जीएसटी (GST) को एक देश, एक टैक्स की तर्ज पर सर्वप्रथम जम्मू-कश्मीर छोड़कर पूरे देश में लागू किया गया था। इसके अंतर्गत लोगों को किसी सामान की खरीद अथवा सेवा के इस्तेमाल पर एक नियत प्रतिशत टैक्स सरकार को चुकाना होता है। लेकिन कुछ समय पहले केंद्र सरकार द्वारा अनाज, दूध, दही जैसी आवश्यक चीजों पर भी टैक्स लगा दिया गया, जिससे महंगाई से ग्रस्त जनता पर एक बोझ पडा है।
जिसकी वजह से जीएसटी एकाएक बेहद चर्चा में रही और इस पर सियासत भी खासी रही है। आम तौर पर विक्रेता जीएसटी से बचने के लिए पक्का बिल देने से परहेज करते हैं तो वहीं ग्राहक भी बिल को बहुत अहमियत नहीं देते। इससे सरकार के टैक्स कलेक्शन और राजस्व पर सीधे सीधे असर पड़ता है।
अब इस ट्रेंड को कम करने के लिए राज्य सरकारें लोगों को जागरूक कर रही हैं, उन्हें खरीदारी पर जीएसटी बिल लेने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उत्तराखंड सरकार ने भी इसे देखते हुए जीएसटी बिल लाओ इनाम पाओ योजना की घोषणा की है। इसे वहां कैबिनेट की मंजूरी भी मिल चुकी है। आज इस पोस्ट में हम आपको इसी योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-
जीएसटी क्या है? (What is GST?)
मित्रों, आगे बढ़ने से पूर्व सबसे पहले यह जान लेते हैं कि जीएसटी क्या है? (What is GST?) आपको बता दें कि इसकी फुल फार्म गुड्स एंड सर्विस टैक्स (goods and service tax) है। इसे हिंदी में वस्तु एवं सेवा कर भी पुकारा जाता है। इसे किसी भी वस्तु की खरीद अथवा सेवा का इस्तेमाल करने पर चुकाना होता है। पूर्व के एक्साइज ड्यूटी (excise duty), वैट (VAT), एंट्री टैक्स (entry tax), सर्विस टैक्स (service tax) आदि को हटाकर उनके स्थान पर जीएसटी को लाया गया था। जीएसटी टैक्स सिस्टम (tax system) के तहत चार तरह के जीएसटी हैं-
- एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर यानी आईजीएसटी (IGST)।
- राज्य वस्तु एवं सेवा कर अर्थात एसजीएसटी (SGST)।
- केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर एवं सीजीएसटी (CGST)।
- केंद्र शासित प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर यानी यूटीजीएसटी (UTGST)
जीएसटी के तहत कितनी टैक्स दर तय की गई है? (What tax rate is fixed under GST?)
मित्रों, आपके मन में अब यह सवाल अवश्य आ रहा होगा कि जीएसटी (GST) के तहत टैक्स (tax) की कितनी दर (rate) तय की गई है? तो आपको जानकारी दे दें कि जीएसटी कौंसिल (GST council) की ओर से देश में 12सौ से अधिक वस्तुओं की खरीद एवं सेवाओं के इस्तेमाल पर जीएसटी लगाई गई है। इसकी अलग-अलग श्रेणियां (different categories) निर्धारित की गई हैं। इनमें टैक्स (tax slab) की दर 5 प्रतिशत से लेकर 28 प्रतिशत के बीच रखी गई है।
उत्तराखंड जीएसटी बिल लाओ इनाम पाओ योजना | (uttarakhand gst bill lao, inaam pao scheme)
दोस्तों, आपको बता दें कि उत्तराखंड सरकार (uttarakhand government) ने नौ सितंबर को हुई कैबिनेट बैठक में जीएसटी बिल लाओ इनाम पाओ योजना शुरू करने की घोषणा की है। इसके माध्यम से सरकार राज्य में ग्राहकों को सामान खरीद बिल लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है, ताकि राज्य में जीएसटी कलेक्शन (gst collection) में बढ़ोत्तरी हो सके।
योजना के अंतर्गत ग्राहक जीएसटी बिल (gst bill) दिखाकर ग्राहक स्मार्टफोन (smart phone), स्मार्ट वॉच (smart watch), स्कूटर-कार (scooter-car) जैसे आकर्षक इनाम जीत सकता है। सरकार का मानना है कि इनाम के लालच में ग्राहक खरीदारी के बाद जीएसटी बिल (gst bill) लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
जीएसटी बिल दिखाकर इनाम पाने की क्या प्रक्रिया होगी? (What will be the process showing gst bill to get the prize?)
