टैक्स सेविंग स्कीम क्या है? | जानिए टैक्स बचाने के आसान तरीके

टैक्स सेविंग स्कीम-2022, जानिए टैक्स बचाने के आसान तरीके, Tax saving scheme-2022, what are the easiest way of saving tax, इन्कम टैक्स से क्या आशय है?, What are the other easiest ways of tax saving?, भारत की कुल आबादी कितनी है? कितने टैक्सपेयर हैं? ||

वर्ष 2022 अपने अंतिम पायदान पर आ पहुंचा है। नया साल शुरू होते ही लोग नए वित्तीय वर्ष (new financial year) के मद्देनजर अपनी वित्तीय प्लानिंग (financial planning) भी करने लगेंगे। जाहिर सी बात है कि वे ऐसे आसान तरीके खोजेंगे, जिनसे जरिए वे नए वित्तीय वर्ष में आराम से टैक्स बचा सकें। यदि आप भी ऐसे ही लोगों में हैं तो अब चिंता की जरूरत नहीं, क्योंकि आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे कि टैक्स बचाने के आसान तरीके क्या क्या हैं? आइए, शुरू करते हैं-

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इन्कम टैक्स से क्या आशय है? (What is the meaning of income tax?)

दोस्तों, इन्कम (income) को हिंदी में आय एवं टैक्स (tax) को कर पुकारा जाता है। ऐसे में स्पष्ट है कि किसी व्यक्ति की आय पर लगने वाले कर को इन्कम टैक्स की संज्ञा दी जाती है। भारत में नौकरी अथवा कारोबार अथवा किसी अन्य पेशे से होने वाली आय के लिए इन्कम टैक्स चुकाना आवश्यक है। इसके लिए अलग अलग स्लैब (slab) भी केंद्र सरकार (Central Bank ( द्वारा निर्धारित किए गए हैं। आम तौर पर देश (country) के सालाना बजट (annual budget) में इन्कम टैक्स की दरों की समीक्षा एवं उनका पुनः निर्धारण किया जाता है।

टैक्स सेविंग स्कीम 2022 क्या है जानिए टैक्स बचाने के आसान तरीके

टैक्स छूट क्या होती है? (What is tax rebate?)

दोस्तों, सरकार टैक्स पेयर्स (tax payers) को टैक्स छूट (tax rebate) का लाभ भी देती है। ऐसा वह उसे निवेश (investment) के बाद कर (tax) के अतिरिक्त बोझ (additional burden) से बचाने के लिए करती है। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि जब आपको टैक्स नहीं चुकाना पड़ता अथवा टैक्स चुकाने से राहत दी जाती है तो उसे टैक्स छूट (tax rebate) पुकारा जाता है। टैक्स पेयर्स टैक्स चुकाने से बचने के लिए अक्सर कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।

इनमें से एक तरीका विभिन्न योजनाओं में निवेश भी है। इससे एक ओर जहां आपको निवेश (investment) के जरिए रिटर्न (return) हासिल होता है, वहीं आप टैक्स चुकाने से भी बच जाते हैं। सरकार को भी निवेश के जरिए पूंजी प्राप्त होती है। आपको बता दें दोस्तों कि बहुत सी निवेश योजनाएं (investment schemes) ऐसी हैं, जिन्हें सरकार द्वारा स्वयं प्रोत्साहित किया जाता है। इन्हें ही टैक्स सेविंग स्कीम (tax saving scheme) भी कहा जाता है।

टैक्स स्लैब क्या होता है? (What is tax slab?)

मित्रों, यह तो आप जानते ही हैं कि प्रत्येक व्यक्ति का आय का जरिया (source of income) अलग अलग होता है। कोई नौकरी करता है, कोई व्यवसाय तो कोई किसी अन्य प्रोफेशन (profession) के जरिए अपनी रोजी रोटी चलाता है। प्रत्येक व्यक्ति की आय भी एक सी नहीं होती, किसी की कम तो किसी की ज्यादा होती है। कम आय वालों को कम तो अधिक आय वालों को अधिक टैक्स चुकाना होता है। किस व्यक्ति को कितनी आय पर कितने प्रतिशत की दर से टैक्स चुकाना होता है, इसकी उसकी आय के आधार पर सरकार द्वारा अलग अलग श्रेणियां (different categories) निर्धारित की गई हैं। इन्हें ही टैक्स स्लैब (tax slab) कहा जाता है।

भारत में इन्कम टैक्स स्लैब क्या है? यहां कितनी आय पर कितना इन्कम टैक्स लगता है? (What is income tax slab in india? On how much income how much tax is imposed?)

