|| थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की कीमत क्या है? | Third party insurance price list | Third party insurance price list in Hindi | थर्ड पार्टी एक्सीडेंट क्लेम क्या है? | What is third party insurance premium in Hindi | थर्ड पार्टी बीमा कितने में होता है? ||
Third party insurance price list :- जब भी हम कोई वाहन खरीदते हैं फिर चाहे वह दोपहिया वाहन हो या चार पहिया वाहन, उसको खरीदते ही हमारी जिम्मेदारी भी बहुत बढ़ जाती है। अब जो वाहन मोटर से चल रहा होता है, उसको सड़क पर चलाने से पहले हमें यातायात के सभी नियमों का पालन करना होता है और भारत सरकार के परिवहन विभाग से अपना ड्राइविंग लाइसेंस भी लेना होता है। इसके बाद ही हम सड़क पर वाहन को लेकर निकल सकते (Third party insurance price list in Hindi) हैं।
अब यदि हमें ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाता है तो इसका अर्थ यह नहीं कि भविष्य में हमसे किसी तरह की दुर्घटना नहीं होगी या हमारे वाहन से किसी को हानि या नुकसान नहीं होगा। आये दिन हम किसी ना किसी तरह की वाहन दुर्घटना और उससे हुए नुकसान के बारे में न्यूज़ इत्यादि में सुनते पढ़ते रहते हैं। ऐसे में इस तरह की स्थिति से बचने और वाहन का बीमा करवाने के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लिया जाता (Third party insurance price in Hindi) है।
यह थर्ड पार्टी इंश्योरेंस आपको किसी भी हो सकने वाली या संभावित दुर्घटना के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करने में सहायता प्रदान करता है। ऐसे में आपको अपने वाहन के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना है तो उसकी कीमत क्या होगी, इसके बारे में जानकारी होनी आवश्यक है। ऐसे में आज के इस लेख में हम भारत सरकार के परिवहन विभाग के द्वारा जारी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की नयी कीमतों के बारे में जानकरी (Third party insurance for car in Hindi) रखेंगे।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है? (What is third party insurance in Hindi)
सबसे पहले तो आप यह समझ लें कि आखिरकार यह थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होता क्या है और यह किस तरह से आपके काम आ सकता है। साथ ही इसे थर्ड पार्टी इंश्योरेंस ही क्यों कहते हैं और इसमें थर्ड पार्टी होती कौन है। अब जब आपको ड्राइविंग लाइसेंस मिल चुका है और आप सड़क पर भारतीय यातायात के नियमों का पालन करते हुए अपने किसी भी मोटर वाहन को चलाते हैं या फिर अन्य किसी भी वाहन को चलाते हैं लेकिन दुर्भाग्यवश आपकी दुर्घटना हो जाती (Third party insurance kya hota hai) है।
अब इस दुर्घटना में आपसे सामने वाले व्यक्ति का या उसकी संपत्ति का कुछ नुकसान हो जाता है। यह नुकसान किसी भी तरह का हो सकता है जिसमें सामने वाले व्यक्ति को चोट लगना, उसका गंभीर रूप से घायल हो जाना, उसकी मृत्यु हो जाना, उसकी अपनी किसी संपत्ति का नुकसान होना या किसी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान होना इत्यादि सम्मिलित है। ऐसे में आप उस दुर्घटना के जिम्मेदार होते हैं और उसके लिए आपको ही हुए नुकसान की भरपाई सामने वाले व्यक्ति को करनी होती (Third party insurance meaning in Hindi) है।
ऐसे में यदि आपने अपने वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाया हुआ है तो उसमें आपकी बीमा कंपनी सामने वाले के हुए नुकसान की भरपाई करती है। बीमा कंपनी एक निश्चित राशि तक हुए नुकसान की भरपाई करती है। अब यह नुकसान कितना बड़ा हुआ है और आपने अपने वाहन के लिए किस तरह का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस ले रखा है, उस पर भी निर्भर करता है। किन्तु भरपाई में आपकी बीमा कंपनी आपका सहयोग करती है। तभी तो सभी के द्वारा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाया जाता (What is third party insurance premium in Hindi) है।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कैसे काम करता है? (3rd party insurance details in Hindi)
