UFM Rule क्या होता है? | UFM Rule के नियम, फायदे व फुल फॉर्म | UFM rule kya hota hai

|| UFM Rule क्या होता है?| UFM rule kya hota hai | UFM rule ke bare mein jankari | UFM की फुल फॉर्म | UFM के फायदे | UFM benefits in Hindi | UFM का पूरा नाम क्या है? | UFM rule meaning in hindi ||

UFM rule kya hota hai :- भारत देश में केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाली नौकरियों के लिए लाखों करोड़ो में आवेदन आते हैं जिनके तहत कई तरह की परीक्षाएं आयोजित करवाई जाती है। इसमें सरकारी अधिकारी, सेना, रेलवे इत्यादि सभी विभागों की भर्तियाँ की जाती है। देश का सबसे बड़ा एग्जाम आईएस अर्थात UPSC को माना जाता है जबकि उसके बाद लेवल 2 का एग्जाम एसएससी का होता (UFM rule kya hai) है। अब जितने छात्र आईएस की परीक्षा में नहीं बैठते है उससे दस गुणा छात्र एसएससी की परीक्षा में बैठते हैं।

वह इसलिए क्योंकि आईएस की परीक्षा बहुत ही उच्च स्तर की परीक्षा हो जाती है जिसके लिए अत्यधिक कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है वहीं एसएससी उसके सामने इतनी कठिन नही होती (UFM rule ke bare mein jankari) है। हालाँकि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए एसएससी को पास करना भी किसी पहाड़ चढ़ने जैसा मुश्किल होता है लेकिन फिर भी आईएस का तो लेवल ही अलग होता है।

तो इसी एसएससी के द्वारा हाल के ही कुछ वर्षों में UFM Rule निकाला गया है जिसकी बहुत आलोचना भी हो रही है और प्रशंसा भी। आलोचना इसलिए क्योंकि इस नियम के तहत बहुत से काबिल छात्र भी फेल कर दिए गए और प्रशंसा इसलिए क्योंकि इससे पक्षपात को रोका जा सकता (UFM rule meaning in hindi) है। तो आखिर क्या है यह UFM Rule और क्यों इसे निकाला गया। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको UFM Rule के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

UFM Rule क्या होता है? (UFM rule kya hota hai)

अब यह UFM Rule है क्या और इसे क्यों निकाला गया, इसको निकालने के पीछे क्या उद्देश्य था और इसकी फुल फॉर्म क्या होती है, इत्यादि कई प्रश्न आपके दिमाग में दौड़ रहे होंगे। तो उन सभी प्रशों का समाधान करते हुए हम सबसे पहले आपको UFM Rule के तहत बनाई गयी परिभाषा या नियम को बता देते हैं। इसके तहत आपको UFM Rule के बारे में करीब से जानने का अवसर प्राप्त होगा।

UFM Rule के नियमों के तहत यदि कोई परीक्षार्थी एसएससी की परीक्षा में भरी जाने वाली उत्तर तालिका में अपने से संबंधित या काल्पनिक कोई भी निजी जानकारी लिखता है जिससे कि उसकी पहचान उजागर हो जाए तो उसे परीक्षा में जीरो नंबर दिए जाएंगे या फिर उसकी उत्तर पुस्तिका को जांचा ही नहीं जाएगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि UFM के नियम के तहत किसी भी छात्र को अपनी पहचान उजागर करने से मना किया गया है।

UFM Rule क्या होता है? | UFM Rule के नियम, फायदे व फुल फॉर्म | UFM rule kya hota hai

अब आप कहेंगे कि यह पहचान कौन कौन सी हो सकती है और यदि आपने अपनी पहचान ही नहीं बताई तो फिर यह कैसे पता चल पाएगा की वह उत्तर तालिका आपकी है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि यहाँ पर आपको केवल अपना स्पेशल नंबर या कोड ही लिखना होगा और अपना थंब इम्प्रैशन अर्थात अंगूठे की छाप छोडनी होगी। इसके अलावा अन्य निजी जानकारी जैसे कि आपका नाम, रोल नंबर, पता, मोबाइल नंबर इत्यादि जानकारी नहीं लिखनी होगी।

