बैंक से कितना पैसा निकालने पर टीडीएस कटेगा? | TDS on cash withdrawal in Hindi

|| बैंक से कितना पैसा निकालने पर TDS कटेगा? | TDS on cash withdrawal in Hindi | TDS rate chart in Hindi | अलग अलग बैंक से पैसा निकालने पर भी टीडीएस कटेगा? | TDS kitna katta hai | अलग अलग समय पर पैसा निकालने पर TDS कितना कटेगा? ||

TDS on cash withdrawal in Hindi, हमें कई तरह से टैक्स को चुकाना होता है जिसमें ना केवल वस्तु व सेवा कर शामिल है जिसे हम GST भी कहते हैं बल्कि इनकम टैक्स, TDS इत्यादि कई तरह के टैक्स होते हैं, जो हमें चुकाने होते हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति सालाना 5 लाख से अधिक कमाता है तो कंपनी उसका TDS काट सकती है। वहीं यदि हमें बैंक में जमा राशि पर 40 हज़ार से अधिक ब्याज मिल रहा होता है तो उस पर भी TDS को काटा जा सकता (TDS rate chart in Hindi) है।

किन्तु क्या आपने यह भी सुना है कि यदि आप अपने बैंक में जमा राशि को एक निश्चित अनुपात के बाद निकालते हैं तो बैंक के द्वारा भी आपका TDS काट लिया जाता है। ऐसे में आपका यह जानना जरुरी हो जाता है कि बैंक से कितना पैसा निकालने पर TDS कटता है और उस TDS की मात्रा क्या (TDS kaun katata hai) होगी। ऐसे में आज के इस लेख में हम आपके साथ इसी विषय के ऊपर ही बातचीत करने वाले हैं। आइये जाने बैंक से पैसा निकालने पर कटने वाला TDS।

बैंक से कितना पैसा निकालने पर TDS कटेगा? (TDS on cash withdrawal in Hindi)

अब हमारा बैंक में खाता होता ही है और आज के समय में हमारा एक बैंक में नहीं बल्कि कई तरह के बैंक में खाता होता है। उन सभी बैंक में हम अलग अलग राशि जमा करवाते हैं और उनका उपयोग भी अलग अलग तरीकों से ही किया जाता है। ऐसे में यदि आपका पैसा भी बैंक में जमा है तो आपका यह जानना बहुत ही जरुरी हो जाता है कि बैंक से कितना पिसा निकालने पर या विड्रॉ करने पर आपका कितना तक पैसा लग जाएगा या आपके उस पैसे पर कितना प्रतिशत TDS काट लिया (TDS kitna katta hai) जाएगा।

बैंक से कितना पैसा निकालने पर टीडीएस कटेगा TDS on cash withdrawal in Hindi

तो इसके लिए भारत सरकार ने दो तरह के नियम बना रखे हैं। एक है वे लोग जो अपना ITR भरते हैं। जो लोग ITR भरते हैं, उनका TDS कम कटता है जबकि जो ITR नहीं भरते हैं, उनका TDS ज्यादा कटता है। अब आप सोच रहे होंगे कि यदि आपको TDS भरने की जरुरत ही नहीं है या आपका टैक्स बनता ही नहीं है तो इसे भरने की क्या (TDS kitna kata jata hai) जरुरत। 

ऐसे में आपका चाहे टैक्स बने या ना बने लेकिन आपको TDS हमेशा भरना चाहिए क्योंकि यदि आपकी आय हो रही है और उसका कोई स्रोत है तो उसकी जानकारी आपको सरकार को देनी चाहिए, फिर चाहे आपका टैक्स बन रहा हो या नहीं। ऐसे में आइये जाने बैंक से पैसा निकालने पर किस व्यक्ति का कितना TDS कट सकता है।

