भारत के टॉप 10 उद्यमी जिन्होंने भारत को बदला | Top entrepreneurs in India in Hindi

|| भारत के टॉप 10 उद्यमी जिन्होंने भारत को बदला | Top entrepreneurs in India in Hindi | Who is the No 1 entrepreneur in India in Hindi | भारत का सफल उद्यमी कौन है? | दुनिया में नंबर 1 उद्यमी कौन है? ||

Tata entrepreneurs in India in Hindi :- भारत एक ऐसा देश है जहाँ प्रतिभा की कोई कमी नहीं। हमारे देश के लोगों ने दुनिया तो क्या अंतरिक्ष तक में अपना परचम लहराया है। अब यदि आप भारत के सबसे धनी व्यक्तियों या प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची को ढूंढते हैं तो उन दोनों में बहुत अंतर होता (Who is the No 1 entrepreneur in India in Hindi) है। इसमें धनी सूची वालो में बहुत लोग ऐसे भी हो सकते हैं जिन्हें यह पद अपने पिता या दादा से मिला हो। कहने का अर्थ यह हुआ कि जिनका नाम आज हम सबसे धनी लोगों की सूची में सुनते हैं उनमे से अधिकांश को यह साम्राज्य उनके पिता या दादा से ही मिला हुआ होता (Who are  10 successful entrepreneurs in Hindi) है।

वही प्रभावशाली लोगों में कुछ ऐसे लोग भी आ जाते हैं जिन्हें राजनीतिक सरंक्षण मिला हुआ हो या जिन्हें पाश्चात्य सभ्यता ने आगे बढ़ा दिया (Top 10 Indian entrepreneurs in Hindi) हो। उदाहरण के तौर पर आप यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंसकी को ही ले लें जिसने अपनी मूर्खता से अपने ही देश को हमेशा के लिए अंधकार में धकेल दिया लेकिन उसे पाश्चात्य सभ्यता ने हीरो ऑफ़ द इयर कहकर प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल कर लिया है। तो ऐसे ही कई उदाहरण आपको मिल जाएंगे जो आपको इन दोनों ही सूची में मिलेंगे।

ऐसे में यदि आपको सही मायनो में धनी, प्रभावशाली लोगों के बारे में जानना है तो उसमे परिश्रम का भी मेल लगा लीजिए क्योंकि यदि इसमें परिश्रम भी जुड़ जाए तो उसे हम उद्यमी या Entrepreneurs कह सकते हैं। Entrepreneurs एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसने अपने दम पर विशाल साम्राज्य खड़ा किया हो और जिसने अपने देश या दुनिया की तस्वीर तक बदल दी हो। इसी पर आगे बढ़ते हुए आज हम आपके साथ 10 ऐसे Entrepreneurs की सूची साँझा करेंगे जिन्होंने अपने देश भारत की किस्मत को ही बदल डाला और उसे सबसे आगे वाली पंक्ति में लाकर खड़ा कर दिया।

भारत के टॉप 10 उद्यमी जिन्होंने भारत को बदला (Top entrepreneurs in India in Hindi)

आप सबसे पहले यह जान लें कि आखिरकार Entrepreneurs होता क्या है या Entrepreneurs किसे कहा जाता है। तो Entrepreneurs को हिंदी में उद्यमी कहा जाता है जिसका अर्थ होता है जो अपने दम और परिश्रम के बल पर एक पूरा बिज़नेस या कंपनी को खड़ा कर दे। कहने का अर्थ यह हुआ कि वह व्यक्ति अपने परिश्रम, प्लानिंग, लक्ष्य, उद्देश्यों के दम पर किसी काम की शुरुआत करे और उसे इतना बड़ा बना दे कि वह एक बहुत बड़ा बिज़नेस या कंपनी बन जाए और उससे लाखों लोगों को काम मिले।

