तहसीलदार कैसे बने? | शैक्षिक योग्यता, आयु सीमा, कार्य व वेतन | Tehsildar kaise bane

|| तहसीलदार कैसे बने? | Tehsildar kaise bane | Tehsildar kaise bane puri jankari in Hindi | Tehsildar kaise bante hai | Tehsildar kaun hota hai | Tehsildar age limit in Hindi ||

Tahsildar kaise bane, भारत सरकार व राज्य सरकार के द्वारा अधिकारियों के कई पद निर्धारित किये गए हैं जिनका काम अलग अलग होता है। अब किसी जिले या राज्य में उच्च अधिकारी केंद्र के द्वारा लगाए जाते हैं जिन्हें हम आईएस कह देते हैं तो उसके बाद के अधिकारी राज्य सरकार के द्वारा लगाए जाते हैं जो उस राज्य व देश के अधिकारी होते (Tehsildar kaise bane in Hindi) हैं। इनका काम केंद्र सरकार के अधिकारियों के नीचे रह कर अपने अधिकार क्षेत्र का काम करना होता है।

तो किसी भी जिले, शहर या तहसील में तहसीलदार की भूमिका बहुत ही अहम होती है। उसके आसपास के सभी गाँवों व शहरों के पटवारी भी उसी के अंतर्गत ही आते हैं। एक तहसीलदार का मुख्य काम अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली भूमि की देखभाल करना होता (Tehsildar kaise bane puri jankari in Hindi) है। इस पर भारत सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है और राज्य सरकार ही उनकी नियुक्ति करती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि किसी भी तहसीलदार को चुनने का काम राज्य सरकार के ही अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

ऐसे में यदि आप भी तहसीलदार बनने को इच्छुक हैं और इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो आज हम आपके साथ इसी विषय पर ही चर्चा करने वाले (Tehsildar kaise bante hai) हैं। आज के इस लेख को पढ़ कर आपको यह भलीभांति आईडिया हो जाएगा कि तहसीलदार बनने के लिए क्या कुछ करना होता है और किन किन परीक्षाओं से होकर गुजरना होता है। आइए जाने तहसीलदार कैसे बने और इसकी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से।

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तहसीलदार कौन होता है? (Tehsildar kaun hota hai)

तहसीलदार बनने से पहले आपका यह जानना जरुरी है कि यह तहसीलदार होता कौन है। तो भारत में जितने भी राज्य हैं, उनमें कई जिले होते हैं। अब हर जिले के अंदर कई कस्बे, शहर, गाँव इत्यादि होते हैं जिनमे से एक शहर मुख्य शहर होता है और उसी पर ही उस जिले का नाम रखा जाता (Tehsildar kon hota hai) है। किंतु उसमे उस शहर के अलावा भी कई कस्बे, तहसील, गाँव इत्यादि होते हैं। ऐसे में उस राज्य सरकार के द्वारा हर जिले में शहर और कस्बों को देखते हुए तहसील का निर्धारण किया जाता है।

तहसीलदार कैसे बने शैक्षिक योग्यता आयु सीमा कार्य व वेतन Tehsildar kaise bane

इसके लिए उस तहसील में एक तहसील कार्यालय भी बनाया जाता है जिसमे कई पटवारी बैठते हैं। उन पटवारियों का काम अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली भूमि का संचालन, नियंत्रण, पंजीकरण, हस्तांतरण इत्यादि कार्यवाही करना (Tehsildar ke bare mein jankari) होता है। उदाहरण के तौर पर यदि आपको अपनी भूमि किसी अन्य व्यक्ति के नाम करनी है तो आपको उसके कागजात लेकर तहसील कार्यालय ही जाना होगा। तो वहां पर वह पटवारी ही आपकी फाइल को देखेगा और उसे आगे पहुंचाएगा।

ऐसे में उस तहसील का एक मुख्य कार्यकारी अधिकरी होता है जिसे वहां की राज्य सरकार उस तहसील का प्रधान बनाकर वहां भेजती है। उस व्यक्ति पर ही वहां की तहसील का पूरा प्रभार होता है अर्थात वहां का बॉस वही होता है। तो उसे ही हम तहसीलदार के नाम से जानते हैं। इस हिसाब से आपको यह पता चल गया होगा कि तहसीलदार की पोस्ट कितनी बड़ी और सम्मानजनक होती है।

