आज ऑनलाइन का जमाना है। कोई भी सामान मंगाना हो आपको उसके लिए घर के बाहर जाने की जरूरत नहीं। ऑनलाइन आर्डर के बाद डिलीवरी घर पर ही हो जा रही है। दोस्तों, इसी तरह यूपी एफआईआर स्टेटस ऑनलाइन घर बैठे ही चेक किया जा सकता है। आज हम आपको इस पोस्ट के जरिये बताएंगे कि एफआईआर क्या है? जीरो एफआईआर किस स्थिति में कराई जाती है? आप यूपी एफआईआर स्टेटस ऑनलाइन चेक कैसे कर सकते हैं। आइए, शुरू करते हैं-
एफआईआर क्या होती है? What is an FIR?
इससे पहले हम आपको यह बताएं कि यूपी एफआईआर स्टेटस ऑनलाइन चेक कैसे करें, आइए पहले जानते हैं कि एफआईआर क्या होती है। दोस्तों इसकी फुल फाॅर्म होती है – First Information Report. इसे हिंदी में सूचना प्राथमिकी भी पुकारा जाता है। अपराध दो तरह के होते हैं असंज्ञेय अपराध और संज्ञेय अपराध। असंज्ञेय अपराध बेहद मामूली प्रकृति के हाते हैं जैसे कि मारपीट आदि।
ऐसे मामले में सीधे तौर पर एफआईआर नहीं होती। शिकायत मजिस्ट्रेट को रेफर की जाती है और वही इस मामले में आरोपी को समन जारी कर सकते हैं, इसके पश्चात ही कार्रवाई शुरू होती है। संज्ञेय अपराध गंभीर किस्म के अपराध होते हैं। मसलन गोली चलाना, हत्या, बलात्कार आदि। इनमें सीधे एफआईआर दर्ज की जाती है। सीआरपीसी की धारा 154 के तहत पुलिस को संज्ञेप अपराध के मामले में सीधे एफआईआर दर्ज करनी जरूरी की गई है।
योजना का नाम | यूपी एफ आई आर स्टेटस ऑनलाइन |
लाभार्थी | उत्तर प्रदेश राज्य के नागरिक |
मोबाइल एप्प | UPCOP |
उद्देश्य | राज्य के सभी नागरिको घर बैठे ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध करवाना |
यूपी एफ आई आर स्टेटस | ऑनलाइन उपलब्ध |
साल | 2022 |
आधिकारिक वेबसाइट | https://cctnsup.gov.in/Citizen/Login.aspx |
जीरो एफआईआर क्या है? What is zero FIR?
मित्रों, आपने जीरो एफआईआर के बारे में जरूर सुना होगा। आइए, अब आपको बताते है। कि जीरो एफआईआर क्या होती है। दोस्तों, यदि शिकायती के साथ किया गया अपराध उस थाने के न्याय क्षेत्र में न हुआ हो, जहां शिकायती शिकायत लेकर पहुंचा हो तो भी पुलिस को शिकायत के आधार पर केस दर्ज करना ही होगा। बाद में इस शिकायत को संबंधित थाने में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
इस तरह की सूचना प्राथमिकी को जीरो एफआईआर पुकारा जाता है। इस तरह की एफआईआर कई रेप केसेज में देखी गई है, जहां आरोपी किसी अन्य स्थान का रहने वाला था। ऐसे में न्याय क्षेत्र संबंधित न होने पर भी आरोपी के खिलाफ जीरो एफआईआर करा दी गई। यह देश में न्याय मिलने की प्रक्रिया को भी पुख्ता करने की ओर एक कदम है।
यूपी पुलिस ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध अन्य सुविधाएं – [Other facilities available on UP Police Online Portal -]
प्राथमिकी देखें (View FIR) | ई-प्राथमिकी पंजीकरण (Register E-FIR ) | खोयी वस्तु का पंजीकरण (Report Lost Article) | अपना थाना जानें (Know Nearest Police Station) |
दुर्घटना चेतावनी क्षेत्र (Accident Alert Area) | चुराये गये,बरामद वाहन (Stolen,Recovered Vehicle ) | चरित्र प्रमाणपत्र (Character Certificate ) | घरेलू सहायता सत्यापन (Domestic Help Verification) |
कर्मचारी सत्यापन (Employee Verification) | किरायेदार सत्यापन (Tenant Verification) | जुलूस अनुरोध Procession Request | कार्यक्रम ,प्रदर्शन निवेदन (Event Performance ) |
विरोध ,हड़ताल पंजीकरण अनुरोध (Protest, Strike Request) | पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Postmortem Report) | फिल्म शूटिंग (Film Shooting) | वरिष्ठ नागरिक (Senior Citizen ) |
