|| क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स कटेगा, जानिए बजट की इस घोषणा से जुड़े तमाम पहलू (30% tax will be deducted from the income of cryptocurrency) क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स कितने प्रतिशत कटेगा?, क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स की गणना कैसे होगी? ||
इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) की जबरदस्त चर्चा है। खास तौर पर आम बजट (budget) में भी क्रिप्टोकरेंसी छाई रही है। भारत में इस करेंसी को न तो हरी झंडी दी गई है एवं न ही इस पर कोई बैन लगाया गया है। यदि किसी तरह कोई फ्राॅड आपके साथ होता है तो आरबीआई इसकी जिम्मेदारी भी नहीं लेता।
लेकिन अब 2022-23 के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (finance minister nirmala sitaraman) ने क्रिप्टोकरेंसी पर होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स काटे जाने की घोषणा की है। सरकार के इस कदम की निवेशक जगत में बहुत चर्चा है। आज इस पोस्ट के जरिये हम आपको क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े तमाम पहलुओं के बारे में जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-
क्रिप्टो करेंसी क्या है?
दोस्तों, इससे पूर्व कि हम आपको क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स से जु़ड़े पहलुओं के बारे में जानकारी दें, आइए सबसे पहले जान लेते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी क्या है? सामान्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) दो शब्दों से मिलकर बना है-एक शब्द है क्रिप्टो (crypto) एवं दूसरा शब्द है करेंसी (currency)। यहां क्रिप्टो एक लैटिन भाषा का शब्द है, जो क्रिप्टोग्राफी (cryptography) से बना है। इसका अर्थ है छुपा हुआ।
वहीं करेंसी का अर्थ मुद्रा यानी रूपये पैसे के लेन देन से होता है। ऐसे में स्पष्ट है कि क्रिप्टोकरेंसी से आशय छिपी हुई मुद्रा से होता है। यह भी एक तरह की ऐसी करेंसी है, जिसे आप देख अथवा छू नहीं सकते, लेकिन अपने पास रख सकते हैं। किसी रूपये अथवा सिक्के की तरह ठोस मुद्रा के रूप में नहीं, अपितु डिजिटल रूप (digital form) में। हां इससे ट्रांजेक्शन (transaction) कर सकते हैं।
जैसे आप इस करेंसी के जरिए कोई भी सामान खरीद सकते हैं। ट्रेड कर सकते हैं। निवेश भी कर सकते हैं, लेकिन इस करेंसी को अपनी जेब, तिजोरी अथवा किसी बैंक लाॅकर में नहीं रख सकते। और आसान भाषा में कहें तो आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मनी सिस्टम (digital money system) है, जो कंप्यूटर एल्गोरिदम (computer algorithm) पर आधारित है।
यह केवल डिजिट के रूप में आनलाइन रहती है। लिहाजा, इसे डिजिटल (digital), वर्चुअल (virtual) अथवा इलेक्ट्रानिक मनी (electronic money) भी पुकारा जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी को कैसे इस्तेमाल किया जाता है?
मित्रों, अब आपको बताते हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी को कैसे इस्तेमाल करते हैं। आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी को ब्लाॅकचेन साॅफ्टवेयर (blockchain software) के जरिये इस्तेमाल किया जाता है। यह डिजिटल करेंसी इनक्रिप्टेड (encrypted) यानी कोडेड (coded) होती है।
इसमें हर लेन-देन का डिजिटल सिग्नेचर (digital signature) के जरिये वेरिफिकेशन (verification) होता है। क्रिप्टोग्राफी की सहायता से इसका रिकाॅर्ड रखा जाता है। इसके जरिये हुई खरीद को क्रिप्टो माइनिंग (crypto mining) कहते हैं।
हर जानकारी का डिजिटल डाटाबेस (digital deatabase) तैयार किया जाता है। जिनके द्वारा माइनिंग की जाती है, उन्हें माइनर्स पुकारा जाता है। दावा किया गया है कि इसके कोड को काॅपी करना करीब करीब नामुमकिन है।
क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजेक्शन किस प्रकार होता है?