दोस्तों, आइए, अब भारत में इन्कम टैक्स स्लैब की बात कर लेते हैं। आपको जानकारी दे दें कि ढाई लाख रुपए तक की आय पर किसी प्रकार का इन्कम टैक्स नहीं लगता। ढाई लाख रूपए से लेकर 5 लाख रुपए तक पांच प्रतिशत टैक्स का प्रावधान किया गया है। वहीं, 5 लाख रुपए से लेकर साढ़े 7 लाख रुपए तक की आय पर 10 प्रतिशत टैक्स लगता है। साढ़े सात लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक की आय पर 15 प्रतिशत टैक्स लगता है। यदि किसी व्यक्ति की आय 10 लाख रुपए से लेकर 12.5 लाख रुपए है तो उस पर 20 प्रतिशत की दर से इन्कम टैक्स लगाया जाता है। वहीं, साढ़े 12 लाख रुपए से 15 लाख रुपए की आय तक पर 25 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान किया गया है। दोस्तों, लेकिन यदि किसी व्यक्ति की आय 15 लाख रुपए से अधिक है तो ऐसी स्थिति में उसे अपनी आय पर 30 प्रतिशत टैक्स चुकाना होगा।

टैक्स सेविंग स्कीम्स कौन कौन सी हैं? (What are the tax saving schemes?)

अब हम आपको टैक्स सेविंग स्कीम्स (tax saving schemes) यानी टैक्स बचाने वाली योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे। साथियों न केवल सरकारी, बल्कि कई ऐसी निजी बचत योजनाएं भी हैं, जिनमें निवेश करके न आप केवल टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि अपनी आय पर अच्छा रिटर्न भी प्राप्त कर सकते हैं। इन स्कीमों में केवल नौकरीशुदा ही नहीं बल्कि रिटायर लोगों के लिए चलाई जा रही योजनाएं भी शामिल हैं। सीनियर सिटीजन (senior citizen) को भी तवज्जो देते हुए सरकार (government) द्वारा उनके लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। ये टैक्स सेविंग स्कीम्स इस प्रकार से हैं-

* इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (equity linked saving scheme)

दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (equity linked saving scheme) यानी ईएलएसएस (ELSS) भी टैक्स (tax) बचाने का एक अच्छा उपाय है। आपको बता दें कि यह एक तरह का इक्विटी फंड (equity fund) है। साथ ही ऐसा अकेला म्युचुअल फंड (mutual fund) है, जिसमें इन्कम टैक्स अधिनियम (income tax act)-1962 की धारा 80सी के अंतर्गत कुल डेढ़ लाख रुपए तक की टैक्स छूट (tax rebate) का प्रावधान (provision) किया गया है।

इसकी सबसे छोटी लॉकइन अवधि (lock-in period) 3 साल है। दोस्तों, इसके अंतर्गत यदि आपको एक लाख रूपए वार्षिक (annual) तक का लाभ अथवा रिटर्न (profit/return) होता है तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगता। और अच्छी बात यह है कि इसे कोई भी महज 100 रुपए के एसआईपी (SIP) के माध्यम से भी निवेश (invest) कर सकता है। उस पर 10 से 12 प्रतिशत तक रिटर्न प्राप्त कर सकता है। दोस्तों, यदि आप टैक्स सेविंग एफडी (tax saving FD) एवं यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (unit linked insurance plan) यानी यूलिप (ULIP) खरीदते हैं तो भी टैक्स (tax) बचा पाने में कामयाब होंगे।

* इंप्लाइज प्रोविडेंट फंड (employees provident fund)

