टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन नंबर क्या है? इसे कितने राज्यों में शुरू किया गया है?

टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन क्या है? इस हेल्पलाइन का क्या नंबर है? इसे कितने राज्यों में शुरू किया गया है? (What is tele mental health helpline? What is the number of this helpline? In how many states it is stated?)

कहा जाता है कि तंदुरुस्ती सबसे बड़ी नियामत है। स्वस्थ रहने के लिए एक व्यक्ति क्या-क्या नहीं करता? वह अच्छा एवं संतुलित भोजन करता है संतुलित भोजन करता है। इसके साथ एक्सरसाइज पर भी पूरा ध्यान देता है, लेकिन हकीकत यह है कि इन दिनों लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी चर्चा हो रही है। खास तौर से कोरोना के बाद से लोगों के बीच कई ऐसे मानसिक रोग आम हो गए हैं, जिनका नाम तक लोगों ने कभी नहीं सुना।

लोगों को ऐसे रोगों से दूर रहने के लिए उनकी काउंसलिंग, उपचार आदि के प्रति जागरूक होने को सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सरकार का ऐसा ही एक प्रयास है ऐसे लोगों के लिए हेल्पलाइन जारी करना। वह भी टेली मेंटल हेल्पलाइन। आज हम इस पोस्ट में आपको टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन क्या है? इसका नंबर क्या है? इसे कितने राज्यों में शुरू किया गया है? जैसे अनेक सवालों का जवाब देंगे। आइए, शुरू करते हैं-

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टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन क्या है? (What is tele mental health helpline?)

दोस्तों, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह सेवा दूर बैठे लोगों की मानसिक स्वास्थ्य (mental health) से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने के संबंध में सहायता प्रदान करेगी। यह तो आप जानते ही हैं कि जैसे जैसे लोगों के जीवन में तनाव बढ़ रहा है, वैसे वैसे ही उनके भीतर मानसिक रोग भी घर कर रहे हैं। कोरोना काल (corona times) के बाद से ऐसे कई केस सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए देश की केंद्र सरकार की ओर से टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन शुरू की गई है।

खास बात यह है कि इस सेवा को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (world mental health day) पर लांच किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Central health ministry) के अनुसार इस हेल्पलाइन का पूरा नाम टेली-मानस रखा गया है। इसकी फुल फॉर्म- टेली मेंटल असिस्टेंस एंड नेटवर्किंग एक्रोस स्टेट्स (Tele-Mental assistance and networking across states) है।

टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन नंबर क्या है? इसे कितने राज्यों में शुरू किया गया है?

टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन का नंबर क्या है? (What is the number of this tele mental health helpline?)

मित्रों, आइए अब आपको इस हेल्पलाइन का नंबर बताते हैं। इस हेल्पलाइन का नंबर 14416 है। दोस्तों, आपको बता दें कि यह हेल्पलाइन (helpline) 24 घंटे काम करेगी। इस हेल्पलाइन पर कोई भी व्यक्ति मानसिक रोग से संबंधित किसी भी समस्या पर काउंसलिंग (counseling) ले सकता है। विशेषज्ञों से परामर्श (advice) प्राप्त कर सकता है।

इसके अतिरिक्त इसमें यूजर्स को अपनी भाषा (language) को चुनने और सर्विस (service) का चयन करने का भी ऑप्शन (option) मिलेगा।

केंद्र सरकार ने कितने राज्यों में यह हेल्पलाइन शुरू की है? (In how many states central government has started this helpline?)

साथियों, आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने देश के कुल 20 राज्यों में एक साथ इस टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन का शुभारंभ किया है। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा कर्नाटक के निमहंस (NIMHANS), बेंगलुरू (bengluru) में हुए एक कार्यक्रम में इस हेल्पलाइन का वर्चुअल (virtual) तरीके से आगाज किया गया है।

यह टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन किस प्रकार से कार्य करेगी? (How this tele mental health helpline will work?)