दोस्तों, आपको बताते हैं क्रिप्टोकरेंसी से लेन-देन कैसे होता है। आपको बता दें कि जब भी कोई लेन-देन यानी ट्रांजेक्शन होता है तो इसके बारे में जानकारी ब्लाॅकचेन में दर्ज की जाती है। अर्थात उसे एक ब्लाॅक में रखा जाता है।
इस ब्लाॅक की सुरक्षा एवं इंक्रिप्शन का कार्य माइनर (minor) करता है। वह एक क्रिप्टोग्राफिक राइडल (cryptographic ridle) को साॅल्व करके ब्लाॅक के लिए उचित हैश यानी कोड खोजता है और ब्लाॅक को सुरक्षित यानी सिक्योर कर देता है, इसे ब्लाॅकचेन से जोड़ देता है। अब नेटवर्क में दूसरे कंप्यूटर के जरिये उसे वेरिफाई किया जाता है।
इस प्रक्रिया को कन्सेंसस (consensus) यानी आम सहमति नाम दिया गया है। आम सहमति का अर्थ ही यह है कि ब्लाॅक सिक्योर (block secure) हो गया है। इसके पश्चात संबंधित माइनर (minor) को क्रिप्टोकाॅइन (cryptocoin) दे दिए जाते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट क्या है, ट्रेडिंग कैसे होती है?
साथियों, अब आपको बताते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट क्या है। दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (cryptocurrency market) वह जगह है, जहां क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-फरोख्त एवं ट्रेडिंग (trading) होती है। इसे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज (cryptocurrency exchange), डिजिटल करेंसी एक्सचेंज (digital currency exchange), काॅइन मार्केट (coin market) एवं क्रिप्टो मार्केट (crypto market) के नाम से भी जाना जाता है।
आपको बेशक जानकर आश्चर्य होगा कि क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू फिजिकल करेंसी से कुछ ज्यादा है। कुछ टाॅप क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू डाॅलर से भी हजारों गुना ज्यादा है। अब बताते हैं इसके जरिये खरीद बिक्री कैसे होती हैै।
यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि वजीरएक्स (WazirX), जेबपे (zebpey) आदि कुछ मशहूर भारतीय कंपनियां हैं, जो इस कार्य को अंजाम दे रही हैं।
इसके अलावा काॅइनस्विच कुबेर (coinswitch kuber), काॅइनडीसीएक्स गो (coindcx go) जैसे प्लेटफाॅर्म भी हैं। आपको बता दें कि खरीदारी के ये सभी प्लेटफाॅर्म 24×7 खुले रहते हैं। क्रिप्टोकरेंसी खरीदने अथवा बेचने के लिए आपको इन platforms पर साइन अप (sign-up) करना होगा।
इसके पश्चात अपनी केवाईसी प्रक्रिया (KYC process) पूरी कर वाॅलेट (wallet) में मनी ट्रांसफर (money transfer) करना होगा। इसके बाद आप खरीदारी कर पाएंगे।
क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स कितने प्रतिशत कटेगा?
दोस्तों, आपको बता दें कि हमारे देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी, 2022 को देश का आम बजट पेश किया है। इसमें उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स काटे जाने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की वर्चुअल डिजिटल एसेट (virtual digital asset) के ट्रांसफर (transfer) पर यह टैक्स लगगेगा। इसके अतिरिक्त वर्चुअल डिजिटल एसेट जैसे क्रिप्टोकरेंसी का गिफ्ट (gift) पाने वाले को भी टैक्स देना होगा।
वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर को हुए भुगतान पर एक प्रतिशत टीडीएस कटेगा
साथियों, आपको बता दें कि सरकार ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर के लिए हुए भुगतान को भी कर के दायरे में लाते हुए इस पर एक प्रतिशत टीडीएस (TDS) काटे जाने की घोशणा की है।
कई कारोबारियों इसे एक अच्छा कदम बताते हुए इससे क्रिप्टो इन्वेस्टर्स (crypto investors) को टैक्स फाइल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। अलबत्ता, उन्हें क्रिप्टोकरेंसी पर बिल लाए जाने का इंतजार था, जो अभी बाकी है।