स्थिति खोजें/डाउनलोड करें (Search Status, Download ) | ख़राब ब्यवहार (Report Misbehavior) | दिव्यांग (Divyang) | सूचनाएं साझा करें (Share Information ) |
आपातकालीन हेल्पलाइन (Emergency Helpline) | लापता व्यक्ति (Missing Person) | साइबर जागरूकता (Cyber Awareness) | गिरफ्तार अभियुक्त (Arrested Accused ) |
Unidentified Dead Bodies (अज्ञात शव) | फ़ोन मिलाये( Call Us) | इनामी अपराधी (Rewarded Criminals) |
यूपी एफआईआर ऑनलाइन कैसे दर्ज करें? [How to Register UP FIR Online?]
यदि आप उत्तर प्रदेश के नागरिक हैं। और घर बैठे ऑनलाइन एफ आई आर दर्ज कराना चाहते हैं, तो आप को यह सुविधा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की गई है। आप अपने लैपटॉप मोबाइल का उपयोग करके ऑनलाइन एफ आई आर दर्ज करा सकते हैं। घर बैठे एफ आई आर दर्ज कराने के लिए आपके साथ पास दो ऑप्शन उपलब्ध है –
- ऑफिशल वेबसाइट – https://uppolice.gov.in/ के माध्यम से
- मोबाइल ऐप – UPCOP के माध्यम से
नोट – यदि आपके साथ कोई अप्रिय घटना घटित हो गई है। और आप उस पर तुरंत कार्रवाई चाहते हैं। तो आपको ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराने के बजाय 100 नंबर पर कॉल करके शिकायत करनी चाहिए। 100 नंबर पर कॉल करके शिकायत करने पर आपको तुरंत सहायता प्रदान की जाएगी।
यूपी पुलिस ऑनलाइन पोर्टल पर एफआईआर कैसे दर्ज करें? [How to Register FIR on UP Police Online Portal?]
ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से एफ आई आर दर्ज करने के लिए आपको नीचे बताए जा रहे हैं आसान से स्टेटस को फॉलो करना होगा। आप यहां बताए जा रहे हैं इस टैक्स को फॉलो करके ऑनलाइन f.i.r. बड़ी आसानी से दर्ज करा सकते हैं –
- ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से एफ आई आर दर्ज कराने के लिए सबसे पहले विभाग की ऑफिशल वेबसाइट https://uppolice.gov.in/ पर जाना होगा। आप चाहे तो यहां क्लिक करके डायरेक्ट भी वेबसाइट पर जा सकते हैं।
- ऑफिशियल वेबसाइट के होम पेज पर आपको eFIR फैसिलिटी सेक्शन मिल जाएगा। यहां पर उपलब्ध e-fir ऑप्शन पर आपको क्लिक करना है।
- e-FIR ऑप्शन पर क्लिक करने के पश्चात आपके सामने एक नया पेज ओपन होगा। यहां पर आपको अपने अकाउंट में लॉग इन करने को कहा जाएगा। यदि आपके पास पहले से अकाउंट है तो आप अपने अकाउंट में लॉगिन कर सकते हैं नहीं तो आप अपना एक नया अकाउंट बना सकते हैं।
- अकाउंट में लॉग इन करने के पश्चात आपके सामने नीचे दिखाए जा रहे इमेज की तरह ऑनलाइन एफआईआर पंजीकरण फॉर्म ओपन होकर आ जाएगा। इस फार्म में आपको पूछी गई सभी जानकारियां सही-सही भरनी है।
- ध्यान रहे – यदि आप कोई भी जानकारी गलत प्रदान करते हैं। तो आप किसी के खिलाफ गलत कारक f.i.r. दर्ज कराते हैं, तो आप के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- एफआईआर फॉर्म भरने के पश्चात आपको फॉर्म सबमिट बटन पर क्लिक करके अपना फॉर्म सबमिट कर देना है। जैसे ही आप अपना फॉर्म सबमिट करेंगे। आपकी एफ आई आर दर्ज हो जाएगी अब आपकी एफआईआर को मद्देनजर रखते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी। जिसकी जानकारी आपको मैसेज के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
- इसके साथ ही आपको अपने अकाउंट में लॉगिन करके अपने एफ आई आर की स्थित को भी ऑनलाइन चेक कर सकते हैं।
UPCOP ऐप के माध्यम से ऑनलाइन एफआईआर कैसे दर्ज करें? [How to register FIR online through UPCOP App?]