भारत के टॉप 10 उद्यमी जिन्होंने भारत को बदला Top entrepreneurs in India in Hindi

तो आज के इस लेख में हम आपके साथ भारत के ऐसे ही कुछ टॉप Entrepreneurs की सूची साँझा करेंगे जिनके बारे में आपको जानना चाहिए। इनमे से बहुत के नाम आप जानते तो होंगे क्योंकि अपने काम की वजह से ये हमेशा भारत की न्यूज़ में सुर्ख़ियों में बने रहते (Top 10 entrepreneurs in India) हैं। फिर भी आपको इनके बारे में विस्तार से जानकारी इस लेख के माध्यम से जानने को मिलेगी। आइए एक एक करके उनके बारे में जाने।

धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani)

आखिरकार इस देश में महान उद्योगपति व Entrepreneurs धीरूभाई अंबानी का नाम कौन नहीं जानता होगा। आज के समय में उनके दोनों बेटे मुकेश अंबानी व अनिल अंबानी भारत के सबसे बड़े उद्योगपतियों में शामिल है। मुकेश अंबानी तो भारत ही नहीं एशिया के सबसे धनी उद्योगपति की सूची में है और विश्वभर में उनका डंका बजता है। पूरे विश्व में सबसे महंगा घर तक उनके नाम पर है जो महाराष्ट्र के मुबई शहर में स्थित है। तो हम बात कर रहे है भारत के सबसे सफल Entrepreneurs और उद्योगपति धीरूभाई अंबानी की जीवनी के बारे में।

धीरूभाई अंबानी का जीवन परिचय: अब हम धीरूभाई अंबानी जी का जीवन परिचय जानेंगे। वैसे तो आज ये हमारे बीच नहीं है और वर्ष 2002 में ही हम सभी को छोड़कर जा चुके हैं। तो धीरूभाई अंबानी जी का जन्म 28 दिसंबर 1932 को जूनागढ़, गुजरात में हुआ था। उनका पूरा नाम धीरजलाल हीराचंद अंबानी है। धीरूभाई जी ने 69 वर्ष की आयु में 6 जुलाई 2002 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनके बाद उनके दोनों पुत्रों मुकेश अंबानी व अनिल अंबानी ने उनके बिज़नेस की कमान संभाल ली थी।

धीरूभाई अंबानी Entrepreneurs के रूप में: धीरूभाई अम्बानी ने देश की सबसे बड़ी कंपनियां खोली थी जिसमे प्रमुख रिलायंस है। हम सभी ने कभी ना कभी रिलायंस के मोबाइल या नेटवर्क को इस्तेमाल किया है। आज के समय में जो हम जिओ की सिम या वाई फाई का इस्तेमाल करते हैं वह भी उनके पुत्र ही चला रहे हैं। उनके द्वारा खोली गयी 4 प्रमुख संस्थाओं के नाम है- रिलायंस इंडस्ट्रीज, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस पॉवर। उन्हें उनके काम के लिए भारत सरकार के द्वारा वर्ष 2016 में पद्म विभूषण दिया गया था। यह उन्हें मरणोपरांत मिला था।

जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा (Jehangir Ratanji Dadabhoy Tata)

आज के समय के प्रसिद्ध व दरियादिल उद्योगपति रतन टाटा को कौन नहीं जानता जो विश्व प्रसिद्ध कंपनी टाटा के मालिक है। तो इस कंपनी को खड़ा करने वाले रतन टाटा नहीं बल्कि उनके दिवंगत पिता श्री जहाँगीर रतनजी दादाभाई टाटा थे जिन्हें हम शोर्ट फॉर्म में जेआरडी टाटा के नाम से भी जानते हैं। हालाँकि अब वे इस दुनिया में नहीं है लेकिन उन्होंने अपने जीवनकाल में ऐसे काम किये थे जिसकी वजह से मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया था। आइए जाने जेआरडी टाटा जी के बारे में विस्तार से।