एक उदाहरण से ऐसे समझें पर क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स का गणित
अब हम आपको एक उदाहरण से समझाएंगे कि क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स किस प्रकार कटेगा। मान लीजिए कि राजू ने अपने दो हजार रूपये किसी वर्चुअल डिजिटल करेंसी में लगाए हैं। आज उसकी कीमत ढाई हजार रूपये हो गई है। तो ऐसे में आपको पांच सौ रूपये पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा।
क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगने से क्रिप्टोकरेंसी लीगल नहीं हो जाएगी –
साथियों, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाशण में डिजिटल वर्चुअल एसेट का जिक्र किया है, सीधे सीधे क्रिप्टोकरेंसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन ऐसा साफ साफ माना जा सकता है कि उनका इशारा क्रिप्टोकरेंसी पर ही है।
क्योंकि वर्चुअल डिजिटल एसेट में एनएफटी (NFT) एवं क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) ही आती हैं। इससे कई लोगों में यह भ्रम हो गया है कि क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाए जाने से यह मुद्रा अपने देश में लीगल (legal) हो गई है। लेकिन विशेषज्ञ साफ मानते हैं कि ऐसा नहीं है। वित्त मंत्री ने इस करेंसी को लीगल किए जाने के संबंध में कुछ नहीं कहा है।
ऐसे में अभी तक भारत में क्रिप्टोकरेंसी को वैध नहीं माना जा सकता है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि टैक्स अवैध आर्थिक गतिविधियों पर भी देना होता है। जैसे यदि किसी बेहिसाब प्रापर्टी के मामले में छापा पड़ता है तो उस दौरान जब्त संपत्ति पर टैक्स वसूलने का सरकार को अधिकार होता है।
भारत अपनी डिजिटल करेंसी लाने जा रहा है?
बेशक भारत सरकार ने न तो क्रिप्टोकरेंसी को अपने यहां मान्यता दी है और न ही बैन किया। निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बिल लाए जाने का इंतजार था। इसी बीच सरकार ने अपनी डिजिटल करेंसी लाए जाने की घोषणा कर दी है।
उसकी ओर से आम बजट में साफ किया गया है कि भारत का केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक आफ इंडिया (reserve Bank of India) यानी आरबीआई (RBI) नए वित्तीय वर्ष में डिजिटल करेंसी डिजिटल रूपी लाने जा रहा है। ऐसा सरकार डिजिटल पेमेंट (digital payment) को प्रोत्साहन देने के इरादे से कर रही है।
वह डिजिटल करेंसी जारी करने में ब्लाॅकचेन (blockchain) एवं अन्य तकनीकों का प्रयोग करेगी। माना जा रहा है कि इस कदम से इकोनाॅमी को बूस्ट मिलेगा।
क्रिप्टो इकोसिस्टम को नई पहचान मिलने की संभावना
क्रिप्टो करेंसी को टैक्स के दायरे में लाने का इससे जुड़े लोगों ने स्वागत किया है। स्वयं WazirX के सीईओ (CEO) निश्चल शेट्रटी का मानना है कि इससे क्रिप्टो इकोसिस्टम (crypto ecosystem) को नई पहचान मिलेगी। उनका मानना है कि इसके अतिरिक्त बैंकों की भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अनिश्चितता समाप्त हो जाएगी।
वे अब क्रिप्टो इंडस्ट्री (crypto industry) को वित्तीय सहायता भी प्रदान कर सकते हैं। यह क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज संचालकों के साथ ही इसमें निवेश (investment) करने वालों के लिए भी एक राहत भरा कदम होगा।
कई देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को लीगल किया है –
दोस्तों, आपको बता दें कि शुरूआत में क्रिप्टोकरेंसी को अवैध करार दिया गया था, लेकिन समय के साथ साथ बिटकाॅइन (bitcoin) की लोकप्रियता को देखे हुए कुछ देशों में इसे लीगल कर दिया गया है।
यहां तक कि कुछ देश अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी भी ला रहे हैं। भारत में भी इस मामले में बिल लाया जाना पेंडिंग था, लेकिन सरकार ने ऐसा न कर अपनी डिजिटल करेंसी बाजार में उतारने का फैसला किया।