यूपी पुलिस के द्वारा प्रदेश के नागरिकों को अपनी सेवाएं सुविधाजनक पहुंचाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल के साथ-साथ मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है। जितनी सुविधाएं यूपी पुलिस की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। उन सभी सेवाओं का उपयोग आप ऑफिशियल ऐप के माध्यम से भी प्राप्त कर सकते हैं। पोर्टल का उपयोग करने से ज्यादा अच्छा एवं सुविधाजनक ऐप का उपयोग करना है। ऐप के माध्यम से आप ऑनलाइन एफआईआर कैसे दर्ज कर सकते हैं। इसकी स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया नीचे बताई जा रही है जिसका उपयोग करके आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं –
- मोबाइल ऐप के माध्यम से ऑनलाइन एफ आई आर दर्ज कराने के लिए सबसे पहले आपको ऑफिशियल UPCOP Mobile App Download करना होगा। इसके लिए आपको अपने मोबाइल के प्ले स्टोर या ऐप स्टोर को ओपन करना होगा। और UPCOP डालकर सर्च करना होगा आप चाहे तो यहां क्लिक करके डायरेक्ट भी है डाउनलोड कर सकते हैं।
- UPCOP Mobile App Download करने के पश्चात आपको ऐप को ओपन करना होगा। और एक नया अकाउंट बनाना होगा यदि आपके पास पहले से ही कोई अकाउंट है तो आप अपने पुराने अकाउंट में भी लॉगिन कर सकते हैं।
- अकाउंट में लॉगिन करने के पश्चात तो आपके सामने डैशबोर्ड ओपन होगा। यहां पर नागरिकों के लिए उपलब्ध सभी सेवाओं की लिस्ट दे रही दिखाई देगी। आप यहां पर जो सुविधा उपयोग करना चाहते हैं, उस पर क्लिक कर सकते हैं। जैसे आप एफ आई आर दर्ज कराना चाहते हैं, तो आप FIR ऑप्शन पर क्लिक करें।
- जैसे ही आप इस ऑप्शन पर क्लिक करेंगे। आपके सामने एक फॉर्म ओपन होकर आ जाएगा। इस बार मैं पूछी गई सभी जानकारी आपको सही-सही भरनी है एवं फार्म को सबमिट कर देना।
- जैसे ही आप वह फॉर्म को सबमिट कर देते हैं। आप की प्राथमिकी दर्ज हो जाती है। और संबंधित थाने द्वारा आपके प्राथमिकी पर उचित कार्रवाई की जाएगी। आप कभी भी अपने मोबाइल ऐप में लॉग इन कर के अपने f.i.r. की स्थित को चेक कर सकते हैं।
यूपी एफआईआर स्टेटस ऑनलाइन चेक कैसे करें? How to check UP FIR status online?
