हम में से बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो किसी कंपनी के इतिहास व उसके मालिक के बारे में जानने को लेकर इच्छुक होते हैं। ऐसे में यदि बात बड़ी कंपनी की हो (TCS kis desh ki company hai) और हमें उसके देश व मालिक के बारे में पता ना हो तो यह अनुचित ही कहा जाएगा। इन्हीं (TCS ka malik kaun hai) बड़ी कंपनी में एक कंपनी है टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस। इसे शोर्ट फॉर्म में टीसीएस भी कह दिया जाता हैं।
ऐसे में यदि आप टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस कंपनी का देश कौन सा है या फिर इसके मालिक का क्या नाम है, इत्यादि विषयों के बारे में जानना चाहते हैं तो आज (TCS ke bare mein jankari) आपको इस लेख में टाटा कंपनी से जुड़ी हर एक जानकारी जानने को मिलेगी। साथ ही (TCS kiski company hai) आपको टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस का इतिहास भी जानने को मिलेगा ताकि आपके मन में किसी तरह की शंका शेष ना रह जाए।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस किस देश की कंपनी है (TCS kis desh ki company hai)
अब यदि बात टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस के देश की की जाए तो आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह विश्व प्रसिद्ध कंपनी भारत देश की हैं। वैसे तो बहुत से लोगों को यह पहले से पता होता हैं या इसका आभास होता है कि टाटा भारत की कंपनी हैं लेकिन इसके बढ़ते कद व मूल्य को देखकर उन्हें विश्वास (TCS country of origin) नही होता कि क्या सच में टाटा भारत देश की ही कंपनी है।
तो आज हम आपकी शंकाओं पर पूर्णतया विराम लगाते हुए यह क्लियर कर दे कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस कंपनी भी पूर्णतया भारत देश की कंपनी हैं। हालाँकि इसकी शाखाएं 46 देशों में 149 से ज्यादा जगहों पर फैली हुई हैं लेकिन यह विशुद्ध रूप से भारतीय कंपनी है। कहने का अर्थ यह हुआ कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस कंपनी भारत की एक मल्टी नेशनल या बहु राष्ट्रीय कंपनी हैं जो विश्व के 49 से भी ज्यादा देशों में फैली हुई हैं।
इसलिए अब आप यह जान ले कि टाटा कंसल्टेंसी कंपनी में चाहे कोई भी काम करता हो, फिर चाहे वह देश की किसी शाखा में काम करता हो या विदेश में, या फिर टाटा कंसल्टेंसी कंपनी जो भी काम देश में विदेश में करती हैं, उसका सब पैसा भारत देश के अंदर ही आता हैं। टाटा कंपनी (Tata consultancy services country name) के द्वारा भारत देश को एक बहुत बड़ा लाभ पहुँचाया जाता हैं।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस कंपनी क्या करती है
अब बात करते हैं कि आखिरकार टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस कंपनी है तो भारत की लेकिन यह काम क्या करती है। तो आप यह जान ले कि यह टाटा संस कंपनी की ही एक ब्रांच है। कहने का अर्थ यह हुआ कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस कंपनी टाटा संस के अंदर आती हैं। टाटा संस इसकी पैरेंट कंपनी कही जा सकती हैं और इसके अंदर कई अन्य तरह की टाटा की ही कंपनियां आती हैं।
फिर भी टाटा संस के अंदर आने वाली टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस की भागीदारी लगभग 70 प्रतिशत है। अर्थात टाटा संस के अंदर जितनी भी अन्य कंपनियां हैं जो टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस से अलग हैं तो उनकी कुल भागीदारी 30 प्रतिशत है जबकि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस की अकेले की भागीदारी 70 प्रतिशत। इस तरह से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस टाटा संस के लिए सबसे महत्वपूर्ण कंपनी है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस के अंतर्गत आईटी टेक्नोलॉजी से जुड़े कार्य होते हैं और इसके अलावा यह कंसल्टिंग का काम भी करती हैं। जैसे कि हम अन्य सॉफ्टवेर कंपनियों के बारे में जानते हैं, उदाहरण के तौर पर एचसीएल, विप्रो, कॉग्निजेंट या कई ने कंपनी जहाँ पर मुख्यतया सॉफ्टवेर इंजिनियर काम करते हैं, तो वैसे ही टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस भी एक सॉफ्टवेर कंपनी ही हैं। यहाँ पर देश विदेश से जुड़े हजारों सॉफ्टवेर, ऐप, वेबसाइट इत्यादि का संचालन किया जाता हैं और उनके प्रोजेक्ट देखे जाते हैं।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान
अब जब आप टाटा कंसल्टेंसी के देश के बारे में जान चुके हैं और आपको यह सुनकर गर्व हुआ कि यह हमारे देश की ही अर्थात भारत देश की ही कंपनी हैं तो अब आपको यह भी जानना होगा कि आखिरकार टाटा कंपनी कमा कितना लेती हैं। इसके द्वारा ही हम यह जान पाएंगे कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था में किस तरह से सहयोग करती हैं और उससे हमारे देश को कितना लाभ पहुँचता हैं।
तो आज आप जान ले कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस की 2 लाख करोड़ रुपए अर्थात 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। इस तरह से यह भारत सरकार को 2 लाख करोड़ के लाभ पर कर जमा करवाती है। इसमें इसकी ऑपरेटिंग इनकम अर्थात ऑपरेशन के द्वारा इनकम 50 हज़ार करोड़ रुपए है जबकि नेट इनकम 40 हज़ार करोड़ के आसपास है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस के एसेट्स की कुल वैल्यू 1.5 लाख करोड़ के आसपास हैं।
किसी भी कंपनी का उस देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देखने के लिए केवल एक ही पैमाना नही होता हैं। दरअसल ताता कंसल्टेंसी सर्विसेस इतनी बड़ी कंपनी हैं तो उसमें काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या भी लाखों में होगी। ऐसे में यह देश के लाखों लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवाती हैं। दिसंबर 2021 के आंकड़ों के अनुसार उस समय टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस में कुल 5.5 लाख के आसपास कर्मचारी काम कर रहे थे। हालाँकि इसमें विदेशी कर्मचारियों का आंकड़ा भी सम्मिलित है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस के मालिक कौन है (TCS ka malik kaun hai)
अभी तक आपने जान लिया कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस कंपनी भारत देश की है तो अब आपको यह भी जानना होगा कि आखिरकार इसके मालिक कौन है। दरअसल इसकी स्थापना तो किसी और के द्वारा की गयी थी लेकिन (TCS owner name) इसमें और भी कई लोग सम्मिलित हैं।
साथ ही अब इसके चेयरमैन व सीईओ में भी बदलाव हो चुका हैं लेकिन है सभी भारतीय। इसी के साथ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस के कुछ शेयर पब्लिक डोमेन में बेच भी दिए गए हैं। तो अब यह पब्लिक डोमेन की कंपनी भी बन चुकी है जिसकी स्टॉक मार्किट या (TCS ke adhyaksh) शेयर बाजार में भी मौजूदगी हैं। किंतु जिस व्यक्ति के सबसे अधिक शेयर होते हैं वही उस कंपनी का आधिकारिक तौर पर मालिक कहा जाता हैं।
ऐसे में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस के मालिक के बारे में समझने के लिए हमें इसके बारे में विस्तार से जानना होगा। जैसा कि आपने ऊपर जाना कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस कंपनी की पैरेंट कंपनी टाटा संस है अर्थात यह टाटा संस कंपनी के अंतर्गत आती है। अब टाटा संस कंपनी की स्थापना टाटा परिवार के द्वारा की गयी थी जिसके मुखिया रतन टाटा है। इस तरह से रतन टाटा ही टाटा संस व उसके साथ ही टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस के मालिक होएंगे।
तो अब आप जान गए कि आधिकारिक तौर पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस के मालिक रतन टाटा है। किंतु यदि आप टाटा संस के मालिक के बारे में देख्नेगे तो पाएंगे कि वहां केवल रतन टाटा का ही नाम नही आता है। दरअसल वहां आपको रतन टाटा की बजाए टाटा फैमिली या टाटा परिवार लिखा हुआ दिखाई देगा। इस तरह से टाटा परिवार में जो जो लोग आते हैं वही टाटा संस और उसके (Tata consultancy services owner name) साथ ही टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस के मालिक कहलायेंगे।
टाटा फैमिली के लोग जो हैं टाटा कंसल्टेंसी के मालिक
- रतन टाटा
- पल्लोंजी मिस्त्री
- शपूर मिस्त्री
अब यदि हम टाटा संस में रतन टाटा व मिस्त्री परिवार की हिस्सेदारी की बात करें तो आपको इसके बारे में थोड़ा और ज्यादा क्लियर हो जाएगा। साथ ही आपको यह भी पता चल जाएगा कि आखिरकार क्यों रतन टाटा को ही टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस का मालिक कहा जाता है। दरअसल टाटा संस की शुरुआत रतन टाटा ने ही की थी और शुरुआत में उनकी इसमें हिस्सेदारी 100 प्रतिशत थी।