जेआरडी टाटा का जीवन परिचय: अब यदि हम जेआरडी टाटा जी के जीवन परिचय की बात करे तो उनका जन्म भारत देश में ना होकर फ्रांस के पेरिस शहर में हुआ था। वे 29 जुलाई 1904 को पेरिस में जन्मे थे। हालाँकि 24 वर्ष की आयु होने के बाद उन्होंने भारत की नागरिकता ले ली थी और उसके बाद ताउम्र उन्होंने भारत की नागरिकता ही बनाए रखी। उनकी मृत्यु 89 वर्ष की आयु में 29 नवंबर 1993 को हो गयी थी और उसके बाद उनकी बनाई कंपनी की कमान रतन टाटा जी ने बहुत ही अच्छे से संभाल रखी है।

जेआरडी टाटा Entrepreneurs के रूप में: अब यदि हम जेआरडी टाटा के परिश्रम व उद्यमी के रूप में बात करे तो वह भी बहुत ही अद्भुत है। तो जेआरडी टाटा ने सिविल एविएशन में इतना काम किया था कि उन्होंने भारत देश की पहली कमर्शियल एयरलाइन टाटा एयरलाइन्स की स्थापना की थी। इसके कारण उन्हें भारत की सिविल एविएशन का पितामह भी कहा जाता है। उन्होंने ही भारत की प्रसिद्ध कार कंपनी टाटा की शुरुआत की थी जिसकी बनाई कार भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपना परचम लहरा रही है। भारत देश में उनके अमूल्य योगदान के कारण ही उन्हें भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया था।

नागवार रामाराव नारायण मूर्ति (Nagavara Ramarao Narayana Murthy)

नागवार रामाराव नारायण मूर्ति जिन्हें हम एन आर नारायण मूर्ति या बस नारायण मूर्ति के नाम से भी जानते हैं, वे इस सूची में तीसरे स्थान पर आते हैं जिन्होंने सॉफ्टवेर की दुनिया में भारत का परचम लहराया। विश्व प्रसिद्ध व अंतरराष्ट्रीय सॉफ्टवेर कंपनी इनफ़ोसिस के संस्थापक व सीईओ यही है और उन्होंने ही इसे अर्श से फर्श पर पहुँचाने का काम किया है। इनकी प्रसिद्धि का अनुमान आप इसी बात से ही लगा सकते हैं कि इनकी बेटी अक्षता मूर्ति ब्रिटेन के नव निर्वाचित प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी है।

एन आर नारायण मूर्ति का जीवन परिचय: नारायण मूर्ति जी का जन्म 21 अगस्त 1946 को मैसूर, कर्नाटक में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम सुधा मूर्ति है और उनसे उनके दो बच्चे हैं जिनके नाम अक्षता मूर्ति व रोहन मूर्ति है। अक्षता मूर्ति ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी है। इस हिसाब से ऋषि सुनक नारायण मूर्ति के दामाद हो गए है। उन्होंने अपनी पढ़ाई IIT कानपुर से की थी।

एन आर नारायण मूर्ति Entrepreneurs के रूप में: अब यदि हम नारायण मूर्ति जी के करियर की बात करे तो उन्होंने इसकी शुरुआत आईआईएम अहमदाबाद में रिसर्च एसोसिएट के रूप में की थी। फिर किसी घटना के कारण इन्हें माओवादी सरकारों ने जेल में डाल दिया था जिसके बाद उन्होंने इनफ़ोसिस की नींव रखी थी। उन्होंने अपने 6 प्रोफेशनल साथियों के साथ मिल कर इसकी शुरुआत की थी और आज के समय में यह भारत की प्रमुख सॉफ्टवेर कंपनी है जिसके अंतर्गत लाखों कर्मचारी कार्य करते हैं। मूर्ति जी को उनके काम के लिए भारत सरकार ने पद्म श्री व फिर पद्म विभूषण से सम्मानित किया है।

लक्ष्मी निवास मित्तल (Laxmi Niwas Mittal)

लक्ष्मी निवास मित्तम जिन्हें हम केवल लक्ष्मी मित्तल के नाम से जानते हैं वे भारत के स्टील किंग के नाम से भी प्रसिद्ध है। ऐसा इन्हें भारत के स्टील के क्षेत्र में योगदान के कारण जाना जाता है। इन्होने भारत को नयी ऊँचाइयों तक ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जिस कारण स्टील की दुनिया में आज के समय में भारत नंबर एक पर है। आइए हम लक्ष्मी मित्तल जी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जुटा लेते हैं।