अब हम बात करेंगे कि यह थर्ड पार्टी इंश्योरेंस काम कैसे करता है और इसके लिए आपको क्या कुछ करना होता है। साथ ही इसमें हम आपको यह भी बताएँगे की क्यों इस बीमा को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कहा जाता है। अब इस थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इसमें जो बीमा हो रहा है वह आपका या किसी और का नहीं बल्कि सामने वाले व्यक्ति जिसका नुकसान हुआ है, उसका हो रहा (Third party insurance details in Hindi) है। आइये इसे बेहतर तरीके से समझ लेते हैं।
अब थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में फर्स्ट पार्टी आपको माना जाता है अर्थात जो उस वाहन का मालिक है, उसे इस बीमा में फर्स्ट पार्टी के रूप में रखा जाता है। सेकंड पार्टी के रूप में वह बीमा कंपनी होती है जिसने आपका थर्ड पार्टी इंश्योरेंस किया है और जो हुए नुकसान की भरपाई करेगी। इस तरह से फर्स्ट पार्टी वाहन का मालिक और नुकसान करने वाला व्यक्ति होता है तो सेकंड पार्टी बीमा कंपनी और नुकसान की भरपाई करने वाली कंपनी होती है।
अब इसमें थर्ड पार्टी वह व्यक्ति होता है जिससे आपके वाहन की दुर्घटना हुई है और उसका नुकसान हुआ है। अब वह सामने वाला व्यक्ति कोई भी हो सकता है, वह सरकार भी हो सकती है या और कोई भी। बस जिस भी व्यक्ति या अन्य का आपके वाहन से नुकसान हुआ है, वह ही थर्ड पार्टी होता है। ऐसे में उसे हुए नुकसान का पैसा बीमा कंपनी देती है और इसी कारण इस बीमा का नाम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस रखा गया है।
क्या थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना अनिवार्य है? (3rd party insurance mandatory in Hindi)
जी हां, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को लेना स्वैच्छिक नहीं बल्कि भारत सरकार के परिवहन विभाग के द्वारा अनिवार्य किया गया है। यदि कोई वाहन बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के पकड़ा जाता है तो उस पर भारी जुर्माना और कारावास का दंड लग सकता है। ऐसे में उस व्यक्ति पर 2 हज़ार रुपये का चलान हो सकता है या फिर उसे 3 माह का कारावास दंड मिल सकता (Third party insurance compulsory in Hindi) है। वहीं यदि अपराध गंभीर है या दूसरी बार उसे पकड़ा जाता है तो उस पर जुर्माने की राशि बढाई जा सकती है और उसी के साथ ही उसे कारवास का दंड भी मिल सकता है। ऐसे में हर किसी के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना अनिवार्य किया गया (Is third party insurance mandatory in India in Hindi) है।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की कीमत क्या है? (Third party insurance price list)
अब आपको भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले परिवहन विभाग के तहत थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की कीमत के बारे में भी जान लेना (Third party insurance premium for commercial vehicle in Hindi) चाहिए। हालाँकि इसे परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एक विभाग के द्वारा नियंत्रित किया जाता है जिसका नाम भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण होता है। ऐसे में हर वर्ष या कुछ वर्षों के अंतराल में इस थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की कीमत को अपडेट किया जाता है और उसे उनकी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाता (Third party insurance for two wheeler in Hindi) है।
हालाँकि हम नीचे जो कीमत बताने जा रहे हैं, वह परिवहन विभाग के द्वारा निर्धारित की गयी है किन्तु आप जिस भी बीमा कंपनी से अपने वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाने जा रहे हैं, उन्होंने उसके लिए क्या कीमत रखी है और उसके तहत वह आपको क्या क्या लाभ दे रहे हैं, यह भिन्न हो सकती (Third party insurance for bike in Hindi) है। यह पूर्ण रूप से उस बीमा कंपनी और उसकी शर्तों पर ही निर्भर करती है। ऐसे में आइये जाने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की वर्तमान कीमतें क्या है।