साथियों, अब आपको जानकारी देते हैं कि यह टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन कैसे काम करेगी। आपको बता दें कि जहां से व्यक्ति हेल्पलाइन में फोन करेगा, उससे संबंधित राज्य के टेली मानस प्रकोष्ठ (Tele-manas cell) में वह कॉल पहुंच जाएगी। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि वह प्रत्येक राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश में कम से कम एक टेली-मानस प्रकोष्ठ की स्थापना किया जाना अवश्य सुनिश्चित करेगी।

दोस्तों, आपको यह भी बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2024 के बजट में नेशनल टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम (national tele mental health program) यानी टीएमएचपी (TMHP) आरंभ करने की घोषणा की गई थी।

क्या टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन का इस्तेमाल करने पर कोई शुल्क लगेगा? (Will there any fee be imposed on use of tele mental health helpline?)

दोस्तों, आप यह अवश्य सोच रहे होंगे कि क्या इस हेल्पलाइन का इस्तेमाल करने के लिए आपसे कोई शुल्क लिया जाएगा? तो आपको बता दें मित्रों कि लोगों की सहायता के लिए शुरू की गई यह टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन यूजर्स के लिए पूरी तरह से शुल्क मुक्त रहेगी। यानी कि इसके इस्तेमाल के लिए आपको कोई फीस नहीं चुकानी होगी।

दूरदराज के इलाकों के लोग आराम से अपने मानसिक रोगों से जुड़ी तमाम तरह की जानकारियां, इनसे संबंधित सलाह एवं आवश्यक उपचार हासिल कर सकेंगे। इससे उन्हें अस्पतालों के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं होगी।

इस हेल्पलाइन से किन लोगों को अधिक लाभ होगा? (Which people will get more benefit of this helpline?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि इस मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन का फायदा उन लोगों को ज्यादा होगा, जिनके आसपास कोई मानसिक रोग चिकित्सालय नहीं है या फिर कोई मेंटल हेल्थ काउंसलिंग सेंटर नहीं है। या फिर लोग ऐसे सेंटर जाना नहीं चाहते। ऐसे में लोग इस मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन पर फोन कर अपने दिक्कत बताने के साथ ही उसका उपचार प्राप्त कर सकते हैं। एक अध्ययन बताता है कि महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा मानसिक अवसाद के ज्यादा चांसेज होते हैं।

यद्यपि इसका कोई स्थापित कारण इस अध्ययन में नहीं बताया गया है। बस कुछ स्थापित मान्यताओं के आधार पर शोधकर्ताओं ने अपने नतीजे जारी किए हैं। हालांकि यहां यह मानकर चला जा सकता है कि घर परिवार एवं कार्यस्थल की दोहरी जिम्मेदारी निभाने वाली महिलाओं में मानसिक रोग होने की आशंका अधिक पाई जाती है।

इस हेल्पलाइन के तहत देश में कुल कितने एक्सीलेंस सेंटर बनाए गए हैं? (How many excellence centers have been made under this helpline?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि केंद्र सरकार के अनुसार इस हेल्पलाइन के तहत देश भर में कुल 23 टेली मेंटल हेल्थ सेंटर फॉर एक्सीलेंस (tele mental health centre for excellence) निर्मित किए गए हैं। निमहंस, बंगलूरू (कर्नाटक) को केवल इसकी नोडल एजेंसी भर बनाया गया है। आपको बता दें कि है इस हेल्पलाइन प्रोग्राम के लिए तकनीकी सहयोग (technical support) बेंगलुरू स्थित ट्रिपल आईटी (triple it), आईटी (it) एवं एनएचआरएससी (NHRSC) प्रदान कर रहे हैं।

दरअसल, यह हम सब जानते हैं कि कोरोना वायरस के मामलों के बाद तेजी से मानसिक रोगियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है, उसी को देखते हुए यह उपचारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार के इस कदम को जनहित को देखते हुए एक अच्छा कदम कहा जा सकता है।

हमारे देश में मेंटल हेल्थ पर लोग बात करने से लोग परहेज क्यों करते हैं? (Why people are hesitant on talking about mental health?)