फिर समय बीतने के साथ उन्होंने इसमें मिस्त्री परिवार का प्रवेश करवाया और टाटा संस की हिस्सेदारी में से 18 प्रतिशत उन्हें बेच दिया। फिर इअमे और निवेश लाने के लिए उन्होंने कंपनी की 16 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक तौर पर शेयर मार्किट में बाँट दी। इस तरह से टाटा संस के तीन हिस्से हो गए जिसमें सभी का शेयर हिस्सा अलग अलग था।
- रतन टाटा के टाटा ट्रस्ट का 66 प्रतिशत हिस्सा
- मिस्त्री परिवार का 18 प्रतिशत हिस्सा
- शेयर बाज़ार में आम लोगों का 16 प्रतिशत हिस्सा
इस तरह से टाटा संस में रतन टाटा की भागीदारी व हिस्सा सबसे अधिक हैं तो टाटा संस के मालिक वही हुए। अब बारत करें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस की तो टाटा संस में उसकी कमाई 70 प्रतिशत है। लेकिन यदि टाटा संस के द्वारा टाटा कंसल्टेंसी में हिस्से की भाग की जाए ती उसका आंकड़ा अलग है। दरअसल कहने का अर्थ यह हुआ कि टाटा संस ने टाटा कंसल्टेंसी (TCS ke adhyaksh kaun hai) जा एक बड़ा हिस्सा अपने पास रखा जबकि बाकि का हिस्सा पब्लिक डोमेन में शेयर मार्किट में उतार दिया।
तो रतन टाटा द्वारा संचालित तारा संस की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस में कुल 72 प्रतिशत की भागीदारी हैं जबकि अन्य का 28 प्रतिशत हिस्सा शेयर मार्किट में लिस्टेड हैं जिसे आप या हम खरीद अकते हैं। इस तरह से यदि कभी भी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस के मालिक की बात आये तो उसमे रतन टाटा का ही नाम आएगा।
इसके अलावा आपको टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस में अहम भूमिका निभाने वाले दो अन्य लोगों के नाम भी जानने चाहिए। यह दोनों लोग टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस में एक तरह से प्रमुख की भूमिका निभाते हैं। वे हैं नटराजन चंद्रशेखरन जो कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस के चेयरमैन (TCS ke chairman kaun hai) हैं और राजेश गोपीनाथन जो टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस के एमडी व सीईओ (TCS ke ceo kaun hai) की भूमिका में हैं।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस कंपनी का इतिहास (TCS history in Hindi)
अब जब आप टाटा कंसल्टेंसी कंपनी के मालिक व देश के बारे में अच्छे से जान गए तो आपको इसके इतिहास के बारे में भी पता होना चाहिए ताकि कोई भी जानकारी अधूरी ना रह जाए। टाटा कंपनी की शुरुआत सन 1968 में हुई थी और इसका मुखालय महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में स्थित है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस का पहले का नाम टाटा कंप्यूटर्स सिस्टम था। उस समय यह टिस्को व यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया को अपनी सेवाएं प्रदान करती थी। सन 1980 में टाटा ने अपना खुद का रिसर्च सेंटर खोला और आगे बढ़ते चली गयी। सन 2004 में टाटा में ज्यादा निवेश लाने के लिए इसे स्टॉक मार्किट में लिस्ट कर दिया गया। इसके बाद से टाटा कंपनी आगे बढ़ते चली गयी और कभी पीछे मुड़कर नही देखा।
फिर धीरे धीरे टाटा ने देश की अन्य गणमान्य कंपनियों को पीछे छोड़ते हुए देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गयी। इसमें प्रथम स्थान पर रिलायंस थी तो दूसरे नंबर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस। इसमें धीरे धेरे देश विदेश से हजारों छोटे व बड़े सॉफ्टवेर प्रोजेक्ट्स के काम आने लगे। इसे देखते हुए टाटा ने कई बड़े कॉलेज व यूनिवर्सिटीज से सॉफ्टवेर व इलेक्ट्रॉनिक्स इंजिनियर की भर्ती की।
टाटा कंपनी से Related FAQs
प्रश्न: टीसीएस कौन सी कंपनी है?
उत्तर: टीसीएस आईटी व कंसल्टिंग डिपार्टमेंट की कंपनी है।
प्रश्न: टीसीएस कंपनी की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर: टीसीएस कंपनी की स्थापना 1 अप्रैल 1968 में हुई थी।
प्रश्न: टीसीएस के संस्थापक कौन हैं?
उत्तर: टीसीएस के संस्थापक रतन टाटा हैं।
प्रश्न: TCS का विस्तार रूप क्या है?
उत्तर: TCS का विस्तार रूप टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस है।
आज के समय में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस देश के सॉफ्टवेर इंजिनियर की भर्ती करने में एक प्रमुख कंपनी के नाम से जानी जाती हैं। इसमें लाखों की संख्या में कर्मचारी काम करते हैं। इसी के साथ टाटा देश की अर्थव्यवस्था में भी एक बहुत बड़ा योगदान देती है।