दोस्तों, यदि आप इंप्लाइज प्रोविडेंट फंड (employees provident fund) अथवा ईपीएफ (EPF) में निवेश करते हैं तो आप डेढ़ लाख रुपए तक की टैक्स छूट (tax rebate) प्राप्त कर सकते हैं। फिलहाल इस योजना में निवेश पर 8.0 प्रतिशत की दर (rate) से ब्याज (interest) मिलता है। नौकरीपेशा लोगों के लिए यह इस योजना में निवेश कर अच्छा रिटर्न पाने का अवसर है।

* सुकन्या समृद्धि योजना (sukanya samriddhi yojana)

साथियों, यदि आपकी 10 वर्ष से कम उम्र की बच्ची है तो आप उसके नाम आराम से सुकन्या समृद्धि योजना (sukanya samriddhi yojana) यानी एसएसवाई (SSY) में एकाउंट (account) खुलवाकर अपने टैक्स की बचत कर सकते हैं। केंद्र सरकार (Central government) द्वारा लांच (launch) की गई इस योजना में खाता न्यूनतम (minimum) 250 रुपए से खुल सकता है। इसमें अधिकतम (maximum) डेढ़ लाख रुपए सालाना जमा (annual deposit) किए जा सकते हैं। वर्तमान में सरकार द्वारा इस योजना पर खाताधारकों (account holders) को 7.6 फीसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है।

* सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (senior citizen saving scheme)

मित्रों, यदि आप भी सीनियर सिटीजन में शुमार हो गए हैं, तो सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (senior citizen saving scheme) यानी एससीएसएस आपके लिए टैक्स बचत की सबसे अच्छी योजना है। इसके अंतर्गत आप बैंक अथवा पोस्ट ऑफिस (Bank or post office) में अपना सेविंग अकाउंट (saving account) खुलवा सकते हैं। आप इसमें सालाना डेढ़ लाख रुपए तक अधिकतम निवेश कर सकते हैं। आपको बता दें कि इसमें आप भी जो भी रकम जमा करेंगे, वह इन्कम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत टैक्स से मुक्त रहेगी। इस योजना पर आपको 7.4 की दर से ब्याज प्राप्त होता है।

* नेशनल पेंशन सिस्टम (national pension system)

साथियों, यह तो आप जानते ही हैं कि हमारे देश में लाखों सरकारी कर्मचारी हैं, जिनमें से हजारों प्रत्येक वर्ष नौकरी की अवधि पूरी कर रिटायर (retire) हो जाते हैं। यदि आप सरकारी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम नेशनल पेंशन स्कीम (national pension system) यानी एनपीएस (NPS) में निवेश करते हैं, तो यह भी एक अच्छा टैक्स सेविंग ऑप्शन (tax saving option) हो सकता है।

आपको जानकारी दे दें दोस्तों कि इन्कम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के अंतर्गत आप डेढ़ लाख रुपए तक का सालाना निवेश कर टैक्स छूट के साथ ही 50 हजार रुपए तक की अतिरिक्त टैक्स छूट (additional tax rebate) का लाभ ले सकते हैं। केंद्र सरकार की ओर से भी इस योजना को खासा प्रोत्साहित किया जा रहा है। विशेष बात यह है कि इसमें निवेश करने के लिए आपको किसी बड़ी राशि की आवश्यकता नहीं। 18 वर्ष की उम्र से लेकर 65 साल की उम्र तक का कोई भी व्यक्ति महज एक हजार रुपए के साथ बैंक में एनपीएस एकाउंट (nps account) खुलवा सकता है।

* पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (public provident fund)

दोस्तों, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (public provident fund) को शॉर्ट में पीपीएफ (PPF) भी पुकारा जाता है। इसमें डेढ़ लाख रुपए वार्षिक तक का निवेश (investment) किया जा सकता है। अच्छी बात यह है कि इसमें आप सालाना कम से कम 500 रुपए का निवेश कर सकते हैं। यानी आप पर कोई अधिक आर्थिक बोझ नहीं पड़ता। मित्रों, आपको बता दें कि इसमें लॉकइन अवधि (lock-in period) 15 वर्ष रखी गई है। इसमें निवेश पर सरकारी गारंटी है, यानी कि इसमें लगाया गया पैसा नहीं डूबेगा। दोस्तों, इस योजना में निवेश पर सरकार द्वारा टैक्स छूट का प्रावधान किया गया है। सरकार द्वारा इस योजना में निवेश पर 8.0 प्रतिशत की दर से ब्याज भी मिलता है।

* नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (national saving certificate)

दोस्तों, ऐसा नहीं हो सकता है कि आपने नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (national saving certificate) यानी एनएससी (NSC) का नाम न सुना हो। यह पोस्ट ऑफिस (post office) की एक बेहद लोकप्रिय योजना (popular scheme) है। इस स्माल सेविंग स्कीम (small savings scheme) यानी छोटी बचत योजना में निवेश करके आप इन्कम टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। इसमें न्यूनतम निवेश (minimum investment) एक हजार रुपए से खाता खुलवाया जा सकता है। वहीं, अधिकतम निवेश (maximum investment) को लेकर कोई सीमा नहीं निर्धारित की गई है।

* एसबीआई टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपाजिट (SBI tax saving fixed deposit)

साथियों, यह भी टैक्स बचाने का एक आसान एवं अच्छा तरीका है। आपको बता दें कि आप इस स्कीम आप पांच वर्ष तक के लिए निवेश कर सकते हैं। इसमें आपको डेढ़ लाख रूपए तक की टैक्स छूट हासिल होती है। यदि आप सामान्य नागरिक (general public) हैं तो 6.10 फीसदी, जबकि सीनियर सिटीजन (senior citizen) हैं तो 6.60 प्रतिशत की दर से रिटर्न (return) हासिल कर सकते हैं।

टैक्स बचाने के अन्य आसान तरीके क्या- क्या हैं? (What are the other easiest ways of tax saving?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि इन योजनाओं के अतिरिक्त आप होम लोन (home loan), एजुकेशन लोन (education loan) के ब्याज पर इन्कम टैक्स एक्ट-1962 की धारा 80सी के अंतर्गत टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप इन्कम टैक्स की धारा 80जी के अंतर्गत दान (donation) एवं इन्कम टैक्स की धारा 80डी के अंतर्गत हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance) के प्रीमियम (premium) पर भी टैक्स लाभ (tax benefit) ले सकते हैं।

हमें टैक्स सेविंग स्कीम्स में कितना पैसा लगाना चाहिए? (How much money we should invest in tax saving schemes?)

मित्रों, यहां हमने आपको टैक्स सेविंग स्कीम्स की जानकारी दी है, लेकिन अब आपके सामने यह सवाल अवश्य खडा हो रहा होगा कि आपको टैक्स सेविंग स्कीम्स में कितना पैसा लगाना चाहिए। दोस्तों, बहुत से नए नौकरीपेशा अथवा व्यवसायी इस बात को लेकर भ्रमित रहते हैं। हम उनकी चिंता का समाधान करेंगे। आपको बता दें दोस्तों कि एक आदर्श स्थिति में व्यक्ति को अपनी सालाना आय (annual income) का कम से कम 20 प्रतिशत मार्केट में निवेश आप्शंस (investment options) में इन्वेस्ट करना चाहिए। एक बात और ध्यान रखने लायक है कि निवेशक को केवल एक स्कीम में सारा पैसा न लगाकर अलग अलग योजनाओं में राशि निवेश करनी चाहिए। इससे वह किसी भी प्रकार के नुकसान से बचा रहता है।

टैक्स सेविंग स्कीम्स में पैसा लगाने से पूर्व किन बातों का ध्यान रखें? (What points should be kept in mind while investing money in tax saving schemes?)