इसी के साथ UFM में कई अन्य नियम भी जोड़े गए हैं जिनका पालन किया जाना सभी छात्रों के लिए बहुत ही जरुरी होता है। तो इन्हें जानने से पहले आपको UFM की फुल फॉर्म जान लेनी चाहिए ताकि आपको इसके बारे में स्पष्टता हो जाए। तो आइए जाने UFM की फुल फॉर्म और उसके नियम इत्यादि।

UFM की फुल फॉर्म क्या है? (UFM full form in Hindi)

तो अब हम बात करेंगे कि इस UFM की फुल फॉर्म क्या है और क्यों इसे यही नाम दिया गया। तो UFM की फुल फॉर्म होती है अनफेयर मीन्स (UnFAir Means)। अब यह अंग्रेजी भाषा का शब्द है जिसमे UnFAir का U व F लिया गया जबकि Means का M लिया गया और इस तरह इसकी शोर्ट फॉर्म UFM बनी। चूँकि यह एक नियम है तो इसे हम UFM नियम या UFM Rule के नाम से जानते (UFM ka full form in Hindi) हैं। अब इसे हम हिंदी भाषा में जानने का प्रयास करें तो उसका मतलब होता है अत्यधिक, अनुचित या भ्रामक जानकारी।

तो इस तरह से जो परीक्षार्थी एसएससी की परीक्षा में अनुचित जानकारी लिखता है या भ्रामक जानकारी उपलब्ध करवाता है या एसएससी के नियमों की अनदेखी करते हुए उत्तर तालिका या पुस्तिका में अत्यधिक जानकारी भर देता है तो उस पर एसएससी नियम या UFM Rule के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

UFM का मतलब (UFM ka matlab)

ऊपर आपने UFM की फुल फॉर्म जान ली लेकिन आप इसके मतलब को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति में होंगे। हमने आपको बताया कि UFM की फुल फॉर्म अनफेयर मीन्स होती है अर्थात नियम विरुद्ध जानकारी (UFM ka matlab kya hota hai) देना। तो इसका मतलब केवल अपनी निजी पहचान उजागर करने से ही नहीं होता है बल्कि आपको एसएससी की परीक्षा देते समय उसकी उत्तर पुस्तिका में कुछ भी ऐसी जानकारी नहीं लिखनी होती है जो एसएससी के द्वारा माना की गयी हो।

आपको केवल उस पर वही जानकारी भरनी है जिसके बारे में एसएससी के द्वारा जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है या जिसके बारे में उत्तर तालिका में पूछा गया (UFM ka matlab kya hai) है। इसके अलावा आपको बस सही उत्तर का चुनाव करना होता है। यदि आप इसके विरुद्ध कार्य करते हैं तो फिर एसएससी विभाग आपके विरुद्ध कार्यवाही करने को स्वतंत्र होता है और आपको शून्य अंक दे देता है।

UFM के नियम क्या है? (UFM rules in Hindi)

UFM की परिभाषा तो आपने जान ली लेकिन इसके तहत केवल एक ही नियम नहीं बनाया गया है बल्कि कई अन्य नियम भी इसी में निहित होते हैं। यही कारण है कि पहले हमने आपको UFM की फुल फॉर्म और उसके मतलब को समझाया ताकि आपको इसके नियम समझने में कठिनाई ना हो। तो अब हम UFM नियमों के बारे में विस्तार से चर्चा करने वाले हैं।

यदि आप एसएससी की तैयारी कर रहे हैं या भविष्य में इसकी परीक्षा देने वाले हैं तो आपको अब का यह लेख ध्यान से पढ़ना चाहिए और इसे अपने दिमाग में बिठा लेना चाहिए। वह इसलिए क्योंकि यदि आपने इसमें से एक भी गलती की तो फिर चाहे आपने कितना ही अच्छा पेपर दिया हो, आपको शून्य अंक ही मिलेंगे।

