यूपी होम लिकर लाइसेंस ऑनलाइन अप्लाई, प्रावधान, लाइसेंस लेने की प्रक्रिया

यूपी होम लिकर लाइसेंस इन हिंदी – शराब पीने को भले ही हमारे देश में एक सामाजिक बुराई माना जाता हो, लेकिन ऐसी शायद ही कोई शादी, पार्टी या समारोह हो, जिसमें शराब का चलन ना हो। लेकिन यह भी सच है कि सरकार के राजस्व का बड़ा जरिया भी शराब ही है। आपने कोरोना संक्रमण काल में भी देखा होगा कि तमाम दुकानों के बंद होने के बावजूद सरकार ने शराब के ठेकों को खोले जाने की छूट दी। कई राज्यों में तो शराब की होम डिलीवरी का भी प्रबंध किया गया।

उत्तर प्रदेश में नई आबकारी नीति भी लाई गई है। अब आप पार्टी, फंक्शन आदि में शराब परोसना चाहते हैं तो उसके लिए आपको लाइसेंस लेना होता है, लेकिन अब घर पर एक निश्चित मात्रा से अधिक शराब रखने के लिए भी लाइसेंस आवश्यक होगा। आज इस पोस्ट में हम आपको यूपी होम लिकर लाइसेंस से जुड़ी सारी महत्वपूर्ण जानकारी देंगे। आइए, साझा करते हैं-

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यूपी होम लिकर लाइसेंस क्या है? UP Liquor Policy In Hindi

उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ योगी सरकार ने जनवरी, 2021 में हुई कैबिनेट बैठक में आबकारी विभाग की नई नीति (New Excide policy) को मंजूरी दी है। इसके अलावा घर में शराब रखने के लिए भी लाइसेंस (liquor License) लेना आवश्यक कर दिया गया है। यूपी सरकार ने घर में 6 लीटर से ज्यादा शराब रखने वालों के लिए यह नया नियम बनाया है। इसके मुताबिक शराब के व्यक्तिगत इस्तेमाल (personal use) के लिए ‘यूपी होम लिकर लाइसेंस’ (Home License) जिला कलेक्टर से मिलेगा।

यूपी होम लिकर लाइसेंस ऑनलाइन अप्लाई, प्रावधान, लाइसेंस लेने की प्रक्रिया

खास बात यह है कि इस लाइसेंस को हर साल रिन्यू (renew) कराना होगा। इस कदम की जहां जाहिर सी बात है सत्ता पक्ष सराहना कर रहे हैं, वहीं विपक्ष इस कदम को सही नहीं मानता।

यूपी होम लिकर लाइसेंस की फीस क्या है?

लाइसेंस की एक साल की अवधि के लिए 12 हजार फीस निर्धारित की गई है। लाइसेंस के अलावा आवेदक को योगी आदित्यनाथ सरकार को 51 हजार रुपये की सिक्योरिटी (security) भी जमा (deposit) करानी होगी। यदि कोई इस नई आबकारी नीति के प्रावधानों का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

तमाम पक्षों से सुझाव लेने के पश्चात सरकार की ओर से इस नीति को आखिरी रूप दिया गया था। इस नई आबकारी नीति को प्रदेश में राजस्व में बढ़ोतरी को देखते हुए एक अच्छा कदम करार दिया जा रहा है।

यूपी होम लिकर लाइसेंस लेने के लिए आवश्यक शर्तें –

दोस्तों, शराब का लाइसेंस हर किसी को नहीं मिलेगा इसके लिए आपकारी विभाग की ओर से कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं इन शर्तों को पूरा करने के पश्चात ही कोई भी यूपी होम लिकर लाइसेंस का हकदार हो सकता है आइए जानते हैं कि यह शर्तें क्या क्या हैं-

  • नई आबकारी नीति के तहत घर में शराब रखने का लाइसेंस लेने के लिए वे लोग ही अधिकृत होंगे, जो बीते पांच साल से इनकम टैक्स (income tax) भर रहे हों।
  • आवेदक को आवेदन के समय इनकम टैक्स भरने का प्रमाणपत्र देना जरूरी होगा।
  • आवेदक को आधार कार्ड और पैन कार्ड की प्रति भी जमा करनी होगी।
  • लाइसेंस को केवल शराब रखने के लिए ही मंजूर किया जाएगा।