एफआईआर का स्टेटस ऑनलाइन चेक करने के लिए एक बेहद ही आसान सी प्रक्रिया है। इसके लिए आपको कुछ निर्धारित स्टेप्स फाॅलो करने होंगे, जो कि इस प्रकार से हैं-
Total Time: 20 minutes
ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट करें –
यूपी एफआईआर स्टेटस ऑनलाइन चेक करने के लिए सबसे पहले आपको यूपी पुलिस सिटीजन पोर्टल https://cctnsup.gov.in/Citizen/Login.aspx पर जाना होगा। आप यहाँ क्लिक करके डायरेक्ट पोर्टल पर जा सकतें हैं।
अपने अकाउंट में लॉगिन करें –
इस पेज पर आपके सामने सिटीजन लाॅगइन और पासवर्ड का विकल्प होगा। यहां आपको अपनी लाॅगइन आईडी या मोबाइल नंबर और पासवर्ड डालना होगा। इसके पश्चात कैप्चा कोड डालकर लाॅगइन पर क्लिक कर दें।
पहले से काम नहीं है तो, नया अकाउंट बनाएं –
यदि आपका पहले से पोर्टल पर अकाउंट नही है तो आप अपना नया अकाउंट बना सकतें हैं।
प्राथमिक की देखें ऑप्शन पर क्लिक करें –
यहां आपके स्क्रीन पर सिटीजन डेश बोर्ड खुल जाएगा, जिसमें यूपी पुलिस की ओर से दी जाने वाली सारी सेवाओं का ब्येारा होगा। यहां आपको प्रथिमिकी देखें आप्शन पर क्लिक करना होगा। आपके सामने एक फाॅर्म खुल जाएगा।
एफ आई आर नंबर पर क्लिक करें –
इसके पश्चात इस फाॅर्म में आपको एफआईआर नंबर, जिला, पुलिस स्टेशन और वर्ष पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपको यहां सबमिट के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
अपने एफ आई आर स्टेटस को प्रिंट करें –
इसके बाद आपकी स्क्रीन पर दर्ज की गई एफआईआर का ब्योरा सामने आ जाएगा। जिसे आप डाउनलोड या प्रिंट भी कर सकतें हैं। दोस्तों, आपने देखा कि कितनी आसानी से आप यूपी एफआईआर स्टेटस ऑनलाइन चेक कर सकते हैं।
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यूपी एफआईआर स्टेटस ऑनलाइन चेक करने के उद्देश्य, विशेषता और इसके लाभ
- उत्तर प्रदेश में यह अपनी तरह की पहली योजना है।
- पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी।
- घर बैठे ही ऑनलाइन एफआईआर हो सकेगी।
- एक क्लिक में ही एफआईआर का पूरा ब्योरा सामने होगा।
- लोगों के साथ ही पुलिस की भी टाइम की बचत।
- एफआईआर के कार्य में पारदर्शिता।
एफआईआर कई मामलों में बेहद जरूरी –
साथियों, जैसा कि आप जानते ही हैं कि एफआईआर एक ऐसा दस्तावेज है, जिसके आधार पर दोशी को सजा दिलाने के लिए पुलिस कार्रवाई शुरू करती है। मसलन यदि आपका सामान चोरी हो जाए तो बीमा क्लेम कराने के लिए आपको एफआईआर करानी ही होगी। इसके अतिरिक्त यदि आपके किसी दस्तावेज या वस्तु के दुरूपयोग का खतरा हो, जिससे आप किसी अपराध में फंस जाएं, जो आपने किया नहीं, ऐसी स्थिति से बचने के लिए भी आपको एफआईआर कराना जरूरी है।
मसलन आपका मोबाइल खो गया हो तो आपके लिए एफआईआर कराना जरूरी है, वरना यह हो सकता है कि जिसने आपका मोबाइल चुराया हो वह किसी को उस फोन के जरिये धमकी दे तो ऐसे में वह क्योंकि आपका ही फोन है तो उसमें दस्तावेज के आधार पर आपको आरोपी बना दिया जाएगा। यदि आपने एफआईआर कराई होगी तो यह साबित हो जाएगा कि फोन चोरी हुआ था और उसका इस्तेमाल आप नहीं कर रहे थे।
यूपी बड़ा प्रदेश, ऐसे में क्राइम रेट भी ज्यादा –
