Programme) है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत और विदेशों में बढ़ती सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट्स की स्थापना, संचालन और रखरखाव में लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त करवाना है।
सूर्यमित्र कार्यक्रम का आयोजन सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नए लोगों को व्यवसाय दिलाने के लिए किया गया है। सूर्य मित्र कौशल विकास कार्यक्रम भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रायोजित किया गया है। पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों को कम करने और पर्यावरण को होने वाले नुकसान नेनवीकरणीय, पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों की ओर बदलाव किया (Objectives of Surya Mitra Kaushal Vikas Yojana and its working method) है। हाल के दिनों में सरकार द्वारा सौर और पवन ऊर्जा जैसे स्वच्छ, टिकाऊ संसाधनों पर काफी जोर दिया जा रहा है।
वर्ष भर भरपूर धूप के भौगोलिक लाभ से संपन्न भारत ने सौर ऊर्जा क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को देखते हुए, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा सूर्यमित्र कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किया गया (Main features of the Surya Mitra Kaushal Vikas Yojana) था। आज के समय में हमारे देश में सौर ऊर्जा का उपयोग बहुत ही तीव्र गति से बढ़ रहा है, जबकि फलर तो देश में बहुत कम ही लोग थे जो सौर ऊर्जा के बारे में जानते थे, लेकिन अब गांवों से लेकर शहरों तक सौर ऊर्जा का उपयोग होने लगा है।
सूर्य मित्र कौशल विकास योजना के उद्देश्य और उसके कार्य करने का तरीका (Objectives of Surya Mitra Kaushal Vikas Yojana and its working method in Hindi)
सूर्य मित्र कौशल विकास योजना के निम्नलिखित उद्देश्य हैं।
- इस योजना का उद्देश भारत देश के युवाओं को सौर उर्जा का कौशल प्रदान करना हैं ताकि इसके द्वारा वह एक संपन्न सौर ऊर्जा उद्योग में सृजित नौकरियों का लाभ उठा सकें।
- इस योजना का उद्देश्य ऐसे युवाओं को प्रशिक्षित करना है जिनका उपयोग भारत और विदेश दोनों जगह संचालन और रखरखाव के क्षेत्रों में किया जा सके।
- इस योजना के उद्देश्य से देश के युवाओं के भावना में सुधार करना है जो सौर ऊर्जा उद्योग में अपना सकारात्मक योगदान दे सकें।
- इस योजना का एक ख़ास उद्देश्य भारत के योवाओं के अंदर ‘मेक इन इंडिया’ पहल को प्रोत्साहित करना है।
सूर्य मित्र कौशल विकास कार्यक्रम को लागू करने के लिए राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान नोडल एजेंसी का बहुत बड़ा योगदान है। एनआईएसई की स्थापना तत्कालीन सौर ऊर्जा केंद्र को बदलने के लिए की गई थी। इस संस्थान को गुरुग्राम में सौर ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने वाला सबसे उच्च श्रेणी का संस्थान माना जाता है।
एनआईएसई राज्य की कई नोडल एजेंसियों के साथ सहयोग करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कार्यक्रम के लाभ लोगों को आसानी के साथ प्राप्त हो सके। एनआईएसई के द्वारा सूर्य मित्र एप को भी बनाया गया है, जिसको गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। यह एप्लीकेशन एक जीपीएस आधारित एप्लिकेशन है, जिससे पूरे देश में सूर्य मित्र की सेवाओं को पहुंचाया जजा सकते है।
सूर्य मित्र कौशल विकास योजना की मुख्य विशेषताएं (Main features of the Surya Mitra Kaushal Vikas Yojana in Hindi)
सूर्य मित्र कौशल विकास योजना की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्न प्रकार से हैं।
- सूर्य मित्र कौशल विकास योजना एक आवासीय ट्रेनिंग प्रोग्राम है जिसमें ट्रेनिंग करने वाले व्यक्ति को ट्रेनिंग देने वाले संस्थान के नामित छात्रावास में रहने की आवश्यकता होती है।