#1. प्राइवेट कार के लिए
- 1000 सीसी से कम इंजन – 2094
- 1000 सीसी से बड़ा 1500 सीसी से कम का इंजन – 3416
- 1500 सीसी से ज्यादा बड़ा इंजन – 7897
#2. दोपहिया वाहनों के लिए
- 75 सीसी से कम का इंजन – 538
- 75 सीसी से बड़ा 150 सीसी से कम का इंजन – 714
- 150 सीसी से बड़ा 350 सीसी से कम का इंजन – 1366
- 350 सीसी से बड़ा इंजन – 2804
#3. वस्तुओं को लाने ले जाने वाले कमर्शियल वाहन (तीन पहिया वाहनों के अलावा) – सार्वजनिक
- 7500 किलो से कम वस्तु वाला GVW – 16049
- 7500 किलो से ज्यादा लेकिन 12000 किलो से कम – 27186
- 12000 किलो से ज्यादा लेकिन 20000 किलो से कम – 35313
- 20000 किलो से ज्यादा लेकिन 40000 किलो से कम – 43950
- 40000 किलो से ज्यादा वस्तु वाला – 44242
#4. वस्तुओं को लाने ले जाने वाले कमर्शियल वाहन (तीन पहिया वाहनों के अलावा) – निजी
- 7500 किलो से कम वस्तु वाला GVW – 8510
- 7500 किलो से ज्यादा लेकिन 12000 किलो से कम – 10969
- 12000 किलो से ज्यादा लेकिन 20000 किलो से कम – 17352
- 20000 किलो से ज्यादा लेकिन 40000 किलो से कम – 17626
- 40000 किलो से ज्यादा वस्तु वाला – 25038
#5. वस्तुओं को लाने ले जाने वाले तीन पहिया वाहन – सार्वजनिक – 4492 (ई-कार्ट्स के अलावा)
#6. वस्तुओं को लाने ले जाने वाले तीन पहिया वाहन – निजी – 3992 (ई-कार्ट्स के अलावा)
#7. ट्रेलर्स
- खेती के ट्रेक्टर 6 HP तक के – 910
- खेती के इसके अलावा अन्य सभी वाहन – 2485
#8. चार पहिया वाले वाहन जो अधिकतम 6 यात्रियों को ले जा सके
- 1000 सीसी से कम इंजन – 6040
- 1000 सीसी से बड़ा 1500 सीसी से कम का इंजन – 7940
- 1500 सीसी से ज्यादा बड़ा इंजन – 10523
#9. तीन पहिया वाले वाहन जो अधिकतम 6 यात्रियों को ले जा सके – 2539 (ई-रिक्शा के अलावा)
#10. चार या इससे अधिक पहिये वाले वाहन जो 6 से अधिक यात्रियों को ले जा सके
- शिक्षण संस्थान की बस – 13729
- शिक्षण संस्थाओं के अलावा अन्य बस – 14343
#11. दोपहिया वाहन जो यात्रियों को लाने ले जाने में इस्तेमाल हो
- 75 सीसी से कम का इंजन – 861
- 75 सीसी से बड़ा 150 सीसी से कम का इंजन – 861
- 150 सीसी से बड़ा 350 सीसी से कम का इंजन – 861
- 350 सीसी से बड़ा इंजन – 2254
#12. प्राइवेट कार इलेक्ट्रिक
- 30 KW से कम – 1780
- 30 KW से अधिक लेकिन 65 KW से कम – 2904
- 65 KW से अधिक – 6712
#13. दोपहिया वाहन इलेक्ट्रिक
- 3 KW से कम – 457
- 3 KW से अधिक लेकिन 7 KW से कम – 607
- 7 KW से अधिक लेकिन 16 KW से कम – 1161
- 16 KW से अधिक – 2383
#14. वस्तुओं को लाने ले जाने वाले कमर्शियल वाहन (तीन पहिया वाहनों के अलावा) – सार्वजनिक व इलेक्ट्रिक
- 7500 किलो से कम वस्तु वाला GVW – 13642
- 7500 किलो से ज्यादा लेकिन 12000 किलो से कम – 23108
- 12000 किलो से ज्यादा लेकिन 20000 किलो से कम – 30016
- 20000 किलो से ज्यादा लेकिन 40000 किलो से कम – 37357
- 40000 किलो से ज्यादा वस्तु वाला – 37606
#15. वस्तुओं को लाने ले जाने वाले कमर्शियल वाहन (तीन पहिया वाहनों के अलावा) – निजी व इलेक्ट्रिक
- 7500 किलो से कम वस्तु वाला GVW – 7233
- 7500 किलो से ज्यादा लेकिन 12000 किलो से कम – 9324
- 12000 किलो से ज्यादा लेकिन 20000 किलो से कम – 14749
- 20000 किलो से ज्यादा लेकिन 40000 किलो से कम – 14982
- 40000 किलो से ज्यादा वस्तु वाला – 21282
#16. वस्तुओं को लाने ले जाने वाले तीन पहिया वाहन – सार्वजनिक ई-कार्ट्स – 3139
#17. वस्तुओं को लाने ले जाने वाले तीन पहिया वाहन – निजी ई-कार्ट्स – 3211
#18. चार पहिया वाले इलेक्ट्रिक वाहन जो अधिकतम 6 यात्रियों को ले जा सके
- 30 KW से कम – 5134
- 30 KW से अधिक लेकिन 65 KW से कम – 6749
- 65 KW से अधिक – 8945
#19. तीन पहिया वाले इलेक्ट्रिक वाहन (ई-रिक्शा) जो अधिकतम 6 यात्रियों को ले जा सके – 1648
#20. चार या इससे अधिक पहिये वाले इलेक्ट्रिक वाहन जो 6 से अधिक यात्रियों को ले जा सके