तहसीलदार बनने के लिए आयु सीमा (Tehsildar banne ke liye age limit)

अब यदि आप तहसीलदार बनने के लिए आवेदन करने जा रहे हैं तो इसके लिए आपकी न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित की गयी है। वहीं यदि आपको तहसीलदार बनने की अधिकतम आयु जाननी है तो वह 40 वर्ष है। तो यदि आपकी आयु 21 से 40 वर्ष के बीच में हैं तो आप तहसीलदार बनने के लिए अपना आवेदन दे सकते (Tehsildar age limit in Hindi) हैं। हालाँकि आरक्षित वर्ग के छात्रों को अधिकतम आयु सीमा में छूट दी गयी है जो हर राज्य के अनुसार भिन्न भिन्न होती है।

तहसीलदार बनने के लिए पात्रता मापदंड (Tehsildar eligibility in Hindi)

तहसीलदार बनने के लिए हर राज्य के अनुसार अलग अलग पात्रता मापदंड बनाए गये हैं जिनके अनुसार परीक्षार्थियों को तहसीलदार की परीक्षा में बैठने का मौका मिलता (Tehsildar banne ke liye rules) है। तो आप जिस भी राज्य से संबंध रखते हैं और वहां तहसीलदार बनना चाहते हैं तो आपको वहां के पात्रता मापदंड के बारे में अच्छे से पढ़ लेना चाहिए। इन्हें पढ़ कर ही तो आप आगे की तैयारी कर पाएंगे। तो आइए जाने तहसीलदार बनने के लिए आपके अंदर क्या क्या योग्यता या पात्रता होनी जरुरी है।

  • सबसे पहले तो आपको ऊपर बताई गयी आयु सीमा का पालन करना जरुरी होता है क्योंकि यह हर राज्य में एक समान रूप से लागू होती है।
  • अब दूसरी पात्रता में यह है कि आप जिस भी राज्य में तहसीलदार बनने के लिए आवेदन करने जा रहे हैं, उस राज्य की आधिकारिक भाषा का ज्ञान आपको होना चाहिए। उदाहरण के लिए यदि आप कर्नाटक में तहसीलदार बनना चाहते हैं तो आपको कन्नड़ आनी चाहिए और कश्मीर में कश्मीरी।
  • तहसीलदार बनने के लिए तीसरी पात्रता के रूप में आपको अपनी बारहवीं कक्षा में कम से कम 50 प्रतिशत अंक लाने होंगे। हालाँकि यह राज्य के अनुसार भिन्न भिन्न हो सकते हैं लेकिन अधिकतर राज्यों में इसके लिए 50 प्रतिशत अंक की पात्रता रखी गयी है।
  • तहसीलदार बनने के लिए आपका कम से कम स्नातक तक पढ़ा हुआ होना जरुरी होता है। अब चाहे आपने स्नातक किसी भी क्षेत्र में की हुई हो यह मायने नहीं रखता है लेकिन वह मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से ही की हुई होनी चाहिए।
  • आपको अंग्रेजी विषय का भी ज्ञान होना अनिवार्य है क्योंकि यह एक आधिकारिक पद होता है जिसमे आपको उच्च अधिकारियों से भी संपर्क में बने रहना होता है। इसके लिए अंग्रेजी भाषा का आना अनिवार्य रखा गया है।

तहसीलदार कैसे बने? (Tehsildar kaise bane)

अब जब आपने तहसीलदार क्या होता है, उसके लिए क्या क्या नियम बनाए गए हैं और आपने उन नियमों का पालन कर लिया है तो अब बारी है यह जानने की कि आप किस प्रक्रिया के तहत तहसीलदार बन पाएंगे। दरअसल हर राज्य के अनुसार तहसीलदार बनने की प्रक्रिया में अंतर देखने को मिल सकता है लेकिन मोटे तौर पर सब की प्रक्रिया एक जैसी ही होती (Tehsildar banne ke liye kya kare) है। किसी भी राज्य में तहसीलदार की भर्ती करने के लिए उस राज्य का राज्य लोक सेवा आयोग भर्ती प्रक्रिया को आयोजित करवाता है।