यदि आप टैक्स सेविंग स्कीम में पैसा लगाना चाहते हैं तो इससे पूर्व कुछ जरूरी बातें हैं, जिन्हें आपको जानना बेहद आवश्यक है। ये इस प्रकार से हैं-

* निवेश विकल्पों की तुलना आवश्यक (comparing investment options is necessary)

दोस्तों, बात पैसे की है। आपकी एक चूक आपकी कमाई पर पानी फेर सकती है। पैसा लगाने से पूर्व निवेश विकल्पों की अच्छे से तुलना (compare) करें। देख लीजिए कि जिस योजना (scheme) में आप पैसा लगाने जा रहे हैं, बीते सालों में उसका रिटर्न कितना रहा है? इसमें निवेश करना सुरक्षित होगा अथवा नहीं?।

* निवेश अवधि का ध्यान जरूर रखें (keep in mind the investment options)

मित्रों, निवेश करने से पूर्व निवेश अवधि (investment period) का ध्यान अवश्य रखें। कुछ योजनाओं का लॉक-इन पीरियड (lock-in period) लंबा जैसे 15 साल भी होता है तो कुछ का महज 3 साल। यानी कि आप इस अवधि के पूरा होने से पूर्व इससे पैसे नहीं निकाल पाएंगे। ऐसे में आवश्यक है कि आप अपनी आवश्यकता के अनुसार निवेश करें।

* सारा पैसा एक ही जगह न लगाएं (don’t invest all the money in one place)

मित्रों, इस बाबत हम आपको पूर्व में भी बता चुके हैं कि आपको अपना सारा पैसा एक ही जगह नहीं लगाना चाहिए। आपको अपने निवेश पोर्टफोलियो (investment portfolio) में विविधता रखनी आवश्यक है। यह तरीका आपको रिटर्न में होने वाले नुकसान से सुरक्षित करेगा।

* आय शुरू होने के साथ ही निवेश शुरू कर दें (start investing just after start generating income)

साथियों, आपको बगैर लंबा इंतजार करने के आय शुरू होने के साथ ही निवेश शुरू कर देना चाहिए। यह निवेश आप अपनी क्षमता के अनुसार करें। किसी की देखा देखी निवेश से बचें-मित्रों, अधिकतर लोग अपनी आवश्यकता को देखते हुए निवेश करते हैं। आपको भी किसी की देखा देखी निवेश करने से बचना होगा। अपनी परिस्थिति एवं आवश्यकता को देखते हुए निवेश को तवज्जो देनी होगी।

भारत में कितने लोग टैक्स चुकाते हैं? (How many people in india pay the tax?)

दोस्तों, टैक्स बचाने के तमाम तरीकों के बीच आइए, अब यह भी जान लेते हैं भारत में कितने लोग टैक्स चुकाते हैं? (how many tax payers are there in india?) आपको यह जानकर आश्चर्य होगा दोस्तों कि भारत की कुल आबादी (total population) 136 करोड़ से भी अधिक है, लेकिन केवल सवा आठ करोड़ ही टैक्स पेयर हैं यानी टैक्स चुकाते हैं। यदि प्रतिशत में कहें तो यह कुल जनसंख्या का केवल 6 प्रतिशत बैठता है। मित्रों, अब इसका यह अर्थ न समझें कि बाकी लोग टैक्स नहीं चुकाना चाहते।

दरअसल, वे लोग टैक्स के दायरे में ही नहीं आते। आपको जानकारी दे दें कि हमने अभी भारत के जिन 136 करोड़ लोगों की आबादी की बात की, उनमें से 127 करोड़ लोगों की सालाना आय 5 लाख रुपए से भी कम है। अब यहां टैक्स छूट की भी बात कर लेते हैं। आप जान लीजिए कि हमारे भारत में आम तौर पर 10-12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले लोग तमाम डिडक्शन (deduction) एवं टैक्स छूट के बूते अपनी टैक्सेबल इनकम (taxable income) 5 लाख रुपए से भी कम कर लेते हैं।

टैक्स कलेक्शन बढ़ने से देश को क्या लाभ होता है? (What advantage a country has if tax collection increases?)