- शिक्षण संस्थान की बस – 11670
- शिक्षण संस्थाओं के अलावा अन्य बस – 12192
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेने के फायदे (Third party insurance benefits in Hindi)
अब आपको साथ के साथ थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेने से मिलने वाले तरह तरह के फायदों के बारे में भी जान लेना चाहिए। इससे आपको पता चलेगा कि आखिरकार क्यों आपके लिए या हर किसी के लिए जिसके पास भी वाहन है, उसके लिए भारत सरकार ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य किया हुआ है।
- थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेने का सबसे बड़ा लाभ यह मिलता है कि आपके द्वारा लापरवाही में या अनजाने में हुई किसी भी दुर्घटना से सामने वाले व्यक्ति या संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई करने की जिम्मेदारी आपकी नहीं बल्कि आपका थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करने वाली बीमा कंपनी की होती है।
- इस तरह से भारत सरकार भारत की सड़कों पर चल रहे किसी भी व्यक्ति, स्थित कोई भी संपत्ति या अन्य वाहनों की सुरक्षा का ध्यान रखती है और उनका बीमा ऑटोमेटिक रूप से करवा कर रखती है।
- यह आपको भी किसी भी तरह की कानूनी कार्यवाही से बचाने और आर्थिक दंड से बचाने में सहायता प्रदान करता है।
- यदि आप अपने वाहन का चलान नहीं कटवाना चाहते हैं या जेल जाने से बचना चाहते हैं तो उसके लिए आपको वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना जरुरी होता है।
- यदि आप थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के साथ साथ कोम्प्रेहेंसिवे बीमा लेना चाहते हैं तो वह आपको थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाने के बाद ही मिल पाता है।
इस तरह से थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाने के अपने आप में ही कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं। फिर भी इसके लाभ मिले या नहीं लेकिन सड़क पर चल रहे व्यक्तियों और स्थित संपत्ति को हो सकने वाले नुकसान से बचाने के लिए ही यह थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना जाना अनिवार्य होता है। तभी भारत सरकार ने इसको लेकर बहुत ही कठोर नियम बनाये हुए हैं।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की कीमत क्या है – Related FAQs
प्रश्न: थर्ड पार्टी बीमा कितने में होता है?
उत्तर: थर्ड पार्टी बीमा अलग अलग होता है जिसकी जानकारी हमने ऊपर के लेख में विस्तार से दी है जो आपको पढ़ना चाहिए।
प्रश्न: थर्ड पार्टी इन्शुरन्स में क्या क्या कवर होता है?
उत्तर: थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में जो जो चीज कवर होती है उसकी जानकारी आपको ऊपर के लेख के माध्यम से विस्तार से जानने को मिलेगी जो आपको पढ़ना चाहिए।
प्रश्न: थर्ड पार्टी एक्सीडेंट क्लेम क्या है?
उत्तर: थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्लेम के तहत आपके द्वारा अगर किसी को कोई नुकसान हुआ है तो आप बीमा कंपनी में क्लेम करके उस व्यक्ति के हुए नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी से करवा सकते हो।
प्रश्न: क्या मुझे थर्ड पार्टी कार इंश्योरेंस खरीदने की जरूरत है?
उत्तर: हां, आपको थर्ड पार्टी कार इंश्योरेंस करवाना ही होगा क्योंकि यह सरकार ने कानूनी रूप से जरूरी कर दिया है।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की कीमत के बारे में जानकारी हासिल कर ली है। साथ ही आपने जाना कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होता क्या है यह काम कैसे करता है क्या थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना अनिवार्य है और इसके क्या कुछ फायदे हैं इत्यादि। आशा है कि जो जानने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह जानकारी आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई शंका आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।