दोस्तों, अब आप सोच रहे होंगे कि यदि कोई ग्राहक (customer) खरीदारी के पश्चात जीएसटी बिल लेता है तो उसे इनाम किस प्रकार प्राप्त होगा? तो आपको बता दें कि यह सब एक एप (app) के जरिए संभव होगा। वित्त विभाग (finance department) की ओर से सामान का बिल भेजने के लिए एक मोबाइल एप (mobile app) तैयार किया जाएगा।
इस पर सामान की खरीदारी करने के पश्चात ग्राहक जीएसटी बिल लेकर इसे एप पर अपलोड करेगा। प्राप्त होने वाले बिलों की लाटरी (lottery) निकाली जाएगी, जिसके विजेताओं को आकर्षक इनाम प्रदान किए जाएंगे।
जीएसटी बिल लाओ इनाम पाओ योजना की शुरुआत सबसे पहले कहां हुई है? (Where gst bill lao, inaam pao scheme started very first?)
दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि जीएसटी बिल लाओ इनाम पाओ योजना की शुरुआत सबसे पहले केरल (Kerala) में हुई है। वस्तु एवं सेवा कर यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स की चोरी रोकने के लिए केरल सरकार ने एक एप अगस्त माह में लांच किया है। इसके तहत पांच करोड़ रुपए तक के इनाम देने का फैसला किया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (CM pinrai vijayan) ने के द्वारा लांच (launch) किए गए इस एप का नाम लकी बिल एप (lucky bill app) है।
लोगों को इस एप को डाउनलोड (download) करना होगा और खरीदारी के पश्चात मूल जीएसटी बिल को इस पर अपलोड करना होगा। इस प्रकार वे 25 लाख के नकद पुरस्कार समेत अन्य पुरस्कार जीतने के हकदार हो सकते हैं। आपको बता दें दोस्तों कि केरल में इस साल के बजट (budget) में इस प्रोजेक्ट (project) के लिए पांच करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं। यह एप केरल के डिजिटल यूनिवर्सिटी (digital University) के सहयोग से तैयार किया गया है।
केरल सरकार की ओर से दावा किया गया है कि देश में अपनी तरह का पहला एप है। जो लोग इस एप पर बिल अपलोड करेंगे, उन्हें दैनिक (daily), साप्ताहिक (weekly) और मासिक आधार (monthly basis) पर पुरस्कार दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त एक मेगा प्राइज (mega prize) भी होगा, जिसका चयन ड्रा (selection draw) के माध्यम से होगा।
छोटी मोटी खरीदारी अथवा सेवा पर ग्राहक बिल नहीं लेते (customers don’t claim bill on small purchases)
मित्रों, यह तो आप भी जानते हैं कि अधिकांश ग्राहक छोटे मोटे सामान की खरीदारी करते समय बिल पर ज्यादा जोर नहीं डालते। जैसे रेस्टोरेंट में खाने पर, मिठाई खरीदने पर अथवा ड्राई फ्रूट की खरीदारी पर, अनब्रांडेड कपड़े खरीदने, स्पा अथवा ब्यूटी पार्लर की सुविधा लेने आदि पर कोई भी जीएसटी का बिल नहीं लेता। व्यापारी भी उन्हें पक्का बिल देने से बचते हैं, क्योंकि इससे वे टैक्स से बच जाते हैं। वे ग्राहक को गुमराह करते हैं कि इससे उन्हें संबंधित सामान खरीदना महंगा पड़ेगा।
ग्राहक भी अपने चार पैसे बचाने की मंशा से बिल लेने में कोई अधिक रुचि नहीं दिखाता। अब जब विक्रेता पक्का बिल नहीं देता तो वह टैक्स देने से बच जाता है। लेकिन उसके इस कदम से संबंधित राज्य सरकार को अवश्य राजस्व का नुकसान (loss of revenue) होता है।
उत्तराखंड में जीएसटी कलेक्शन की क्या स्थिति है? (What is the status of gst collection in uttarakhand?)