लक्ष्मी मित्तल का जीवन परिचय: लक्ष्मी मित्तल जी का जन्म राजस्थान के सादुलपुर में 15 जुलाई 1950 को हुआ था। उन्होंने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से बीकॉम की पढ़ाई की थी। उनकी पत्नी का नाम उषा मित्तल है व उनसे उनके दो बच्चे है जिसमे एक आदित्य मित्तल है। लक्ष्मी मित्तल के बाद उनकी कंपनी की कमान आदित्य मित्तल जी के पास ही आने वाली है। लक्ष्मी मित्तल के एक भाई प्रमोद मित्तल भी है जो बिज़नेस में उनका सहयोग करते हैं।

लक्ष्मी मित्तल Entrepreneurs के रूप में: लक्ष्मी मित्तल के पिता मोहनलाल मित्तल स्टील का बिज़नेस चलाते थे जिसे लक्ष्मी मित्तल ने फैक्ट्री के रूप में करना शुरू कर दिया। उस समय की भारत सरकार के द्वारा दमन की नीति अपनाए जाने और देश में आपातकाल की वजह से लक्ष्मी मित्तल ने इसकी पहली फैक्ट्री इंडोनेशिया में खोली थी। उसके बाद तो इन्होने कभी पीछे मुड़ कर ही नहीं देखा और देश विदेश में इस्पात के निर्माण की कई फैक्ट्री व माइनिंग केंद्र खोल डाले। उनके इसी काम की वजह से भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण की उपाधि से सम्मानित किया है।

घनश्याम दास बिरला (Ghanshyam Das Birla)

इस देश में केवल घनश्याम दास बिरला जी नहीं बल्कि उनका पुरा परिवार ही प्रसिद्ध है जिन्हें हम बिरला परिवार के नाम से जानते हैं। ऐसा इसीलिए क्योंकि उनका इस देश की शिक्षा पद्दति में अहम योगदान रहा है। आज के समय में हमारे देश में हजारों स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी इत्यादि बिरला जी के नाम पर है। यही नहीं कई प्रसिद्ध मंदिर भी बिरला जी के नाम पर ही है जिन्हें उनके परिवार ने बनाया है। इनकी सुंदरता देखते ही बनती है क्योंकि इन्हें सफेद संगमरमर के पत्थरों से बनाया जाता है। आइए बिरला जी के जीवन परिचय के बारे में जाने।

घनश्याम दास बिरला जी का जीवन परिचय: बिरला जी का जन्म सितंबर 1980 में हुआ था। फिर 89 वर्ष की आयु में 11 जून 1983 को उनका देहांत हो गया था। वे वैश्य समुदाय से थे जो महेश्वरी जाति से संबंध रखते थे। वे राजस्थान के पिलानी गाँव से संबंध रखते हैं और वर्तमान समय में देश का प्रसिद्ध इंजीनियरिंग कॉलेज बिट्स पिलानी इन्हीं बिरला परिवार के द्वारा बनाया हुआ है। उनके परिवार में बसंत कुमार बिरला, आदित्य विक्रम बिरला, कुमार मंगलम बिरला, चंद्र कांत बिरला इत्यादि उद्योगपति आते हैं।

घनश्याम दास बिरला जी Entrepreneurs के रूप में: अब यदि हम बिरला जी के करियर या देश के उत्थान में योगदान की बात करे तो उसमे एक प्रसिद्ध इंजीनियरिंग कॉलेज बिट्स पिलानी का नाम तो आपने जान ही लिया है। तो यह बिट्स पिलानी निजी संस्थान है लेकिन यह देश के सर्वोच्च सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज IIT के समक्ष खड़ा दिखाई देता है। इसी के साथ बिरला जी ने देश में कई स्कूल, कॉलेज, इंस्टिट्यूट, यूनिवर्सिटीज, मंदिर, शालाएं इत्यादि का निर्माण करवाया है जिससे देश के छात्रों व श्रद्धालुओं को बहुत लाभ मिला है।