दोस्तों, आपने देखा होगा कि हमारे देश में लोग मेंटल हेल्थ पर बहुत अधिक बात नहीं करते हैं। इस संबंध में बात करने से परहेज़ करते हैं। इसका कारण यह समझा जा सकता है कि वे मानसिक रोगों को लेकर बहुत जागरूक नहीं हैं। अक्सर लोग एक दूसरे को ‘मेंटल’ कहकर छेड़ते भी हैं। वे इसका अर्थ सीधे पागलपन से लगा लेते हैं। ऐसे में लोगों को डर होता है कि यदि वे किसी दूसरे से इस संबंध में बात करेंगे तो लोग हमें पागल समझने लगेंगे या दिमागी रूप से खिसका हुआ बताएंगे।

हालांकि अब धीरे-धीरे इस संबंध में लोगों में जागरूकता आ रही है। वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाने के पीछे भी यही उद्देश्य है कि लोग अधिक से अधिक इस संबंध में जागरूक हों और मानसिक रोगियों के प्रति अधिक संवेदनशील नजरिया अपनाएं। आपको यह भी बता दे दोस्तों, कि बहुत बड़े-बड़े सेलिब्रिटी भी किसी ना किसी समय पर मानसिक अवसाद अथवा विभिन्न प्रकार के मानसिक रोगों के शिकार हुए हैं। लेकिन उन्होंने पर्याप्त थेरेपी के साथ अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान की है।

जैसे-बालीवुड की बड़ी फिल्म एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को ही लें। वे खुद इस संबंध में कई बात करती देखी गई हैं। इसके अलावा रैप सिंगर हनी सिंह भी मानसिक अवसाद के शिकार रहे हैं। मित्रों, इसके अलावा भी ऐसे सेलिब्रिटीज की एक लंबी लिस्ट है, जो लग्जरी लाइफ जीते हुए भी इस तरह के तनाव से गुजरे हैं।

आज जरूरत इस बात की है कि हम लोग मानसिक रोगों को भी शारीरिक रूप की तरह तरजीह दें और उसके कारण जानकर उनके निदान का उपाय करें। साथ ही जो लोग मानसिक रोगों से ग्रस्त हैं, उनके प्रति एक संवेदनशील नजरिया अपनाएं। अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।

टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन की शुरुआत कब हुई है?

टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन की शुरूआत विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर की गई है।

टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन का शुभारंभ किसने किया है?

टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन का शुभारंभ कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने किया है।

टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन का नंबर क्या है?

टेली मेंटल हेल्थ अल्पाइन का नंबर 14416 है।

इस टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन से लोगों को क्या सुविधा मिलेगी?

इस हेल्पलाइन पर फोन करके लोग मानसिक रोग संबंधित जानकारी, परामर्श एवं उपचार के लिए सलाह प्राप्त कर सकेंगे।

इस हेल्पलाइन को कितने राज्यों में शुरू किया गया है?

इस हेल्पलाइन को वर्चुअल तरीके से अभी पहले चरण में कुल 20 राज्यों में शुरू किया गया है। टेली मानस की फुल फॉर्म क्या है टेली मानस की फुल फॉर्म टेली मेंटल असिस्टेंंस नेटवर्किंग अक्रॉस स्टेट्स है।

इस हेल्पलाइन के तहत कुल कितने टेली मेंटल हेल्थ एक्सीलेंस सेंटर खोले गए हैं?

इस हेल्पलाइन के तहत कुल 23 टेली मेंटल हेल्थ एक्सीलेंस सेंटर खोले गए हैं।

इस हेल्पलाइन को लेकर सरकार की क्या तैयारी है?

सरकार प्रत्येक राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कम से कम एक टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन खोलना चाहती है।

इस टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन प्रोग्राम के लिए नोडल एजेंसी किसे बनाया गया है?

इस टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन प्रोग्राम के लिए नोडल एजेंसी निमहंस, बंगलूरू (कर्नाटक) को बनाया गया है।

इस हेल्पलाइन के लिए तकनीकी सहयोग कौन कर रहा है?

इस हेल्पलाइन के लिए तकनीकी सहयोग ट्रिपल आईटी, आईटी एवं एनएचआरएससी कर रहे हैं।

मित्रों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको टेली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन क्या है? इसका नंबर क्या है? इसे कितने राज्य में शुरू किया गया है? जैसे कई सवालों पर आपको आवश्यक जानकारी दी। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि इसी प्रकार की जानकारीपरक पोस्ट आप हमसे चाहते हैं तो उसके लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके अपनी बात हम तक पहुंचा सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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