यह तो हम जानते हैं कि प्रत्येक वर्ष एक जनवरी से नया साल शुरू हो जाता है। लेकिन यदि बात हिंदू नव वर्ष की करें तो वह एक जनवरी से शुरू नहीं होता। जी हां दोस्तों। इसकी गणना अलग तरीके से होती है। आज इस पोस्ट में हम आपको हिंदू नव वर्ष के संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आपको बताएंगे कि हिंदू नव वर्ष की शुरुआत किसने की थी? इस वर्ष यानी 2024 में हिंदू नव वर्ष कब से प्रारंभ होगा? हिंदू नव वर्ष का स्वागत कैसे करें? आइए, शुरू करते हैं-
दोस्तों, आपको बता दें कि हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है। इसी दिन से चैत्र नवरात्र भी प्रारंभ हो जाते हैं। इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 8 अप्रैल, 2024 को रात 11 बजकर 50 मिनट से होगा। प्रतिपदा तिथि 9 अप्रैल, 2024 रात 8 बजकर 30 मिनट तक है। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 9 अप्रैल, 2024 को पड़ेगी। साफ है कि इसी वजह से हिंदू नववर्ष 9 अप्रैल, 2024 से प्रारंभ होगा।
दोस्तों, आपको बता दें दोस्तों कि हिंदू पंचांग यानी हिंदू कैलेंडर (Hindu calendar) विक्रम संवत पर चलता है। वर्तमान में संवत्सर 2080 चल रहा है, जिसकी शुरुआत 22 मार्च, 2024 को हुई थी। 9 अप्रैल, 2024 से विक्रम संवत 2081 प्रारंभ हो जाएगा। इस दिन मंगलवार (Tuesday) का दिन होगा।
दोस्तों, आइए अब जान लेते हैं कि इस बार का हिंदू नव वर्ष किस योग में शुरू हो रहा है? आपको बता दें कि इस वर्ष का हिंदू नव वर्ष सर्वार्थ सिद्धि योग एवं अमृत सिद्धि योग में प्रारंभ हो रहा है। दोस्तों, उसी दिन कलश स्थापना के साथ ही प्रथम नवदुर्गा (Nav Durga) मां शैलपुत्री की भी पूजा, आराधना की जाएगी।
दोस्तों, खास बात यह भी है कि आंग्ल नव वर्ष यानी अंग्रेजी नए साल की शुरुआत जहां तरह तरह की पार्टी और जश्न से होती है, वहीं, हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ वर्ष और पूजन के साथ होता है। नवरात्र का प्रथम दिवस होने की वजह से इस अवसर पर मंदिरों में भी विशेष आयोजन होते हैं। भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
जम्मू कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश के ज्वालामुखी एवं चिंतपूर्णी मंदिर जैसे माता के मंदिरों के साथ ही देश भर के तमाम शक्ति पीठों में भक्त जन बड़े पैमाने पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं। दोस्तों, इसके अतिरिक्त एक और अच्छी बात यह हुई है कि सोशल मीडिया (social media) के प्रसार के साथ ही लोगों में एक दूसरे को हिंदू नव वर्ष की शुभकामनाएं ऑनलाइन (online) प्रेषित करने का चलन तेजी से शुरू हुआ है। इससे आने वाली पीढ़ी में भी अपनी संस्कृति को अपनाने की ललक व जागरूकता उत्पन्न हुई है।
दोस्तों, यदि आपको नहीं पता है तो जान लीजिए कि हिंदू पंचांग (Hindu panchang) में प्रत्येक वर्ष का नाम अलग-अलग रहता है। यह नाम ज्योतिष काल गणना के अनुसार तय किया जाता है। इस वर्ष का नाम कालयुक्त है। पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष का राजा, महामंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्य होते हैं। यदि निर्णय सागर पंचांग की बात करें तो इस वर्ष का राजा ‘चंद्र’ और मंत्री ‘शनि’ हैं। इसके अतिरिक्त अन्य ग्रह मंत्रिमंडल के सदस्य होंगे, जो पूरे वर्ष अपने दायित्वों को पूरा करेंगे।
दोस्तों, हम ऊपर आपको बता चुके हैं कि हिंदू पंचांग विक्रम संवत (Hindu panchang Vikram samwat) के अनुसार चलता है। यह ईस्वी सन से 57 वर्ष पुराना है। अब इसकी शुरुआत पर बात कर लेते हैं। दोस्तों, आपको बता दें कि इसकी शुरुआत महान पराक्रमी सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य (Great emperor Chandragupta Vikramaditya) द्वारा की गई थी।
उन्होंने शकों को पराजित किया था। उन्हीं के नाम पर इसे विक्रम संवत (Vikram samwat) पुकारा गया। आपको बता दें दोस्तों कि हिंदू पंचांग (Hindu panchang) में भी 12 महीने ही होते हैं। इसमें प्रत्येक महीने की शुरुआत कृष्ण पक्ष से होती है। दोस्तों, ब्रह्म पुराण (Brahma puran) के मुताबिक इसी तिथि को ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना की गई थी। बताया जाता है कि सतयुग (satyug) का प्रारंभ इसी तिथि को हुआ था। इसके साथ ही भगवान विष्णु (lord Vishnu) का मत्स्यावतार भी इसी दिन माना जाता है।
विक्रम संवत की गणना किस पर आधारित होती है? (On which basis Vikram samwat is calculated?)