यदि पिछले 3 वर्ष में ITR भरा है तो

अब यदि आपने पिछले 3 वर्ष में एक बार भी ITR को भरा है तो बैंक से एक करोड़ तक राशि निकालने में आपका कुछ भी TDS नहीं कटेगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप अपने बैंक से एक करोड़ तक की राशि को बिना TDS कटवाए निकाल सकते हैं। किन्तु यदि आप एक करोड़ से ऊपर की राशि को निकालते हैं तो फिर आपका 2 प्रतिशत की दर से TDS को काटा जाएगा। किन्तु यह पूर्ण राशि पर नहीं बल्कि एक करोड़ से ऊपर निकाली गयी राशि पर लगता है। यदि आप नहीं समझे तो हम इसे उदाहरण से समझा देते हैं।

यदि आप अपने बैंक से एक करोड़ 20 लाख रुपये की राशि को निकालने जा रहे हैं तो शुरूआती एक करोड़ पर तो किसी तरह का TDS नहीं लिया जाएगा। लेकिन एक करोड़ के बाद आप जो भी राशि निकाल रहे हैं जैसे कि वो अभी 20 लाख है तो उस पर 2 प्रतिशत की दर से TDS लिया जाएगा। ऐसे में 20 लाख का 2 प्रतिशत 40 हज़ार हो जाता है। तो पहले बैंक आपसे 40 हज़ार रुपये ले लेगा और उसके बाद आपको वह 20 लाख की अतिरिक्त राशि निकाल कर दे देगा।

अब चाहे आप एक करोड़ से कितनी भी अधिक राशि अपने बैंक से निकालें उस पर 2 प्रतिशत की दर से ही TDS की कटौती की जाएगी। फिर चाहे आप 20 हज़ार निकालते हैं या फिर 20 करोड़। हालाँकि जिन्होंने ITR नहीं भरा है उनसे ज्यादा राशि ली जाती है। आइये इसके बारे में भी जान लेते हैं।

यदि ITR नहीं भरा है तो

अब यदि आपने पिछले 3 वर्ष में एक बार भी ITR नहीं भरा है या फिर कभी ITR भरा ही नहीं है तो आपको केवल 20 लाख रुपये तक की राशि ही अपने बैंक से बिना TDS कटवाए निकालने की अनुमति मिलेगी। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप बिना कोई पैसा दिए 20 लाख तक की राशि को बैंक से निकाल सकते हैं। यदि आपको 20 लाख से अधिक पैसा बैंक से निकालना है तो फिर आपको 2 प्रतिशत की दर से TDS कटवाना होगा।

ऐसे में यदि आप 30 लाख बैंक से निकाल रहे हैं तो 20 लाख के ऊपर निकाली गयी 10 लाख की राशि पर 2 प्रतिशत की दर से TDS को काटा जाएगा। इसमें आपको 20 हज़ार रुपये की अतिरिक्त राशि को बैंक में चुकाना होगा। वहीं यदि आप एक करोड़ से अधिक की राशि को अपने बैंक से निकालना चाहते हैं तो फिर आपको TDS के रूप में 5 प्रतिशत की राशि का भुगतान करना होगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि इसमें ITR नहीं भरने वालों के लिए TDS काटने के तीन स्लैब या चरण रखे गए हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • 20 लाख तक की राशि पर शून्य TDS
  • 20 लाख से ज्यादा लेकिन एक करोड़ तक की राशि पर 2 प्रतिशत का TDS
  • एक करोड़ से अधिक की राशि पर 5 प्रतिशत का TDS

इस तरह से यदि आप ऊपर की तरह ही बैंक से एक करोड़ 20 लाख की राशि निकालने जा रहे हैं तो आपको TDS के तौर पर ज्यादा राशि का भुगतान करना होगा। आइये इसे चरणबद्ध तरीके से समझ लेते हैं। इस 1 करोड़ 20 लाख की राशि को हम तीन भागों में विभाजित कर लेते हैं, जो है शुरूआती 20 लाख, फिर बाद के 80 लाख और फिर बचे हुए अंत के 20 लाख।