साथियों, आपको बता दें कि यूपी डायल की एक एफआईआर योजना का प्रोजेक्ट पिछले छह सात माह से गाजियाबाद में संचालित किया जा रहा है। देश का सबसे बड़ा राज्य होने की वजह से अपराध का ग्राफ भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इस वजह से यहां थानों और चैकियों में भीड़भाड़ भी बहुत रहती है।
लोग एक से दूसरी जगह एफआईआर कराने के लिए घूमते रहते हैं। ऐसी स्थिति में एफआईआर कराने में बहुत समय लगता है। लेकिन यूपी एफआईआर स्टेटस ऑनलाइन चेक होने यानी सर्च हो जाने की वजह से इन हालात में कमी देखने को मिली है।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों की क्राइम कैपिटल के रूप में है पहचान –
मित्रों, आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों की पहचान क्राइम कैपिटल के रूप में ही है। इसमें पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, बागपत आदि जिले शुमार हैं। यहां बात बात पर गोली चल जाती है। गाली गलौज, मारपीट तो बेहद आम बात है और खास बात यह है कि लोग छोटी छोटी बातों के लिए एफआईआर कराते हैं। थाना, कचहरी चलता है। सालों तक मुकदमे चलते हैं और रंजिश के चलते एक दूसरे के खानदान तक को खत्म कर देने से लोग नहीं चूकते। बदमाश जेल से ही रंगदारी चलाते हैं। उनके नाम पर लाखों का लेन देन होता है। जेल के भीतर ही उनके पास मोबाइल समेत ऐशो आराम के तमाम साधन मौजूद मिले हैं।
कई मामलों में जांच भी बैठी है और यह सारी बातें सच साबित हुई हैं। सच तो यह है कि इस राज्य की सीमा से लगे प्रदेशों में भी यहां के लोग जाकर अपराध में करते हैं। ऐसा कई मामलों में सामने आया है। सन् 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर बने उत्तराखंड में होने वाले अपराधों में अधिकांशत उत्तर प्रदेश के ही इन जिलों के अपराधियों का हाथ होता है। वह अपराध करके सीमा से बाहर निकल जाते हैं और पुलिस वालों के लिए इन्हें पकड़ पाना बहुत आसान नहीं होता। जब तक औपचारिकताएं पूरी होती हैं, तब तक वह इनकी जद से बहुत दूर निकल जाते हैं।
अक्सर उत्तराखंड में होने वाली चेन लूट, हत्या जैसे अपराधों में उत्तर प्रदेश की इन क्राइम कैपिटल मानी जाने वाली जगहों के अपराधियों का नाम सामने आया है। यहां के अपराधी पुलिस से बचने के लिए भी आस पास के राज्यों में भेश बदलकर रहते हैं। ऐसे भी कई मामले सामने आए हैं।
ऑनर किलिंग जैसे अपराध भी सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, हरियाणा में –
आपको बेशक सुनकर धक्का लगेगा, लेकिन आपको बता दें कि ऑनर किलिंग जैसे अपराध भी सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश और हरियाणा में हो रहे हैं। यहां की बंजर धरती में सालों से मोहब्बत के फूल खिलते हैं, जिन पर इंसानी रंगों से होली खेली जाती है। आलम यह है कि इज्जत के नाम पर प्रेम का बंधन बांध शादी करने वाले युगलों की जान ले ली जाती है। इसमें पुलिस खामोश रहती है तो समाज भी मूक दर्शक बना रहता है।
ऐसे युगलों के माता पिता को लगता है कि उन्होंने बच्चों की जान को लेकर इज्जत को न मिटने दिया। खास तौर पर पश्चिमी यूपी के गांवों में इस तरह के बहुत मामले देखने को मिलते हैं। वहां इस तरह के केसेज इसलिए भी अधिक होते है, क्योंकि खाप, पंचायतों के फैसले होते हैं और उन फैसलों को कानून की तरह फॉलो किया जाता है। जो इन फेसलों को मानने से इन्कार करता है उसका हुक्का पानी बंद कर दिया जाता है, बिरादरी से बाहर कर दिया जाता है। इस सामाजिक बहिष्कार से बचने के चक्कर में भी कई मां-बाप अपने बच्चों पर जुल्म करने को मजबूर होते हैं।
