टेक्निकल मैनेजर कैसे बने? | योग्यता, कोर्स, रिज्यूम व सैलरी | Technical manager kaise bane

Technical manager kaise bane :- हम ऑनलाइन जो भी कुछ करते हैं या देखते हैं तो उसके पीछे एक लंबी चौड़ी टीम होती है जिसे हम सभी टेक्निकल टीम या तकनीक टीम के नाम से जानते हैं। अब उसमें जो कंटेंट दिया जा रहा है या जो सेवा दी जा रही है या जो हमें दिख रहा है वह तो कंटेंट टीम का काम होता है लेकिन पर्दे के पीछे जो भी फंक्शन काम कर रहे होते हैं, उसे टेक्निकल टीम ही देखती है। इसलिए हम चारों ओर से टेक्निकल चीज़ों से ही घिरे हुए हैं और आज के समय में जमाना भी इसी का ही (Technical manager in Hindi) है।

अब जिस भी कंपनी में टेक्निकल से जुड़ा काम होता है तो वहां पर टेक्निकल में डिग्री लिए हुए लोगों को रखने की आवश्यकता होती है। जो कंपनी जितनी बड़ी होती है, वहां की टेक्निकल टीम भी उतनी ही बड़ी होती है। ऐसे में उस टीम को मैनेज करने के लिए एक मैनेजर की जरुरत होती है जिसे हम सभी टेक्निकल मैनेजर के नाम से जानते हैं। आज के समय में टेक्निकल टीम या मैनेजर के रूप में काम करने वाले लोगों को बहुत पैसा मिल रहा (Technical manager courses in Hindi) है।

ऐसे में यदि आप भी टेक्निकल मैनेजर के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं या इस पद पर काम करने को इच्छुक हैं तो आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख बहुत ही ध्यान से पढ़ना चाहिए। आज के इस लेख को पढ़कर आपको टेक्निकल मैनेजर के बारे में और इसके बनने के ऊपर पूरी जानकारी मिल जाएगी। आइये जाने टेक्निकल मैनेजर बनने के लिए क्या कुछ करना पड़ता (Technical manager eligibility criteria in Hindi) है।

टेक्निकल मैनेजर कैसे बने? (Technical manager kaise bane)

टेक्निकल मैनेजर बनना कोई आसान काम नहीं होता है और ना ही यह कुछ वर्षों में संभव हो सकता है। इसके लिए आपको वर्षों वर्ष तक कठिन परिश्रम करना होता है और तब जाकर आप टेक्निकल मैनेजर के पद पर नौकरी कर पाने में सक्षम होते हैं। इसके लिए आप पहले तो यह जान लें कि टेक्निकल मैनेजर होता कौन है या फिर उसका क्या काम होता है। तो टेक्निकल मैनेजर वह व्यक्ति होता है जो अपनी कंपनी की टेक्निकल टीम को लीड कर रहा होता है या उन्हें सब तरह के इंस्ट्रक्शन दे रहा होता (Technical manager kaise bane in Hindi) है।

Technical manager kaise bane

अब उस टीम में उस कंपनी के डेवलपर, मेंटेनेंस करने वाले, कोडिंग करने वाले इत्यादि सभी आते हैं। एक तरह से टेक्निकल मैनेजर को भी इन सभी की जानकारी होती है लेकिन अब वह लीड करने का काम कर रहा होता है। इसीलिए यह एक बहुत ही बड़े दायित्व वाला पद होता है जो सीधे तौर पर उस कंपनी को प्रभावित करता है जहाँ आप काम कर रहे हैं। ऐसे में टेक्निकल मैनेजर बनने के लिए आपको जो कुछ करना होगा, उसके बारे में आइये शुरू से जान लेते (Technical manager roles and responsibilities in Hindi) हैं।

बारहवीं को नॉन मेडिकल से करें

टेक्निकल मैनेजर बनने के लिए सबसे पहले तो आपको अपनी बारहवीं कक्षा की पढ़ाई को नॉन मेडिकल में करना होगा। इसके लिए आपकी तैयारी दसवीं कक्षा के बाद से ही शुरू हो जाएगी क्योंकि 11 वीं कक्षा में स्ट्रीम चुनने को कहा जाता है। ऐसे में उस समय आपको नॉन मेडिकल को अपनी स्ट्रीम के तौर पर चुनना होगा। अब यदि आपको नॉन मेडिकल में पढ़ाई करनी है तो उसके लिए दसवीं कक्षा में आपके अंक अच्छे आने चाहिए अन्यथा आपको जल्दी से अच्छे स्कूल में नॉन मेडिकल में प्रवेश नहीं (Technical manager banne ke liye kya kare) मिलेगा।