- इस योजना के शिक्षण देने की अवधि 600 घंटे या 90 दिनों के लिए डिज़ाइन की गई है, शिक्षण के पूरे हो जाने के बाद इसमें ट्रेनिंग कर रहे लोगों का एक अस्सेस्मेंट लिया जाता है। जो भी व्यक्ति इस अस्सेस्मेंट को सफलतापूर्वक पास कर लेता है, उसे एक प्रमाण पत्र दिया जाता है।
- इस योजना में हर बैच में व्यक्तियों की संख्या 30 रखी गई है।
- सूर्य मित्र कौशल विकास योजना के द्वारा किसी भी ट्रेनिंग करने वाले व्यक्ति से किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नही लिया जाता है। अगर योजना को होस्ट करने वाले किसी भी संस्थान के द्वारा किसी भी प्रकार के सुरक्षा शुल्क जमा करवाई जाती है, तो उसे कोर्स खत्म होने के बाद वापस कर दिया जाता है। इसके बजाय इसमें होने वाले किसी भी प्रकार का खर्च एमओएनआरई के दवता उठाया जाता है।
सूर्य मित्र कौशल विकास योजना का ट्रेनिंग स्ट्रक्चर (Training Structure of Surya Mitra Kaushal Vikas Yojana in Hindi)
सूर्य मित्र कौशल विकास योजना में तय किये गये समय अंतराल के अंदर ही लोगों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित करने के लिए इसमे कुछ सैद्धांतिक और व्यावहारिक तत्वों को शामिल किया गया हैं। इस योजना का ट्रेनिंग स्ट्रक्चर निम्न प्रकार से बनाया गया है।
- इस योजना के पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद के द्वारा मंजूरी दी जाती है।
- इस योजना की शिक्षण पद्धतियों को चुनने में शिक्षकों को बहुत बड़ा योगदान होता है।
- इसके पाठ्यक्रम को एक निश्चित समय के अनुसार आगे बढाया जाता है।
- क्लासरूम में लेक्चर सेशन के लिए क्लास शुरू होने के पहले एक घंटा अलग से रखा जाता है।
- अन्य घंटों में वहां व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने की भी क्लासेज दीं जाती हैं। इसमें अन्य प्रकार की क्लासेज भी ली जातीं हैं जिसमें प्रयोग, कक्षा अभ्यास, सॉफ्टवेयर सिमुलेशन और अन्य ऑडियो-विजुअल एड्स की प्रयोगशालाएं शामिल हो सकती हैं।
- इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक दो सप्ताह में एक बार एक घंटे का मोटिवेशनल लेक्चर भी लिया जाता है।
- इस योजना में टर्निंग ले रहे छात्रों को उस संस्थान की तरफ से एक यूनिसेक्स यूनिफार्म भी दी जाती है।
- इसमें संस्थान के द्वारा बूट या जैकेट सहित सुरक्षा उपकरण और प्रासंगिक टूलकिट आवश्यकता के अनुसार प्रदान की जाती है।
- इसमें स्टूडेंट्स के आधार पर अंग्रेजी या हिंदी भाषा को शिक्षा के माध्यम के रूप में अपनाया जाता है, इस योजना मियन स्थानीय भाषाओं को अधिक प्राथमिकता दी जाती है।
- इस योजना में ट्रेनिंग कर रहे व्यक्तियों को शत-प्रतिशत उपस्थिति देना आवश्यक होता है। 90 प्रतिशत से कम उपस्थित रहने वाला व्यक्ति प्रमाण पत्र के लिए योग्य नहीं होता है।
- इस सिउरसे के खत्म होने पर आखिरी में एक लिखित परीक्षा व एक प्रैक्टिकल एग्जाम लिया जाता है। इन परीक्षाओं का आयोजन एनसीवीटी या स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स द्वारा किया जाएगा।
सूर्य मित्र कौशल विकास योजना की पात्रता मापदंड (Eligibility Criteria of Surya mitra Skill Development Programme in Hindi)
सूर्य मित्र कौशल विकास योजना में प्रवेश लेने के लिए व्यक्ति को सरकार द्वारा बनाए गये कुछ शर्तों को पूरा करना होता है।
- इस योजना के लिए आवेदन करते समय व्यक्ति की आयु कम से कम 18 पूर्ण होनी चाहिए।
- इस योजन में प्रवेश के लिए व्यक्ति के पास न्यूनतम शैक्षिक योग्यता में इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिक, फिटर, वायरमैन आदि के रूप में आईटीआई का प्रमाण पत्र व 10वीं पास होना चाहिए।
- इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक या मैकेनिकल में डिप्लोमा रखने वाले व्यक्ति भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
- इस योजना में प्रवेश के लिए पहले अनुभवी प्रमाणित इलेक्ट्रीशियन को प्राथमिकता दी जाती है।
- बी.टेक या किसी अन्य उच्च योग्यता जैसी पेशेवर डिग्री रखने वाले आवेदक सूर्य मित्र कौशल विकास योजना के लिए योग्य नहीं होते हैं।
सूर्य मित्र कौशल विकास कार्यक्रम के लिए आवेदन और प्रवेश प्रक्रिया (Application and Admission Process of Surya mitra Skill Development Programme in Hindi)
- इस योजना का पूरा विवरण, दिनांक और स्थानों को विज्ञापन प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से राज्य की नोडल एजेंसियों के द्वारा जारी किया जाता है।
- इस योजना के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन किया जा सकता है। इस योजना के लिए आवेदन करने की जारी जानकारी इसकी आधिकारिक वेबसाइट https://suryamitra.nise.res.in/ पर देखी जा सकती है।
- व्यक्ति के प्रवेश का चयन इस योजना को होस्ट करने वाली संस्थान के ऊपर होता है। उन्हें एनआईएसई या एमओएनआरई की संबंधित राज्य नोडल एजेंसियों में भर्ती हुए ट्रेनिंग करने वाले व्यक्तियों की अंतिम सूची प्रस्तुत करनी होती है।
सूर्य मित्र कौशल विकास योजना की फीस संरचना (Fee Structure of Surya mitra Skill Development Programme in Hindi)
- इस योजना में ट्रेनिंग कर रहे व्यक्तियों से किसी भी प्रकार की कोई फीस नहीं ली जाती है। हालांकि ट्रेनिंग में शामिल होने के लिए और वापस जाने की व्यवस्था व्यक्ति को को स्वयं ही करनी होती है।
- अगर किसी संस्थान के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई फीस सुरक्षा जमा के रूप में ली जाती है तो उसे कोर्स के खत्म होने के बाद वापिस कर दिया त में वापस की जानी चाहिए और उचित रिकॉर्ड में होनी चाहिए।
- प्रशिक्षणार्थियों के रहने व खाने की व्यवस्था इस योजना का आयोजन करवाने वाली संस्था के द्वारा किया जाता है। राज्य नोडल एजेंसी के माध्यम से नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय 90 दिनों के लिए 30 ट्रेनिंग करने वाले व्यक्तियों के लिए 300 रुपये प्रति / दिन प्रदान करता है।
- राज्य नोडल एजेंसी के माध्यम से नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय संस्थान को प्रति प्रतिभागी 46.70/- रुपये प्रति घंटे की दर से पाठ्यक्रम शुल्क प्रदान करेगा।
- राज्य नोडल एजेंसी के माध्यम से नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय 800 रुपये की दर से 30 प्रशिक्षुओं के लिए मूल्यांकन शुल्क प्रदान करेगा, जो कि 0.24 लाख रुपये है।
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प्रश्न: सूर्य मित्र योजना क्या है?
उत्तर: सूर्य मित्र कौशल विकास योजना का आयोजन केंद्र सरकार द्वारा सौर ऊर्जा से संबंधित जानकारी फैलाने और सौर क्षेत्र में प्रशिक्षित युवाओं की संख्या बढ़ाने के लिए किया गया है।
प्रश्न: सूर्य मित्र की योग्यता क्या है?
उत्तर: उम्मीदवार को 10वीं पास होना चाहिए और इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक्स/मैकेनिकल/फिटर में आईटीआई होना चाहिए या इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स/इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में डिप्लोमा 18 वर्ष से कम और 30 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए।
प्रश्न: सूर्य मित्र योजना की शुरुआत किस वर्ष हुई थी?
उत्तर: 2015 में शुरू किए गए सूर्य मित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम में अगले पांच वर्षों में 50000 ‘सूर्यमित्रों’ को प्रशिक्षित करने की कल्पना की गई थी