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि आज से पांच वर्ष पूर्व यानी सन् 2017 में उत्तराखंड जीएसटी बिल पारित करने वाला पांचवा राज्य बन गया था। अब आपको वर्तमान में उत्तराखंड में जीएसटी कलेक्शन (gst collection) की स्थिति की जानकारी देते हैं। दोस्तों, उत्तराखंड जीएसटी कलेक्शन के मामले में लगातार पिछड़ा हुआ है। मई के पश्चात जुलाई, 2024 के आंकड़े भी इसकी तसदीक करते हैं।
वित्त मंत्रालय (finance ministry) की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में उत्तराखंड जीएसटी कलेक्शन के मामले में देश भर में 17वें स्थान पर रहा है। जुलाई में उत्तराखंड का जीएसटी कलेक्शन केवल 1,390 करोड़ रूपए रहा। वहीं, पूरे देश की बात करें तो कुल कलेक्शन जुलाई माह में 1,06,580 करोड़ रुपए रहा। इसमें 22,129 करोड़ रूपए की जीएसटी वसूली के साथ महाराष्ट्र सबसे पहले स्थान पर था, जबकि कर्नाटक 9,795 करोड़ एवं गुजरात 9,183 करोड़ की जीएसटी वसूली के साथ क्रमशः दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे।
उत्तराखंड में कितने टैक्सपेयर जीएसटी में रजिस्टर्ड हैं? (How many taxpayers in uttarakhand are registered in GST?)
मित्रों, अब आप यह जरूर जानना चाहते होंगे कि आखिर उत्तराखंड में कितने टैक्सपेयर जीएसटी में रजिस्टर्ड हैं? तो आपको बता दें कि यहां जीएसटी में पंजीकृत करदाताओं (registered taxpayers) की संख्या 1.12 लाख है। इनमें से 35 हजार टैक्सपेयर ऐसे हैं, जो लंबे समय से जीएसटी चुकाने में हीला हवाली कर रहे हैं।
राज्य कर विभाग (state tax department) के अफसर जीएसटी कलेक्शन में कमी का मुख्य कारण जीएसटी न चुकाने वाले टैक्सपेयर्स को ही मानते हैं। उनके अनुसार यदि ग्राहकों को प्रोत्साहित किया जाए तो इस कमी में सुधार लाया जा सकता है। सरकार द्वारा अब जीएसटी बिल लाओ इनाम पाओ योजना इसी पहल की ओर से एक कदम है।
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जीएसटी की फुल फार्म क्या है?
जीएसटी की फुल फार्म गुड्स एंड सेल्स टैक्स है। इसे हिंदी में वस्तु एवं सेवा कर भी पुकारा जाता है।
भारत में जीएसटी कौन से साल में लागू हुआ है?
भारत में जीएसटी सन् 2017 में लागू हुआ है।
वर्तमान में कितनी वस्तुओं एवं सेवाओं को जीएसटी के दायरे में रखा गया है?
वर्तमान में जीएसटी कौंसिल ने 12सौ वस्तुओं एवं सेवाओं को जीएसटी के दायरे में रखा है।
जीएसटी की वर्तमान दरें क्या हैं?
इसकी अलग अलग श्रेणियां हैं। विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं पर 5 प्रतिशत से लेकर 28 प्रतिशत की दर से टैक्स वसूली की जाती है।
उत्तराखंड में वर्तमान में जीएसटी से संबंधित कौन सी घोषणा की गई है?
उत्तराखंड सरकार ने जीएसटी बिल लाओ इनाम पाओ योजना की घोषणा की है।
जीएसटी बिल लाओ इनाम पाओ योजना लाए जाने का क्या उद्देश्य है?
इस योजना का उद्देश्य लोगों को जीएसटी बिल लेने के लिए प्रेरित करना है। इससे सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी।
उत्तराखंड में वर्तमान में जीएसटी में कितने करदाता पंजीकृत हैं?
उत्तराखंड में वर्तमान में जीएसटी में 1.12 लाख करदाता पंजीकृत हैं।
वर्तमान में जीएसटी कलेक्शन में उत्तराखंड देश में कौन से स्थान पर है?
वर्तमान में जीएसटी कलेक्शन में उत्तराखंड देश में 17वें पायदान पर है।
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी कलेक्शन में उत्तराखंड का प्रदर्शन कैसा है?
यदि मई एवं जुलाई, 2024 की रिपोर्ट की तुलना करें तो उत्तराखंड इसमें लगातार पिछड़ रहा है।
जीएसटी बिल लाओ इनाम पाओ योजना से सरकार को क्या लाभ होगा?
इस योजना के माध्यम से सरकार राजस्व बढ़ोतरी की कोशिश कर रही है।
दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपको जीएसटी बिल लाओ इनाम पाओ योजना (gst bill lao, inaam pao scheme) के बारे में जानकारी दी। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। यदि आप इसी प्रकार की ज्ञानवर्धक पोस्ट हमसे चाहते हैं तो हमें नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके बताना न भूलें। ।।धन्यवाद।।
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