दोस्तों, आइए अब जान लेते हैं कि विक्रम संवत की गणना किस आधार पर होती है? दोस्तों, जान लीजिए कि विक्रम संवत अथवा हिंदू पंचांग की गणना चंद्र (Chandra) पर आधारित होती है। इसमें दो पक्ष होते हैं- पहला कृष्ण पक्ष (Krishna paksh) और दूसरा शुक्ल पक्ष (Shukla paksh)। एक पक्ष 15 दिन का होता है। प्रतिपदा से अमावस्या तक कृष्ण पक्ष एवं प्रतिपदा से पूर्णिमा तक शुक्ल पक्ष होता है।
दोस्तों, प्रत्येक वर्ष के अंत में 31 दिसंबर की रात हैप्पी न्यू ईयर (happy new year) के शोर में बड़े पैमाने पर नए साल का वेलकम तो आपने बहुत देखा होगा। आज हम आपको बताएंगे कि सनातन संस्कृति की परंपरा के अनुसार हिंदू नव वर्ष का स्वागत कैसे करें।
दोस्तों, आपको बता दें कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी 9 अप्रैल, 2024 के दिन को है इसलिए इस दिन घर की अच्छे से साफ-सफाई करें। इसके पश्चात अपने घर के मुख्य द्वार यानी मेन गेट (main gate) को फूलों एवं आम के पत्तों की बंदनवार लगाकर सजाएं। ये शुभ माना जाता है। इसके पश्चात पूजा, हवन करें तथा ध्वज लगाकर नव वर्ष का स्वागत करें। अपने प्रियजनों, परिचितों को फोन पर मैसेज, कॉल आदि करके अथवा व्यक्तिगत रूप से मिलकर हिंदू नव वर्ष की शुभकामनाएं दें।
दोस्तों, आपको बता दें कि हिंदू कैलेंडर चैत्र माह से प्रारंभ होता है, जो फाल्गुन माह तक चलता है। इस कैलेंडर में कुल 12 माह होते हैं। प्रत्येक तीन वर्ष में एक अधिक माह इसमें जुड़ जाता है। इसे मलमास अथवा अधिमास पुकारा जाता है।
अधिकांश पुराने लोग हिंदी महीनों के आधार पर ही गणना (calculate) करते मिलेंगे। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों (rural areas) में आज भी विभिन्न व्रत, पर्व, त्योहार आदि की गणना लोग हिंदी महीनों के अनुसार करते हैं। यही वजह है कि नए साल पर भी विभिन्न कंपनियों द्वारा हिंदू पंचांग आदि प्रकाशित कर वितरित किए जाते हैं, ताकि लोग उनके जरिए आसानी से हिंदुओं के व्रत, त्योहार के बारे में जानकारी हासिल कर सकें। दोस्तों, यदि नव वर्ष के 12 महीनों की बात करें तो वह इस प्रकार से हैं-
- चैत्र।
- बैशाख।
- ज्येष्ठ।
- आषाढ़।
- सावन अथवा श्रावण।
- भादो अथवा भाद्रपद।
- आश्विन अथवा क्वार।
- कार्तिक।
- अगहन अथवा मार्गशीर्ष।
- पौष।
- माघ।
- फाल्गुन।
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हिंदू पंचांग किस संवत के अनुसार चलता है?
यह पंचांग विक्रम संवत के अनुसार चलता है।
विक्रम संवत की शुरूआत किसने की थी?
विक्रम संवत की शुरूआत महान सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य द्वारा की गई थी।
इस वर्ष हिंदू नव वर्ष 9 अप्रैल, 2024 से प्रारंभ होगा।
इस संबंध में हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से जानकारी दी है। आप वहां से देख सकते हैं।
इस वर्ष इस हिंदू नव वर्ष का नाम कालयुक्त होगा।
इस वर्ष का राजा कौन होगा?
इस वर्ष का राजा चंद्र होगा। साथ ही इसका महामंत्री शनि होगा।
हिंदू नव वर्ष का नाम ज्योतिष काल गणना के अनुसार तय होता है।
हिंदू नव वर्ष चैत्र माह से प्रारंभ होकर फाल्गुन माह तक चलता है।
इनकी जानकारी हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से दी है। आप वहां से देख सकते हैं।
जी हां। चैत्र नवरात्र चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही शुरू होते हैं।
दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको जानकारी दी कि हिंदू नव वर्ष की शुरुआत किसने की थी? इस वर्ष यानी 2024 में हिंदू नव वर्ष कब से प्रारंभ होगा? हिंदू नव वर्ष का स्वागत कैसे करें? उम्मीद करते हैं कि यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी। ऐसी ही जानकारीपरक पोस्ट पाने के लिए आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके बताएं। ।।धन्यवाद।।