भारत में साढ़े 10 करोड़ से भी अधिक क्रिप्टो निवेशक हैं
मित्रों, आपको सुनकर आश्चर्य होगा। आपको बता दें कि भारत में साढ़े 10 करोड़ से भी अधिक क्रिप्टो निवेशक (crypto investors) हैं। बहुत से लोगों ने क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट कर खूब कमाई भी की है। उनका मानना है कि इस करेंसी को टैक्स के दायरे में लाने से इसका भारत में लीगल होने का रास्ता क्लियर हो जाएगा।
आपको बता दें कि अप्रैल, 2020 में भारतीय निवेशकों का इस मुद्रा में 92 करोड़ डाॅलर का निवेश था। यह इस साल मई में बढ़कर 66 अरब डाॅलर पहुंच गया है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में इस करेंसी में निवेश के लिए निवेशक कितने उत्साहित हैं।
फर्जी क्रिप्टोकरेंसी भी बाजार में खूब प्रचलित
दोस्तों, फर्जी क्रिप्टोकरेंसी (fake cryptocurrency) भी बाजार में खूब प्रचलित है। मनी लांड्रिंग (money laundering) के शक में कई जगह पिछले छह माह में छापेमारी भी हुई है। आपको बता दें कि सोशल मीडिया (social media) पर भी तमाम फर्जी क्रिप्टो एक्सचेंज एवं टोकन हैं, जो लोगों को कुछ ही दिन में अमीर बनने का ख्वाब दिखा रहे हैं।
आपको बता दें कि ऐसे तमाम निवेशक, जो कुछ ही समय में अधिक अमीर बनने का ख्वाब देख रहे हैं, वे फर्जीवाड़ा करने वालों के खास निशाने पर हैं।
क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर किस कदर फर्जीवाड़ा चल रहा है, इसे आप इस से भी समझ सकते हैं कि इसी साल अगस्त के महीने में गूगल (Google) ने अपने प्ले स्टोर (playstore) से 10 फर्जी क्रिप्टोकरेंसी एप (cryptocurrency app) डिलीट किए। ये एप लोगों को अधिक रिटर्न का सपना दिखाकर चूना लगाने का कार्य कर रहे थे।
जानें, फर्जी क्रिप्टोकरेंसी की पहचान कैसे करें?
मित्रों, आपको बता दे कि फर्जी क्रिप्टोकरेंसी की पहचान करना बेहद आसान है। कुछ इस तरह-
- -यदि क्वाइन (coin) कम समय में बहुत अधिक रिटर्न (return) देने का वायदा कर रहा हो। यह फर्जीवाड़ा हो सकता है।
- -यदि क्रिप्टोकरेंसी सस्ता देने का वादा करने वाले घोटालेबाज निवेशकों से बैंक खाते को सत्यापित करने के लिए उन्हें कुछ क्वाइन (coin) भेजने को कहें। ऐसा हो सकता है कि घोटालेबाज आपकी बैंक संबंधी जानकारी जुटा रहे हों।
- -यदि किसी हस्ती के सोशल मीडिया पेज के जरिये किसी विशेष क्रिप्टो में तुरंत मोटा मुनाफा देने का दावा किया जा रहा हो। बहुत संभव है कि ऐसा हैकर्स के द्वारा किया जा रहा हो ।
फर्जी क्रिप्टो करेंसी एप की पहचान भी बेहद आसान-
दोस्तों, अब हम आपको बताएंगे कि आप फर्जी क्रिप्टो करेंसी एप की पहचान कैसे कर सकते हैं। इसके यह तरीके हैं-
1. एप की स्टार रेटिंग पर ध्यान दें-
सबसे पहली बात। लोग ज्यादातर अधिक जैसे 5 स्टार रेटिंग (star rating) वाले रिव्यू (review) के इंप्रेशन में आकर किसी एप को डाउनलोड (download) करते हैं। लेकिन आपको बता दें कि इस तरह की अधिकतर रेटिंग फर्जी होती है। आप कम एवं हो सके तो स्टार रेटिंग पर अवश्य ध्यान दें।
2. एप डाउनलोड करने से पहले डिस्क्रिप्शन चेक करें
आपको बता दें कि किसी भी एप स्टोर (app store) पर बगैर डेवलपर (developer) की प्रोफाइल का कोई एप पब्लिश (publish) नहीं होता।
यदि आप कोई एप डाउनलोड कर रहे हैं तो इसका डिस्क्रिप्शन (description) चेक कर लें। साथ ही डेवलपर की प्रोफाइल (profile) चेक कर लें। इसकी वेबसाइट (website) से जुड़ी जानकारी भी आपको यहां मिल जाएगी।
3. अंजान एप को डाउनलोड न करें
मित्रों, आप ऐसे किसी भी एप को अपने फोन में डाउनलोड न करें, जिसके बारे में आपको अधिक नहीं मालूम अथवा आने कभी उसका नाम तक नहीं सुना हो।
4. एप एक्सेस मांगे तो सावधान हो जाएं
दोस्तों, ज्यादातर फर्जी एप आपसे ऐसी एक्सेस के लिए भी रिक्वेस्ट करते हैं, जिनकी उन्हें जरूरत नहीं होती। जैसे यदि कोई फाइनेंशियल एप (financial app) आपसे फोटो गैलरी का एक्सेस मांगने लगे तो सावधान हो जाएं।