तो आपको अपने राज्य की राज्य लोक सेवा आयोग की भर्ती प्रक्रिया के तहत ही तहसीलदार बनना होता है। इसे हम अंग्रेजी में स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन कह देते हैं जो उस राज्य के लिए पटवारी से लेकर तहसीलदार और SDM तक की भर्ती करता (Tehsildar banne ke liye kya karna padega) है। इससे ऊपर की पोस्ट कलेक्टर की हो जाती है जो केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है। तो आइए चरण दर चरण तरीके से जाने तहसीलदार बनने की प्रक्रिया के बारे में।

सबसे पहले अपनी ग्रेजुएशन पूरी करें (Tehsildar banne ke liye qualifications)

तहसीलदार बनने की प्रक्रिया में सबसे पहले तो आपको अपनी बारहवीं कक्षा को पास करना होगा और वो भी 50 प्रतिशत से अधिक अंकों के साथ। जब आप यह कर लें तो उसके बाद आपको किसी भी विषय में स्नातक करनी जरुरी होती (Tehsildar qualifications in Hindi) है। अब चाहे यह आप बीटेक में करें या बीकॉम में या बीए में या किसी अन्य क्षेत्र में। हालाँकि यदि आप आगे चल कर तहसीलदार बनना चाहते हैं और उसकी आवेदन प्रक्रिया में भाग लेना चाहते हैं तो आपको बीए का ही चुनाव करना चाहिए।

वह इसलिए क्योंकि आगे चल कर आप जब तहसीलदार की परीक्षा में बैठेंगे तो वहां आपको बीए में आने वाले विषयों से संबंधित प्रश्नों का ही उत्तर देना होगा। इसलिए यदि आप बीए में अपनी ग्रेजुएशन पूरी करेंगे तो यह तहसीलदार बनने की दिशा में सकारात्मक कदम माना जाएगा। इसके साथ ही आप यह कोशिश करें कि आपके ग्रेजुएशन में कुल 60 प्रतिशत से अधिक अंक हो क्योंकि कुछ कुछ राज्यों में इसको लेकर भी मापदंड बनाए गए हैं।

तहसीलदार भर्ती के लिए आवेदन करें (Tehsildar registration in Hindi)

अब जब आप अपनी ग्रेजुएशन सफलतापूर्वक पास कर लेते हैं तो उसके बाद आप आधिकारिक रूप से तहसीलदार की परीक्षा में बैठने के लिए पात्र मान लिए जाते (Tehsildar banne ke liye apply kaise kare) हैं। हालाँकि इसके लिए आपका न्यूनतम 21 वर्ष की आयु का होना जरुरी होता है क्योंकि उसी के बाद ही कोई व्यक्ति तहसीलदार की परीक्षा को दे सकता है। तो यदि आपने 21 वर्ष की आयु को पार कर लिया है और ग्रेजुएशन भी पूरी कर ली है तो इसका मतलब हुआ आप तहसीलदार बनने के लिए पात्र हो चुके हैं।

अब आपको अपने राज्य की आधिकारिक वेबसाइट जहाँ पर राज्य लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं के बारे में सूचित करने का काम किया जाता है, उस पर नज़र बनाए रखनी होगी। इसे हर राज्य में अलग अलग नाम से जाना जाता है जैसे कि राजस्थान में आरएएस। तो जैसे ही आपके राज्य के द्वारा तहसीलदार की भर्ती का फॉर्म निकले तो आपको बिना देर किये उसी समय उस फॉर्म को भर देना चाहिए। फॉर्म को भरने में पूरी सावधानी बरतें अन्यथा यह निरस्त भी हो सकता है।

तहसीलदार बनने के लिए प्रीलिम्स एग्जाम दें (Tehsildar banne ke liye prelims exam Dena)

तहसीलदार बनने की दिशा में जो अगला कदम होगा वह होगा तहसीलदार की प्रीलिम्स परीक्षा में बैठना। अब जब आप तहसीलदार भर्ती प्रक्रिया के तहत उसका फॉर्म भर देते हैं तो इसके कुछ समय बाद प्रीलिम्स परीक्षा को देने के लिए एक प्रवेश पत्र आ जाएगा। उस प्रवेश पत्र में आपकी परीक्षा की तिथि, समय व स्थान सब दिया हुआ होगा। तो आपको उचित समय व स्थान पर तहसीलदार की परीक्षा में बैठने के लिए पहुँच जाना (Tehsildar prelims exam details in Hindi) होगा।