आवेदक को आवश्यक रूप से एक शपथपत्र भी देना होगा

दोस्तों, आपको एक महत्वपूर्ण जानकारी दे दें और वो ये कि घर में शराब रखने का लाइसेंस लेने के लिए आवेदकों को एक शपथपत्र देना भी अनिवार्य किया गया है। इस शपथपत्र में उन्हें यह बताना होगा कि घर में जिस जगह शराब रखी जाएगी, वहां पर 21 वर्ष से कम उम्र के लोगों को प्रवेश नहीं देंगे। इस लाइसेंस (license) को सिर्फ शराब (liquor) रखने के लिए ही इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा शपथपत्र में यह भी बताना होगा कि शराब के अलावा वह कोई अन्य मादक पदार्थ घर पर नहीं रखेंगे।

होम बार या ओकेजनल (occasional) समारोह के लिए शराब हासिल करने की प्रक्रिया –

अब हम आपको बताएंगे कि आप यूपी होम लिकर लाइसेंस कैसे प्राप्त कर सकते हैं। इसकी एक निर्धारित प्रक्रिया है, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • सबसे पहले उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग की वेबसाइट https://www.upexciseonline.in/ के लिंक पर जाएं। इसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल जाएगा।
  • यहा आपको online application/registration के link पर click करना होगा। इसके बाद आपके सामने एक application form खुल जाएगा। आवेदक को सबसे पहले जिले का चुनाव करना होगा।

होम बार या ओकेजनल (occasional) समारोह के लिए शराब हासिल करने की प्रक्रिया

  • इसके पश्चात फार्म में पूछी गई सभी जानकारी सही सही भरनी होगी। जैसे-आवेदक का नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी (optional), आधार कार्ड नंबर, जीएसटीआईन नंबर (optional), लोकेशन आदि।
  • इसके पश्चात इस फार्म को सेव करें और फीस जमा कर दें।

किफायती दाम पर बेहतर शराब उपलब्ध कराने की कवायद

साथियों, सरकार कम कीमतों में अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है। इसके तहत सरकार ने अनाज ईएनए (Grain ENA liquor) से शराब बनने को मंजूरी दे दी है। अब अनाज ईएनए से बनी यूपी मेड शराब बची जाएगी। यह टेट्रा-पैक और केवल 42.8 प्रतिशत की स्ट्रेंथ वाली होगी। इसकी बिक्री देशी शराब की दुकानों से 85 रुपये के अधिकतम मूल्य यानी एमआरपी (MRP) पर होगी।

इसके अलावा एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली (IESCMS) लागू की जाएगी। इसके जरिए खुदरा दुकानों से शराब की बिक्री पीओएस (PoS) मशीनों के माध्यम से होगी। इस तरह लोगों को शराब आसानी से मुहैया हो सकेगी।

सरकारी खजाने को छह हजार करोड़ की अतिरिक्त आय की उम्मीद

साथियों, आपको यह भी बता दें कि सरकार ने नई आबकारी नीति 2021-22 से राजस्व वृद्धि के लक्ष्य पर भी फोकस किया है। आपको बता दें कि लाइसेंस फीस जैसे नई नीति में उठाए गए कदमों से सरकार को राजकीय कोष में 6,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है।

आपको बता दें कि 2020-21 में अनुमानित राजस्व 28,340 करोड़ रुपये के मुकाबले इस साल यानी 2021-22 के लिए अपेक्षित राजस्व का लक्ष्य 34,500 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। लक्ष्य में इजाफा निश्चित तौर पर सरकार के आबकारी नीति में संशोधन रूपी कदमों को परिलक्षित करता है।

स्थानीय फलों से बनी शराब को पांच साल उत्पाद शुल्क में छूट

साथियों, एक आवश्यक कदम के रूप में नई आबकारी नीति में यह व्यवस्था की गई है कि राज्य में शराब के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय रूप से उत्पादित फलों से बनी शराब को पांच साल की अवधि के लिए उत्पाद शुल्क में छूट दी जाएगी। इसके साथ ही शराब की खुदरा बिक्री (retail sale) की इजाजत भी होगी।

नई आबकारी नीति में साफ कहा गया है कि इसके परिसर में वाइन टैवर्न की भी अनुमति होगी। इस तरह सरकार ने इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बेहतरीन कदम उठाए हैं।

बीयर का उत्पाद शुल्क घटाया गया, बढ़ाई गई शेल्फ लाइफ

मित्रों, आपको बता दें कि नई आबकारी नीति के अंतर्गत बीयर (beer) पर उत्पाद शुल्क घटाया गया है। इसके साथ ही बीयर की शेल्फ लाइफ (shelf life) को बढ़ाया गया है। यह अब नौ महीने की होगी। इसके अलावा हवाई अड्डों पर प्रीमियम रिटेल ब्रांड की बिक्री की अनुमति दी जाएगी।