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले क्या सावधानी बरतें-
आइए अब आपको बता दें कि आपको क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए। ये इस प्रकार से हैं-
- -किसी भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने से पहले उसके बारे में अध्ययन कर लें। जान समझ लें।
- -क्रिप्टोकरेंसी की पूर्व हिस्ट्री (back history) देखें। इसके बारे में छानबीन करें।
- -उसके व्हाइट पेपर्स (white papers) की अच्छे से स्टडी कर लें।
- -क्रिप्टोकरेंसी के संचालकों एवं एक्सचेंज के बारे में पूरी तरह से जानकारी जुटाएं।
क्रिप्टोकरेंसी को रिस्क एसेट माना जाता है
यह हम आपको बता चुके हैं कि यह करेंसी मार्केट रेगुलेटेड (regulated) नहीं होता। ऐसे में इसमें फ्राॅड की आशंका अधिक होती है। यही वजह है कि क्रिप्टोकरेंसी को जोखिम वाली संपत्ति माना जा रहा है। हाल ही के दिनों में इसकी कीमतों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।
स्क्विड गेम (squid game) आधारित मुद्रा के टोकन जैसे स्क्विड, कोकोस्वैप, इथररम में कुछ ही समय में जबरदस्त उछाल देखने को मिला था, लेकिन इसके कुछ टोकन में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। इससे हजारों निवेशकों का पैसा फंस गया।
इसके बावजूद युवा, रिटेल एवं कारपोरेट इन्वेटर्स की संख्या इसमें लगातार बढ़ रही है। यही वजह है कि फर्जी क्रिप्टोकरेंसी भी चलन में आ गई। लेकिन जैसे कि हमने आपको बताया, आप ऊपर बताए तरीकों से इसकी पहचान कर सकते हैं।
दुनिया भर में 1800 से भी अधिक क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध
दोस्तों, आपको बता दें कि दुनिया भर में 1800 से भी अधिक क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध हैं। इनमें बिटकाॅइन सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है। इसके अलावा डैश, रिपल, एथेरियम, लिटकाइन, डाॅगकाॅइन, फेयरकाॅइन, पीरकाॅइन आदि क्रिप्टोकरेंसी भी चलन में हैं।
आपको बेशक यह लग रहा हो कि इस करेंसी को सरकार ने लीगल नहीं किया है तो यहां की कंपनियां इस कारोबार में नहीं होंगी, लेकिन ऐसा नहीं है। कई भारतीय कंपनियां क्रिप्टोकरेंसी बिटकाॅइन का कारोबार कर रही हैं। इनमें वजीरएक्स, यूनोकाॅइन, जेबपे आदि का नाम प्रमुख रूप से लिया जा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से कई निवेशकों की किस्मत रातों-रात पलटी
यह तो आप भी जानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट जबरदस्त अनियमित रहता है। इसमें बहुत उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। इसे आप एआरसी गवर्नेंस टोकन (ARC governance token) नाम की अंजान क्रिप्टोकरेंसी के मामले से समझ सकते हैं।
इसमें निवेश करने वाले निवेशकों की किस्मत रातों रात पलट गई। एक दिन पहले एआरसी गवर्नेंस की कीमत एक घंटे के भीतर 28 लाख फीसदी चढ़कर 0,34 डाॅलर से बढ़कर 9991,70 डाॅलर पहुंच गई। लेकिन निवेशकों की खुशी अधिक देर नहीं टिकी। फंचाई पर पहुंचने के करीब घंटे भर बाद ही इसने 90 प्रतिशत बढ़त गंवा दी।
यह करेंसी आपराधिक कृत्यों के लिए भी इस्तेमाल किए जाने की आशंका
मित्रों, शायद आप इस बात से वाकिफ न हों। आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल आपराधिक कृत्यों के लिए भी होने की बात सामने आई है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 18 नवंबर, 2021 को आस्ट्रेलिया (Australia) में हुए सिडनी संवाद (sidney dialogue) को भी डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए सतर्क भी किया। उन्होंने इसे अपराधियों अथवा गलत लोगों के हाथों में पड़ने से बचाने का अनुरोध किया।
क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?