मित्रों, आइए अब यह जान लेते हैं कि टैक्स कलेक्शन (tax collection) बढ़ने से देश को क्या लाभ होता है। यह तो आप जानते ही हैं कि सरकार को किसी भी विकास कार्य (development work) के लिए पैसे की आवश्यकता होती है। डसके लिए आय का जरिया (source of income) भी लोगों पर लगाया गया टैक्स होता है। टैक्स कलेक्शन बढ़ता है तो देश की आर्थिक विकास दर (economic development rate) भी बढ़ती है। आर्थिक गतिविधियों (economic activities) के साथ ही क्रय विक्रय में बढ़ोत्तरी होती है।

लगे हाथों, आपको यह जानकारी भी दे दें कि दोस्तों वित्त वर्ष 2022 में केंद्र सरकार का टैक्स कलेक्शन लगभग 14 लाख करोड़ रुपए था। यदि सर्वाधिक इन्कम टैक्स चुकाने वाले (maximum tax collection) राज्यों की बात करें दोस्तों तो इस मामले में महाराष्ट्र (Maharashtra) सबसे आगे है।

इसके पश्चात गुजरात (Gujarat), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), तमिलनाडु (Tamilnadu) एवं पश्चिम बंगाल (West Bengal) का नाम आता है। यदि भारत देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) की बात करें तो वह इस सूची में 8वें स्थान पर विद्यमान है। अब यदि बात उन राज्यों की करें, जहां सबसे कम टैक्स कलेक्शन (minimum tax collection) रहता है तो इनमें सिक्किम (Sikkim), लक्षद्वीप (lakshdweep), मिजोरम (Mizoram) शुमार हैं।

इन्कम टैक्स डे किस दिन मनाया जाता है? (When income tax day is celebrated?)

मित्रों, बेशक आपको यह जानकर आश्चर्य हो, लेकिन आपको बता दें कि भारत में इन्कम टैक्स (income tax day) भी मनाया जाता है। यह 24 जुलाई के दिन मनाया जाता है। इस दिन सरकार करदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए तमाम तरह के प्रचार प्रसार का भी सहारा लेती है। इसके अलावा इन्कम टैक्स से जुड़े आधिकारिक आंकड़े भी जारी करती है।

दोस्तों, आपको यह भी बता दें कि इन्कम टैक्स पेयर्स को न केवल टैक्स में राहत देने बल्कि उन्हें टैक्स देने हेतु सहूलियत देने के लिए एक संस्थान अभियान भी चलाती है। इसका नाम ग्लोबल टैक्सपेयर ट्रस्ट (global tax payer trust) है। इसका मानना है कि भारत में डायरेक्ट टैक्स रिवेन्यू (direct tax revenue) में लगभग 98 प्रतिशत नागरिकों का कोई योगदान नहीं है। वहीं, विकसित देशों (developed countries) में टैक्स भरने वाले नागरिकों की संख्या करीब 50 प्रतिशत तक है।

क्या हमारे देश भारत में खेती से आय टैक्स फ्री है? (Is income from agriculture is tax free in india?)

दोस्तों, यह तो आप जानते ही हैं कि हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। यहां खेती की लगातार बढ़ती लागत (increased cost) देखते हुए और अधिसंख्य लोगों की रोजी रोटी का जरिया देखते हुए खेती से होने वाली आय को टैक्स फ्री रखा गया है। यद्यपि बहुत से लोग इसका विरोध भी करते हैं। उनका कहना है कि किसानों की आबादी में जो 4 प्रतिशत अमीर किसानों (rich farmers) की संख्या है, उसे कम से कम टैक्स भरना चाहिए। नीति आयोग (neeti commission) ने भी कुछ समय पूर्व एक अध्ययन किया था। इसके अनुसार इन अमीर किसानों को भी इन्कम टैक्स (income tax) की सीमा (limit) में लाकर लगभग 25 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक राजस्व हासिल किया जा सकता है।

हमारे देश में लोग टैक्स प्लानिंग को लेकर कितने गंभीर हैं? (In our country people are how much serious for tax planning?)