दिलीप सांघवी (Dilip Shanghvi)

अब हमने कार, स्टील, स्कूल, शिक्षा, परिवहन, नेटवर्क, सॉफ्टवेर इत्यादि सभी के Entrepreneurs की बात कर ली लेकिन अब इसमें नंबर आएगा स्वास्थय का। ऐसे में यदि हम फार्मा कंपनियों में भारत की एक प्रसिद्ध कंपनी सुन फार्मा की बात करे तो उसकी स्थापना का श्रेय प्रसिद्ध उद्योगपति दिलीप सांघवी को ही जाता है। आज के समय में यह कंपनी दवाइयों के क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर है और लगभग हर डॉक्टर व मेडिकल स्टोर इसकी दवाई को लिखना या देना प्रेफर करता है।

दिलीप सांघवी का जीवन परिचय: अब यदि हम दिलीप जी के जीवन परिचय की बात करे तो उनका जन्म 1 अक्टूबर 1955 को गुजरात के अमरेली शहर में हुआ था। उन्होंने कलकत्ता यूनिवर्सिटी के भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज से पढ़ाई की थी। उनकी पत्नी का नाम विभा सांघवी है जिससे उनके दो बच्चे है। वर्तमान में वे सन फार्मा के डायरेक्टर व सीईओ का पद संभाले हुए हैं और कंपनी को नयी ऊँचाइयों पर लेकर जा रहे हैं।

दिलीप सांघवी Entrepreneurs के रूप में: अब यदि हम दिलीप सांघवी जी के करियर की बात करे तो वह भी किसी आदर्श से कम नहीं है। दिलीप जी के पिता दवाइयों का होलसेल का काम करते थे और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत अपने पिता को इस काम में सहायता करने से ही की थी। इसी को करते करते ही दिलीप जी को यह विचार आया कि वे दूसरों की दवाइयां बेचने की बजाए खुद ही इनका निर्माण करे तो कैसा रहेगा। इसके बाद उन्होंने मेडिकल के क्षेत्र में सन फार्मा जैसा विशाल साम्राज्य खड़ा कर दिया जो आज के समय में किसी के लिए भी प्रेरणा से कम नहीं है।

शिव नाडार (Shiv Nadar)

अब हम बात करते है भारत की एक और प्रसिद्ध सॉफ्टवेर कंपनी जो है एचसीएल। आप सभी ने एचसीएल का नाम भी सुन ही रखा होगा और किसी का कोई भाई या दोस्त इस कंपनी में शायद सॉफ्टवेर इंजिनियर की नौकरी भी करता हो। तो उसी की स्थापना करने वाले हैं शिव नाडार जिन्होंने इस कंपनी को कहां से कहां तक पहुंचा दिया है। तो ऐसे में आज हम शिव नाडार जी के जीवन और करियर दोनों के बारे में ही बात करेंगे।

शिव नाडार का जीवन पारिचय: शिव नाडार जी का जन्म 14 जुलाई 1945 को मद्रास, तमिलनाडु में हुआ था। उन्होंने PSG कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी से अपनी पढ़ाई की थी। उनकी पत्नी का नाम किरण नाडार है जिनसे उन्हें एक पुत्री की प्राप्ति हुई जिनका नाम रोशनी नाडार है। वर्तमान समय में शिव नाडार जी ने एचसीएल कंपनी से इस्तीफा दे दिया है और आराम का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। एचसीएल कंपनी का सब कार्यभार रोशनी नाडार जी के ही कंधो पर है।

शिव नाडार Entrepreneurs के रूप में: अब यदि हम शिव नाडार जी के काम की बात करे तो वह भी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। तो अपने करियर के शुरूआती वर्षों में शिव नाडार जी ने बहुत संघर्ष किया था और अपने दोस्तों के साथ मिल कर कई कंपनियों की नींव रखी थी। अन्तंतः वर्ष 1976 में केवल 2 लाख से भी कम रुपयों में उन्होंने एचसीएल कंपनी की नींव रखी जिसने आज के समय में अरबो का साम्राज्य खड़ा कर दिया है। अब यह एचसीएल कंपनी देश भर के लाखों लोगों को रोजगार देने का काम कर रही है।