एफआईआर वापस लेने के लिए दबाव भी –
मित्रों, आप भी जानते ही होंगे कि यदि मामला हाईप्रोफाइल हो तो कई बार एफआईआर वापसी का भी दबाव होता है। ऐसा उन मामलों में ज्यादा होता है, जहां पक्ष ऊंचे और दूसरा पक्ष उससे नीचे के वर्ग से संबंधित हो। ऐसे मामलों में एक वर्ग सुलह के नाम पर एफआईआर वापस लेने का भी दबाव बनाता है। ऐसे कई मामलों में पुलिस भी कई बार मध्यस्थ का काम करती है। वह पैसे या अन्य किसी दबाव के जरिये एफआईआर वापस लेने के लिए एक पक्ष पर दबाव डालती है।
कुछ मामलों में एक पक्ष समझौते को तैयार हो भी जाता है, लेकिन कई मामलों में पेच फंस जाता है, जब एक वर्ग एफआईआर वापस न लेने पर अड़ जाता है। ऐेसे में मामला लंबा चलता है और अदालत में इसका फैसला हो पाता है। आपको पता ही है कि पुलिस से जुडे़ इस तरह के कई मामलों पर बाॅलीवुड में फिल्में भी बनी हैं।
इनमें गर्दिश आदि के नाम प्रमुखता से लिए जा सकते हैं। ऐसी फिल्मों को दर्शकों का भरपूर स्नेह भी मिला है, क्योंकि कहानी आम आदमी की जिंदगी से जुड़ी होती है और दर्शकों को नायक में अपना अक्स नजर आता है।
महिलाओं के प्रति अपराध भी तेजी से बढ़े हैं –
देश का कोई भी बड़ा राज्य उठा लीजिए, वहां महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में भी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। इनमें घरेलू हिंसा एक महत्वपूर्ण अपराध है। सन् 2005 में इस तरह के बढ़ते मामलों को देखते हुए घरेलू हिंसा निरोधक अधिनियम भी लाया गया। वजह यह थी कि ऐसे मामलों में आवाज उठाने से महिलाएं भी हिचकती हैं।
उन्हें सहारा और न्याय देने के उद्देश्य से ही इस अधिनियम को लाया गया। और दोस्तों, यह कहने की जरूरत नहीं है कि इस अधिनियम के लाने के बाद घरेलू हिंसा के मामलों में महिलाओं ने आगे आकर आवाज बुलंद की है और उन्हें इस अधिनियम के जरिये न्याय मिलना भी सुनिश्चित हुआ है।
एफआईआर के बावजूद कई मामलों में कार्रवाई नहीं –
दोस्तों, आपको बता दें कि कई मामलों में एफआईआर के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसा उन मामलों में हुआ है, जिनमें किसी को साजिशन फंसा देने की वजह से एफआईआर कराई गई और बाद में उस पर दबाव डालकर अपना काम निकवा लिया गया। पुलिस और कानून के नियमों में लूप होल्स का अपराधियों द्वारा गलत और अपने पक्ष में इस्तेमाल अक्सर देखने को मिलता है।
पुलिस और वकील की मिलीभगत किसी भी केस का रूख पलटने में किस तरह कामयाब होती है, यह किसी एफआर लगी फाइल का ब्योरा देखकर समझा जा सकता है। लेकिन नियमों के नाम पर सबके हाथ बंधे हुए हैं। इन्हीं की आड़ लेकर कई बार आरोपी को बचा लिया जाता है और निर्दोश को बलि का बकरा बना दिया जाता है।
कानून को अंधा इन्हीं सब वजहों से ही पुकारा गया है। इसीलिए आपने फिल्मों भी देखा होगा कि न्याय की देवी की आंखों पर काली पट्टी बांधी होती है। वहां का दरअसल पूरा फलसफा इसी बात पर घूमता है कि कानून जज्बात पर नहीं चलता, वह गवाहों और सुबूतों की बिना पर फैसला सुनाता है।