तहसीलदार की प्रीलिम्स या शुरूआती परीक्षा में आपसे बहुविकल्पीय प्रश्न ही पूछे जाएंगे जिसमे आपके सामने कई तरह के विकल्प दिए हुए होंगे। आपको उनमे से किसी एक विकल्प का चुनाव करना होगा। कुछ राज्यों में तहसीलदार की प्रीलिम्स परीक्षा को ऑनलाइन कर दिया गया है जबकि कुछ में अभी भी ओएमआर शीट के माध्यम से इसे ऑफलाइन ही लिया जाता है।

इस परीक्षा में आने वाले विषय मुख्य तौर पर गणित, तार्किक क्षमता, अंग्रेजी व सामान्य ज्ञान होते हैं। सामान्य तौर पर इनके अंक 200 होते हैं जिनमे से हरेक विषय पर 50 प्रश्न आते हैं और हर प्रश्न एक अंक का होता है। सही उत्तर देने पर आपको एक अंक मिलेगा जबकि गलत उत्तर पर 33 प्रतिशत अंक काट लिए जाते हैं। इन्हें करने के लिए 2 घंटे का समय दिया जाता है। 

तहसीलदार बनने के लिए मुख्य परीक्षा देना (Tehsildar banne ke liye mains exam de)

अब आती है तहसीलदार बनने के लिए मुख्य परीक्षा की बात और इसी के आधार पर ही हर राज्य में तहसीलदार का चयन किया जाता है। तो जो भी छात्र तहसीलदार बनने की प्रीलिम्स परीक्षा को पास कर लेते हैं, उनके लिए तहसीलदार की मुख्य परीक्षा में बैठने के लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिया जाता है। तो यदि आप भी तहसीलदार बनने की मुख्य परीक्षा में बैठने जा रहे हैं तो उसके लिए आपकी तैयारी एकदम मजबूत होनी चाहिए। कुछ कुछ लोग तो इसके लिए 5 से 10 वर्ष तक भी परिश्रम करते हैं और तब जाकर उनका तहसीलदार की परीक्षा में चयन हो पाता (Tehsildar mains exam details in Hindi) है।

यह कोई सामान्य सरकारी पद नहीं होता है बल्कि एक तहसीलदार अपनी तहसील का प्रमुख होता है। उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाली संपूर्ण भूमि पर उसी का ही सरकारी नियंत्रण होता है और वही उस पर आदेश देने के लिए उत्तरदायी होता है। तो ऐसे पद पर किसी व्यक्ति को बिठाने के लिए उसकी परीक्षा को कठिन रखना आवश्यक हो जाता है। तो यह मुख्य परीक्षा एक चरण में आयोजित ना होकर कई चरणों में आयोजित करवाई जाती है।

तहसीलदार की मुख्य परीक्षा में आपसे अलग अलग विषयों पर प्रश्न पूछे जाते हैं जिन पर आपको लिखना होता है। इसमें आपके सामने कई तरह की स्थितियां रखी जाती है और आपको उस पर अपना निर्णय सुनाना होता है। इसी निर्णय के आधार पर ही आपके उत्तरों की समीक्षा की जाती है और आपको पास या फेल किया जाता है। यही कारण है कि ज्यादातर लोगों को तहसीलदार बनने में कई वर्षों का समय लग जाता है और उसके बाद ही वे इसमें पास हो पाते हैं।

तहसीलदार बनने का इंटरव्यू देना

अब यदि आप तहसीलदार बनने की मुख्य परीक्षा को भी पास कर लेते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि आप तहसीलदार बन ही गए। तहसीलदार बनने के मार्ग में यह आखिरी पड़ाव पार करना बहुत जरुरी होता है। ऐसे भी बहुत से परीक्षार्थी होते हैं जो तहसीलदार की मुख्य परीक्षा को तो पास कर लेते हैं लेकिन इंटरव्यू में रह जाते हैं। इसलिए यदि आपकी मुख्य परीक्षा पास हो जाती है तो उसके बाद इंटरव्यू में भी पूरी मेहनत की जानी जरुरी होती है।