अजीम प्रेमजी (Azim Premji)

भारत के ज्यादातर Entrepreneurs व उद्योगपति ने सॉफ्टवेर कंपनी में ही अपना नाम कमाया है और उन्होंने ही विश्वभर में अपना परचम लहराया है। तो इसी में अगला नाम आता है अजीम प्रेमजी का जिन्होंने विप्रो जैसी प्रसिद्ध सॉफ्टवेर कंपनी की नींव रखी। आज के समय में विप्रो कंपनी भी देश विदेश के हजारों प्रोजेक्ट्स को संभालने का काम कर रही है और लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा रही है। तो आइए अजीम प्रेमजी के बारे में भी कुछ मूलभूत जानकारी ले लेते हैं।

अजीम प्रेमजी का जीवन परिचय: अजीम प्रेमजी का जन्म 24 जुलाई 1945 को महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में हुआ था। उन्होंने स्तान्फोर्ड यूनिवर्सिटी से BSE की पढ़ाई की थी। वे एक गुजरती मुस्लिम परिवार में पैदा हुए थे और उनके दो पुत्रों का नाम रिषद प्रेमजी व तारिक प्रेमजी है। अजीम प्रेमजी के पिता मोहम्मद हाशिम प्रेमजी को बर्मा के राइस किंग के नाम से जाना जाता है। जब मजहबी कट्टरता की वजह से भारत के टुकड़े किये गए और उससे पाकिस्तान कटकर अलग हो गया था तब वहां के दुष्ट जिन्ना ने अजीम प्रेमजी को पाकिस्तान रहने को कहा जिसे उन्होंने उनके मुहं पर ही मना कर दिया था।

अजीम प्रेम जी Entrepreneurs के रूप में: अब यदि हम अजीम प्रेम जी के करियर के बारे में बात करे तो वह भी सबसे अलग व अद्भुत है। जब अजीम प्रेमजी मात्र 21 वर्ष के थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। उस समय अजीम प्रेमजी स्तान्फोर्ड यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे लेकिन उन्होंने उसे बीच में ही छोड़ दिया और पुनः भारत आ गए। धीरे धीरे उन्होंने भारत में सॉफ्टवेर व आईटी के भविष्य को समझा और विप्रो जैसी विशाल कंपनी की शुरुआत कर दी।

मुकेश जगतियानी (Mukesh Jagtiani)

मुकेश जगतियानी जी का नाम आपने इतना नहीं सुना होगा क्योंकि ये भारत में कम प्रिसद्ध है और मुस्लिम देश कुवैत में ज्यादा। इनका जन्म भी वहीं हुआ था लेकिन ये है भारतीय मूल के और हिंदू परिवार से। तो मुकेश जी ने रिटेल के बिज़नेस में अपना नाम कमाया है और जगह जगह अपने रिटेल स्टोर खोले हुए हैं। आज के समय में इससे करोड़ो करोड़ रुपए की कमाई हो रही है।

मुकेश जी का जीवन परिचय: अब यदि हम मुकेश जगतियानी जी के जीवन की बात करें तो उनका जन्म 15 अगस्त 1952 को हुआ था। उनका पूरा नाम मुकेश वधुमल जगतियानी है लेकिन उन्हें माइकि जगतियानी के नाम से ज्यादा जाना जाता है। उनकी पत्नी का नाम रेणुका जगतियानी है जिससे उनके तीन बच्चे है।