यूपी ऑनलाइन एफआईआर हेल्पलाइन नंबर [UP Online FIR Helpline Number] –
यदि आपको ऑनलाइन f.i.r. से जुड़ी किसी समस्या यह शिकायत दर्ज कराना है। तो आप हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करके दर्ज करा सकते हैं। साथ ही झूठी सूचना देने वाले के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। ऑनलाइन ई-एफ आई आर सुविधा अज्ञात अभियुक्त और नॉन एस आर मामलों के लिये ही उपलब्ध है –
S.No (क्र.सं.) | Description (विवरण) | Telephone Number (टेलीफोन नंबर) | Remarks (टिप्पणियाँ) |
1 | E-Thana Helpdesk हेल्पडेस्क | 0522-2390261 | For complaint booking and resolving various issues faced in e-FIR शिकायत बुकिंग और विभिन्न प्रकार के मुद्दों जोकि ई-एफ.आई.आर. में पेश आ रहे है। |
2 | सी यू जी नंबर [CUG number] | 9454401003 | For complaint booking and resolving various issues faced in e-FIR शिकायत बुकिंग और विभिन्न प्रकार के मुद्दों जोकि ई-एफ.आई.आर. में पेश आ रहे है। |
3 | ईमेल आईडी [E mail ID] | complaint.cctns-up@nic.in | किसी भी तरह की शिकायत एंव समाधान के लिए [For any complaint and resolution] |
यूपीएसआई आर स्टेटस ऑनलाइन चेक करने से जुड़े सवाल जवाब –
एफआईआर पंजीकरण कैसे करते हैं?
F.i.r. पंजीकरण आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से कर सकते हैं। ऑनलाइन पंजीकरण करने के लिए आपको यूपी पुलिस की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा। और ऊपर बताए के तरीके से अपनी शिकायत दर्ज करानी होगी।
प्रथम सूचना की प्रविष्टि के लिए क्या करना चाहिए?
पोर्टल पर लॉगिन करके नागरिक सेवाएँ में जाकर शिकायत पंजीकृत करें।
यूपी पुलिस पोर्टल पर नागरिकों को कौन से सुविधाएँ प्राप्त है?
यूपी पुलिस की ऑनलाइन पोर्टल पर आपको कई प्रकार की सुविधाएं प्राप्त है। यहां पर आप ऑनलाइन एफ आई आर दर्ज करा सकते हैं। साथ ही आप उच्च चरित्र प्रमाण पत्र किराएदार पंजीकरण आदि सुविधाओं का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।
यूपी ऑनलाइन एफआईआर किसके द्वारा सत्यापित की जाती है?
आपके एरिया थाना प्रभारी के द्वारा यूपी ऑनलाइन f.i.r. को सत्यापित किया जाता है। FIR वेरिफाई होने के बाद ही ऑनलाइन एफआईआर को मान्य माना जा सकता है।
UPCOP मोबाइल ऐप में कितनी सेवाएं उपलब्ध है?
यूपी पुलिस के ऑफिशियल UPCOP मोबाइल ऐप में विभिन्न प्रकार की 27 ऑनलाइन सेवाएं का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
यूपी पुलिस का ऑफिशियल होटल कौन सा है?
उत्तर प्रदेश पुलिस uppolice.gov.in पोर्टल को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए लांच किया गया है।
उत्तर प्रदेश आपात सेवा नंबर क्या है?
यूपी आपात सेवा नंबर 112 है।
तो दोस्तों, यह थी यूपी एफआईआर स्टेटस ऑनलाइन चेक करने से जुड़ी जानकारी। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी। यदि आप हमसे किसी विशेष विषय पर जानकारी चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट में लिखकर भेज सकते हैं। हमारी पूरी कोशिश उस पर आपको जानकारी उपलब्ध कराने की रहेगी। आपके सुझावों और प्रतिक्रियाओं का हमें हमेशा की तरह शिद्दत से इंतजार है।। धन्यवाद।।
piyush