यह इंटरव्यू राज्य लोक सेवा आयोग के उच्च अधिकारी लेते हैं और उसमे आपका पूरी तरह से आंकलन किया जाता है। उसके आधार पर ही आपका तहसीलदार बनने के लिए चयन किया जाता है। तो इसके लिए आप पहले से ही मेहनत करना शुरू कर देंगे तो बहुत सही रहेगा क्योंकि मुख्य परीक्षा को पास करने के बाद इंटरव्यू में रह जाना बहुत ही ज्यादा दुखदायी होता है।

तहसीलदार भर्ती प्रक्रिया को पूरा करना

अब यदि आपका तहसीलदार के इंटरव्यू में भी चयन हो जाता है तो पहले तो आप सभी को बहुत बहुत बधाई क्योंकि अब आप तहसीलदार बन ही चुके हैं। तो अब जैसे ही आप तहसीलदार बन जाते हैं तो उसके लिए कुछ फॉर्मेलिटी को पूरा किया जाना जरुरी हो जाता है क्योंकि उसी के आधार पर ही आपको जॉइनिंग लेटर मिलेगा। इसके लिए सबसे पहले तो आपको अपना मेडिकल टेस्ट करवाना होता है जिसमे आपके स्वास्थ्य की संपूर्ण जांच की जाती है। फिर उस सरकारी डॉक्टर के द्वारा आपका मेडिकल सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है।

अब इसके बाद आपको अपने सभी तरह के डाक्यूमेंट्स का सत्यापन करवाना होता है। इसमें आपकी पहचान, शिक्षा, पात्रता इत्यादि से जुड़े दस्तावेज आते हैं जिन्हें तहसीलदार बनने के लिए आवश्यक रूप से दिखाना होता है। इसी के साथ आपको अपने यहाँ के लोकल पुलिस थाने से भी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करवानी होती है। इसके तहत यह देखा जाता है कि कहीं आपके ऊपर पहले से कोई आपराधिक मुकदमा तो नहीं चल रहा है या आप किसी अपराध में तो सलंग्न नहीं है।

तहसीलदार की ट्रेनिंग पूरी कर काम शुरू करना

अब जब आप ऊपर बताई गयी सभी प्रक्रिया को पूरा कर लेते हैं और राज्य लोक सेवा आयोग उन सभी को मान लेता है तो उसके बाद आपका तहसीलदार की पोस्ट पर काम करने के लिए जॉइनिंग लेटर आ जाता है। अब आप यह मत सोचिये कि आपको सीधे ही तहसील कार्यालय में भेज दिया जाएगा और आपको वहां काम करने को कहा जाएगा। इसके लिए पहले कुछ माह तक आपकी ट्रेनिंग चलती है जिसमे आपको तहसीलदार के कार्यों के बारे में समझाया जाता है।

जब यह सब काम हो जाता है और आप अपनी ट्रेनिंग को सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं तो उसके बाद आपको आधिकारिक रूप से एक तहसील दे दी जाती है जहाँ पर आपको काम शुरू कर देना होता है। अब आप उस तहसील के मुखिया होते हैं और वहां काम करने वाले सभी पटवारी, नायब तहसीलदार इत्यादि आपके अंतर्गत ही काम करते हैं।

तहसीलदार के कार्य (Tehsildar work details in Hindi)

चूँकि अब जब आप तहसीलदार बन चुके हैं या बनने वाले हैं तो आपको अवश्य ही तहसीलदार के द्वारा किये जाने वाले कार्यों के बारे में भी जानना (Tehsildar ke kya kaam hote hain) होगा। इन्हें जानकर ही तो आप यह निर्धारित कर पाएंगे कि आपको तहसीलदार बनना चाहिए या नहीं। तो आइए जाने एक तहसीलदार के क्या कुछ कार्य होते हैं।