  • UFM के नियम के तहत सबसे पहला नियम तो यही है कि आपको अपनी निजी पहचान उजागर करने वाली कोई भी जानकारी उत्तर पुस्तिका में नहीं लिखनी होगी। यदि आपने कोई भी ऐसी जानकारी वहां लिखी तो आपकी कॉपी को चेक ही नहीं किया जाएगा।
  • अब आप अपना दिमाग लगाते हए यह सोच रहे हैं कि आप अपनी निजी जानकारी ना लिखकर किसी और की जानकारी या कोई काल्पनिक जानकारी इस पर लिख दें तो क्या होगा। तो कहने का तात्पर्य यह है कि आप चाहे अपनी निजी जानकारी लिखें या किसी और की या कोई काल्पनिक, तीनों ही स्थिति में आपको शून्य अंक दे दिए जाएंगे।
  • बहुत से छात्रों की यह आदत होती है कि वे उत्तर पुस्तिका के पीछे रफ वर्ड करने लग जाते हैं तो यह भी नहीं करना होगा। रफ वर्ड करने के लिए आप प्रश्न पत्र या अलग से पेपर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आपने उत्तर पुस्तिका में किसी भी प्रकार का रफ वर्क किया तो भी आपको शून्य अंक ही दिए जाएंगे।
  • आपको कहीं भी अपने हस्ताक्षर भी नहीं करने है। यदि उत्तर पुस्तिका में कहीं भी आपके हस्ताक्षर दिखाई दे जाते हैं तो उसमे उसी समय शून्य अंक दे दिए जाएंगे।
  • यदि छात्र के द्वारा किसी प्रकार का निबंध लिखा जा रहा है और वह उसकी लिमिट को क्रॉस कर देता है और उससे 10 प्रतिशत अधिक लिख देता है तो यह भी UFM Rule के अंतर्गत ही माना जाएगा।

तो एक तरह से आपको बस यह ध्यान रखना है कि आपसे उत्तर पुस्तिका में जो भी जानकारी पूछी गयी है, आप केवल उसी का ही उत्तर दें और वही जानकारी लिखें। यदि आप एक्स्ट्रा स्मार्ट बनते हुए ज्यादा जानकारी देते हैं तो फिर आपको कुछ भी अंक नहीं मिल पाएंगे।

UFM Rule किस एग्जाम पर लगता है? (UFM rule keha lagta hai)

आपने यह तो जान लिया है कि यह UFM Rule एसएससी की परीक्षा पर लगता है लेकिन एसएससी का भी तो एक लेवल थोड़ी ना होता है। इसमें बारहवीं पास और स्नातक दोनों के लिए अलग अलग परीक्षाएं आयोजित करवाई जाती है। तो ऐसे में क्या यह UFM Rule दोनों ही परीक्षाओं पर एक समान रूप से लागू होता है या यह इनमें से किसी एक परीक्षा पर ही लागू होता है!! तो यहाँ हम आपको बता दें कि यह UFM Rule दोनों ही परीक्षाओं पर लागू होता है।

इसी के साथ दोनों तरह की ही परीक्षाओं में दो लेवल की परीक्षा आयोजित करवाई जाती है जिसे हम प्रीलिम्स व मुख्य परीक्षा के नाम से जानते हैं। तो इनमे से यह दोनों पर लागू होता है या एक पर ही। तो यहाँ हम स्पष्ट कर दें कि पिछले कुछ वर्षों से एसएससी की प्रीलिम्स परीक्षा कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन होने लगी है तो उस पर UFM का नियम लागू नहीं होता है जबकि उसकी मुख्य परीक्षा को ऑफलाइन तरीके से आयोजित करवाया जाता है।

वह इसलिए क्योंकि इसमें प्रश्नों के उत्तर को चुनना नहीं होता है बल्कि उस पर लिखना होता है। तो इसी मुख्य परीक्षा में UFM Rule लागू होता है। तो एसएससी के द्वारा आयोजित करवाई जाने वाली मुख्य परीक्षा फिर चाहे वह बारहवीं पास के लिए हो या ग्रेजुएशन किये हुए छात्रों के लिए, दोनों में ही UFM Rule लागू होगा।

UFM Rule को लेकर विवाद (UFM rule vivad kya hai)

जब से एसएससी के द्वारा UFM Rule को लागू किया गया है तब से लेकर ही इसमें विवाद चल रहा है। वह इसलिए क्योंकि बहुत से ऐसे छात्र जिन्होंने एसएससी की प्रीलिम्स में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था फिर भी UFM Rule के तहत उन्हें मुख्य परीक्षा में शून्य अंक दे दिए गए। अब ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत से छात्र जानकारी के अभाव में या गलती से उत्तर पुस्तिका में यह जानकारी लिख देते हैं या रफ वर्क कर देते हैं। इस कारण UFM Rule के तहत उन्हें शून्य अंक दे दिए जाते हैं।