इसलिए दसवीं कक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक लेकर आएं और उसके बाद 11 वीं में स्ट्रीम के तौर पर नॉन मेडिकल का चुनाव करें। अब आपको अपनी 11 वीं और 12 वीं कक्षा की पढ़ाई को बहुत ही अच्छे से करना होगा और खासतौर पर बारहवीं में अच्छे प्रतिशत लेकर आने होंगे। यदि आपके प्रतिशत 60 से अधिक है तो यह अच्छी बात कही जाएगी।

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की डिग्री लें

अब यदि आपने अपनी बारहवीं कक्षा की पढ़ाई को नॉन मेडिकल में अच्छे अंकों व प्रतिशत के साथ पास कर लिया है तो बारी आती है टेक्निकल मैनेजर बनने के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का कोर्स किये जाने की। इसके लिए देशभर में हजारों कॉलेज व यूनिवर्सिटी खुली हुई है लेकिन मायने यह रखता है कि आप किस कॉलेज से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का कोर्स करने जा रहे हैं। अब यदि आप अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेते हैं तो आप जल्दी टेक्निकल मैनेजर बन जाएंगे अन्यथा इसमें समय (Technical manager banne ke liye kya karna padta hai) लगेगा।

इसके लिए आपको देश भर में आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठना होगा ताकि आपको एक अच्छा कॉलेज मिल जाए। देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज IIT, NIT इत्यादि हैं जहाँ आप एडमिशन ले सकते हैं। इनके अलावा भी कई प्राइवेट कॉलेज हैं जो सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में अच्छी पढ़ाई करवाते हैं। आप चाहें तो सॉफ्टवेयर में बीएससी कर सकते हैं या इससे संबंधित कोई अन्य पढ़ाई भी की जा सकती है।

टेक्निकल मैनेजर का कोर्स करें

यह जरुरी नहीं है कि आपका अच्छे कॉलेज में एडमिशन हो गया तो आपको टेक्निकल मैनेजर बनने में कोई परेशानी नहीं होगी और यह भी सच नहीं है कि यदि आपका किसी मध्यम स्तर के इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश हुआ तो आप टेक्निकल मैनेजर नहीं बन पाएंगे या इसमें बहुत दुविधाएं आएँगी। आप सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के साथ साथ अलग से टेक्निकल मैनेजर का कोर्स कर सकते हैं और यह आपको जल्द से जल्द टेक्निकल मैनेजर बनने में बहुत सहायता करने वाला है।

इसलिए आपके शहर में या कॉलेज के आसपास जो भी टेक्निकल मैनेजर के लिए अच्छा कोर्स करवाता हो या फिर आपको ऑनलाइन ही इसके विकल्प मिल रहे हैं तो आप बिना देर किये यह कोर्स कर डालें। यदि आप अच्छी जगह से भी टेक्निकल मैनेजर का कोर्स कर लेते हैं तो यह आपके सफल करियर में चार चाँद लगा देगा। हालाँकि यह इस पर भी निर्भर करता है कि आप उस कोर्स में क्या कुछ सीखते हैं और किस तरह का प्रदर्शन करते हैं।

अच्छा रिज्यूमे तैयार करें

जैसे ही आपकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी हो जाए या आप टेक्निकल मैनेजर का कोर्स पूरा कर लें तो उसी के साथ साथ आपको अपना रिज्यूमे तैयार कर लेना चाहिए। अब यह रिज्यूमे ही आपका आंकलन करने के काम आएगा क्योंकि आप जिस भी कंपनी या किसी अन्य जगह पर टेक्निकल काम करने के लिए अप्लाई करेंगे तो वहां सबसे पहले आपका रिज्यूमे ही माँगा जाएगा। इसलिए रिज्यूमे का प्रभावी होना बहुत ही जरुरी हो जाता है।

ध्यान रखें कि रिज्यूमे में ना तो ज्यादा जानकारी दी हुई होनी चाहिए और ना ही कम। इसके लिए आप अपने टीचर या सीनियर की मदद ले सकते हैं और उनकी सहायता से एक प्रभावी रिज्यूमे बना सकते हैं। रिज्यूमे में आपकी पढ़ाई के साथ साथ आपकी हॉबी, अवॉर्ड, अन्य काम इत्यादि लिखे हुए होने चाहिए। साथ ही आप किस तरह से काम करते हैं और चीज़ों को किस तरह से समझ पाते हैं, इसके बारे में भी लिखा हुआ होना चाहिए।