मित्रों, यह तो आप जानते ही हैं कि हमारे देश में वित्तीय जागरूकता (financial awareness) बहुत कम हैं, ऐसे में लोग टैक्स प्लानिंग (tax planning) को लेकर भी बहुत गंभीर नहीं। ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है, जो आईटीआर (ITR) यानी इन्कम टैक्स रिटर्न (income tax return) तक फाइल नहीं करते। सर्वे (survey) के बाद इन्कम टैक्स विभाग (income tax department) ऐसे लोगों को नोटिस (notice) जारी करता है। आपको बता दें दोस्तों कि अकेले कानपुर (kanpur) शहर में एक वर्ष पूर्व इन्कम टैक्स ने 236 ठेलों और खोमचे वालों को करोड़पति पाया था। सुनकर आश्चर्य हो रहा है न।

इन्हें विभाग की ओर से नोटिस भी जारी किए गए। दिक्कत यह है कि हमारे देश में पैसा कमाने के साथ ही व्यक्ति बजाए सीधे रास्ते से टैक्स अदा करने के टैक्स चोरी (tax theft) के उपाय सोचने लगते हैं। कई लोग तो उन पर केवल सोचते ही नहीं, अमल भी कर लेते हैं। बस यहीं गड़बड़ हो जाती है। कर चोरी में पकड़े जाने पर उनकी प्रतिष्ठा एवं कमाई दोनों जाती है। इससे बेहतर यह है कि वे बाकायदा टैक्स भुगतान करें एवं वैधानिक तरीकों से विभिन्न सरकारी अथवा अन्य योजनाओं में निवेश कर टैक्स छूट का लाभ प्राप्त करें।

इन्कम टैक्स क्या है?

सरकार द्वारा किसी व्यक्ति की नौकरी, व्यवसाय अथवा किसी अन्य पेशे से हुई आय पर कराधान इन्कम टैक्स कहलाता है।

टैक्स स्लैब का क्या अर्थ है?

सरकार किसी भी व्यक्ति पर टैक्स उसकी आय के अनुसार लगाती है। इसकी विभिन्न श्रेणियां हैं, जिन्हें टैक्स स्लैब कहा जाता है।

इस वक्त कितनी आय टैक्स फ्री है?

इस वक्त ढाई लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री है।

इस समय भारत में इन्कम टैक्स स्लैब क्या है?

इस समय भारत में टैक्स स्लैब की जानकारी हमने आपको ऊपर पर पोस्ट में दी है। आप वहां से पढ़ सकते हैं।

टैक्स छूट से क्या आशय है?

जब किसी व्यक्ति को सरकार द्वारा टैक्स भुगतान से राहत प्रदान की जाती है तो उसे टैक्स छूट कहा जाता है।

वे कौन सी निवेश योजनाएं हैं?

इस संबंध में जानकारी हमने आपको ऊपर पर पोस्ट में दी है। आप वहां से देख सकते हैं।

टैक्स छूट इन्कम टैक्स की किस धारा के तहत प्रदान की जाती है?

अधिकांश निवेश योजनाओं पर सरकार द्वारा धारा 80सी के अंतर्गत टैक्स छूट प्रदान की जाती है।

क्या भारत में खेती से होने वाली आय टैक्स फ्री है?

जी हां, हमारे देश भारत में खेती से होने वाली आय टैक्स फ्री है।

हमें टैक्स सेविंग स्कीम में पैसा लगाते हुए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

इन सभी बातों की जानकारी हमने आपको ऊपर पोस्ट में दी है, आप वहां से पढ़ सकते हैं।

भारत की कुल आबादी कितनी है? कितने टैक्सपेयर हैं?

भारत की कुल आबादी 136 करोड़ से भी अधिक है, लेकिन इसमें से केवल लगभग छह प्रतिशत लोग ही इन्कम टैक्स भरते हैं।

भारत में आबादी अधिक होने के बावजूद टैक्स पेयर कम क्यों हैं?

ऐसा इसलिए है, क्योंकि भारत में बेहद कम आबादी इन्कम टैक्स के दायरे में आती है।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में टैक्स सेविंग स्कीम की जानकारी दी। आपको बताया कि आप किस प्रकार आसान तरीकों से अपना टैक्स बचा सकते हैं। यदि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद टैक्स बचत (tax saving) को लेकर कोई सवाल आपके दिमाग में आ रहा हो तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हम तक पहुंचा सकते हैं। हम आपके सारे सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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