अब जो भी छात्र एसएससी के लिए तैयारी कर रहे होते हैं वे बहुत ही जी जान लगाकर इसके लिए मेहनत करते हैं और वर्षों वर्ष तक इसमें लगे रहते है। ऐसे में उनकी एक छोटी सी गलती के कारण उनकी उत्तर पुस्तिका को ही रिजेक्ट कर देना आखिरकार कहां का न्याय है। लेकिन नियम तो नियम होता है और इसका पालन किया जाना सभी के लिए समान रूप से ही लागू होता है।

UFM के फायदे (UFM benefits in Hindi)

अब इस UFM Rule के क्या कुछ फायदे देखने को मिलते हैं और इसे किस उद्देश्य के तहत लाया गया था, यह जानना भी तो आपके लिए जरुरी है। तभी तो आपको UFM का महत्व समझ में आएगा। तो एसएससी के प्रीलिम्स को तो कंप्यूटर चेक करता है और उसमे किसी भी प्रकार के भेदभाव की कोई संभावना नहीं होती है जबकि एसएससी की मुख्य परीक्षा को सरकारी अधिकारियों, एसएससी के शिक्षा अधिकारियों और जांचकर्ताओं के द्वारा चेक किया जाता (UFM ke fayde kya hai) है।

तो अब उत्तर पुस्तिका में किसी छात्र की निजी जानकारी जैसे कि नाम, फोन नंबर या जगह लिखी होती थी तो इससे भेदभाव होने की संभावना बढ़ जाती थी। मान लीजिए कोई जांचकर्ता अपनी जाति के या अपने राज्य के परीक्षार्थी को ज्यादा नंबर दे और दूसरे की जाति या जगह के प्रति दुर्भावना के तहत उसे कम अंक दे। तो इसी की काट के लिए यह UFM Rule लाया गया।

इसी के साथ बहुत बार यह भी देखने में आया था कि छात्रों के द्वारा अपना नंबर देकर जांचकर्ताओं को लालच देने या रफ वर्क में उलट पुलट जानकारी देकर उत्तर पुस्तिका के जांचकर्ता को भ्रमित करने का प्रयास किया जाता था। तो इन्ही सब चीज़ों को ख़त्म करने के लिए एसएससी के द्वारा UFM जैसा कठोर नियम लाया गया।

UFM Rule क्या है – Related FAQs

प्रश्न: UFM में क्या होता है?

उत्तर: UFM में यदि कोई परीक्षार्थी एसएससी की परीक्षा में नियमों के विरुद्ध जानकारी देता है तो उसके अंक काट लिए जाते हैं। इसके बारे में पूरी जानकारी के लिए इस लेख को पढ़े।

प्रश्न: UFM का पूरा नाम क्या है?

उत्तर: UFM का पूरा नाम अनफेयर मीन्स होता है।

प्रश्न: क्या UFM Rule सभी पर लागू होता है?

उत्तर: UFM Rule केवल एसएससी की मुख्य परीक्षा पर लागू होता है।

प्रश्न: UFM को लेकर क्या विवाद है?

उत्तर: UFM को लेकर सबसे बड़ा विवाद यही है कि इससे कई योग्य परीक्षार्थी भी जानकारी के अभाव में शून्य अंक लेकर आ रहे हैं।

https://www.youtube.com/watch?v=uyNAsu0Js2A

तो इस तरह आपने इस लेख के माध्यम से UFM Rule के बारे में संपूर्ण जानकारी ले ली है। ऐसे में यदि आप भी एसएससी की तैयारी कर रहे हैं तो आप चाहे इस लेख को वापस पढ़ ले लेकिन UFM के नियमो से संबंधित किसी भी तरह की कोताही ना बरतें अन्यथा आपकी सब मेहनत बेकार चली जाएगी।

शेफाली बंसल
शेफाली बंसल
इनको लिखने में काफी रूचि है। इन्होने महिलाओं की सोशल मीडिया ऐप व वेबसाइट आधारित कंपनी शिरोस में कार्य किया। अभी वह स्वतंत्र रूप में लेखन कार्य कर रहीं हैं। इनके लेख कई दैनिक अख़बार और पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।
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