मास्टर डिग्री करें

बहुत लोग जो जल्दी टेक्निकल मैनेजर बनना चाहते हैं वे बैचलर डिग्री के साथ साथ पोस्ट ग्रेजुएशन करना भी पसंद करते हैं। हालाँकि मास्टर डिग्री या पोस्ट ग्रेजुएशन करने के सभी के अपने अपने कारण हो सकते हैं जैसे कि किसी का बैचलर डिग्री का कॉलेज अच्छा नहीं था या कोई जल्दी टेक्निकल मैनेजर बनना चाहता है या किसी को मास्टर डिग्री करने के लिए टॉप लेवल का कॉलेज मिल गया हो इत्यादि।

ऐसे में यह आप पर निर्भर करेगा कि आप स्नातक के बाद ही टेक्निकल टीम में काम करने को इच्छुक हैं या फिर उसके लिए मास्टर डिग्री करना चाहते हैं। यदि आप मास्टर डिग्री करना ही चाहते हैं तो इसके लिए आप अपनी ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष से ही तैयारी करना शुरू कर देंगे तो बेहतर रहेगा। ऐसा करने से आपको मास्टर्स करने के लिए किसी अच्छे और टॉप लेवल के कॉलेज में एडमिशन मिल सकता है। वहां पढ़ने पर आपको जल्द से जल्द टेक्निकल मैनेजर के पद पर प्रमोट कर दिया जाएगा।

इंटर्नशिप या पार्ट टाइम वर्क करें

आप अपनी ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ इंटर्नशिप भी अवश्य करें। अब यह इंटर्नशिप करने के अवसर कई तरह की कंपनियां देती है जो बड़ी या छोटी कोई भी हो सकती है। हालाँकि आप यह देखें कि आप किस तरह की कंपनी में जाकर क्या कुछ सीख सकते हैं या वहां पढ़ाई गयी चीजें आपके लिए काम आने वाली है या नहीं। इसके लिए आप अपने कॉलेज से भी बातचीत कर सकते हैं और उनसे परामर्श ले सकते हैं।

किसी किसी को इंटर्नशिप जल्दी मिल जाती है और वो भी अच्छी जगह पर तो कोई बस खानापूर्ति ही करता है। तो यदि आपको टेक्निकल मैनेजर बनना है तो आपको अच्छी कंपनी में इंटर्नशिप करनी होगी और वहां से सबकुछ सीखना होगा। यदि आप भी बाकियों की तरह बस खानापूर्ति के लिए इंटर्नशिप करते हैं तो आपका टेक्निकल मैनेजर बनना बहुत मुश्किल हो जाएगा। वहीं यदि आप अच्छे से सीखते हैं तो आप जल्द से जल्द टेक्निकल मैनेजर बन जाएंगे।

आईटी कंपनियों में आवेदन करें

अब जब आपकी ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और इंटर्नशिप इत्यादि सब कुछ हो गया है तो बारी आती है कंपनी में टेक्निकल टीम के तौर पर नौकरी लिए जाने की। आज के समय में लगभग हर कंपनी में टेक्निकल स्टाफ की जरुरत होती है और सभी में समय समय पर भर्तियाँ निकलती रहती है। इसके लिए जगह जगह पर जॉब फेयर भी आयिजित किये जाते हैं तो वहीं रेफेरेंस के माध्यम से भी नौकरी मिलती है।

ऐसे में आपके पास अपने सीनियर या मित्रों में से किसी का रेफेरेंस है तो यह आपके बहुत काम आने वाला है। वह इसलिए क्योंकि ज्यादातर कंपनियों के द्वारा अधिकतर कर्मचारियों को रेफेरेंस के तौर पर ही रखा जाता है। अब यदि आपको अच्छी कंपनी में टेक्निकल टीम के तौर पर नौकरी मिल जाती है तो पहले तो आपको बहुत बहुत बधाई। अब इसके बाद आपको जो करना है वह हम आपको नीचे बताएँगे।

टेक्निकल टीम के साथ काम करें

कंपनी में टेक्निकल स्टाफ के रूप में सेलेक्ट होने के बाद आपको एक टीम के साथ काम करने को कहा जाएगा। उस टीम में कोई डेवलपर होगा तो कोई टेस्टर तो कोई कुछ। हालाँकि सभी का काम टेक्निकल का ही होगा और उसी के साथ ही उस टीम को लीड कर रहा एक टेक्निकल मैनेजर भी होगा। आपको भी पूरे मन के साथ उस टीम के साथ काम करना है और अपने टेक्निकल मैनेजर की हरेक बात को ध्यान से सुनना है।