मुकेश जी Entrepreneurs के रूप में: मुकेश जगतियानी बहरीन आ गए थे और अपने भाई की दुकान को संभालने लगे थे। उनकी भाई की मृत्यु हो चुकी थी और उस दुकान पर बच्चों के उत्पादों को बेचने का काम किया जाता था जो कि मुख्य रूप से बच्चों की साबुन थी। करीब 10 वर्षों तक इस दुकान पर काम करने के बाद उन्होंने 6 नयी दुकाने खोल ली। इसके बाद वे दुबई चले गए और वहां पर लैंडमार्क ग्रुप नामक कंपनी की स्थापना की। फिर देखते ही देखते लैंडमार्क ग्रुप ने फैशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, होटल इत्यादि में कई स्टोर खोले और आज के समय में इनके अंतर्गत 50 हज़ार से भी अधिक कर्मचारी काम करते हैं।

आदि गोदरेज (Adi Godrej)

आपने अपने घर पर गोदरेज कंपनी का सामान इस्तेमाल किया ही होगा बल्कि आपके घर में एक से अधिक गोदरेज कंपनी के उत्पाद इस्तेमाल किये जाते होंगे। इसमें मछर मारने की हिट से लेकर, शैम्पू, सर्फ, गुड नाईट, इजी इत्यादि कई प्रसिद्ध उत्पाद आते हैं जो घर घर में इस्तेमाल किये जाते हैं। तो इसी गोदरेज कंपनी की स्थापना आदि गोदरेज जी ने की थी। आइए उनके बारे में कुछ जानकारी ले लेते हैं।

आदि गोदरेज जी का जीवन परिचय: अदि गोदरेज जी का जन्म महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में 3 अप्रैल 1942 को हुआ था। उनका पूरा नाम आदि बुरजोर्जी गोदरेज है। उन्होंने मुंबई के सेंट जविएर कॉलेज से अपनी पढ़ाई की थी। उनकी पत्नी का नाम परमेश्वर आदि गोदरेज है जिससे उनके तीन बच्चे निसाबा, पिरोज्षा व तनया अरविंद है।

आदि गोदरेज जी Entrepreneurs के रूप में: गोदरेज जी ने अपने परिवार के बिज़नेस में ही हाथ आजमाया था और उसे आगे तक लेकर गए थे। पहले उनका परिवार छोटा मोटा बिज़नेस करता था लेकिन उन्होंने consumer प्रोडक्ट्स को बनाने का निर्णय लिया। देखते ही देखते गोदरेज कंपनी के बनाए प्रोडक्ट्स FMCG में शामिल हो गए और हर घर में बिकने लगे। आज के समय में भारत के लगभग हर घर में गोदरेज कंपनी का बनाया एक ना एक प्रोडक्ट तो मिल ही जाएगा।

भारत के टॉप Entrepreneurs की सूची – Related FAQs

प्रश्न: दुनिया में नंबर 1 उद्यमी कौन है?

उत्तर: दुनिया में नंबर 1 उद्यमी बिल गेट्स है.

प्रश्न: एक उद्यमी उदाहरण कौन है?

उत्तर: एक उद्यमी उदाहरण धीरूभाई अंबानी है।

प्रश्न: भारतीय उद्यमी क्या है?

उत्तर: भारतीय उद्यमी वे हैं जिन्होंने भारत देश की अर्थव्यवस्था को उठाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

प्रश्न: भारत का सफल उद्यमी कौन है?

उत्तर: भारत का सफल उद्यमी धीरूभाई अंबानी, जेआरडी टाटा, लक्ष्मी मित्तल, नारायण मूर्ति इत्यादि है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने भारत के बेस्ट व टॉप Entrepreneurs की लिस्ट जान ली है। ये वे लोग है जिन्होंने किसी और के भरोसे नहीं बल्कि अपने दम पर उड़ान भरी थी तथा एक विशाल साम्राज्य खड़ा किया था। यही कारण है कि ये लोग हर भारतवासी के लिए हमेशा प्रेरणा के एक स्रोत रहेंगे।

शेफाली बंसल
शेफाली बंसल
इनको लिखने में काफी रूचि है। इन्होने महिलाओं की सोशल मीडिया ऐप व वेबसाइट आधारित कंपनी शिरोस में कार्य किया। अभी वह स्वतंत्र रूप में लेखन कार्य कर रहीं हैं। इनके लेख कई दैनिक अख़बार और पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।
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