कम अल्कोहल पेय पदार्थ यानी एलएबी (LAB) की बिक्री की इजाजत बीयर की दुकानों के अलावा विदेशी शराब की खुदरा दुकानों, मॉडल शॉप्स (model shops) और प्रीमियम खुदरा दुकानों (premium retail shops) में भी दी गई है।

शराब पीने के दुष्प्रभाव पर जारूकता अभियान चलाया जाएगा, एक करोड़ खर्च होंगे

साथियों, आपको बता दें कि शराब पीने के दुष्प्रभावों (adverse effects of liquor) पर जनता में जागरूकता के लिए उत्तर प्रदेश सरकार एक विशेष अभियान शुरू करेगी। इस अभियान के तहत मुख्य रूप से कम उम्र में शराब पीने, नशे में ड्राइविंग के खिलाफ समाज में जागरूकता फैलाई जाएगी। इस जागरूकता अभियान के लिए एक करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

हालांकि, इससे पहले पुलिस भी इस तरह के कई अभियान चलाकर लोगों को शराब का नशा न करने के प्रति जागरूक करती रही है। इसके लिए उसने कई बैरिकेडिंग पर स्लोगन लिखवाए हैं वही विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से भी युवाओं को शराब के नशे से दूर रहने की नसीहत दी गई है।

तीन साल में रिन्यू कराना होगा यूपी होम लिकर लाइसेंस

दोस्तों, व्यवसाय को आसान बनाने और इसे बढ़ावा देने के लिए नई आबकारी नीति के तहत ब्रांड पंजीकरण, लेबल अनुमोदन, बार और माइक्रो-शराब की भठ्ठी के लाइसेंस को अब हर साल मंजूर कराने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। अब इस लाइसेंस को तीन साल में एक बार रीन्यू (renew) कराना होगा।

अवैध शराब पर रोक को हेल्पलाइन, मोबाइल नंबर जारी

दोस्तों, आपको बता दें कि प्रदेश में अवैध शराब के निर्माण और इसकी रोकथाम के लिए समय-समय पर आबकारी की ओर से प्रवर्तन अभियान चलाया जाता है। अवैध तस्करी की वजह से एक तरफ जहां प्रदेश सरकार का राजस्व प्रभावित होता है, वहीं जनहानि की भी संभावना होती है। ऐसे में विभाग ने एक हेल्पलाइन मोबाइल 9554482300 जारी किया है।

इस नंबर पर व्हाटसअप (WhatsApp) या ई-मेल upexcise17@gmail.com पर सूचना भेजकर अवैध व्यापार की जानकारी दी जा सकती हैं। विभाग की ओर ले इस बात का आश्वासन दिया जाता है कि सूचना देने वाले का नाम और पता पूरी तरह गुप्त रखा जायेगा। सूचना भेजते समय आवेदक को यज्ञ जानकारी अवश्य देनी होगी-

  • जहां अवैध व्यापार हो रहा है, उस जनपद, तहसील, ग्राम एवं स्थान का नाम।
  • शराब के अवैध कारोबार में जुटे व्यक्ति/ व्यक्तियों के नाम।
  • शराब के अवैध काम में जुटे लोगों का मकान/ वाहन संख्या आदि |

कई लोग गलत सूचना देकर लोगों को फंसाने की साज़िश रचते हैं

साथियों, आपको बता दें कि आबकारी विभाग की ओर से सही सूचना देने का भी आग्रह किया गया है। दरअसल, होता यह है कि कई लोग दूसरों को हंसाने के लिए गलत सूचनाएं देकर साजिश भी रचते हैं। लोग किसी और दुश्मनी का बदला इस तरह की सूचना देकर निकालते हैं। ऐसे में आबकारी विभाग की ओर से कहा गया है कि वे द्वेषपूर्ण सूचनाएं न दें, अन्यथा ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आपको यह भी बता दें कि आबकारी विभाग ने कई बार ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की है। इसके बावजूद कई लोग बाज नहीं आते और आबकारी विभाग की सहायता के बहाने लोगों से अपनी दुश्यनी निकालने की मंशा पूरी करने की ताक में रहते हैं।

दोस्तों, यह थी घर में शराब रखने के लिए लाइसेंस से जुड़ी आवश्यक जानकारी। यदि आप इसी प्रकार की किसी राज्य की सरकारी योजना के बारे में जानना चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं और सुझावों का हमेशा की तरह शिद्दत से इंतजार रहेगा। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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