यदि आप अपनी टीम के टेक्निकल मैनेजर की बात को ध्यान से सुनकर उनका काम जल्द से जल्द और प्रभावी रूप में करके देते हैं तो अवश्य ही वे आपसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाएंगे। उनके द्वारा आपको ज्यादा काम दिया जा सकता है लेकिन इसी के साथ ही आप भी टेक्निकल मैनेजर के पद पर आगे बढ़ पाएंगे। टेक्निकल मैनेजर का पद ऐसे ही नहीं मिल जाता है बल्कि इसके लिए बहुत ज्यादा मेहनत किये जाने की जरुरत होती है जो आपको करनी ही होगी।

वर्क एक्सपीरियंस को बढ़ाएं

टेक्निकल टीम के साथ काम करना तो सही है लेकिन आप यह मत सोचिये कि यदि आपको उस कंपनी में काम करते हुए एक या दो वर्ष हो गए हैं तो आपको प्रमोट करके टेक्निकल मैनेजर बना दिया जाएगा। अभी तो आपको बहुत मेहनत करनी है और शायद अपनी कंपनियां भी बदलनी पड़े। कहने का अर्थ यह हुआ कि यह जरुरी नहीं है कि आप एक ही कंपनी में रहकर टेक्निकल मैनेजर बनने के सपने देखें। जरुरत पड़े तो आप अपनी कंपनी बदलने से मत हिचकिचाएं।

इसके लिए आप अपने चारों ओर नज़र बनाये रखें और जहाँ भी अच्छा मौका मिले, उसे हथिया लें। लोगों के द्वारा ना जाने कितनी कंपनियां बदली जाती है और अच्छा खासा अनुभव लिया जाता है। तब जाकर वे टेक्निकल मैनेजर बन पाते हैं। इसी के साथ ही आप उसी कंपनी में रहकर भी टेक्निकल मैनेजर बन सकते हैं लेकिन वह कंपनी अच्छी होनी चाहिए और कौशल का सम्मान करती हुई होनी चाहिए।

प्रोमोशन पाकर टेक्निकल मैनेजर बने

किसी किसी व्यक्ति को 3 वर्ष के अंदर ही टेक्निकल मैनेजर बना दिया जाता है तो किसी को टेक्निकल मैनेजर बनने में 10 वर्ष से भी अधिक का समय लग जाता है। अब यह तो आप पर निर्भर करता है कि आपने अपनी ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किस कॉलेज से की है, उसके बाद काम का अनुभव कैसा है, किस कंपनी में काम किया है, किस तरह से काम करके दिया है, आपकी स्किल्स क्या कुछ है इत्यादि।

यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि आपका टेक्निकल टीम के साथ काम करने के आधार पर ही यह देखा जाएगा कि आपको टेक्निकल मैनेजर कितने समय के बाद बनाया जाता है। इसके लिए आपका केवल अपने काम में ही अच्छा होना पर्याप्त नहीं होता है बल्कि आप लोगों के साथ कैसे बात करते हैं, सिचुएशन को किस तरीके से हैंडल करते हैं, इत्यादि भी देखा जाता है। इसके बाद ही आपको टेक्निकल मैनेजर बनाया जाता है।

टेक्निकल मैनेजर कैसे बने – Related FAQs 

प्रश्न: टेक्निकल मैनेजर बनने के लिए क्या योग्यताएं चाहिए?

उत्तर: टेक्निकल मैनेजर बनने के लिए जो जो योग्यताएं आपके अंदर होनी आवश्यक है उसके बारे में हमने ऊपर के लेख में विस्तार से जानकारी दी है।

प्रश्न: टेक्निकल मैनेजर का क्या काम होता है?

उत्तर: टेक्निकल मैनेजर टेक्निकल टीम को लीड कर रहा होता है या उन्हें सब तरह के इंस्ट्रक्शन दे रहा होता है।

प्रश्न: तकनीकी प्रबंधक का कौशल क्या है?

उत्तर: तकनीकी प्रबंधक के कौशल में आप लोगों के साथ कैसे बात करते हैं, सिचुएशन को किस तरीके से हैंडल करते हैं, इत्यादि देखा जाता है।

प्रश्न: टेक्निकल मैनेजर को हिंदी में क्या कहते हैं?

उत्तर: टेक्निकल मैनेजर को हिंदी में तकनीकी प्रबंधक कहा जाता है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने टेक्निकल मैनेजर बनने के ऊपर पूरी जानकारी हासिल कर ली है। हमने आपको चरण दर चरण तरीके से टेक्निकल मैनेजर बनने की जानकारी दी है। आशा है कि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। यदि ऐसा है तो आप हमें नीचे कॉमेंट करके बता सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
[fluentform id="3"]

Leave a Comment