सामान्य रूप से यह एक डिजिटल करेंसी है, जिसके जरिये आप सामान खरीद सकते हैं, उसका भुगतान कर सकते हैं, लेकिन उसे ठोस रूप में अपने पास नहीं रख सकते।
बजट में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर कितने टैक्स का प्रावधान किया गया है?
आम बजट 2022-23 में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाए जाने का प्रावधान किया गया है।
क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांसफर पर हुए भुगतान पर कितना टीडीएस कटेगा?
क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांसफर पर हुए भुगतान पर एक प्रतिशत टीडीएस कटेगा।
यदि क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट करेंगे तो क्या होगा?
क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट करने पर रिसीवर को टैक्स भरना होगा।
क्या क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगने से यह लीगल हो गई है?
जी नहीं, ऐसा नहीं हुआ है। टैक्स लगाने से क्रिप्टोकरेंसी लीगल नहीं हुई है।
क्रिप्टोकरेंसी को कैसी संपत्ति माना जाता है?
क्रिप्टोकरेंसी को जोखिम वाली संपत्ति माना जाता है।
क्या भारतीय कंपनियां भी क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार में हैं?
जी हां, वजीरएक्स, जेबपे जैसे कई कंपनियां हैं, जो बिटकाॅइन क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार में हैं।
क्रिप्टोकरेंसी से लेन-देन कैसे होता है?
इसके लिए उपभोक्ता को कारोबार करने वाली कंपनी के प्लेटफाॅर्म पर साइनअप करके केवाईसी की प्रक्रिया करानी पड़ती है। इसके पश्चात वाॅलेट में मनी ट्रांसफर करनी होगी। तब आप खरीदारी कर सकेंगे।
क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू कितनी होती है?
क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू फिजिकल करेंसी से अधिक होती है। कुछ की वैल्यू डाॅलर से भी हजार गुना अधिक है।
दुनिया भर में कितनी तरह की क्रिप्टोकरेंसी है?
दुनिया भर में 1800 तरह से भी अधिक की क्रिप्टोकरेंसी चलन में है।
क्या फर्जी क्रिप्टोकरेंसी की पहचान संभव है?
जी हां, फर्जी क्रिप्टोकरेंसी की पहचान संभव है। इसके कई तरीके हैं, जिनके बारे में हमने आपको ऊपर पोस्ट में जानकारी दी है।
क्या आरबीआई भी डिजिटल करेंसी लाने जा रहा है?
जी हां, आरबीआई भी नए वित्तीय वर्ष में डिजिटल करेंसी डिजिटल रूपी लाने जा रहा हैं।
भारत में करीब कितने क्रिप्टो निवेशक हैं?
भारत में करीब साढ़े 10 करोड़ क्रिप्टो निवेशक हैं।
दोस्तों, हमने आपको क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स कितने प्रतिशत कटेगा? | क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स की गणना कैसे होगी? से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी। उम्मीद है कि इस पोस्ट से आपकी जानकारी में इजाफा हुआ होगा। यदि आप इसी प्रकार के किसी महत्वपूर्ण विषय पर हमसे जानकारी चाहते हैं तो उसके लिए हम तक अपनी बात नीचे दिए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पहुंचा सकती हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं का हमें इंतजार है। ।।धन्यवाद।।
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