  • अब 1 करोड़ 20 लाख में से शुरू के 20 लाख पर आपको कुछ भी पैसा TDS के रूप में नहीं देना होगा।
  • इसके बाद के रुपयों पर एक करोड़ तक की राशि पर 2 प्रतिशत का TDS काटा जाएगा, जो कि 80 लाख की राशि है। ऐसे में 80 लाख का 2 प्रतिशत 1,60,000 अर्थात एक लाख 60 हज़ार होता है।
  • अब एक करोड़ से ऊपर की बची हुई राशि 20 लाख है जिस पर आपसे 5 प्रतिशत की दर से TDS लिया जाएगा। ऐसे में उस 20 लाख पर आपको एक लाख का TDS देना होगा।

तो इस तरह से आपको कुल 0 + 160000 + 100000 = 2,60,000 रुपयों (दो लाख 60 हज़ार रुपये) का भुगतान TDS के तौर पर करना होगा। इसी से आप समझ जाइये कि यदि आप अपनी ITR समय पर भरते हैं तो आपको उतनी ही राशि पर केवल 40 हज़ार का TDS देना होगा लेकिन यदि नहीं भरते हैं तो आपको 2 लाख 60 हज़ार का भुगतान करना होगा।

TDS कौन लेता है? (TDS kaun katta hai)

अब आप सोच रहे हैं कि बैंक के द्वारा आपका जो यह भारी भरकम TDS काटा जा रहा है, वह बैंक की झोली में जाता है तो आप गलत हैं क्योंकि इसमें बैंक का कुछ भी लेना देना नहीं होता है। आपके द्वारा बैंक से पैसा निकाने जाने पर जितना भी TDS काटा जा रहा है, वह पूरा का पूरा पैसा भारत सरकार के पास जा रहा होता है। ऐसे में आप चाहे सरकारी बैंक से पैसा निकलवाएं या निजी बैंक से या अन्य किसी बैंक से, आपका TDS का पैसा बैंक का नहीं बल्कि भारत सरकार का ही होता है।

तो ऊपर आपके एक करोड़ 20 लाख निकालने पर जो भी TDS के रूप में पैसा काटा गया है, वह सारा का सारा केंद्र सरकार के पास गया है। उस में उस बैंक का या राज्य सरकार का कोई पैसा नहीं होता है। बैंक पूरा का पूरा पैसा सरकार के खाते में जमा करवा देता है।

TDS किस किस का कट सकता है? (TDS kiska kata jata hai)

अब आप सोच रहे हैं कि आप तो एक कंपनी हैं और आप यदि बैंक से ज्यादा पैसा निकालने जाएंगे तो फिर आपका TDS नहीं काटा जाएगा तो आप गलत हैं। दरअसल चाहे कोई व्यक्ति खुद बैंक से पैसा निकाल रहा हो या कोई कंपनी या संस्था, यह नियम सभी पर एक समान रूप से लागू होता है। इस तरह के नियम के तहत एक तरह से भारत सरकार ऑनलाइन भुगतान को भी बढ़ावा दे रही है ताकि कैश में ज्यादा काम ना होकर डिजिटल रूप से काम हो।

क्या पोस्ट ऑफिस में भी TDS कटता है? (Post office me TDS kitna katta hai)

बहुत से लोगों का खाता बैंक की बजाये डाक घर अर्थात पोस्ट ऑफिस में भी होता है। ऐसे में उनका यह प्रश्न होता है कि क्या पोस्ट ऑफिस से पैसा निकालने पर भी TDS काटा जाता है या नहीं। तो यहाँ हम आपको पहले ही स्पष्ट कर दें कि चाहे आप भारत देश के किसी भी तरह के बैंक से पैसा निकाल लें या फिर किसी भी पोस्ट ऑफिस से, उन सभी पर TDS का यह नियम एक समान रूप से लागू होता है। तो आपको एक निश्चित अनुपात के बाद पैसा निकालने में TDS का भुगतान करना ही होगा।

क्या अलग अलग बैंक से पैसा निकालने पर भी TDS कटता है?