  • तहसीलदार का मुख्य कार्य तो यही होता है कि उसके अंतर्गत जो तहसील आती है, वहां की पूरी भूमि का सर्वेक्षण करना और उनका प्रबंधन करना। एक तरह से वह अपनी तहसील की भूमि का सरकारी नियंत्रक होता है और आदेश देने का अधिकार रखता है।
  • अब यदि किसी व्यक्ति को अपनी भूमि किसी अन्य व्यक्ति के नाम करवानी है या भूमि से जुड़ा कोई और मामला है या बंटवारा करवाना है या ऐसा ही कुछ, तो वह सब तहसीलदार के हस्ताक्षर से ही संपन्न हो पाएगा।
  • यदि भूमि को लेकर किसी तरह का विवाद है तो उस विवाद को निपटाने का काम भी तहसीलदार का ही होता है। यदि वह मामला न्यायालय पहुँच जाता है तो न्यायालय के समक्ष सब प्रमाण उपलब्ध करवाना भी तहसीलदार का ही काम होता है।
  • तहसीलदार के नीचे कई अन्य सरकारी अधिकारी काम कर रहे होते हैं जैसे कि पटवारी, नायब तहसीलदार, गिरदावर इत्यादि। तो उन्हें निर्देशित करना और उनके काम का मूल्यांकन करना भी तहसीलदार का ही कार्य होता है।
  • तहसीलदार को अपने से उच्च अधिकारियों को समय समय पर सब रिपोर्ट तैयार करके देनी होती है। मुख्य तौर पर तहसीलदार को अपने यहाँ के SDM के सामने रिपोर्ट करना होता है।

तो इस तरह से किसी भी तहसील के तहसीलदार का कार्य वहां की भूमि के प्रबंधन का होता है। वहां भूमि को लेकर जो भी काम हो रहा है, जो भी निर्माण या विकास का कार्य हो रहा है, वह सब तहसीलदार की आज्ञा के साथ ही हो सकता है।

तहसीलदार का वेतन कितना होता है? (Tehsildar ki salary kitni hoti hai)

अब यदि आप तहसीलदार का वेतन जानना चाहते हैं तो यह भी हर राज्य के अनुसार भिन्न भिन्न होता है। साथ ही समय के साथ साथ इसमें जो बढ़ोत्तरी होती है वह भी हर राज्य के अनुसार अलग अलग होती (Tehsildar ko kitni salary milti hai) है। सामान्य तौर पर किसी भी राज्य के तहसीलदार को महीने का कम से कम 60 हज़ार रुपए तो मिलता ही है और वहीं इसकी अधिकतम आय 80 हज़ार रुपए प्रति माह होती है।

इसी के साथ साथ तहसीलदार को अन्य सुख सुविधाएँ भी मिलती है जैसे कि गाड़ी, आवासीय खर्च, बिजली, पेट्रोल, टेलीफ़ोन इत्यादि का बिल। हर महीने तहसीलदार के वेतन में बढ़ोत्तरी भी देखने को मिलती है जो 4 से 6 हज़ार के बीच में होती है। तो इस तरह से हर राज्य सरकार अपने यहाँ काम करने वाले तहसीलदार को अच्छी खासी सैलरी देती है।

तहसीलदार कैसे बने – Related FAQs

प्रश्न: 12वीं के बाद तहसीलदार कैसे बने?

उत्तर: 12वीं के बाद तहसीलदार बनने के लिए पहले तो आपको ग्रेजुएशन पूरी करनी होगी और उसके बाद तहसीलदार की परीक्षा में बैठना होगा।

प्रश्न: तहसीलदार के लिए कौन सा कोर्स सबसे अच्छा है?

उत्तर: तहसीलदार के लिए बीए कोर्स सबसे अच्छा है।

प्रश्न: तहसीलदार के लिए कितनी योग्यता होनी चाहिए?

उत्तर: तहसीलदार के लिए परीक्षार्थी को न्यूनतम 21 वर्ष व स्नातक पास होना चाहिए।

प्रश्न: तहसीलदार की 1 महीने की सैलरी कितनी होती है?

उत्तर: तहसीलदार की 1 महीने की सैलरी 60 हज़ार के आसपास होती है।

इस तरह से आज के इस लेख में आपने जाना कि तहसीलदार कैसे बना जा सकता है और उसके लिए किस तरह की प्रक्रिया का पालन करना होता है। अंत में आपने यह भी जान लिया कि तहसीलदार का कार्य क्या होता है और उसे उसके लिए कितना वेतन मिलता है।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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