अब आपका अगला प्रश्न यह होगा कि आपको तो एक बैंक से 50 लाख निकलवाने हैं और फिर दूसरे बैंक से 60 लाख निकलवाने हैं। आपने ITR तो भरा हुआ है लेकिन इसके बाद भी क्या आपको कुल राशि के एक करोड़ 10 लाख पहुँच जाने पर 2 प्रतिशत की दर से TDS कटवाना होगा। तो यहाँ हम आपको बता दें कि यदि आप दो अलग अलग बैंकों से TDS काटने के प्रतिशत की सीमा से कम पैसा निकाल रहे हैं तो फिर आपका TDS नहीं काटा जाएगा।

यदि आप एक ही बैंक से TDS कटने की सीमा से अधिक पैसा निकाल रहे हैं तो ही आपका TDS काटा जाएगा। इस कारण बहुत  से लोग एक से अधिक बैंक खाते भी खुलवाते हैं ताकि वे अपना पैसा एक ही बैंक में रखने की बजाये उसे अलग अलग बैंकों में रखें। इससे वे अपना TDS कटने से बचा सकते हैं।

अलग अलग समय पर पैसा निकालने पर TDS कितना कटेगा?

अब कुछ चालाक लोग यह भी सोच रहे हैं कि यदि वह एक करोड़ से अधिक की राशि एक बारी में ना निकाल कर उसे अलग अलग निकाल लें तो क्या फिर भी उन्हें TDS भरना होगा। तो यहाँ भारत सरकार ने अलग अलग बैंक के आधार पर तो इसकी छूट दी हुई है लेकिन यदि आप एक ही बैंक से अलग अलग समय पर पैसा निकाल रहे हैं तो आपका TDS काटा जाएगा। अब आप चाहे बैंक की शाखा बदल सकते हैं लेकिन बैंक वही है तो फिर तो आपका TDS काटा जाएगा।

इसके लिए एक वित्तीय वर्ष को आधार बनाया जाता है। ऐसे में यदि आप एक वित्त वर्ष में अपने बैंक से अलग अलग समय पर एक करोड़ से अधिक की राशि निकाल लेते हैं तो एक्स्ट्रा राशि पर TDS का भुगतान करना ही होगा। किन्तु यदि आप अगले वित्त वर्ष में बची हुई राशि को निकालते हैं तो फिर आप नए वित्त वर्ष के शून्य राशि में प्रवेश कर जाते हैं और इसकी गणना फिर से की जाती है।

बैंक से कितना पैसा निकालने पर TDS कटेगा – Related FAQs

प्रश्न: टीडीएस लिमिट क्या है?

उत्तर: टीडीएस लिमिट के बारे में हमने ऊपर के लेख में विस्तार से बताया है जो आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: TDS कौन काट सकता है?

उत्तर: आपके द्वारा बैंक से पैसा निकाने जाने पर जितना भी TDS काटा जा रहा है, वह पूरा का पूरा पैसा भारत सरकार के पास जा रहा होता है।

प्रश्न: क्या पोस्ट ऑफिस में भी टीडीएस कटता है?

उत्तर: आप भारत देश के किसी भी तरह के बैंक से पैसा निकाल लें या फिर किसी भी पोस्ट ऑफिस से, उन सभी पर TDS का यह नियम एक समान रूप से लागू होता है।

प्रश्न: अलग अलग बैंक से पैसा निकालने पर भी टीडीएस कटेगा?

उत्तर: यदि आप दो अलग अलग बैंकों से TDS काटने के प्रतिशत की सीमा से कम पैसा निकाल रहे हैं तो फिर आपका TDS नहीं काटा जाएगा।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि बैंक से कितना पैसा निकालने पर TDS कटता है। साथ ही आपने जाना कि TDS कौन लेता है TDS किस का कट सकता है क्या पोस्ट ऑफिस में भी TDS कटता है इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। यदि कोई शंका आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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